BREAKING NEWS
national

"हफ्ता" ऊपर तक पहुंचता है, इसलिए कार्रवाई नहीं होती: उल्हासनगर में अवैध प्लास्टिक कारोबार पर बड़ा खुलासा..!


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

सूत्रों के मुताबिक, गुजरात से बड़ी मात्रा में अवैध प्लास्टिक का कच्चा माल उल्हासनगर में पहुंचाया जा रहा है और इसे स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर सप्लाई किया जा रहा है। खन्ना कंपाउंड, विठलवाड़ी और खेमाानी क्षेत्र के महादेव कंपाउंड जैसे इलाकों में यह अवैध प्लास्टिक थैलियों के बड़े कारखाने का कारोबार चलाए जा रहा है। इसके साथ ही, धोबी घाट रोड, गुरुकृपा इंडस्ट्रियल कंपाउंड, और श्मशान भूमि रोड, उल्हासनगर-1 जैसे इलाकों में भी भारी मात्रा में अवैध प्लास्टिक थैलियों की बड़े कारखाने चलाए जा रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, यह कारोबार बेहद संगठित तरीके से संचालित हो रहा है और इस नेटवर्क को न केवल गुजरात से भारी समर्थन मिल रहा है, बल्कि यहां स्थानीय स्तर पर भी इसकी जबरदस्त मांग है। बावजूद इसके कि प्लास्टिक थैलियों पर कानूनी रोक लगी हुई है, यह अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है, जिससे न केवल पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुंच रही है, बल्कि प्रशासनिक और कानूनी ढांचे पर भी प्रश्नचिह्न खड़े हो रहे हैं।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और महानगर पालिका की निष्क्रियता

महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) और उल्हासनगर महानगर पालिका की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। क्षेत्रीय व्यापारियों का दावा है कि उनका "हफ्ता" निचले स्तर से ऊपर तक जाता है, इसलिए उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। यह स्पष्ट संकेत है कि इस अवैध व्यापार में प्रभावशाली हस्तियों का हाथ है, जो प्रशासन को इस गोरखधंधे से दूर रखते हैं।

विशेषज्ञों की चेतावनी: प्लास्टिक प्रदूषण विकराल रूप ले सकता है

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो उल्हासनगर और आसपास के इलाके प्लास्टिक प्रदूषण के संकट से जूझ सकते हैं। यहां की नदियों और जलस्रोतों में प्लास्टिक कचरे का बढ़ता स्तर एक बड़ी समस्या बन सकता है, जिससे पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल

हालांकि कानून में प्लास्टिक के उपयोग पर कड़ी सज़ा का प्रावधान है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। स्थानीय व्यापारी खुलेआम दावा करते हैं कि उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती क्योंकि उनका "हफ्ता" ऊपर तक जाता है। उल्हासनगर के नेहरू चौक और आसपास के क्षेत्रों में यह अवैध कारोबार चल रहा है, और प्रशासन की निष्क्रियता इस संकट को और गंभीर बना रही है।

समाज के विभिन्न वर्गों और पर्यावरणविदों ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो प्लास्टिक प्रदूषण एक विकराल समस्या बनकर उभरेगा।

अवैध प्लास्टिक थैलियां के कारोबार में महाराष्ट्र सरकार के राजस्व का भी बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है..??







« PREV
NEXT »

कोई टिप्पणी नहीं

Facebook Comments APPID