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मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में राज्य आरोग्य हमी सोसायटी की नियामक परिषद की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न, जन आरोग्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर गहन विमर्श।


 
















मुंबई: दिनेश मीरचंदानी

मुंबई में 15 सितंबर 2025 के दिन सह्याद्री अतिथिगृह, मंत्रीमंडल सभागृह, मुंबई में राज्य आरोग्य हमी सोसायटी की नियामक परिषद की एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने की। बैठक में महात्मा फुले जन आरोग्य योजना और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से जुड़ी नीतिगत विषयों पर गहन चर्चा की गई।

बैठक का उद्देश्य राज्य में जनस्वास्थ्य योजनाओं के समन्वय, क्रियान्वयन, बजट वितरण तथा सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करना रहा। जनसामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु कई अहम प्रस्तावों और सुझावों पर विचार किया गया।

इस बैठक में आयुष्मान भारत मिशन महाराष्ट्र समिति के अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश शेटे को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने योजनाओं की प्रगति पर प्रस्तुति दी और आवश्यक सुझाव साझा किए।

बैठक में उपस्थित रहे प्रमुख मंत्रीगण:

मंत्री श्री छगन भुजबळ

मंत्री श्री संजय शिरसाठ

मंत्री श्री प्रकाश आबिटकर (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से)

मंत्री श्रीमती अदिती तटकरे (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से)

बैठक में भाग लेने वाले अन्य प्रमुख अधिकारी:

माननीय मंत्री (चिकित्सा शिक्षा)

माननीय मंत्री (सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण)

माननीय राज्य मंत्री (चिकित्सा शिक्षा)

माननीय राज्य मंत्री (सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण)

माननीय मुख्य सचिव

सचिव-1 एवं सचिव-2 (सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग)

सचिव, चिकित्सा शिक्षा एवं औषधि द्रव्य विभाग

आयुक्त, स्वास्थ्य सेवा एवं अभियान संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन

मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य आरोग्य हमी सोसायटी

नियामक परिषद के सदस्य

संचालक, स्वास्थ्य सेवा संचालनालय

संचालक, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संचालनालय

साथ ही अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण एवं तकनीकी विशेषज्ञ

चर्चा के प्रमुख विषय:

जन आरोग्य योजनाओं के समन्वित क्रियान्वयन हेतु नीति सुधार

बजटीय प्रावधानों की समीक्षा व आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता

योजना लाभार्थियों तक सुगम और त्वरित पहुँच सुनिश्चित करने हेतु रणनीति

सरकारी और निजी अस्पतालों के समन्वय को लेकर मार्गदर्शक सिद्धांतों की रूपरेखा

अस्पतालों व आरोग्य केंद्रों में सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने हेतु सुझाव

मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने बैठक में कहा कि “राज्य सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी नागरिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रहे। इन योजनाओं का समुचित व पारदर्शी क्रियान्वयन हमारी प्राथमिकता है।”

यह बैठक राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में नीतिगत परिवर्तन और व्यवस्थित सुधारों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। आगामी महीनों में इन चर्चाओं के आधार पर कई व्यावहारिक निर्णय लिए जाने की संभावना जताई जा रही हैं।












22 करोड़ रुपये के जीएसटी घोटाले में गिरफ्तार अंबरनाथ के व्यापारी निखिल वलेचा को कल्याण सेशन्स कोर्ट से मिली जमानत।

अंबरनाथ: दिनेश मीरचंदानी

22 करोड़ रुपये के बहुचर्चित जीएसटी घोटाले में गिरफ्तार किए गए अंबरनाथ के युवा उद्यमी निखिल नरेश वलेचा (उम्र 28 वर्ष) को कल्याण सत्र न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने वलेचा को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश सुनाया, जिससे व्यापारी वर्ग में हलचल के बीच राहत की भावना देखी जा रही है।

निखिल वलेचा, जो अंबरनाथ में बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई व्यवसाय से जुड़े हैं, को 17 जुलाई 2025 को मुंबई के मझगांव इलाके से राज्य कर विभाग (State Tax Department) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। उन पर महाराष्ट्र वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 132(1)(c) के तहत फर्जी इनवॉइस के माध्यम से लगभग ₹20.20 करोड़ की जीएसटी चोरी का गंभीर आरोप है।

