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‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी महाराज की 350वीं शहीदी गुरुपर्व पर महाराष्ट्र में भव्य आयोजन की घोषणा। पवन सिंधीजी को समिति का सह-अध्यक्ष नियुक्त किया गया।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी महाराज के 350वें शहीदी गुरुपर्व के पावन अवसर पर, देश और विदेश में भव्य स्मृति कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

महाराष्ट्र में इन कार्यक्रमों के सफल आयोजन हेतु महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मार्गदर्शन में महाराष्ट्र सरकार ने राज्यभर में इन समारोहों को आधिकारिक मंजूरी प्रदान की है।

इन आयोजनों की तैयारी और समन्वय के लिए गठित विशेष समिति में, श्री पवन सिंधीजी को सह-अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है।

इस अवसर पर पवन सिंधीजी ने कहा —

“मैं स्वयं को अत्यंत सौभाग्यशाली मानता हूँ कि मुझे ‘गुरु के पवित्र चरणों की सेवा’ का यह अमूल्य अवसर प्राप्त हुआ है। श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का जीवन त्याग, धर्म, और मानवता के सर्वोच्च आदर्शों का प्रतीक है। उनकी शिक्षाएँ आज भी समाज के प्रत्येक वर्ग को एकता, सद्भावना और भाईचारे* का संदेश देती हैं।”

सरकार के अनुसार, यह आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक होगा बल्कि राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सौहार्द और मानवता के मूल्यों को भी सशक्त करेगा।

राज्य के सभी जिलों में विशेष श्रद्धांजलि सभाएँ, सांस्कृतिक कार्यक्रम, एवं जनजागरण अभियान आयोजित किए जाएंगे।

👉 इन कार्यक्रमों का उद्देश्य है —

गुरु तेग बहादुर साहिब जी के अद्वितीय बलिदान** को जन-जन तक पहुँचाना

धर्म, न्याय और मानवाधिकारों की रक्षा** के उनके संदेश का प्रसार करना

युवा पीढ़ी को प्रेरित करना** कि वे *त्याग, सेवा और साहस* के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएँ

यह ऐतिहासिक आयोजन महाराष्ट्र सरकार, सिख समाज और विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं के संयुक्त प्रयास से एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महोत्सव का रूप लेगा।
























मुंबई क्राइम ब्रांच की बड़ी कार्रवाई: विक्रोली के 'Orange Meet' जापानी रेस्टोरेंट में अवैध हुक्का बार पर छापा, मालिक से पूछताछ जारी।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट-7 ने शनिवार रात एक महत्वपूर्ण कार्रवाई को अंजाम देते हुए विक्रोली (पश्चिम) स्थित एक प्रतिष्ठित जापानी रेस्टोरेंट ‘Orange Meet’ पर छापा मारा। यह छापा कैलास कॉम्प्लेक्स, पार्क साईट क्षेत्र में स्थित रेस्टोरेंट में अवैध रूप से संचालित हो रहे हुक्का बार के खिलाफ डाला गया।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस रेस्टोरेंट की आड़ में एक अवैध हुक्का बार चलाया जा रहा था, जिसकी गुप्त सूचना क्राइम ब्रांच को प्राप्त हुई थी। कार्रवाई के दौरान पुलिस टीम ने मौके से हुक्का सेट्स, फ्लेवर्ड तंबाकू और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है।

छापेमारी के समय रेस्टोरेंट में बड़ी संख्या में ग्राहक मौजूद थे। क्राइम ब्रांच अधिकारियों ने पूछताछ के बाद सामान्य ग्राहकों को छोड़ दिया, जबकि हुक्का पीते हुए पकड़े गए व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, रेस्टोरेंट के मालिक और वहां अवैध गतिविधि संचालित करने वाले अन्य संबंधित व्यक्तियों से गहन पूछताछ की जा रही है। इस मामले में कोटपा अधिनियम 2003 (COTPA) और एमवीए (Maharashtra Prohibition of Smoking in Public Places) अधिनियम के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है।

मुंबई पुलिस की यह कार्रवाई एक बार फिर यह दर्शाती है कि महानगर में अवैध गतिविधियों के खिलाफ कानून-व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जा रहा है। क्राइम ब्रांच की इस कार्रवाई को स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने सराहा है, जो कानून के दायरे में रहकर व्यवसाय कर रहे हैं।

