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लालबाग गणपति पंडाल में VIP–नॉन VIP दर्शन व्यवस्था पर विवाद गहराया, मानवाधिकार आयोग में शिकायत।


 





मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देश-विदेश में प्रसिद्ध लालबाग का राजा गणपति पंडाल इस बार दर्शन व्यवस्था को लेकर विवादों में आ गया है। गणेशोत्सव के दौरान लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बने इस पंडाल में दर्शन के लिए VIP और नॉन-VIP लाइनें अलग-अलग बनाए जाने को लेकर तीखी आपत्तियां दर्ज की जा रही हैं।

इसी संदर्भ में एडवोकेट आशीष राय और पंकज मिश्रा ने महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। उनका तर्क है कि धार्मिक आयोजन में VIP संस्कृति को बढ़ावा देना न केवल भक्तों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह सामाजिक समानता की भावना के भी खिलाफ है।

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि VIP दर्शन की सुविधा से आम श्रद्धालुओं को लंबे समय तक कठिन परिस्थितियों में कतारों में खड़ा रहना पड़ता है, जबकि कुछ चुनिंदा लोगों को विशेषाधिकार दिया जा रहा है। उन्होंने इसे धार्मिक भेदभाव और अन्यायपूर्ण व्यवस्था करार दिया है।

मानवाधिकार आयोग से की गई शिकायत में मांग की गई है कि आयोग तत्काल इस मामले पर संज्ञान ले और VIP–नॉन VIP दर्शन व्यवस्था को समाप्त करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी करे, ताकि हर भक्त को बिना भेदभाव के समान अवसर मिल सके।

👉 इस प्रकरण के सामने आने के बाद गणेश मंडल की भूमिका, प्रशासन की कार्यशैली और VIP संस्कृति पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी बड़ा रूप ले सकता है, क्योंकि यह सीधे तौर पर भक्तों की आस्था और अधिकारों से जुड़ा हुआ है।




















लालबाग का राजा दर्शन व्यवस्था पर मचा बवाल, भक्तों ने उठाई आवाज – ‘शिर्डी-तिरुपति जैसी हो सिस्टम’


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देश की सबसे भव्य और लोकप्रिय गणेश मंडलियों में से एक लालबाग का राजा इन दिनों चर्चा के केंद्र में है। गणेशोत्सव के दौरान लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन इस बार भक्तों की भीड़ के बीच एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।

सूत्रों के मुताबिक, कई श्रद्धालुओं की शिकायतें आ रही हैं कि दर्शन के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। भक्तों का कहना है कि उन्हें बिना पैसे दिए सुचारू रूप से दर्शन कर पाना मुश्किल हो रहा है। इन आरोपों के बाद अब मंडल की व्यवस्था और पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं।

विकलांग और सीनियर सिटीजन के लिए भी अलग से दर्शन की लाइन की व्यवस्था होनी चाहिए।

भक्तों की मांग – ‘पैड व फ्री दर्शन की आधिकारिक व्यवस्था’

भक्तों का मानना है कि लालबाग का राजा मंडल को शिर्डी साईं बाबा और तिरुपति बालाजी की तर्ज पर दर्शन व्यवस्था लागू करनी चाहिए।

फ्री दर्शन लाइन: सभी आम श्रद्धालुओं के लिए बिना किसी शुल्क के।

पैड दर्शन लाइन: उन भक्तों के लिए जो जल्दी दर्शन करना चाहते हैं और इसके लिए आधिकारिक टिकट खरीद सकते हैं।

श्रद्धालुओं का कहना है कि यदि यह व्यवस्था लागू की जाती है तो:

1. अव्यवस्था और अवैध वसूली पर रोक लगेगी।

2. भ्रष्टाचार समाप्त होगा और व्यवस्था पारदर्शी बनेगी।

3. मंडल की आधिकारिक आय में बढ़ोतरी होगी, जिससे समाजसेवा और लोकहितकारी कार्यों के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे।

विशेषज्ञों की राय

सामाजिक कार्यकर्ताओं और धार्मिक मामलों के जानकारों का कहना है कि लाखों की भीड़ को संभालने के लिए आधुनिक और पारदर्शी दर्शन व्यवस्था अनिवार्य है। उनका मानना है कि यदि मंडल इस दिशा में कदम उठाता है तो भक्तों का विश्वास और अधिक मजबूत होगा और लालबाग का राजा की प्रतिष्ठा भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी।

आगे की राह

अब सभी की निगाहें लालबाग का राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल पर टिकी हैं। क्या मंडल भक्तों की इस मांग पर विचार करेगा? क्या आने वाले समय में यहां शिर्डी और तिरुपति जैसी ऑफिशियल फ्री और पैड दर्शन व्यवस्था देखने को मिलेगी? इसका फैसला जल्द ही सामने आ सकता है।



















जॉली LLB 3 पर विवाद: हाईकोर्ट के वकीलों ने CBFC में दर्ज कराई शिकायत, न्यायपालिका की गरिमा भंग करने का आरोप।


 






मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

बॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म जॉली LLB 3 अपने रिलीज़ से पहले ही विवादों में घिर गई है। फिल्म के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष राय और पंकज मिश्रा ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि फिल्म की सामग्री न्यायपालिका की गरिमा को आहत करती है और वकील समुदाय की छवि को हास्यास्पद रूप में प्रस्तुत करती है।

शिकायत के मुख्य बिंदु:

फिल्म जॉली LLB 3 का रिलीज़ 19 सितंबर को प्रस्तावित है।

हाल ही में जारी टीज़र में वकीलों को “जोकर” की तरह लड़ते-झगड़ते दिखाया गया है, जिससे वकीलों की पेशेवर छवि को नकारात्मक रूप से पेश किया गया है।

फिल्म के संवाद और दृश्य अदालत की कार्यप्रणाली को मजाकिया ढंग से दिखाते हैं, जो न केवल वकीलों की प्रतिष्ठा बल्कि न्यायपालिका की गरिमा पर भी सीधा प्रहार माना जा रहा है।

इससे पहले फिल्म श्रृंखला की पिछली कड़ियों (जॉली LLB और जॉली LLB 2) में भी अदालतों और वकीलों को हास्य और व्यंग्य के माध्यम से चित्रित किया गया था।

शिकायतकर्ताओं की मांग:

शिकायत में स्पष्ट कहा गया है कि फिल्म निर्माता और कलाकार जानबूझकर न्यायिक संस्थानों की साख को ठेस पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका उद्देश्य न्यायपालिका का मज़ाक उड़ाकर व्यावसायिक लाभ कमाना है।

फिल्म को रिलीज़ से पहले दोबारा सेंसर किए जाने की मांग की गई है।

साथ ही, फिल्म को प्रमाणन या किसी भी प्रकार की मान्यता देने पर रोक लगाने का आग्रह भी किया गया है।

न्यायपालिका की गरिमा बनाम मनोरंजन

वकीलों का कहना है कि अदालत और न्यायिक कार्यप्रणाली समाज में विश्वास और न्याय की नींव हैं। ऐसे में, फिल्मों के माध्यम से इस गरिमा को भंग करना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक संकेत है।

अब देखना यह होगा कि CBFC इस शिकायत पर क्या रुख अपनाता है और क्या जॉली LLB 3 नियोजित तारीख पर रिलीज़ हो पाएगी या नहीं।




















गणेशोत्सव पर राज्यव्यापी " श्रीगणेशा आरोग्याचा "अभियान के तहद समुदाय आरोग्य शिबीर का आयोजन।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

गणेशोत्सव के पावन अवसर पर महाराष्ट्र सरकार ने एक व्यापक जनकल्याणकारी पहल की घोषणा की है। मुख्यमंत्री सचिवालय अंतर्गत मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कक्ष तथा धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष के समन्वय से पूरे राज्य में "श्रीगणेशा आरोग्य" अभियान के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे।

यह अभियान 27 अगस्त 2025 से 5 सितंबर 2025 तक सभी जिलों में चलाया जाएगा। इन शिविरों के माध्यम से नागरिकों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। साथ ही चिकित्सा सेवा, निदान, परामर्श और उपचारात्मक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी।

मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कक्ष ने जिला प्रशासन से अपील की है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्ध मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर, मेडिकल विद्यार्थी और पैरा मेडिकल स्टाफ इन शिविरों में सक्रिय सहयोग दें। इसके साथ ही आवश्यक चिकित्सा संसाधन, दवाइयाँ और उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएँ।

इन शिविरों के सफल आयोजन के लिए धर्मादाय अस्पताल, महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना से संबद्ध अस्पताल, जिला सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की अधीनस्थ संस्थाएँ, HLL, STEMI नेटवर्क, अन्न व औषधि प्रशासन, और सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा।

सरकार का मानना है कि यह सामुदायिक स्वास्थ्य अभियान न केवल गणेशोत्सव को सामाजिक-सेवा के रूप में सार्थक करेगा बल्कि नागरिकों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा।

👉 मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कोष एव धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष के दायित्व मे होगा।

यदि आपको किसी भी प्रकार का कार्य हो तो आप इस नंबर 022 2202 0045 पर संपर्क कर सकते हैं।















देश के जननायक: IRS अधिकारी समीर वानखेड़े के जीवन पर बनेगी मेगा बजट बॉलीवुड फिल्म।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देश के चर्चित और निर्भीक भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी समीर वानखेड़े के जीवन पर अब बॉलीवुड में मेगा बजट फिल्म बनने जा रही है। फिल्म का शीर्षक "देश के जननायक" रखा गया है, जिसमें उनके संघर्ष, साहस और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को बड़े पर्दे पर उतारा जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, यह फिल्म वास्तविक घटनाओं पर आधारित होगी और दर्शकों को यह दिखाएगी कि किस तरह समीर वानखेड़े ने दबावों और चुनौतियों के बावजूद अपने कर्तव्यों का पालन किया। बताया जा रहा है कि फिल्म का निर्माण बड़े स्तर पर किया जाएगा और इसके लिए शीर्ष स्तर के निर्देशक और कलाकारों से बातचीत जारी है।

फिल्म के निर्माता का कहना है कि “देश के जननायक” न सिर्फ एक अफसर की कहानी होगी, बल्कि यह न्याय, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का संदेश भी देगी। शूटिंग की शुरुआत इसी वर्ष होने की संभावना है और यह फिल्म अगले वर्ष बड़े पर्दे पर रिलीज हो सकती है।












व्यसनमुक्त भारत के दो प्रेरणास्रोत बने आंदोलन की पहचान । "अमृता फडणवीस और IRS समीर वानखेडे: व्यसनमुक्त महाराष्ट्र के असली ब्रांड एम्बेसडर"


 




मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र में व्यसनमुक्ति अभियान अब सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं रहा, बल्कि यह एक जनआंदोलन बन चुका है — और इस आंदोलन के दो सबसे मजबूत स्तंभ हैं श्रीमती अमृता फडणवीस और IRS अधिकारी समीर वानखेडे।

इन दोनों शख्सियतों ने समाज के हर तबके में जागरूकता फैलाकर, युवाओं को नशे के अंधेरे से बाहर निकालने की दिशा में अनुकरणीय कार्य किया है।

जहां अमृता फडणवीस ने संगीत, समाजसेवा और रचनात्मक अभियानों के माध्यम से युवा पीढ़ी में सामाजिक चेतना जागृत की, वहीं IRS समीर वानखेडे ने कानून और प्रशासनिक शक्ति के ज़रिए ड्रग माफिया के खिलाफ निर्णायक मोर्चा खोला — और अनेक चर्चित मामलों में कठोर कार्रवाई कर एक सशक्त उदाहरण पेश किया।

इनकी कर्मठता, निष्ठा और समाजहित में दिखाई गई प्रतिबद्धता ने महाराष्ट्र ही नहीं, पूरे भारत में उन्हें व्यसनमुक्त आंदोलन का चेहरा बना दिया है।

सिर्फ पद नहीं, प्रेरणा हैं ये दोनों नाम।
सिर्फ हस्ताक्षर नहीं, संकल्प हैं ये दोनों चेहरे।
और सबसे बढ़कर — "व्यसनमुक्त भारत" के सच्चे और जीवंत प्रतीक हैं।

🔴 आने वाली पीढ़ियां इन्हें याद रखेंगी —

एक ऐसे युगदूत के रूप में जिन्होंने “नशा मुक्त भारत” के सपने को आंदोलन की शक्ल दी, और हजारों युवाओं को नई दिशा दी।




















बॉम्बे हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: रिश्वतखोर अफसरों पर तुरंत होगी विभागीय कार्रवाई, दो साल में निपटाने होंगे सभी लंबित मामले।


 







मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 


17 जून 2025 के दिन भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी और ऐतिहासिक पहल करते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि रिश्वत लेते हुए पकड़े गए सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ राज्य सरकार तुरंत विभागीय कार्रवाई शुरू करे। मुख्य न्यायमूर्ति आलोक आराध्य और न्यायमूर्ति संदीप वी. मारने की खंडपीठ ने यह आदेश जनहित याचिका क्रमांक 26/2023 पर सुनवाई करते हुए दिया।

यह याचिका उल्हासनगर के आरटीआई कार्यकर्ता प्रकाश केसवानी और सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांडे द्वारा दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि महाराष्ट्र में कई सरकारी अधिकारी और कर्मचारी रंगेहाथ रिश्वत लेते पकड़े गए हैं, फिर भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही, और वर्षों से लंबित मामलों के बावजूद उन्हें पदोन्नति तक दी जा रही है।

न्यायालय की सख्त टिप्पणी:
न्यायालय ने सख्त लहजे में टिप्पणी की कि ऐसे मामलों में देरी जनहित के खिलाफ है और भ्रष्टाचार को संरक्षण देने जैसा है। कोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में लापरवाही या टालमटोल की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती।

सभी मामलों का दो वर्षों में निपटारा अनिवार्य:
उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र राज्य सरकार को आदेश दिया है कि भ्रष्टाचार से जुड़े जितने भी विभागीय प्रकरण लंबित हैं, उन्हें अधिकतम दो वर्षों के भीतर अनिवार्य रूप से निपटाया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि मामलों की प्रगति पर साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

राज्य सरकार की दलील खारिज:
राज्य सरकार के वकील ने दलील दी कि कुछ मामलों में जांच प्रक्रियाधीन है और शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। लेकिन न्यायालय ने यह तर्क अस्वीकार करते हुए स्पष्ट किया कि जांच को अनिश्चितकाल तक खींचना स्वीकार्य नहीं है और सभी मामलों में समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी।

भ्रष्टाचार के खिलाफ अब 'जीरो टॉलरेंस':
इस आदेश के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र में रिश्वतखोरों के खिलाफ अब नर्मी नहीं बरती जाएगी। न्यायालय ने जो रुख अपनाया है, वह न केवल लंबित मामलों को गति देगा, बल्कि भविष्य में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों को भी स्पष्ट चेतावनी देगा।

अब निगाहें राज्य सरकार पर टिकी हैं कि वह इस सख्त निर्देश का कितना प्रभावी और ईमानदार पालन करती है। यदि आदेशों का पालन सख्ती से होता है, तो यह फैसला महाराष्ट्र प्रशासन में ईमानदारी और पारदर्शिता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम सिद्ध हो सकता है।




















IRS अधिकारी समीर वानखेडे की स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक पर ऐतिहासिक उपस्थिति — राष्ट्रभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा का जीवंत उदाहरण।


 





मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देशभक्ति की भावना और राष्ट्रीय गौरव से सराबोर एक ऐतिहासिक क्षण उस समय साकार हुआ जब भारत सरकार के वरिष्ठ IRS अधिकारी समीर वानखेडे ने मुंबई के दादर स्थित स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक का औपचारिक दौरा किया। इस अवसर ने ना केवल स्वतंत्रता संग्राम के गौरवपूर्ण अध्याय को पुनः जीवित किया, बल्कि एक प्रशासनिक अधिकारी के संवेदनशील और राष्ट्रप्रेम से परिपूर्ण व्यक्तित्व को भी उजागर किया।

समीर वानखेडे ने इस स्मारक स्थल पर भारत के महान क्रांतिकारी स्वातंत्र्यवीर सावरकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके वंशज श्री रणजीत सावरकर से शिष्टाचार भेंट कर उनके योगदान को ससम्मान स्मरण किया।

इस अवसर पर उन्होंने भावुकता से कहा:

आज एक गर्व और श्रद्धा से भरा शक्तिशाली क्षण रहा जब मैंने स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक का दौरा किया — वह भूमि जहाँ भारत के सबसे प्रखर स्वतंत्रता सेनानी की प्रेरणादायक गूंज आज भी जीवंत है।

मैंने सावरकर जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की, उनके वीर वंशज श्री रणजीत सावरकर से भेंट की, और उस क्रांतिकारी की महान विरासत को नमन किया जिसने अपने साहस और अटूट संकल्प से एक पूरे साम्राज्य की नींव हिला दी थी।"

यह भेंट सिर्फ एक व्यक्तिगत श्रद्धांजलि नहीं थी, बल्कि आज के समय में प्रशासनिक सेवा में कार्यरत अधिकारियों के लिए एक प्रेरक दृष्टांत थी — कि कैसे इतिहास और राष्ट्रभक्ति से जुड़कर एक अधिकारी अपने कर्तव्यों को और भी अधिक दृढ़ता और समर्पण से निभा सकता है।

स्मारक परिसर में उपस्थित लोग भी इस अवसर पर भाव-विभोर हो उठे और समीर वानखेडे की राष्ट्रसेवा की भावना की सराहना करते हुए कहा कि "इस प्रकार की यात्राएं न केवल इतिहास का सम्मान हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक जीवंत प्रेरणा भी हैं।"

समीर वानखेडे की यह ऐतिहासिक उपस्थिति स्वतंत्रता संग्राम की स्मृतियों को पुनर्जीवित करती है और यह सिद्ध करती है कि वीर सावरकर जैसे महानायकों की विचारधारा आज भी सच्चे राष्ट्रसेवकों के मन में जीवित है।












मुंबई में ड्रग्स माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी: समीर वानखेड़े की वापसी संभव!


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई में ड्रग्स माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए जल्द ही एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की शुरुआत हो सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चर्चित और सख्त माने जाने वाले IRS अधिकारी समीर वानखेड़े को मुंबई में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ तैनात किया जा सकता है।

समीर वानखेड़े, जो पहले NCB (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) में अपनी तेज-तर्रार कार्यशैली और हाई-प्रोफाइल केसों में कार्रवाई के लिए चर्चित रहे हैं, उनकी वापसी से एक बार फिर ड्रग्स तस्करी के खिलाफ कड़ी मुहिम छेड़ने की संभावना है। बता दें कि उन्होंने बॉलीवुड ड्रग्स केस, आर्यन खान प्रकरण जैसे कई चर्चित मामलों में भी प्रमुख भूमिका निभाई थी।

मुंबई में बढ़ती ड्रग्स तस्करी की घटनाएं, खासकर युवाओं को निशाना बनाने वाले रैकेट्स, प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। ऐसे में समीर वानखेड़े जैसे अनुभवी और निडर अफसर की वापसी को ड्रग्स माफियाओं के लिए "कड़ी चेतावनी" माना जा रहा है।

प्रशासनिक स्तर पर इस संबंध में अंतिम निर्णय जल्द लिया जा सकता है। यदि उनकी तैनाती होती है, तो मुंबई में ड्रग्स माफिया के खिलाफ एक निर्णायक और ऐतिहासिक अभियान की शुरुआत तय मानी जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक, वानखेड़े के कार्यशैली में "जीरो टॉलरेंस" नीति की छवि है, और उनकी वापसी से एक बार फिर अवैध गतिविधियों में संलिप्त अपराधियों में खलबली मच सकती है।

अब देखना ये होगा कि क्या समीर वानखेड़े की वापसी के साथ मुंबई को ड्रग्स मुक्त बनाने का अगला अध्याय शुरू होता है।












अमेज़न के खिलाफ विवादित "काली माँ" पुस्तक को लेकर मुंबई पुलिस कमिश्नर को सौंपी गई शिकायत, हिन्दू भावनाओं को आहत करने का आरोप।




मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

ई-कॉमर्स दिग्गज अमेज़न एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। इस बार मामला हिन्दू धर्म की आराध्य देवी काली माँ से संबंधित एक आपत्तिजनक पुस्तक को लेकर है, जिसे अमेज़न ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पिछले दो वर्षों से बेचे जाने का आरोप है। इस पुस्तक के कवर पर देवी काली को फाँसी के फंदे पर झूलता हुआ दर्शाया गया है, जिसे लेकर हिन्दू समाज की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है।

इस गंभीर मुद्दे को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट के अधिवक्ता आशीष राय और पंकज मिश्रा द्वारा मुंबई पुलिस कमिश्नर को आधिकारिक शिकायत सौंपी गई है। शिकायत में कहा गया है कि यह चित्रण न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करता है, बल्कि देश में आतंकी मानसिकता को बढ़ावा देने एवं शांति व्यवस्था भंग करने की साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है।

शिकायतकर्ताओं ने इस मामले में अमेज़न मुंबई अथवा अमेज़न इंडिया के जिम्मेदार संचालक अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर सख्त कानूनी कार्यवाही की मांग की है।

शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि अमेज़न जैसी वैश्विक ई-कॉमर्स कंपनियों को भारतीय संविधान, धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक संवेदनशीलता का सम्मान करना चाहिए, अन्यथा यह बार-बार ऐसे मामलों को बढ़ावा देने की छूट बन जाती है।

अब यह देखना होगा कि मुंबई पुलिस इस मामले में क्या रुख अपनाती है और क्या अमेज़न के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई होती है। मामला गंभीर है और देशभर में इसको लेकर धार्मिक संगठनों और आम नागरिकों में आक्रोश भी देखा जा रहा है।




















देशभक्ति और पर्यावरण संरक्षण का अद्वितीय संगम: ऑपरेशन सिंदूर के समर्पण कार्यक्रम में IRS अधिकारी समीर वानखेडे की गरिमामयी उपस्थिति।


 






मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई, आरे कॉलोनी: राष्ट्रप्रेम और हरित भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बना "ऑपरेशन सिंदूर" — एक भव्य आयोजन जो देश के वीर जवानों को समर्पित था। इस प्रेरणादायक कार्यक्रम में भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ अधिकारी श्री समीर वानखेडे ने विशिष्ट अतिथि के रूप में सहभागिता की। यह अवसर और भी विशेष हो गया जब उन्हें शिवसेना के माननीय सांसद श्री रविंद्र वायकर द्वारा आमंत्रित किया गया।

आरे की हरियाली में गूंजती देशभक्ति की भावना और प्रकृति से जुड़ाव की चेतना ने इस आयोजन को एक सामाजिक आंदोलन का रूप दे दिया। ऑपरेशन सिंदूर केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक राष्ट्र को जागरूक करने वाली पहल थी — जिसमें सफाई अभियान और वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।

इस अवसर पर श्री वानखेडे ने अपने संबोधन में कहा,

"हमारे सच्चे नायक वे सैनिक हैं जो सीमाओं पर अपने प्राणों की आहुति देते हैं। उनके बलिदान को केवल शब्दों में नहीं, कर्मों में भी याद किया जाना चाहिए। पर्यावरण की रक्षा और समाज के हित में कार्य करना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि है।"

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, समाजसेवी, अधिकारी और युवा स्वयंसेवक मौजूद थे, जिन्होंने हाथों में तिरंगा और दिलों में देश के लिए सम्मान लिए सफाई और पौधारोपण में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

ऑपरेशन सिंदूर उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा बना, जो राष्ट्र निर्माण में छोटे-छोटे सकारात्मक प्रयासों को भी महत्वपूर्ण मानते हैं। यह आयोजन न केवल जवानों को श्रद्धांजलि था, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को पर्यावरण और देशप्रेम के प्रति सजग करने का सार्थक प्रयास भी।

