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उल्हासनगर-१ पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विष्णु ताम्हाणे को "पुलिस महानिदेशक सम्मानचिह्न" से सम्मानित किया गया।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र पुलिस बल में उत्कृष्ट सेवाओं और उल्लेखनीय कर्तव्यनिष्ठा के लिए उल्हासनगर-१ पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्री विष्णु ताम्हाणे को प्रतिष्ठित "पुलिस महानिदेशक सम्मानचिह्न" (Director General's Insignia) प्रदान किया गया है। यह सम्मान महाराष्ट्र राज्य पुलिस के सर्वोच्च अधिकारियों में से एक, पुलिस महानिदेशक द्वारा उन पुलिसकर्मियों को दिया जाता है जिन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में अनुकरणीय प्रदर्शन किया हो।

श्री ताम्हाणे ने अपराध नियंत्रण, जनता के साथ बेहतर समन्वय, और पुलिस विभाग की छवि को सकारात्मक दिशा में अग्रसर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता, तीव्र निर्णय क्षमता और निष्पक्ष जांच प्रक्रिया के चलते उन्होंने कई जटिल मामलों को सफलतापूर्वक सुलझाया है, जिससे न केवल विभाग बल्कि आम जनता का भी विश्वास पुलिस तंत्र में और सुदृढ़ हुआ है।

इस सम्मान की घोषणा के साथ ही उल्हासनगर पुलिस विभाग में हर्ष और गर्व की लहर है। वरिष्ठ अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों ने श्री ताम्हाणे को इस उपलब्धि पर बधाई दी है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

यह सम्मान न केवल श्री ताम्हाणे की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह पूरे पुलिस बल के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है, जो कर्तव्यपरायणता, ईमानदारी और जनसेवा के मूल सिद्धांतों को मजबूती प्रदान करता है।












आईपीएस देवेन भारती को मुंबई पुलिस आयुक्त का विशेष प्रभार सौंपा गया।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी

महाराष्ट्र सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी देवेन भारती को मुंबई पुलिस आयुक्त का विशेष प्रभार सौंपा है। यह नियुक्ति मुंबई पुलिस प्रशासन में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखी जा रही है। देवेन भारती वर्तमान में महाराष्ट्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक (क़ानून और व्यवस्था) के पद पर कार्यरत हैं और उनकी गिनती राज्य के अनुभवी एवं तेजतर्रार अधिकारियों में होती है।

देवन भारती इससे पहले मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त (क़ानून और व्यवस्था) तथा एटीएस प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनके नेतृत्व में कई जटिल आपराधिक मामलों का सफलतापूर्वक समाधान हुआ है।

मुंबई जैसे देश के सबसे बड़े महानगर की कानून व्यवस्था को संभालना एक बड़ी जिम्मेदारी मानी जाती है, और देवेन भारती की नियुक्ति से इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि शहर में सुरक्षा और प्रशासनिक कार्यों को और अधिक कुशलता के साथ संचालित किया जाएगा।

इस अस्थायी जिम्मेदारी के पीछे प्रशासनिक फेरबदल और वर्तमान पुलिस आयुक्त की अनुपस्थिति या स्थानांतरण की संभावनाएं प्रमुख कारण मानी जा रही हैं। जल्द ही स्थायी नियुक्ति को लेकर भी निर्णय लिया जा सकता है।















रेशमा निवाले को बोरीवली विधानसभा का भाजपा मंडल अध्यक्ष नियुक्त किया गया, शीर्ष नेताओं से ली आशीर्वाद।


 





मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय और समर्पित कार्यकर्ता रेशमा निवाले को बोरीवली विधानसभा क्षेत्र का भाजपा मंडल अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनकी इस महत्वपूर्ण नियुक्ति पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त किया,कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों में हर्ष की लहर दौड़ गई है।

नवीन जिम्मेदारी संभालने के तुरंत बाद रेशमा निवाले ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल, भाजपा के पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी, भाजपा आमदार संजय उपाध्याय , भाजपा आमदार प्रविण दरेकर, और पूर्व भाजपा आमदार सुनील राणे से शिष्टाचार भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