मुंबई पुलिस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शहर में कानून तोड़ने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी और ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाए जाते रहेंगे।












मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में राज्य आरोग्य हमी सोसायटी की नियामक परिषद की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न, जन आरोग्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर गहन विमर्श।


 
















मुंबई: दिनेश मीरचंदानी

मुंबई में 15 सितंबर 2025 के दिन सह्याद्री अतिथिगृह, मंत्रीमंडल सभागृह, मुंबई में राज्य आरोग्य हमी सोसायटी की नियामक परिषद की एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने की। बैठक में महात्मा फुले जन आरोग्य योजना और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से जुड़ी नीतिगत विषयों पर गहन चर्चा की गई।

बैठक का उद्देश्य राज्य में जनस्वास्थ्य योजनाओं के समन्वय, क्रियान्वयन, बजट वितरण तथा सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करना रहा। जनसामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु कई अहम प्रस्तावों और सुझावों पर विचार किया गया।

इस बैठक में आयुष्मान भारत मिशन महाराष्ट्र समिति के अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश शेटे को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने योजनाओं की प्रगति पर प्रस्तुति दी और आवश्यक सुझाव साझा किए।

बैठक में उपस्थित रहे प्रमुख मंत्रीगण:

मंत्री श्री छगन भुजबळ

मंत्री श्री संजय शिरसाठ

मंत्री श्री प्रकाश आबिटकर (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से)

मंत्री श्रीमती अदिती तटकरे (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से)

बैठक में भाग लेने वाले अन्य प्रमुख अधिकारी:

माननीय मंत्री (चिकित्सा शिक्षा)

माननीय मंत्री (सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण)

माननीय राज्य मंत्री (चिकित्सा शिक्षा)

माननीय राज्य मंत्री (सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण)

माननीय मुख्य सचिव

सचिव-1 एवं सचिव-2 (सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग)

सचिव, चिकित्सा शिक्षा एवं औषधि द्रव्य विभाग

आयुक्त, स्वास्थ्य सेवा एवं अभियान संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन

मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य आरोग्य हमी सोसायटी

नियामक परिषद के सदस्य

संचालक, स्वास्थ्य सेवा संचालनालय

संचालक, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संचालनालय

साथ ही अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण एवं तकनीकी विशेषज्ञ

चर्चा के प्रमुख विषय:

जन आरोग्य योजनाओं के समन्वित क्रियान्वयन हेतु नीति सुधार

बजटीय प्रावधानों की समीक्षा व आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता

योजना लाभार्थियों तक सुगम और त्वरित पहुँच सुनिश्चित करने हेतु रणनीति

सरकारी और निजी अस्पतालों के समन्वय को लेकर मार्गदर्शक सिद्धांतों की रूपरेखा

अस्पतालों व आरोग्य केंद्रों में सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने हेतु सुझाव

मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने बैठक में कहा कि “राज्य सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी नागरिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रहे। इन योजनाओं का समुचित व पारदर्शी क्रियान्वयन हमारी प्राथमिकता है।”

यह बैठक राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में नीतिगत परिवर्तन और व्यवस्थित सुधारों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। आगामी महीनों में इन चर्चाओं के आधार पर कई व्यावहारिक निर्णय लिए जाने की संभावना जताई जा रही हैं।












लालबाग गणपति पंडाल में VIP–नॉन VIP दर्शन व्यवस्था पर विवाद गहराया, मानवाधिकार आयोग में शिकायत।


 





मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देश-विदेश में प्रसिद्ध लालबाग का राजा गणपति पंडाल इस बार दर्शन व्यवस्था को लेकर विवादों में आ गया है। गणेशोत्सव के दौरान लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बने इस पंडाल में दर्शन के लिए VIP और नॉन-VIP लाइनें अलग-अलग बनाए जाने को लेकर तीखी आपत्तियां दर्ज की जा रही हैं।

इसी संदर्भ में एडवोकेट आशीष राय और पंकज मिश्रा ने महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। उनका तर्क है कि धार्मिक आयोजन में VIP संस्कृति को बढ़ावा देना न केवल भक्तों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह सामाजिक समानता की भावना के भी खिलाफ है।

