BREAKING NEWS
national

सियासत

politics
Crime लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
Crime लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

महाराष्ट्र में ‘लव जिहाद’ कानून की आवश्यकता: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में ‘लव जिहाद’ कानून की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यह केवल कुछ व्यक्तिगत मामलों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक संगठित प्रयास का हिस्सा है। उन्होंने दावा किया कि इस संबंध में अब तक एक लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं।

फडणवीस ने यह बयान अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला पत्रकारों के एक समूह से बातचीत के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस विषय को गंभीरता से ले रही है और पहले ही एक समिति का गठन किया गया है, जो अन्य राज्यों में लागू कानूनों का अध्ययन कर रही है।

राज्य विधानसभा में पेश होगा ‘लव जिहाद’ पर निजी विधेयक

वर्तमान राज्य विधानसभा सत्र में भाजपा के दो विधायकों ने ‘लव जिहाद’ से निपटने के लिए एक निजी सदस्य विधेयक पेश करने का प्रस्ताव दिया है। ‘लव जिहाद’ शब्द उस संदर्भ में उपयोग किया जाता है जहां आरोप लगाया जाता है कि मुस्लिम पुरुष अपनी असली पहचान छिपाकर हिंदू महिलाओं को विवाह के लिए लुभाने का प्रयास करते हैं।

फडणवीस ने कहा, "शुरुआत में ये मामले व्यक्तिगत प्रतीत होते थे, लेकिन यह एक पैटर्न दर्शाता है। यह एक कट्टरपंथी मानसिकता को प्रकट करता है, जिसे नियंत्रित करने के लिए कड़े कानूनों की जरूरत है। हम समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे।"

मीडिया मॉनिटरिंग सेल का उद्देश्य स्पष्ट किया

जब मीडिया मॉनिटरिंग सेल को लेकर सवाल किया गया तो फडणवीस ने स्पष्ट किया कि इस सेल का मुख्य उद्देश्य सरकार से संबंधित खबरों पर नजर रखना है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर स्पष्टीकरण दिया जा सके और किसी भी प्रकार की भ्रांतियों को दूर किया जा सके।

व्यक्तिगत जीवन और महिला सशक्तिकरण पर विचार

फडणवीस ने अपने निजी जीवन के बारे में बात करते हुए कहा कि वह एक बेटी के पिता होने के कारण खुद को भाग्यशाली मानते हैं। उन्होंने कहा, "मैं एक बेटी का पिता होने पर गर्व महसूस करता हूं। मुझे विश्वास है कि बेटियां माता-पिता की देखभाल करने में अधिक सक्षम होती हैं।"

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बेटी राजनीति में शामिल होने की इच्छुक नहीं है और वकील बनना चाहती है, जिससे यह संभावना है कि वह अपने परिवार के अंतिम व्यक्ति होंगे जो राजनीति में सक्रिय रहेंगे।

पत्नी की स्वतंत्रता का सम्मान और सोशल मीडिया ट्रोलिंग पर विचार

अपनी पत्नी की स्वतंत्रता को लेकर उन्होंने कहा कि वह हमेशा उनके विचारों का सम्मान करते हैं, भले ही वह सभी मुद्दों पर उनसे सहमत न हों। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उनकी पत्नी को अक्सर सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ता है, जो सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों के लिए एक आम समस्या बन चुकी है।

महिला आरक्षण विधेयक पर विचार

महिला आरक्षण विधेयक के प्रभाव पर चर्चा करते हुए फडणवीस ने कहा कि 1990 के दशक में जब उन्होंने नगर निगम चुनाव जीता था, तब कई महिला उम्मीदवारों को अपने पतियों के लिए रास्ता देना पड़ता था, जो प्रॉक्सी रूप से शासन करते थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि अब हालात बदल चुके हैं और निर्वाचित महिलाएं स्वतंत्र रूप से कार्य कर रही हैं।

निष्कर्ष

महाराष्ट्र सरकार ‘लव जिहाद’ के मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और एक प्रभावी कानून लाने की दिशा में विचार कर रही है। फडणवीस के अनुसार, यह केवल व्यक्तिगत घटनाओं का मामला नहीं है, बल्कि एक योजनाबद्ध रणनीति का हिस्सा है, जिसे रोकने के लिए कानूनी उपाय आवश्यक हैं। साथ ही, उन्होंने महिला सशक्तिकरण और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर भी अपने विचार साझा किए।












भाजपा के पूर्व विधायक गणपत गायकवाड के खिलाफ नया विवाद: पूर्व शिवसेना(शिंदे) नेता महेश गायकवाड को मिली जान से मारने की धमकी।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर पुलिस थाना क्षेत्र में कुछ समय पहले भाजपा के पूर्व विधायक गणपत गायकवाड और शिवसेना नेता महेश गायकवाड के बीच विवाद पूरे देश में चर्चा का विषय बना था। इस घटना में गणपत गायकवाड ने महेश गायकवाड पर गोली चलाई थी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस गोलीकांड के बाद गणपत गायकवाड को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

अब, इस मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। महेश गायकवाड को एक गुप्त चिट्ठी के जरिए जान से मारने की धमकी दी गई है। यह धमकी अंबरनाथ के आनंदनगर में एक शादी समारोह के दौरान उन्हें दी गई। इस चिट्ठी में स्पष्ट रूप से लिखा गया था, "गणपत गायकवाड और वैभव गायकवाड का नाम मत लो, वरना तुम्हारा हाल बाबा सिद्दीकी जैसा कर दिया जाएगा।"

जेल से आई धमकी? महेश गायकवाड ने जताया शक

महेश गायकवाड का कहना है कि यह चिट्ठी जेल में इस्तेमाल होने वाले कागज और लिफाफे पर लिखी गई है, जिससे उन्हें शक है कि यह सीधे गणपत गायकवाड द्वारा ही भेजी गई होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि गणपत गायकवाड को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।

गायकवाड ने कहा, "गणपत गायकवाड जेल में बंद हैं, लेकिन वे 15 दिन जेल में और 15 दिन जे. जे. अस्पताल में बिताते हैं। उन्हें मेडिकल चेकअप के बहाने मुंबई घुमाया जाता है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि उन्हें किसी का संरक्षण प्राप्त है।"