यह स्पष्ट है कि जब प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और आम जनता एकजुट होकर कार्य करें, तो देशभक्ति केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रहती — वह हर गली, हर पेड़, हर स्वच्छ पहल में जीवंत हो उठती है।




















IRS अधिकारी समीर वानखेड़े को मिलेगा डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत पुरस्कार — मुंबई बनेगा राष्ट्रीय गौरव का साक्षी।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देशभर के लिए गर्व का क्षण, जब भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ अधिकारी श्री समीर वानखेड़े को डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। वानखेड़े को यह पुरस्कार भारत में मादक पदार्थों के नेटवर्क के खिलाफ निर्णायक और साहसिक कार्रवाई के लिए दिया जा रहा है। उन्होंने कानून व्यवस्था और समाज की सुरक्षा को सुदृढ़ करने में जो योगदान दिया है, वह अतुलनीय और प्रेरणादायक है।

यह राष्ट्र स्तरीय सम्मान समारोह "मुंबई सीज़न-8" के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है, जिसकी संकल्पना एवं आयोजन प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती सोनिया मेयर्स द्वारा की गई है। यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम 30 मई 2025 को मुंबई के यशवंतराव चव्हाण केंद्र, मंत्रालय के पास, शाम 6 बजे आयोजित किया जाएगा।

कार्यक्रम की भव्यता को और अधिक गौरवपूर्ण बनाएंगे महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल श्री सी. पी. राधाकृष्णन, जो मुख्य अतिथि के रूप में इस समारोह में शिरकत करेंगे।

यह मंच शिक्षा, नवाचार, सामाजिक परिवर्तन और नेतृत्व के क्षेत्र में देश को दिशा देने वाले व्यक्तित्वों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करने के लिए समर्पित है। इस आयोजन में विविध क्षेत्रों के प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, अधिकारीगण और युवावर्ग बड़ी संख्या में उपस्थित रहेंगे।

एपीजेएमसी के सलीम शेख के सहयोग से हो रहा यह आयोजन न केवल एक सम्मान समारोह है, बल्कि यह युवाओं को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करने वाला एक ऐतिहासिक क्षण होगा।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने राष्ट्रनिर्माण, समाज-सुधार और नेतृत्व में अतुलनीय योगदान दिया हो। समीर वानखेड़े की सेवाएं इस दिशा में देश के लिए एक प्रेरणा और मिशन का रूप बन चुकी हैं।

यह आयोजन न केवल मुंबई बल्कि पूरे देश के लिए एक गौरवशाली उपलब्धि का प्रतीक बनकर उभरेगा, जो आने वाली पीढ़ियों को साहस, ईमानदारी और निष्ठा के साथ राष्ट्र की सेवा करने का संदेश देगा।












डॉ. श्रीपाद ढेकणे की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विशेष कार्य अधिकारी (OSD) पद पर नियुक्ति – प्रशासनिक कार्यप्रणाली को मिलेगा नया दृष्टिकोण।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 


महाराष्ट्र की राजनीतिक और प्रशासनिक दुनिया में एक महत्वपूर्ण विकास सामने आया है। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने डॉ. श्रीपाद ढेकणे को अपने विशेष कार्य अधिकारी (OSD) के रूप में नियुक्त किया है। यह निर्णय प्रशासनिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिससे राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन और नीति निर्माण को नई दिशा और गति मिलने की संभावना है।

डॉ. श्रीपाद ढेकणे प्रशासनिक क्षेत्र में एक स्थापित नाम हैं। उन्होंने पूर्व में विभिन्न शासकीय योजनाओं के नियोजन, क्रियान्वयन और मूल्यांकन में अपनी प्रभावशाली भूमिका निभाई है। नीति निर्माण, शासन तंत्र की बारीक समझ और योजनाओं के निष्पादन में उनकी दक्षता उन्हें इस उच्च पद के लिए एक उपयुक्त विकल्प बनाती है।

