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अंबरनाथ के पालेगांव से कमलेश वध्या लापता, परिजन चिंतित – नागरिकों से सहयोग की अपील।


अंबरनाथ (पालेगांव): दिनेश मीरचंदानी 

23 अप्रैल की रात करीब 10 बजे से पालेगांव स्थित सीजन पार्क बिल्डिंग से कमलेश चुर्मल वध्या रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए हैं। इस घटना से परिजनों में गहरी चिंता और इलाके में हलचल मच गई है।

परिजनों ने तुरंत अंबरनाथ शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तलाश शुरू कर दी है और नागरिकों से सहयोग की अपील की है।

पुलिस स्टेशन संपर्क सूत्र:

शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन, अंबरनाथ – 0251-2607020

यदि किसी को कमलेश वध्या के संबंध में कोई भी जानकारी प्राप्त हो, तो कृपया निम्नलिखित संपर्क नंबरों पर तुरंत सूचित करें:

शंकरलाल वध्या (भाई): 9604613341

मोहित पंजाबी (दामाद): 9923235588

कमलेश वध्या के परिवारजन बेहद चिंतित हैं और आम जनता से सहयोग की अपील कर रहे हैं। यदि किसी ने उन्हें हाल ही में देखा हो या उनके बारे में कोई जानकारी हो, तो कृपया उपरोक्त नंबरों पर तत्काल संपर्क करें।












नवी मुंबई में बिल्डर गुरुनाथ चिचकर ने की आत्महत्या, NCB के वरिष्ठ अधिकारी पर गंभीर आरोप..!


नवी मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

नवी मुंबई में शुक्रवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई जब प्रसिद्ध बिल्डर गुरुनाथ चिचकर ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना सुबह करीब 6:30 बजे के आसपास उनके निवास स्थान पर घटी। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

गुरुनाथ चिचकर, कुख्यात ड्रग्स माफिया नवीन चिचकर के पिता थे, जो पहले से ही कई मामलों में एनसीबी की जांच के दायरे में है। सुसाइड नोट के अनुसार, चिचकर पर एनसीबी के एक उच्च अधिकारी द्वारा लगातार पैसों की मांग की जा रही थी और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। इस दबाव और उत्पीड़न से तंग आकर उन्होंने यह कठोर कदम उठाया।

सूत्रों की मानें तो चिचकर ने आत्महत्या से पहले अपने करीबी मित्रों से भी बात की थी और अपने ऊपर बन रहे दबाव की जानकारी दी थी। पुलिस और एनसीबी की टीम अब सुसाइड नोट की जांच कर रही है और आरोपी अधिकारी की भूमिका को लेकर जांच शुरू कर दी गई है।

यह मामला सामने आने के बाद एनसीबी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर आरोप साबित होते हैं, तो यह देश की एक प्रमुख जांच एजेंसी के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।

जांच जारी, वरिष्ठ अधिकारियों से भी होगी पूछताछ

पुलिस सूत्रों के अनुसार, चिचकर की आत्महत्या को हल्के में नहीं लिया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस वरिष्ठ एनसीबी अधिकारियों से भी पूछताछ करने की तैयारी में है। साथ ही, घटनास्थल से बरामद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ और अन्य दस्तावेज़ों की भी जांच की जा रही है।

यह मामला अब न केवल एक आत्महत्या का है, बल्कि इसमें भ्रष्टाचार, दुरुपयोग और दबाव की राजनीति के गहरे संकेत मिल रहे हैं, जो देश की जांच एजेंसियों की साख पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं।












मुख्यमंत्री सहायता निधि सेवा अब व्हाट्सएप पर उपलब्ध: सीएम देवेंद्र फडणवीस ने की बड़ी घोषणाएं।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में सह्याद्री अतिथिगृह, मुंबई में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री सहायता निधि (CMRF) की सेवाओं को और अधिक प्रभावी एवं सुगम बनाने के लिए कई बड़े निर्णय लिए गए।

इस बैठक में 5 दिसंबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक की अवधि में 7,658 रोगियों को कुल 67.62 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई, यह जानकारी भी साझा की गई। मुख्यमंत्री ने इस दौरान घोषणा की कि आम नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सहायता निधि सेवा अब व्हाट्सएप के माध्यम से भी उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार और मेटा कंपनी के बीच एक विशेष करार किया गया है।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी निर्देश दिए कि—

राज्य की सभी स्वास्थ्य योजनाओं को एकीकृत करते हुए एक साझा पोर्टल विकसित किया जाए, जिससे आवेदन की प्रक्रिया अधिक सरल और पारदर्शी हो।

मुख्यमंत्री सहायता निधि में औद्योगिक सामाजिक दायित्व (CSR) के अंतर्गत अधिक सहायता सुनिश्चित करने हेतु एक स्वतंत्र संस्था का गठन किया जाए।

योजना में AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) तकनीक का उपयोग किया जाए ताकि मामलों की शीघ्र और सटीक जांच की जा सके।

तालुका स्तर पर "रुग्णमित्र" नियुक्त किए जाएं ताकि जरूरतमंदों को सही मार्गदर्शन मिल सके।

