मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
सियासत
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
(फाइल फोटो)
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर महानगरपालिका (यूएमसी) की वर्तमान आयुक्त मनीषा आव्हाले पर पद का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, सेंचुरी रेयान कंपनी ने उन्हें अपने परिसर में एक आलीशान बंगला रहने के लिए दिया है, जबकि पूर्व आयुक्तों को केवल सामान्य सरकारी आवास ही उपलब्ध कराए जाते थे।
इसके साथ ही, यह आरोप भी सामने आया है कि उस बंगले की साफ-सफाई, रसोई और अन्य घरेलू कार्यों के लिए मनपा के 7–8 नियमित कर्मचारियों को तैनात किया गया है, जिनका वेतन उल्हासनगर महानगर पालिका के बजट से यानी जनता के टैक्स से चुकाया जा रहा है। इस पूरी व्यवस्था को महानगर पालिका के नियमों और सेवा शर्तों का घोर उल्लंघन माना जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, सेंचुरी रेयान कंपनी को हाल ही में मनपा ने लगभग 9 करोड़ रुपये की संपत्ति कर में बड़ी राहत दी है। इस रियायत और आयुक्त को बंगला देने के मामले को आपस में जोड़कर देखा जा रहा है, जिसे "क्लियर बार्टर डील" यानी सुविधा के बदले लाभ की संज्ञा दी जा रही है।
स्थानीय जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठन इस पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। उनका कहना है कि आयुक्त ने व्यक्तिगत फायदे के लिए एक उद्योग समूह को अनुचित लाभ पहुंचाया है, जबकि उल्हासनगर में पेयजल संकट, टूटी सड़कों और कचरा प्रबंधन जैसी समस्याएं अब भी जस की तस बनी हुई हैं। सामाजिक संगठनों ने राज्य सरकार से इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज करने की मांग की है।
अब शहर के जागरूक नागरिकों की निगाहें नगरविकास मंत्रालय पर टिकी हैं। सवाल उठता है — क्या इस बार सत्ता में बैठे अधिकारी भी कानून की पकड़ में आएंगे, या यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह केवल फाइलों तक सीमित रह जाएगा?
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर महानगरपालिका (यूएमसी) के सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में करोड़ों रुपये के घोटाले का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि विभाग में वर्षों से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताएं चल रही थीं। इस प्रकरण में विभाग के जूनियर इंजीनियर संदीप जाधव पर गंभीर आरोप लगे हैं।विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, उल्हासनगर महानगर पालिका आयुक्त मनीषा अहवाले द्वारा विभागीय कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के उद्देश्य से शुरू की गई सघन जांच कार्रवाई के बाद, संदीप जाधव ने अचानक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन कर दिया।
जाधव के वीआरएस की टाइमिंग और विभाग में मची अफरातफरी से यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि वह जांच की आंच से बचना चाह रहे हैं। बताया जा रहा है कि पीडब्ल्यूडी विभाग में टेंडर प्रक्रिया, कार्यादेश और बिल भुगतान में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं, जिनमें कई ठेकेदार और अधिकारी भी संदेह के घेरे में हैं।
आयुक्त अहवाले की सख्त कार्यशैली और निगरानी के कारण पूरे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और जांच को निष्पक्षता व पारदर्शिता के साथ अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।
उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में भ्रष्टाचार के इस मामले में और भी नाम सामने आ सकते हैं। साथ ही, यह भी संभावना जताई जा रही है कि एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) या राज्य सतर्कता विभाग इस प्रकरण की औपचारिक जांच अपने हाथ में ले सकते हैं।
इस घोटाले ने न सिर्फ पीडब्ल्यूडी विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि उल्हासनगर में सरकारी प्रशासन की जवाबदेही और पारदर्शिता पर भी नई बहस छेड़ दी है।
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर में इस वर्ष 19 जुलाई का दिन एक ऐतिहासिक और सामाजिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ और देशभर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व अधिकारी के तौर पर अपने बेधड़क व ईमानदार कार्यों से प्रसिद्ध समीर वानखेडे उल्हासनगर के SST कॉलेज में आयोजित एक विशेष नशा मुक्ति जनजागरूकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
यह कार्यक्रम न केवल कॉलेज के छात्रों के लिए बल्कि पूरे शहर के युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बनेगा। समीर वानखेडे, जिनका नाम ड्रग माफियाओं के विरुद्ध निर्णायक अभियानों और नशे के नेटवर्क को उजागर करने के लिए जाना जाता है, इस अवसर पर अपने अनुभवों को साझा करेंगे और युवाओं को नशे से दूर रहने की प्रेरणा देंगे।
कार्यक्रम का उद्देश्य: युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूक करना
SST कॉलेज द्वारा आयोजित यह विशेष सत्र उनके सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है— "नशा मुक्त भारत, स्वस्थ भारत"। कॉलेज प्रबंधन के अनुसार, यह पहल छात्रों को नशीले पदार्थों की भयावहता से अवगत कराने और उन्हें एक सकारात्मक, जागरूक, और लक्ष्य-निर्धारित जीवन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से की जा रही है।
कार्यक्रम की शुरुआत 19 जुलाई को दोपहर 12:00 बजे SST कॉलेज उल्हासनगर-4 में होगी।
समीर वानखेडे: एक नाम, जो युवाओं के लिए प्रेरणा है
समीर वानखेडे का व्यक्तित्व स्वयं में ही एक आदर्श बन चुका है। अपने करियर में उन्होंने बड़े-बड़े नशा सिंडिकेट्स का पर्दाफाश किया है। उनके नेतृत्व में NCB ने कई चर्चित मामलों में प्रभावी कार्यवाही की, जिससे युवा पीढ़ी के बीच एक स्पष्ट संदेश गया कि नशा किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं।
छात्रों में उत्साह और उम्मीदों का माहौल
कॉलेज परिसर में छात्रों के बीच इस कार्यक्रम को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है। कई छात्र इसे अपने जीवन की दिशा तय करने वाले क्षण के रूप में देख रहे हैं। SST कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि यह कार्यक्रम युवाओं को न केवल नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराएगा बल्कि उन्हें एक सकारात्मक समाज के निर्माण की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करेगा।
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
झोन-4 के पुलिस उपायुक्त (DCP) श्री सचिन गोरे के जन्मदिन के अवसर पर उल्हासनगर शहर में हर्ष और उत्साह का वातावरण देखने को मिला। पुलिस सेवा में अपनी सादगी, अनुशासन और कार्यकुशलता के लिए पहचाने जाने वाले श्री गोरे को उनके जन्मदिवस पर शहर के अनेक गणमान्य नागरिकों और समाजसेवियों ने शुभकामनाएं दीं।
इस विशेष अवसर पर मंत्रालय टाइम्स के संपादक दिनेश मिराचंदानी, मानव शक्ति एनजीओ के अध्यक्ष कुमार मेंघवानी, भाजपा नेता विक्की मेंघवानी और पुलिस विभाग से PSI प्रशांत चव्हाण ने डीसीपी गोरे से मुलाकात कर उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट किया और शुभकामनाएं प्रकट कीं।