सीबीआई जांच की मांग

महेश गायकवाड ने इस धमकी भरे पत्र को लेकर अंबरनाथ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग करेंगे और इसके लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख करेंगे।

गणपत गायकवाड पर पहले भी गंभीर आरोप

इससे पहले, महेश गायकवाड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गणपत गायकवाड के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि गणपत गायकवाड तळोजा जेल में कैद हैं, लेकिन मेडिकल जांच के नाम पर उन्हें बार-बार मुंबई लाया जाता है और उन्हें जेल से बाहर रहने का अवसर दिया जाता है।

यह पूरा मामला अब एक बार फिर राजनीतिक और कानूनी हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस और प्रशासन इस धमकी भरे पत्र की जांच किस दिशा में ले जाते हैं और क्या वाकई इसमें गणपत गायकवाड की कोई संलिप्तता है।










महाराष्ट्र में ड्रग्स के खिलाफ सख्त ऐलान: पुलिसकर्मी भी दोषी पाए गए तो होगी सीधी बर्खास्तगी – सीएम फडणवीस


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र में ड्रग्स के बढ़ते खतरे पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने कड़ा संदेश दिया है। राज्य में अब ड्रग्स से जुड़े मामलों में पुलिसकर्मियों पर भी "जीरो टॉलरेंस" नीति लागू होगी। सीएम फडणवीस ने स्पष्ट कर दिया कि यदि कोई भी पुलिस अधिकारी या कर्मी ड्रग तस्करी या इससे जुड़े अपराधों में शामिल पाया जाता है, तो उसे सिर्फ निलंबित नहीं, बल्कि सीधे बर्खास्त कर दिया जाएगा।

ड्रग्स माफिया के खिलाफ अब 'सर्जिकल स्ट्राइक'

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि "ड्रग्स का कारोबार समाज को खोखला कर रहा है, और इसे खत्म करने के लिए अब हम सख्त कार्रवाई करेंगे।" उन्होंने पुलिस विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ड्रग्स के मामलों में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई अपराधी हो या खुद कोई पुलिसकर्मी।

राज्य सरकार की इस नई नीति के तहत पुलिस विभाग में भी आंतरिक जांच तेज होगी, और भ्रष्टाचार व मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त कर्मियों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

ड्रग्स कारोबार पर लगाम लगाने के लिए बड़े कदम

राज्य सरकार ने ड्रग्स के खिलाफ अपनी मुहिम को तेज करने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं:

✔ ड्रग तस्करों के खिलाफ विशेष अभियान चलाए जाएंगे। 

✔ स्कूल-कॉलेजों के आसपास विशेष सतर्कता बरती जाएगी। 

✔ पुलिस विभाग के भीतर कड़ी निगरानी रखी जाएगी, ताकि कोई अधिकारी या कर्मचारी ड्रग्स कारोबार में लिप्त न हो। 

✔ ड्रग्स की सप्लाई चेन तोड़ने के लिए अंतरराज्यीय एजेंसियों के साथ समन्वय किया जाएगा।

राज्य सरकार की ऐतिहासिक पहल

महाराष्ट्र सरकार की यह सख्त नीति राज्य में ड्रग्स नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री फडणवीस के इस फैसले के बाद ड्रग्स कारोबार में लिप्त पुलिसकर्मियों और अपराधियों में हड़कंप मच गया है।

जनता की अपील – "ड्रग्स मुक्त महाराष्ट्र"

सरकार के इस फैसले का सामाजिक संगठनों और आम जनता ने स्वागत किया है। लोगों का कहना है कि युवा पीढ़ी को नशे की गिरफ्त से बचाने के लिए यह सख्त कदम बेहद जरूरी था।

महाराष्ट्र अब ड्रग्स मुक्त समाज की ओर कदम बढ़ा चुका है, और मुख्यमंत्री फडणवीस के इस निर्णय को एक निर्णायक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।










पुणे बस दुष्कर्म मामला: मुख्य आरोपी गिरफ्तार, पुलिस की त्वरित कार्रवाई से बड़ी सफलता।


पुणे: दिनेश मीरचंदानी 

पुणे बस दुष्कर्म मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। मुख्य आरोपी दत्तात्रय रामदास गाडे को पुणे अपराध शाखा की टीम ने शिरूर तहसील के एक गांव से गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी पुलिस की त्वरित कार्रवाई का परिणाम है, जिसने इस जघन्य अपराध के बाद पूरे शहर में आक्रोश फैला दिया था।

गुप्त सूचना के बाद तेज़ी से हुई गिरफ्तारी

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गुप्त सूचना के आधार पर अपराध शाखा की एक विशेष टीम ने शिरूर तहसील के एक गांव में छापेमारी की और आरोपी को हिरासत में ले लिया। पुलिस पिछले कई दिनों से आरोपी की तलाश कर रही थी और आखिरकार उसे पकड़ने में सफलता मिली।

क्या है पूरा मामला?

यह दर्दनाक घटना पुणे शहर में एक बस के अंदर हुई थी, जिसने सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और विभिन्न सुरागों के आधार पर आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया। इस मामले ने न सिर्फ पुणे बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया है।

न्याय की दिशा में अगला कदम

आरोपी को अब कानूनी प्रक्रिया के तहत अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस इस पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है और आगे और भी खुलासे होने की संभावना है। पुलिस का कहना है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल

यह घटना एक बार फिर से महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर चिंता पैदा करती है। पुणे शहर में इस घटना को लेकर भारी गुस्सा है, और प्रशासन से कड़े कदम उठाने की मांग की जा रही है। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं?

