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दिशा सालियान मौत मामला: पिता ने मुंबई उच्च न्यायालय में नई याचिका दायर, एनआईए जांच की मांग, समीर वानखेडे जैसे अधिकारी की निगरानी पर जोर, आदित्य ठाकरे समेत कई लोगों पर गंभीर आरोप।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

दिवंगत सेलिब्रिटी मैनेजर दिशा सालियान की मौत को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है। दिशा के पिता सतीश सालियान ने मुंबई उच्च न्यायालय में एक नई याचिका दायर कर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि दिशा की सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या की गई थी और इसके पीछे एक बड़ा षड्यंत्र हो सकता है।

एनआईए जांच की मांग, समीर वानखेडे जैसे अधिकारी की निगरानी पर जोर

सतीश सालियान ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है। उन्होंने इस जांच की निगरानी किसी ईमानदार और निष्पक्ष अधिकारी, जैसे कि पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) अधिकारी समीर वानखेडे, से कराने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उनका कहना है कि मौजूदा जांच में कई महत्वपूर्ण तथ्य नजरअंदाज किए गए हैं और सच को सामने लाने के लिए एक निष्पक्ष जांच आवश्यक है।

मुंबई पुलिस, आदित्य ठाकरे, सूरज पंचोली समेत कई लोगों पर गंभीर आरोप

याचिका में मुंबई पुलिस, पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर, शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे, अभिनेता सूरज पंचोली और अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। सतीश सालियान का कहना है कि पत्रकार अर्णब गोस्वामी और भाजपा नेता नितेश राणे द्वारा लगाए गए आरोपों में सच्चाई है और उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि मुंबई पुलिस और किशोरी पेडणेकर ने उन्हें गुमराह किया और मानसिक दबाव डाला, जिससे वह उन सबूतों को मानने के लिए मजबूर हो गए जो पुलिस ने उनके सामने रखे थे।

पहले परिवार ने किया था इनकार, अब दोबारा जांच की मांग

यह उल्लेखनीय है कि इससे पहले दिशा सालियान के परिवार ने आदित्य ठाकरे के इस मामले से किसी भी संबंध से इनकार किया था। हालांकि, अब सतीश सालियान ने अपनी याचिका में पुनः जांच की मांग की है, जिससे इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है।

भाजपा नेता नितेश राणे की मांग: आदित्य ठाकरे से हो पूछताछ

भाजपा नेता नितेश राणे ने भी अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि दिशा सालियान और सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामलों में आदित्य ठाकरे से हिरासत में पूछताछ की जानी चाहिए। उन्होंने 8 जून 2020 को दिशा सालियान, आदित्य ठाकरे, राहुल कनाल, सूरज पंचोली, सचिन वाझे और एकता कपूर के मोबाइल लोकेशन की जांच की मांग की है। उनका दावा है कि ये सभी लोग उस रात 100 मीटर के दायरे में मौजूद थे, जिससे कई सवाल खड़े होते हैं।

सुशांत सिंह राजपूत की मौत से भी जुड़ा मामला, मोबाइल लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज की जांच की मांग

इसके अलावा, मुंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर 13 और 14 जून 2020 को सुशांत सिंह राजपूत, रिया चक्रवर्ती, आदित्य ठाकरे, अरबाज खान, संदीप सिंह और शौविक चक्रवर्ती के मोबाइल लोकेशन की जांच की मांग की गई है।

याचिका में इन दोनों दिनों के दौरान आदित्य ठाकरे से संबंधित सभी सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की अपील की गई है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उन दिनों क्या हुआ था।

न्यायालय के फैसले पर टिकी नजरें

इस मामले की आगे की सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। अदालत का निर्णय इस मामले में नए मोड़ ला सकता है और कई बड़े नामों की भूमिका पर सवाल खड़े कर सकता है। अब यह देखना होगा कि न्यायालय इस याचिका पर क्या रुख अपनाता है और क्या इस मामले की फिर से जांच शुरू होगी।











अर्थसंकल्पीय अधिवेशन में आयुष्मान भारत मिशन महाराष्ट्र के प्रमुख डॉ. ओमप्रकाश शेटे की प्रभावशाली उपस्थिति।


 






मुंबई: दिनेश मीरचंदानी

महाराष्ट्र के अर्थसंकल्पीय अधिवेशन के दौरान डॉक्टर ओमप्रकाश शेटे की गरिमामयी उपस्थिति दर्ज हुई, जहां उन्होंने राज्य के प्रमुख विधायकों और मंत्रियों के साथ विस्तृत चर्चा की। इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के समग्र विकास, स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी, बुनियादी ढांचे के विस्तार और नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।

