उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
सियासत
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
महाराष्ट्र पुलिस बल में उत्कृष्ट सेवाओं और उल्लेखनीय कर्तव्यनिष्ठा के लिए उल्हासनगर-१ पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्री विष्णु ताम्हाणे को प्रतिष्ठित "पुलिस महानिदेशक सम्मानचिह्न" (Director General's Insignia) प्रदान किया गया है। यह सम्मान महाराष्ट्र राज्य पुलिस के सर्वोच्च अधिकारियों में से एक, पुलिस महानिदेशक द्वारा उन पुलिसकर्मियों को दिया जाता है जिन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में अनुकरणीय प्रदर्शन किया हो।
श्री ताम्हाणे ने अपराध नियंत्रण, जनता के साथ बेहतर समन्वय, और पुलिस विभाग की छवि को सकारात्मक दिशा में अग्रसर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता, तीव्र निर्णय क्षमता और निष्पक्ष जांच प्रक्रिया के चलते उन्होंने कई जटिल मामलों को सफलतापूर्वक सुलझाया है, जिससे न केवल विभाग बल्कि आम जनता का भी विश्वास पुलिस तंत्र में और सुदृढ़ हुआ है।
इस सम्मान की घोषणा के साथ ही उल्हासनगर पुलिस विभाग में हर्ष और गर्व की लहर है। वरिष्ठ अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों ने श्री ताम्हाणे को इस उपलब्धि पर बधाई दी है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
यह सम्मान न केवल श्री ताम्हाणे की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह पूरे पुलिस बल के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है, जो कर्तव्यपरायणता, ईमानदारी और जनसेवा के मूल सिद्धांतों को मजबूती प्रदान करता है।
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
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उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
शहर के प्रमुख व व्यस्ततम व्यापारिक केंद्रों में से एक, नेहरू चौक स्थित साड़ी बाजार में इन दिनों बिजली की भारी समस्या देखने को मिल रही है। यह क्षेत्र न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि आसपास के क्षेत्रों से आने वाले ग्राहकों के लिए भी प्रमुख खरीदारी स्थल माना जाता है, लेकिन पिछले कई दिनों से यहां बिजली की लगातार समस्या बनी हुई है, जिससे व्यापारियों और ग्राहकों दोनों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
व्यापारियों का कहना है कि दिनभर बिजली गुल रहने से न केवल ग्राहकों की आवाजाही में कमी आई है, बल्कि उनके व्यवसाय पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। कई दुकानों में एयर कंडीशनर, लाइटिंग और इलेक्ट्रॉनिक बिलिंग सिस्टम काम नहीं कर पा रहे हैं, जिससे व्यवसाय संचालन में दिक्कतें आ रही हैं।
स्थानीय व्यापार मंडल ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए संबंधित विभाग से जल्द समाधान की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो व्यापारिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं और बाजार की साख पर भी असर पड़ सकता है।
ग्राहकों का भी कहना है कि भीषण गर्मी में बिजली न होने के कारण बाजार में खरीदारी करना बेहद मुश्किल हो गया है। अंधेरे और गर्मी के कारण लोग बाजार का रुख करने से बच रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन और बिजली विभाग को चाहिए कि वे इस समस्या का तुरंत संज्ञान लें और बाजार क्षेत्र में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करें, ताकि व्यापारियों और ग्राहकों को राहत मिल सके और बाजार की रौनक बरकरार रह सके।
रोज़ एक फेज़ बंद रहता है, कभी लाइट वापस भी आती है तो भी एक फेज़ बंद ही रहता है। ये रोज़ का ही मामला हो गया है।
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संगठनात्मक मजबूती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हरेश भाटिया को भाजपा 3(बी) उल्हासनगर मंडल का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति न केवल पार्टी की आंतरिक संरचना को सशक्त बनाने की दिशा में निर्णायक मानी जा रही है, बल्कि आगामी स्थानीय चुनावों की रणनीति का भी अहम हिस्सा मानी जा रही है।
भाजपा की इस घोषणा के साथ ही कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों में उत्साह की लहर दौड़ गई है। हरेश भाटिया एक अनुभवी, जनप्रिय और सामाजिक सरोकारों से जुड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने वर्षों तक संगठन में विभिन्न जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया है और जनता के बीच उनकी छवि एक ईमानदार, समर्पित और जमीनी नेता की बनी हुई है।
भाजपा नेतृत्व ने जताया विश्वास:
पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने इस नियुक्ति को संगठन के लिए ‘नई ऊर्जा का संचार’ बताते हुए कहा कि भाटिया का नेतृत्व मंडल को एक नई दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके अनुभव और संगठनात्मक क्षमता से न केवल पार्टी कार्यकर्ता सशक्त होंगे, बल्कि क्षेत्रीय स्तर पर भाजपा की पकड़ और मजबूत होगी।
भाटिया का संकल्प:
नव-नियुक्त मंडल अध्यक्ष हरेश भाटिया ने अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“मैं भाजपा नेतृत्व का हृदय से आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास जताया। यह जिम्मेदारी मेरे लिए केवल एक पद नहीं, बल्कि एक सेवा का अवसर है। मेरी प्राथमिकता रहेगी संगठन को मजबूत करना, जनसेवा को प्राथमिकता देना और क्षेत्र के विकास को गति देना।”
