उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी उल्हासनगर का सेक्शन 17 इलाका अब रात के समय एक अनियंत्रित बाजार का रूप ले चुका है, जहां अवैध रूप से चल रही नाश्ते की दुकानें, ठेले और हाथगाड़ियां न सिर्फ ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था का कारण बन रही हैं, बल्कि क्षेत्र में अपराध दर में भी इजाफा कर रही हैं। इन दुकानों की अधिकतर गतिविधियां देर रात तक जारी रहती हैं, जिससे स्थानीय नागरिकों में असुरक्षा का माहौल व्याप्त हो गया है।
अपराध और झगड़ों का अड्डा बना सेक्शन 17 चौक:
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन अवैध दुकानों के कारण पहले भी कई बार झगड़े और हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं। विशेष रूप से सेक्शन 17 चौक पर आए दिन होने वाले विवाद अब आम बात बन गए हैं। लोगों का यह भी कहना है कि देर रात यहां नशाखोरी, ऊंची आवाज में गाली-गलौच और छोटे-मोटे अपराधों की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
फूड लाइसेंस के बिना बिक रहा है खाना:
जांच में यह भी सामने आया है कि इन दुकानों में से कई के पास आवश्यक फूड लाइसेंस तक नहीं हैं। बिना लाइसेंस के खुलेआम खाद्य सामग्री बेचना न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि यह कानून का भी उल्लंघन है।
क्या पुलिस की मिलीभगत है जिम्मेदार?
इन अवैध नाश्ते वालों पर पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं कर रही? क्या पुलिस का मौन समर्थन इन्हें संरक्षण दे रहा है? स्थानीय लोगों द्वारा बार-बार शिकायत करने के बावजूद अब तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे लोगों में आक्रोश और निराशा दोनों बढ़ रही हैं।
स्थानीय लोगों की मांगें:
1. रात्रिकालीन अवैध दुकानों पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए।
2. फूड लाइसेंस और अन्य आवश्यक परमिट की सख्त जांच हो।
3. पुलिस द्वारा नियमित गश्त की जाए और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जाए।
4. पूर्व में हुए झगड़ों की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
5. क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु CCTV कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए।
प्रशासन की भूमिका पर उठ रहे हैं गंभीर सवाल:
उल्हासनगर के सेक्शन 17 में यह स्थिति कब तक बनी रहेगी? स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग इस विषय में कब तक आंखें मूंदे बैठे रहेंगे? क्या किसी बड़े हादसे का इंतज़ार किया जा रहा है?
अब समय आ गया है कि प्रशासन सख्त कदम उठाए और अवैध कारोबारियों पर कठोर कार्रवाई कर इस क्षेत्र को फिर से सुरक्षित और व्यवस्थित बनाए।