मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
सियासत
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
महाराष्ट्र दिवस के पावन अवसर पर आज राज्य के प्रत्येक जिले में मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष का विधिवत उद्घाटन संबंधित जिले के पालक मंत्री, मंत्री या राज्यमंत्री के कर-कमलों द्वारा किया गया। यह निर्णय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देशानुसार लिया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को त्वरित व प्रभावी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है।
मुख्यमंत्री सहायता निधि के अंतर्गत मिलने वाली सहायता के लिए अब मरीजों और उनके परिजनों को बार-बार मंत्रालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। जिला स्तर पर शुरू किए गए इन कक्षों के माध्यम से सहायता की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, त्वरित और सुगम बनाया गया है।
मुख्यमंत्री फडणवीस के निर्देशानुसार 22 फरवरी 2025 को इस आशय का शासन निर्णय जारी किया गया था। इसके बाद 23 अप्रैल को स्वयं मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में संबंधित अधिकारियों को इन कक्षों को पूरी क्षमता से कार्यान्वित करने के निर्देश दिए गए थे।
मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष के प्रमुख रामेश्वर नाईक ने जानकारी देते हुए बताया कि अब राज्य के प्रत्येक जिलाधिकारी कार्यालय में यह कक्ष संचालित होगा। इससे मरीजों को उनके ही जिले में मदद मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष की मुख्य जिम्मेदारियां:
मरीजों व परिजनों को आवेदन प्रक्रिया में सहायता प्रदान करना
प्राप्त आवेदनों की वर्तमान स्थिति की जानकारी देना
मरीजों व परिजनों की समस्याओं का समाधान करना
सहायता प्राप्त मरीजों से अस्पताल जाकर संपर्क करना
कक्ष के प्रति जनजागृति व प्रचार-प्रसार करना
सहायता हेतु बीमारियों की सूची का पुनर्विलोकन करना
आपदा की स्थिति में जिले में तत्काल सहायता पहुंचाना
मुख्यमंत्री सहायता निधि में अधिकतम दान प्राप्त करने के प्रयास करना
आर्थिक सहायता योग्य बीमारियों की संख्या बढ़ाने का प्रयास करना
जनता को मिलने वाले प्रमुख लाभ:
आवेदन करने में मार्गदर्शन व सहायता
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची की सुविधा
संबंधित अस्पतालों की सूची की जानकारी
मंत्रालय तक पहुंचने की आवश्यकता नहीं
आवेदन की स्थिति जिलाधिकारी कार्यालय में ही ज्ञात होगी
यह पहल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की दूरदर्शी सोच को दर्शाती है, जिसका मूल उद्देश्य है—राज्य के प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य सेवा हेतु त्वरित सहायता सुनिश्चित करना। यह निर्णय न केवल प्रशासनिक दक्षता को दर्शाता है, बल्कि इससे जरूरतमंद नागरिकों में सरकार के प्रति विश्वास भी सुदृढ़ होगा।
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
महाराष्ट्र सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी देवेन भारती को मुंबई पुलिस आयुक्त का विशेष प्रभार सौंपा है। यह नियुक्ति मुंबई पुलिस प्रशासन में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखी जा रही है। देवेन भारती वर्तमान में महाराष्ट्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक (क़ानून और व्यवस्था) के पद पर कार्यरत हैं और उनकी गिनती राज्य के अनुभवी एवं तेजतर्रार अधिकारियों में होती है।
देवन भारती इससे पहले मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त (क़ानून और व्यवस्था) तथा एटीएस प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनके नेतृत्व में कई जटिल आपराधिक मामलों का सफलतापूर्वक समाधान हुआ है।
मुंबई जैसे देश के सबसे बड़े महानगर की कानून व्यवस्था को संभालना एक बड़ी जिम्मेदारी मानी जाती है, और देवेन भारती की नियुक्ति से इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि शहर में सुरक्षा और प्रशासनिक कार्यों को और अधिक कुशलता के साथ संचालित किया जाएगा।
इस अस्थायी जिम्मेदारी के पीछे प्रशासनिक फेरबदल और वर्तमान पुलिस आयुक्त की अनुपस्थिति या स्थानांतरण की संभावनाएं प्रमुख कारण मानी जा रही हैं। जल्द ही स्थायी नियुक्ति को लेकर भी निर्णय लिया जा सकता है।
