BREAKING NEWS
national

सियासत

politics
Mumbai लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
Mumbai लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

IRS अधिकारी समीर वानखेडे की स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक पर ऐतिहासिक उपस्थिति — राष्ट्रभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा का जीवंत उदाहरण।


 





मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देशभक्ति की भावना और राष्ट्रीय गौरव से सराबोर एक ऐतिहासिक क्षण उस समय साकार हुआ जब भारत सरकार के वरिष्ठ IRS अधिकारी समीर वानखेडे ने मुंबई के दादर स्थित स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक का औपचारिक दौरा किया। इस अवसर ने ना केवल स्वतंत्रता संग्राम के गौरवपूर्ण अध्याय को पुनः जीवित किया, बल्कि एक प्रशासनिक अधिकारी के संवेदनशील और राष्ट्रप्रेम से परिपूर्ण व्यक्तित्व को भी उजागर किया।

समीर वानखेडे ने इस स्मारक स्थल पर भारत के महान क्रांतिकारी स्वातंत्र्यवीर सावरकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके वंशज श्री रणजीत सावरकर से शिष्टाचार भेंट कर उनके योगदान को ससम्मान स्मरण किया।

इस अवसर पर उन्होंने भावुकता से कहा:

आज एक गर्व और श्रद्धा से भरा शक्तिशाली क्षण रहा जब मैंने स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक का दौरा किया — वह भूमि जहाँ भारत के सबसे प्रखर स्वतंत्रता सेनानी की प्रेरणादायक गूंज आज भी जीवंत है।

मैंने सावरकर जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की, उनके वीर वंशज श्री रणजीत सावरकर से भेंट की, और उस क्रांतिकारी की महान विरासत को नमन किया जिसने अपने साहस और अटूट संकल्प से एक पूरे साम्राज्य की नींव हिला दी थी।"

यह भेंट सिर्फ एक व्यक्तिगत श्रद्धांजलि नहीं थी, बल्कि आज के समय में प्रशासनिक सेवा में कार्यरत अधिकारियों के लिए एक प्रेरक दृष्टांत थी — कि कैसे इतिहास और राष्ट्रभक्ति से जुड़कर एक अधिकारी अपने कर्तव्यों को और भी अधिक दृढ़ता और समर्पण से निभा सकता है।

स्मारक परिसर में उपस्थित लोग भी इस अवसर पर भाव-विभोर हो उठे और समीर वानखेडे की राष्ट्रसेवा की भावना की सराहना करते हुए कहा कि "इस प्रकार की यात्राएं न केवल इतिहास का सम्मान हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक जीवंत प्रेरणा भी हैं।"

समीर वानखेडे की यह ऐतिहासिक उपस्थिति स्वतंत्रता संग्राम की स्मृतियों को पुनर्जीवित करती है और यह सिद्ध करती है कि वीर सावरकर जैसे महानायकों की विचारधारा आज भी सच्चे राष्ट्रसेवकों के मन में जीवित है।












मुंबई में ड्रग्स माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी: समीर वानखेड़े की वापसी संभव!


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई में ड्रग्स माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए जल्द ही एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की शुरुआत हो सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चर्चित और सख्त माने जाने वाले IRS अधिकारी समीर वानखेड़े को मुंबई में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ तैनात किया जा सकता है।

समीर वानखेड़े, जो पहले NCB (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) में अपनी तेज-तर्रार कार्यशैली और हाई-प्रोफाइल केसों में कार्रवाई के लिए चर्चित रहे हैं, उनकी वापसी से एक बार फिर ड्रग्स तस्करी के खिलाफ कड़ी मुहिम छेड़ने की संभावना है। बता दें कि उन्होंने बॉलीवुड ड्रग्स केस, आर्यन खान प्रकरण जैसे कई चर्चित मामलों में भी प्रमुख भूमिका निभाई थी।

मुंबई में बढ़ती ड्रग्स तस्करी की घटनाएं, खासकर युवाओं को निशाना बनाने वाले रैकेट्स, प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। ऐसे में समीर वानखेड़े जैसे अनुभवी और निडर अफसर की वापसी को ड्रग्स माफियाओं के लिए "कड़ी चेतावनी" माना जा रहा है।

प्रशासनिक स्तर पर इस संबंध में अंतिम निर्णय जल्द लिया जा सकता है। यदि उनकी तैनाती होती है, तो मुंबई में ड्रग्स माफिया के खिलाफ एक निर्णायक और ऐतिहासिक अभियान की शुरुआत तय मानी जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक, वानखेड़े के कार्यशैली में "जीरो टॉलरेंस" नीति की छवि है, और उनकी वापसी से एक बार फिर अवैध गतिविधियों में संलिप्त अपराधियों में खलबली मच सकती है।

अब देखना ये होगा कि क्या समीर वानखेड़े की वापसी के साथ मुंबई को ड्रग्स मुक्त बनाने का अगला अध्याय शुरू होता है।












अमेज़न के खिलाफ विवादित "काली माँ" पुस्तक को लेकर मुंबई पुलिस कमिश्नर को सौंपी गई शिकायत, हिन्दू भावनाओं को आहत करने का आरोप।




मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

ई-कॉमर्स दिग्गज अमेज़न एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। इस बार मामला हिन्दू धर्म की आराध्य देवी काली माँ से संबंधित एक आपत्तिजनक पुस्तक को लेकर है, जिसे अमेज़न ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पिछले दो वर्षों से बेचे जाने का आरोप है। इस पुस्तक के कवर पर देवी काली को फाँसी के फंदे पर झूलता हुआ दर्शाया गया है, जिसे लेकर हिन्दू समाज की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है।

इस गंभीर मुद्दे को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट के अधिवक्ता आशीष राय और पंकज मिश्रा द्वारा मुंबई पुलिस कमिश्नर को आधिकारिक शिकायत सौंपी गई है। शिकायत में कहा गया है कि यह चित्रण न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करता है, बल्कि देश में आतंकी मानसिकता को बढ़ावा देने एवं शांति व्यवस्था भंग करने की साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है।

शिकायतकर्ताओं ने इस मामले में अमेज़न मुंबई अथवा अमेज़न इंडिया के जिम्मेदार संचालक अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर सख्त कानूनी कार्यवाही की मांग की है।

शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि अमेज़न जैसी वैश्विक ई-कॉमर्स कंपनियों को भारतीय संविधान, धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक संवेदनशीलता का सम्मान करना चाहिए, अन्यथा यह बार-बार ऐसे मामलों को बढ़ावा देने की छूट बन जाती है।

अब यह देखना होगा कि मुंबई पुलिस इस मामले में क्या रुख अपनाती है और क्या अमेज़न के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई होती है। मामला गंभीर है और देशभर में इसको लेकर धार्मिक संगठनों और आम नागरिकों में आक्रोश भी देखा जा रहा है।




















देशभक्ति और पर्यावरण संरक्षण का अद्वितीय संगम: ऑपरेशन सिंदूर के समर्पण कार्यक्रम में IRS अधिकारी समीर वानखेडे की गरिमामयी उपस्थिति।


 






मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई, आरे कॉलोनी: राष्ट्रप्रेम और हरित भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बना "ऑपरेशन सिंदूर" — एक भव्य आयोजन जो देश के वीर जवानों को समर्पित था। इस प्रेरणादायक कार्यक्रम में भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ अधिकारी श्री समीर वानखेडे ने विशिष्ट अतिथि के रूप में सहभागिता की। यह अवसर और भी विशेष हो गया जब उन्हें शिवसेना के माननीय सांसद श्री रविंद्र वायकर द्वारा आमंत्रित किया गया।

आरे की हरियाली में गूंजती देशभक्ति की भावना और प्रकृति से जुड़ाव की चेतना ने इस आयोजन को एक सामाजिक आंदोलन का रूप दे दिया। ऑपरेशन सिंदूर केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक राष्ट्र को जागरूक करने वाली पहल थी — जिसमें सफाई अभियान और वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।

इस अवसर पर श्री वानखेडे ने अपने संबोधन में कहा,

"हमारे सच्चे नायक वे सैनिक हैं जो सीमाओं पर अपने प्राणों की आहुति देते हैं। उनके बलिदान को केवल शब्दों में नहीं, कर्मों में भी याद किया जाना चाहिए। पर्यावरण की रक्षा और समाज के हित में कार्य करना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि है।"

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, समाजसेवी, अधिकारी और युवा स्वयंसेवक मौजूद थे, जिन्होंने हाथों में तिरंगा और दिलों में देश के लिए सम्मान लिए सफाई और पौधारोपण में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

ऑपरेशन सिंदूर उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा बना, जो राष्ट्र निर्माण में छोटे-छोटे सकारात्मक प्रयासों को भी महत्वपूर्ण मानते हैं। यह आयोजन न केवल जवानों को श्रद्धांजलि था, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को पर्यावरण और देशप्रेम के प्रति सजग करने का सार्थक प्रयास भी।

यह स्पष्ट है कि जब प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और आम जनता एकजुट होकर कार्य करें, तो देशभक्ति केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रहती — वह हर गली, हर पेड़, हर स्वच्छ पहल में जीवंत हो उठती है।




















IRS अधिकारी समीर वानखेड़े को मिलेगा डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत पुरस्कार — मुंबई बनेगा राष्ट्रीय गौरव का साक्षी।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देशभर के लिए गर्व का क्षण, जब भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ अधिकारी श्री समीर वानखेड़े को डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। वानखेड़े को यह पुरस्कार भारत में मादक पदार्थों के नेटवर्क के खिलाफ निर्णायक और साहसिक कार्रवाई के लिए दिया जा रहा है। उन्होंने कानून व्यवस्था और समाज की सुरक्षा को सुदृढ़ करने में जो योगदान दिया है, वह अतुलनीय और प्रेरणादायक है।

यह राष्ट्र स्तरीय सम्मान समारोह "मुंबई सीज़न-8" के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है, जिसकी संकल्पना एवं आयोजन प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती सोनिया मेयर्स द्वारा की गई है। यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम 30 मई 2025 को मुंबई के यशवंतराव चव्हाण केंद्र, मंत्रालय के पास, शाम 6 बजे आयोजित किया जाएगा।

