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उल्हासनगर भाजपा व्यापारी सेल की अगुवाई में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक से संवाद, व्यापारिक मुद्दों पर हुई सार्थक चर्चा।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी

उल्हासनगर शहर के प्रमुख व्यापारी संगठनों ने मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्री शंकर अवतारे से एक विशेष भेंट की, जिसमें व्यापारिक सुरक्षा, ट्रैफिक समस्याएं एवं अपराध नियंत्रण जैसे अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई।

इस महत्वपूर्ण बैठक में उल्हासनगर भाजपा व्यापारी सेल के पदाधिकारियों के साथ-साथ टू व्हीलर मार्केट एसोसिएशन, कार बाजार मार्केट एसोसिएशन, लाल साईं होजरी एसोसिएशन, बजाज ग्रुप, सोनाराबाजार के वरिष्ठ व्यापारी श्री अनिल कटेजा जी, उल्हास स्टेशन शॉपकीपर एसोसिएशन के श्री अजित चावला जी सहित अनेक व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान श्री अवतारे ने व्यापारियों को अपराध नियंत्रण के उपायों पर जागरूक किया। उन्होंने गाड़ियों की खरीद-फरोख्त में सावधानी बरतने, नियमों का पालन करने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को तुरंत देने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने शहर में बढ़ती ट्रैफिक समस्याओं पर भी ध्यान देते हुए व्यापारियों से सुझाव लिए और उन्हें सकारात्मक समाधान का आश्वासन दिया।

व्यापारी भाइयों ने इस संवाद के लिए वरिष्ठ निरीक्षक श्री अवतारे जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे संवाद न केवल सुरक्षा को बढ़ावा देंगे, बल्कि प्रशासन और व्यापारियों के बीच बेहतर समन्वय भी स्थापित करेंगे।

उल्हासनगर भाजपा व्यापारी सेल की ओर से वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को धन्यवाद ज्ञापित किया गया तथा भविष्य में भी ऐसे संवाद जारी रखने की आशा व्यक्त की गई।













मुख्यमंत्री सहायता निधि ने बचाई मासूम की जान: गरीब परिवार की बेटी को मिली नई ज़िंदगी।


 


अमरावती/मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

एक गरीब परिवार की बेटी, पूजा रसाले, जो गंभीर किडनी रोग से पीड़ित थी, उसे मुख्यमंत्री सहायता निधि की मदद से जीवनदान मिला है। पूजा की मां ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भावुक पत्र लिखकर इस अभूतपूर्व मदद के लिए हृदय से धन्यवाद प्रकट किया है।

पूजा को प्रारंभ में एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन वहां के उपचार का खर्च परिजनों की आर्थिक क्षमता से कहीं अधिक था। बाद में उसे एक सरकारी अस्पताल में ले जाया गया, जहाँ चिकित्सकों ने बताया कि उसकी किडनी में बड़े-बड़े छेद हो चुके हैं और किडनी की कार्यक्षमता अत्यंत कम हो गई है। ऐसे में इलाज का खर्च इस आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लिए असंभव था।

इस कठिन परिस्थिति में परिवार को श्री अनंत पारसकर के माध्यम से मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष, जिलाधिकारी कार्यालय, अमरावती की जानकारी मिली। वहाँ के कर्मचारियों और चिकित्सकों ने परिवार को पूरी संवेदनशीलता और समर्पण के साथ मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने न केवल सहायता निधि से संबंधित प्रक्रिया को सरल रूप में समझाया, बल्कि परिवार को हर आवश्यक सहायता भी उपलब्ध कराई।

इस सहयोग के चलते वर्धा, सावंगी स्थित अस्पताल में महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना तथा कुछ अतिरिक्त रियायतों के माध्यम से पूजा का सफल ऑपरेशन किया गया। अब पूजा की तबियत स्थिर है और वह तेजी से स्वस्थ हो रही है।

पूजा की मां ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष मुंबई के कक्ष प्रमुख श्री रामेश्वर नाईक, जिलाधिकारी कार्यालय अमरावती के समस्त अधिकारीगण, तथा सभी चिकित्सकों और कर्मचारियों का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया है।

उन्होंने लिखा, "माननीय मुख्यमंत्री महोदय, आपके प्रयासों से मेरी बेटी की जान बच सकी है। इसके लिए मैं जीवन भर आपकी ऋणी रहूँगी।"

यह घटना न केवल सरकार की जनहितकारी योजनाओं की प्रभावशीलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी प्रमाणित करती है कि सही समय पर मिली सरकारी सहायता किसी परिवार के जीवन में चमत्कारिक बदलाव ला सकती है। मुख्यमंत्री सहायता निधि जैसे उपक्रम, ज़रूरतमंदों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं।












बीजेपी में नई बिसात! प्रदीप रामचंदानी फिर संभालेंगे उल्हासनगर की कमान?