पुलिस प्रशासन और सरकार पर दबाव

इस घटना के बाद से ही पुलिस और प्रशासन पर जबरदस्त दबाव है कि वे सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षा बढ़ाएं और ऐसे अपराधों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं। अब यह देखना होगा कि इस मामले में न्याय की प्रक्रिया कितनी तेज़ी से आगे बढ़ती है और क्या सुरक्षा व्यवस्था में कोई ठोस सुधार होता है।

यह मामला सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने का समय आ गया है।









उल्हासनगर गोलीकांड: पूर्व विधायक गणपत गायकवाड के बेटे वैभव गायकवाड को मिली क्लीन चिट, चार्जशीट में सिर्फ दो आरोपी शामिल।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र के उल्हासनगर में एक साल पहले हुए सनसनीखेज गोलीकांड ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए थे। इस मामले में एक नया मोड़ आया है, जिसमें पूर्व भाजपा विधायक गणपत गायकवाड के बेटे वैभव गायकवाड को क्लीन चिट दे दी गई है। ताज़ा चार्जशीट में केवल दो आरोपियों—नागेश बडेराव और कुणाल पाटील—का ही नाम शामिल किया गया है।

क्या था पूरा मामला?

यह मामला तब सामने आया जब तत्कालीन भाजपा विधायक गणपत गायकवाड ने शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता महेश गायकवाड और उनके सहयोगी राहुल पाटील पर हिललाइन पुलिस स्टेशन में ही छह राउंड फायर किए थे। इस चौंकाने वाली घटना के बाद राज्यभर में हड़कंप मच गया था और कानून-व्यवस्था को लेकर तीखी बहस छिड़ गई थी। गणपत गायकवाड को इस मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था, जहां वे अब भी बंद हैं।

चार्जशीट में क्या कहा गया?

इस मामले में उल्हासनगर कोर्ट में हाल ही में पूरक चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि वैभव गायकवाड के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले और उनका इस अपराध में कोई हाथ नहीं है। हालांकि, चार्जशीट में यह भी बताया गया कि वैभव गायकवाड अब भी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

महेश गायकवाड ने की थी इनाम की घोषणा

महेश गायकवाड ने पिछले महीने पुलिस अधिकारियों के लिए 25,000 रुपये के इनाम की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि जो पुलिस अधिकारी वैभव गायकवाड को गिरफ्तार करेगा, उसे यह इनाम दिया जाएगा और यह राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा की जाएगी। महेश गायकवाड ने आरोप लगाया था कि आरोपी विधायक के फार्महाउस पर जा रहे हैं और पुलिस राजनीतिक दबाव में काम कर रही है, इसलिए अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई।

क्या आगे होगा?

अब जब वैभव गायकवाड को चार्जशीट में क्लीन चिट मिल गई है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या कानूनी कदम उठाए जाते हैं। गणपत गायकवाड अभी भी जेल में हैं, जबकि इस हाई-प्रोफाइल केस में पुलिस की भूमिका और राजनीतिक दबाव पर सवाल उठाए जा रहे हैं।










अनजान महिला को "स्मार्ट" कहना अश्लीलता: मुंबई कोर्ट का कड़ा फैसला।


(फाइल इमेज)

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महिलाओं की गरिमा और सम्मान से जुड़े मामलों में मुंबई की एक अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि किसी अनजान महिला को रात में व्हाट्सऐप पर "आप पतली हैं, बहुत स्मार्ट और गोरी दिखती हैं, मैं पसंद करता हूँ" जैसे संदेश भेजना अश्लीलता की श्रेणी में आता है और इसे आपराधिक कृत्य माना जाएगा।

कोर्ट का कड़ा रुख

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (दिंडोशी) डी. जी. ढोबले ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अश्लीलता का मूल्यांकन समकालीन सामुदायिक मानकों के आधार पर किया जाना चाहिए। न्यायालय ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए उसकी सजा को बरकरार रखा।

क्या है मामला?

मामला एक पूर्व महिला पार्षद से जुड़ा है, जिन्हें एक व्यक्ति ने रात 11 बजे से 12.30 बजे के बीच लगातार व्हाट्सऐप पर आपत्तिजनक संदेश और तस्वीरें भेजीं। आरोपी ने अपने संदेशों में महिला की शारीरिक बनावट की तारीफ की थी, जिसे अदालत ने महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य माना।

न्यायालय का फैसला क्यों अहम?

अदालत ने कहा, "समाज में स्वीकृत मर्यादाओं और नैतिकता के अनुसार किसी महिला को इस तरह के संदेश भेजना न केवल अनुचित है बल्कि अश्लीलता की परिभाषा में आता है।"

कोर्ट का यह फैसला महिलाओं की सुरक्षा और डिजिटल माध्यमों पर अभद्र व्यवहार पर रोक लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस फैसले से यह संदेश स्पष्ट होता है कि ऑनलाइन स्पेस में भी मर्यादाओं का पालन जरूरी है और महिलाओं को मानसिक रूप से परेशान करने वाले कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अश्लीलता पर सख्त होगी कार्रवाई

विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला उन लोगों के लिए एक चेतावनी है, जो सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर महिलाओं को असहज महसूस कराते हैं।

इस फैसले के बाद अब यह देखना होगा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की गरिमा की रक्षा के लिए कानून को और सख्त किया जाता है या नहीं।










भायंदर में बोल-बच्चन गिरोह का पर्दाफाश: बुजुर्ग महिला से ₹80,000 के गहनों की ठगी, दो आरोपी अहमदाबाद से गिरफ्तार।


 

मिरा-भायंदर: दिनेश मीरचंदानी 

मिरा-भायंदर-वसई विरार पुलिस ने बोल-बच्चन गिरोह के दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। इन अपराधियों ने भायंदर रेलवे स्टेशन के पास एक 60 वर्षीय महिला को चकमा देकर ₹80,000 मूल्य के सोने के गहनों की ठगी की थी।

गुजरात से दबोचे गए आरोपी

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान भानाभाई धनाजी मारवाड़ी (45) और गोपी भाई राजूभाई मारवाड़ी (23) के रूप में हुई है। पुलिस की टीम ने अहमदाबाद, गुजरात में दबिश देकर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह पहले भी कई लोगों को अपने झांसे में लेकर ठगी कर चुका है।

कैसे देते थे वारदात को अंजाम?