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि पार्टी की विचारधारा को आम जनता तक पहुंचाने के लिए आने वाले दिनों में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा।
स्थानीय कार्यकर्ताओं में उत्साह:
भाटिया की नियुक्ति से मंडल में उत्साह और नई ऊर्जा का संचार देखने को मिल रहा है। स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनकी अगुवाई में संगठन को नई दिशा मिलेगी और युवाओं को भी प्रेरणा प्राप्त होगी। भाजपा के नगर और जिला स्तर के नेताओं ने भी उन्हें बधाई देते हुए कहा कि यह निर्णय पार्टी के हित में दूरदर्शिता से लिया गया कदम है।
राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम कदम:
यह नियुक्ति उस समय की गई है जब महानगर पालिका चुनावों की तैयारी जोरों पर है। ऐसे समय में संगठन को एक अनुभवी, लोकप्रिय और मजबूत नेतृत्व देने का निर्णय भाजपा की रणनीतिक सोच को दर्शाता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाटिया जैसे नेताओं की सक्रियता पार्टी को आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण बढ़त दिला सकती है।
निष्कर्ष:
हरेश भाटिया की मंडल अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति केवल एक संगठनात्मक बदलाव नहीं, बल्कि भाजपा के भविष्य की दिशा तय करने वाला कदम है। उनके नेतृत्व में भाजपा 3(बी) उल्हासनगर मंडल न केवल मजबूत होगा, बल्कि क्षेत्र की राजनीति में भी एक नया प्रभाव उत्पन्न करेगा।
मुंबई/उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर में बिल्डर्स और डेवेलपर्स के सबसे बड़े संगठन उल्हासनगर बिल्डर्स एंड डेवेलपर्स एसोसिएशन की वार्षिक आमसभा एक ऐतिहासिक अवसर साबित हुई, जहाँ सभी प्रमुख पदों पर निर्विरोध चयन हुआ और पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण ढंग से संपन्न हुई।
इस आमसभा में संगठन की एकजुटता और आपसी समझ की शानदार मिसाल देखने को मिली, जहां किसी भी पद के लिए कोई विरोध नहीं हुआ, और सभी पदाधिकारी सर्वसम्मति से चुने गए।
निर्विरोध चुने गए प्रमुख पदाधिकारी:
चेयरमैन: श्री भारत गंगोत्री
सेक्रेटरी: श्री अमर जगियासी
कोषाध्यक्ष: श्री भगवान माखिजा
तीनों प्रमुख पदों पर निर्विरोध निर्वाचन ने संगठन की एकजुटता और नेतृत्व में विश्वास को दर्शाया। यह स्पष्ट संकेत है कि संगठन अपने भविष्य को लेकर एक राय है और एक मजबूत नेतृत्व के साथ आगे बढ़ना चाहता है।
13 सदस्यीय कार्यकारिणी समिति इस प्रकार है:
1. भारत गंगोत्री (चेयरमैन)
2. अमर जगियासी (सेक्रेटरी)
3. भगवान माखिजा (कोषाध्यक्ष)
4. अनिल होठचंदानी
5. बृजेश नंदवानी
6. दिनेश लहरानी
7. गोपाल रोहरा
8. हरेश हरिसिंगानी
9. कमल डेम्बा
10. कुमार वाधवा
11. राजेश गेमनानी
12. सुनील गुरदासानी
13. सुरेश थदानी
बैठक के दौरान सदस्यों ने नव-निर्वाचित टीम को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि यह टीम बिल्डर्स व डेवेलपर्स की समस्याओं को प्रभावी रूप से उठाएगी, और साथ ही उल्हासनगर शहर के समग्र विकास में एक मजबूत भागीदारी निभाएगी।
बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने एक स्वर में संगठन की एकता, सहयोग और सकारात्मक सोच की सराहना की। यह निर्विरोध चयन न सिर्फ संगठन की परिपक्वता का प्रतीक है, बल्कि भविष्य के लिए एक मजबूत नींव भी है।
नवगठित समिति को हार्दिक शुभकामनाएं!
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर में इन दिनों खुलेआम चल रही Win Game ऑनलाइन लॉटरी ने पूरे शहर को अपनी चपेट में ले लिया है। जगह-जगह अड्डे बन चुके हैं, जहां सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक बिना किसी रोक-टोक के नंबरों का खेल खेला जा रहा है। इसे "स्किल गेम" बताकर वैधता का नकाब पहनाया जा रहा है, लेकिन असलियत यह है कि इसमें न कोई स्किल है और न ही कोई वैध प्रोसेस — बस सीधा पैसा लगाओ और हार-जीत का इंतजार करो।
हालांकि Bombay High Court ने अपने एक पुराने आदेश में कहा था कि अगर गेम में 15 मिनट में कोई स्किल-बेस्ड टास्क हल कर के नंबर लगाए जाते हैं, तो उसे स्किल गेम माना जा सकता है। मगर उल्हासनगर में ऐसा कुछ नहीं होता! यहां सिर्फ नंबर (आंकड़ा) लगते हैं और पैसे की हार-जीत चलती है — यानी पूरा सिस्टम लॉटरी जैसा और अवैध है।
अब बर्दाश्त नहीं: उल्हासनगर के NGO, समाजसेवी संगठन और पत्रकार करेंगे मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दायर
इस गंभीर मुद्दे पर अब उल्हासनगर के कई समाजिक संगठन, NGO और जागरूक पत्रकार एकजुट हो गए हैं। जल्द ही मुंबई हाईकोर्ट में एक रिव्यू पिटीशन या जनहित याचिका (PIL) दाखिल की जाएगी, जिसमें कोर्ट से अपील की जाएगी कि उल्हासनगर और अन्य शहरों में चल रहे इस फर्जी "स्किल गेम" की सच्चाई सामने लाई जाए और ऐसे अड्डों को तुरंत बंद करवाया जाए।
युवाओं का भविष्य अधर में
यह गेम सैकड़ों युवाओं को लत में धकेल चुका है, जो दिनभर इसी खेल में पैसा हारते और मानसिक तनाव में जीते हैं। यह सिर्फ एक ऑनलाइन लॉटरी नहीं, बल्कि एक सामाजिक बीमारी बन चुकी है, जिसे अब कानून के माध्यम से जड़ से उखाड़ फेंकना जरूरी हो गया है।
प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
जब सब कुछ खुलेआम हो रहा है, तो आखिर प्रशासन क्यों चुप है? क्या ये अड्डे किसी राजनीतिक संरक्षण में चल रहे हैं? क्या इनसे होने वाला "गुप्त लाभ" कानून पर भारी पड़ रहा है?
