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‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी महाराज की 350वीं शहीदी गुरुपर्व पर महाराष्ट्र में भव्य आयोजन की घोषणा। पवन सिंधीजी को समिति का सह-अध्यक्ष नियुक्त किया गया।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी महाराज के 350वें शहीदी गुरुपर्व के पावन अवसर पर, देश और विदेश में भव्य स्मृति कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

महाराष्ट्र में इन कार्यक्रमों के सफल आयोजन हेतु महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मार्गदर्शन में महाराष्ट्र सरकार ने राज्यभर में इन समारोहों को आधिकारिक मंजूरी प्रदान की है।

इन आयोजनों की तैयारी और समन्वय के लिए गठित विशेष समिति में, श्री पवन सिंधीजी को सह-अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है।

इस अवसर पर पवन सिंधीजी ने कहा —

“मैं स्वयं को अत्यंत सौभाग्यशाली मानता हूँ कि मुझे ‘गुरु के पवित्र चरणों की सेवा’ का यह अमूल्य अवसर प्राप्त हुआ है। श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का जीवन त्याग, धर्म, और मानवता के सर्वोच्च आदर्शों का प्रतीक है। उनकी शिक्षाएँ आज भी समाज के प्रत्येक वर्ग को एकता, सद्भावना और भाईचारे* का संदेश देती हैं।”

सरकार के अनुसार, यह आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक होगा बल्कि राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सौहार्द और मानवता के मूल्यों को भी सशक्त करेगा।

राज्य के सभी जिलों में विशेष श्रद्धांजलि सभाएँ, सांस्कृतिक कार्यक्रम, एवं जनजागरण अभियान आयोजित किए जाएंगे।

👉 इन कार्यक्रमों का उद्देश्य है —

गुरु तेग बहादुर साहिब जी के अद्वितीय बलिदान** को जन-जन तक पहुँचाना

धर्म, न्याय और मानवाधिकारों की रक्षा** के उनके संदेश का प्रसार करना

युवा पीढ़ी को प्रेरित करना** कि वे *त्याग, सेवा और साहस* के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएँ

यह ऐतिहासिक आयोजन महाराष्ट्र सरकार, सिख समाज और विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं के संयुक्त प्रयास से एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महोत्सव का रूप लेगा।
























उल्हासनगर मनपा में टाउन प्लानिंग विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, संजय पवार पर खुलेआम अवैध निर्माण को संरक्षण देने का आरोप..??


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर महानगरपालिका के टाउन प्लानिंग विभाग में कार्यरत वरिष्ठ अधिकारी संजय पवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। स्थानीय नागरिकों और सूत्रों के अनुसार, पवार द्वारा उल्हासनगर के नंबर-1 से लेकर नंबर-5 तक के क्षेत्रों में अवैध बांधकाम (निर्माण) को खुला संरक्षण दिया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि इन अवैध निर्माण स्थलों पर नियमानुसार आवश्यक फलक बोर्ड तक नहीं लगाए जाते, जबकि महाराष्ट्र सरकार की स्पष्ट GR (Government Resolution) के अनुसार, हर निर्माण स्थल पर फलक बोर्ड लगाना अनिवार्य है। यह बोर्ड निर्माण की मंजूरी, वास्तुविद का नाम, लाइसेंस नंबर, मंजूरी की तारीख जैसी जानकारी प्रदान करता है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और नियमों का पालन सुनिश्चित हो सके।

लेकिन उल्हासनगर में नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। न तो किसी साइट पर जानकारी प्रदर्शित की जाती है, और न ही नगर निगम द्वारा कोई कार्रवाई की जाती है। आरोप है कि यह सब कुछ संजय पवार की मिलीभगत और संरक्षण में हो रहा है।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और जागरूक नागरिकों ने मांग की है कि महाराष्ट्र सरकार और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराए, ताकि नगर विकास विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके।

जनता की मांग:

टाउन प्लानिंग विभाग में निष्पक्ष जांच

संजय पवार को तत्काल निलंबित कर पूछताछ

अवैध निर्माणों पर त्वरित कार्रवाई

सभी निर्माण स्थलों पर GR के अनुसार बोर्ड लगाना सुनिश्चित किया जाए

यह मामला अब सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि एक जनहित का मुद्दा बन गया है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो शहर की संरचना और नागरिक सुरक्षा दोनों खतरे में पड़ सकती हैं।