यह गिरोह बोल-बच्चन तकनीक का इस्तेमाल करता था, जिसमें आरोपी आम नागरिकों को अपनी मीठी-मीठी बातों में फंसाकर बहला लेते थे और फिर उनकी कीमती वस्तुएं लेकर फरार हो जाते थे। पीड़ित महिला के साथ भी ऐसा ही हुआ, जब आरोपियों ने उसे विश्वास में लेकर ₹80,000 के आभूषण हड़प लिए।

कानूनी शिकंजा और जांच जारी

नवघर पुलिस स्टेशन, भायंदर (पूर्व) ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(2) और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है। अदालत ने दोनों आरोपियों को पुलिस हिरासत में भेज दिया है, और पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।

क्या है बोल-बच्चन गिरोह?

बोल-बच्चन गिरोह देशभर में ठगी की वारदातों के लिए कुख्यात है। ये अपराधी मासूम लोगों को बहलाने और उन्हें गुमराह करने में माहिर होते हैं। इस गिरोह के सदस्य लोगों से दोस्ती कर विश्वास जीतते हैं और फिर मौका मिलते ही उन्हें लूटकर फरार हो जाते हैं।

पुलिस की अपील: रहें सतर्क!

पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे अनजान लोगों की बातों में न आएं और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत पुलिस को सूचना दें। यदि कोई व्यक्ति किसी अजनबी से बातचीत के दौरान असहज महसूस करता है या ठगी का शिकार होता है, तो जल्द से जल्द पुलिस हेल्पलाइन पर संपर्क करें।

यह मामला दिखाता है कि ठगी करने वाले अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर भोले-भाले लोगों को निशाना बनाते हैं। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!









फराह खान पर हिंदू धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप, हिंदुस्तानी भाऊ ने दर्ज कराई शिकायत।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

हिंदुस्तानी भाऊ ने फराह खान के खिलाफ दर्ज करवाई शिकायत, हिंदू धार्मिक भावनाएं आहत करने का लगाया आरोप

मुंबई में बढ़ा विवाद, पुलिस जांच में जुटी

मुंबई: मशहूर कोरियोग्राफर और फिल्म निर्देशक फराह खान एक नए विवाद में घिर गई हैं। सोशल मीडिया की चर्चित हस्ती और पूर्व रियलिटी शो प्रतिभागी हिंदुस्तानी भाऊ (विकास फाटक) ने फराह खान के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि फराह खान की कुछ टिप्पणियों से हिंदू धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं जिससे समाज में नाराजगी का माहौल बन रहा है।  

क्या है पूरा मामला?

प्राप्त जानकारी के अनुसार, हिंदुस्तानी भाऊ ने मुंबई के संबंधित पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई है, जिसमें फराह खान पर हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का गंभीर आरोप लगाया गया है। भाऊ का कहना है कि फराह खान के बयान धार्मिक मान्यताओं के विरुद्ध हैं और इसे लेकर कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।  

सोशल मीडिया पर बवाल

यह मामला सामने आते ही सोशल मीडिया पर ArrestFarahKhan ट्रेंड करने लगा। हिंदुस्तानी भाऊ के समर्थक बड़ी संख्या में फराह खान के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कई धार्मिक संगठनों ने भी इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की है।  

फराह खान की प्रतिक्रिया का इंतजार

इस विवाद पर अब तक फराह खान की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कानूनी पहलुओं पर विचार कर रही है। अगर आरोप साबित होते हैं, तो फराह खान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई संभव हो सकती है।  

क्या होगा आगे?

इस पूरे मामले ने बॉलीवुड और सोशल मीडिया में नया विवाद खड़ा कर दिया है। पुलिस जल्द ही फराह खान को नोटिस भेज सकती है और उनसे इस विषय पर स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है। अब देखना होगा कि यह मामला कितना गंभीर मोड़ लेता है और फराह खान इस पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं।










हल्दी समारोह में ‘डॉन’ स्टाइल! रिवॉल्वर लहराकर नाचा,कल्याण पुलिस ने कसा शिकंजा।


 


कल्याण: दिनेश मीरचंदानी 

कल्याण में एक हल्दी समारोह के दौरान चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां 49 वर्षीय चिंतामन नामदेव लोखंडे ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर लहराते हुए 'मैं हूँ डॉन' गाने पर डांस किया। समारोह में मौजूद लोगों के बीच सनसनी फैल गई, लेकिन यह मामला तब और गंभीर हो गया जब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो के वायरल होते ही पुलिस हरकत में आई और तुरंत कार्रवाई करते हुए लोखंडे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।

क्या शादी समारोह अब हथियारों का अखाड़ा बन गए हैं?

शादी और उत्सवों में शस्त्र प्रदर्शन की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस घटना के बाद एक बार फिर यह बहस तेज हो गई है कि आखिर ऐसे समारोहों में हथियारों की नुमाइश पर कब लगेगी लगाम? क्या यह सिर्फ एक दिखावे की मानसिकता है, या इसके पीछे कोई और कारण छिपा है?

समारोह में मची अफरातफरी, पुलिस ने दी चेतावनी

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जब लोखंडे ने रिवॉल्वर लहराना शुरू किया, तो समारोह में मौजूद कई लोग डर गए। हालांकि, कुछ लोगों ने इसे मजाक के तौर पर लिया और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। लेकिन मामला तब गंभीर हो गया जब पुलिस ने इसे संज्ञान में लेते हुए सख्त कार्रवाई का आदेश दिया।

लोखंडे पर कसेगा कानून का शिकंजा?

चिंतामन लोखंडे के खिलाफ सार्वजनिक शांति भंग करने और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या उन्होंने लाइसेंसी हथियार के नियमों का उल्लंघन किया है। अगर ऐसा पाया जाता है, तो उनकी बंदूक का लाइसेंस रद्द हो सकता है और उन्हें कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है।

क्या प्रशासन उठाएगा ठोस कदम?

यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की लापरवाही तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बड़े सामाजिक मुद्दे को उजागर करती है। आखिर क्यों लोग हथियारों का ऐसा दिखावा कर रहे हैं? क्या प्रशासन ऐसे मामलों पर ठोस कदम उठाएगा? इस घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।

अब देखना यह होगा कि क्या यह मामला केवल एफआईआर तक ही सीमित रहेगा, या प्रशासन इस पर कोई कड़ा संदेश देगा?