बैठक में राज्य के प्रतिष्ठित जनप्रतिनिधियों ने सहभाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से आमदार राम कदम, आमदार राहुल कुल, आमदार किसन कथोरे, मंत्री दत्ता मामा भरणे, आमदार अभिमन्यु पवार सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। इस अवसर पर जनकल्याण से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों को प्रभावी रूप से उठाया गया, जिससे राज्य में नए विकास कार्यों को दिशा देने की संभावनाएं प्रबल हुईं।

स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्रित चर्चा

इस मुलाकात के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती, नागरिकों को आवश्यक सेवाओं की सुगमता और विभिन्न विकास कार्यों में तेजी लाने को लेकर गंभीर मंथन हुआ। इसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मेडिकल सुविधाओं के विस्तार, सड़क और परिवहन ढांचे की मजबूती और नागरिकों के समग्र कल्याण को लेकर कई अहम सुझाव सामने आए।

विशेषज्ञों का मानना है कि डॉक्टर ओमप्रकाश शेटे की इस पहल से राज्य की शासन व्यवस्था और जनता के बीच संवाद को नई ऊर्जा मिलेगी। इस बैठक के माध्यम से जनता की समस्याओं के समाधान के लिए ठोस रणनीति तैयार करने पर बल दिया गया, जिससे आने वाले समय में राज्य में विकास कार्यों को अधिक मजबूती मिलेगी।

जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम

विशेषज्ञों का मानना है कि इस उच्चस्तरीय चर्चा से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं, बुनियादी ढांचे और जनकल्याणकारी योजनाओं को नया आयाम मिलेगा। इस बैठक के सकारात्मक नतीजे जल्द ही दिखाई देने की उम्मीद जताई जा रही है।

डॉक्टर ओमप्रकाश शेटे द्वारा उठाए गए इस सराहनीय कदम से स्पष्ट है कि उनकी प्राथमिकता राज्य के नागरिकों के जीवन को सुगम और उन्नत बनाना है। उनकी इस सक्रियता से शासन और जनता के बीच भरोसा और संवाद और अधिक मजबूत होगा, जिससे विकास की राह में नए अवसर सृजित होंगे।

**इस बैठक के बाद पूरे राज्य में उम्मीदों की लहर—आगामी योजनाओं पर टिकी सबकी निगाह











उल्हास जनपथ की अनूठी पहल: जरूरतमंद बच्चों संग सजी रंगों की होली।








उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

होली का त्योहार खुशियों, प्रेम और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस पावन अवसर पर समाजसेवा की मिसाल पेश करते हुए उल्हास जनपथ के संपादक शिव कुमार मिश्रा ने जरूरतमंद बच्चों के बीच रंग, उमंग और खुशियों का संचार किया। कैम्प क्रमांक 3, दशहरा मैदान, इंदिरा गांधी गार्डन के सामने स्थित उल्हास जनपथ कार्यालय में आयोजित इस विशेष सामाजिक कार्यक्रम के तहत सैकड़ों बच्चों को पिचकारी, रंग, गुब्बारे, मिठाइयां और नए कपड़े वितरित किए गए।

संकल्प: हर बच्चे तक पहुंचे होली की खुशियां

इस सद्भावना अभियान का उद्देश्य उन बच्चों को होली की खुशियों से जोड़ना था, जो आर्थिक तंगी के कारण त्योहार का आनंद नहीं ले पाते। श्री मिश्रा ने बच्चों को उपहार देते हुए उन्हें होली के सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व प्रेम, भाईचारे और सामाजिक समरसता का संदेश देता है, जिसे सभी को आत्मसात करना चाहिए।

श्री मिश्रा ने कहा—
"हर बच्चे का अधिकार है कि वह खुशी और उल्लास के साथ त्योहार मनाए। हमारा यह प्रयास सिर्फ रंगों से नहीं, बल्कि उनके जीवन में खुशियों के रंग भरने का संकल्प है।"

बच्चों की खुशी ने बढ़ाया आयोजन का महत्व

कार्यक्रम के दौरान बच्चों के चेहरों पर खिली मुस्कान, उनके उल्लास और उत्साह ने इस आयोजन को और भी यादगार बना दिया। उनके खुश चेहरे और चमकती आंखें यह दर्शा रही थीं कि यह पहल उनके लिए कितनी खास थी।