कार्यक्रम भले ही सादगीपूर्ण रहा, परंतु उसमें आत्मीयता, गरिमा और सम्मान की स्पष्ट झलक दिखाई दी। उपस्थित अतिथियों ने डीसीपी गोरे के सामाजिक योगदान और उनके प्रशासनिक दृष्टिकोण की सराहना की, साथ ही उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना भी की।
शहरवासियों और पुलिस विभाग के बीच सेतु की भूमिका निभा रहे डीसीपी श्री गोरे के प्रति यह सम्मानजनक भाव इस बात का प्रतीक है कि प्रशासनिक जिम्मेदारियों के साथ मानवीय मूल्यों का निर्वाह करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर महानगरपालिका (Ulhasnagar Municipal Corporation) में प्रशासनिक कार्यप्रणाली को और अधिक दक्ष, पारदर्शी तथा जवाबदेह बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। मनपा प्रशासन ने दो महत्वपूर्ण कार्यालयीन आदेश जारी किए हैं, जिनके तहत कई वरिष्ठ और सहायक आयुक्तों की विभागीय जिम्मेदारियों में बड़े स्तर पर फेरबदल किया गया है। ये आदेश मनपा आयुक्त एवं प्रशासक के अनुमोदन से तत्काल प्रभाव से लागू किए गए हैं।
🔸 पहला आदेश (क्रमांक 584, दिनांक: 12 जून 2025)
नगर विकास विभाग के दिशा-निर्देशों और शासन की स्वीकृति के अनुरूप, चार सहायक आयुक्तों के कार्यक्षेत्र में परिवर्तन किया गया है:
1. श्री अजय साबळे – सहायक आयुक्त, अब प्रभाग समिति क्रमांक 01 कार्यालय
2. श्री विशाल कदम – सहायक आयुक्त, अब प्रभाग समिति क्रमांक 03 कार्यालय
3. श्रीमती अलका पवार – सहायक आयुक्त, अब प्रभाग समिति क्रमांक 04 कार्यालय
4. श्री गणेश शिंपी – सहायक आयुक्त, अब प्रभाग समिति क्रमांक 02 कार्यालय
इसके अतिरिक्त, श्री अजय कर्डक को समन्वयक अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। सभी अधिकारियों को अपने-अपने नवविभाजित विभागों का कार्यभार तुरंत संभालने के निर्देश जारी किए गए हैं।
🔸 दूसरा आदेश (क्रमांक 585, दिनांक: 13 जून 2025)
इस आदेश के अंतर्गत विभागीय पुनर्गठन तीन तालिकाओं में दर्शाया गया है:
📋 तक्ता "अ" — उप आयुक्त के अधीन सौंपे गए विभाग:
श्रीमती स्नेहा करपे, उप आयुक्त को निम्न विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई:
1. वैद्यकीय आरोग्य विभाग
2. वाहन व परिवहन विभाग
3. जनगणना व आधार केंद्र
4. पर्यावरण विभाग
5. जनसंपर्क विभाग
6. निवडणूक (चुनाव) विभाग
7. विवाह नोंदणी
8. जन्म-मृत्यु नोंदणी
9. बाजार व परवाना विभाग
10. क्रीड़ा व सांस्कृतिक विभाग
📋 तक्ता "ब" — अतिरिक्त विभागीय दायित्व:
1. डॉ. सुनील लोंढे, सहायक आयुक्त (प्रभाग 2) – निवडणूक विभाग
2. श्री गणेश पवार, वरिष्ठ लिपिक – अतिरिक्त प्रशासनिक सहयोग
📋 तक्ता "क" — स्थानांतरित अधिकारियों की नियुक्तियाँ:
1. श्री नितेश रंगारी – उप कर निर्धारक व संकलक, विभाग प्रमुख: मालमत्ता कर विभाग
2. श्री अजित गोवारी – अधीक्षक, विभाग प्रमुख: सामान्य प्रशासन विभाग
3. श्री सचिन जाधव – वरिष्ठ लिपिक, विभाग प्रमुख: निवडणूक विभाग
🎯 प्रशासन का उद्देश्य:
इन फेरबदल का प्रमुख उद्देश्य मनपा की प्रशासनिक प्रक्रियाओं को तेज़, पारदर्शी एवं प्रभावी बनाना है। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने कार्यभार तुरंत ग्रहण करें और प्रशासन को रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह भी स्पष्ट किया गया है कि विभागीय शिथिलता या लापरवाही को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
🔚 निष्कर्ष:
उल्हासनगर मनपा द्वारा जारी किए गए ये प्रशासनिक आदेश न केवल आंतरिक कार्यप्रणाली को बेहतर बनाएंगे, बल्कि इससे नागरिकों को भी सेवाओं का त्वरित और प्रभावी लाभ मिलेगा। यह कदम शहर के सुशासन और उत्तरदायित्वपूर्ण प्रशासनिक व्यवस्था की दिशा में एक बड़ा और स्वागतयोग्य प्रयास माना जा रहा है।
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