कल्याण ज़ोन 3 में नशे के कारोबार पर करारा प्रहार, विशेष टास्क फोर्स ने किए कई बड़े खुलासे।


डोंबिवली: दिनेश मीरचंदानी 

कल्याण ज़ोन 3 में विशेष नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने अवैध नशीले पदार्थों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाते हुए तस्करी में लिप्त कई अपराधियों को दबोचा है। हाल ही में हुई कार्रवाई में बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ जब्त किए गए हैं, जिससे नशे के कारोबार को तगड़ा झटका लगा है।

बड़ी गिरफ्तारियां, भारी मात्रा में नशीले पदार्थ जब्त

डोंबिवली ईस्ट में सनील श्रीनाथ यादव (25) को 8.48 ग्राम एमडी के साथ गिरफ्तार किया गया। जब्त ड्रग्स की बाजार कीमत ₹16,500 आंकी गई है।

कल्याण ईस्ट में शंकर महादेव गिरी (46) के पास से 9 किलो 150 ग्राम गांजा बरामद किया गया, जिसकी कीमत ₹1,00,000 है।

सचिन एकनाथ कवाले (32) और अमन वीरेंद्र गुप्ता (16) को 23.53 ग्राम एमडी और 10 ग्राम वरस के साथ पकड़ा गया। जब्त मादक पदार्थों की कुल कीमत ₹93,943 आंकी गई है।

NDPS एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई, अपराधियों पर शिकंजा

पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। ये गिरफ्तारियां क्षेत्र के अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज मामलों के तहत की गई हैं। अधिकारियों के अनुसार, अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल नेटवर्क की गहराई से जांच की जा रही है और इसमें और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

विशेष नारकोटिक्स टास्क फोर्स की बड़ी सफलता

1 जनवरी 2025 से अब तक:

13 केस दर्ज

19 आरोपी गिरफ्तार

₹12 लाख से अधिक मूल्य के अवैध नशीले पदार्थ जब्त

पुलिस प्रशासन का कड़ा संदेश – नशे के कारोबार को खत्म करना है लक्ष्य

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई अवैध ड्रग्स माफिया पर लगाम कसने की दिशा में एक अहम कदम है। क्षेत्र में नशे के कारोबार से जुड़े अपराधियों की पहचान की जा रही है, और इस नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने के लिए और भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

डोंबिवली और कल्याण में सक्रिय ड्रग्स माफिया पर पुलिस की पैनी नजर बनी हुई है। आने वाले दिनों में और भी बड़ी गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।









नवाब मलिक के खिलाफ बड़ा झटका: अदालत ने मानहानि मामले को बताया संगीन, पुलिस जांच के आदेश।

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक को बड़ा झटका लगा है। अधिवक्ता जसमीन वानखेड़े द्वारा दायर मानहानि, महिला की मर्यादा भंग करने और धमकी देने के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (JMFC) ने इसे गंभीर मानते हुए पुलिस जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

क्या है मामला? अधिवक्ता जसमीन वानखेड़े ने नवाब मलिक पर मानहानि सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि मलिक ने उनके खिलाफ अपमानजनक और आधारहीन बयान दिए, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। इसके अलावा, महिला की मर्यादा भंग करने और धमकी देने के मामले भी दर्ज किए गए हैं।

अदालत ने क्या कहा? JMFC अदालत ने इस मामले को मानहानिपूर्ण बताते हुए कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए पुलिस जांच जरूरी है। अदालत के इस फैसले के बाद अब पुलिस नवाब मलिक के खिलाफ विस्तृत जांच करेगी और आगे की कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी।

क्या होगी अगली कार्रवाई? न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस को इस मामले में जांच शुरू करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो नवाब मलिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

इस फैसले के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, और इस मामले को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। अब देखना होगा कि पुलिस जांच में क्या खुलासे होते हैं और नवाब मलिक इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।










 

उल्हासनगर में हवाला कारोबार का बड़ा खुलासा, क्राइम ब्रांच की छापेमारी में अहम सबूत बरामद।


(फाइल इमेज)

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर शहर में अवैध हवाला कारोबार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई में, क्राइम ब्रांच ने उल्हासनगर-2 स्थित कुख्यात हवाला कारोबारी नरेश के ठिकानों पर छापा मारा। इस ऑपरेशन के दौरान पुलिस को भारी मात्रा में दस्तावेज, नकदी और अन्य महत्वपूर्ण सबूत मिले, जिससे नरेश के हवाला नेटवर्क का खुलासा हुआ।

गुप्त सूचना के आधार पर हुआ ऑपरेशन

सूत्रों के मुताबिक, क्राइम ब्रांच को गुप्त जानकारी मिली थी कि नरेश और उसके सहयोगी उल्हासनगर में बड़े पैमाने पर हवाला कारोबार चला रहे हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने रणनीतिक तरीके से छापेमारी को अंजाम दिया। छानबीन में हवाला लेन-देन से जुड़े कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए, जिनसे देशभर में फैले इस अवैध नेटवर्क की परतें खुलने की संभावना है।

बड़े नेटवर्क होने का शक..??

जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। आशंका है कि हवाला के जरिए यह नेटवर्क न केवल मुंबई और ठाणे बल्कि देश के अन्य हिस्सों तक फैला हुआ है।

शहर में मचा हड़कंप, कारोबारियों में बढ़ी चिंता

इस छापेमारी के बाद उल्हासनगर और आसपास के व्यावसायिक क्षेत्रों में हड़कंप मच गया है। हवाला कारोबार से जुड़े अन्य लोगों में भी डर का माहौल बना हुआ है। पुलिस का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है, और जल्द ही हवाला रैकेट से जुड़े और बड़े नामों का पर्दाफाश किया जा सकता है।

हवाला कारोबार पर लगेगी लगाम?

