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डीएनए प्रॉपर्टीज़ के साथ अपना सपना साकार करें — प्रॉपर्टी अब आधी कीमत में!


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई, ठाणे और रायगढ़ जिलों में प्रॉपर्टी खरीदने का सुनहरा अवसर!

अगर आप किफायती दरों पर बेहतरीन प्रॉपर्टी की तलाश में हैं, तो डीएनए प्रॉपर्टीज़ आपके लिए लेकर आया है एक अनोखा मौका — बैंकों की नीलामी से उपलब्ध संपत्तियाँ अब बाजार मूल्य के मात्र 50% पर!

क्या मिलेगा आपको डीएनए प्रॉपर्टीज़ के साथ?

आकर्षक आवासीय फ्लैट्स

शानदार खुले प्लॉट्स

सुकून भरे फार्महाउस

प्राइम लोकेशन पर व्यावसायिक संपत्तियाँ

विकसित क्षेत्रों में औद्योगिक भूखंड

प्रतिष्ठित MIDC क्षेत्रों में निवेश के सुनहरे मौके

चाहे आप निवेशक हों या अपने परिवार के लिए एक नया घर ढूंढ रहे हों, डीएनए प्रॉपर्टीज़ आपके हर सपने को हकीकत में बदलने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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डीएनए प्रॉपर्टीज़ — जहां आपके सपनों का आशियाना अब हकीकत बनता है!












आत्महत्या से खुली साजिश: पुलिस, राजनीति और ड्रग माफिया का खतरनाक गठजोड़।


नवी मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

नवी मुंबई के खारघर क्षेत्र में बिल्डर गुनाताई आत्मलिये की आत्महत्या मामले में चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। आत्महत्या नोट के आधार पर खारघर पुलिस स्टेशन के एक पुलिस कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि यह पुलिस कांस्टेबल न केवल बिल्डर पर आर्थिक दबाव बना रहा था, बल्कि ड्रग रैकेट के संचालन में भी सक्रिय रूप से शामिल था।

मृतक आत्मलिये द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में नवी मुंबई महानगरपालिका (NMMC) के कुछ अधिकारियों के नाम भी उजागर किए गए हैं, जिन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। इस नोट को प्रमुख सबूत मानते हुए पुलिस ने अपनी ही फोर्स के सदस्य के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है।

ड्रग तस्करी में पुलिस कर्मचारी की भूमिका उजागर

जांच में यह सामने आया है कि गिरफ्तार पुलिस कांस्टेबल पहले से पकड़े गए ड्रग तस्करों के संपर्क में था और नशीली दवाओं के धंधे में लिप्त लोगों से लगातार वसूली कर रहा था। जानकारी के अनुसार, इस कांस्टेबल के बड़े पुलिस अधिकारियों और कुछ राजनीतिक हस्तियों से भी संबंध होने का संदेह है। इतना ही नहीं, आरोप है कि उसने पुलिस कैंटीनों में भी भारी निवेश किया था।

करोड़ों रुपये की ड्रग्स बरामद

हाल ही में पनवेल एंटी-नारकोटिक्स स्क्वाड ने खारघर के सेक्टर-15 से करोड़ों रुपये की ड्रग्स जब्त की थी। इस कार्रवाई में 15 से 16 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि यह पूरा रैकेट उलवे क्षेत्र से संचालित हो रहा था। अब तक की पूछताछ में गिरफ्तार पुलिस कर्मचारी की इस गिरोह में सक्रिय भूमिका होने के पुख्ता प्रमाण मिले हैं।

संपूर्ण पुलिस महकमा सकते में

पुलिस आयुक्त को जब इस बात की जानकारी मिली कि उनके ही विभाग का एक कर्मचारी ड्रग तस्करी में संलिप्त है, तो पूरे विभाग में हड़कंप मच गया। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन कर मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी गई है। खारघर पुलिस अब इस प्रकरण की हर कोण से गहराई से जांच कर रही है।

निष्कर्ष:

बिल्डर आत्महत्या प्रकरण ने नवी मुंबई पुलिस के भीतर गहरे भ्रष्टाचार और आपराधिक मिलीभगत के संकेत दिए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं, आम जनता ने भी इस मामले में पारदर्शी जांच और कठोर दंड की मांग की है।











"बेलापुर में आत्महत्या से मचा हड़कंप, सुसाइड नोट में NCB अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार"


बेलापुर: दिनेश मीरचंदानी 

शुक्रवार सुबह बेलापुर में उस वक्त सनसनी फैल गई जब कुख्यात ड्रग माफिया के पिता अजय माराठे ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना सुबह करीब 6:30 बजे की है, जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की टीम माराठे को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंची थी। इससे पहले कि वे उसे हिरासत में ले पाते, अजय माराठे ने खुद को गोली मार ली।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और जांच शुरू कर दी गई। पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें एनसीबी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