इस आयोजन में शहर के कई गणमान्य व्यक्ति, समाजसेवी, शिक्षाविद और व्यवसायी भी उपस्थित रहे। सभी ने इस नेक पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की और इसे समाज के लिए एक प्रेरणादायक कदम बताया।

उल्हास जनपथ की टीम का सराहनीय सहयोग

इस सफल आयोजन में उल्हास जनपथ की टीम ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई और इस पुनीत कार्य को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। श्री मिश्रा ने अपनी टीम और सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में बदलाव लाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।

समाजसेवा की मिसाल, शहरभर में हो रही सराहना

इस सकारात्मक सामाजिक पहल की शहरभर में भारी सराहना की जा रही है। यह आयोजन यह दर्शाता है कि जब समाज के जिम्मेदार नागरिक आगे बढ़कर जरूरतमंदों की मदद करते हैं, तो खुशियां हर ओर बिखरती हैं।

होली के इस अनूठे आयोजन ने यह साबित कर दिया कि सच्ची खुशी सिर्फ त्योहार मनाने में नहीं, बल्कि उसे दूसरों के साथ बांटने में है।














मुंबई के लीलावती अस्पताल में घोटाले की बड़ी साजिश, 1500 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का पर्दाफाश..!


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देश के प्रतिष्ठित लीलावती अस्पताल ट्रस्ट में 1500 करोड़ रुपये के घोटाले का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इस घोटाले में पूर्व ट्रस्टियों पर अस्पताल के फंड से करोड़ों रुपये की हेराफेरी का गंभीर आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि यह फर्जीवाड़ा पिछले दो दशकों से चल रहा था, जिसके चलते अस्पताल की सेवाओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। मामले की गंभीरता को देखते हुए 7 मार्च, 2025 को एफआईआर दर्ज की गई, और अब पुलिस तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस बहुचर्चित घोटाले की गहराई से जांच में जुट गए हैं।

ट्रस्ट की ऑडिट जांच में हुआ वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा

लीलावती अस्पताल ट्रस्ट की ऑडिट रिपोर्ट में व्यापक वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं। जांच में पता चला कि ट्रस्ट के धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया गया। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने बताया कि वर्ष 2002 के बाद, जब ट्रस्ट के प्रमुख किशोर मेहता की तबीयत बिगड़ी, तो उनके कुछ नजदीकी रिश्तेदारों ने अस्पताल के संचालन पर अवैध रूप से कब्जा जमा लिया। इसके बाद, अगले 20 वर्षों में ट्रस्ट के फंड में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई, जिससे ट्रस्ट को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।

1500 करोड़ रुपये की हेराफेरी, विदेशी लेन-देन का भी शक

प्रारंभिक जांच के अनुसार, ट्रस्ट से हेराफेरी किए गए 1500 करोड़ रुपये की राशि को अवैध तरीके से देश से बाहर भेजे जाने की आशंका जताई जा रही है। वित्तीय गड़बड़ियों के इस मामले में कई प्रभावशाली लोगों के शामिल होने का अंदेशा है। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने का प्रयास कर रही हैं कि इस धनराशि का कहां और कैसे इस्तेमाल किया गया।

चिकित्सा क्षेत्र में बड़े घोटाले की गूंज, होगी कड़ी कार्रवाई

यह घोटाला न केवल एक प्रतिष्ठित अस्पताल के फंड के दुरुपयोग को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस प्रकार कुछ लोग चिकित्सा क्षेत्र को भी भ्रष्टाचार का अड्डा बना सकते हैं। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय और पुलिस की विशेष टीमें गहन जांच में जुट गई हैं।

सरकार और जांच एजेंसियों ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और इस घोटाले के हर पहलू की गहराई से जांच की जाएगी। लीलावती अस्पताल ट्रस्ट से जुड़े इस महाघोटाले के खुलासे से चिकित्सा जगत में हड़कंप मचा हुआ है और अब सबकी निगाहें जांच एजेंसियों की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।











उल्हासनगर महानगर पालिका में 100 करोड़ से अधिक का टीडीआर घोटाला उजागर, महाराष्ट्र शासन ने जारी किए जांच के आदेश।


 
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर महानगर पालिका में एक बड़े भूमि घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें तत्कालीन आयुक्त अजीज शेख और सह-संचालक नगर रचनाकार ललित खोब्रागडे की संलिप्तता सामने आई है। इस टीडीआर (ट्रांसफरबल डेवलपमेंट राइट्स) घोटाले की रकम 100 करोड़ से भी अधिक आंकी जा रही है। प्रहार जनशक्ति पार्टी के ठाणे ज़िला अध्यक्ष एडवोकेट स्वप्निल पाटिल और राष्ट्र कल्याण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेश तिवारी ने सबसे पहले इस घोटाले पर आपत्ति जताई और जांच की मांग उठाई थी।

