BREAKING NEWS
national

सियासत

politics
social लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
social लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिवंगत मनीषा सुशांत भिसे के बच्चों के इलाज हेतु 24 लाख रुपये की आर्थिक सहायता को दी मंजूरी।


पुणे: दिनेश मीरचंदानी 

दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल प्रकरण में दिवंगत मनीषा सुशांत भिसे के दो मासूम बच्चों के उपचार के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री श्री. देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री सहायता निधि से कुल 24 लाख रुपये की आर्थिक मदद को स्वीकृति दी है।

इस सहायता के अंतर्गत एक बच्चे के लिए 10 लाख रुपये तथा दूसरे के लिए 14 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई है। यह निर्णय राज्य सरकार की मानवीय और संवेदनशील कार्यपद्धती को दर्शाता है, जो आपातकालीन स्थितियों में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी रहती है।

दिवंगत मनीषा भिसे का प्रकरण पूरे राज्य में चर्चा का विषय रहा है, और इस घटनाक्रम के पश्चात उनके बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया था। मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान की गई यह आर्थिक सहायता न केवल बच्चों के चिकित्सा उपचार में सहायक सिद्ध होगी, बल्कि उनके बेहतर भविष्य की दिशा में एक सशक्त कदम भी मानी जा रही है।

राज्य सरकार द्वारा समय पर लिया गया यह निर्णय सामाजिक उत्तरदायित्व और संवेदनशील शासन की मिसाल प्रस्तुत करता है।

'आगे भी खर्च की राशि दी जाएगी'

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देशानुसार इन बच्चों के इलाज के लिए लगने वाला सारा खर्च मुख्यमंत्री सहायता निधि से स्वीकृत किया जा रहा है।

अब तक के खर्च का बिल अस्पतालों ने भेजा है, और उसे भी मंजूरी मिल चुकी है। आगे के इलाज के लिए जो भी खर्च होगा, उसे भी निधि से स्वीकृत किया जाएगा, ऐसा मुख्यमंत्री सहायता निधि के प्रमुख रमेश्वर नाईक ने बताया।












अंबरनाथ में नशामुक्ति की नई पहल: IRS अधिकारी समीर वानखेडे और क्रांति रेडकर की होगी विशेष उपस्थिति।


अंबरनाथ: दिनेश मीरचंदानी

शहर के प्रख्यात नगरसेवक और सामाजिक कार्यकर्ता मा. सुभाष साळुंके  के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य नशामुक्ति शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यह शिविर रविवार, 11 मई को सुबह 10 बजे से रोटरी क्लब हॉल, वड़वली स्टेशन, अंबरनाथ (पूर्व) में आयोजित किया जाएगा।

इस शिविर का मुख्य उद्देश्य शराब और अन्य व्यसनों की चपेट में आए नागरिकों को नशामुक्त कर एक स्वस्थ, सशक्त और आत्मनिर्भर जीवन की ओर प्रेरित करना है। कार्यक्रम में समुपदेशन, औषधि और उपचार तीनों का समन्वय किया जाएगा।

विशेष आकर्षण:

पहले 100 पंजीकरण करने वालों को मुफ्त उपचार

हार्मोन इंजेक्शन थेरपी द्वारा 48 घंटे में दारू की भावना बंद करने का उपचार

नाममात्र शुल्क (₹100/-) में औषधि उपलब्ध

विशेष उपस्थितियाँ:

मा. समीर वानखेडे (IRS), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व अधिकारी

प्रसिद्ध अभिनेत्री मा. क्रांति रेडकर

शिवसेना नेता मा. सुभाष साळुंके के मार्गदर्शन में

आयोजन की प्रमुख: सौ. सुवर्णा साळुंके

कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. कृष्णचंद्र भागले (नशामुक्ति विशेषज्ञ) एवं सहयोगी मा. सुनील कदम इस शिविर को सफलता की ओर ले जाने हेतु प्रयासरत हैं।

पंजीकरण और जानकारी हेतु संपर्क करें: 9423080608 / 8788515075












महाराष्ट्र दिवस पर हुआ है ज़िलास्तरीय मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष का भव्य उद्घाटन — जरूरतमंद मरीजों को मिलेगा स्थानीय स्तर पर लाभ।


 









मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र दिवस के पावन अवसर पर आज राज्य के प्रत्येक जिले में मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष का विधिवत उद्घाटन संबंधित जिले के पालक मंत्री, मंत्री या राज्यमंत्री के कर-कमलों द्वारा किया गया। यह निर्णय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देशानुसार लिया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को त्वरित व प्रभावी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है।

मुख्यमंत्री सहायता निधि के अंतर्गत मिलने वाली सहायता के लिए अब मरीजों और उनके परिजनों को बार-बार मंत्रालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। जिला स्तर पर शुरू किए गए इन कक्षों के माध्यम से सहायता की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, त्वरित और सुगम बनाया गया है।

मुख्यमंत्री फडणवीस के निर्देशानुसार 22 फरवरी 2025 को इस आशय का शासन निर्णय जारी किया गया था। इसके बाद 23 अप्रैल को स्वयं मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में संबंधित अधिकारियों को इन कक्षों को पूरी क्षमता से कार्यान्वित करने के निर्देश दिए गए थे।

मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष के प्रमुख रामेश्वर नाईक ने जानकारी देते हुए बताया कि अब राज्य के प्रत्येक जिलाधिकारी कार्यालय में यह कक्ष संचालित होगा। इससे मरीजों को उनके ही जिले में मदद मिल सकेगी।

मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष की मुख्य जिम्मेदारियां:

