(फाइल फोटो)
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
IAS अधिकारी पूजा खेडकर का मामला महाराष्ट्र में न केवल प्रशासनिक तंत्र बल्कि समाज की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है। एक उच्च अधिकारी के साथ होने वाली ऐसी घटनाएं यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि जब ब्यूरोक्रेसी का यह हाल है, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या होगा?
पूजा खेडकर का मामला अकेला नहीं हो सकता। पूरे महाराष्ट्र में ऐसे कई और मामलों के उजागर होने की संभावना है, जिन पर अब तक परदा डाला गया है या जिन्हें नजरअंदाज किया गया है। ये घटनाएं न केवल राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं, बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा भी खतरे में दिखाती हैं।
क्या महाराष्ट्र में उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों के लिए भी सुरक्षा की गारंटी नहीं है? क्या पूजा खेडकर जैसा मामला सिर्फ एक अपवाद है, या फिर यह एक ऐसी समस्या का संकेत है जो राज्य में गहराई तक फैली हुई है?
समाज और सरकार को मिलकर ऐसे मामलों पर सख्त कदम उठाने होंगे ताकि न केवल आम जनता, बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके।

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