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर की सियासत में एक बार फिर भूचाल आने वाला है! भारतीय जनता पार्टी की उल्हासनगर इकाई में बड़े स्तर पर फेरबदल की तैयारी जोरों पर है, और सबसे बड़ी खबर यह है कि प्रदीप रामचंदानी की पार्टी अध्यक्ष पद पर धमाकेदार वापसी हो सकती है।

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व ने प्रदीप रामचंदानी को पुनः अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपने का मन बना लिया है। यह फैसला न केवल रामचंदानी के पिछले सफल कार्यकाल को देखते हुए लिया जा रहा है, बल्कि उनके संगठनात्मक अनुभव, जनसंपर्क कौशल और स्थानीय राजनीति में मजबूत पकड़ को भी इसका आधार माना जा रहा है।

रामचंदानी की वापसी इसलिए अहम है:

वे वर्तमान में भी उल्हासनगर बीजेपी के अध्यक्ष हैं और पार्टी को स्थानीय स्तर पर मजबूत आधार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।

वे महाराष्ट्र बीजेपी के कद्दावर नेता व कार्यकारी अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण के बेहद करीबी माने जाते हैं, जिससे उनके नाम को और बल मिला है।

स्थानीय कार्यकर्ताओं में उनके नेतृत्व को लेकर जबरदस्त उत्साह और भरोसा है।

सूत्रों की मानें तो यह बदलाव सिर्फ पद की अदला-बदली नहीं, बल्कि 2024 के बाद की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें रामचंदानी जैसे अनुभवी नेता की भूमिका बेहद अहम होगी।

क्या कहती है गलियों की गूंज?

उल्हासनगर की गलियों और राजनीतिक गलियारों में अब बस एक ही चर्चा है – "क्या प्रदीप रामचंदानी की वापसी से बीजेपी को नई रफ्तार मिलेगी?"
















आईपीएल की आड़ में हाई-टेक सट्टेबाज़ी का भंडाफोड़: गोवा पुलिस की बड़ी कार्रवाई, उल्हासनगर से जुड़े तार।


पणजी/उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) जैसे प्रतिष्ठित क्रिकेट टूर्नामेंट की आड़ में संचालित हो रहे एक हाई-टेक और संगठित सट्टेबाज़ी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गोवा पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस सट्टेबाज़ी नेटवर्क की जड़ें महाराष्ट्र के उल्हासनगर शहर से जुड़ी पाई गई हैं, जो न केवल तकनीक का दुरुपयोग कर रहा था बल्कि युवाओं के भविष्य और मानसिक स्थिति को भी गहरे संकट में डाल रहा था।

मुख्य आरोपी फरार, पूरे राज्य में जारी है सर्च ऑपरेशन

पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इस सट्टेबाज़ी रैकेट का संचालन अवि इसरानी और गिरिष जेसवानी नामक दो आरोपियों द्वारा किया जा रहा था, जो उल्हासनगर के निवासी हैं। दोनों आरोपी फिलहाल फरार हैं और उनके खिलाफ पहले से भी कई खुफिया जानकारियाँ पुलिस को प्राप्त थीं। गोवा में बढ़ती निगरानी से बचने के लिए इन आरोपियों ने वहां से अपना नेटवर्क चलाना शुरू किया और आईपीएल जैसे मेगा-इवेंट को हथियार बनाकर करोड़ों रुपये की सट्टेबाज़ी को अंजाम दे रहे थे।

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और क्रिप्टो के जरिए किया जा रहा था लेनदेन

गिरोह द्वारा मोबाइल ऐप्स, वर्चुअल वॉलेट्स, फर्जी बैंक खातों और क्रिप्टोकरेंसी जैसे डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल कर लेनदेन किया जा रहा था, ताकि कानूनी निगरानी से बचा जा सके। अब तक दो आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ के बाद और भी नाम सामने आने की संभावना है। जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ की फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी गई है, जिससे महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है।

