BREAKING NEWS
national

सियासत

politics

रेशमा निवाले को बोरीवली विधानसभा का भाजपा मंडल अध्यक्ष नियुक्त किया गया, शीर्ष नेताओं से ली आशीर्वाद।


 





मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय और समर्पित कार्यकर्ता रेशमा निवाले को बोरीवली विधानसभा क्षेत्र का भाजपा मंडल अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनकी इस महत्वपूर्ण नियुक्ति पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त किया,कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों में हर्ष की लहर दौड़ गई है।

नवीन जिम्मेदारी संभालने के तुरंत बाद रेशमा निवाले ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल, भाजपा के पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी, भाजपा आमदार संजय उपाध्याय , भाजपा आमदार प्रविण दरेकर, और पूर्व भाजपा आमदार सुनील राणे से शिष्टाचार भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

रेशमा निवाले ने कहा कि वे पार्टी द्वारा दी गई इस ज़िम्मेदारी को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाएंगी और संगठन को जमीनी स्तर पर और अधिक मजबूत करेंगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और भाजपा की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का काम वे पूरी ताकत के साथ करेंगी।

इस अवसर पर पार्टी के कई स्थानीय पदाधिकारी, कार्यकर्ता और समर्थक भी उपस्थित रहे, जिन्होंने रेशमा निवाले को शुभकामनाएं दीं और उनके नेतृत्व में संगठन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की उम्मीद जताई।




















कौन बनेगा मुंबई का नया पुलिस कमिश्नर? रितेश कुमार, अर्चना त्यागी और देवेन भारती दावेदार।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई के मौजूदा पुलिस आयुक्त विवेक फणसळकर 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, और उनके उत्तराधिकारी को लेकर पुलिस विभाग तथा राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज़ हो गई है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सुरक्षा व्यवस्था की कमान किस वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को सौंपी जाएगी, इस पर अब सभी की निगाहें टिकी हैं।

पद के संभावित दावेदारों में ये नाम हैं प्रमुख

सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार के पास इस पद के लिए कई योग्य और अनुभवी अधिकारी मौजूद हैं। जिनके नाम सबसे अधिक चर्चा में हैं, उनमें रितेश कुमार, अर्चना त्यागी और देवेन भारती प्रमुख हैं।

रितेश कुमार (1992 बैच, आईपीएस): वर्तमान में सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। उनकी प्रशासनिक दक्षता और अनुभव उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाता है।

अर्चना त्यागी (1993 बैच, आईपीएस): यदि राज्य सरकार महिला नेतृत्व को प्राथमिकता देती है तो अर्चना त्यागी का नाम सबसे ऊपर है। वे मुंबई की पहली महिला पुलिस आयुक्त बनने की संभावना रखती हैं।

देवेन भारती (विशेष पुलिस आयुक्त): वर्तमान में मुंबई पुलिस में विशेष पुलिस आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। यदि सरकार नए आयुक्त की घोषणा फणसळकर के सेवानिवृत्त होने तक नहीं कर पाती है, तो उन्हें अंतरिम रूप से पुलिस आयुक्त का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा जा सकता है।

वहीं, 1990 बैच के वरिष्ठ अधिकारी सदानंद दाते और संजयकुमार वर्मा के नाम भी चर्चा में आए हैं, लेकिन दाते की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और वर्मा की हाल ही में पुलिस महानिदेशक पद पर नियुक्ति के चलते उनकी संभावनाएं कमजोर मानी जा रही हैं।

सरकार की घोषणा का इंतजार

मुंबई जैसे संवेदनशील और रणनीतिक शहर में पुलिस आयुक्त का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए महाराष्ट्र सरकार इस नियुक्ति में कोई जल्दबाज़ी नहीं करना चाहती। अगले कुछ दिनों में इस पद पर अंतिम निर्णय और घोषणा की संभावना है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मुंबई को पहली बार महिला पुलिस आयुक्त मिलती है या अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर रितेश कुमार या देवेन भारती को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाती है।












डीएनए प्रॉपर्टीज़ के साथ अपना सपना साकार करें — प्रॉपर्टी अब आधी कीमत में!


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई, ठाणे और रायगढ़ जिलों में प्रॉपर्टी खरीदने का सुनहरा अवसर!

अगर आप किफायती दरों पर बेहतरीन प्रॉपर्टी की तलाश में हैं, तो डीएनए प्रॉपर्टीज़ आपके लिए लेकर आया है एक अनोखा मौका — बैंकों की नीलामी से उपलब्ध संपत्तियाँ अब बाजार मूल्य के मात्र 50% पर!

क्या मिलेगा आपको डीएनए प्रॉपर्टीज़ के साथ?