रेशमा निवाले ने कहा कि वे पार्टी द्वारा दी गई इस ज़िम्मेदारी को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाएंगी और संगठन को जमीनी स्तर पर और अधिक मजबूत करेंगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और भाजपा की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का काम वे पूरी ताकत के साथ करेंगी।

इस अवसर पर पार्टी के कई स्थानीय पदाधिकारी, कार्यकर्ता और समर्थक भी उपस्थित रहे, जिन्होंने रेशमा निवाले को शुभकामनाएं दीं और उनके नेतृत्व में संगठन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की उम्मीद जताई।




















कौन बनेगा मुंबई का नया पुलिस कमिश्नर? रितेश कुमार, अर्चना त्यागी और देवेन भारती दावेदार।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई के मौजूदा पुलिस आयुक्त विवेक फणसळकर 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, और उनके उत्तराधिकारी को लेकर पुलिस विभाग तथा राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज़ हो गई है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सुरक्षा व्यवस्था की कमान किस वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को सौंपी जाएगी, इस पर अब सभी की निगाहें टिकी हैं।

पद के संभावित दावेदारों में ये नाम हैं प्रमुख

सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार के पास इस पद के लिए कई योग्य और अनुभवी अधिकारी मौजूद हैं। जिनके नाम सबसे अधिक चर्चा में हैं, उनमें रितेश कुमार, अर्चना त्यागी और देवेन भारती प्रमुख हैं।

रितेश कुमार (1992 बैच, आईपीएस): वर्तमान में सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। उनकी प्रशासनिक दक्षता और अनुभव उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाता है।

अर्चना त्यागी (1993 बैच, आईपीएस): यदि राज्य सरकार महिला नेतृत्व को प्राथमिकता देती है तो अर्चना त्यागी का नाम सबसे ऊपर है। वे मुंबई की पहली महिला पुलिस आयुक्त बनने की संभावना रखती हैं।

देवेन भारती (विशेष पुलिस आयुक्त): वर्तमान में मुंबई पुलिस में विशेष पुलिस आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। यदि सरकार नए आयुक्त की घोषणा फणसळकर के सेवानिवृत्त होने तक नहीं कर पाती है, तो उन्हें अंतरिम रूप से पुलिस आयुक्त का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा जा सकता है।

वहीं, 1990 बैच के वरिष्ठ अधिकारी सदानंद दाते और संजयकुमार वर्मा के नाम भी चर्चा में आए हैं, लेकिन दाते की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और वर्मा की हाल ही में पुलिस महानिदेशक पद पर नियुक्ति के चलते उनकी संभावनाएं कमजोर मानी जा रही हैं।

सरकार की घोषणा का इंतजार

मुंबई जैसे संवेदनशील और रणनीतिक शहर में पुलिस आयुक्त का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए महाराष्ट्र सरकार इस नियुक्ति में कोई जल्दबाज़ी नहीं करना चाहती। अगले कुछ दिनों में इस पद पर अंतिम निर्णय और घोषणा की संभावना है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मुंबई को पहली बार महिला पुलिस आयुक्त मिलती है या अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर रितेश कुमार या देवेन भारती को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाती है।












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उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

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आत्महत्या से खुली साजिश: पुलिस, राजनीति और ड्रग माफिया का खतरनाक गठजोड़।


नवी मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

नवी मुंबई के खारघर क्षेत्र में बिल्डर गुनाताई आत्मलिये की आत्महत्या मामले में चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। आत्महत्या नोट के आधार पर खारघर पुलिस स्टेशन के एक पुलिस कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि यह पुलिस कांस्टेबल न केवल बिल्डर पर आर्थिक दबाव बना रहा था, बल्कि ड्रग रैकेट के संचालन में भी सक्रिय रूप से शामिल था।

मृतक आत्मलिये द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में नवी मुंबई महानगरपालिका (NMMC) के कुछ अधिकारियों के नाम भी उजागर किए गए हैं, जिन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। इस नोट को प्रमुख सबूत मानते हुए पुलिस ने अपनी ही फोर्स के सदस्य के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है।

