(फाइल फोटो)
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की दस्तक के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर पहुंच गई हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस बार बड़े बदलाव की तैयारी में जुटी है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी हरियाणा मॉडल अपनाने की योजना बना रही है, जहां कई सीनियर नेताओं को दरकिनार कर युवाओं को मौका दिया जाएगा।
पार्टी की इस रणनीति के तहत कुछ मौजूदा विधायकों और कुछ मंत्रियों की टिकट कटने की संभावना ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। बीजेपी ने इस बार चुनावी बिसात पर युवा चेहरों को उतारने का फैसला लिया है, जिससे संगठन में नई जान फूंकी जा सके और जनता के बीच नई ऊर्जा का संदेश भेजा जा सके।
इस फैसले के पीछे पार्टी का मकसद विधानसभा चुनाव में नई पीढ़ी के नेताओं को मौका देकर चुनावी समीकरणों को अपने पक्ष में करना है। सीनियर नेताओं की भूमिका सीमित की जा सकती है, जिससे पार्टी में अंदरूनी बदलाव और चुनावी सफलता का संतुलन साधा जा सके। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी का यह दांव चुनावी जंग में कितना कारगर साबित होता है और जनता इस बदलाव को किस तरह से स्वीकार करती है।
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