अब वक्त आ गया है कि अदालत का दरवाजा खटखटाया जाए – और उल्हासनगर को इस डिजिटल जुए के चंगुल से आज़ाद कराया जाए।
"Win Game" नहीं, ये है "Trap Game" – जिसमें फंसकर बर्बाद हो रहा है उल्हासनगर का युवा वर्ग।
उल्हासनगर सेक्शन 17 बना अपराध और अव्यवस्था का अड्डा, पुलिस और महानगर पालिका की चुप्पी पर उठे सवाल..!
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर का सेक्शन 17 इलाका अब रात के समय एक अनियंत्रित बाजार का रूप ले चुका है, जहां अवैध रूप से चल रही नाश्ते की दुकानें, ठेले और हाथगाड़ियां न सिर्फ ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था का कारण बन रही हैं, बल्कि क्षेत्र में अपराध दर में भी इजाफा कर रही हैं। इन दुकानों की अधिकतर गतिविधियां देर रात तक जारी रहती हैं, जिससे स्थानीय नागरिकों में असुरक्षा का माहौल व्याप्त हो गया है।
अपराध और झगड़ों का अड्डा बना सेक्शन 17 चौक:
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन अवैध दुकानों के कारण पहले भी कई बार झगड़े और हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं। विशेष रूप से सेक्शन 17 चौक पर आए दिन होने वाले विवाद अब आम बात बन गए हैं। लोगों का यह भी कहना है कि देर रात यहां नशाखोरी, ऊंची आवाज में गाली-गलौच और छोटे-मोटे अपराधों की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
फूड लाइसेंस के बिना बिक रहा है खाना:
जांच में यह भी सामने आया है कि इन दुकानों में से कई के पास आवश्यक फूड लाइसेंस तक नहीं हैं। बिना लाइसेंस के खुलेआम खाद्य सामग्री बेचना न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि यह कानून का भी उल्लंघन है।
क्या पुलिस की मिलीभगत है जिम्मेदार?
इन अवैध नाश्ते वालों पर पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं कर रही? क्या पुलिस का मौन समर्थन इन्हें संरक्षण दे रहा है? स्थानीय लोगों द्वारा बार-बार शिकायत करने के बावजूद अब तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे लोगों में आक्रोश और निराशा दोनों बढ़ रही हैं।
स्थानीय लोगों की मांगें:
1. रात्रिकालीन अवैध दुकानों पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए।
2. फूड लाइसेंस और अन्य आवश्यक परमिट की सख्त जांच हो।
3. पुलिस द्वारा नियमित गश्त की जाए और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जाए।
4. पूर्व में हुए झगड़ों की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
5. क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु CCTV कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए।
प्रशासन की भूमिका पर उठ रहे हैं गंभीर सवाल:
उल्हासनगर के सेक्शन 17 में यह स्थिति कब तक बनी रहेगी? स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग इस विषय में कब तक आंखें मूंदे बैठे रहेंगे? क्या किसी बड़े हादसे का इंतज़ार किया जा रहा है?
अब समय आ गया है कि प्रशासन सख्त कदम उठाए और अवैध कारोबारियों पर कठोर कार्रवाई कर इस क्षेत्र को फिर से सुरक्षित और व्यवस्थित बनाए।
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर की राजनीति में हलचल मचाने वाली बड़ी खबर सामने आ रही है। भारतीय जनता पार्टी की उल्हासनगर इकाई में अध्यक्ष पद के लिए अमर लुंड का नाम प्रमुख दावेदार के रूप में उभरकर सामने आया है। सूत्रों की मानें तो पार्टी जल्द ही इस अहम पद को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है, और इस फैसले से उल्हासनगर की राजनीतिक दिशा व दशा दोनों बदल सकती है।
अमर लुंड न सिर्फ पार्टी के एक पुराने, समर्पित और जुझारू कार्यकर्ता रहे हैं, बल्कि उन्हें भाजपा महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण का पूर्ण समर्थन भी प्राप्त है। चव्हाण के बेहद करीबी माने जाने वाले लुंड ने वर्षों तक पार्टी को ज़मीनी स्तर पर मज़बूती देने का काम किया है, और संगठन में उनकी पकड़ भी काफी मजबूत मानी जाती है।
क्या उल्हासनगर भाजपा में नया अध्याय शुरू होने जा रहा है?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि अमर लुंड को उल्हासनगर भाजपा की कमान सौंपी जाती है, तो यह न केवल संगठनात्मक स्तर पर मजबूती लाएगा, बल्कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में भी भाजपा को निर्णायक बढ़त मिल सकती है।
