ठाणे/उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर में भू-माफियाओं की ओर से दर्ज कराए गए 1 करोड़ रुपये की फर्जी वसूली के मामले ने बड़ा मोड़ ले लिया है। बिना किसी सबूत के प्रहार जनशक्ति पार्टी के जिला अध्यक्ष एडवोकेट स्वप्निल पाटिल और राष्ट्र कल्याण पार्टी के अध्यक्ष शैलेश तिवारी के खिलाफ दर्ज वसूली का मामला फर्जी साबित होने की ओर बढ़ रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
पिछले महीने की 28 तारीख को हिललाइन पुलिस स्टेशन में आरोप लगाया गया था कि स्वप्निल पाटिल और शैलेश तिवारी ने 1 करोड़ रुपये की वसूली की मांग की और 5 लाख रुपये प्राप्त किए। इस आरोप के समर्थन में कोई भी ठोस सबूत पेश नहीं किया गया। पाटिल ने पहले ही पुलिस विभाग को सूचित किया था कि भू-माफिया उनकी छवि खराब करने के लिए ऐसे फर्जी मामले दर्ज करवा सकते हैं।
पाटिल ने आरोप लगाया कि यह मामला उल्हासनगर के नगर नियोजक ललित खोब्रागड़े द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए गढ़ा गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह साजिश भ्रष्टाचार को उजागर करने वालों को दबाने की कोशिश है।
आमरण अनशन और बड़ा समर्थन
आज, 3 जनवरी 2025, को इस फर्जी मामले के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पाटिल और उनके समर्थकों ने ठाणे के पुलिस आयुक्त कार्यालय के सामने आमरण अनशन शुरू किया। इस आंदोलन को ठाणे जिले के सामाजिक कार्यकर्ताओं और वकीलों का जबरदस्त समर्थन मिला। राज्य के पूर्व राज्यमंत्री और पूर्व विधायक ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू ने भी आंदोलन की गंभीरता को समझते हुए पुलिस आयुक्त से मुलाकात की।
पुलिस आयुक्त का बड़ा कदम
पुलिस आयुक्त ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए इसकी जांच क्राइम ब्रांच को सौंपने का फैसला किया। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि इस साजिश में शामिल दोषियों और अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जनता की एकजुटता और न्याय की उम्मीद
इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल भू-माफियाओं की साजिश को उजागर किया, बल्कि यह भी दिखाया कि जब समाज के लोग और कार्यकर्ता एकजुट होते हैं, तो फर्जी मामलों का सच सामने आता है। इस जीत को प्रहार जनशक्ति पार्टी और अन्य सामाजिक संगठनों ने जनता की जीत करार दिया है।
भ्रष्टाचार और फर्जी मामलों के खिलाफ बड़ा संदेश
यह घटना एक बड़ा संदेश है कि भ्रष्टाचार और फर्जी मामलों के खिलाफ लड़ाई में सच्चाई की जीत सुनिश्चित की जा सकती है। उल्हासनगर के लोग अब न्याय की उम्मीद कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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