उल्हासनगर में हवाला लेन-देन लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है, लेकिन इस बार पुलिस की सख्त कार्रवाई से संकेत मिल रहे हैं कि अब इस अवैध कारोबार पर शिकंजा कसा जाएगा। क्राइम ब्रांच मामले की गहराई से जांच कर रही है, और जल्द ही इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों पर भी कार्रवाई हो सकती है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बड़े खुलासे के बाद प्रशासन हवाला कारोबार के खिलाफ और क्या कदम उठाता है और क्या इससे इस अवैध धंधे पर पूरी तरह लगाम लग पाएगी या नहीं।














कल्याण महानगरपालिका के सख्त कदमों के बाद उल्हासनगर प्रशासन क्यों नहीं उठाता ठोस कार्रवाई?


कल्याण/उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर में प्रतिबंधित प्लास्टिक का कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है, लेकिन प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। नेहरू चौक से अमन टॉकीज रोड तक प्रतिबंधित प्लास्टिक पन्नियों की निर्बाध बिक्री हो रही है। और उल्हासनगर में प्रतिबंधित प्लास्टिक पन्नियों के धड़ल्ले से कारखाने भी चालू है। मगर उल्हासनगर पालिका की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि इस अवैध व्यापार को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण प्रशासन कार्रवाई करने से बच रहा है।

क्या राजनीतिक संरक्षण के कारण प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है?

स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों के अनुसार, इस अवैध धंधे को शहर के एक भाजपा नेता का समर्थन प्राप्त है, जिसके चलते उल्हासनगर महानगरपालिका कोई कदम नहीं उठा रही। जबकि अन्य शहरों में प्रतिबंधित प्लास्टिक पर कड़ी कार्रवाई हो रही है, उल्हासनगर में प्रशासन की निष्क्रियता ने सवाल खड़े कर दिए हैं।

कल्याण महानगरपालिका ने दिखाई सख्ती, उल्हासनगर कब जागेगा?

गौरतलब है कि हाल ही में कल्याण महानगरपालिका ने 120 किलो प्रतिबंधित प्लास्टिक जब्त कर ₹25,000 का जुर्माना लगाया। यह कार्रवाई परिक्षेत्र-1 के उप आयुक्त प्रसाद बोरकर के मार्गदर्शन में सहायक आयुक्त धनंजय थोरात, अधीक्षक उमेश यमगर और स्वच्छता निरीक्षक जगन्नाथ वड्डे की टीम द्वारा की गई।

पर्यावरण को गंभीर खतरा, बढ़ रही नागरिकों की नाराजगी

पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक, प्रतिबंधित प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग शहर के जल निकायों, नालों और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। नागरिकों ने इस मुद्दे पर चिंता जताई है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

प्रशासन की चुप्पी कब टूटेगी?

जब देशभर में अवैध प्लास्टिक के खिलाफ अभियान तेज किया जा रहा है, तब उल्हासनगर महानगरपालिका की चुप्पी पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या प्रशासन राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है? क्या इस अवैध कारोबार पर कभी लगाम लगेगी? या फिर यह धंधा यूं ही जारी रहेगा?

अब यह देखना अहम होगा कि क्या उल्हासनगर प्रशासन अपनी निष्क्रियता तोड़कर इस अवैध व्यापार पर अंकुश लगाएगा या फिर इसे अनदेखा करता रहेगा।







दैनिक हिंदमाता मिरर के संपादक पर हमला: पत्रकारों ने किया जोरदार विरोध, आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग।


 



उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

दैनिक हिंदमाता मिरर के संपादक पंजू बजाज पर हुए हमले को लेकर पूरे पत्रकारिता जगत में रोष का माहौल है। इस कायरतापूर्ण हमले के खिलाफ आज उल्हासनगर के पत्रकारों ने एकजुट होकर मा. डीसीपी सचिन गोरे से मुलाकात की और आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग करते हुए एक लिखित ज्ञापन सौंपा।

पत्रकारों के शिष्टमंडल ने मा. डीसीपी से कहा कि यह हमला न केवल प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है, बल्कि समाज को सच और सही खबरों से अवगत कराने की जिम्मेदारी निभाने वालों पर भी सीधा प्रहार है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मा. डीसीपी ने आश्वासन दिया कि पुलिस कार्रवाई में तेजी लाई जा रही है। 

इस घटना ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पत्रकारों ने स्पष्ट रूप से मांग की है कि उन्हें काम करते समय सुरक्षा और स्वतंत्रता की गारंटी दी जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे हमले समाज में सच्चाई और पारदर्शिता के महत्व को कमजोर करने का प्रयास हैं।

पत्रकारिता जगत के इस सामूहिक विरोध और पुलिस द्वारा दिए गए आश्वासन से उम्मीद की जा रही है कि सभी दोषियों को जल्द ही सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा। इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता को बनाए रखना लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है।









नवाब मलिक की मुश्किलें बढ़ीं: समीर वानखेड़े के पिता की अवमानना याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने मांगा जवाब।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

समीर वानखेड़े के पिता द्वारा नवाब मलिक के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर आज माननीय उच्च न्यायालय में महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। याचिका में आरोप लगाया गया है कि मलिक ने अदालत द्वारा दिए गए आदेश और अपने वादे का उल्लंघन करते हुए वानखेड़े परिवार पर आपत्तिजनक टिप्पणी की।

अदालत के आदेश की अवहेलना का आरोप

याचिकाकर्ता के वकील, अधिवक्ता सना रईस खान ने अदालत को सूचित किया कि नवाब मलिक ने यह वादा किया था कि वह वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ कोई बयान नहीं देंगे। इसके बावजूद, मलिक ने 27 अक्टूबर 2024 को एक टेलीविजन साक्षात्कार में चुनाव के दौरान समीर वानखेड़े पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा, "जनता हैसियत बता देगी।" अधिवक्ता खान ने इसे याचिकाकर्ता और उनके परिवार की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला कदम बताया।

जमानत शर्तों के उल्लंघन का आरोप

खान ने यह भी तर्क दिया कि मलिक, जो गंभीर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी हैं और दो वर्षों तक जेल में रहे, उन्हें केवल चिकित्सा आधार पर जमानत मिली है। उन्होंने कहा कि मलिक की यह टिप्पणी उनकी जमानत की शर्तों का खुला उल्लंघन है और यह माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों का भी अपमान है।