कॉलेज और बेरोजगार युवाओं को बना रहे थे निशाना

इस रैकेट का सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि यह गिरोह कॉलेज विद्यार्थियों और बेरोजगार युवाओं को 'झटपट कमाई' का लालच देकर सट्टेबाज़ी में फंसा रहा था। उल्हासनगर जैसे शहरी क्षेत्रों में पहले से मौजूद मानसिक तनाव और बेरोजगारी की स्थितियों का लाभ उठाकर यह गिरोह युवाओं को अपराध की दलदल में धकेल रहा था, जिससे समाज में गंभीर सामाजिक और मानसिक प्रभाव उत्पन्न हो रहे हैं।

प्रशासनिक और सुरक्षा एजेंसियों से की गई चार महत्वपूर्ण मांगें

मंत्रालय टाइम्स इस गंभीर और सुनियोजित अपराध के विरुद्ध प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों से निम्नलिखित ठोस कदम उठाने की मांग करता है:

1. मुख्य आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित कर उनके विरुद्ध महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जाए।

2. गिरोह से जुड़े आर्थिक स्रोतों की गहन जांच कर उनकी संपत्तियों को तत्काल ज़ब्त किया जाए।

3. युवाओं को सट्टेबाज़ी और साइबर अपराध से बचाने हेतु विशेष जागरूकता अभियान, परामर्श केंद्रों और साइबर हेल्पलाइन की स्थापना की जाए।

4. गोवा और उल्हासनगर पुलिस के बीच समन्वय हेतु एक विशेष अंतरराज्यीय सेल का गठन किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसे नेटवर्कों पर त्वरित और समन्वित कार्रवाई की जा सके।

यह केवल आर्थिक नहीं, सामाजिक हमला है

यह मामला केवल अवैध धन कमाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज की बुनियाद, युवा पीढ़ी की मानसिकता और उनके भविष्य पर एक सुनियोजित हमला है। अब समय आ गया है कि हम न सिर्फ ऐसे अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुँचाएं, बल्कि अपने युवाओं को अपराध की दुनिया से बाहर निकालकर उन्हें सुरक्षित, जिम्मेदार और उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर करें।












उल्हासनगर में अवैध निर्माण पर हाईकोर्ट सख्त, UMC और पुलिस पर उठाए सवाल।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को टिप्पणी की कि राज्य सरकार को अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार सभी व्यक्तियों और अधिकारियों पर "कड़ी कार्रवाई" सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि "कानून के शासन" को बनाए रखा जा सके।

अदालत ने ठाणे के उल्हासनगर के एक निवासी की याचिका पर फैसला सुनाया, जिसमें उल्हासनगर नगर निगम (यूएमसी) को उसके घर के पास बेवास चौक पर डेवलपर महा गौरी बिल्डर्स एंड डेवलपर्स, मनोज पांजवानी द्वारा संचालित एक फर्म द्वारा किए गए अवैध और अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

अदालत ने "अवैध" निर्माण को ध्वस्त करने की मांग वाली याचिका को स्वीकार करते हुए सरकार से इस बड़े मुद्दे पर कानून बनाने का भी आग्रह किया। जस्टिस अजय एस गडकरी और कमल आर खाता की खंडपीठ ने कहा, "हमें डर है कि अगर ये कदम तुरंत नहीं उठाए गए, तो राज्य में नियोजित विकास का पूरा उद्देश्य केवल एक दूर का सपना बनकर रह जाएगा। इसके अलावा, यह अराजकता की स्थिति होगी।"

खंडपीठ ने कहा, "हम ऐसे नागरिकों को अनुमति नहीं दे सकते जो एक नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करने से कतराते हैं, संविधान के तहत अधिकारों के प्रवर्तन की मांग करने के लिए," और कहा कि नागरिकों को पूरी तरह से अवैध निर्माण को नियमित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

याचिकाकर्ता नीतू माखिजा का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील एएस राव ने कहा कि विषय संपत्ति पर बैरकों में छह कमरे थे, जिनमें से कुछ को ध्वस्त कर दिया गया था, और डेवलपर द्वारा नया निर्माण किया जा रहा था, जिससे उनकी संपत्ति में भारी पानी का रिसाव हो रहा था। उन्होंने तर्क दिया कि डेवलपर ने निर्माण के लिए अनुमति नहीं ली थी और उसने आसन्न संपत्ति पर भी अतिक्रमण किया था और उसके द्वारा दी गई धमकियों के कारण उसे "मानसिक आघात" हुआ था। राव ने कहा कि 2024 में यूएमसी और पुलिस अधिकारियों से कई पत्र और शिकायतें करने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिलने के कारण, याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