पार्टी में लुंड की बढ़ती स्वीकार्यता
सूत्रों के अनुसार, पार्टी के भीतर भी अमर लुंड के नाम पर सहमति बनती दिख रही है। कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं का मानना है कि लुंड की कार्यशैली, समर्पण और नेतृत्व क्षमता उन्हें इस पद के लिए सबसे उपयुक्त बनाती है।
अब निगाहें पार्टी की आधिकारिक घोषणा पर
हालांकि अभी तक भाजपा की ओर से कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जिस तरह से चर्चाएं तेज़ हो रही हैं, उससे अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि बहुत जल्द उल्हासनगर भाजपा को उसका नया अध्यक्ष मिल सकता है — और वो नाम हो सकता है अमर लुंड।
यह बदलाव उल्हासनगर की राजनीति में एक बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है।
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर शहर के प्रमुख व्यापारी संगठनों ने मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्री शंकर अवतारे से एक विशेष भेंट की, जिसमें व्यापारिक सुरक्षा, ट्रैफिक समस्याएं एवं अपराध नियंत्रण जैसे अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई।
इस महत्वपूर्ण बैठक में उल्हासनगर भाजपा व्यापारी सेल के पदाधिकारियों के साथ-साथ टू व्हीलर मार्केट एसोसिएशन, कार बाजार मार्केट एसोसिएशन, लाल साईं होजरी एसोसिएशन, बजाज ग्रुप, सोनाराबाजार के वरिष्ठ व्यापारी श्री अनिल कटेजा जी, उल्हास स्टेशन शॉपकीपर एसोसिएशन के श्री अजित चावला जी सहित अनेक व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान श्री अवतारे ने व्यापारियों को अपराध नियंत्रण के उपायों पर जागरूक किया। उन्होंने गाड़ियों की खरीद-फरोख्त में सावधानी बरतने, नियमों का पालन करने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को तुरंत देने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने शहर में बढ़ती ट्रैफिक समस्याओं पर भी ध्यान देते हुए व्यापारियों से सुझाव लिए और उन्हें सकारात्मक समाधान का आश्वासन दिया।
व्यापारी भाइयों ने इस संवाद के लिए वरिष्ठ निरीक्षक श्री अवतारे जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे संवाद न केवल सुरक्षा को बढ़ावा देंगे, बल्कि प्रशासन और व्यापारियों के बीच बेहतर समन्वय भी स्थापित करेंगे।
उल्हासनगर भाजपा व्यापारी सेल की ओर से वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को धन्यवाद ज्ञापित किया गया तथा भविष्य में भी ऐसे संवाद जारी रखने की आशा व्यक्त की गई।
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर की सियासत में एक बार फिर भूचाल आने वाला है! भारतीय जनता पार्टी की उल्हासनगर इकाई में बड़े स्तर पर फेरबदल की तैयारी जोरों पर है, और सबसे बड़ी खबर यह है कि प्रदीप रामचंदानी की पार्टी अध्यक्ष पद पर धमाकेदार वापसी हो सकती है।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व ने प्रदीप रामचंदानी को पुनः अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपने का मन बना लिया है। यह फैसला न केवल रामचंदानी के पिछले सफल कार्यकाल को देखते हुए लिया जा रहा है, बल्कि उनके संगठनात्मक अनुभव, जनसंपर्क कौशल और स्थानीय राजनीति में मजबूत पकड़ को भी इसका आधार माना जा रहा है।
रामचंदानी की वापसी इसलिए अहम है:
वे वर्तमान में भी उल्हासनगर बीजेपी के अध्यक्ष हैं और पार्टी को स्थानीय स्तर पर मजबूत आधार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
वे महाराष्ट्र बीजेपी के कद्दावर नेता व कार्यकारी अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण के बेहद करीबी माने जाते हैं, जिससे उनके नाम को और बल मिला है।
स्थानीय कार्यकर्ताओं में उनके नेतृत्व को लेकर जबरदस्त उत्साह और भरोसा है।
सूत्रों की मानें तो यह बदलाव सिर्फ पद की अदला-बदली नहीं, बल्कि 2024 के बाद की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें रामचंदानी जैसे अनुभवी नेता की भूमिका बेहद अहम होगी।
क्या कहती है गलियों की गूंज?
उल्हासनगर की गलियों और राजनीतिक गलियारों में अब बस एक ही चर्चा है – "क्या प्रदीप रामचंदानी की वापसी से बीजेपी को नई रफ्तार मिलेगी?"
पणजी/उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) जैसे प्रतिष्ठित क्रिकेट टूर्नामेंट की आड़ में संचालित हो रहे एक हाई-टेक और संगठित सट्टेबाज़ी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गोवा पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस सट्टेबाज़ी नेटवर्क की जड़ें महाराष्ट्र के उल्हासनगर शहर से जुड़ी पाई गई हैं, जो न केवल तकनीक का दुरुपयोग कर रहा था बल्कि युवाओं के भविष्य और मानसिक स्थिति को भी गहरे संकट में डाल रहा था।
मुख्य आरोपी फरार, पूरे राज्य में जारी है सर्च ऑपरेशन
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इस सट्टेबाज़ी रैकेट का संचालन अवि इसरानी और गिरिष जेसवानी नामक दो आरोपियों द्वारा किया जा रहा था, जो उल्हासनगर के निवासी हैं। दोनों आरोपी फिलहाल फरार हैं और उनके खिलाफ पहले से भी कई खुफिया जानकारियाँ पुलिस को प्राप्त थीं। गोवा में बढ़ती निगरानी से बचने के लिए इन आरोपियों ने वहां से अपना नेटवर्क चलाना शुरू किया और आईपीएल जैसे मेगा-इवेंट को हथियार बनाकर करोड़ों रुपये की सट्टेबाज़ी को अंजाम दे रहे थे।
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और क्रिप्टो के जरिए किया जा रहा था लेनदेन
गिरोह द्वारा मोबाइल ऐप्स, वर्चुअल वॉलेट्स, फर्जी बैंक खातों और क्रिप्टोकरेंसी जैसे डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल कर लेनदेन किया जा रहा था, ताकि कानूनी निगरानी से बचा जा सके। अब तक दो आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ के बाद और भी नाम सामने आने की संभावना है। जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ की फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी गई है, जिससे महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है।
कॉलेज और बेरोजगार युवाओं को बना रहे थे निशाना
इस रैकेट का सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि यह गिरोह कॉलेज विद्यार्थियों और बेरोजगार युवाओं को 'झटपट कमाई' का लालच देकर सट्टेबाज़ी में फंसा रहा था। उल्हासनगर जैसे शहरी क्षेत्रों में पहले से मौजूद मानसिक तनाव और बेरोजगारी की स्थितियों का लाभ उठाकर यह गिरोह युवाओं को अपराध की दलदल में धकेल रहा था, जिससे समाज में गंभीर सामाजिक और मानसिक प्रभाव उत्पन्न हो रहे हैं।
प्रशासनिक और सुरक्षा एजेंसियों से की गई चार महत्वपूर्ण मांगें
मंत्रालय टाइम्स इस गंभीर और सुनियोजित अपराध के विरुद्ध प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों से निम्नलिखित ठोस कदम उठाने की मांग करता है:
1. मुख्य आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित कर उनके विरुद्ध महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जाए।
2. गिरोह से जुड़े आर्थिक स्रोतों की गहन जांच कर उनकी संपत्तियों को तत्काल ज़ब्त किया जाए।
3. युवाओं को सट्टेबाज़ी और साइबर अपराध से बचाने हेतु विशेष जागरूकता अभियान, परामर्श केंद्रों और साइबर हेल्पलाइन की स्थापना की जाए।
4. गोवा और उल्हासनगर पुलिस के बीच समन्वय हेतु एक विशेष अंतरराज्यीय सेल का गठन किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसे नेटवर्कों पर त्वरित और समन्वित कार्रवाई की जा सके।
यह केवल आर्थिक नहीं, सामाजिक हमला है
यह मामला केवल अवैध धन कमाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज की बुनियाद, युवा पीढ़ी की मानसिकता और उनके भविष्य पर एक सुनियोजित हमला है। अब समय आ गया है कि हम न सिर्फ ऐसे अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुँचाएं, बल्कि अपने युवाओं को अपराध की दुनिया से बाहर निकालकर उन्हें सुरक्षित, जिम्मेदार और उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर करें।
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को टिप्पणी की कि राज्य सरकार को अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार सभी व्यक्तियों और अधिकारियों पर "कड़ी कार्रवाई" सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि "कानून के शासन" को बनाए रखा जा सके।
अदालत ने ठाणे के उल्हासनगर के एक निवासी की याचिका पर फैसला सुनाया, जिसमें उल्हासनगर नगर निगम (यूएमसी) को उसके घर के पास बेवास चौक पर डेवलपर महा गौरी बिल्डर्स एंड डेवलपर्स, मनोज पांजवानी द्वारा संचालित एक फर्म द्वारा किए गए अवैध और अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
अदालत ने "अवैध" निर्माण को ध्वस्त करने की मांग वाली याचिका को स्वीकार करते हुए सरकार से इस बड़े मुद्दे पर कानून बनाने का भी आग्रह किया। जस्टिस अजय एस गडकरी और कमल आर खाता की खंडपीठ ने कहा, "हमें डर है कि अगर ये कदम तुरंत नहीं उठाए गए, तो राज्य में नियोजित विकास का पूरा उद्देश्य केवल एक दूर का सपना बनकर रह जाएगा। इसके अलावा, यह अराजकता की स्थिति होगी।"
खंडपीठ ने कहा, "हम ऐसे नागरिकों को अनुमति नहीं दे सकते जो एक नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करने से कतराते हैं, संविधान के तहत अधिकारों के प्रवर्तन की मांग करने के लिए," और कहा कि नागरिकों को पूरी तरह से अवैध निर्माण को नियमित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
याचिकाकर्ता नीतू माखिजा का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील एएस राव ने कहा कि विषय संपत्ति पर बैरकों में छह कमरे थे, जिनमें से कुछ को ध्वस्त कर दिया गया था, और डेवलपर द्वारा नया निर्माण किया जा रहा था, जिससे उनकी संपत्ति में भारी पानी का रिसाव हो रहा था। उन्होंने तर्क दिया कि डेवलपर ने निर्माण के लिए अनुमति नहीं ली थी और उसने आसन्न संपत्ति पर भी अतिक्रमण किया था और उसके द्वारा दी गई धमकियों के कारण उसे "मानसिक आघात" हुआ था। राव ने कहा कि 2024 में यूएमसी और पुलिस अधिकारियों से कई पत्र और शिकायतें करने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिलने के कारण, याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