मरीजों व परिजनों को आवेदन प्रक्रिया में सहायता प्रदान करना

प्राप्त आवेदनों की वर्तमान स्थिति की जानकारी देना

मरीजों व परिजनों की समस्याओं का समाधान करना

सहायता प्राप्त मरीजों से अस्पताल जाकर संपर्क करना

कक्ष के प्रति जनजागृति व प्रचार-प्रसार करना

सहायता हेतु बीमारियों की सूची का पुनर्विलोकन करना

आपदा की स्थिति में जिले में तत्काल सहायता पहुंचाना

मुख्यमंत्री सहायता निधि में अधिकतम दान प्राप्त करने के प्रयास करना

आर्थिक सहायता योग्य बीमारियों की संख्या बढ़ाने का प्रयास करना

जनता को मिलने वाले प्रमुख लाभ:

आवेदन करने में मार्गदर्शन व सहायता

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची की सुविधा

संबंधित अस्पतालों की सूची की जानकारी

मंत्रालय तक पहुंचने की आवश्यकता नहीं

आवेदन की स्थिति जिलाधिकारी कार्यालय में ही ज्ञात होगी

यह पहल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की दूरदर्शी सोच को दर्शाती है, जिसका मूल उद्देश्य है—राज्य के प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य सेवा हेतु त्वरित सहायता सुनिश्चित करना। यह निर्णय न केवल प्रशासनिक दक्षता को दर्शाता है, बल्कि इससे जरूरतमंद नागरिकों में सरकार के प्रति विश्वास भी सुदृढ़ होगा।












उल्हासनगर-१ पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विष्णु ताम्हाणे को "पुलिस महानिदेशक सम्मानचिह्न" से सम्मानित किया गया।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र पुलिस बल में उत्कृष्ट सेवाओं और उल्लेखनीय कर्तव्यनिष्ठा के लिए उल्हासनगर-१ पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्री विष्णु ताम्हाणे को प्रतिष्ठित "पुलिस महानिदेशक सम्मानचिह्न" (Director General's Insignia) प्रदान किया गया है। यह सम्मान महाराष्ट्र राज्य पुलिस के सर्वोच्च अधिकारियों में से एक, पुलिस महानिदेशक द्वारा उन पुलिसकर्मियों को दिया जाता है जिन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में अनुकरणीय प्रदर्शन किया हो।

श्री ताम्हाणे ने अपराध नियंत्रण, जनता के साथ बेहतर समन्वय, और पुलिस विभाग की छवि को सकारात्मक दिशा में अग्रसर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता, तीव्र निर्णय क्षमता और निष्पक्ष जांच प्रक्रिया के चलते उन्होंने कई जटिल मामलों को सफलतापूर्वक सुलझाया है, जिससे न केवल विभाग बल्कि आम जनता का भी विश्वास पुलिस तंत्र में और सुदृढ़ हुआ है।

इस सम्मान की घोषणा के साथ ही उल्हासनगर पुलिस विभाग में हर्ष और गर्व की लहर है। वरिष्ठ अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों ने श्री ताम्हाणे को इस उपलब्धि पर बधाई दी है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

यह सम्मान न केवल श्री ताम्हाणे की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह पूरे पुलिस बल के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है, जो कर्तव्यपरायणता, ईमानदारी और जनसेवा के मूल सिद्धांतों को मजबूती प्रदान करता है।












आईपीएस देवेन भारती को मुंबई पुलिस आयुक्त का विशेष प्रभार सौंपा गया।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी

महाराष्ट्र सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी देवेन भारती को मुंबई पुलिस आयुक्त का विशेष प्रभार सौंपा है। यह नियुक्ति मुंबई पुलिस प्रशासन में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखी जा रही है। देवेन भारती वर्तमान में महाराष्ट्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक (क़ानून और व्यवस्था) के पद पर कार्यरत हैं और उनकी गिनती राज्य के अनुभवी एवं तेजतर्रार अधिकारियों में होती है।

देवन भारती इससे पहले मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त (क़ानून और व्यवस्था) तथा एटीएस प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनके नेतृत्व में कई जटिल आपराधिक मामलों का सफलतापूर्वक समाधान हुआ है।

मुंबई जैसे देश के सबसे बड़े महानगर की कानून व्यवस्था को संभालना एक बड़ी जिम्मेदारी मानी जाती है, और देवेन भारती की नियुक्ति से इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि शहर में सुरक्षा और प्रशासनिक कार्यों को और अधिक कुशलता के साथ संचालित किया जाएगा।

इस अस्थायी जिम्मेदारी के पीछे प्रशासनिक फेरबदल और वर्तमान पुलिस आयुक्त की अनुपस्थिति या स्थानांतरण की संभावनाएं प्रमुख कारण मानी जा रही हैं। जल्द ही स्थायी नियुक्ति को लेकर भी निर्णय लिया जा सकता है।















कौन बनेगा मुंबई का नया पुलिस कमिश्नर? रितेश कुमार, अर्चना त्यागी और देवेन भारती दावेदार।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई के मौजूदा पुलिस आयुक्त विवेक फणसळकर 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, और उनके उत्तराधिकारी को लेकर पुलिस विभाग तथा राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज़ हो गई है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सुरक्षा व्यवस्था की कमान किस वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को सौंपी जाएगी, इस पर अब सभी की निगाहें टिकी हैं।

पद के संभावित दावेदारों में ये नाम हैं प्रमुख

सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार के पास इस पद के लिए कई योग्य और अनुभवी अधिकारी मौजूद हैं। जिनके नाम सबसे अधिक चर्चा में हैं, उनमें रितेश कुमार, अर्चना त्यागी और देवेन भारती प्रमुख हैं।

रितेश कुमार (1992 बैच, आईपीएस): वर्तमान में सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। उनकी प्रशासनिक दक्षता और अनुभव उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाता है।

अर्चना त्यागी (1993 बैच, आईपीएस): यदि राज्य सरकार महिला नेतृत्व को प्राथमिकता देती है तो अर्चना त्यागी का नाम सबसे ऊपर है। वे मुंबई की पहली महिला पुलिस आयुक्त बनने की संभावना रखती हैं।

देवेन भारती (विशेष पुलिस आयुक्त): वर्तमान में मुंबई पुलिस में विशेष पुलिस आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। यदि सरकार नए आयुक्त की घोषणा फणसळकर के सेवानिवृत्त होने तक नहीं कर पाती है, तो उन्हें अंतरिम रूप से पुलिस आयुक्त का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा जा सकता है।

वहीं, 1990 बैच के वरिष्ठ अधिकारी सदानंद दाते और संजयकुमार वर्मा के नाम भी चर्चा में आए हैं, लेकिन दाते की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और वर्मा की हाल ही में पुलिस महानिदेशक पद पर नियुक्ति के चलते उनकी संभावनाएं कमजोर मानी जा रही हैं।

सरकार की घोषणा का इंतजार

मुंबई जैसे संवेदनशील और रणनीतिक शहर में पुलिस आयुक्त का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए महाराष्ट्र सरकार इस नियुक्ति में कोई जल्दबाज़ी नहीं करना चाहती। अगले कुछ दिनों में इस पद पर अंतिम निर्णय और घोषणा की संभावना है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मुंबई को पहली बार महिला पुलिस आयुक्त मिलती है या अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर रितेश कुमार या देवेन भारती को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाती है।












डीएनए प्रॉपर्टीज़ के साथ अपना सपना साकार करें — प्रॉपर्टी अब आधी कीमत में!


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई, ठाणे और रायगढ़ जिलों में प्रॉपर्टी खरीदने का सुनहरा अवसर!

अगर आप किफायती दरों पर बेहतरीन प्रॉपर्टी की तलाश में हैं, तो डीएनए प्रॉपर्टीज़ आपके लिए लेकर आया है एक अनोखा मौका — बैंकों की नीलामी से उपलब्ध संपत्तियाँ अब बाजार मूल्य के मात्र 50% पर!

क्या मिलेगा आपको डीएनए प्रॉपर्टीज़ के साथ?

आकर्षक आवासीय फ्लैट्स

शानदार खुले प्लॉट्स

सुकून भरे फार्महाउस

प्राइम लोकेशन पर व्यावसायिक संपत्तियाँ

विकसित क्षेत्रों में औद्योगिक भूखंड

प्रतिष्ठित MIDC क्षेत्रों में निवेश के सुनहरे मौके

चाहे आप निवेशक हों या अपने परिवार के लिए एक नया घर ढूंढ रहे हों, डीएनए प्रॉपर्टीज़ आपके हर सपने को हकीकत में बदलने के लिए पूरी तरह तैयार है।

अब देर न करें!

बाजार की तेजी से बढ़ती कीमतों से पहले ही इस बेहतरीन अवसर का लाभ उठाएं और आधी कीमत में अपनी पसंदीदा प्रॉपर्टी अपने नाम करें।

अधिक जानकारी और व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए तुरंत संपर्क करें:

नितिन: 9322269668

धनंजय: 7820919696

डीएनए प्रॉपर्टीज़ — जहां आपके सपनों का आशियाना अब हकीकत बनता है!












मुख्यमंत्री सहायता निधि सेवा अब व्हाट्सएप पर उपलब्ध: सीएम देवेंद्र फडणवीस ने की बड़ी घोषणाएं।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में सह्याद्री अतिथिगृह, मुंबई में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री सहायता निधि (CMRF) की सेवाओं को और अधिक प्रभावी एवं सुगम बनाने के लिए कई बड़े निर्णय लिए गए।

इस बैठक में 5 दिसंबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक की अवधि में 7,658 रोगियों को कुल 67.62 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई, यह जानकारी भी साझा की गई। मुख्यमंत्री ने इस दौरान घोषणा की कि आम नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सहायता निधि सेवा अब व्हाट्सएप के माध्यम से भी उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार और मेटा कंपनी के बीच एक विशेष करार किया गया है।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी निर्देश दिए कि—

राज्य की सभी स्वास्थ्य योजनाओं को एकीकृत करते हुए एक साझा पोर्टल विकसित किया जाए, जिससे आवेदन की प्रक्रिया अधिक सरल और पारदर्शी हो।

मुख्यमंत्री सहायता निधि में औद्योगिक सामाजिक दायित्व (CSR) के अंतर्गत अधिक सहायता सुनिश्चित करने हेतु एक स्वतंत्र संस्था का गठन किया जाए।

योजना में AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) तकनीक का उपयोग किया जाए ताकि मामलों की शीघ्र और सटीक जांच की जा सके।

तालुका स्तर पर "रुग्णमित्र" नियुक्त किए जाएं ताकि जरूरतमंदों को सही मार्गदर्शन मिल सके।

पैनल में अधिक अस्पतालों को जोड़ा जाए जिससे इलाज के विकल्प बढ़ें।

जिओ टैगिंग तकनीक के माध्यम से मरीजों को निकटतम अस्पतालों की जानकारी तुरंत उपलब्ध कराई जाए।

और एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू किया जाए, जिससे नागरिक सहायता के लिए सीधे संपर्क कर सकें।

इस महत्वपूर्ण बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री अजित पवार, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री सहायता निधि व धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष प्रमुख श्री रामेश्वर नाईक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी एवं चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

राज्य सरकार की यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को बेहतर बनाएगी, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से जनता को सशक्त भी करेगी।



