सुसाइड नोट में NCB अधिकारियों पर मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना का आरोप अजय माराठे ने सुसाइड नोट में लिखा कि एनसीबी अधिकारियों ने उन्हें और उनके परिवार को मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया। उनका कहना था कि उनका बेटा पहले ही ड्रग मामले में जेल में है, फिर भी उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा था, जिससे वह मानसिक तनाव में आ गए और आत्महत्या जैसा कदम उठाया।

अवैध पिस्टल से की आत्महत्या, पुलिस कर रही जांच एसीपी अजय लांगे ने बताया कि जिस पिस्टल से माराठे ने खुद को गोली मारी, वह लाइसेंस रहित और अवैध थी। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि यह हथियार माराठे को कहां से मिला और क्या यह किसी और आपराधिक गतिविधि में इस्तेमाल हुआ था।

NCB अधिकारियों से होगी पूछताछ, जांच में जुटी पुलिस घटना के बाद पुलिस ने एक एडीआर (Accidental Death Report) दर्ज कर ली है और आत्महत्या के लिए उकसाने के एंगल से भी जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा है कि सुसाइड नोट के आधार पर एनसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी।

फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं, वहीं माराठे का परिवार गहरे सदमे में है। पूरे इलाके में इस घटना को लेकर चर्चा का माहौल है और पुलिस इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है।

यह घटना एनसीबी की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। क्या जांच एजेंसियों का दबाव किसी निर्दोष को भी तोड़ सकता है? जांच के नतीजे आने तक यह सवाल अनुत्तरित रहेगा।












अंबरनाथ के पालेगांव से कमलेश वध्या लापता, परिजन चिंतित – नागरिकों से सहयोग की अपील।


अंबरनाथ (पालेगांव): दिनेश मीरचंदानी 

23 अप्रैल की रात करीब 10 बजे से पालेगांव स्थित सीजन पार्क बिल्डिंग से कमलेश चुर्मल वध्या रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए हैं। इस घटना से परिजनों में गहरी चिंता और इलाके में हलचल मच गई है।

परिजनों ने तुरंत अंबरनाथ शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तलाश शुरू कर दी है और नागरिकों से सहयोग की अपील की है।

पुलिस स्टेशन संपर्क सूत्र:

शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन, अंबरनाथ – 0251-2607020

यदि किसी को कमलेश वध्या के संबंध में कोई भी जानकारी प्राप्त हो, तो कृपया निम्नलिखित संपर्क नंबरों पर तुरंत सूचित करें:

शंकरलाल वध्या (भाई): 9604613341

मोहित पंजाबी (दामाद): 9923235588

कमलेश वध्या के परिवारजन बेहद चिंतित हैं और आम जनता से सहयोग की अपील कर रहे हैं। यदि किसी ने उन्हें हाल ही में देखा हो या उनके बारे में कोई जानकारी हो, तो कृपया उपरोक्त नंबरों पर तत्काल संपर्क करें।












नवी मुंबई में बिल्डर गुरुनाथ चिचकर ने की आत्महत्या, NCB के वरिष्ठ अधिकारी पर गंभीर आरोप..!


नवी मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

नवी मुंबई में शुक्रवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई जब प्रसिद्ध बिल्डर गुरुनाथ चिचकर ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना सुबह करीब 6:30 बजे के आसपास उनके निवास स्थान पर घटी। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

गुरुनाथ चिचकर, कुख्यात ड्रग्स माफिया नवीन चिचकर के पिता थे, जो पहले से ही कई मामलों में एनसीबी की जांच के दायरे में है। सुसाइड नोट के अनुसार, चिचकर पर एनसीबी के एक उच्च अधिकारी द्वारा लगातार पैसों की मांग की जा रही थी और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। इस दबाव और उत्पीड़न से तंग आकर उन्होंने यह कठोर कदम उठाया।

सूत्रों की मानें तो चिचकर ने आत्महत्या से पहले अपने करीबी मित्रों से भी बात की थी और अपने ऊपर बन रहे दबाव की जानकारी दी थी। पुलिस और एनसीबी की टीम अब सुसाइड नोट की जांच कर रही है और आरोपी अधिकारी की भूमिका को लेकर जांच शुरू कर दी गई है।

यह मामला सामने आने के बाद एनसीबी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर आरोप साबित होते हैं, तो यह देश की एक प्रमुख जांच एजेंसी के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।

जांच जारी, वरिष्ठ अधिकारियों से भी होगी पूछताछ

पुलिस सूत्रों के अनुसार, चिचकर की आत्महत्या को हल्के में नहीं लिया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस वरिष्ठ एनसीबी अधिकारियों से भी पूछताछ करने की तैयारी में है। साथ ही, घटनास्थल से बरामद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ और अन्य दस्तावेज़ों की भी जांच की जा रही है।

यह मामला अब न केवल एक आत्महत्या का है, बल्कि इसमें भ्रष्टाचार, दुरुपयोग और दबाव की राजनीति के गहरे संकेत मिल रहे हैं, जो देश की जांच एजेंसियों की साख पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं।