आकर्षक आवासीय फ्लैट्स

शानदार खुले प्लॉट्स

सुकून भरे फार्महाउस

प्राइम लोकेशन पर व्यावसायिक संपत्तियाँ

विकसित क्षेत्रों में औद्योगिक भूखंड

प्रतिष्ठित MIDC क्षेत्रों में निवेश के सुनहरे मौके

चाहे आप निवेशक हों या अपने परिवार के लिए एक नया घर ढूंढ रहे हों, डीएनए प्रॉपर्टीज़ आपके हर सपने को हकीकत में बदलने के लिए पूरी तरह तैयार है।

अब देर न करें!

बाजार की तेजी से बढ़ती कीमतों से पहले ही इस बेहतरीन अवसर का लाभ उठाएं और आधी कीमत में अपनी पसंदीदा प्रॉपर्टी अपने नाम करें।

अधिक जानकारी और व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए तुरंत संपर्क करें:

नितिन: 9322269668

धनंजय: 7820919696

डीएनए प्रॉपर्टीज़ — जहां आपके सपनों का आशियाना अब हकीकत बनता है!












आत्महत्या से खुली साजिश: पुलिस, राजनीति और ड्रग माफिया का खतरनाक गठजोड़।


नवी मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

नवी मुंबई के खारघर क्षेत्र में बिल्डर गुनाताई आत्मलिये की आत्महत्या मामले में चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। आत्महत्या नोट के आधार पर खारघर पुलिस स्टेशन के एक पुलिस कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि यह पुलिस कांस्टेबल न केवल बिल्डर पर आर्थिक दबाव बना रहा था, बल्कि ड्रग रैकेट के संचालन में भी सक्रिय रूप से शामिल था।

मृतक आत्मलिये द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में नवी मुंबई महानगरपालिका (NMMC) के कुछ अधिकारियों के नाम भी उजागर किए गए हैं, जिन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। इस नोट को प्रमुख सबूत मानते हुए पुलिस ने अपनी ही फोर्स के सदस्य के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है।

ड्रग तस्करी में पुलिस कर्मचारी की भूमिका उजागर

जांच में यह सामने आया है कि गिरफ्तार पुलिस कांस्टेबल पहले से पकड़े गए ड्रग तस्करों के संपर्क में था और नशीली दवाओं के धंधे में लिप्त लोगों से लगातार वसूली कर रहा था। जानकारी के अनुसार, इस कांस्टेबल के बड़े पुलिस अधिकारियों और कुछ राजनीतिक हस्तियों से भी संबंध होने का संदेह है। इतना ही नहीं, आरोप है कि उसने पुलिस कैंटीनों में भी भारी निवेश किया था।

करोड़ों रुपये की ड्रग्स बरामद

हाल ही में पनवेल एंटी-नारकोटिक्स स्क्वाड ने खारघर के सेक्टर-15 से करोड़ों रुपये की ड्रग्स जब्त की थी। इस कार्रवाई में 15 से 16 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि यह पूरा रैकेट उलवे क्षेत्र से संचालित हो रहा था। अब तक की पूछताछ में गिरफ्तार पुलिस कर्मचारी की इस गिरोह में सक्रिय भूमिका होने के पुख्ता प्रमाण मिले हैं।

संपूर्ण पुलिस महकमा सकते में

पुलिस आयुक्त को जब इस बात की जानकारी मिली कि उनके ही विभाग का एक कर्मचारी ड्रग तस्करी में संलिप्त है, तो पूरे विभाग में हड़कंप मच गया। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन कर मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी गई है। खारघर पुलिस अब इस प्रकरण की हर कोण से गहराई से जांच कर रही है।

निष्कर्ष:

बिल्डर आत्महत्या प्रकरण ने नवी मुंबई पुलिस के भीतर गहरे भ्रष्टाचार और आपराधिक मिलीभगत के संकेत दिए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं, आम जनता ने भी इस मामले में पारदर्शी जांच और कठोर दंड की मांग की है।











"बेलापुर में आत्महत्या से मचा हड़कंप, सुसाइड नोट में NCB अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार"


बेलापुर: दिनेश मीरचंदानी 

शुक्रवार सुबह बेलापुर में उस वक्त सनसनी फैल गई जब कुख्यात ड्रग माफिया के पिता अजय माराठे ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना सुबह करीब 6:30 बजे की है, जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की टीम माराठे को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंची थी। इससे पहले कि वे उसे हिरासत में ले पाते, अजय माराठे ने खुद को गोली मार ली।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और जांच शुरू कर दी गई। पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें एनसीबी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

सुसाइड नोट में NCB अधिकारियों पर मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना का आरोप अजय माराठे ने सुसाइड नोट में लिखा कि एनसीबी अधिकारियों ने उन्हें और उनके परिवार को मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया। उनका कहना था कि उनका बेटा पहले ही ड्रग मामले में जेल में है, फिर भी उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा था, जिससे वह मानसिक तनाव में आ गए और आत्महत्या जैसा कदम उठाया।