महाराष्ट्र सरकार का ऐतिहासिक निर्णय: अब हर धर्मादाय अस्पताल में अनिवार्य होगी ‘महात्मा फुले’ और ‘आयुष्मान भारत’ योजना।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को जनहित की दिशा में एक क्रांतिकारी मोड़ देते हुए सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल प्रकरण के बाद राज्य सरकार के विधि और न्याय विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए आदेश जारी किया है कि अब राज्य के सभी धर्मादाय अस्पतालों में ‘महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना’ और ‘आयुष्मान भारत योजना’ को अनिवार्य रूप से लागू करना होगा।

राज्य शासन की ओर से सोमवार को यह अहम अधिसूचना जारी की गई। इसमें स्पष्ट किया गया है कि कोई भी धर्मादाय अस्पताल इन दोनों जनकल्याणकारी योजनाओं से अलग नहीं रह सकता। यह निर्णय इस उद्देश्य से लिया गया है कि राज्य का कोई भी नागरिक महज़ आर्थिक कमजोरी के कारण इलाज से वंचित न रहे।

अब नहीं चलेगा बहाना, हर अस्पताल को देनी होगी मुफ्त चिकित्सा सुविधा

शासन ने सभी धर्मादाय अस्पतालों को निर्देशित किया है कि वे अनिवार्य रूप से इन योजनाओं के तहत मरीजों का उपचार करें। इन अस्पतालों को अपनी सेवाएं गरीब, वंचित और निम्न आय वर्ग के मरीजों के लिए सुलभ बनानी होंगी।

इस निर्णय को स्वास्थ्य के अधिकार को मजबूती देने वाला ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्य में चिकित्सा सेवाओं की पहुंच बेहतर होगी और इलाज का अधिकार हर जरूरतमंद तक पहुँचेगा।

धर्मादाय अस्पतालों की जवाबदेही बढ़ेगी, सरकार रहेगी सख्त निगरानी में

अब तक कई धर्मादाय अस्पताल इन योजनाओं को लागू नहीं कर रहे थे, जिससे हजारों मरीजों को इलाज से वंचित रहना पड़ता था। लेकिन अब शासन की सख्ती के चलते इन अस्पतालों की जवाबदेही तय होगी। यह आदेश न मानने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।

राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में संभावित बदलाव

इस फैसले के चलते भविष्य में महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था में बुनियादी परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। यह फैसला गरीब मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा।

जनहित में लिया गया यह निर्णय अब एक नई स्वास्थ्य क्रांति का सूत्रपात कर सकता है।

सरकार की यह सख्त और संवेदनशील पहल दिखाती है कि अब स्वास्थ्य केवल सेवा नहीं, बल्कि हर नागरिक का अधिकार है – और यह अधिकार अब हर धर्मादाय अस्पताल में अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाएगा।












मराठवाड़ा के 1,671 गंभीर रोगियों को मिली मुख्यमंत्री सहायता निधि से 14.17 करोड़ रुपये की राहत, जीवन बचाने में बनी सहारा।


छत्रपति संभाजीनगर: दिनेश मीरचंदानी 


राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सहायता निधि ने एक बार फिर मराठवाड़ा के जरूरतमंद नागरिकों के लिए संजीवनी का कार्य किया है। दिसंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच मराठवाड़ा क्षेत्र के आठ जिलों के कुल 1,671 गंभीर रोगियों को 14.17 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। यह सहायता न केवल इलाज में मददगार साबित हुई, बल्कि कई परिवारों के लिए आशा की किरण भी बनी।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मार्गदर्शन में संचालित इस पहल को मुख्यमंत्री सहायता निधि व चैरिटेबल अस्पताल वैद्यकीय मदत कक्ष के प्रमुख रमेश्वर नाईक के समन्वय से सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया गया। इस योजना का उद्देश्य है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों को समय पर उचित इलाज मिल सके।

जिलेवार सहायता वितरण विवरण:

छत्रपति संभाजीनगर – ₹2.53 करोड़ (295 मरीज)

परभणी – ₹2.50 करोड़ (289 मरीज)

बीड – ₹2.24 करोड़ (277 मरीज)

लातूर – ₹1.74 करोड़ (207 मरीज)

जालना – ₹2.12 करोड़ (205 मरीज)

नांदेड – ₹2.56 करोड़ (196 मरीज)

धाराशिव – ₹2.38 करोड़ (167 मरीज)

हिंगोली – ₹48.35 लाख (55 मरीज)


राज्य सरकार की इस मानवीय पहल से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। सहायता प्राप्त करने वाले मरीजों और उनके परिजनों ने मुख्यमंत्री और संबंधित अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सहायता उनके लिए जीवनदान के समान है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की योजनाएं स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक समावेशी बनाती हैं और समाज के कमजोर वर्गों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर प्रदान करती हैं।

मुख्यमंत्री सहायता निधि मराठवाड़ा जैसे क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा की पहुँच और प्रभावशीलता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाले समय में और भी अधिक प्रभावी ढंग से विस्तार पा सकती है।



















उल्हासनगर नेहरू चौक स्थित साड़ी बाजार में बिजली की भारी किल्लत, व्यापारियों और ग्राहकों को हो रही भारी परेशानी।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

शहर के प्रमुख व व्यस्ततम व्यापारिक केंद्रों में से एक, नेहरू चौक स्थित साड़ी बाजार में इन दिनों बिजली की भारी समस्या देखने को मिल रही है। यह क्षेत्र न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि आसपास के क्षेत्रों से आने वाले ग्राहकों के लिए भी प्रमुख खरीदारी स्थल माना जाता है, लेकिन पिछले कई दिनों से यहां बिजली की लगातार समस्या बनी हुई है, जिससे व्यापारियों और ग्राहकों दोनों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

व्यापारियों का कहना है कि दिनभर बिजली गुल रहने से न केवल ग्राहकों की आवाजाही में कमी आई है, बल्कि उनके व्यवसाय पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। कई दुकानों में एयर कंडीशनर, लाइटिंग और इलेक्ट्रॉनिक बिलिंग सिस्टम काम नहीं कर पा रहे हैं, जिससे व्यवसाय संचालन में दिक्कतें आ रही हैं।

स्थानीय व्यापार मंडल ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए संबंधित विभाग से जल्द समाधान की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो व्यापारिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं और बाजार की साख पर भी असर पड़ सकता है।

ग्राहकों का भी कहना है कि भीषण गर्मी में बिजली न होने के कारण बाजार में खरीदारी करना बेहद मुश्किल हो गया है। अंधेरे और गर्मी के कारण लोग बाजार का रुख करने से बच रहे हैं।

स्थानीय प्रशासन और बिजली विभाग को चाहिए कि वे इस समस्या का तुरंत संज्ञान लें और बाजार क्षेत्र में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करें, ताकि व्यापारियों और ग्राहकों को राहत मिल सके और बाजार की रौनक बरकरार रह सके।

रोज़ एक फेज़ बंद रहता है, कभी लाइट वापस भी आती है तो भी एक फेज़ बंद ही रहता है। ये रोज़ का ही मामला हो गया है।












उल्हासनगर बिल्डर्स एंड डेवेलपर्स एसोसिएशन की नई कमेटी का ऐलान — सभी पदों पर निर्विरोध चयन, शांति व एकता की मिसाल बनी बैठक।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर में बिल्डर्स और डेवेलपर्स के सबसे बड़े संगठन उल्हासनगर बिल्डर्स एंड डेवेलपर्स एसोसिएशन की वार्षिक आमसभा एक ऐतिहासिक अवसर साबित हुई, जहाँ सभी प्रमुख पदों पर निर्विरोध चयन हुआ और पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण ढंग से संपन्न हुई।

इस आमसभा में संगठन की एकजुटता और आपसी समझ की शानदार मिसाल देखने को मिली, जहां किसी भी पद के लिए कोई विरोध नहीं हुआ, और सभी पदाधिकारी सर्वसम्मति से चुने गए।

निर्विरोध चुने गए प्रमुख पदाधिकारी:

चेयरमैन: श्री भारत गंगोत्री

सेक्रेटरी: श्री अमर जगियासी

कोषाध्यक्ष: श्री भगवान माखिजा

तीनों प्रमुख पदों पर निर्विरोध निर्वाचन ने संगठन की एकजुटता और नेतृत्व में विश्वास को दर्शाया। यह स्पष्ट संकेत है कि संगठन अपने भविष्य को लेकर एक राय है और एक मजबूत नेतृत्व के साथ आगे बढ़ना चाहता है।

13 सदस्यीय कार्यकारिणी समिति इस प्रकार है:

1. भारत गंगोत्री (चेयरमैन)

2. अमर जगियासी (सेक्रेटरी)

3. भगवान माखिजा (कोषाध्यक्ष)

4. अनिल होठचंदानी

5. बृजेश नंदवानी

6. दिनेश लहरानी 

7. गोपाल रोहरा

8. हरेश हरिसिंगानी

9. कमल डेम्बा

10. कुमार वाधवा

11. राजेश गेमनानी

12. सुनील गुरदासानी

13. सुरेश थदानी

बैठक के दौरान सदस्यों ने नव-निर्वाचित टीम को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि यह टीम बिल्डर्स व डेवेलपर्स की समस्याओं को प्रभावी रूप से उठाएगी, और साथ ही उल्हासनगर शहर के समग्र विकास में एक मजबूत भागीदारी निभाएगी।

बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने एक स्वर में संगठन की एकता, सहयोग और सकारात्मक सोच की सराहना की। यह निर्विरोध चयन न सिर्फ संगठन की परिपक्वता का प्रतीक है, बल्कि भविष्य के लिए एक मजबूत नींव भी है।

नवगठित समिति को हार्दिक शुभकामनाएं!












"Win Game" लॉटरी के खिलाफ जंग तेज: उल्हासनगर के NGO और पत्रकार जल्द पहुंचेंगे मुंबई हाईकोर्ट – फर्जी स्किल गेम के नाम पर युवाओं की बर्बादी!


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर में इन दिनों खुलेआम चल रही Win Game ऑनलाइन लॉटरी ने पूरे शहर को अपनी चपेट में ले लिया है। जगह-जगह अड्डे बन चुके हैं, जहां सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक बिना किसी रोक-टोक के नंबरों का खेल खेला जा रहा है। इसे "स्किल गेम" बताकर वैधता का नकाब पहनाया जा रहा है, लेकिन असलियत यह है कि इसमें न कोई स्किल है और न ही कोई वैध प्रोसेस — बस सीधा पैसा लगाओ और हार-जीत का इंतजार करो।

हालांकि Bombay High Court ने अपने एक पुराने आदेश में कहा था कि अगर गेम में 15 मिनट में कोई स्किल-बेस्ड टास्क हल कर के नंबर लगाए जाते हैं, तो उसे स्किल गेम माना जा सकता है। मगर उल्हासनगर में ऐसा कुछ नहीं होता! यहां सिर्फ नंबर (आंकड़ा) लगते हैं और पैसे की हार-जीत चलती है — यानी पूरा सिस्टम लॉटरी जैसा और अवैध है।

अब बर्दाश्त नहीं: उल्हासनगर के NGO, समाजसेवी संगठन और पत्रकार करेंगे मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दायर

इस गंभीर मुद्दे पर अब उल्हासनगर के कई समाजिक संगठन, NGO और जागरूक पत्रकार एकजुट हो गए हैं। जल्द ही मुंबई हाईकोर्ट में एक रिव्यू पिटीशन या जनहित याचिका (PIL) दाखिल की जाएगी, जिसमें कोर्ट से अपील की जाएगी कि उल्हासनगर और अन्य शहरों में चल रहे इस फर्जी "स्किल गेम" की सच्चाई सामने लाई जाए और ऐसे अड्डों को तुरंत बंद करवाया जाए।