मुंबई के मौजूदा पुलिस आयुक्त विवेक फणसळकर 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, और उनके उत्तराधिकारी को लेकर पुलिस विभाग तथा राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज़ हो गई है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सुरक्षा व्यवस्था की कमान किस वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को सौंपी जाएगी, इस पर अब सभी की निगाहें टिकी हैं।
पद के संभावित दावेदारों में ये नाम हैं प्रमुख
सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार के पास इस पद के लिए कई योग्य और अनुभवी अधिकारी मौजूद हैं। जिनके नाम सबसे अधिक चर्चा में हैं, उनमें रितेश कुमार, अर्चना त्यागी और देवेन भारती प्रमुख हैं।
रितेश कुमार (1992 बैच, आईपीएस): वर्तमान में सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। उनकी प्रशासनिक दक्षता और अनुभव उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाता है।
अर्चना त्यागी (1993 बैच, आईपीएस): यदि राज्य सरकार महिला नेतृत्व को प्राथमिकता देती है तो अर्चना त्यागी का नाम सबसे ऊपर है। वे मुंबई की पहली महिला पुलिस आयुक्त बनने की संभावना रखती हैं।
देवेन भारती (विशेष पुलिस आयुक्त): वर्तमान में मुंबई पुलिस में विशेष पुलिस आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। यदि सरकार नए आयुक्त की घोषणा फणसळकर के सेवानिवृत्त होने तक नहीं कर पाती है, तो उन्हें अंतरिम रूप से पुलिस आयुक्त का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा जा सकता है।
वहीं, 1990 बैच के वरिष्ठ अधिकारी सदानंद दाते और संजयकुमार वर्मा के नाम भी चर्चा में आए हैं, लेकिन दाते की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और वर्मा की हाल ही में पुलिस महानिदेशक पद पर नियुक्ति के चलते उनकी संभावनाएं कमजोर मानी जा रही हैं।
सरकार की घोषणा का इंतजार
मुंबई जैसे संवेदनशील और रणनीतिक शहर में पुलिस आयुक्त का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए महाराष्ट्र सरकार इस नियुक्ति में कोई जल्दबाज़ी नहीं करना चाहती। अगले कुछ दिनों में इस पद पर अंतिम निर्णय और घोषणा की संभावना है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मुंबई को पहली बार महिला पुलिस आयुक्त मिलती है या अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर रितेश कुमार या देवेन भारती को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाती है।
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को जनहित की दिशा में एक क्रांतिकारी मोड़ देते हुए सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल प्रकरण के बाद राज्य सरकार के विधि और न्याय विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए आदेश जारी किया है कि अब राज्य के सभी धर्मादाय अस्पतालों में ‘महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना’ और ‘आयुष्मान भारत योजना’ को अनिवार्य रूप से लागू करना होगा।
राज्य शासन की ओर से सोमवार को यह अहम अधिसूचना जारी की गई। इसमें स्पष्ट किया गया है कि कोई भी धर्मादाय अस्पताल इन दोनों जनकल्याणकारी योजनाओं से अलग नहीं रह सकता। यह निर्णय इस उद्देश्य से लिया गया है कि राज्य का कोई भी नागरिक महज़ आर्थिक कमजोरी के कारण इलाज से वंचित न रहे।
अब नहीं चलेगा बहाना, हर अस्पताल को देनी होगी मुफ्त चिकित्सा सुविधा
शासन ने सभी धर्मादाय अस्पतालों को निर्देशित किया है कि वे अनिवार्य रूप से इन योजनाओं के तहत मरीजों का उपचार करें। इन अस्पतालों को अपनी सेवाएं गरीब, वंचित और निम्न आय वर्ग के मरीजों के लिए सुलभ बनानी होंगी।
इस निर्णय को स्वास्थ्य के अधिकार को मजबूती देने वाला ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्य में चिकित्सा सेवाओं की पहुंच बेहतर होगी और इलाज का अधिकार हर जरूरतमंद तक पहुँचेगा।
धर्मादाय अस्पतालों की जवाबदेही बढ़ेगी, सरकार रहेगी सख्त निगरानी में
अब तक कई धर्मादाय अस्पताल इन योजनाओं को लागू नहीं कर रहे थे, जिससे हजारों मरीजों को इलाज से वंचित रहना पड़ता था। लेकिन अब शासन की सख्ती के चलते इन अस्पतालों की जवाबदेही तय होगी। यह आदेश न मानने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।
राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में संभावित बदलाव
इस फैसले के चलते भविष्य में महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था में बुनियादी परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। यह फैसला गरीब मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा।
जनहित में लिया गया यह निर्णय अब एक नई स्वास्थ्य क्रांति का सूत्रपात कर सकता है।