पैनल में अधिक अस्पतालों को जोड़ा जाए जिससे इलाज के विकल्प बढ़ें।

जिओ टैगिंग तकनीक के माध्यम से मरीजों को निकटतम अस्पतालों की जानकारी तुरंत उपलब्ध कराई जाए।

और एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू किया जाए, जिससे नागरिक सहायता के लिए सीधे संपर्क कर सकें।

इस महत्वपूर्ण बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री अजित पवार, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री सहायता निधि व धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष प्रमुख श्री रामेश्वर नाईक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी एवं चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

राज्य सरकार की यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को बेहतर बनाएगी, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से जनता को सशक्त भी करेगी।



















महाराष्ट्र सरकार का ऐतिहासिक निर्णय: अब हर धर्मादाय अस्पताल में अनिवार्य होगी ‘महात्मा फुले’ और ‘आयुष्मान भारत’ योजना।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को जनहित की दिशा में एक क्रांतिकारी मोड़ देते हुए सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल प्रकरण के बाद राज्य सरकार के विधि और न्याय विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए आदेश जारी किया है कि अब राज्य के सभी धर्मादाय अस्पतालों में ‘महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना’ और ‘आयुष्मान भारत योजना’ को अनिवार्य रूप से लागू करना होगा।

राज्य शासन की ओर से सोमवार को यह अहम अधिसूचना जारी की गई। इसमें स्पष्ट किया गया है कि कोई भी धर्मादाय अस्पताल इन दोनों जनकल्याणकारी योजनाओं से अलग नहीं रह सकता। यह निर्णय इस उद्देश्य से लिया गया है कि राज्य का कोई भी नागरिक महज़ आर्थिक कमजोरी के कारण इलाज से वंचित न रहे।

अब नहीं चलेगा बहाना, हर अस्पताल को देनी होगी मुफ्त चिकित्सा सुविधा

शासन ने सभी धर्मादाय अस्पतालों को निर्देशित किया है कि वे अनिवार्य रूप से इन योजनाओं के तहत मरीजों का उपचार करें। इन अस्पतालों को अपनी सेवाएं गरीब, वंचित और निम्न आय वर्ग के मरीजों के लिए सुलभ बनानी होंगी।

इस निर्णय को स्वास्थ्य के अधिकार को मजबूती देने वाला ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्य में चिकित्सा सेवाओं की पहुंच बेहतर होगी और इलाज का अधिकार हर जरूरतमंद तक पहुँचेगा।

धर्मादाय अस्पतालों की जवाबदेही बढ़ेगी, सरकार रहेगी सख्त निगरानी में

अब तक कई धर्मादाय अस्पताल इन योजनाओं को लागू नहीं कर रहे थे, जिससे हजारों मरीजों को इलाज से वंचित रहना पड़ता था। लेकिन अब शासन की सख्ती के चलते इन अस्पतालों की जवाबदेही तय होगी। यह आदेश न मानने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।

राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में संभावित बदलाव

इस फैसले के चलते भविष्य में महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था में बुनियादी परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। यह फैसला गरीब मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा।

जनहित में लिया गया यह निर्णय अब एक नई स्वास्थ्य क्रांति का सूत्रपात कर सकता है।

सरकार की यह सख्त और संवेदनशील पहल दिखाती है कि अब स्वास्थ्य केवल सेवा नहीं, बल्कि हर नागरिक का अधिकार है – और यह अधिकार अब हर धर्मादाय अस्पताल में अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाएगा।












दिशा सालियन केस में नया मोड़, समीर वानखेड़े और CBI अफसरों के साथ नई SIT की मांग।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देशभर में सुर्खियों में रहे दिशा सालियन मौत मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ सामने आया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस बहुचर्चित केस की सुनवाई 30 अप्रैल 2025 को तय की है। यह सुनवाई अब बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि याचिकाकर्ता ने महाराष्ट्र सरकार की गठित SIT पर सवाल उठाते हुए कोर्ट की निगरानी में एक नई, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की है।

इस याचिका में विशेष रूप से यह अनुरोध किया गया है कि नए SIT में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अनुभवी और निष्पक्ष अधिकारी शामिल किए जाएं, साथ ही दो बड़े नामों — राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के वरिष्ठ अधिकारी श्री सदानंद डेटे और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व अधिकारी श्री समीर वानखेड़े — को टीम में रखने की मांग की गई है।

याचिकाकर्ता के अनुसार, वर्तमान SIT की कार्यप्रणाली से न केवल जांच की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि इससे आम जनता का विश्वास भी डगमगा रहा है। उन्होंने कोर्ट से निवेदन किया है कि जांच की पूरी प्रक्रिया एक निष्पक्ष और न्यायिक निगरानी में की जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके और न्याय सुनिश्चित हो।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सरंग कोतवाल ने खुद इस मामले की संवेदनशीलता को स्वीकार करते हुए कहा:

“यह एक गंभीर और महत्वपूर्ण मामला है। हम इसे प्राथमिकता के साथ सुनेंगे और इसमें उचित सुनवाई की जाएगी।”