कार्यक्रम की भव्यता को और अधिक गौरवपूर्ण बनाएंगे महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल श्री सी. पी. राधाकृष्णन, जो मुख्य अतिथि के रूप में इस समारोह में शिरकत करेंगे।

यह मंच शिक्षा, नवाचार, सामाजिक परिवर्तन और नेतृत्व के क्षेत्र में देश को दिशा देने वाले व्यक्तित्वों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करने के लिए समर्पित है। इस आयोजन में विविध क्षेत्रों के प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, अधिकारीगण और युवावर्ग बड़ी संख्या में उपस्थित रहेंगे।

एपीजेएमसी के सलीम शेख के सहयोग से हो रहा यह आयोजन न केवल एक सम्मान समारोह है, बल्कि यह युवाओं को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करने वाला एक ऐतिहासिक क्षण होगा।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने राष्ट्रनिर्माण, समाज-सुधार और नेतृत्व में अतुलनीय योगदान दिया हो। समीर वानखेड़े की सेवाएं इस दिशा में देश के लिए एक प्रेरणा और मिशन का रूप बन चुकी हैं।

यह आयोजन न केवल मुंबई बल्कि पूरे देश के लिए एक गौरवशाली उपलब्धि का प्रतीक बनकर उभरेगा, जो आने वाली पीढ़ियों को साहस, ईमानदारी और निष्ठा के साथ राष्ट्र की सेवा करने का संदेश देगा।












डॉ. श्रीपाद ढेकणे की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विशेष कार्य अधिकारी (OSD) पद पर नियुक्ति – प्रशासनिक कार्यप्रणाली को मिलेगा नया दृष्टिकोण।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 


महाराष्ट्र की राजनीतिक और प्रशासनिक दुनिया में एक महत्वपूर्ण विकास सामने आया है। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने डॉ. श्रीपाद ढेकणे को अपने विशेष कार्य अधिकारी (OSD) के रूप में नियुक्त किया है। यह निर्णय प्रशासनिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिससे राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन और नीति निर्माण को नई दिशा और गति मिलने की संभावना है।

डॉ. श्रीपाद ढेकणे प्रशासनिक क्षेत्र में एक स्थापित नाम हैं। उन्होंने पूर्व में विभिन्न शासकीय योजनाओं के नियोजन, क्रियान्वयन और मूल्यांकन में अपनी प्रभावशाली भूमिका निभाई है। नीति निर्माण, शासन तंत्र की बारीक समझ और योजनाओं के निष्पादन में उनकी दक्षता उन्हें इस उच्च पद के लिए एक उपयुक्त विकल्प बनाती है।

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, डॉ. ढेकणे की नियुक्ति से न केवल निर्णय प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप योजनाओं को प्रभावी ढंग से धरातल पर उतारने में भी मदद मिलेगी। यह कदम मुख्यमंत्री फडणवीस की टीम को और अधिक संगठित, व्यावसायिक और परिणाम-केंद्रित बनाएगा।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह नियुक्ति आगामी प्रशासनिक और विकासात्मक एजेंडा को मजबूती प्रदान करेगी, विशेषकर जब महाराष्ट्र विविध सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। डॉ. ढेकणे की विशेषज्ञता राज्य सरकार के ‘सुशासन’ के दृष्टिकोण को साकार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है और सभी संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश जारी किए जा चुके हैं। अब यह देखना रोचक होगा कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री कार्यालय की कार्यप्रणाली और प्रभावशीलता में किस प्रकार का सकारात्मक परिवर्तन दिखाई देता है।



















महाराष्ट्र दिवस पर हुआ है ज़िलास्तरीय मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष का भव्य उद्घाटन — जरूरतमंद मरीजों को मिलेगा स्थानीय स्तर पर लाभ।


 









मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र दिवस के पावन अवसर पर आज राज्य के प्रत्येक जिले में मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष का विधिवत उद्घाटन संबंधित जिले के पालक मंत्री, मंत्री या राज्यमंत्री के कर-कमलों द्वारा किया गया। यह निर्णय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देशानुसार लिया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को त्वरित व प्रभावी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है।

मुख्यमंत्री सहायता निधि के अंतर्गत मिलने वाली सहायता के लिए अब मरीजों और उनके परिजनों को बार-बार मंत्रालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। जिला स्तर पर शुरू किए गए इन कक्षों के माध्यम से सहायता की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, त्वरित और सुगम बनाया गया है।

मुख्यमंत्री फडणवीस के निर्देशानुसार 22 फरवरी 2025 को इस आशय का शासन निर्णय जारी किया गया था। इसके बाद 23 अप्रैल को स्वयं मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में संबंधित अधिकारियों को इन कक्षों को पूरी क्षमता से कार्यान्वित करने के निर्देश दिए गए थे।

मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष के प्रमुख रामेश्वर नाईक ने जानकारी देते हुए बताया कि अब राज्य के प्रत्येक जिलाधिकारी कार्यालय में यह कक्ष संचालित होगा। इससे मरीजों को उनके ही जिले में मदद मिल सकेगी।

मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष की मुख्य जिम्मेदारियां:

मरीजों व परिजनों को आवेदन प्रक्रिया में सहायता प्रदान करना

प्राप्त आवेदनों की वर्तमान स्थिति की जानकारी देना

मरीजों व परिजनों की समस्याओं का समाधान करना

सहायता प्राप्त मरीजों से अस्पताल जाकर संपर्क करना

कक्ष के प्रति जनजागृति व प्रचार-प्रसार करना

सहायता हेतु बीमारियों की सूची का पुनर्विलोकन करना

आपदा की स्थिति में जिले में तत्काल सहायता पहुंचाना

मुख्यमंत्री सहायता निधि में अधिकतम दान प्राप्त करने के प्रयास करना

आर्थिक सहायता योग्य बीमारियों की संख्या बढ़ाने का प्रयास करना

जनता को मिलने वाले प्रमुख लाभ:

आवेदन करने में मार्गदर्शन व सहायता

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची की सुविधा

संबंधित अस्पतालों की सूची की जानकारी

मंत्रालय तक पहुंचने की आवश्यकता नहीं

आवेदन की स्थिति जिलाधिकारी कार्यालय में ही ज्ञात होगी

यह पहल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की दूरदर्शी सोच को दर्शाती है, जिसका मूल उद्देश्य है—राज्य के प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य सेवा हेतु त्वरित सहायता सुनिश्चित करना। यह निर्णय न केवल प्रशासनिक दक्षता को दर्शाता है, बल्कि इससे जरूरतमंद नागरिकों में सरकार के प्रति विश्वास भी सुदृढ़ होगा।












आईपीएस देवेन भारती को मुंबई पुलिस आयुक्त का विशेष प्रभार सौंपा गया।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी

महाराष्ट्र सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी देवेन भारती को मुंबई पुलिस आयुक्त का विशेष प्रभार सौंपा है। यह नियुक्ति मुंबई पुलिस प्रशासन में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखी जा रही है। देवेन भारती वर्तमान में महाराष्ट्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक (क़ानून और व्यवस्था) के पद पर कार्यरत हैं और उनकी गिनती राज्य के अनुभवी एवं तेजतर्रार अधिकारियों में होती है।

देवन भारती इससे पहले मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त (क़ानून और व्यवस्था) तथा एटीएस प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनके नेतृत्व में कई जटिल आपराधिक मामलों का सफलतापूर्वक समाधान हुआ है।

मुंबई जैसे देश के सबसे बड़े महानगर की कानून व्यवस्था को संभालना एक बड़ी जिम्मेदारी मानी जाती है, और देवेन भारती की नियुक्ति से इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि शहर में सुरक्षा और प्रशासनिक कार्यों को और अधिक कुशलता के साथ संचालित किया जाएगा।

इस अस्थायी जिम्मेदारी के पीछे प्रशासनिक फेरबदल और वर्तमान पुलिस आयुक्त की अनुपस्थिति या स्थानांतरण की संभावनाएं प्रमुख कारण मानी जा रही हैं। जल्द ही स्थायी नियुक्ति को लेकर भी निर्णय लिया जा सकता है।















रेशमा निवाले को बोरीवली विधानसभा का भाजपा मंडल अध्यक्ष नियुक्त किया गया, शीर्ष नेताओं से ली आशीर्वाद।


 





मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय और समर्पित कार्यकर्ता रेशमा निवाले को बोरीवली विधानसभा क्षेत्र का भाजपा मंडल अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनकी इस महत्वपूर्ण नियुक्ति पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त किया,कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों में हर्ष की लहर दौड़ गई है।

नवीन जिम्मेदारी संभालने के तुरंत बाद रेशमा निवाले ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल, भाजपा के पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी, भाजपा आमदार संजय उपाध्याय , भाजपा आमदार प्रविण दरेकर, और पूर्व भाजपा आमदार सुनील राणे से शिष्टाचार भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

रेशमा निवाले ने कहा कि वे पार्टी द्वारा दी गई इस ज़िम्मेदारी को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाएंगी और संगठन को जमीनी स्तर पर और अधिक मजबूत करेंगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और भाजपा की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का काम वे पूरी ताकत के साथ करेंगी।

इस अवसर पर पार्टी के कई स्थानीय पदाधिकारी, कार्यकर्ता और समर्थक भी उपस्थित रहे, जिन्होंने रेशमा निवाले को शुभकामनाएं दीं और उनके नेतृत्व में संगठन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की उम्मीद जताई।




















कौन बनेगा मुंबई का नया पुलिस कमिश्नर? रितेश कुमार, अर्चना त्यागी और देवेन भारती दावेदार।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई के मौजूदा पुलिस आयुक्त विवेक फणसळकर 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, और उनके उत्तराधिकारी को लेकर पुलिस विभाग तथा राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज़ हो गई है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सुरक्षा व्यवस्था की कमान किस वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को सौंपी जाएगी, इस पर अब सभी की निगाहें टिकी हैं।