अवैध पिस्टल से की आत्महत्या, पुलिस कर रही जांच एसीपी अजय लांगे ने बताया कि जिस पिस्टल से माराठे ने खुद को गोली मारी, वह लाइसेंस रहित और अवैध थी। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि यह हथियार माराठे को कहां से मिला और क्या यह किसी और आपराधिक गतिविधि में इस्तेमाल हुआ था।

NCB अधिकारियों से होगी पूछताछ, जांच में जुटी पुलिस घटना के बाद पुलिस ने एक एडीआर (Accidental Death Report) दर्ज कर ली है और आत्महत्या के लिए उकसाने के एंगल से भी जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा है कि सुसाइड नोट के आधार पर एनसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी।

फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं, वहीं माराठे का परिवार गहरे सदमे में है। पूरे इलाके में इस घटना को लेकर चर्चा का माहौल है और पुलिस इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है।

यह घटना एनसीबी की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। क्या जांच एजेंसियों का दबाव किसी निर्दोष को भी तोड़ सकता है? जांच के नतीजे आने तक यह सवाल अनुत्तरित रहेगा।












अंबरनाथ के पालेगांव से कमलेश वध्या लापता, परिजन चिंतित – नागरिकों से सहयोग की अपील।


अंबरनाथ (पालेगांव): दिनेश मीरचंदानी 

23 अप्रैल की रात करीब 10 बजे से पालेगांव स्थित सीजन पार्क बिल्डिंग से कमलेश चुर्मल वध्या रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए हैं। इस घटना से परिजनों में गहरी चिंता और इलाके में हलचल मच गई है।

परिजनों ने तुरंत अंबरनाथ शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तलाश शुरू कर दी है और नागरिकों से सहयोग की अपील की है।

पुलिस स्टेशन संपर्क सूत्र:

शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन, अंबरनाथ – 0251-2607020

यदि किसी को कमलेश वध्या के संबंध में कोई भी जानकारी प्राप्त हो, तो कृपया निम्नलिखित संपर्क नंबरों पर तुरंत सूचित करें:

शंकरलाल वध्या (भाई): 9604613341

मोहित पंजाबी (दामाद): 9923235588

कमलेश वध्या के परिवारजन बेहद चिंतित हैं और आम जनता से सहयोग की अपील कर रहे हैं। यदि किसी ने उन्हें हाल ही में देखा हो या उनके बारे में कोई जानकारी हो, तो कृपया उपरोक्त नंबरों पर तत्काल संपर्क करें।












नवी मुंबई में बिल्डर गुरुनाथ चिचकर ने की आत्महत्या, NCB के वरिष्ठ अधिकारी पर गंभीर आरोप..!


नवी मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

नवी मुंबई में शुक्रवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई जब प्रसिद्ध बिल्डर गुरुनाथ चिचकर ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना सुबह करीब 6:30 बजे के आसपास उनके निवास स्थान पर घटी। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

गुरुनाथ चिचकर, कुख्यात ड्रग्स माफिया नवीन चिचकर के पिता थे, जो पहले से ही कई मामलों में एनसीबी की जांच के दायरे में है। सुसाइड नोट के अनुसार, चिचकर पर एनसीबी के एक उच्च अधिकारी द्वारा लगातार पैसों की मांग की जा रही थी और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। इस दबाव और उत्पीड़न से तंग आकर उन्होंने यह कठोर कदम उठाया।

सूत्रों की मानें तो चिचकर ने आत्महत्या से पहले अपने करीबी मित्रों से भी बात की थी और अपने ऊपर बन रहे दबाव की जानकारी दी थी। पुलिस और एनसीबी की टीम अब सुसाइड नोट की जांच कर रही है और आरोपी अधिकारी की भूमिका को लेकर जांच शुरू कर दी गई है।

यह मामला सामने आने के बाद एनसीबी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर आरोप साबित होते हैं, तो यह देश की एक प्रमुख जांच एजेंसी के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।

जांच जारी, वरिष्ठ अधिकारियों से भी होगी पूछताछ

पुलिस सूत्रों के अनुसार, चिचकर की आत्महत्या को हल्के में नहीं लिया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस वरिष्ठ एनसीबी अधिकारियों से भी पूछताछ करने की तैयारी में है। साथ ही, घटनास्थल से बरामद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ और अन्य दस्तावेज़ों की भी जांच की जा रही है।

यह मामला अब न केवल एक आत्महत्या का है, बल्कि इसमें भ्रष्टाचार, दुरुपयोग और दबाव की राजनीति के गहरे संकेत मिल रहे हैं, जो देश की जांच एजेंसियों की साख पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं।