उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर महानगरपालिका (Ulhasnagar Municipal Corporation) के अकाउंट विभाग (Accounts Department) में भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें सामने आ रही हैं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, विभाग के कुछ अधिकारी मनपाकर्मी और ठेकेदारों (Contractors) के बीच बकाया बिलों के भुगतान के एवज में 8 से 10 प्रतिशत तक की अवैध वसूली (Illegal Commission) कर रहे हैं।
यह मामला तब और गंभीर हो जाता है जब यह सामने आया कि कई ठेकेदारों के बिल वर्षों से लंबित पड़े हैं। पहले से ही आर्थिक मंदी और नकदी संकट से जूझ रहे ठेकेदारों के लिए यह 'कमीशन की मांग' एक अतिरिक्त बोझ बन गई है।
सूत्रों के मुताबिक, मनपा द्वारा पारित कार्यों का भुगतान करने में जानबूझकर देरी की जा रही है, और इसी देरी का फायदा उठाकर कुछ अधिकारी ठेकेदारों से अवैध धन की मांग कर रहे हैं।
स्थानीय ठेकेदारों का आरोप है कि जब तक कथित कमीशन नहीं दिया जाता, तब तक बिल भुगतान की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जाती।
मनपा प्रशासन पर यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्यों इतने वर्षों से ठेकेदारों के बकाया बिलों का निपटारा नहीं किया गया, और ऐसे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है।
अब देखना यह होगा कि मनपा आयुक्त और शासन इस गंभीर प्रकरण पर क्या रुख अपनाते हैं। क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दफन हो जाएगा?
मंत्रालय टाइम्स इस प्रकरण की गंभीरता से जांच कर रहा है, और आने वाले समय में इसमें और खुलासे होने की उम्मीद है।

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