📌 कोर्ट ने कहा – निरंतर हिरासत उचित नहीं

माननीय सत्र न्यायाधीश पी. आर. अस्‍हतुरकर ने यह मानते हुए जमानत स्वीकृत की कि आरोपी की निरंतर न्यायिक हिरासत 'पूर्व-ट्रायल दंड' जैसी प्रतीत हो रही है, जो न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है।

📌 वकील की दलील – सहयोग कर रहे हैं वलेचा, झूठा फंसाया गया

सुनवाई के दौरान वलेचा के अधिवक्ता अर्जुन भोजराज जेसवानी ने यह प्रस्तुत किया कि:

वलेचा एक सम्मानित व्यापारी हैं और 2023 से जांच में पूर्ण सहयोग कर रहे हैं।

उन्होंने विभाग को ₹2.5 करोड़ की कर राशि स्वयं जमा कराई है।

अब तक कोई औपचारिक एफआईआर या चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है, जो गिरफ्तारी को संदिग्ध बनाता है।

📌 जमानत की शर्तें

न्यायालय ने वलेचा को ₹50,000 के निजी मुचलके एवं समान राशि की एक जमानती (surety) की शर्त पर रिहा करने का आदेश दिया। साथ ही, जमानत की सख्त शर्तें निर्धारित की गईं:

आरोपी जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे।

किसी भी प्रकार से सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे।

जमानत अवधि में कोई आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे।

📌 क्या है पूरा मामला?

विभागीय जांच में यह सामने आया कि वलेचा पर आरोप है कि उन्होंने अपनी फर्म के माध्यम से फर्जी कंपनियों के नाम पर इनवॉइस जनरेट किए, जिससे इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी की गई।

हालांकि, अब जब अदालत ने उन्हें जमानत दी है, तो यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस प्रकरण की आगे की जांच किस दिशा में जाती है और क्या विभाग उन पर चार्जशीट दायर करता है या नहीं।

📝 नोट: यह मामला व्यापारिक और कर प्रशासन से जुड़े बड़े मामलों में से एक माना जा रहा है, और इसकी कानूनी व प्रशासनिक प्रगति पर उद्योग जगत की पैनी नजर बनी हुई है।














उल्हासनगर में श्रद्धा, एकता और सेवा भाव का संगम — UGMA का 69वां वार्षिक धार्मिक महोत्सव 15 से 17 सितंबर तक चालिहा साहिब मंदिर में भव्य आयोजन।


 

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर के गारमेंट उद्योग जगत की अग्रणी और प्रतिष्ठित संस्था उल्हासनगर गारमेंट्स मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन (UGMA) इस वर्ष भी अपनी समृद्ध परंपरा को कायम रखते हुए 69वां वार्षिक धार्मिक उत्सव भव्य स्तर पर आयोजित करने जा रही है। यह तीन दिवसीय आयोजन 15 से 17 सितंबर 2025 तक पूज्य चालिहा साहिब मंदिर (उल्हासनगर – 421005) में संपन्न होगा।

इस आयोजन का उद्देश्य केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और व्यावसायिक स्तर पर एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण करना है। यह महोत्सव UGMA द्वारा न केवल आस्था और भक्ति का परिचायक है, बल्कि यह व्यापारी समुदाय की एकता, सेवा भावना और सामाजिक जिम्मेदारी को भी सशक्त रूप से दर्शाता है।

🔶 आयोजन की मुख्य विशेषताएं:

धार्मिक कार्यक्रम: संत वाणी, कीर्तन, सत्संग, भजन-प्रवचन और आरती जैसे अध्यात्म से भरपूर आयोजन।

सेवा और समर्पण: आयोजनों में शामिल सभी सेवाएं निःस्वार्थ भाव से UGMA सदस्य एवं समाज के सहयोगियों द्वारा संचालित।

सामाजिक समरसता: आयोजन के माध्यम से व्यापारिक समुदाय के बीच आपसी सहयोग, सौहार्द और भाईचारे को बल मिलेगा।

🔶 UGMA की समाज को अपील:

UGMA ने उल्हासनगर के सभी व्यापारी बंधुओं, दुकानदारों, उद्यमियों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस पुण्य आयोजन में तन, मन और धन से सहभागी बनकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं और इस आध्यात्मिक यात्रा का भाग बनें।

UGMA के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि संस्था का उद्देश्य केवल धार्मिक आयोजनों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को जोड़ने, सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने और व्यापारिक समृद्धि को प्रेरित करने की दिशा में निरंतर सक्रिय रहना है।

