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Jasdeep Singh Gill होंगे राधा स्वामी सत्संग डेरा व्यास के नए मुखी, बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने किया एलान।



ब्यास : दिनेश मीरचंदानी 

ब्यास डेरा राधा स्वामी से बड़ी खबर है। दरअसल बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों (Baba Gurinder Singh Dhillon) ने अपने उत्तराधिकारी का एलान कर दिया है। उन्हें बतौर गुरू नामदान देने का अधिकार रहेगा। ढिल्लों ने जसदीप सिंह गिल (Sardar Jasdeep Singh Gill) को डेरे का नया मुखी घोषित किया है।

ब्यास डेरा राधा स्वामी के मुखी गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर जसदीप सिंह गिल को घोषित किया है। उन्हें बतौर गुरू नामदान देने का अधिकार रहेगा। बता दें कि कुछ साल पहले बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को कैंसर होने का पता चला था, जिसका लंबे समय से उपचार चल रहा है इसके अलावा ढिल्लों हृदय रोग से भी पीड़ित हैं।

बता दें कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास डेरे की स्थापना 1891 में संगत को धार्मिक के साथ जुड़ने के लक्ष्य से हुई थी। डेरा विश्व के 90 देशों में फैला हुआ है और इसी शाखाएं यूएसए, आस्ट्रेलिया, जापान, स्पेन, न्यूजीलैंड, अफ्रीका सहित कई देश में है।

करीब चार एकड़ जमीन डेरे के पास

डेरे के पास चार हजार एकड़ से भी ज्यादा जमीन है। इसमें करीब 48 एकड़ का लंगर हाल है। डेरा में उत्तर भारत सबसे बड़ा सोलर पैनल लगा हुआ है और डेरा व ब्यास रेलवे स्टेशन अपनी स्वच्छता के लिए जाना जाता है।

डेरे में संगत के रहने के लिए सराय, गेस्ट होस्टल और शेड बने हुए हैं। डेरे में लोगों के मुफ्त इलाज के लिए तीन अस्पताल बने हुए है, जिसमें डेरे से 35 किलोमीटर के घेरे में रहने वाले लोगों के इलाज के लिए मुफ्त में किया जाता है।

आज डेरे की ओर से सभी सेवादार इंचार्जों को भेजे पत्र में कहा गया कि पूज्य संत सतगुरु व राधा स्वामी सत्संग ब्यास के संरक्षक बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने सुखदेव सिंह गिल के पुत्र जसदीप सिंह गिल को राधा स्वामी सत्संग ब्यास सोसाइटी का संरक्षक मनोनीत किया है।

बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने भेजा पत्र

वह 02 सितंबर 2024 से तत्काल प्रभाव से संरक्षक के रूप में कार्य करेंगे और जसदीप सिंह गिल, राधा स्वामी सत्संग ब्यास सोसाइटी के संत सतगुरु के रूप में बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों का स्थान लेंगे।

पत्र में बाबा गुरिंदर ढिल्लों ने कहा है कि जिस प्रकार हुजूर महाराज जी के बाद उन्हें संगत का पूरा सहयोग व प्यार मिला है, उसी प्रकार जसदीप सिंह गिल को भी संरक्षक व संत सतगुरु के रूप में उनकी सेवा निभाने में वही प्यार और स्नेह दिया जाए।





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