अदालत ने चार हफ्तों में जवाब दाखिल करने का दिया निर्देश

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने नवाब मलिक को चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत के इस निर्देश के बाद मलिक की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

पृष्ठभूमि में गंभीर आरोप

नवाब मलिक, जो मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोपों में दो साल तक हिरासत में रहे, अब चिकित्सा आधार पर जमानत पर बाहर हैं। इस याचिका ने उनके खिलाफ चल रहे कानूनी संकट को और गहरा कर दिया है।

यह मामला राजनीतिक और कानूनी हलकों में चर्चा का प्रमुख विषय बन गया है। अब सभी की निगाहें नवाब मलिक की ओर हैं कि वह अदालत में अपनी सफाई में क्या प्रस्तुत करेंगे।







उल्हासनगर में झूठे कागजात बनाकर, दूसरे की प्रॉपर्टी बेचनेवाले प्रेम शर्मा, भोजराज शर्मा और यश शर्मा पर धोखाधड़ी करने और शिकायतकर्ता को जातिवाचक गालियां और धमकियां देने का मामला दर्ज।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर में एक सनसनीखेज संपत्ति धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें प्रेम शर्मा, भोजराज शर्मा और यश शर्मा पर झूठे दस्तावेजों के माध्यम से संपत्ति बेचने, धोखाधड़ी, जातिसूचक गालियां देने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया गया है। इस मामले ने शहर में हड़कंप मचा दिया है।

शिकायतकर्ता ने उल्हासनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज अपनी शिकायत में बताया कि प्रेम शर्मा ने भोलेनाथ टॉवर के पास स्थित एक संपत्ति को बेचने का झांसा देकर उनसे 4,11,000 रुपये हड़प लिए। लेकिन बाद में यह खुलासा हुआ कि उक्त संपत्ति के असली मालिक श्री राजेश वतयानी हैं और प्रेम शर्मा ने झूठे कागजात तैयार कर धोखाधड़ी की।

शिकायतकर्ता का कहना है कि जब उन्होंने अपनी रकम वापस मांगने और संपत्ति का कब्जा लेने की कोशिश की, तो प्रेम शर्मा और उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें जातिसूचक गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी।

पुलिस ने इस गंभीर मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए धोखाधड़ी, जातिगत भेदभाव और धमकी देने के आरोपों में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

यह मामला संपत्ति सौदों में बढ़ते फर्जीवाड़े और समाज में जातिगत भेदभाव के गंभीर मुद्दे को उजागर करता है। पुलिस ने नागरिकों को सलाह दी है कि किसी भी संपत्ति के लेन-देन से पहले दस्तावेजों की पूरी जांच करें और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से सतर्क रहें।

यह घटना समाज में कानूनी जागरूकता और सतर्कता बरतने की आवश्यकता को बल देती है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।













30 करोड़ की ठगी: टॉरेस ज्वेलरी घोटाले में युक्रेनियन महिला ने भारतीयों को लगाया चूना।


नवी मुंबई: दिनेश मीरचंदानी/ प्रतिक यादव 

सानपाड़ा, नवी मुंबई में टॉरेस ज्वेलरी के नाम पर एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। युक्रेन की एक महिला ने भारतीय नागरिकों को साधारण पत्थरों को महंगे रत्नों के रूप में बेचकर लगभग 25 से 30 करोड़ रुपये की ठगी की है।

बॉलीवुड सितारों के जरिए हुआ भव्य उद्घाटन

इस घोटाले की शुरुआत बड़े ही धूमधाम से हुई। मुंबई के दादर स्थित टॉरेस ज्वेलरी स्टोर का उद्घाटन बॉलीवुड सेलिब्रिटीज के हाथों कराया गया। आकर्षक विज्ञापन और भव्य उद्घाटन समारोह के जरिए लोगों को आकर्षित किया गया।

साधारण पत्थरों को महंगे रत्न बताकर ठगा

टॉरेस ज्वेलरी के तहत साधारण पत्थरों को महंगे रत्नों का दर्जा देकर ग्राहकों को प्रति टुकड़ा 7000 रुपये में बेचा गया, जबकि इनकी वास्तविक कीमत मात्र 200 रुपये थी। आकर्षक ऑफर्स और विज्ञापनों के सहारे मुंबई और उपनगरीय क्षेत्रों के नागरिकों को इस धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया।

महिलाओं को 10% रिटर्न का झांसा

महिलाओं को साधारण पत्थरों पर हर हफ्ते 10% रिटर्न का लालच दिया गया। इस प्रलोभन में आकर कई महिलाओं ने अपने पतियों को ज्वेलरी खरीदने के लिए राजी किया। यहां तक कि उच्च वर्ग की महिलाओं ने भी इस घोटाले में लाखों रुपये का निवेश किया।

लकी ड्रॉ के नाम पर गाड़ी देने का प्रलोभन

मुंबई और उपनगरीय क्षेत्रों में भव्य उद्घाटन समारोह के साथ हर रविवार लकी ड्रॉ के जरिए विजेता को कार गिफ्ट करने का वादा किया गया। इस लालच में कई लोगों ने भारी मात्रा में निवेश किया।

पुलिस ने दर्ज किया मामला

ग्राहकों की शिकायत के बाद पुलिस ने इस घोटाले की जांच शुरू कर दी है। मुख्य आरोपी फरार है और उसकी तलाश जारी है। पुलिस ने नागरिकों से ऐसी आकर्षक योजनाओं से सतर्क रहने की अपील की है। अब तक 1500 से अधिक लोगों ने इस घोटाले की शिकायत दर्ज कराई है।

सानपाड़ा पुलिस स्टेशन में इस मामले में केस दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है।









