उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर महानगरपालिका के सार्वजनिक बांधकाम विभाग (PWD) पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। एक गैर सरकारी संगठन मानव शक्ति के अध्यक्ष श्री कुमार मेंघवानी ने खुलासा किया है कि टेंडर प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं, जिससे केवल बड़े ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।
छोटे ठेकेदारों की अनदेखी, बड़े ठेकेदारों को खुला लाभ!
मेंघवानी के अनुसार, PWD विभाग द्वारा जारी की गई निविदाओं में जानबूझकर छोटे-छोटे कार्यों को एक साथ जोड़ दिया गया है। इसका उद्देश्य केवल बड़े ठेकेदारों को ठेके देने के लिए किया जा रहा है, जिससे छोटे और मध्यम स्तर के ठेकेदार बाहर हो रहे हैं। यह न केवल पारदर्शिता को खत्म कर रहा है, बल्कि सरकारी नियमों और मानदंडों का भी खुला उल्लंघन है।
भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे अधिकारी
मेंघवानी ने अपनी शिकायत में स्पष्ट रूप से कहा है कि कुछ अधिकारी जानबूझकर इस पक्षपातपूर्ण प्रक्रिया को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा, "यह केवल बड़े ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने की साजिश है। छोटे ठेकेदारों के लिए अब कोई मौका नहीं बचा है।"
कार्रवाई की मांग
मेंघवानी ने महानगरपालिका आयुक्त से तत्काल इन निविदाओं को रद्द करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह मामला अब इतना गंभीर हो चुका है कि इसकी शिकायत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, PWD विभाग के प्रमुख सचिव, और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो तक पहुंच गई है।
क्या उल्हासनगर में होगा न्याय?
यह मामला अब चर्चा का विषय बन चुका है। सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन इस भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कदम उठाएगा, या छोटे ठेकेदारों को ऐसे ही नजरअंदाज किया जाता रहेगा?
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या उल्हासनगर महानगरपालिका अपनी छवि को बचाने के लिए कोई ठोस कदम उठाती है या नहीं। जनता और छोटे ठेकेदार अब न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
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