मुंबई क्राइम ब्रांच की बड़ी कार्रवाई: विक्रोली के 'Orange Meet' जापानी रेस्टोरेंट में अवैध हुक्का बार पर छापा, मालिक से पूछताछ जारी।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट-7 ने शनिवार रात एक महत्वपूर्ण कार्रवाई को अंजाम देते हुए विक्रोली (पश्चिम) स्थित एक प्रतिष्ठित जापानी रेस्टोरेंट ‘Orange Meet’ पर छापा मारा। यह छापा कैलास कॉम्प्लेक्स, पार्क साईट क्षेत्र में स्थित रेस्टोरेंट में अवैध रूप से संचालित हो रहे हुक्का बार के खिलाफ डाला गया।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस रेस्टोरेंट की आड़ में एक अवैध हुक्का बार चलाया जा रहा था, जिसकी गुप्त सूचना क्राइम ब्रांच को प्राप्त हुई थी। कार्रवाई के दौरान पुलिस टीम ने मौके से हुक्का सेट्स, फ्लेवर्ड तंबाकू और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है।

छापेमारी के समय रेस्टोरेंट में बड़ी संख्या में ग्राहक मौजूद थे। क्राइम ब्रांच अधिकारियों ने पूछताछ के बाद सामान्य ग्राहकों को छोड़ दिया, जबकि हुक्का पीते हुए पकड़े गए व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, रेस्टोरेंट के मालिक और वहां अवैध गतिविधि संचालित करने वाले अन्य संबंधित व्यक्तियों से गहन पूछताछ की जा रही है। इस मामले में कोटपा अधिनियम 2003 (COTPA) और एमवीए (Maharashtra Prohibition of Smoking in Public Places) अधिनियम के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है।

मुंबई पुलिस की यह कार्रवाई एक बार फिर यह दर्शाती है कि महानगर में अवैध गतिविधियों के खिलाफ कानून-व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जा रहा है। क्राइम ब्रांच की इस कार्रवाई को स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने सराहा है, जो कानून के दायरे में रहकर व्यवसाय कर रहे हैं।

मुंबई पुलिस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शहर में कानून तोड़ने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी और ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाए जाते रहेंगे।












उल्हासनगर-5 जींस मार्केट GST के रडार पर: कच्चे-पक्के लेनदेन में बड़ा घोटाला उजागर होने की आशंका!


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर-5 स्थित प्रसिद्ध जींस मार्केट और डेनिम फैब्रिक कारोबारियों पर अब जीएसटी विभाग की पैनी नजर है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यहां के कई व्यापारियों द्वारा बड़े पैमाने पर कच्चे बिलों पर लेनदेन किया जा रहा है, जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान होने की आशंका है।

जींस बेचने वाले अनेक दुकानदार ग्राहकों से नकद में लेनदेन कर रहे हैं, लेकिन इनका अधिकांश व्यापार "कच्चे बिलों" के आधार पर किया जा रहा है। यानी बिना पक्के बिल के ही बिक्री की जा रही है, ताकि टैक्स की चोरी की जा सके।

इतना ही नहीं, डेनिम के थोक विक्रेता — जो मिलों से कपड़ा मंगवाते हैं — वे भी इस घोटाले में शामिल बताए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, इन कपड़ा कारोबारियों द्वारा मिलों से कपड़ा "पक्के बिल" पर मंगवाया जाता है, लेकिन स्थानीय स्तर पर जब वही कपड़ा बाजार में बेचा जाता है तो उसका एक बड़ा हिस्सा "कच्चे" में यानी बिना टैक्स इनवॉइस के बेचा जाता है।

जीएसटी विभाग ने इस संदिग्ध गतिविधियों की जांच प्रारंभ कर दी है और निकट भविष्य में यहां बड़े पैमाने पर छापेमारी की संभावना जताई जा रही है। यदि ये आरोप सही साबित होते हैं, तो यह उल्हासनगर के टैक्स चोरी से जुड़ा सबसे बड़ा मामला बन सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कच्चे-पक्के लेनदेन की यह प्रणाली लंबे समय से चल रही है, तो इससे न केवल सरकार को करोड़ों का घाटा हुआ है, बल्कि ईमानदारी से व्यापार करने वाले व्यापारी भी इस अनियमित व्यवस्था की वजह से नुकसान में हैं।

अब देखना यह होगा कि जीएसटी विभाग इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करता है और क्या उल्हासनगर की यह जींस मार्केट आगामी दिनों में कर चोरी के बड़े खुलासे का केंद्र बनती है या नहीं।














उल्हासनगर महानगरपालिका में नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियाँ? लेखा विभाग में एक ही पद पर 25 वर्षों से कार्यरत दीपक नामक कर्मचारी पर उठे सवाल।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर महानगरपालिका (UMC) के लेखा विभाग में कार्यरत दीपक नामक कर्मचारी बीते 20 से 25 वर्षों से एक ही पद और स्थान पर कार्यरत हैं। यह स्थिति महाराष्ट्र सरकार द्वारा निर्धारित स्थानांतरण नीति के स्पष्ट उल्लंघन के रूप में देखी जा रही है।

सरकारी नियमों के अनुसार, किसी भी सरकारी कर्मचारी को एक ही पद या स्थान पर अधिकतम 3 से 5 वर्ष तक ही कार्य करने की अनुमति होती है। इसके बाद स्थानांतरण अनिवार्य होता है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे। परंतु, UMC में इस नीति को दरकिनार करते हुए दीपक नामक कर्मचारी को लेखा विभाग में लगातार बनाए रखना कई सवाल खड़े करता है।

क्या राजनीतिक या प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है?