मुख्यमंत्री सहायता निधि सेवा अब व्हाट्सएप पर उपलब्ध: सीएम देवेंद्र फडणवीस ने की बड़ी घोषणाएं।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में सह्याद्री अतिथिगृह, मुंबई में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री सहायता निधि (CMRF) की सेवाओं को और अधिक प्रभावी एवं सुगम बनाने के लिए कई बड़े निर्णय लिए गए।

इस बैठक में 5 दिसंबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक की अवधि में 7,658 रोगियों को कुल 67.62 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई, यह जानकारी भी साझा की गई। मुख्यमंत्री ने इस दौरान घोषणा की कि आम नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सहायता निधि सेवा अब व्हाट्सएप के माध्यम से भी उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार और मेटा कंपनी के बीच एक विशेष करार किया गया है।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी निर्देश दिए कि—

राज्य की सभी स्वास्थ्य योजनाओं को एकीकृत करते हुए एक साझा पोर्टल विकसित किया जाए, जिससे आवेदन की प्रक्रिया अधिक सरल और पारदर्शी हो।

मुख्यमंत्री सहायता निधि में औद्योगिक सामाजिक दायित्व (CSR) के अंतर्गत अधिक सहायता सुनिश्चित करने हेतु एक स्वतंत्र संस्था का गठन किया जाए।

योजना में AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) तकनीक का उपयोग किया जाए ताकि मामलों की शीघ्र और सटीक जांच की जा सके।

तालुका स्तर पर "रुग्णमित्र" नियुक्त किए जाएं ताकि जरूरतमंदों को सही मार्गदर्शन मिल सके।

पैनल में अधिक अस्पतालों को जोड़ा जाए जिससे इलाज के विकल्प बढ़ें।

जिओ टैगिंग तकनीक के माध्यम से मरीजों को निकटतम अस्पतालों की जानकारी तुरंत उपलब्ध कराई जाए।

और एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू किया जाए, जिससे नागरिक सहायता के लिए सीधे संपर्क कर सकें।

इस महत्वपूर्ण बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री अजित पवार, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री सहायता निधि व धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष प्रमुख श्री रामेश्वर नाईक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी एवं चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

राज्य सरकार की यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को बेहतर बनाएगी, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से जनता को सशक्त भी करेगी।



















महाराष्ट्र सरकार का ऐतिहासिक निर्णय: अब हर धर्मादाय अस्पताल में अनिवार्य होगी ‘महात्मा फुले’ और ‘आयुष्मान भारत’ योजना।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को जनहित की दिशा में एक क्रांतिकारी मोड़ देते हुए सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल प्रकरण के बाद राज्य सरकार के विधि और न्याय विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए आदेश जारी किया है कि अब राज्य के सभी धर्मादाय अस्पतालों में ‘महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना’ और ‘आयुष्मान भारत योजना’ को अनिवार्य रूप से लागू करना होगा।

राज्य शासन की ओर से सोमवार को यह अहम अधिसूचना जारी की गई। इसमें स्पष्ट किया गया है कि कोई भी धर्मादाय अस्पताल इन दोनों जनकल्याणकारी योजनाओं से अलग नहीं रह सकता। यह निर्णय इस उद्देश्य से लिया गया है कि राज्य का कोई भी नागरिक महज़ आर्थिक कमजोरी के कारण इलाज से वंचित न रहे।

अब नहीं चलेगा बहाना, हर अस्पताल को देनी होगी मुफ्त चिकित्सा सुविधा

शासन ने सभी धर्मादाय अस्पतालों को निर्देशित किया है कि वे अनिवार्य रूप से इन योजनाओं के तहत मरीजों का उपचार करें। इन अस्पतालों को अपनी सेवाएं गरीब, वंचित और निम्न आय वर्ग के मरीजों के लिए सुलभ बनानी होंगी।

इस निर्णय को स्वास्थ्य के अधिकार को मजबूती देने वाला ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्य में चिकित्सा सेवाओं की पहुंच बेहतर होगी और इलाज का अधिकार हर जरूरतमंद तक पहुँचेगा।

धर्मादाय अस्पतालों की जवाबदेही बढ़ेगी, सरकार रहेगी सख्त निगरानी में

अब तक कई धर्मादाय अस्पताल इन योजनाओं को लागू नहीं कर रहे थे, जिससे हजारों मरीजों को इलाज से वंचित रहना पड़ता था। लेकिन अब शासन की सख्ती के चलते इन अस्पतालों की जवाबदेही तय होगी। यह आदेश न मानने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।

राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में संभावित बदलाव

इस फैसले के चलते भविष्य में महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था में बुनियादी परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। यह फैसला गरीब मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा।

जनहित में लिया गया यह निर्णय अब एक नई स्वास्थ्य क्रांति का सूत्रपात कर सकता है।

सरकार की यह सख्त और संवेदनशील पहल दिखाती है कि अब स्वास्थ्य केवल सेवा नहीं, बल्कि हर नागरिक का अधिकार है – और यह अधिकार अब हर धर्मादाय अस्पताल में अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाएगा।