मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
देशभर में सुर्खियों में रहे दिशा सालियन मौत मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ सामने आया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस बहुचर्चित केस की सुनवाई 30 अप्रैल 2025 को तय की है। यह सुनवाई अब बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि याचिकाकर्ता ने महाराष्ट्र सरकार की गठित SIT पर सवाल उठाते हुए कोर्ट की निगरानी में एक नई, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की है।
इस याचिका में विशेष रूप से यह अनुरोध किया गया है कि नए SIT में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अनुभवी और निष्पक्ष अधिकारी शामिल किए जाएं, साथ ही दो बड़े नामों — राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के वरिष्ठ अधिकारी श्री सदानंद डेटे और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व अधिकारी श्री समीर वानखेड़े — को टीम में रखने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता के अनुसार, वर्तमान SIT की कार्यप्रणाली से न केवल जांच की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि इससे आम जनता का विश्वास भी डगमगा रहा है। उन्होंने कोर्ट से निवेदन किया है कि जांच की पूरी प्रक्रिया एक निष्पक्ष और न्यायिक निगरानी में की जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके और न्याय सुनिश्चित हो।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सरंग कोतवाल ने खुद इस मामले की संवेदनशीलता को स्वीकार करते हुए कहा:
“यह एक गंभीर और महत्वपूर्ण मामला है। हम इसे प्राथमिकता के साथ सुनेंगे और इसमें उचित सुनवाई की जाएगी।”
यह बयान आने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक हलचल तेज हो गई है। दिशा सालियन की मौत के रहस्यमय हालातों को लेकर पहले से ही कई सवाल उठते रहे हैं, और इस याचिका ने मामले को और अधिक गंभीर बना दिया है।
अब सभी की नजरें 30 अप्रैल की सुनवाई पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि क्या हाई कोर्ट राज्य सरकार की जांच टीम को खारिज कर एक नई, निष्पक्ष SIT गठित करने का आदेश देगा।
यह केस सिर्फ महाराष्ट्र नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी न्यायिक परीक्षा बन चुका है — जहां लोग उम्मीद कर रहे हैं कि न्याय के रास्ते में कोई बाधा न आए और सच्चाई सबके सामने आए।