पद के संभावित दावेदारों में ये नाम हैं प्रमुख

सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार के पास इस पद के लिए कई योग्य और अनुभवी अधिकारी मौजूद हैं। जिनके नाम सबसे अधिक चर्चा में हैं, उनमें रितेश कुमार, अर्चना त्यागी और देवेन भारती प्रमुख हैं।

रितेश कुमार (1992 बैच, आईपीएस): वर्तमान में सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। उनकी प्रशासनिक दक्षता और अनुभव उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाता है।

अर्चना त्यागी (1993 बैच, आईपीएस): यदि राज्य सरकार महिला नेतृत्व को प्राथमिकता देती है तो अर्चना त्यागी का नाम सबसे ऊपर है। वे मुंबई की पहली महिला पुलिस आयुक्त बनने की संभावना रखती हैं।

देवेन भारती (विशेष पुलिस आयुक्त): वर्तमान में मुंबई पुलिस में विशेष पुलिस आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। यदि सरकार नए आयुक्त की घोषणा फणसळकर के सेवानिवृत्त होने तक नहीं कर पाती है, तो उन्हें अंतरिम रूप से पुलिस आयुक्त का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा जा सकता है।

वहीं, 1990 बैच के वरिष्ठ अधिकारी सदानंद दाते और संजयकुमार वर्मा के नाम भी चर्चा में आए हैं, लेकिन दाते की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और वर्मा की हाल ही में पुलिस महानिदेशक पद पर नियुक्ति के चलते उनकी संभावनाएं कमजोर मानी जा रही हैं।

सरकार की घोषणा का इंतजार

मुंबई जैसे संवेदनशील और रणनीतिक शहर में पुलिस आयुक्त का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए महाराष्ट्र सरकार इस नियुक्ति में कोई जल्दबाज़ी नहीं करना चाहती। अगले कुछ दिनों में इस पद पर अंतिम निर्णय और घोषणा की संभावना है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मुंबई को पहली बार महिला पुलिस आयुक्त मिलती है या अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर रितेश कुमार या देवेन भारती को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाती है।












मुख्यमंत्री सहायता निधि सेवा अब व्हाट्सएप पर उपलब्ध: सीएम देवेंद्र फडणवीस ने की बड़ी घोषणाएं।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में सह्याद्री अतिथिगृह, मुंबई में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री सहायता निधि (CMRF) की सेवाओं को और अधिक प्रभावी एवं सुगम बनाने के लिए कई बड़े निर्णय लिए गए।

इस बैठक में 5 दिसंबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक की अवधि में 7,658 रोगियों को कुल 67.62 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई, यह जानकारी भी साझा की गई। मुख्यमंत्री ने इस दौरान घोषणा की कि आम नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सहायता निधि सेवा अब व्हाट्सएप के माध्यम से भी उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार और मेटा कंपनी के बीच एक विशेष करार किया गया है।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी निर्देश दिए कि—

राज्य की सभी स्वास्थ्य योजनाओं को एकीकृत करते हुए एक साझा पोर्टल विकसित किया जाए, जिससे आवेदन की प्रक्रिया अधिक सरल और पारदर्शी हो।

मुख्यमंत्री सहायता निधि में औद्योगिक सामाजिक दायित्व (CSR) के अंतर्गत अधिक सहायता सुनिश्चित करने हेतु एक स्वतंत्र संस्था का गठन किया जाए।

योजना में AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) तकनीक का उपयोग किया जाए ताकि मामलों की शीघ्र और सटीक जांच की जा सके।

तालुका स्तर पर "रुग्णमित्र" नियुक्त किए जाएं ताकि जरूरतमंदों को सही मार्गदर्शन मिल सके।

पैनल में अधिक अस्पतालों को जोड़ा जाए जिससे इलाज के विकल्प बढ़ें।

जिओ टैगिंग तकनीक के माध्यम से मरीजों को निकटतम अस्पतालों की जानकारी तुरंत उपलब्ध कराई जाए।

और एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू किया जाए, जिससे नागरिक सहायता के लिए सीधे संपर्क कर सकें।

इस महत्वपूर्ण बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री अजित पवार, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री सहायता निधि व धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष प्रमुख श्री रामेश्वर नाईक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी एवं चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

राज्य सरकार की यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को बेहतर बनाएगी, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से जनता को सशक्त भी करेगी।



















महाराष्ट्र सरकार का ऐतिहासिक निर्णय: अब हर धर्मादाय अस्पताल में अनिवार्य होगी ‘महात्मा फुले’ और ‘आयुष्मान भारत’ योजना।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को जनहित की दिशा में एक क्रांतिकारी मोड़ देते हुए सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल प्रकरण के बाद राज्य सरकार के विधि और न्याय विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए आदेश जारी किया है कि अब राज्य के सभी धर्मादाय अस्पतालों में ‘महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना’ और ‘आयुष्मान भारत योजना’ को अनिवार्य रूप से लागू करना होगा।

राज्य शासन की ओर से सोमवार को यह अहम अधिसूचना जारी की गई। इसमें स्पष्ट किया गया है कि कोई भी धर्मादाय अस्पताल इन दोनों जनकल्याणकारी योजनाओं से अलग नहीं रह सकता। यह निर्णय इस उद्देश्य से लिया गया है कि राज्य का कोई भी नागरिक महज़ आर्थिक कमजोरी के कारण इलाज से वंचित न रहे।

अब नहीं चलेगा बहाना, हर अस्पताल को देनी होगी मुफ्त चिकित्सा सुविधा

शासन ने सभी धर्मादाय अस्पतालों को निर्देशित किया है कि वे अनिवार्य रूप से इन योजनाओं के तहत मरीजों का उपचार करें। इन अस्पतालों को अपनी सेवाएं गरीब, वंचित और निम्न आय वर्ग के मरीजों के लिए सुलभ बनानी होंगी।

इस निर्णय को स्वास्थ्य के अधिकार को मजबूती देने वाला ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्य में चिकित्सा सेवाओं की पहुंच बेहतर होगी और इलाज का अधिकार हर जरूरतमंद तक पहुँचेगा।

धर्मादाय अस्पतालों की जवाबदेही बढ़ेगी, सरकार रहेगी सख्त निगरानी में

अब तक कई धर्मादाय अस्पताल इन योजनाओं को लागू नहीं कर रहे थे, जिससे हजारों मरीजों को इलाज से वंचित रहना पड़ता था। लेकिन अब शासन की सख्ती के चलते इन अस्पतालों की जवाबदेही तय होगी। यह आदेश न मानने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।

राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में संभावित बदलाव

इस फैसले के चलते भविष्य में महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था में बुनियादी परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। यह फैसला गरीब मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा।

जनहित में लिया गया यह निर्णय अब एक नई स्वास्थ्य क्रांति का सूत्रपात कर सकता है।

सरकार की यह सख्त और संवेदनशील पहल दिखाती है कि अब स्वास्थ्य केवल सेवा नहीं, बल्कि हर नागरिक का अधिकार है – और यह अधिकार अब हर धर्मादाय अस्पताल में अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाएगा।












दिशा सालियन केस में नया मोड़, समीर वानखेड़े और CBI अफसरों के साथ नई SIT की मांग।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देशभर में सुर्खियों में रहे दिशा सालियन मौत मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ सामने आया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस बहुचर्चित केस की सुनवाई 30 अप्रैल 2025 को तय की है। यह सुनवाई अब बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि याचिकाकर्ता ने महाराष्ट्र सरकार की गठित SIT पर सवाल उठाते हुए कोर्ट की निगरानी में एक नई, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की है।

इस याचिका में विशेष रूप से यह अनुरोध किया गया है कि नए SIT में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अनुभवी और निष्पक्ष अधिकारी शामिल किए जाएं, साथ ही दो बड़े नामों — राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के वरिष्ठ अधिकारी श्री सदानंद डेटे और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व अधिकारी श्री समीर वानखेड़े — को टीम में रखने की मांग की गई है।

याचिकाकर्ता के अनुसार, वर्तमान SIT की कार्यप्रणाली से न केवल जांच की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि इससे आम जनता का विश्वास भी डगमगा रहा है। उन्होंने कोर्ट से निवेदन किया है कि जांच की पूरी प्रक्रिया एक निष्पक्ष और न्यायिक निगरानी में की जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके और न्याय सुनिश्चित हो।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सरंग कोतवाल ने खुद इस मामले की संवेदनशीलता को स्वीकार करते हुए कहा:

“यह एक गंभीर और महत्वपूर्ण मामला है। हम इसे प्राथमिकता के साथ सुनेंगे और इसमें उचित सुनवाई की जाएगी।”

यह बयान आने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक हलचल तेज हो गई है। दिशा सालियन की मौत के रहस्यमय हालातों को लेकर पहले से ही कई सवाल उठते रहे हैं, और इस याचिका ने मामले को और अधिक गंभीर बना दिया है।

अब सभी की नजरें 30 अप्रैल की सुनवाई पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि क्या हाई कोर्ट राज्य सरकार की जांच टीम को खारिज कर एक नई, निष्पक्ष SIT गठित करने का आदेश देगा।

यह केस सिर्फ महाराष्ट्र नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी न्यायिक परीक्षा बन चुका है — जहां लोग उम्मीद कर रहे हैं कि न्याय के रास्ते में कोई बाधा न आए और सच्चाई सबके सामने आए।












मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता निधि में 4.69 लाख की धोखाधड़ी, उल्हासनगर के तीन डॉक्टरों पर केस दर्ज, मई-जुलाई 2023 में 13 में से 6 मरीजों की सहायता निधि में गड़बड़ी उजागर।


मुंबई/उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 


उल्हासनगर में तीन डॉक्टरों ने फर्जी कागजात तैयार कर लगभग 4 लाख 69 हजार रुपये की निधि हड़प ली। इस मामले में मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता निधि विभाग के प्रभारी सहायक संचालक देवानंद धनाडे की शिकायत पर खड़कपाड़ा पुलिस स्टेशन में 19 अप्रैल 2025 को मामला दर्ज किया गया है।

इस धोखाधड़ी के मामले में डॉ. अनुदुर्ग ढोणे (कल्याण, ठाणे), डॉ. ईश्वर पवार (धुले) और डॉ. प्रदीप पाटिल (गौरीपाड़ा, ठाणे) सहित 26 आरोपियों को नामजद किया गया है।

मई 2023 से 10 जुलाई 2023 के बीच 13 मरीजों ने आवेदन जमा किए थे। इनमें से 6 मामलों में 4 लाख 69 हजार रुपये की वित्तीय सहायता धोखाधड़ी से प्राप्त की गई। जांच में पता चला कि आवेदनों में फर्जी नाम, चिकित्सा दस्तावेज, उपयोगिता प्रमाण पत्र बनाए गए थे।

11 जुलाई 2023 को, मरीज अरविंद सोलंकी ने मस्तिष्क सर्जरी के लिए 1 लाख 60 हजार रुपये और भगवान भदाने ने मस्तिष्क सर्जरी के लिए 3 लाख 10 हजार रुपये के दो मामलों में संदेह व्यक्त किया था।

मुख्य बिंदु:

मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता निधि में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।

उल्हासनगर के तीन डॉक्टरों सहित 26 लोगों पर फर्जी कागजात तैयार कर निधि हड़पने का आरोप है।

मई से जुलाई 2023 के बीच 13 मरीजों के आवेदनों में से 6 मामलों में धोखाधड़ी हुई।

जांच में फर्जी नाम, चिकित्सा दस्तावेज और उपयोगिता प्रमाण पत्र का खुलासा हुआ है।

दो मरीजों ने अपने आवेदनों में संदेह व्यक्त किया था।

रमेश्वर नाईक, मुख्यमंत्री सहायता निधि

गरीब और जरूरतमंद मरीजों के हक के पैसे हड़पने वाले, धोखाधड़ी करने वालों को सरकार किसी भी तरह की छूट नहीं देगी। इस मामले में कठोर कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

कागजात, रसीदें पेश नहीं की

छाननी के दौरान जब अस्पताल के टेलीफोन नंबर पर संपर्क किया गया, तो अरविंद सोळखी के सरस्वती हॉस्पिटल, नालासोपारा और भगवान भादाणे के गणपति हॉस्पिटल, अंबिवली में भर्ती होने की जानकारी मिली, जो दस्तावेजों में दी गई जानकारी से अलग थी।

इसके बाद तत्कालीन प्रभारी अधिकारी शिरीष पालव ने 11 जुलाई 2023 को टीम के साथ गणपति हॉस्पिटल का दौरा किया, परंतु डॉ. ढोणे ने कोई भी कागजात या रसीदें पेश नहीं कीं। आरोपियों ने बताया कि ईश्वर पवार और प्रदीप पाटिल ने उन्हें अस्पताल को पैनल में शामिल कराने में मदद की।



















बॉम्बे हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: गृह निर्माण संस्था की स्थापना के 4 माह के भीतर बिल्डर को ज़मीन सोसाइटी को सौंपनी होगी।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मकान ख़रीदारों के हितों की सुरक्षा की दिशा में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक और दूरगामी असर वाला फैसला सुनाया है। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि जैसे ही किसी हाउसिंग प्रोजेक्ट के अंतर्गत गृह निर्माण संस्था (हाउसिंग सोसाइटी) की स्थापना होती है, बिल्डर को अनिवार्य रूप से चार महीनों के भीतर उस ज़मीन का स्वामित्व सोसाइटी को सौंपना होगा, जिस पर वह प्रोजेक्ट विकसित किया गया है।

विवादों को रोकने की दिशा में बड़ा कदम

हाईकोर्ट का यह निर्णय ऐसे अनेक मामलों के मद्देनज़र आया है, जिनमें बिल्डर्स वर्षों तक ज़मीन अपने कब्ज़े में रखते हैं और सोसाइटी को हस्तांतरण नहीं करते, जिससे सोसाइटी को प्रॉपर्टी टैक्स, विकास कार्यों, मेंटेनेंस अधिकारों और कानूनी स्वायत्तता के संबंध में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

कानून का उल्लंघन माना जाएगा देरी

न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि बिल्डर तय समयसीमा में ज़मीन का हस्तांतरण नहीं करता, तो इसे महाराष्ट्र कोऑपरेटिव सोसायटी एक्ट और रियल एस्टेट (रेरा) कानून का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसे मामलों में कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

निवासियों को मिली बड़ी राहत

यह फैसला हज़ारों हाउसिंग सोसाइटीज़ के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, जो वर्षों से बिल्डरों की टालमटोल नीति के चलते अधिकारहीन बनी हुई थीं। कोर्ट ने राज्य सरकार और सहकारी सोसाइटी रजिस्ट्रार को निर्देश दिए हैं कि वे इस नियम का सख़्ती से पालन सुनिश्चित करें।

विशेषज्ञों की राय में...

रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय बिल्डरों को जवाबदेह बनाने में मदद करेगा और मकान खरीदारों को उनके वैध अधिकार दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही यह फैसला पूरे रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और नियमबद्धता की दिशा में भी एक अहम कदम है।

निष्कर्ष:

बॉम्बे हाईकोर्ट का यह फैसला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आम नागरिकों के हितों की रक्षा की दिशा में न्यायपालिका की सक्रिय भूमिका को भी दर्शाता है। यह उम्मीद की जा रही है कि अब भविष्य में बिल्डर्स द्वारा ज़मीन के हस्तांतरण में टालमटोल की प्रवृत्ति पर लगाम लगेगी और हाउसिंग सोसाइटीज़ को उनका पूरा अधिकार समय पर मिलेगा।












सोशल मीडिया से जुड़े मुंबई के सभी पुलिस स्टेशन, शिकायतों का होगा त्वरित समाधान"


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई पुलिस ने नागरिकों को बेहतर सेवा और पारदर्शिता प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब महानगर के हर पुलिस स्टेशन का अपना आधिकारिक 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) हैंडल होगा। इस डिजिटल पहल की घोषणा मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फणसालकर ने की। इसके अंतर्गत जहां हर पुलिस स्टेशन का अलग सोशल मीडिया हैंडल होगा, वहीं मुंबई पुलिस का एक समग्र आधिकारिक हैंडल भी सक्रिय रहेगा।

इस नई प्रणाली के माध्यम से नागरिक अब अपने क्षेत्रीय पुलिस स्टेशन से सीधे सोशल मीडिया के ज़रिए जुड़ सकेंगे। हर थाने का हैंडल क्षेत्रीय घटनाओं, चेतावनियों, और जनता की समस्याओं को लेकर अपडेट साझा करेगा। इसका उद्देश्य पुलिस और आम नागरिकों के बीच संवाद को मजबूत बनाना और सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देना है।

अपराध नियंत्रण और त्वरित कार्रवाई में मिलेगी मदद

मुंबई पुलिस आयुक्त ने कहा कि यह डिजिटल मंच शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करने में सहायक होगा। साथ ही यह अपराधों की रोकथाम और कानून व्यवस्था बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आपातकालीन सूचनाएं, यातायात अवरोध, और अन्य अहम जानकारी इन हैंडल्स के माध्यम से तत्काल जनता तक पहुंचेगी। इससे पुलिस और जनता के बीच विश्वास और सहयोग की भावना और मजबूत होगी।

ऐसे जुड़ें अपने क्षेत्रीय पुलिस स्टेशन से

मुंबई के हर पुलिस स्टेशन का अब अपना अलग 'एक्स' हैंडल होगा, जैसे @MumbaiPoliceZoneX। नागरिक अपने क्षेत्र के अनुसार संबंधित हैंडल को फॉलो कर सकते हैं। जैसे अगर कोई दादर पुलिस स्टेशन से जुड़ना चाहता है तो वह दादर के ज़ोन के अनुसार संबंधित हैंडल फॉलो कर सकता है।

नागरिकों की भागीदारी को मिलेगा बढ़ावा

मुंबई पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि, गुमशुदगी या असामान्य घटना की जानकारी इन सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से दें। इससे पुलिस त्वरित और प्रभावी कार्रवाई कर सकेगी। यह पहल न सिर्फ सुरक्षा को बढ़ाएगी, बल्कि पुलिस और नागरिकों के बीच संवाद और पारदर्शिता को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।












"डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों से प्रेरणा लेकर अन्याय के खिलाफ एकजुट हों: IRS अधिकारी समीर वानखेड़े"


 






मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ अधिकारी समीर वानखेड़े ने आज एक प्रेरणादायी संदेश देते हुए कहा कि हमें डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के सिद्धांतों को अपनाते हुए 'एकजुट हो, शिक्षित हो और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करो' के मूल मंत्र पर चलना चाहिए। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों में नया जोश भर रहा है।

IRS अधिकारी समीर वानखेड़े, जिन्होंने अपने सेवा काल में ईमानदारी और निष्पक्षता की मिसाल कायम की है, ने डॉ. आंबेडकर की जयंती के अवसर पर यह संदेश साझा किया। उन्होंने कहा कि आज के समय में जब समाज कई प्रकार के सामाजिक और आर्थिक अन्याय का सामना कर रहा है, ऐसे में हमें डॉ. आंबेडकर के मार्गदर्शन में एकजुट होकर न्याय और समानता की दिशा में कार्य करना चाहिए।

वानखेड़े ने विशेष रूप से युवाओं से अपील की कि वे शिक्षा को हथियार बनाकर समाज में बदलाव लाने की दिशा में कदम उठाएं और किसी भी प्रकार के भेदभाव के खिलाफ मजबूती से खड़े हों। उन्होंने कहा, "डॉ. आंबेडकर का सपना एक ऐसा भारत था जहाँ हर नागरिक को बराबरी का अधिकार मिले और कोई भी अन्याय के कारण पीछे न रह जाए। हमें उनके विचारों को न केवल याद रखना है, बल्कि उन्हें अपने जीवन में आत्मसात भी करना है।"

IRS अधिकारी समीर वानखेड़े का यह बयान न केवल उनके सामाजिक सरोकार को दर्शाता है, बल्कि यह देशभर में समानता और न्याय की भावना को और मजबूत करता है।