सूत्रों की मानें तो दीपक की पकड़ न सिर्फ विभागीय कार्यों में मज़बूत है, बल्कि वह "मनचाहे बिल" पास करवाने या "अवांछित बिल" रोके रखने की शक्ति भी रखता है। विभागीय कर्मचारियों और ठेकेदारों के बीच यह चर्चा आम है कि दीपक का विभाग में "बिना राजनीतिक संरक्षण" इतने वर्षों तक टिके रहना संभव नहीं है।

ऐसे में यह बड़ा सवाल उठता है कि क्या दीपक को उल्हासनगर महानगरपालिका के किसी वरिष्ठ अधिकारी या फिर स्थानीय राजनेता का आशीर्वाद प्राप्त है? अगर हाँ, तो यह एक गंभीर प्रशासनिक लापरवाही के दायरे में आता है।

पारदर्शिता की मांग

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिक अब UMC प्रशासन से इस प्रकरण की जांच करवाने और तत्काल स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही, लेखा विभाग में पूर्व में पास हुए बिलों की ऑडिट जांच की मांग भी जोर पकड़ रही है।

निष्कर्ष

यह मामला केवल एक कर्मचारी के स्थानांतरण का नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र की पारदर्शिता और निष्पक्षता का है। यदि इस पर जल्द कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो इससे प्रशासन की साख पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लग सकता है।













भाई ने दी जिंदगी, सरकार ने दिया सहारा: हिंगणघाट के युवक को मिला नया लीवर, मुख्यमंत्री सहायता निधि ने उठाया ३० लाख का खर्च।


वर्धा: दिनेश मीरचंदानी 

एक तरफ रिश्तों में स्वार्थ और दूरी बढ़ती जा रही है, वहीं दूसरी तरफ हिंगणघाट का यह भावुक प्रसंग मानवता और भाईचारे की मिसाल बनकर सामने आया है। एक युवा को उसका छोटा भाई जीवनदान देता है, और महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री सहायता निधि उसकी महंगी सर्जरी का पूरा खर्च उठाकर सामाजिक उत्तरदायित्व का आदर्श प्रस्तुत करती है।

यह कहानी है 25 वर्षीय करण गजानन ठाकरे की, जो हिंगणघाट (जिला वर्धा) का निवासी है और हाल ही में उसे गंभीर लिवर फेलियर का सामना करना पड़ा। डॉक्टरों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिना लीवर ट्रांसप्लांट के उसकी जान बचाना असंभव है। इलाज की अनुमानित लागत करीब 30 लाख रुपये थी, जो ठाकरे परिवार की आर्थिक स्थिति के लिए किसी पहाड़ से कम नहीं थी।

परिवार में संकट, पर भाई ने दिखाई इंसानियत की ऊंचाई

करण के पिता का देहांत पहले ही हो चुका था, मां बीमार रहती हैं और दोनों बहनों की हाल ही में शादी हुई है। परिवार लगभग असहाय था। इसी बीच उसका छोटा भाई चैतन्य ठाकरे सामने आया — और बिना कोई हिचक, उसने अपना लीवर देने का निर्णय लिया। मेडिकल जांचों के बाद जब बहनों का डोनेशन असंभव पाया गया, तब चैतन्य ने हर जोखिम को स्वीकारते हुए भाई के लिए लीवर डोनेट किया।

मुख्यमंत्री सहायता निधि और धर्मादाय मदत कक्ष ने संभाली आर्थिक ज़िम्मेदारी

पैसों की तंगी सबसे बड़ी बाधा थी। स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्थिति को गंभीरता से लिया और मुख्यमंत्री सहायता निधि से संपर्क किया। धर्मादाय मदत कक्ष के रामेश्वर नाइक ने मामला मुख्यमंत्री तक पहुँचाया। इस मानवीय पहल को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत निर्देश दिया कि करण ठाकरे के संपूर्ण इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।

कुल खर्च: ₹30 लाख

परिजनों द्वारा योगदान: ₹5 लाख

मुख्यमंत्री सहायता निधि से सहायता: ₹2 लाख

धर्मादाय मदत कक्ष से शेष ₹23 लाख प्रदान किए गए

यह राशि पुणे स्थित सह्याद्री अस्पताल में की गई जटिल लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए दी गई, जो पूरी तरह सफल रही।

डॉक्टरों की सफलता, सरकार की संवेदना और भाई का बलिदान – बना जीवन रक्षक त्रिकोण

सर्जरी कई घंटे चली, लेकिन डॉक्टरों ने इसे पूरी तरह सफल घोषित किया। करण के शरीर में चैतन्य का लीवर प्रत्यारोपित किया गया और कुछ हफ्तों की निगरानी के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अस्पताल से बाहर निकलते वक्त जब करण ने दोनों हाथ ऊपर उठाकर विजय की मुद्रा में मुस्कराया, तो वह मुस्कान सिर्फ उसके चेहरे की नहीं, बल्कि पूरे परिवार, डॉक्टरों, प्रशासन और सरकार की संयुक्त संवेदना और प्रयास की जीत थी।













सामाजिक संदेश: राजनीति से परे मानवता की मिसाल

यह घटना सिर्फ एक मेडिकल केस नहीं, बल्कि उस सामाजिक ताने-बाने की मिसाल है जहाँ भाई का त्याग, सरकार की तत्परता, और स्वास्थ्य सेवा तंत्र की कुशलता मिलकर किसी की जान बचा सकते हैं। मुख्यमंत्री सहायता निधि ने साबित किया कि यह केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि ज़रूरतमंदों के लिए जीवन रेखा है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में राज्य आरोग्य हमी सोसायटी की नियामक परिषद की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न, जन आरोग्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर गहन विमर्श।


 
















मुंबई: दिनेश मीरचंदानी

मुंबई में 15 सितंबर 2025 के दिन सह्याद्री अतिथिगृह, मंत्रीमंडल सभागृह, मुंबई में राज्य आरोग्य हमी सोसायटी की नियामक परिषद की एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने की। बैठक में महात्मा फुले जन आरोग्य योजना और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से जुड़ी नीतिगत विषयों पर गहन चर्चा की गई।

बैठक का उद्देश्य राज्य में जनस्वास्थ्य योजनाओं के समन्वय, क्रियान्वयन, बजट वितरण तथा सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करना रहा। जनसामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु कई अहम प्रस्तावों और सुझावों पर विचार किया गया।

इस बैठक में आयुष्मान भारत मिशन महाराष्ट्र समिति के अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश शेटे को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने योजनाओं की प्रगति पर प्रस्तुति दी और आवश्यक सुझाव साझा किए।

बैठक में उपस्थित रहे प्रमुख मंत्रीगण:

मंत्री श्री छगन भुजबळ

मंत्री श्री संजय शिरसाठ

मंत्री श्री प्रकाश आबिटकर (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से)

मंत्री श्रीमती अदिती तटकरे (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से)

बैठक में भाग लेने वाले अन्य प्रमुख अधिकारी:

माननीय मंत्री (चिकित्सा शिक्षा)

माननीय मंत्री (सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण)

माननीय राज्य मंत्री (चिकित्सा शिक्षा)

माननीय राज्य मंत्री (सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण)

माननीय मुख्य सचिव

सचिव-1 एवं सचिव-2 (सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग)

सचिव, चिकित्सा शिक्षा एवं औषधि द्रव्य विभाग

आयुक्त, स्वास्थ्य सेवा एवं अभियान संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन

मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य आरोग्य हमी सोसायटी

नियामक परिषद के सदस्य

संचालक, स्वास्थ्य सेवा संचालनालय

संचालक, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संचालनालय

साथ ही अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण एवं तकनीकी विशेषज्ञ

चर्चा के प्रमुख विषय:

जन आरोग्य योजनाओं के समन्वित क्रियान्वयन हेतु नीति सुधार

बजटीय प्रावधानों की समीक्षा व आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता

योजना लाभार्थियों तक सुगम और त्वरित पहुँच सुनिश्चित करने हेतु रणनीति

सरकारी और निजी अस्पतालों के समन्वय को लेकर मार्गदर्शक सिद्धांतों की रूपरेखा

अस्पतालों व आरोग्य केंद्रों में सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने हेतु सुझाव

मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने बैठक में कहा कि “राज्य सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी नागरिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रहे। इन योजनाओं का समुचित व पारदर्शी क्रियान्वयन हमारी प्राथमिकता है।”

यह बैठक राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में नीतिगत परिवर्तन और व्यवस्थित सुधारों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। आगामी महीनों में इन चर्चाओं के आधार पर कई व्यावहारिक निर्णय लिए जाने की संभावना जताई जा रही हैं।