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पीडब्ल्यूडी घोटाले से उल्हासनगर प्रशासन में हड़कंप, इंजीनियर संदीप जाधव ने मांगा वीआरएस।

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर महानगरपालिका (यूएमसी) के सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में करोड़ों रुपये के घोटाले का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि विभाग में वर्षों से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताएं चल रही थीं। इस प्रकरण में विभाग के जूनियर इंजीनियर संदीप जाधव पर गंभीर आरोप लगे हैं।

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, उल्हासनगर महानगर पालिका आयुक्त मनीषा अहवाले द्वारा विभागीय कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के उद्देश्य से शुरू की गई सघन जांच कार्रवाई के बाद, संदीप जाधव ने अचानक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन कर दिया।

जाधव के वीआरएस की टाइमिंग और विभाग में मची अफरातफरी से यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि वह जांच की आंच से बचना चाह रहे हैं। बताया जा रहा है कि पीडब्ल्यूडी विभाग में टेंडर प्रक्रिया, कार्यादेश और बिल भुगतान में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं, जिनमें कई ठेकेदार और अधिकारी भी संदेह के घेरे में हैं।

आयुक्त अहवाले की सख्त कार्यशैली और निगरानी के कारण पूरे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और जांच को निष्पक्षता व पारदर्शिता के साथ अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।

उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में भ्रष्टाचार के इस मामले में और भी नाम सामने आ सकते हैं। साथ ही, यह भी संभावना जताई जा रही है कि एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) या राज्य सतर्कता विभाग इस प्रकरण की औपचारिक जांच अपने हाथ में ले सकते हैं।

इस घोटाले ने न सिर्फ पीडब्ल्यूडी विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि उल्हासनगर में सरकारी प्रशासन की जवाबदेही और पारदर्शिता पर भी नई बहस छेड़ दी है।












समाज के लिए मिसाल बनेंगे IRS अधिकारी समीर वानखेडे: SST कॉलेज उल्हासनगर-4 में 19 जुलाई 2025 को ऐतिहासिक नशा मुक्ति कार्यक्रम, युवाओं को देंगे प्रेरणा।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर में इस वर्ष 19 जुलाई का दिन एक ऐतिहासिक और सामाजिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ और देशभर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व अधिकारी के तौर पर अपने बेधड़क व ईमानदार कार्यों से प्रसिद्ध समीर वानखेडे उल्हासनगर के SST कॉलेज में आयोजित एक विशेष नशा मुक्ति जनजागरूकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

यह कार्यक्रम न केवल कॉलेज के छात्रों के लिए बल्कि पूरे शहर के युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बनेगा। समीर वानखेडे, जिनका नाम ड्रग माफियाओं के विरुद्ध निर्णायक अभियानों और नशे के नेटवर्क को उजागर करने के लिए जाना जाता है, इस अवसर पर अपने अनुभवों को साझा करेंगे और युवाओं को नशे से दूर रहने की प्रेरणा देंगे।

कार्यक्रम का उद्देश्य: युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूक करना

SST कॉलेज द्वारा आयोजित यह विशेष सत्र उनके सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है— "नशा मुक्त भारत, स्वस्थ भारत"। कॉलेज प्रबंधन के अनुसार, यह पहल छात्रों को नशीले पदार्थों की भयावहता से अवगत कराने और उन्हें एक सकारात्मक, जागरूक, और लक्ष्य-निर्धारित जीवन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से की जा रही है।

कार्यक्रम की शुरुआत 19 जुलाई को दोपहर 12:00 बजे SST कॉलेज उल्हासनगर-4 में होगी।

समीर वानखेडे: एक नाम, जो युवाओं के लिए प्रेरणा है

समीर वानखेडे का व्यक्तित्व स्वयं में ही एक आदर्श बन चुका है। अपने करियर में उन्होंने बड़े-बड़े नशा सिंडिकेट्स का पर्दाफाश किया है। उनके नेतृत्व में NCB ने कई चर्चित मामलों में प्रभावी कार्यवाही की, जिससे युवा पीढ़ी के बीच एक स्पष्ट संदेश गया कि नशा किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं।

छात्रों में उत्साह और उम्मीदों का माहौल

कॉलेज परिसर में छात्रों के बीच इस कार्यक्रम को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है। कई छात्र इसे अपने जीवन की दिशा तय करने वाले क्षण के रूप में देख रहे हैं। SST कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि यह कार्यक्रम युवाओं को न केवल नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराएगा बल्कि उन्हें एक सकारात्मक समाज के निर्माण की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करेगा।












डीसीपी सचिन गोरे के जन्मदिन पर शहर में बधाइयों की गूंज, सम्मान और सादगी के माहौल में मनाया गया विशेष दिवस।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