भूमाफियाओं ने लगाए प्रत्यारोप, लेकिन संघर्ष जारी रहा

जब इस घोटाले की जांच की मांग उठी, तो कुछ भू-माफियाओं ने प्रहार जनशक्ति पार्टी और राष्ट्र कल्याण पार्टी के पदाधिकारियों के खिलाफ जबरन वसूली के आरोप में मामले दर्ज करवाए। इसके बावजूद दोनों पार्टियों ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखी और लगातार शासन से निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग करते रहे।

शासन ने घोटाले को किया स्वीकार, सख्त कार्रवाई के निर्देश

लगातार दबाव के बाद, अंततः दिनांक 04 मार्च 2025 को महाराष्ट्र सरकार ने इस टीडीआर घोटाले को स्वीकार करते हुए इसकी जांच के आदेश जारी किए। संचालक नगर रचनाकार, महाराष्ट्र की रिपोर्ट के आधार पर, पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश उल्हासनगर महानगर पालिका के आयुक्त को दिए गए हैं।

टीडीआर, डीआरसी, आरसीसी और स्थगन से जुड़े सभी निर्माण कार्य किए गए स्थगित

घोटाले की गंभीरता को देखते हुए, महाराष्ट्र शासन ने एक और बड़ा फैसला लिया है। आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि टीडीआर, डीआरसी (डेवलपमेंट राइट्स सर्टिफिकेट), आरसीसी (रेगुलराइजेशन ऑफ अनअथराइज़्ड कंस्ट्रक्शन) और स्थगन (स्टे) से जुड़े सभी निर्माण कार्यों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए, जिनमें इन प्रक्रियाओं का अवैध रूप से उपयोग हुआ था।

भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की उम्मीद

इस घोटाले की जांच के आदेश के बाद, उल्हासनगर के नागरिकों को उम्मीद है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और इस भ्रष्टाचार का पूरा पर्दाफाश किया जाएगा। राज्य सरकार के इस आदेश के बाद अब देखना होगा कि जांच किस दिशा में जाती है और इसमें कौन-कौन से नए खुलासे होते हैं।









मुश्किल वक्त में मददगार बने आयुष्मान भारत प्रमुख ओमप्रकाश शेटे, KEM हॉस्पिटल में बुजुर्ग की सफल सर्जरी।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

सांगली निवासी श्रीमती सिंधू अशोक पाटील (65 वर्ष) गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या से जूझ रही थीं और मिरज के भारती हॉस्पिटल में भर्ती थीं। डॉक्टरों ने तत्काल ब्रेन सर्जरी की आवश्यकता जताई, जिसकी अनुमानित लागत ₹6,50,000 थी। परिजनों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण यह खर्च उठा पाना संभव नहीं था।

इस कठिन परिस्थिति में उन्हें सलाह मिली कि वे मुंबई के KEM हॉस्पिटल में संपर्क करें। परिवार तत्काल एम्बुलेंस से मरीज को लेकर KEM हॉस्पिटल पहुँचा, लेकिन वहां बेड उपलब्ध नहीं था। निराशा और चिंता के बीच परिजन असमंजस में थे कि अब आगे क्या किया जाए।

इसी दौरान परिवार को सांगली के श्री कपिल पाटील से संपर्क करने की सलाह दी गई। उन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए इसे आयुष्मान भारत मिशन, महाराष्ट्र के प्रमुख श्री ओमप्रकाश शेटे तक पहुँचाया। शेटे साहब ने तुरंत KEM हॉस्पिटल की अधिष्ठाता डॉ. संगीता राउत से संपर्क किया और तत्काल बेड की व्यवस्था कराई।

परिणामस्वरूप, 3 मार्च 2025 को श्रीमती सिंधू पाटील की न्यूरो सर्जरी सफलतापूर्वक संपन्न हुई और यह संपूर्ण उपचार आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत निःशुल्क किया गया।

इस पूरे घटनाक्रम में श्री ओमप्रकाश शेटे की तत्परता और सहयोग ने एक गरीब परिवार को संकट से उबारा और मरीज को नया जीवनदान मिला। आयुष्मान भारत मिशन के तहत जरूरतमंदों को समय पर और निःशुल्क चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने का यह उदाहरण उन हजारों मरीजों के लिए आशा की किरण है, जो आर्थिक तंगी के चलते सही इलाज नहीं करवा पाते।









महाराष्ट्र में ‘लव जिहाद’ कानून की आवश्यकता: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में ‘लव जिहाद’ कानून की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यह केवल कुछ व्यक्तिगत मामलों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक संगठित प्रयास का हिस्सा है। उन्होंने दावा किया कि इस संबंध में अब तक एक लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं।

फडणवीस ने यह बयान अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला पत्रकारों के एक समूह से बातचीत के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस विषय को गंभीरता से ले रही है और पहले ही एक समिति का गठन किया गया है, जो अन्य राज्यों में लागू कानूनों का अध्ययन कर रही है।

राज्य विधानसभा में पेश होगा ‘लव जिहाद’ पर निजी विधेयक

वर्तमान राज्य विधानसभा सत्र में भाजपा के दो विधायकों ने ‘लव जिहाद’ से निपटने के लिए एक निजी सदस्य विधेयक पेश करने का प्रस्ताव दिया है। ‘लव जिहाद’ शब्द उस संदर्भ में उपयोग किया जाता है जहां आरोप लगाया जाता है कि मुस्लिम पुरुष अपनी असली पहचान छिपाकर हिंदू महिलाओं को विवाह के लिए लुभाने का प्रयास करते हैं।

फडणवीस ने कहा, "शुरुआत में ये मामले व्यक्तिगत प्रतीत होते थे, लेकिन यह एक पैटर्न दर्शाता है। यह एक कट्टरपंथी मानसिकता को प्रकट करता है, जिसे नियंत्रित करने के लिए कड़े कानूनों की जरूरत है। हम समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे।"

मीडिया मॉनिटरिंग सेल का उद्देश्य स्पष्ट किया

जब मीडिया मॉनिटरिंग सेल को लेकर सवाल किया गया तो फडणवीस ने स्पष्ट किया कि इस सेल का मुख्य उद्देश्य सरकार से संबंधित खबरों पर नजर रखना है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर स्पष्टीकरण दिया जा सके और किसी भी प्रकार की भ्रांतियों को दूर किया जा सके।

व्यक्तिगत जीवन और महिला सशक्तिकरण पर विचार

फडणवीस ने अपने निजी जीवन के बारे में बात करते हुए कहा कि वह एक बेटी के पिता होने के कारण खुद को भाग्यशाली मानते हैं। उन्होंने कहा, "मैं एक बेटी का पिता होने पर गर्व महसूस करता हूं। मुझे विश्वास है कि बेटियां माता-पिता की देखभाल करने में अधिक सक्षम होती हैं।"

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बेटी राजनीति में शामिल होने की इच्छुक नहीं है और वकील बनना चाहती है, जिससे यह संभावना है कि वह अपने परिवार के अंतिम व्यक्ति होंगे जो राजनीति में सक्रिय रहेंगे।

पत्नी की स्वतंत्रता का सम्मान और सोशल मीडिया ट्रोलिंग पर विचार

अपनी पत्नी की स्वतंत्रता को लेकर उन्होंने कहा कि वह हमेशा उनके विचारों का सम्मान करते हैं, भले ही वह सभी मुद्दों पर उनसे सहमत न हों। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उनकी पत्नी को अक्सर सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ता है, जो सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों के लिए एक आम समस्या बन चुकी है।

महिला आरक्षण विधेयक पर विचार

महिला आरक्षण विधेयक के प्रभाव पर चर्चा करते हुए फडणवीस ने कहा कि 1990 के दशक में जब उन्होंने नगर निगम चुनाव जीता था, तब कई महिला उम्मीदवारों को अपने पतियों के लिए रास्ता देना पड़ता था, जो प्रॉक्सी रूप से शासन करते थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि अब हालात बदल चुके हैं और निर्वाचित महिलाएं स्वतंत्र रूप से कार्य कर रही हैं।

निष्कर्ष

महाराष्ट्र सरकार ‘लव जिहाद’ के मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और एक प्रभावी कानून लाने की दिशा में विचार कर रही है। फडणवीस के अनुसार, यह केवल व्यक्तिगत घटनाओं का मामला नहीं है, बल्कि एक योजनाबद्ध रणनीति का हिस्सा है, जिसे रोकने के लिए कानूनी उपाय आवश्यक हैं। साथ ही, उन्होंने महिला सशक्तिकरण और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर भी अपने विचार साझा किए।