अदालत ने टिप्पणी की, "यूएमसी, साथ ही पुलिस अधिकारी, समय पर कार्रवाई नहीं करने और इस तरह अवैध निर्माण को बढ़ावा देने और जारी रखने के लिए जिम्मेदार हैं।"
अदालत ने पाया कि यूएमसी ने कोई कार्रवाई शुरू नहीं की, भले ही उसने सितंबर 2024 में याचिकाकर्ता के आरटीआई आवेदन के जवाब में स्वीकार किया था कि विचाराधीन ढांचा अवैध था। अदालत ने कहा कि विध्वंस के प्रयासों को डेवलपर द्वारा जनवरी 2025 में दायर एक नियमितीकरण आवेदन द्वारा भी "बाधित" किया गया था, जिसके बारे में नागरिक निकाय के संबंधित अधिकारी को अपने सभी विभागों को सूचित करना चाहिए था। एचसी ने कहा, "हम पाते हैं कि इस डिजिटल युग में नगर निगमों के विभिन्न विभागों के बीच संचार की गंभीर कमी है। इसे बर्दाश्त और अनुमति नहीं दी जा सकती है।"
अधिकारियों द्वारा कार्रवाई करने में अत्यधिक देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए, अदालत ने टिप्पणी की, "इससे हमें आम जनता की इस धारणा को स्वीकार करना पड़ता है कि संबंधित अधिकारी स्वयं इन अवैधताओं की रक्षा कर रहे हैं, जिसके कारण केवल उन्हें ही पता हैं।" अदालत ने यूएमसी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि विषय स्थल पर फिर से कोई अनधिकृत ढांचा खड़ा न किया जाए और अधिकारियों को डेवलपर के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा।
अदालत ने कहा कि डेवलपर "कानून के अनुसार आवश्यक अनुमति प्राप्त किए बिना निर्माण करने के लिए समान रूप से जिम्मेदार" था। अदालत ने कहा कि यह तर्क कि उसे केवल निर्माण का ठेका दिया गया था, उसे अपराध करने से नहीं बचा सकता।
राज्य सरकार से उपायों की मांग करते हुए, अदालत ने कहा, "अवैध निर्माण में शामिल सभी संबंधितों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और देश में कानून और व्यवस्था और वैध विकास बनाए रखने के लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।" खंडपीठ ने कहा कि यह "काफी आश्चर्यजनक" है कि यहां तक कि पुलिस अधिकारियों ने भी, जो शहर प्रशासन की आंखें हैं, यूएमसी को निर्माण के बारे में नहीं बताया, जबकि महाराष्ट्र नगर निगम (एमएमसी) अधिनियम के तहत उनका कर्तव्य था।
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर क्षेत्र में लगातार बढ़ते प्रदूषण, अवैध प्लास्टिक फैक्ट्रियों की बाढ़ और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर ‘राष्ट्र कल्याण पार्टी’ ने एक बार फिर आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेश तिवारी ने से बात करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि अब समय आ गया है जब आम जनता के हितों की रक्षा के लिए निर्णायक कदम उठाया जाए।
तिवारी ने आरोप लगाया कि उल्हासनगर महानगरपालिका (UMC) के कुछ अधिकारी, दलाल और स्थानीय राजनीतिक नेताओं की मिलीभगत से क्षेत्र में सरकार द्वारा लगाए गए प्लास्टिक प्रतिबंध के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि UMC की सीमा में ऐसी कई दर्जन अवैध प्लास्टिक निर्माण इकाइयां बिना किसी डर और नियम के दिन-रात चलाई जा रही हैं, जिससे शहर की हवा में ज़हरीला प्रदूषण तेजी से फैल रहा है।
इतना ही नहीं, शहर की नदियाँ और नाले प्लास्टिक कचरे से पट चुके हैं। ड्रेनेज सिस्टम पहले ही बेहद जर्जर स्थिति में है और आगामी मानसून में भारी वर्षा के कारण वह ओवरफ्लो होकर कई गरीब बस्तियों और घरों को जलमग्न कर सकता है।
पार्टी अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा, “हम समय रहते UMC, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (MPCB) और पुलिस प्रशासन को आगाह कर रहे हैं कि इन अवैध फैक्ट्रियों पर तत्काल कार्रवाई करें और प्लास्टिक निर्माण व बिक्री पर रोक लगाई जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ और किसी भी नागरिक की जान या संपत्ति को नुकसान पहुंचा, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन, MPCB और पुलिस की होगी।”
उन्होंने आगे कहा कि इन अवैध गतिविधियों में संलिप्त फैक्ट्री मालिकों के साथ-साथ उन्हें संरक्षण देने वाले व्यापारी और राजनेता भी इस अपराध के भागीदार होंगे।
शैलेश तिवारी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी अब संकेतों और ज्ञापनों के स्तर से आगे बढ़कर सीधा जन आंदोलन करेगी। उन्होंने साफ कर दिया कि यदि संबंधित विभागों ने कार्रवाई नहीं की, तो ‘राष्ट्र कल्याण पार्टी’ के कार्यकर्ता उल्हासनगर, अंबरनाथ और कांबा गांव में स्थित अवैध प्लास्टिक फैक्ट्रियों के सामने धरना देंगे और ज़मीनी स्तर पर संघर्ष करेंगे।
“हम जनता की जान से हो रहे खिलवाड़ को और बर्दाश्त नहीं करेंगे। यदि इस आंदोलन के दौरान किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है, तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन और पुलिस पर होगी,” तिवारी ने कड़े शब्दों में कहा।
पार्टी की इस घोषणा के बाद अब प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है, वहीं स्थानीय जनता इस पहल को लेकर एक बार फिर उम्मीद लगाए बैठी है कि कोई तो है जो उनके स्वास्थ्य और भविष्य की आवाज़ बुलंद कर रहा है।
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर महानगर पालिका (मनपा) की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से आर्थिक वर्ष 2025-26 में पानी के बिल (कर) में वृद्धि करने का प्रस्ताव रखा गया है। इस निर्णय का कड़ा विरोध करते हुए उल्हासनगर के आमदार कुमार आयलानी ने मनपा आयुक्त मनीषा आव्हाले को पत्र लिखकर तत्काल इस प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की है।
पानी दर वृद्धि से नागरिकों पर बढ़ेगा आर्थिक बोझ
आमदार कुमार आयलानी ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि शहर के नागरिक पहले से ही जल संकट की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में पानी के कर में वृद्धि करना न केवल अनुचित है, बल्कि नागरिकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालने जैसा होगा। उन्होंने कहा कि जब तक जल आपूर्ति व्यवस्था में सुधार, नियमितता, और उचित दाब के साथ पानी की सप्लाई सुनिश्चित नहीं होती, तब तक किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी अनुचित होगी।