मुंबई के बोरीवली इलाके में 47 लाख की ड्रग्स जब्त, पुलिस की बड़ी कार्रवाई।





मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई के बोरीवली इलाके में पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए 47 लाख रुपये मूल्य की मादक पदार्थों की खेप जब्त की है। इस ऑपरेशन में चार ड्रग्स पेडलरों को भी गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई मुंबई पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जो शहर में मादक पदार्थों के नेटवर्क को खत्म करने के प्रयासों में जुटी है।

वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मालोजी शिंदे ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर यह अभियान चलाया गया। पुलिस टीम ने क्षेत्र में लगातार गश्त करते हुए संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी और सही समय पर छापा मारकर यह सफलता हासिल की। जब्त की गई मादक पदार्थों की खेप का बाजार मूल्य 47 लाख रुपये आंका गया है।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है ताकि इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सके। पुलिस को उम्मीद है कि इस कार्रवाई से मादक पदार्थों की आपूर्ति श्रृंखला को एक बड़ा झटका लगेगा। इस सफलता को लेकर स्थानीय लोगों ने भी पुलिस की तारीफ की है, जिन्होंने इलाके को मादक पदार्थों से मुक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है और जल्द ही इस ड्रग्स नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की गिरफ्तारी की उम्मीद है। यह कार्रवाई मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ चल रही मुहिम में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकती है।







ठाणे पुलिस ने रचा इतिहास: 75% मामलों में सफलता, सीपी अशुतोष डुम्बरे की अगुवाई में अपराध नियंत्रण में बड़ा कदम।


 

ठाणे: दिनेश मीरचंदानी 

ठाणे पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब समर्पण और नेतृत्व मजबूत हो, तो असंभव कुछ नहीं। पुलिस आयुक्त अशुतोष डुम्बरे के नेतृत्व में ठाणे पुलिस विभाग ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में रिकॉर्ड तोड़ सफलता दर्ज की है। विभाग ने दर्ज अपराध मामलों में 75% की शानदार समाधान दर हासिल की है, जो पूरे राज्य के लिए एक मिसाल बन गई है।

सीपी डुम्बरे ने इस सफलता को अपनी टीम की अथक मेहनत और आधुनिक तकनीक के कुशल उपयोग का नतीजा बताया है। ठाणे पुलिस ने अपराध नियंत्रण और जांच में कई नई और प्रभावशाली रणनीतियां अपनाई हैं, जिनमें डिजिटल निगरानी, डेटा एनालिटिक्स, और सामुदायिक पुलिसिंग प्रमुख हैं।

इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने न केवल ठाणे में कानून-व्यवस्था को नई मजबूती दी है, बल्कि अपराधियों के मन में खौफ भी पैदा किया है। सीपी डुम्बरे ने अपनी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह सिर्फ एक शुरुआत है, और भविष्य में ठाणे पुलिस और भी बेहतर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने नागरिकों को आश्वस्त किया कि उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस विभाग हमेशा तत्पर रहेगा।

यह सफलता न केवल ठाणे पुलिस के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे महाराष्ट्र पुलिस बल के लिए एक प्रेरणा है। ठाणे पुलिस का यह कदम निश्चित रूप से अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि कानून के शिकंजे से बच पाना अब असंभव है।










महाराष्ट्र सरकार का मान्यता पत्र फर्जी तरह से लेनेवाले फर्जी पत्रकार की विधीमंडल में घूसपैठ।


 


पुणे/मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

फर्जी पत्रकारों द्वारा ब्लैकमेल कर संपत्तियों पर कब्जा करने के मामले में एक और घटना सामने आई है। पीड़ित गृहस्वामी ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता और स्वयंभू पत्रकार ओम प्रकाश पाण्डेय (प्लॉट नंबर 56, बधे फ्लोर मिल के पास, कोंढवा खुर्द, पुणे 4110048, मूल गांव सतना, जबलपुर, मध्य प्रदेश, मोबाइल नंबर +919762999991, 9881933438) ने ब्लैकमेल करके उनकी संपत्ति पर अवैध कब्जा कर लिया है।

शिकायतकर्ता के अनुसार, पाण्डेय ने महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में खुद को प्रस्तुत किया और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ अपनी तस्वीर को व्हाट्सएप प्रोफाइल पर इस्तेमाल कर लोगों को गुमराह किया। इससे भाजपा की छवि को भी नुकसान पहुंचा है।

पीड़ित ने बताया कि पाण्डेय ने राज्य सरकार से फर्जी तरीके से मान्यता पत्र और एक्रिडिटेशन प्राप्त किया, जबकि उसे ठीक से खबरें लिखना भी नहीं आता। इसके बावजूद, उसने हाल ही में विधानसभा सत्र में भी उपस्थिति दर्ज कराई।

पुलिस में शिकायत दर्ज

पीड़ित का कहना है कि इस मामले में पुलिस आयुक्त से शिकायत की गई है। पाण्डेय पर पहले भी रेलवे, स्वास्थ्य विभाग और नगरपालिका के अधिकारियों को ब्लैकमेल करने के आरोप हैं। अकोला जिले के खदान पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ मामला दर्ज है। इसके अलावा, उसने पुणे में एक डॉक्टर अधिकारी को झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी थी।

कमरे पर अवैध कब्जा और ब्लैकमेलिंग

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि पाण्डेय ने ब्लैकमेलिंग के जरिए उनकी शिवाजी नगर गांव में स्थित कमरे पर अवैध कब्जा कर लिया। उन्होंने बताया कि पाण्डेय शुरू में मेहमान बनकर वहां रहने आया था और बाद में बिना अनुमति के कमरे में घुसकर कब्जा कर लिया। पाण्डेय ने अवैध रूप से पानी का कनेक्शन भी ले रखा है और चोरी से पानी का उपयोग कर रहा है।

सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए पीड़ित ने कहा कि वे कार्रवाई करने के बजाय पाण्डेय का साथ दे रहे हैं। पीड़ित ने न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि उन्होंने समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली है और उनके बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।

पीड़ित ने न्याय की गुहार

यह मामला अब न्याय की मांग के लिए संबंधित अधिकारियों के पास पहुंच चुका है। पीड़ित ने उम्मीद जताई है कि उन्हें इस मामले में जल्द से जल्द न्याय मिलेगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।