अदालत ने टिप्पणी की, "यूएमसी, साथ ही पुलिस अधिकारी, समय पर कार्रवाई नहीं करने और इस तरह अवैध निर्माण को बढ़ावा देने और जारी रखने के लिए जिम्मेदार हैं।"

अदालत ने पाया कि यूएमसी ने कोई कार्रवाई शुरू नहीं की, भले ही उसने सितंबर 2024 में याचिकाकर्ता के आरटीआई आवेदन के जवाब में स्वीकार किया था कि विचाराधीन ढांचा अवैध था। अदालत ने कहा कि विध्वंस के प्रयासों को डेवलपर द्वारा जनवरी 2025 में दायर एक नियमितीकरण आवेदन द्वारा भी "बाधित" किया गया था, जिसके बारे में नागरिक निकाय के संबंधित अधिकारी को अपने सभी विभागों को सूचित करना चाहिए था। एचसी ने कहा, "हम पाते हैं कि इस डिजिटल युग में नगर निगमों के विभिन्न विभागों के बीच संचार की गंभीर कमी है। इसे बर्दाश्त और अनुमति नहीं दी जा सकती है।"

अधिकारियों द्वारा कार्रवाई करने में अत्यधिक देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए, अदालत ने टिप्पणी की, "इससे हमें आम जनता की इस धारणा को स्वीकार करना पड़ता है कि संबंधित अधिकारी स्वयं इन अवैधताओं की रक्षा कर रहे हैं, जिसके कारण केवल उन्हें ही पता हैं।" अदालत ने यूएमसी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि विषय स्थल पर फिर से कोई अनधिकृत ढांचा खड़ा न किया जाए और अधिकारियों को डेवलपर के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा।

अदालत ने कहा कि डेवलपर "कानून के अनुसार आवश्यक अनुमति प्राप्त किए बिना निर्माण करने के लिए समान रूप से जिम्मेदार" था। अदालत ने कहा कि यह तर्क कि उसे केवल निर्माण का ठेका दिया गया था, उसे अपराध करने से नहीं बचा सकता।

राज्य सरकार से उपायों की मांग करते हुए, अदालत ने कहा, "अवैध निर्माण में शामिल सभी संबंधितों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और देश में कानून और व्यवस्था और वैध विकास बनाए रखने के लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।" खंडपीठ ने कहा कि यह "काफी आश्चर्यजनक" है कि यहां तक कि पुलिस अधिकारियों ने भी, जो शहर प्रशासन की आंखें हैं, यूएमसी को निर्माण के बारे में नहीं बताया, जबकि महाराष्ट्र नगर निगम (एमएमसी) अधिनियम के तहत उनका कर्तव्य था।












उल्हासनगर में अवैध प्लास्टिक फैक्ट्रियों के खिलाफ ‘राष्ट्र कल्याण पार्टी’ का बिगुल – शैलेश तिवारी ने चेताया, “जनता की ज़िंदगी से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं”


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर क्षेत्र में लगातार बढ़ते प्रदूषण, अवैध प्लास्टिक फैक्ट्रियों की बाढ़ और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर ‘राष्ट्र कल्याण पार्टी’ ने एक बार फिर आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेश तिवारी ने से बात करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि अब समय आ गया है जब आम जनता के हितों की रक्षा के लिए निर्णायक कदम उठाया जाए।

तिवारी ने आरोप लगाया कि उल्हासनगर महानगरपालिका (UMC) के कुछ अधिकारी, दलाल और स्थानीय राजनीतिक नेताओं की मिलीभगत से क्षेत्र में सरकार द्वारा लगाए गए प्लास्टिक प्रतिबंध के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि UMC की सीमा में ऐसी कई दर्जन अवैध प्लास्टिक निर्माण इकाइयां बिना किसी डर और नियम के दिन-रात चलाई जा रही हैं, जिससे शहर की हवा में ज़हरीला प्रदूषण तेजी से फैल रहा है।

इतना ही नहीं, शहर की नदियाँ और नाले प्लास्टिक कचरे से पट चुके हैं। ड्रेनेज सिस्टम पहले ही बेहद जर्जर स्थिति में है और आगामी मानसून में भारी वर्षा के कारण वह ओवरफ्लो होकर कई गरीब बस्तियों और घरों को जलमग्न कर सकता है।

