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उल्हासनगर सिटी सर्वे कार्यालय में भ्रष्टाचार का अड्डा, दलालों की मनमानी, छोटे कामों के लिए लाखों रुपयों की मांग, नहीं देने पर उल्हासनगर और ठाणे कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर नागरिक..?


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर सिटी सर्वे कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। जनता छोटी-छोटी जरूरतों के लिए दर-दर भटक रही है, लेकिन अधिकारी और दलाल मिलकर उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रहे हैं। लाखों रुपये की घूस मांगी जा रही है, जिससे आम नागरिकों का जीवन बेहद कठिन हो गया है।

संपत्ति के कागजात, कानूनी दस्तावेज और अन्य कामों के लिए सिटी सर्वे कार्यालय में दलालों का बोलबाला हो गया है। हर काम के लिए पहले रिश्वत देना अनिवार्य हो गया है, जिससे जनता हताश और परेशान है। शहरवासी कई वर्षों से इस समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन अब भ्रष्टाचार ने ऐसी जड़ें जमा ली हैं कि जनता का धैर्य जवाब देने लगा है।

लोगों का आरोप है कि सरकारी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के चलते दलालों और भ्रष्ट अधिकारियों ने जनता को लूटने का जरिया बना लिया है। सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक उल्हासनगर की जनता इस अन्याय को सहन करती रहेगी? क्या प्रशासन इस गंभीर समस्या को हल करने के लिए कोई सख्त कदम उठाएगा?

जनता की आवाजें अब मुखर होने लगी हैं। लोगों ने एकजुट होकर इस भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। हर कोई उम्मीद कर रहा है कि प्रशासन जल्द ही जागेगा और इस भ्रष्ट व्यवस्था का अंत होगा, ताकि आम जनता को उनके हक के काम बिना रिश्वत के मिल सकें।

उल्हासनगर सिटी सर्वे ऑफिस में पहले भी बहुत भूख हड़ताल और विरोध प्रदर्शन हुए हैं, पर अब तक उसका कोई भी असर नहीं दिख रहा है। पहले से ही पनप रहा भ्रष्टाचार और भी बढ़ गया है।

हमारी टीम इस विषय में और जांच कर रही है और अगली खबर विस्तार से कुछ दलालो के नामों के साथ प्रकाशित की जाएगी, जो दलाल सिटी सर्वे कार्यालय खुलने से लेकर देर रात तक वही अपना अड्डा बनाकर बैठते हैं।

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1 टिप्पणी

  1. City Survey Officer is a PLACE OF "PIMPS" local sevadari who not only grease their palms, but provide all comforts to staff who are highly corrupted. No work in City survey office can be done without THESE AGENTS, DALALS, PIMPS. Moreover many records are tempered and any agent, dalal can get documents of any person for wrong intentions. The vigilance and CBI should enquire and punish this type of officers.

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