युवाओं का भविष्य अधर में

यह गेम सैकड़ों युवाओं को लत में धकेल चुका है, जो दिनभर इसी खेल में पैसा हारते और मानसिक तनाव में जीते हैं। यह सिर्फ एक ऑनलाइन लॉटरी नहीं, बल्कि एक सामाजिक बीमारी बन चुकी है, जिसे अब कानून के माध्यम से जड़ से उखाड़ फेंकना जरूरी हो गया है।

प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में

जब सब कुछ खुलेआम हो रहा है, तो आखिर प्रशासन क्यों चुप है? क्या ये अड्डे किसी राजनीतिक संरक्षण में चल रहे हैं? क्या इनसे होने वाला "गुप्त लाभ" कानून पर भारी पड़ रहा है?

अब वक्त आ गया है कि अदालत का दरवाजा खटखटाया जाए – और उल्हासनगर को इस डिजिटल जुए के चंगुल से आज़ाद कराया जाए।

"Win Game" नहीं, ये है "Trap Game" – जिसमें फंसकर बर्बाद हो रहा है उल्हासनगर का युवा वर्ग।












बॉम्बे हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: गृह निर्माण संस्था की स्थापना के 4 माह के भीतर बिल्डर को ज़मीन सोसाइटी को सौंपनी होगी।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मकान ख़रीदारों के हितों की सुरक्षा की दिशा में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक और दूरगामी असर वाला फैसला सुनाया है। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि जैसे ही किसी हाउसिंग प्रोजेक्ट के अंतर्गत गृह निर्माण संस्था (हाउसिंग सोसाइटी) की स्थापना होती है, बिल्डर को अनिवार्य रूप से चार महीनों के भीतर उस ज़मीन का स्वामित्व सोसाइटी को सौंपना होगा, जिस पर वह प्रोजेक्ट विकसित किया गया है।

विवादों को रोकने की दिशा में बड़ा कदम

हाईकोर्ट का यह निर्णय ऐसे अनेक मामलों के मद्देनज़र आया है, जिनमें बिल्डर्स वर्षों तक ज़मीन अपने कब्ज़े में रखते हैं और सोसाइटी को हस्तांतरण नहीं करते, जिससे सोसाइटी को प्रॉपर्टी टैक्स, विकास कार्यों, मेंटेनेंस अधिकारों और कानूनी स्वायत्तता के संबंध में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

कानून का उल्लंघन माना जाएगा देरी

न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि बिल्डर तय समयसीमा में ज़मीन का हस्तांतरण नहीं करता, तो इसे महाराष्ट्र कोऑपरेटिव सोसायटी एक्ट और रियल एस्टेट (रेरा) कानून का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसे मामलों में कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

निवासियों को मिली बड़ी राहत

यह फैसला हज़ारों हाउसिंग सोसाइटीज़ के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, जो वर्षों से बिल्डरों की टालमटोल नीति के चलते अधिकारहीन बनी हुई थीं। कोर्ट ने राज्य सरकार और सहकारी सोसाइटी रजिस्ट्रार को निर्देश दिए हैं कि वे इस नियम का सख़्ती से पालन सुनिश्चित करें।

विशेषज्ञों की राय में...

रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय बिल्डरों को जवाबदेह बनाने में मदद करेगा और मकान खरीदारों को उनके वैध अधिकार दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही यह फैसला पूरे रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और नियमबद्धता की दिशा में भी एक अहम कदम है।

निष्कर्ष:

बॉम्बे हाईकोर्ट का यह फैसला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आम नागरिकों के हितों की रक्षा की दिशा में न्यायपालिका की सक्रिय भूमिका को भी दर्शाता है। यह उम्मीद की जा रही है कि अब भविष्य में बिल्डर्स द्वारा ज़मीन के हस्तांतरण में टालमटोल की प्रवृत्ति पर लगाम लगेगी और हाउसिंग सोसाइटीज़ को उनका पूरा अधिकार समय पर मिलेगा।












उल्हासनगर सेक्शन 17 बना अपराध और अव्यवस्था का अड्डा, पुलिस और महानगर पालिका की चुप्पी पर उठे सवाल..!


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर का सेक्शन 17 इलाका अब रात के समय एक अनियंत्रित बाजार का रूप ले चुका है, जहां अवैध रूप से चल रही नाश्ते की दुकानें, ठेले और हाथगाड़ियां न सिर्फ ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था का कारण बन रही हैं, बल्कि क्षेत्र में अपराध दर में भी इजाफा कर रही हैं। इन दुकानों की अधिकतर गतिविधियां देर रात तक जारी रहती हैं, जिससे स्थानीय नागरिकों में असुरक्षा का माहौल व्याप्त हो गया है।

अपराध और झगड़ों का अड्डा बना सेक्शन 17 चौक:

स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन अवैध दुकानों के कारण पहले भी कई बार झगड़े और हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं। विशेष रूप से सेक्शन 17 चौक पर आए दिन होने वाले विवाद अब आम बात बन गए हैं। लोगों का यह भी कहना है कि देर रात यहां नशाखोरी, ऊंची आवाज में गाली-गलौच और छोटे-मोटे अपराधों की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।

फूड लाइसेंस के बिना बिक रहा है खाना:

जांच में यह भी सामने आया है कि इन दुकानों में से कई के पास आवश्यक फूड लाइसेंस तक नहीं हैं। बिना लाइसेंस के खुलेआम खाद्य सामग्री बेचना न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि यह कानून का भी उल्लंघन है।

क्या पुलिस की मिलीभगत है जिम्मेदार?

इन अवैध नाश्ते वालों पर पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं कर रही? क्या पुलिस का मौन समर्थन इन्हें संरक्षण दे रहा है? स्थानीय लोगों द्वारा बार-बार शिकायत करने के बावजूद अब तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे लोगों में आक्रोश और निराशा दोनों बढ़ रही हैं।

स्थानीय लोगों की मांगें:

1. रात्रिकालीन अवैध दुकानों पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए।

2. फूड लाइसेंस और अन्य आवश्यक परमिट की सख्त जांच हो।

3. पुलिस द्वारा नियमित गश्त की जाए और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जाए।

4. पूर्व में हुए झगड़ों की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।

5. क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु CCTV कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए।

प्रशासन की भूमिका पर उठ रहे हैं गंभीर सवाल:

उल्हासनगर के सेक्शन 17 में यह स्थिति कब तक बनी रहेगी? स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग इस विषय में कब तक आंखें मूंदे बैठे रहेंगे? क्या किसी बड़े हादसे का इंतज़ार किया जा रहा है?

अब समय आ गया है कि प्रशासन सख्त कदम उठाए और अवैध कारोबारियों पर कठोर कार्रवाई कर इस क्षेत्र को फिर से सुरक्षित और व्यवस्थित बनाए।












सोशल मीडिया से जुड़े मुंबई के सभी पुलिस स्टेशन, शिकायतों का होगा त्वरित समाधान"


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई पुलिस ने नागरिकों को बेहतर सेवा और पारदर्शिता प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब महानगर के हर पुलिस स्टेशन का अपना आधिकारिक 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) हैंडल होगा। इस डिजिटल पहल की घोषणा मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फणसालकर ने की। इसके अंतर्गत जहां हर पुलिस स्टेशन का अलग सोशल मीडिया हैंडल होगा, वहीं मुंबई पुलिस का एक समग्र आधिकारिक हैंडल भी सक्रिय रहेगा।

इस नई प्रणाली के माध्यम से नागरिक अब अपने क्षेत्रीय पुलिस स्टेशन से सीधे सोशल मीडिया के ज़रिए जुड़ सकेंगे। हर थाने का हैंडल क्षेत्रीय घटनाओं, चेतावनियों, और जनता की समस्याओं को लेकर अपडेट साझा करेगा। इसका उद्देश्य पुलिस और आम नागरिकों के बीच संवाद को मजबूत बनाना और सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देना है।

अपराध नियंत्रण और त्वरित कार्रवाई में मिलेगी मदद

मुंबई पुलिस आयुक्त ने कहा कि यह डिजिटल मंच शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करने में सहायक होगा। साथ ही यह अपराधों की रोकथाम और कानून व्यवस्था बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आपातकालीन सूचनाएं, यातायात अवरोध, और अन्य अहम जानकारी इन हैंडल्स के माध्यम से तत्काल जनता तक पहुंचेगी। इससे पुलिस और जनता के बीच विश्वास और सहयोग की भावना और मजबूत होगी।

ऐसे जुड़ें अपने क्षेत्रीय पुलिस स्टेशन से

मुंबई के हर पुलिस स्टेशन का अब अपना अलग 'एक्स' हैंडल होगा, जैसे @MumbaiPoliceZoneX। नागरिक अपने क्षेत्र के अनुसार संबंधित हैंडल को फॉलो कर सकते हैं। जैसे अगर कोई दादर पुलिस स्टेशन से जुड़ना चाहता है तो वह दादर के ज़ोन के अनुसार संबंधित हैंडल फॉलो कर सकता है।

नागरिकों की भागीदारी को मिलेगा बढ़ावा

मुंबई पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि, गुमशुदगी या असामान्य घटना की जानकारी इन सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से दें। इससे पुलिस त्वरित और प्रभावी कार्रवाई कर सकेगी। यह पहल न सिर्फ सुरक्षा को बढ़ाएगी, बल्कि पुलिस और नागरिकों के बीच संवाद और पारदर्शिता को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।












"डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों से प्रेरणा लेकर अन्याय के खिलाफ एकजुट हों: IRS अधिकारी समीर वानखेड़े"


 






मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ अधिकारी समीर वानखेड़े ने आज एक प्रेरणादायी संदेश देते हुए कहा कि हमें डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के सिद्धांतों को अपनाते हुए 'एकजुट हो, शिक्षित हो और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करो' के मूल मंत्र पर चलना चाहिए। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों में नया जोश भर रहा है।

IRS अधिकारी समीर वानखेड़े, जिन्होंने अपने सेवा काल में ईमानदारी और निष्पक्षता की मिसाल कायम की है, ने डॉ. आंबेडकर की जयंती के अवसर पर यह संदेश साझा किया। उन्होंने कहा कि आज के समय में जब समाज कई प्रकार के सामाजिक और आर्थिक अन्याय का सामना कर रहा है, ऐसे में हमें डॉ. आंबेडकर के मार्गदर्शन में एकजुट होकर न्याय और समानता की दिशा में कार्य करना चाहिए।

वानखेड़े ने विशेष रूप से युवाओं से अपील की कि वे शिक्षा को हथियार बनाकर समाज में बदलाव लाने की दिशा में कदम उठाएं और किसी भी प्रकार के भेदभाव के खिलाफ मजबूती से खड़े हों। उन्होंने कहा, "डॉ. आंबेडकर का सपना एक ऐसा भारत था जहाँ हर नागरिक को बराबरी का अधिकार मिले और कोई भी अन्याय के कारण पीछे न रह जाए। हमें उनके विचारों को न केवल याद रखना है, बल्कि उन्हें अपने जीवन में आत्मसात भी करना है।"

IRS अधिकारी समीर वानखेड़े का यह बयान न केवल उनके सामाजिक सरोकार को दर्शाता है, बल्कि यह देशभर में समानता और न्याय की भावना को और मजबूत करता है।












उल्हासनगर भाजपा व्यापारी सेल की अगुवाई में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक से संवाद, व्यापारिक मुद्दों पर हुई सार्थक चर्चा।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी

उल्हासनगर शहर के प्रमुख व्यापारी संगठनों ने मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्री शंकर अवतारे से एक विशेष भेंट की, जिसमें व्यापारिक सुरक्षा, ट्रैफिक समस्याएं एवं अपराध नियंत्रण जैसे अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई।

इस महत्वपूर्ण बैठक में उल्हासनगर भाजपा व्यापारी सेल के पदाधिकारियों के साथ-साथ टू व्हीलर मार्केट एसोसिएशन, कार बाजार मार्केट एसोसिएशन, लाल साईं होजरी एसोसिएशन, बजाज ग्रुप, सोनाराबाजार के वरिष्ठ व्यापारी श्री अनिल कटेजा जी, उल्हास स्टेशन शॉपकीपर एसोसिएशन के श्री अजित चावला जी सहित अनेक व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान श्री अवतारे ने व्यापारियों को अपराध नियंत्रण के उपायों पर जागरूक किया। उन्होंने गाड़ियों की खरीद-फरोख्त में सावधानी बरतने, नियमों का पालन करने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को तुरंत देने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने शहर में बढ़ती ट्रैफिक समस्याओं पर भी ध्यान देते हुए व्यापारियों से सुझाव लिए और उन्हें सकारात्मक समाधान का आश्वासन दिया।

व्यापारी भाइयों ने इस संवाद के लिए वरिष्ठ निरीक्षक श्री अवतारे जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे संवाद न केवल सुरक्षा को बढ़ावा देंगे, बल्कि प्रशासन और व्यापारियों के बीच बेहतर समन्वय भी स्थापित करेंगे।

उल्हासनगर भाजपा व्यापारी सेल की ओर से वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को धन्यवाद ज्ञापित किया गया तथा भविष्य में भी ऐसे संवाद जारी रखने की आशा व्यक्त की गई।













मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष: जरूरतमंद मरीजों के लिए संजीवनी।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 


महाराष्ट्र सरकार द्वारा जरूरतमंद मरीजों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए संचालित मुख्यमंत्री सहायता निधि एवं धर्मादाय अस्पताल सहायता कक्ष के माध्यम से मार्च माह में 2,517 मरीजों को 22 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। सबसे अधिक सहायता मस्तिष्क विकारों के इलाज के लिए दी गई, यह जानकारी सहायता कक्ष के प्रमुख श्री रामेश्वर नाइक ने दी।

मस्तिष्क विकारों के उपचार के लिए सर्वाधिक सहायता वितरित

मार्च माह में मस्तिष्क संबंधी विकारों के उपचार हेतु 471 मरीजों को आर्थिक सहायता दी गई। इसके अलावा,

कैंसर उपचार के लिए 421 मरीजों,

हिप रिप्लेसमेंट के लिए 306 मरीजों,

दुर्घटनाओं में शल्य चिकित्सा के लिए 247 मरीजों,

हृदय रोगों के उपचार के लिए 239 मरीजों,

दुर्घटनाओं से संबंधित अन्य मामलों में 184 मरीजों,

नी रिप्लेसमेंट के लिए 150 मरीजों,

बाल रोगों के उपचार के लिए 145 मरीजों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई।

जरूरतमंद मरीजों के लिए मददगार साबित हो रहा है सहायता कक्ष

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस के मार्गदर्शन में संचालित मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष से प्रदेशभर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे जरूरतमंद मरीजों को आर्थिक राहत मिल रही है। आर्थिक संकट से जूझ रहे मरीजों और उनके परिजनों ने इस सहायता को वरदान बताते हुए सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।

समाज को आगे आना होगा, अधिकाधिक जरूरतमंदों तक पहुंचे सहायता

मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष का उद्देश्य अधिकतम जरूरतमंद मरीजों तक सहायता पहुंचाना है। कक्ष प्रमुख श्री रामेश्वर नाईक ने समाज के दानशील लोगों से अपील की है कि वे मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष को उदारता से दान दें, ताकि अधिक से अधिक मरीजों को राहत पहुंचाई जा सके। साथ ही, संवेदनशील नागरिकों से यह अनुरोध किया गया है कि वे इस योजना की जानकारी जरूरतमंदों तक पहुंचाने में मदद करें, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें।

मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष का यह प्रयास राज्य के गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए जीवनदायी सिद्ध हो रहा है।



















डॉ. ओमप्रकाश शेटे बने आयुष्मान भारत मिशन महाराष्ट्र समिति के अध्यक्ष, मुख्यमंत्री फडणवीस ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज डॉ. ओमप्रकाश शेटे को आयुष्मान भारत मिशन महाराष्ट्र समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्त करने की घोषणा की। इस महत्वपूर्ण पद के साथ उन्हें विशेष दर्जा और अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान की गई हैं। मुख्यमंत्री ने उन पर गहरा विश्वास जताते हुए यह जिम्मेदारी सौंपी है।

सरकार द्वारा जारी संशोधित शासन निर्णय के अनुसार, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना को एकीकृत रूप से लागू करने की पूरी जिम्मेदारी समिति को दी गई है। इस नियुक्ति के साथ, महाराष्ट्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को अधिक प्रभावी और व्यापक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

डॉ. शेटे ने इस अवसर पर कहा कि वे मुख्यमंत्री द्वारा सौंपी गई इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभाएंगे और आम नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हमेशा से आमजन और जरूरतमंदों को सुलभ व सस्ती चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना रही है, और वे इस मिशन को सफल बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध रहेंगे।

यह निर्णय महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने और आम जनता को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।