पार्टी अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा, “हम समय रहते UMC, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (MPCB) और पुलिस प्रशासन को आगाह कर रहे हैं कि इन अवैध फैक्ट्रियों पर तत्काल कार्रवाई करें और प्लास्टिक निर्माण व बिक्री पर रोक लगाई जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ और किसी भी नागरिक की जान या संपत्ति को नुकसान पहुंचा, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन, MPCB और पुलिस की होगी।”

उन्होंने आगे कहा कि इन अवैध गतिविधियों में संलिप्त फैक्ट्री मालिकों के साथ-साथ उन्हें संरक्षण देने वाले व्यापारी और राजनेता भी इस अपराध के भागीदार होंगे।

शैलेश तिवारी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी अब संकेतों और ज्ञापनों के स्तर से आगे बढ़कर सीधा जन आंदोलन करेगी। उन्होंने साफ कर दिया कि यदि संबंधित विभागों ने कार्रवाई नहीं की, तो ‘राष्ट्र कल्याण पार्टी’ के कार्यकर्ता उल्हासनगर, अंबरनाथ और कांबा गांव में स्थित अवैध प्लास्टिक फैक्ट्रियों के सामने धरना देंगे और ज़मीनी स्तर पर संघर्ष करेंगे।

“हम जनता की जान से हो रहे खिलवाड़ को और बर्दाश्त नहीं करेंगे। यदि इस आंदोलन के दौरान किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है, तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन और पुलिस पर होगी,” तिवारी ने कड़े शब्दों में कहा।

पार्टी की इस घोषणा के बाद अब प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है, वहीं स्थानीय जनता इस पहल को लेकर एक बार फिर उम्मीद लगाए बैठी है कि कोई तो है जो उनके स्वास्थ्य और भविष्य की आवाज़ बुलंद कर रहा है।












मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष: जरूरतमंद मरीजों के लिए संजीवनी।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 


महाराष्ट्र सरकार द्वारा जरूरतमंद मरीजों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए संचालित मुख्यमंत्री सहायता निधि एवं धर्मादाय अस्पताल सहायता कक्ष के माध्यम से मार्च माह में 2,517 मरीजों को 22 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। सबसे अधिक सहायता मस्तिष्क विकारों के इलाज के लिए दी गई, यह जानकारी सहायता कक्ष के प्रमुख श्री रामेश्वर नाइक ने दी।

मस्तिष्क विकारों के उपचार के लिए सर्वाधिक सहायता वितरित

मार्च माह में मस्तिष्क संबंधी विकारों के उपचार हेतु 471 मरीजों को आर्थिक सहायता दी गई। इसके अलावा,

कैंसर उपचार के लिए 421 मरीजों,

हिप रिप्लेसमेंट के लिए 306 मरीजों,

दुर्घटनाओं में शल्य चिकित्सा के लिए 247 मरीजों,

हृदय रोगों के उपचार के लिए 239 मरीजों,

दुर्घटनाओं से संबंधित अन्य मामलों में 184 मरीजों,

नी रिप्लेसमेंट के लिए 150 मरीजों,

बाल रोगों के उपचार के लिए 145 मरीजों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई।

जरूरतमंद मरीजों के लिए मददगार साबित हो रहा है सहायता कक्ष

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस के मार्गदर्शन में संचालित मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष से प्रदेशभर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे जरूरतमंद मरीजों को आर्थिक राहत मिल रही है। आर्थिक संकट से जूझ रहे मरीजों और उनके परिजनों ने इस सहायता को वरदान बताते हुए सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।

समाज को आगे आना होगा, अधिकाधिक जरूरतमंदों तक पहुंचे सहायता

मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष का उद्देश्य अधिकतम जरूरतमंद मरीजों तक सहायता पहुंचाना है। कक्ष प्रमुख श्री रामेश्वर नाईक ने समाज के दानशील लोगों से अपील की है कि वे मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष को उदारता से दान दें, ताकि अधिक से अधिक मरीजों को राहत पहुंचाई जा सके। साथ ही, संवेदनशील नागरिकों से यह अनुरोध किया गया है कि वे इस योजना की जानकारी जरूरतमंदों तक पहुंचाने में मदद करें, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें।

मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष का यह प्रयास राज्य के गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए जीवनदायी सिद्ध हो रहा है।