सरकार की यह सख्त और संवेदनशील पहल दिखाती है कि अब स्वास्थ्य केवल सेवा नहीं, बल्कि हर नागरिक का अधिकार है – और यह अधिकार अब हर धर्मादाय अस्पताल में अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाएगा।
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
देशभर में सुर्खियों में रहे दिशा सालियन मौत मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ सामने आया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस बहुचर्चित केस की सुनवाई 30 अप्रैल 2025 को तय की है। यह सुनवाई अब बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि याचिकाकर्ता ने महाराष्ट्र सरकार की गठित SIT पर सवाल उठाते हुए कोर्ट की निगरानी में एक नई, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की है।
इस याचिका में विशेष रूप से यह अनुरोध किया गया है कि नए SIT में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अनुभवी और निष्पक्ष अधिकारी शामिल किए जाएं, साथ ही दो बड़े नामों — राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के वरिष्ठ अधिकारी श्री सदानंद डेटे और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व अधिकारी श्री समीर वानखेड़े — को टीम में रखने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता के अनुसार, वर्तमान SIT की कार्यप्रणाली से न केवल जांच की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि इससे आम जनता का विश्वास भी डगमगा रहा है। उन्होंने कोर्ट से निवेदन किया है कि जांच की पूरी प्रक्रिया एक निष्पक्ष और न्यायिक निगरानी में की जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके और न्याय सुनिश्चित हो।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सरंग कोतवाल ने खुद इस मामले की संवेदनशीलता को स्वीकार करते हुए कहा:
“यह एक गंभीर और महत्वपूर्ण मामला है। हम इसे प्राथमिकता के साथ सुनेंगे और इसमें उचित सुनवाई की जाएगी।”
यह बयान आने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक हलचल तेज हो गई है। दिशा सालियन की मौत के रहस्यमय हालातों को लेकर पहले से ही कई सवाल उठते रहे हैं, और इस याचिका ने मामले को और अधिक गंभीर बना दिया है।
अब सभी की नजरें 30 अप्रैल की सुनवाई पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि क्या हाई कोर्ट राज्य सरकार की जांच टीम को खारिज कर एक नई, निष्पक्ष SIT गठित करने का आदेश देगा।
यह केस सिर्फ महाराष्ट्र नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी न्यायिक परीक्षा बन चुका है — जहां लोग उम्मीद कर रहे हैं कि न्याय के रास्ते में कोई बाधा न आए और सच्चाई सबके सामने आए।
मुंबई/उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
मकान ख़रीदारों के हितों की सुरक्षा की दिशा में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक और दूरगामी असर वाला फैसला सुनाया है। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि जैसे ही किसी हाउसिंग प्रोजेक्ट के अंतर्गत गृह निर्माण संस्था (हाउसिंग सोसाइटी) की स्थापना होती है, बिल्डर को अनिवार्य रूप से चार महीनों के भीतर उस ज़मीन का स्वामित्व सोसाइटी को सौंपना होगा, जिस पर वह प्रोजेक्ट विकसित किया गया है।
विवादों को रोकने की दिशा में बड़ा कदम
हाईकोर्ट का यह निर्णय ऐसे अनेक मामलों के मद्देनज़र आया है, जिनमें बिल्डर्स वर्षों तक ज़मीन अपने कब्ज़े में रखते हैं और सोसाइटी को हस्तांतरण नहीं करते, जिससे सोसाइटी को प्रॉपर्टी टैक्स, विकास कार्यों, मेंटेनेंस अधिकारों और कानूनी स्वायत्तता के संबंध में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
कानून का उल्लंघन माना जाएगा देरी
न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि बिल्डर तय समयसीमा में ज़मीन का हस्तांतरण नहीं करता, तो इसे महाराष्ट्र कोऑपरेटिव सोसायटी एक्ट और रियल एस्टेट (रेरा) कानून का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसे मामलों में कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
निवासियों को मिली बड़ी राहत
यह फैसला हज़ारों हाउसिंग सोसाइटीज़ के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, जो वर्षों से बिल्डरों की टालमटोल नीति के चलते अधिकारहीन बनी हुई थीं। कोर्ट ने राज्य सरकार और सहकारी सोसाइटी रजिस्ट्रार को निर्देश दिए हैं कि वे इस नियम का सख़्ती से पालन सुनिश्चित करें।
विशेषज्ञों की राय में...
रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय बिल्डरों को जवाबदेह बनाने में मदद करेगा और मकान खरीदारों को उनके वैध अधिकार दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही यह फैसला पूरे रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और नियमबद्धता की दिशा में भी एक अहम कदम है।
निष्कर्ष:
बॉम्बे हाईकोर्ट का यह फैसला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आम नागरिकों के हितों की रक्षा की दिशा में न्यायपालिका की सक्रिय भूमिका को भी दर्शाता है। यह उम्मीद की जा रही है कि अब भविष्य में बिल्डर्स द्वारा ज़मीन के हस्तांतरण में टालमटोल की प्रवृत्ति पर लगाम लगेगी और हाउसिंग सोसाइटीज़ को उनका पूरा अधिकार समय पर मिलेगा।
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
मुंबई पुलिस ने नागरिकों को बेहतर सेवा और पारदर्शिता प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब महानगर के हर पुलिस स्टेशन का अपना आधिकारिक 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) हैंडल होगा। इस डिजिटल पहल की घोषणा मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फणसालकर ने की। इसके अंतर्गत जहां हर पुलिस स्टेशन का अलग सोशल मीडिया हैंडल होगा, वहीं मुंबई पुलिस का एक समग्र आधिकारिक हैंडल भी सक्रिय रहेगा।
इस नई प्रणाली के माध्यम से नागरिक अब अपने क्षेत्रीय पुलिस स्टेशन से सीधे सोशल मीडिया के ज़रिए जुड़ सकेंगे। हर थाने का हैंडल क्षेत्रीय घटनाओं, चेतावनियों, और जनता की समस्याओं को लेकर अपडेट साझा करेगा। इसका उद्देश्य पुलिस और आम नागरिकों के बीच संवाद को मजबूत बनाना और सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देना है।
अपराध नियंत्रण और त्वरित कार्रवाई में मिलेगी मदद
मुंबई पुलिस आयुक्त ने कहा कि यह डिजिटल मंच शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करने में सहायक होगा। साथ ही यह अपराधों की रोकथाम और कानून व्यवस्था बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आपातकालीन सूचनाएं, यातायात अवरोध, और अन्य अहम जानकारी इन हैंडल्स के माध्यम से तत्काल जनता तक पहुंचेगी। इससे पुलिस और जनता के बीच विश्वास और सहयोग की भावना और मजबूत होगी।
ऐसे जुड़ें अपने क्षेत्रीय पुलिस स्टेशन से
मुंबई के हर पुलिस स्टेशन का अब अपना अलग 'एक्स' हैंडल होगा, जैसे @MumbaiPoliceZoneX। नागरिक अपने क्षेत्र के अनुसार संबंधित हैंडल को फॉलो कर सकते हैं। जैसे अगर कोई दादर पुलिस स्टेशन से जुड़ना चाहता है तो वह दादर के ज़ोन के अनुसार संबंधित हैंडल फॉलो कर सकता है।
नागरिकों की भागीदारी को मिलेगा बढ़ावा
मुंबई पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि, गुमशुदगी या असामान्य घटना की जानकारी इन सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से दें। इससे पुलिस त्वरित और प्रभावी कार्रवाई कर सकेगी। यह पहल न सिर्फ सुरक्षा को बढ़ाएगी, बल्कि पुलिस और नागरिकों के बीच संवाद और पारदर्शिता को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ अधिकारी समीर वानखेड़े ने आज एक प्रेरणादायी संदेश देते हुए कहा कि हमें डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के सिद्धांतों को अपनाते हुए 'एकजुट हो, शिक्षित हो और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करो' के मूल मंत्र पर चलना चाहिए। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों में नया जोश भर रहा है।
IRS अधिकारी समीर वानखेड़े, जिन्होंने अपने सेवा काल में ईमानदारी और निष्पक्षता की मिसाल कायम की है, ने डॉ. आंबेडकर की जयंती के अवसर पर यह संदेश साझा किया। उन्होंने कहा कि आज के समय में जब समाज कई प्रकार के सामाजिक और आर्थिक अन्याय का सामना कर रहा है, ऐसे में हमें डॉ. आंबेडकर के मार्गदर्शन में एकजुट होकर न्याय और समानता की दिशा में कार्य करना चाहिए।