मुख्यमंत्री और मंत्रियों से पत्राचार जारी, अपने जल स्रोत के लिए प्रयासरत
आमदार ने बताया कि पानी की समस्याओं को दूर करने के लिए वे मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्रियों के स्तर पर लगातार पत्राचार कर रहे हैं। इसके अलावा, उल्हासनगर शहर के लिए स्वतंत्र जल स्रोत विकसित करने की दिशा में भी ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक नागरिकों को पर्याप्त और सुचारू जल आपूर्ति नहीं मिलती, तब तक किसी भी प्रकार का कर बढ़ाना अन्यायपूर्ण होगा।
मनपा आयुक्त से मुलाकात, तत्काल निर्णय रद्द करने की मांग
आमदार आयलानी ने इस मुद्दे पर मनपा आयुक्त मनीषा आव्हाले से मुलाकात कर चर्चा की। उन्होंने मनपा प्रशासन से यह अनुरोध किया कि जल कर वृद्धि के इस प्रस्ताव को तुरंत रद्द किया जाए। आमदार ने नागरिकों को आश्वासन दिया है कि उनके पानी के बिल में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं होने दी जाएगी।
नागरिकों के हित में संघर्ष जारी रहेगा
आमदार कुमार आयलानी ने स्पष्ट किया कि उन्हें नागरिकों के अधिकारों और सुविधाओं की रक्षा करनी है, और इस लड़ाई में वे किसी भी स्तर तक जाने को तैयार हैं।
महानगर पालिका के इस फैसले को लेकर शहरवासियों में नाराजगी देखी जा रही है, और आमदार कुमार आयलानी के इस कदम का नागरिकों ने स्वागत किया है। अब देखना यह होगा कि मनपा प्रशासन इस पर क्या निर्णय लेता है।
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर महानगरपालिका के वैद्यकीय आरोग्य विभाग ने ठाणे जिलाधिकारी व जिला दंडाधिकारी कार्यालय से मिली गुप्त सूचना के आधार पर शहर में एक बड़े चिकित्सा घोटाले का पर्दाफाश किया है। जांच में पता चला कि उल्हासनगर क्षेत्र में 26 डॉक्टर बिना लाइसेंस के अवैध रूप से चिकित्सा सेवाएं दे रहे थे। ये डॉक्टर बिना किसी मान्य प्रमाण पत्र के मरीजों का इलाज कर रहे थे, जिससे जनता की जान को गंभीर खतरा था।
जैसे ही प्रशासन को इस अवैध गतिविधि की जानकारी मिली, वैद्यकीय आरोग्य अधिकारी डॉ. मोहिनी धर्मी और उनकी विशेष टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान कई डॉक्टरों को बिना किसी मान्यता के चिकित्सा सेवा देते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।
18 डॉक्टरों पर मामला दर्ज, कई क्लीनिक हुए सील
अब तक की जांच में 18 डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है, जिनमें से 8 डॉक्टर महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल से पंजीकृत नहीं थे। शेष 4 डॉक्टरों की गहन जांच जारी है, जबकि 2 डॉक्टरों के क्लीनिक प्रशासन ने सील कर दिए हैं। इसके अलावा, डोंबिवली क्षेत्र में भी ऐसे अवैध डॉक्टरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है।
प्रशासन ने नागरिकों को किया सतर्क, फर्जी डॉक्टरों से बचने की अपील
इस मामले को लेकर प्रशासन ने नागरिकों को सचेत करते हुए अपील की है कि वे ऐसे फर्जी डॉक्टरों के झांसे में न आएं और अवैध रूप से चल रही चिकित्सा सेवाओं से बचें। यदि किसी को भी संदिग्ध डॉक्टर के बारे में जानकारी मिलती है, तो उसे तुरंत प्रशासन को सूचित करना चाहिए।
साथ ही, प्रशासन ने सभी डॉक्टरों को चेतावनी दी है कि वे आवश्यक प्रमाण पत्र और लाइसेंस के बिना चिकित्सा व्यवसाय न करें। वैधता प्रमाणित करने के बाद ही किसी को चिकित्सा क्षेत्र में कार्य करने की अनुमति दी जाएगी।
डॉ. मोहिनी धर्मी (वैद्यकीय आरोग्य अधिकारी, उल्हासनगर महानगरपालिका) ने स्पष्ट किया कि प्रशासन स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा और दोषी पाए जाने वाले डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
यह मामला न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में हो रहे फर्जीवाड़े को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रशासन नागरिकों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सतर्क है।
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर में अवैध प्लास्टिक पन्नियों के व्यापार को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। आरोप है कि इस गैरकानूनी धंधे को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक स्थानीय नेता का संरक्षण प्राप्त है, जिससे यह कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। इस अवैध गतिविधि से न केवल पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एसपी) के नेता संतोष पांडेय ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए उल्हासनगर महानगर पालिका से तुरंत सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो जनहित में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
शहर में मानकों की अनदेखी कर अवैध रूप से प्लास्टिक पन्नियों की बिक्री की जा रही है, लेकिन अब तक प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
संतोष पांडेय ने प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा, "यह एक संगठित रैकेट है, जिसमें बड़े राजनीतिक प्रभाव की झलक दिख रही है। प्रशासन को इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए, अन्यथा जनता को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।"
अब देखना यह होगा कि उल्हासनगर महानगर पालिका इस मामले में क्या कदम उठाती है या फिर राजनीतिक दबाव के कारण यह अवैध व्यापार यूं ही जारी रहेगा।
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर तहसीलदार कार्यालय बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट (पूर्णता प्रमाण पत्र) के ही शुरू कर दिया गया है। यह एक बड़ा प्रशासनिक सवाल खड़ा करता है कि जब इस कार्यालय के पास आवश्यक इमारत प्रमाणपत्र ही नहीं है, तो इसे कैसे शुरू किया गया?
