उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
11 तारीख को होने वाले बड़े आंदोलन की पृष्ठभूमि में, पुणे नगररचना विभाग के संचालक ने विभिन्न घोटालों पर कड़ा संज्ञान लिया है। टीडीआर, आरसीसी और डीआरसी घोटाले जैसे गंभीर मामलों में कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है। संचालक ने यूडीसीपीआर के उल्लंघन और डीपी योजना के अंतर्गत पास की गई इमारतों की जांच के लिए तत्काल रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए हैं।
ऐडवोकेट स्वप्निल पाटिल प्रहार जनशक्ति पार्टी को भेजे गए पत्र में कहा है कि इस रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई सरकार के समक्ष प्रस्तावित की जाएगी।
यह निर्णय न केवल नगररचना विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने का संकेत देता है, बल्कि यह प्रशासन की ओर से आंदोलन के प्रति गंभीरता को भी दर्शाता है। अब लोगों की नजर इस बात पर है कि ये आदेश कितनी जल्दी लागू होते हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई किस दिशा में आगे बढ़ती है।
विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार की जांच और इस पर होने वाली कार्रवाई से लोगों की उत्सु्क्ता बढी है, लेकिन यह देखना होगा कि क्या प्रशासन वास्तविकता में ठोस कदम उठाता है या सिर्फ औपचारिकता निभाई जाती है।
इस मुद्दे ने उल्हासनगर के नगररचना विभाग की हलचल को बढ़ा दिया है और सभी की नजरें इस गंभीर विषय पर होनेवाले कारवाईपर टिकी हैं।
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