झोन-4 के पुलिस उपायुक्त (DCP) श्री सचिन गोरे के जन्मदिन के अवसर पर उल्हासनगर शहर में हर्ष और उत्साह का वातावरण देखने को मिला। पुलिस सेवा में अपनी सादगी, अनुशासन और कार्यकुशलता के लिए पहचाने जाने वाले श्री गोरे को उनके जन्मदिवस पर शहर के अनेक गणमान्य नागरिकों और समाजसेवियों ने शुभकामनाएं दीं।

इस विशेष अवसर पर मंत्रालय टाइम्स के संपादक दिनेश मिराचंदानी, मानव शक्ति एनजीओ के अध्यक्ष कुमार मेंघवानी, भाजपा नेता विक्की मेंघवानी और पुलिस विभाग से PSI प्रशांत चव्हाण ने डीसीपी गोरे से मुलाकात कर उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट किया और शुभकामनाएं प्रकट कीं।

कार्यक्रम भले ही सादगीपूर्ण रहा, परंतु उसमें आत्मीयता, गरिमा और सम्मान की स्पष्ट झलक दिखाई दी। उपस्थित अतिथियों ने डीसीपी गोरे के सामाजिक योगदान और उनके प्रशासनिक दृष्टिकोण की सराहना की, साथ ही उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना भी की।

शहरवासियों और पुलिस विभाग के बीच सेतु की भूमिका निभा रहे डीसीपी श्री गोरे के प्रति यह सम्मानजनक भाव इस बात का प्रतीक है कि प्रशासनिक जिम्मेदारियों के साथ मानवीय मूल्यों का निर्वाह करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।












उल्हासनगर मनपा में व्यापक प्रशासनिक फेरबदल: अधिकारियों की जिम्मेदारियों में बड़ा बदलाव, पारदर्शिता और कार्यकुशलता पर जोर।


 

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी

उल्हासनगर महानगरपालिका (Ulhasnagar Municipal Corporation) में प्रशासनिक कार्यप्रणाली को और अधिक दक्ष, पारदर्शी तथा जवाबदेह बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। मनपा प्रशासन ने दो महत्वपूर्ण कार्यालयीन आदेश जारी किए हैं, जिनके तहत कई वरिष्ठ और सहायक आयुक्तों की विभागीय जिम्मेदारियों में बड़े स्तर पर फेरबदल किया गया है। ये आदेश मनपा आयुक्त एवं प्रशासक के अनुमोदन से तत्काल प्रभाव से लागू किए गए हैं।

🔸 पहला आदेश (क्रमांक 584, दिनांक: 12 जून 2025)

नगर विकास विभाग के दिशा-निर्देशों और शासन की स्वीकृति के अनुरूप, चार सहायक आयुक्तों के कार्यक्षेत्र में परिवर्तन किया गया है:

1. श्री अजय साबळे – सहायक आयुक्त, अब प्रभाग समिति क्रमांक 01 कार्यालय

2. श्री विशाल कदम – सहायक आयुक्त, अब प्रभाग समिति क्रमांक 03 कार्यालय

3. श्रीमती अलका पवार – सहायक आयुक्त, अब प्रभाग समिति क्रमांक 04 कार्यालय

4. श्री गणेश शिंपी – सहायक आयुक्त, अब प्रभाग समिति क्रमांक 02 कार्यालय

इसके अतिरिक्त, श्री अजय कर्डक को समन्वयक अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। सभी अधिकारियों को अपने-अपने नवविभाजित विभागों का कार्यभार तुरंत संभालने के निर्देश जारी किए गए हैं।

🔸 दूसरा आदेश (क्रमांक 585, दिनांक: 13 जून 2025)

इस आदेश के अंतर्गत विभागीय पुनर्गठन तीन तालिकाओं में दर्शाया गया है:

📋 तक्ता "अ" — उप आयुक्त के अधीन सौंपे गए विभाग:

श्रीमती स्नेहा करपे, उप आयुक्त को निम्न विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई:

1. वैद्यकीय आरोग्य विभाग

2. वाहन व परिवहन विभाग

3. जनगणना व आधार केंद्र

4. पर्यावरण विभाग

5. जनसंपर्क विभाग

6. निवडणूक (चुनाव) विभाग

7. विवाह नोंदणी

8. जन्म-मृत्यु नोंदणी

9. बाजार व परवाना विभाग

10. क्रीड़ा व सांस्कृतिक विभाग

📋 तक्ता "ब" — अतिरिक्त विभागीय दायित्व:

1. डॉ. सुनील लोंढे, सहायक आयुक्त (प्रभाग 2) – निवडणूक विभाग

2. श्री गणेश पवार, वरिष्ठ लिपिक – अतिरिक्त प्रशासनिक सहयोग

📋 तक्ता "क" — स्थानांतरित अधिकारियों की नियुक्तियाँ:

1. श्री नितेश रंगारी – उप कर निर्धारक व संकलक, विभाग प्रमुख: मालमत्ता कर विभाग

2. श्री अजित गोवारी – अधीक्षक, विभाग प्रमुख: सामान्य प्रशासन विभाग

3. श्री सचिन जाधव – वरिष्ठ लिपिक, विभाग प्रमुख: निवडणूक विभाग

🎯 प्रशासन का उद्देश्य:

इन फेरबदल का प्रमुख उद्देश्य मनपा की प्रशासनिक प्रक्रियाओं को तेज़, पारदर्शी एवं प्रभावी बनाना है। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने कार्यभार तुरंत ग्रहण करें और प्रशासन को रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह भी स्पष्ट किया गया है कि विभागीय शिथिलता या लापरवाही को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

🔚 निष्कर्ष:

उल्हासनगर मनपा द्वारा जारी किए गए ये प्रशासनिक आदेश न केवल आंतरिक कार्यप्रणाली को बेहतर बनाएंगे, बल्कि इससे नागरिकों को भी सेवाओं का त्वरित और प्रभावी लाभ मिलेगा। यह कदम शहर के सुशासन और उत्तरदायित्वपूर्ण प्रशासनिक व्यवस्था की दिशा में एक बड़ा और स्वागतयोग्य प्रयास माना जा रहा है।



















राज ठाकरे के जन्मदिन पर जनसेवा की मिसाल: उल्हासनगर में छात्रों के बीच वितरित की गई नोटबुक, समाजसेवकों की रही सक्रिय भागीदारी।


 



उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज साहेब ठाकरे के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में उल्हासनगर में एक प्रेरणादायक सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसने न केवल सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय दिया, बल्कि शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक सशक्त कदम साबित हुआ।

गुरु तेग बहादुर कॉलोनी, हॉस्पिटल एरिया, उल्हासनगर-3 में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में स्कूली छात्रों को निःशुल्क नोटबुक्स वितरित की गईं। कार्यक्रम का आयोजन समाजसेवक हिरो राजाई के कार्यालय में किया गया, जिसमें शहर के अनेक प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ताओं और मनसे पदाधिकारियों की सक्रिय उपस्थिति रही।

इस जनहितैषी पहल में मनसे उल्हासनगर शहर अध्यक्ष संजय घुगे, उपाध्यक्ष मुकेश शेतपालांनी, समाजसेवक हिरो राजाई, सतीश तिवारी, विजय आवळे, पुरण सिंग, श्रीमती सोनल लखानी सहित कई गणमान्य अतिथि शामिल हुए। इन सभी ने बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करते हुए उन्हें शैक्षणिक सामग्री प्रदान की।

वक्ताओं ने इस अवसर पर राज ठाकरे के समाजोन्मुखी दृष्टिकोण और जनसेवा के प्रति समर्पण को सराहा और कहा कि आज की शिक्षा में निवेश, कल के उज्जवल भविष्य की नींव है। इस पहल को स्थानीय लोगों और छात्रों के अभिभावकों ने भी बड़े उत्साह से सराहा।

कार्यक्रम का उद्देश्य केवल जन्मदिन को औपचारिक रूप से मनाना नहीं था, बल्कि समाज के पिछड़े तबके के बच्चों को पढ़ाई में सहयोग कर, उनकी शिक्षा यात्रा को सुगम बनाना था। इस पहल ने न केवल एक प्रेरणादायक संदेश दिया, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि राजनीति के साथ अगर सामाजिक सरोकार जुड़ जाएं, तो सकारात्मक बदलाव संभव हैं।

इस आयोजन ने स्पष्ट किया कि मनसे न केवल राजनीतिक आंदोलन का नाम है, बल्कि यह समाजसेवा के लिए भी उतनी ही गंभीरता से प्रतिबद्ध है।




















IRS अधिकारी समीर वानखेडे की स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक पर ऐतिहासिक उपस्थिति — राष्ट्रभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा का जीवंत उदाहरण।


 





मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देशभक्ति की भावना और राष्ट्रीय गौरव से सराबोर एक ऐतिहासिक क्षण उस समय साकार हुआ जब भारत सरकार के वरिष्ठ IRS अधिकारी समीर वानखेडे ने मुंबई के दादर स्थित स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक का औपचारिक दौरा किया। इस अवसर ने ना केवल स्वतंत्रता संग्राम के गौरवपूर्ण अध्याय को पुनः जीवित किया, बल्कि एक प्रशासनिक अधिकारी के संवेदनशील और राष्ट्रप्रेम से परिपूर्ण व्यक्तित्व को भी उजागर किया।