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, डॉ. ढेकणे की नियुक्ति से न केवल निर्णय प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप योजनाओं को प्रभावी ढंग से धरातल पर उतारने में भी मदद मिलेगी। यह कदम मुख्यमंत्री फडणवीस की टीम को और अधिक संगठित, व्यावसायिक और परिणाम-केंद्रित बनाएगा।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह नियुक्ति आगामी प्रशासनिक और विकासात्मक एजेंडा को मजबूती प्रदान करेगी, विशेषकर जब महाराष्ट्र विविध सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। डॉ. ढेकणे की विशेषज्ञता राज्य सरकार के ‘सुशासन’ के दृष्टिकोण को साकार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है और सभी संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश जारी किए जा चुके हैं। अब यह देखना रोचक होगा कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री कार्यालय की कार्यप्रणाली और प्रभावशीलता में किस प्रकार का सकारात्मक परिवर्तन दिखाई देता है।



















महाराष्ट्र दिवस पर हुआ है ज़िलास्तरीय मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष का भव्य उद्घाटन — जरूरतमंद मरीजों को मिलेगा स्थानीय स्तर पर लाभ।


 









मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र दिवस के पावन अवसर पर आज राज्य के प्रत्येक जिले में मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष का विधिवत उद्घाटन संबंधित जिले के पालक मंत्री, मंत्री या राज्यमंत्री के कर-कमलों द्वारा किया गया। यह निर्णय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देशानुसार लिया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को त्वरित व प्रभावी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है।

मुख्यमंत्री सहायता निधि के अंतर्गत मिलने वाली सहायता के लिए अब मरीजों और उनके परिजनों को बार-बार मंत्रालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। जिला स्तर पर शुरू किए गए इन कक्षों के माध्यम से सहायता की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, त्वरित और सुगम बनाया गया है।

मुख्यमंत्री फडणवीस के निर्देशानुसार 22 फरवरी 2025 को इस आशय का शासन निर्णय जारी किया गया था। इसके बाद 23 अप्रैल को स्वयं मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में संबंधित अधिकारियों को इन कक्षों को पूरी क्षमता से कार्यान्वित करने के निर्देश दिए गए थे।

मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष के प्रमुख रामेश्वर नाईक ने जानकारी देते हुए बताया कि अब राज्य के प्रत्येक जिलाधिकारी कार्यालय में यह कक्ष संचालित होगा। इससे मरीजों को उनके ही जिले में मदद मिल सकेगी।

मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष की मुख्य जिम्मेदारियां:

मरीजों व परिजनों को आवेदन प्रक्रिया में सहायता प्रदान करना

प्राप्त आवेदनों की वर्तमान स्थिति की जानकारी देना

मरीजों व परिजनों की समस्याओं का समाधान करना

सहायता प्राप्त मरीजों से अस्पताल जाकर संपर्क करना

कक्ष के प्रति जनजागृति व प्रचार-प्रसार करना

सहायता हेतु बीमारियों की सूची का पुनर्विलोकन करना

आपदा की स्थिति में जिले में तत्काल सहायता पहुंचाना

मुख्यमंत्री सहायता निधि में अधिकतम दान प्राप्त करने के प्रयास करना

आर्थिक सहायता योग्य बीमारियों की संख्या बढ़ाने का प्रयास करना

जनता को मिलने वाले प्रमुख लाभ:

आवेदन करने में मार्गदर्शन व सहायता

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची की सुविधा

संबंधित अस्पतालों की सूची की जानकारी

मंत्रालय तक पहुंचने की आवश्यकता नहीं

आवेदन की स्थिति जिलाधिकारी कार्यालय में ही ज्ञात होगी

यह पहल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की दूरदर्शी सोच को दर्शाती है, जिसका मूल उद्देश्य है—राज्य के प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य सेवा हेतु त्वरित सहायता सुनिश्चित करना। यह निर्णय न केवल प्रशासनिक दक्षता को दर्शाता है, बल्कि इससे जरूरतमंद नागरिकों में सरकार के प्रति विश्वास भी सुदृढ़ होगा।