(फाइल फोटो)
मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता नवाब मलिक की जमानत पर संकट गहरा गया है, क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें मिली जमानत को रद्द करने के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील दायर की है। एनसीबी का कहना है कि मलिक को जमानत देना न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन है और इसे रद्द किया जाना चाहिए।
मामले की पृष्ठभूमि में नवाब मलिक पर आरोप है कि उन्होंने एक संपत्ति सौदे में अपराध से प्राप्त धन का उपयोग किया और डाउद इब्राहिम से जुड़े लोगों के साथ वित्तीय लेन-देन में लिप्त रहे। एनसीबी का दावा है कि मलिक के खिलाफ आरोप गंभीर हैं और उन पर लगे आरोपों में राजनीतिक उद्देश्य नहीं, बल्कि ठोस सबूत हैं।
नवाब मलिक की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगे आरोप राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित हैं और उनके विरुद्ध कार्रवाई राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते की गई है। लेकिन एनसीबी का कहना है कि जमानत मिलने से न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित होगी और कानून का सख्ती से पालन होना चाहिए।
बॉम्बे हाई कोर्ट में इस मामले पर जल्द सुनवाई की संभावना है, और इस अपील के फैसले पर सभी की नजरें टिकी हैं, क्योंकि इसका असर महाराष्ट्र की राजनीति और नवाब मलिक के भविष्य पर भी पड़ सकता है।
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