समीर वानखेडे ने इस स्मारक स्थल पर भारत के महान क्रांतिकारी स्वातंत्र्यवीर सावरकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके वंशज श्री रणजीत सावरकर से शिष्टाचार भेंट कर उनके योगदान को ससम्मान स्मरण किया।

इस अवसर पर उन्होंने भावुकता से कहा:

आज एक गर्व और श्रद्धा से भरा शक्तिशाली क्षण रहा जब मैंने स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक का दौरा किया — वह भूमि जहाँ भारत के सबसे प्रखर स्वतंत्रता सेनानी की प्रेरणादायक गूंज आज भी जीवंत है।

मैंने सावरकर जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की, उनके वीर वंशज श्री रणजीत सावरकर से भेंट की, और उस क्रांतिकारी की महान विरासत को नमन किया जिसने अपने साहस और अटूट संकल्प से एक पूरे साम्राज्य की नींव हिला दी थी।"

यह भेंट सिर्फ एक व्यक्तिगत श्रद्धांजलि नहीं थी, बल्कि आज के समय में प्रशासनिक सेवा में कार्यरत अधिकारियों के लिए एक प्रेरक दृष्टांत थी — कि कैसे इतिहास और राष्ट्रभक्ति से जुड़कर एक अधिकारी अपने कर्तव्यों को और भी अधिक दृढ़ता और समर्पण से निभा सकता है।

स्मारक परिसर में उपस्थित लोग भी इस अवसर पर भाव-विभोर हो उठे और समीर वानखेडे की राष्ट्रसेवा की भावना की सराहना करते हुए कहा कि "इस प्रकार की यात्राएं न केवल इतिहास का सम्मान हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक जीवंत प्रेरणा भी हैं।"

समीर वानखेडे की यह ऐतिहासिक उपस्थिति स्वतंत्रता संग्राम की स्मृतियों को पुनर्जीवित करती है और यह सिद्ध करती है कि वीर सावरकर जैसे महानायकों की विचारधारा आज भी सच्चे राष्ट्रसेवकों के मन में जीवित है।












उल्हासनगर-4 के शिवनेरी हॉस्पिटल की लापरवाही: जिंदा बुज़ुर्ग को मृत बताकर अंतिम संस्कार की नौबत तक पहुँचा।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर के शिवनेरी हॉस्पिटल से एक बेहद चौंकाने वाला और गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसने पूरे चिकित्सा तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 65 वर्षीय अभिमान तायडे नामक बुजुर्ग को जिंदा होते हुए भी डॉक्टर द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। यही नहीं, अस्पताल प्रशासन ने तुरंत डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया, जिससे परिजन अंतिम संस्कार की तैयारियों में लग गए थे।

जानकारी के अनुसार, अभिमान तायडे की तबीयत कुछ समय से खराब चल रही थी और मुंबई के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। अचानक बेहोश हो जाने पर उनके बेटे ने उन्हें रिक्शा से उल्हासनगर के शिवनेरी हॉस्पिटल पहुंचाया। यहां डॉ. आहुजा ने बाहर ही, रिक्शे में मरीज की जांच कर उन्हें मृत घोषित कर दिया। बिना किसी मेडिकल जांच या उचित पुष्टि के, अस्पताल ने डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया।

हालांकि, जैसे ही परिजन अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, उन्होंने देखा कि अभिमान तायडे की छाती में हलचल हो रही है और उनकी धड़कन चल रही है। घबराए परिजन तुरंत उन्हें उल्हासनगर के एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने तत्परता दिखाते हुए इलाज शुरू किया और थोड़ी ही देर में मरीज को होश आ गया। उनकी जान बच गई।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद परिजनों में जहां राहत है, वहीं गहरा आक्रोश भी है। उन्होंने शिवनेरी हॉस्पिटल और डॉ. आहुजा के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई है।

डॉक्टर ने मानी गलती, दी सफाई:

डॉ. आहुजा ने अपनी चूक स्वीकार करते हुए कहा, "रोगी की नब्ज नहीं मिल रही थी, और आसपास के शोर के कारण दिल की धड़कन भी सुनाई नहीं दी। इसी वजह से गलती से मृत घोषित कर दिया गया, इसके लिए मैं खेद प्रकट करता हूं।"

मरीज ने कहा - "अब मैं ठीक हूं"

होश में आने के बाद अभिमान तायडे ने कहा, "मुझे पीलिया हुआ था, अब मेरी तबीयत ठीक है। मैंने खाना भी खा लिया है।"

अब बड़ा सवाल यह उठता है कि इतनी गंभीर चिकित्सा लापरवाही के बावजूद क्या डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन पर कोई ठोस कार्रवाई होगी? क्या भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस प्रणाली बनाई जाएगी?

यह मामला न केवल एक व्यक्ति की जान से जुड़ा है, बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा करता है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की भूमिका अब जांच के घेरे में है।