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि VIP दर्शन की सुविधा से आम श्रद्धालुओं को लंबे समय तक कठिन परिस्थितियों में कतारों में खड़ा रहना पड़ता है, जबकि कुछ चुनिंदा लोगों को विशेषाधिकार दिया जा रहा है। उन्होंने इसे धार्मिक भेदभाव और अन्यायपूर्ण व्यवस्था करार दिया है।

मानवाधिकार आयोग से की गई शिकायत में मांग की गई है कि आयोग तत्काल इस मामले पर संज्ञान ले और VIP–नॉन VIP दर्शन व्यवस्था को समाप्त करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी करे, ताकि हर भक्त को बिना भेदभाव के समान अवसर मिल सके।

👉 इस प्रकरण के सामने आने के बाद गणेश मंडल की भूमिका, प्रशासन की कार्यशैली और VIP संस्कृति पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी बड़ा रूप ले सकता है, क्योंकि यह सीधे तौर पर भक्तों की आस्था और अधिकारों से जुड़ा हुआ है।




















लालबाग का राजा दर्शन व्यवस्था पर मचा बवाल, भक्तों ने उठाई आवाज – ‘शिर्डी-तिरुपति जैसी हो सिस्टम’


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देश की सबसे भव्य और लोकप्रिय गणेश मंडलियों में से एक लालबाग का राजा इन दिनों चर्चा के केंद्र में है। गणेशोत्सव के दौरान लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन इस बार भक्तों की भीड़ के बीच एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।

सूत्रों के मुताबिक, कई श्रद्धालुओं की शिकायतें आ रही हैं कि दर्शन के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। भक्तों का कहना है कि उन्हें बिना पैसे दिए सुचारू रूप से दर्शन कर पाना मुश्किल हो रहा है। इन आरोपों के बाद अब मंडल की व्यवस्था और पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं।

विकलांग और सीनियर सिटीजन के लिए भी अलग से दर्शन की लाइन की व्यवस्था होनी चाहिए।

भक्तों की मांग – ‘पैड व फ्री दर्शन की आधिकारिक व्यवस्था’

भक्तों का मानना है कि लालबाग का राजा मंडल को शिर्डी साईं बाबा और तिरुपति बालाजी की तर्ज पर दर्शन व्यवस्था लागू करनी चाहिए।

फ्री दर्शन लाइन: सभी आम श्रद्धालुओं के लिए बिना किसी शुल्क के।

पैड दर्शन लाइन: उन भक्तों के लिए जो जल्दी दर्शन करना चाहते हैं और इसके लिए आधिकारिक टिकट खरीद सकते हैं।

श्रद्धालुओं का कहना है कि यदि यह व्यवस्था लागू की जाती है तो:

1. अव्यवस्था और अवैध वसूली पर रोक लगेगी।

2. भ्रष्टाचार समाप्त होगा और व्यवस्था पारदर्शी बनेगी।

3. मंडल की आधिकारिक आय में बढ़ोतरी होगी, जिससे समाजसेवा और लोकहितकारी कार्यों के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे।

विशेषज्ञों की राय

सामाजिक कार्यकर्ताओं और धार्मिक मामलों के जानकारों का कहना है कि लाखों की भीड़ को संभालने के लिए आधुनिक और पारदर्शी दर्शन व्यवस्था अनिवार्य है। उनका मानना है कि यदि मंडल इस दिशा में कदम उठाता है तो भक्तों का विश्वास और अधिक मजबूत होगा और लालबाग का राजा की प्रतिष्ठा भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी।

आगे की राह

अब सभी की निगाहें लालबाग का राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल पर टिकी हैं। क्या मंडल भक्तों की इस मांग पर विचार करेगा? क्या आने वाले समय में यहां शिर्डी और तिरुपति जैसी ऑफिशियल फ्री और पैड दर्शन व्यवस्था देखने को मिलेगी? इसका फैसला जल्द ही सामने आ सकता है।



















जॉली LLB 3 पर विवाद: हाईकोर्ट के वकीलों ने CBFC में दर्ज कराई शिकायत, न्यायपालिका की गरिमा भंग करने का आरोप।


 






मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

बॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म जॉली LLB 3 अपने रिलीज़ से पहले ही विवादों में घिर गई है। फिल्म के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष राय और पंकज मिश्रा ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि फिल्म की सामग्री न्यायपालिका की गरिमा को आहत करती है और वकील समुदाय की छवि को हास्यास्पद रूप में प्रस्तुत करती है।

शिकायत के मुख्य बिंदु:

फिल्म जॉली LLB 3 का रिलीज़ 19 सितंबर को प्रस्तावित है।

हाल ही में जारी टीज़र में वकीलों को “जोकर” की तरह लड़ते-झगड़ते दिखाया गया है, जिससे वकीलों की पेशेवर छवि को नकारात्मक रूप से पेश किया गया है।

फिल्म के संवाद और दृश्य अदालत की कार्यप्रणाली को मजाकिया ढंग से दिखाते हैं, जो न केवल वकीलों की प्रतिष्ठा बल्कि न्यायपालिका की गरिमा पर भी सीधा प्रहार माना जा रहा है।

इससे पहले फिल्म श्रृंखला की पिछली कड़ियों (जॉली LLB और जॉली LLB 2) में भी अदालतों और वकीलों को हास्य और व्यंग्य के माध्यम से चित्रित किया गया था।

शिकायतकर्ताओं की मांग:

शिकायत में स्पष्ट कहा गया है कि फिल्म निर्माता और कलाकार जानबूझकर न्यायिक संस्थानों की साख को ठेस पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका उद्देश्य न्यायपालिका का मज़ाक उड़ाकर व्यावसायिक लाभ कमाना है।

फिल्म को रिलीज़ से पहले दोबारा सेंसर किए जाने की मांग की गई है।

साथ ही, फिल्म को प्रमाणन या किसी भी प्रकार की मान्यता देने पर रोक लगाने का आग्रह भी किया गया है।

न्यायपालिका की गरिमा बनाम मनोरंजन

वकीलों का कहना है कि अदालत और न्यायिक कार्यप्रणाली समाज में विश्वास और न्याय की नींव हैं। ऐसे में, फिल्मों के माध्यम से इस गरिमा को भंग करना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक संकेत है।

अब देखना यह होगा कि CBFC इस शिकायत पर क्या रुख अपनाता है और क्या जॉली LLB 3 नियोजित तारीख पर रिलीज़ हो पाएगी या नहीं।




















गणेशोत्सव पर राज्यव्यापी " श्रीगणेशा आरोग्याचा "अभियान के तहद समुदाय आरोग्य शिबीर का आयोजन।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

गणेशोत्सव के पावन अवसर पर महाराष्ट्र सरकार ने एक व्यापक जनकल्याणकारी पहल की घोषणा की है। मुख्यमंत्री सचिवालय अंतर्गत मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कक्ष तथा धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष के समन्वय से पूरे राज्य में "श्रीगणेशा आरोग्य" अभियान के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे।

यह अभियान 27 अगस्त 2025 से 5 सितंबर 2025 तक सभी जिलों में चलाया जाएगा। इन शिविरों के माध्यम से नागरिकों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। साथ ही चिकित्सा सेवा, निदान, परामर्श और उपचारात्मक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी।

मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कक्ष ने जिला प्रशासन से अपील की है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्ध मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर, मेडिकल विद्यार्थी और पैरा मेडिकल स्टाफ इन शिविरों में सक्रिय सहयोग दें। इसके साथ ही आवश्यक चिकित्सा संसाधन, दवाइयाँ और उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएँ।

इन शिविरों के सफल आयोजन के लिए धर्मादाय अस्पताल, महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना से संबद्ध अस्पताल, जिला सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की अधीनस्थ संस्थाएँ, HLL, STEMI नेटवर्क, अन्न व औषधि प्रशासन, और सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा।

सरकार का मानना है कि यह सामुदायिक स्वास्थ्य अभियान न केवल गणेशोत्सव को सामाजिक-सेवा के रूप में सार्थक करेगा बल्कि नागरिकों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा।

👉 मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कोष एव धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष के दायित्व मे होगा।

यदि आपको किसी भी प्रकार का कार्य हो तो आप इस नंबर 022 2202 0045 पर संपर्क कर सकते हैं।















देश के जननायक: IRS अधिकारी समीर वानखेड़े के जीवन पर बनेगी मेगा बजट बॉलीवुड फिल्म।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देश के चर्चित और निर्भीक भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी समीर वानखेड़े के जीवन पर अब बॉलीवुड में मेगा बजट फिल्म बनने जा रही है। फिल्म का शीर्षक "देश के जननायक" रखा गया है, जिसमें उनके संघर्ष, साहस और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को बड़े पर्दे पर उतारा जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, यह फिल्म वास्तविक घटनाओं पर आधारित होगी और दर्शकों को यह दिखाएगी कि किस तरह समीर वानखेड़े ने दबावों और चुनौतियों के बावजूद अपने कर्तव्यों का पालन किया। बताया जा रहा है कि फिल्म का निर्माण बड़े स्तर पर किया जाएगा और इसके लिए शीर्ष स्तर के निर्देशक और कलाकारों से बातचीत जारी है।