यह बयान आने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक हलचल तेज हो गई है। दिशा सालियन की मौत के रहस्यमय हालातों को लेकर पहले से ही कई सवाल उठते रहे हैं, और इस याचिका ने मामले को और अधिक गंभीर बना दिया है।

अब सभी की नजरें 30 अप्रैल की सुनवाई पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि क्या हाई कोर्ट राज्य सरकार की जांच टीम को खारिज कर एक नई, निष्पक्ष SIT गठित करने का आदेश देगा।

यह केस सिर्फ महाराष्ट्र नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी न्यायिक परीक्षा बन चुका है — जहां लोग उम्मीद कर रहे हैं कि न्याय के रास्ते में कोई बाधा न आए और सच्चाई सबके सामने आए।












मराठवाड़ा के 1,671 गंभीर रोगियों को मिली मुख्यमंत्री सहायता निधि से 14.17 करोड़ रुपये की राहत, जीवन बचाने में बनी सहारा।


छत्रपति संभाजीनगर: दिनेश मीरचंदानी 


राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सहायता निधि ने एक बार फिर मराठवाड़ा के जरूरतमंद नागरिकों के लिए संजीवनी का कार्य किया है। दिसंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच मराठवाड़ा क्षेत्र के आठ जिलों के कुल 1,671 गंभीर रोगियों को 14.17 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। यह सहायता न केवल इलाज में मददगार साबित हुई, बल्कि कई परिवारों के लिए आशा की किरण भी बनी।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मार्गदर्शन में संचालित इस पहल को मुख्यमंत्री सहायता निधि व चैरिटेबल अस्पताल वैद्यकीय मदत कक्ष के प्रमुख रमेश्वर नाईक के समन्वय से सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया गया। इस योजना का उद्देश्य है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों को समय पर उचित इलाज मिल सके।

जिलेवार सहायता वितरण विवरण:

छत्रपति संभाजीनगर – ₹2.53 करोड़ (295 मरीज)

परभणी – ₹2.50 करोड़ (289 मरीज)

बीड – ₹2.24 करोड़ (277 मरीज)

लातूर – ₹1.74 करोड़ (207 मरीज)

जालना – ₹2.12 करोड़ (205 मरीज)

नांदेड – ₹2.56 करोड़ (196 मरीज)

धाराशिव – ₹2.38 करोड़ (167 मरीज)

हिंगोली – ₹48.35 लाख (55 मरीज)


राज्य सरकार की इस मानवीय पहल से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। सहायता प्राप्त करने वाले मरीजों और उनके परिजनों ने मुख्यमंत्री और संबंधित अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सहायता उनके लिए जीवनदान के समान है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की योजनाएं स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक समावेशी बनाती हैं और समाज के कमजोर वर्गों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर प्रदान करती हैं।

मुख्यमंत्री सहायता निधि मराठवाड़ा जैसे क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा की पहुँच और प्रभावशीलता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाले समय में और भी अधिक प्रभावी ढंग से विस्तार पा सकती है।



















उल्हासनगर नेहरू चौक स्थित साड़ी बाजार में बिजली की भारी किल्लत, व्यापारियों और ग्राहकों को हो रही भारी परेशानी।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

शहर के प्रमुख व व्यस्ततम व्यापारिक केंद्रों में से एक, नेहरू चौक स्थित साड़ी बाजार में इन दिनों बिजली की भारी समस्या देखने को मिल रही है। यह क्षेत्र न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि आसपास के क्षेत्रों से आने वाले ग्राहकों के लिए भी प्रमुख खरीदारी स्थल माना जाता है, लेकिन पिछले कई दिनों से यहां बिजली की लगातार समस्या बनी हुई है, जिससे व्यापारियों और ग्राहकों दोनों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

व्यापारियों का कहना है कि दिनभर बिजली गुल रहने से न केवल ग्राहकों की आवाजाही में कमी आई है, बल्कि उनके व्यवसाय पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। कई दुकानों में एयर कंडीशनर, लाइटिंग और इलेक्ट्रॉनिक बिलिंग सिस्टम काम नहीं कर पा रहे हैं, जिससे व्यवसाय संचालन में दिक्कतें आ रही हैं।

स्थानीय व्यापार मंडल ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए संबंधित विभाग से जल्द समाधान की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो व्यापारिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं और बाजार की साख पर भी असर पड़ सकता है।

ग्राहकों का भी कहना है कि भीषण गर्मी में बिजली न होने के कारण बाजार में खरीदारी करना बेहद मुश्किल हो गया है। अंधेरे और गर्मी के कारण लोग बाजार का रुख करने से बच रहे हैं।

स्थानीय प्रशासन और बिजली विभाग को चाहिए कि वे इस समस्या का तुरंत संज्ञान लें और बाजार क्षेत्र में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करें, ताकि व्यापारियों और ग्राहकों को राहत मिल सके और बाजार की रौनक बरकरार रह सके।

रोज़ एक फेज़ बंद रहता है, कभी लाइट वापस भी आती है तो भी एक फेज़ बंद ही रहता है। ये रोज़ का ही मामला हो गया है।