🔶 UGMA – एक प्रेरणा, एक आंदोलन:

69 वर्षों से UGMA न केवल उल्हासनगर में व्यापारी वर्ग की आवाज बनी हुई है, बल्कि समय-समय पर सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक मंचों के माध्यम से समुदाय को संगठित और प्रेरित करती आ रही है। यह धार्मिक उत्सव उसी दीर्घकालीन विरासत का हिस्सा है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणास्रोत बनता जा रहा है।

📍स्थान: पूज्य चालिहा साहिब मंदिर, उल्हासनगर – 421005
📅 तिथियां: 15, 16 और 17 सितंबर 2025
⏰ समय: पूरे दिन विविध धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम

👉 आइए, मिलकर इस भक्ति, सेवा और समर्पण के पर्व का हिस्सा बनें। UGMA के साथ जुड़ें और उल्हासनगर की सामाजिक और आध्यात्मिक ऊर्जा को और अधिक सशक्त बनाएं।




















उल्हासनगर मनपा के अकाउंट विभाग में अवैध वसूली का खुलासा! 8 से 10 प्रतिशत कमीशन पर बिल पास करने का आरोप, वर्षों से लंबित हैं ठेकेदारों के भुगतान।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी

उल्हासनगर महानगरपालिका (Ulhasnagar Municipal Corporation) के अकाउंट विभाग (Accounts Department) में भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें सामने आ रही हैं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, विभाग के कुछ अधिकारी मनपाकर्मी और ठेकेदारों (Contractors) के बीच बकाया बिलों के भुगतान के एवज में 8 से 10 प्रतिशत तक की अवैध वसूली (Illegal Commission) कर रहे हैं।

यह मामला तब और गंभीर हो जाता है जब यह सामने आया कि कई ठेकेदारों के बिल वर्षों से लंबित पड़े हैं। पहले से ही आर्थिक मंदी और नकदी संकट से जूझ रहे ठेकेदारों के लिए यह 'कमीशन की मांग' एक अतिरिक्त बोझ बन गई है।

सूत्रों के मुताबिक, मनपा द्वारा पारित कार्यों का भुगतान करने में जानबूझकर देरी की जा रही है, और इसी देरी का फायदा उठाकर कुछ अधिकारी ठेकेदारों से अवैध धन की मांग कर रहे हैं।

स्थानीय ठेकेदारों का आरोप है कि जब तक कथित कमीशन नहीं दिया जाता, तब तक बिल भुगतान की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जाती।

मनपा प्रशासन पर यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्यों इतने वर्षों से ठेकेदारों के बकाया बिलों का निपटारा नहीं किया गया, और ऐसे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है।

अब देखना यह होगा कि मनपा आयुक्त और शासन इस गंभीर प्रकरण पर क्या रुख अपनाते हैं। क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दफन हो जाएगा?

मंत्रालय टाइम्स इस प्रकरण की गंभीरता से जांच कर रहा है, और आने वाले समय में इसमें और खुलासे होने की उम्मीद है।













उल्हासनगर के व्यापारिक नेताओं ने लाल साई होजियरी एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश बजाज के कार्यक्रम में गणपति दर्शन किए।


 




उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

गणपति विसर्जन के पावन अवसर पर लाल साई होजियरी एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश बजाज के निवास पर आयोजित कार्यक्रम में शहर के गणमान्य व्यक्तियों, राजनीतिक नेताओं एवं विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने गणपति के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश बजाज ने सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं पारंपरिक सम्मान के साथ उनका आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में शहर की जानी-मानी हस्तियों की उपस्थिति ने इसे एक विशेष गरिमा प्रदान की।

कार्यक्रम में उपस्थित रहे प्रमुख व्यक्तित्वों में उल्हासनगर भाजपा के आमदार कुमार ऐलानी, उल्हासनगर भाजपा अध्यक्ष राजेश वध्रया,भाजपा के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप रामचंदानी, भाजपा नेता महेश सुखरमानी, जमनु पुरस्वानी, लाल पंजाबी, राजू जग्यासी एवं अमित वाधवा शामिल रहे।

वहीं, भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के नेता नरेश ठारवानी ने अपनी पूरी टीम के साथ पहुंचकर गणपति दर्शन किए और कार्यक्रम की सफलता की शुभकामनाएं दीं।