ड्रग तस्करी में पुलिस कर्मचारी की भूमिका उजागर

जांच में यह सामने आया है कि गिरफ्तार पुलिस कांस्टेबल पहले से पकड़े गए ड्रग तस्करों के संपर्क में था और नशीली दवाओं के धंधे में लिप्त लोगों से लगातार वसूली कर रहा था। जानकारी के अनुसार, इस कांस्टेबल के बड़े पुलिस अधिकारियों और कुछ राजनीतिक हस्तियों से भी संबंध होने का संदेह है। इतना ही नहीं, आरोप है कि उसने पुलिस कैंटीनों में भी भारी निवेश किया था।

करोड़ों रुपये की ड्रग्स बरामद

हाल ही में पनवेल एंटी-नारकोटिक्स स्क्वाड ने खारघर के सेक्टर-15 से करोड़ों रुपये की ड्रग्स जब्त की थी। इस कार्रवाई में 15 से 16 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि यह पूरा रैकेट उलवे क्षेत्र से संचालित हो रहा था। अब तक की पूछताछ में गिरफ्तार पुलिस कर्मचारी की इस गिरोह में सक्रिय भूमिका होने के पुख्ता प्रमाण मिले हैं।

संपूर्ण पुलिस महकमा सकते में

पुलिस आयुक्त को जब इस बात की जानकारी मिली कि उनके ही विभाग का एक कर्मचारी ड्रग तस्करी में संलिप्त है, तो पूरे विभाग में हड़कंप मच गया। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन कर मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी गई है। खारघर पुलिस अब इस प्रकरण की हर कोण से गहराई से जांच कर रही है।

निष्कर्ष:

बिल्डर आत्महत्या प्रकरण ने नवी मुंबई पुलिस के भीतर गहरे भ्रष्टाचार और आपराधिक मिलीभगत के संकेत दिए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं, आम जनता ने भी इस मामले में पारदर्शी जांच और कठोर दंड की मांग की है।











"बेलापुर में आत्महत्या से मचा हड़कंप, सुसाइड नोट में NCB अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार"


बेलापुर: दिनेश मीरचंदानी 

शुक्रवार सुबह बेलापुर में उस वक्त सनसनी फैल गई जब कुख्यात ड्रग माफिया के पिता अजय माराठे ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना सुबह करीब 6:30 बजे की है, जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की टीम माराठे को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंची थी। इससे पहले कि वे उसे हिरासत में ले पाते, अजय माराठे ने खुद को गोली मार ली।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और जांच शुरू कर दी गई। पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें एनसीबी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

सुसाइड नोट में NCB अधिकारियों पर मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना का आरोप अजय माराठे ने सुसाइड नोट में लिखा कि एनसीबी अधिकारियों ने उन्हें और उनके परिवार को मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया। उनका कहना था कि उनका बेटा पहले ही ड्रग मामले में जेल में है, फिर भी उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा था, जिससे वह मानसिक तनाव में आ गए और आत्महत्या जैसा कदम उठाया।

अवैध पिस्टल से की आत्महत्या, पुलिस कर रही जांच एसीपी अजय लांगे ने बताया कि जिस पिस्टल से माराठे ने खुद को गोली मारी, वह लाइसेंस रहित और अवैध थी। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि यह हथियार माराठे को कहां से मिला और क्या यह किसी और आपराधिक गतिविधि में इस्तेमाल हुआ था।

NCB अधिकारियों से होगी पूछताछ, जांच में जुटी पुलिस घटना के बाद पुलिस ने एक एडीआर (Accidental Death Report) दर्ज कर ली है और आत्महत्या के लिए उकसाने के एंगल से भी जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा है कि सुसाइड नोट के आधार पर एनसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी।

फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं, वहीं माराठे का परिवार गहरे सदमे में है। पूरे इलाके में इस घटना को लेकर चर्चा का माहौल है और पुलिस इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है।

यह घटना एनसीबी की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। क्या जांच एजेंसियों का दबाव किसी निर्दोष को भी तोड़ सकता है? जांच के नतीजे आने तक यह सवाल अनुत्तरित रहेगा।