वानखेड़े ने विशेष रूप से युवाओं से अपील की कि वे शिक्षा को हथियार बनाकर समाज में बदलाव लाने की दिशा में कदम उठाएं और किसी भी प्रकार के भेदभाव के खिलाफ मजबूती से खड़े हों। उन्होंने कहा, "डॉ. आंबेडकर का सपना एक ऐसा भारत था जहाँ हर नागरिक को बराबरी का अधिकार मिले और कोई भी अन्याय के कारण पीछे न रह जाए। हमें उनके विचारों को न केवल याद रखना है, बल्कि उन्हें अपने जीवन में आत्मसात भी करना है।"
IRS अधिकारी समीर वानखेड़े का यह बयान न केवल उनके सामाजिक सरोकार को दर्शाता है, बल्कि यह देशभर में समानता और न्याय की भावना को और मजबूत करता है।
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
सेवानिवृत्त IAS अधिकारी और मुंबई के पूर्व महानगर आयुक्त प्रवीण परदेशी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor - CEA) नियुक्त किया गया है। यह एक नवगठित पद है, जिसे केंद्र सरकार के आर्थिक सलाहकार मॉडल पर आधारित किया गया है। परदेशी को राज्य मंत्री का दर्जा प्रदान किया गया है और उनका कार्यकाल मुख्यमंत्री फडणवीस के कार्यकाल तक जारी रहेगा।
मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में प्रवीण परदेशी आर्थिक और सांख्यिकी निदेशालय तथा महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लिकेशन सेंटर का संचालन करेंगे। उन्हें राज्य की 'विजन 2047' नीति के विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा वे महाराष्ट्र की सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में वृद्धि लाने, कर प्रणाली, श्रम, भूमि एवं वित्तीय मुद्दों पर नीति निर्माण तथा सलाह देने का कार्य करेंगे। परदेशी राज्य मंत्रिमंडल को त्रैमासिक वित्तीय रिपोर्ट भी सौंपेंगे और विभिन्न नीतिगत प्रस्तावों के वित्तीय प्रभावों पर मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
अपने कार्यकाल में वे इलेक्ट्रिक वाहनों, MSMEs, हरित ऊर्जा, लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने की दिशा में नीति निर्माण पर विशेष ध्यान देंगे। साथ ही वे सीमा क्षेत्रों के विकास और जिला GDP पहल जैसे रणनीतिक कार्यक्रमों पर भी काम करेंगे।
प्रवीण परदेशी इससे पहले महाराष्ट्र सरकार के थिंक टैंक महाराष्ट्र इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन (MITRA) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रह चुके हैं। वर्तमान में वे मुंबई हेरिटेज कंज़र्वेशन कमेटी के अध्यक्ष और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के अध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत हैं।
उनके प्रशासनिक करियर में उन्होंने राज्य के वन सचिव, पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के सचिव, और मुख्यमंत्री फडणवीस के पूर्व कार्यकाल में अतिरिक्त मुख्य सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर सेवा दी है। उनकी नियुक्ति को महाराष्ट्र की आर्थिक नीति और विकास प्रक्रिया को नई दिशा देने के रूप में देखा जा रहा है।
अमरावती/मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
एक गरीब परिवार की बेटी, पूजा रसाले, जो गंभीर किडनी रोग से पीड़ित थी, उसे मुख्यमंत्री सहायता निधि की मदद से जीवनदान मिला है। पूजा की मां ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भावुक पत्र लिखकर इस अभूतपूर्व मदद के लिए हृदय से धन्यवाद प्रकट किया है।
पूजा को प्रारंभ में एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन वहां के उपचार का खर्च परिजनों की आर्थिक क्षमता से कहीं अधिक था। बाद में उसे एक सरकारी अस्पताल में ले जाया गया, जहाँ चिकित्सकों ने बताया कि उसकी किडनी में बड़े-बड़े छेद हो चुके हैं और किडनी की कार्यक्षमता अत्यंत कम हो गई है। ऐसे में इलाज का खर्च इस आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लिए असंभव था।
इस कठिन परिस्थिति में परिवार को श्री अनंत पारसकर के माध्यम से मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष, जिलाधिकारी कार्यालय, अमरावती की जानकारी मिली। वहाँ के कर्मचारियों और चिकित्सकों ने परिवार को पूरी संवेदनशीलता और समर्पण के साथ मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने न केवल सहायता निधि से संबंधित प्रक्रिया को सरल रूप में समझाया, बल्कि परिवार को हर आवश्यक सहायता भी उपलब्ध कराई।
इस सहयोग के चलते वर्धा, सावंगी स्थित अस्पताल में महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना तथा कुछ अतिरिक्त रियायतों के माध्यम से पूजा का सफल ऑपरेशन किया गया। अब पूजा की तबियत स्थिर है और वह तेजी से स्वस्थ हो रही है।
पूजा की मां ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष मुंबई के कक्ष प्रमुख श्री रामेश्वर नाईक, जिलाधिकारी कार्यालय अमरावती के समस्त अधिकारीगण, तथा सभी चिकित्सकों और कर्मचारियों का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने लिखा, "माननीय मुख्यमंत्री महोदय, आपके प्रयासों से मेरी बेटी की जान बच सकी है। इसके लिए मैं जीवन भर आपकी ऋणी रहूँगी।"
यह घटना न केवल सरकार की जनहितकारी योजनाओं की प्रभावशीलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी प्रमाणित करती है कि सही समय पर मिली सरकारी सहायता किसी परिवार के जीवन में चमत्कारिक बदलाव ला सकती है। मुख्यमंत्री सहायता निधि जैसे उपक्रम, ज़रूरतमंदों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं।
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को आकर्षित करने वाले एक इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर और उसके ड्राइवर पर नासिक की 19 वर्षीय युवती से नौकरी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का संगीन आरोप लगा है। इस घटना को लेकर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। यह मामला 16 फरवरी से 29 मार्च के बीच का बताया जा रहा है। पुलिस द्वारा बुधवार को इस संबंध में आधिकारिक बयान जारी किया गया।
मुख्य आरोपी: सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर सुरेंद्र पाटिल
मुख्य आरोपी की पहचान ठाणे जिले के डोंबिवली के पास ठाकुर्ली निवासी सुरेंद्र पाटिल के रूप में हुई है, जो इंस्टाग्राम पर शॉर्ट वीडियो बनाकर अपनी पहचान बना चुका है। पीड़िता ने मानपाड़ा पुलिस थाने में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया कि पाटिल ने उसे नौकरी देने के बहाने अपने कार्यालय बुलाया और वहां बंदूक की नोक पर उसका यौन शोषण किया। इसके अलावा, उसने पीड़िता को धमकी दी कि यदि उसने उसकी बात नहीं मानी, तो उसके माता-पिता को नुकसान पहुंचाया जाएगा।
मार्च 29 को बढ़ी घटनाएं, ऑडियो-वीडियो लीक करने की धमकी
एफआईआर के अनुसार, 29 मार्च को पाटिल ने पीड़िता को कार्यालय बुलाने का प्रयास किया, लेकिन जब उसने विरोध किया तो आरोपी ने उसे सोशल मीडिया पर कथित रूप से आपत्तिजनक ऑडियो और वीडियो वायरल करने की धमकी दी। इस दौरान, पाटिल और उसके ड्राइवर ने पीड़िता से दुर्व्यवहार किया।
गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज
पुलिस ने सुरेंद्र पाटिल और उसके ड्राइवर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिनमें धारा 64 (दुष्कर्म), धारा 74 (महिला की मर्यादा भंग करने के उद्देश्य से हमला), धारा 115(2) (चोट पहुंचाने की मंशा), धारा 351(2) (आपराधिक साजिश) और धारा 3(5) (सामूहिक आपराधिक मंशा) शामिल हैं। इसके अलावा, आर्म्स एक्ट के तहत भी प्रकरण दर्ज किया गया है।
आरोपी ने लगाए आरोपों को झूठा बताने के दावे
इस मामले में सुरेंद्र पाटिल ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे उनके खिलाफ साजिश करार दिया है। उसने दावा किया कि यह मामला केवल उससे धन उगाही करने के लिए दर्ज कराया गया है।
पुलिस जांच के घेरे में अन्य विवादित गतिविधियां
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पाटिल पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की कुर्सी पर बैठकर वीडियो बनाने, सोशल मीडिया पर भारी मात्रा में नकदी दिखाने और लाइसेंसी हथियार का गलत तरीके से उपयोग करने जैसे अन्य मामलों की भी जांच की जा रही है।
यह मामला सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के दुरुपयोग और ऑनलाइन ठगी के बढ़ते खतरों को उजागर करता है, जिससे कानून प्रवर्तन एजेंसियों को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
यह रिपोर्ट विस्तृत, पेशेवर और गंभीर भाषा में तैयार की गई है। यदि आप इसमें कोई अतिरिक्त जानकारी या बदलाव चाहते हैं, तो बता सकते हैं।
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज डॉ. ओमप्रकाश शेटे को आयुष्मान भारत मिशन महाराष्ट्र समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्त करने की घोषणा की। इस महत्वपूर्ण पद के साथ उन्हें विशेष दर्जा और अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान की गई हैं। मुख्यमंत्री ने उन पर गहरा विश्वास जताते हुए यह जिम्मेदारी सौंपी है।
सरकार द्वारा जारी संशोधित शासन निर्णय के अनुसार, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना को एकीकृत रूप से लागू करने की पूरी जिम्मेदारी समिति को दी गई है। इस नियुक्ति के साथ, महाराष्ट्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को अधिक प्रभावी और व्यापक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
डॉ. शेटे ने इस अवसर पर कहा कि वे मुख्यमंत्री द्वारा सौंपी गई इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभाएंगे और आम नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हमेशा से आमजन और जरूरतमंदों को सुलभ व सस्ती चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना रही है, और वे इस मिशन को सफल बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध रहेंगे।
यह निर्णय महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने और आम जनता को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
अमरावती के 23 वर्षीय नावेद अब्दुल नईम के लिए इस साल की ईद नई उम्मीद लेकर आई है। पिछले कुछ वर्षों से वह ब्लड कैंसर (तीव्र लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया) से संघर्ष कर रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री मा. श्री देवेंद्र फडणवीस की संवेदनशीलता और मुख्यमंत्री सहायता निधि व धर्मार्थ अस्पताल सहायता कक्ष के प्रमुख श्री रामेश्वर नाईक की तत्परता के चलते नावेद का इलाज मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में शुरू हो चुका है। उनकी तबीयत में धीरे-धीरे सुधार देखा जा रहा है।
परिवार के लिए बड़ा संकट – इलाज का खर्च सुनकर सन्न हुए पिता
कैंसर के कारण नावेद का वजन करीब 12 किलो घट चुका था। उनके शरीर में खून की भारी कमी, नाक और मुंह से रक्तस्राव, चक्कर आना जैसी गंभीर समस्याएं देखी जा रही थीं। वर्ष 2023 में पहली बार कैंसर का पता चलने के बाद दोबारा यह बीमारी सामने आने से परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। नावेद के पिता अमरावती में एक कपड़े की दुकान में कार्यरत हैं और तीन बेटियों की पढ़ाई व परिवार की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर है। ऐसे में 30 से 35 लाख रुपये का इलाज करवाना उनके लिए असंभव था। जब उन्होंने यह भारी-भरकम खर्च सुना, तो जैसे पैरों तले जमीन खिसक गई।
इस कठिन परिस्थिति में उन्होंने अमरावती के विधायक संजय खोड़के और सुलभा खोड़के से संपर्क किया, जिन्होंने उनकी स्थिति को समझते हुए मुख्यमंत्री सहायता निधि से आर्थिक मदद दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
संवेदनशील मुख्यमंत्री ने बढ़ाया मदद का हाथ
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की संवेदनशीलता के चलते नावेद को तुरंत आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई गई। श्री रामेश्वर नाईक के सहयोग से मुख्यमंत्री सहायता निधि से 2 लाख रुपये, टाटा ट्रस्ट से 15 लाख रुपये तथा शेष राशि धर्मार्थ अस्पताल सहायता से कोकिलाबेन अस्पताल और सिद्धिविनायक ट्रस्ट के जरिए उपलब्ध करवाई गई। इस सहयोग के चलते नावेद के इलाज का मार्ग प्रशस्त हुआ और मुंबई में उनके अत्याधुनिक उपचार की प्रक्रिया शुरू की गई।
इलाज में प्रगति – स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की तैयारी
फिलहाल, नावेद पर मिनी हाईपर CVAD कीमोथेरेपी और अन्य दवाओं का इलाज जारी है। उनकी 21 वर्षीय बहन की HLA संगतता परीक्षण में पुष्टि हो चुकी है, जिससे वह स्टेम सेल दाता बनने के लिए योग्य पाई गई हैं। 4 अप्रैल को उनके स्टेम सेल्स नावेद के शरीर में प्रत्यारोपित किए जाएंगे। डॉक्टरों के अनुसार, इस बोन मैरो ट्रांसप्लांट (BMT) से नावेद के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार आने की उम्मीद है। फिलहाल इलाज सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रहा है, जिससे परिवार में राहत और आशा का माहौल है।
परिवार की कृतज्ञता – मुख्यमंत्री को बताया 'रियल हीरो'
नावेद के परिवार ने मुख्यमंत्री मा. श्री देवेंद्र फडणवीस, कक्ष प्रमुख श्री रामेश्वर नाईक और उनकी पूरी टीम का आभार व्यक्त किया। नावेद की मां और बहनों ने भावुक होकर कहा, "नावेद हमारे लिए सिर्फ एक बेटा या भाई नहीं, बल्कि हमारी जिंदगी का सहारा है। कैंसर ने उसे कमजोर बना दिया था, लेकिन अब उसे मिली मदद से वह फिर से जिंदगी की जंग लड़ सकता है। हमारे लिए यह सबसे बड़ी ईद की सौगात है।"
नावेद के शब्द – 'मुख्यमंत्री ने हमें सच्ची ईदी दी'
मुख्यमंत्री सहायता निधि से मिली आर्थिक मदद और विभिन्न ट्रस्टों के सहयोग से हो रहा इलाज मेरे और मेरे परिवार के लिए अमूल्य है। मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने मदद का हाथ आगे नहीं बढ़ाया होता, तो शायद मेरा इलाज ही संभव नहीं हो पाता। इसकी कल्पना भी करना मुश्किल है! आज मेरे इलाज की राह खुली है, यही मेरे और मेरे परिवार के लिए 'सच्ची ईदी' है।" – नावेद अब्दुल नईम।
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
समाज सुधार और निष्पक्ष न्याय की दिशा में एक नई पहल के रूप में "समीर वानखेडे विचार मंच" अपने पहले आधिकारिक कार्यालय का उद्घाटन कर रहा है। यह ऐतिहासिक क्षण रविवार, 30 मार्च 2025, सुबह 09:00 बजे संपन्न होगा।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर मा. श्री. समीर वानखेडे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। उनके साथ गृहगृहिणी मा. सौ. क्रांती रेडकर वानखेडे भी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगी। यह आयोजन ऐंड मिलिंग कैफे, कार्यालय क्रमांक 13, लोटस क्राउन, जवाहर नगर, एस वी रोड, गौरव परिसर, मुंबई - 400104 में आयोजित किया जाएगा।
विचार मंच का उद्देश्य:
समीर वानखेडे विचार मंच केवल एक कार्यालय तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह विचारों, नीतियों और समाज के हित में बदलाव की नई लहर का सूत्रधार बनेगा। यह मंच समाज के हितों की रक्षा, न्याय व्यवस्था में पारदर्शिता और सामाजिक विकास की दिशा में सक्रिय रहेगा।
समाज के लिए एक महत्वपूर्ण पहल
समाजहित में कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्थानों के लिए यह विचार मंच एक नया मंच प्रदान करेगा, जहां समसामयिक मुद्दों पर मंथन और निर्णय लिए जाएंगे। मंच का उद्देश्य समाज में जागरूकता फैलाना और न्याय की राह में बाधाओं को दूर करना है।
समाज की ताकत – आपकी उपस्थिति
इस शुभ अवसर पर हम समाज के सभी प्रबुद्ध नागरिकों, विचारकों और हितधारकों से निवेदन करते हैं कि वे अपनी उपस्थिति से इस आयोजन को सफल बनाएं। "आपकी उपस्थिति ही हमारी ताकत है!"
निमंत्रक:
मा. श्री. समीर वानखेडे विचार मंच, महाराष्ट्र राज्य
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