इसके अलावा, शहर के प्रमुख व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों ने भी सामूहिक रूप से दर्शन किए। इनमें लाल साई होजियरी एसोसिएशन, होल गारमेंट्स एसोसिएशन, यूएसडब्ल्यूए एसोसिएशन, फटाका व्यापारी एसोसिएशन तथा अमन टॉकीज रोड के व्यापारी संघ के सदस्य प्रमुख थे।

अंत में, समाज सेवक रमेश बजाज ने आए हुए सभी गणमान्य व्यक्तियों, नेताओं, व्यापारियों एवं संगठनों का तहे दिल से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सभी के स्नेह और सहयोग से यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और उन्हें उम्मीद है कि भगवान गणपति सभी पर अपनी कृपा बनाए रखेंगे।













आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े को जल्द मिल सकती है आयुक्त पद की जिम्मेदारी।


नई दिल्ली: दिनेश मीरचंदानी 

भारतीय प्रशासनिक गलियारों से एक बड़ी खबर सामने आई है। भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) मुंबई ज़ोन के प्रमुख रहे समीर वानखेड़े को शीघ्र ही आयुक्त (Commissioner) पद पर नियुक्त किया जा सकता है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में प्रक्रिया अंतिम चरण में है और औपचारिक आदेश किसी भी समय जारी हो सकता है।

हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) के आदेश को बरकरार रखते हुए वानखेड़े की पदोन्नति का रास्ता साफ कर दिया था। अदालत के इस निर्णय के बाद उनके लिए उच्च प्रशासनिक जिम्मेदारी की संभावना और प्रबल हो गई है।

समीर वानखेड़े का नाम देशभर में उस समय चर्चा में आया था जब उन्होंने एनसीबी में रहते हुए कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच की थी। उनकी पहचान एक सख्त और निष्पक्ष अधिकारी के रूप में रही है। यही कारण है कि उनकी संभावित नियुक्ति को राजस्व विभाग में एक अहम बदलाव माना जा रहा है।

प्रशासनिक विशेषज्ञों का मानना है कि वानखेड़े की नई भूमिका न केवल विभागीय कार्यप्रणाली को सशक्त बनाएगी, बल्कि उनके लंबे अनुभव और दृढ़ता का भी सकारात्मक प्रभाव दिखाई देगा।

👉 समीर वानखेड़े की आयुक्त पद पर नियुक्ति को लेकर अब सभी की निगाहें केंद्र सरकार के औपचारिक आदेश पर टिकी हैं।












लालबाग गणपति पंडाल में VIP–नॉन VIP दर्शन व्यवस्था पर विवाद गहराया, मानवाधिकार आयोग में शिकायत।


 





मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देश-विदेश में प्रसिद्ध लालबाग का राजा गणपति पंडाल इस बार दर्शन व्यवस्था को लेकर विवादों में आ गया है। गणेशोत्सव के दौरान लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बने इस पंडाल में दर्शन के लिए VIP और नॉन-VIP लाइनें अलग-अलग बनाए जाने को लेकर तीखी आपत्तियां दर्ज की जा रही हैं।

इसी संदर्भ में एडवोकेट आशीष राय और पंकज मिश्रा ने महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। उनका तर्क है कि धार्मिक आयोजन में VIP संस्कृति को बढ़ावा देना न केवल भक्तों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह सामाजिक समानता की भावना के भी खिलाफ है।

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि VIP दर्शन की सुविधा से आम श्रद्धालुओं को लंबे समय तक कठिन परिस्थितियों में कतारों में खड़ा रहना पड़ता है, जबकि कुछ चुनिंदा लोगों को विशेषाधिकार दिया जा रहा है। उन्होंने इसे धार्मिक भेदभाव और अन्यायपूर्ण व्यवस्था करार दिया है।

मानवाधिकार आयोग से की गई शिकायत में मांग की गई है कि आयोग तत्काल इस मामले पर संज्ञान ले और VIP–नॉन VIP दर्शन व्यवस्था को समाप्त करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी करे, ताकि हर भक्त को बिना भेदभाव के समान अवसर मिल सके।

👉 इस प्रकरण के सामने आने के बाद गणेश मंडल की भूमिका, प्रशासन की कार्यशैली और VIP संस्कृति पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी बड़ा रूप ले सकता है, क्योंकि यह सीधे तौर पर भक्तों की आस्था और अधिकारों से जुड़ा हुआ है।