फिल्म के निर्माता का कहना है कि “देश के जननायक” न सिर्फ एक अफसर की कहानी होगी, बल्कि यह न्याय, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का संदेश भी देगी। शूटिंग की शुरुआत इसी वर्ष होने की संभावना है और यह फिल्म अगले वर्ष बड़े पर्दे पर रिलीज हो सकती है।












व्यसनमुक्त भारत के दो प्रेरणास्रोत बने आंदोलन की पहचान । "अमृता फडणवीस और IRS समीर वानखेडे: व्यसनमुक्त महाराष्ट्र के असली ब्रांड एम्बेसडर"


 




मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र में व्यसनमुक्ति अभियान अब सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं रहा, बल्कि यह एक जनआंदोलन बन चुका है — और इस आंदोलन के दो सबसे मजबूत स्तंभ हैं श्रीमती अमृता फडणवीस और IRS अधिकारी समीर वानखेडे।

इन दोनों शख्सियतों ने समाज के हर तबके में जागरूकता फैलाकर, युवाओं को नशे के अंधेरे से बाहर निकालने की दिशा में अनुकरणीय कार्य किया है।

जहां अमृता फडणवीस ने संगीत, समाजसेवा और रचनात्मक अभियानों के माध्यम से युवा पीढ़ी में सामाजिक चेतना जागृत की, वहीं IRS समीर वानखेडे ने कानून और प्रशासनिक शक्ति के ज़रिए ड्रग माफिया के खिलाफ निर्णायक मोर्चा खोला — और अनेक चर्चित मामलों में कठोर कार्रवाई कर एक सशक्त उदाहरण पेश किया।

इनकी कर्मठता, निष्ठा और समाजहित में दिखाई गई प्रतिबद्धता ने महाराष्ट्र ही नहीं, पूरे भारत में उन्हें व्यसनमुक्त आंदोलन का चेहरा बना दिया है।

सिर्फ पद नहीं, प्रेरणा हैं ये दोनों नाम।
सिर्फ हस्ताक्षर नहीं, संकल्प हैं ये दोनों चेहरे।
और सबसे बढ़कर — "व्यसनमुक्त भारत" के सच्चे और जीवंत प्रतीक हैं।

🔴 आने वाली पीढ़ियां इन्हें याद रखेंगी —

एक ऐसे युगदूत के रूप में जिन्होंने “नशा मुक्त भारत” के सपने को आंदोलन की शक्ल दी, और हजारों युवाओं को नई दिशा दी।




















बॉम्बे हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: रिश्वतखोर अफसरों पर तुरंत होगी विभागीय कार्रवाई, दो साल में निपटाने होंगे सभी लंबित मामले।


 







मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 


17 जून 2025 के दिन भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी और ऐतिहासिक पहल करते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि रिश्वत लेते हुए पकड़े गए सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ राज्य सरकार तुरंत विभागीय कार्रवाई शुरू करे। मुख्य न्यायमूर्ति आलोक आराध्य और न्यायमूर्ति संदीप वी. मारने की खंडपीठ ने यह आदेश जनहित याचिका क्रमांक 26/2023 पर सुनवाई करते हुए दिया।

यह याचिका उल्हासनगर के आरटीआई कार्यकर्ता प्रकाश केसवानी और सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांडे द्वारा दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि महाराष्ट्र में कई सरकारी अधिकारी और कर्मचारी रंगेहाथ रिश्वत लेते पकड़े गए हैं, फिर भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही, और वर्षों से लंबित मामलों के बावजूद उन्हें पदोन्नति तक दी जा रही है।

न्यायालय की सख्त टिप्पणी:
न्यायालय ने सख्त लहजे में टिप्पणी की कि ऐसे मामलों में देरी जनहित के खिलाफ है और भ्रष्टाचार को संरक्षण देने जैसा है। कोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में लापरवाही या टालमटोल की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती।

सभी मामलों का दो वर्षों में निपटारा अनिवार्य:
उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र राज्य सरकार को आदेश दिया है कि भ्रष्टाचार से जुड़े जितने भी विभागीय प्रकरण लंबित हैं, उन्हें अधिकतम दो वर्षों के भीतर अनिवार्य रूप से निपटाया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि मामलों की प्रगति पर साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

राज्य सरकार की दलील खारिज:
राज्य सरकार के वकील ने दलील दी कि कुछ मामलों में जांच प्रक्रियाधीन है और शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। लेकिन न्यायालय ने यह तर्क अस्वीकार करते हुए स्पष्ट किया कि जांच को अनिश्चितकाल तक खींचना स्वीकार्य नहीं है और सभी मामलों में समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी।

भ्रष्टाचार के खिलाफ अब 'जीरो टॉलरेंस':
इस आदेश के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र में रिश्वतखोरों के खिलाफ अब नर्मी नहीं बरती जाएगी। न्यायालय ने जो रुख अपनाया है, वह न केवल लंबित मामलों को गति देगा, बल्कि भविष्य में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों को भी स्पष्ट चेतावनी देगा।

अब निगाहें राज्य सरकार पर टिकी हैं कि वह इस सख्त निर्देश का कितना प्रभावी और ईमानदार पालन करती है। यदि आदेशों का पालन सख्ती से होता है, तो यह फैसला महाराष्ट्र प्रशासन में ईमानदारी और पारदर्शिता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम सिद्ध हो सकता है।




















IRS अधिकारी समीर वानखेडे की स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक पर ऐतिहासिक उपस्थिति — राष्ट्रभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा का जीवंत उदाहरण।


 





मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देशभक्ति की भावना और राष्ट्रीय गौरव से सराबोर एक ऐतिहासिक क्षण उस समय साकार हुआ जब भारत सरकार के वरिष्ठ IRS अधिकारी समीर वानखेडे ने मुंबई के दादर स्थित स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक का औपचारिक दौरा किया। इस अवसर ने ना केवल स्वतंत्रता संग्राम के गौरवपूर्ण अध्याय को पुनः जीवित किया, बल्कि एक प्रशासनिक अधिकारी के संवेदनशील और राष्ट्रप्रेम से परिपूर्ण व्यक्तित्व को भी उजागर किया।

समीर वानखेडे ने इस स्मारक स्थल पर भारत के महान क्रांतिकारी स्वातंत्र्यवीर सावरकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके वंशज श्री रणजीत सावरकर से शिष्टाचार भेंट कर उनके योगदान को ससम्मान स्मरण किया।

इस अवसर पर उन्होंने भावुकता से कहा:

आज एक गर्व और श्रद्धा से भरा शक्तिशाली क्षण रहा जब मैंने स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक का दौरा किया — वह भूमि जहाँ भारत के सबसे प्रखर स्वतंत्रता सेनानी की प्रेरणादायक गूंज आज भी जीवंत है।

मैंने सावरकर जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की, उनके वीर वंशज श्री रणजीत सावरकर से भेंट की, और उस क्रांतिकारी की महान विरासत को नमन किया जिसने अपने साहस और अटूट संकल्प से एक पूरे साम्राज्य की नींव हिला दी थी।"

यह भेंट सिर्फ एक व्यक्तिगत श्रद्धांजलि नहीं थी, बल्कि आज के समय में प्रशासनिक सेवा में कार्यरत अधिकारियों के लिए एक प्रेरक दृष्टांत थी — कि कैसे इतिहास और राष्ट्रभक्ति से जुड़कर एक अधिकारी अपने कर्तव्यों को और भी अधिक दृढ़ता और समर्पण से निभा सकता है।

स्मारक परिसर में उपस्थित लोग भी इस अवसर पर भाव-विभोर हो उठे और समीर वानखेडे की राष्ट्रसेवा की भावना की सराहना करते हुए कहा कि "इस प्रकार की यात्राएं न केवल इतिहास का सम्मान हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक जीवंत प्रेरणा भी हैं।"

समीर वानखेडे की यह ऐतिहासिक उपस्थिति स्वतंत्रता संग्राम की स्मृतियों को पुनर्जीवित करती है और यह सिद्ध करती है कि वीर सावरकर जैसे महानायकों की विचारधारा आज भी सच्चे राष्ट्रसेवकों के मन में जीवित है।