सूत्रों के अनुसार, किसी भी सरकारी या निजी इमारत को उपयोग में लाने के लिए कंप्लीशन सर्टिफिकेट आवश्यक होता है। यह सर्टिफिकेट प्रमाणित करता है कि इमारत सभी नियमों और सुरक्षा मानकों का पालन करती है। लेकिन उल्हासनगर तहसीलदार कार्यालय के मामले में इस नियम को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है।
दिव्यांगों के लिए नहीं है कोई सुविधा
सरकारी नियमों के अनुसार, किसी भी सार्वजनिक कार्यालय में दिव्यांगों के लिए लिफ्ट या रैंप जैसी सुविधाएं अनिवार्य होती हैं। लेकिन उल्हासनगर तहसीलदार कार्यालय में न तो लिफ्ट की सुविधा है और न ही व्हीलचेयर रैंप की कोई व्यवस्था। इससे दिव्यांग नागरिकों और वरिष्ठ नागरिकों को कार्यालय में आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
MSEB ने कैसे दे दिया बिजली कनेक्शन?
बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट के बिजली कनेक्शन देना महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी (MSEB) के नियमों के खिलाफ है। महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (MERC) के अनुसार, किसी भी नई इमारत को तब तक बिजली कनेक्शन नहीं दिया जा सकता जब तक उसके पास वैध कंप्लीशन सर्टिफिकेट न हो।
इससे भी बड़ी बात यह है कि पुराने बिजली कनेक्शन को नई जगह शिफ्ट करना भी नियमों के खिलाफ है। ऐसे में सवाल उठता है कि MSEB ने तहसीलदार कार्यालय को बिजली कनेक्शन किस आधार पर दिया?
प्रशासन की चुप्पी, जनता की परेशानी
स्थानीय प्रशासन और MSEB अधिकारियों से इस मामले में जवाब मांगा गया है, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। नागरिकों का कहना है कि जब आम जनता को बिजली कनेक्शन के लिए तमाम नियमों का पालन करना पड़ता है, तो सरकारी कार्यालयों पर यह नियम क्यों लागू नहीं होते?
सरकार को इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके और नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं मिल सकें।
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 की शुरुआत से पहले उल्हासनगर में क्रिकेट सट्टेबाजी के मामले बढ़ रहे हैं। इसे रोकने के लिए पुलिस सक्रिय हो गई है। हाल ही में, दो युवकों ने सट्टे में भारी नुकसान उठाने के बाद दुखद रूप से अपनी जान गंवा दी थी, जिससे पूरे क्षेत्र में चिंता का माहौल बन गया था।
सट्टेबाजी के कारण दो युवकों की दर्दनाक घटना
सूत्रों के अनुसार, ये दोनों युवक ऑनलाइन क्रिकेट सट्टेबाजी में लिप्त थे और लगातार आर्थिक नुकसान का सामना कर रहे थे। इस स्थिति ने उन पर मानसिक दबाव बढ़ा दिया, जिससे उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण कदम उठा लिया। इस घटना के बाद पुलिस ने सट्टेबाजी नेटवर्क पर नियंत्रण पाने के लिए कड़े कदम उठाने की योजना बनाई है और जल्द ही सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
युवाओं के भविष्य पर मंडराता खतरा
क्रिकेट सट्टेबाजी धीरे-धीरे युवाओं को अपनी चपेट में ले रही है। तेज़ी से पैसा कमाने की चाहत में कई छात्र और नौकरीपेशा लोग इसमें फंस रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सट्टेबाजी से केवल आर्थिक नुकसान ही नहीं होता, बल्कि यह मानसिक तनाव भी बढ़ा सकती है, जिससे युवाओं के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
जनता से सतर्क रहने की अपील
पुलिस और सामाजिक संगठनों ने नागरिकों से अपील की है कि वे सट्टेबाजी जैसी अवैध गतिविधियों से दूर रहें और अपने परिवार के सदस्यों को भी इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करें। यदि किसी को सट्टेबाजी से जुड़ी कोई जानकारी मिले, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
आईपीएल के दौरान सट्टेबाजी की घटनाएं बढ़ने की संभावना है, इसलिए पुलिस और प्रशासन इस पर कड़ी निगरानी बनाए हुए हैं। जरूरी है कि सभी लोग सतर्क रहें और युवाओं को इस जोखिम से बचाने में सहयोग करें।
मंत्रालय टाइम्स के साथ बने रहें, क्योंकि आने वाले समय में उल्हासनगर के सट्टेबाजों के नाम भी प्रकाशित हो सकते हैं।
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