उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर और आसपास के क्षेत्रों में अवैध शराब कारोबार के बढ़ते मामलों को लेकर नागरिकों और विभिन्न सामाजिक संगठनों का आक्रोश चरम पर पहुंच गया है। राज्य उत्पादन शुल्क विभाग की कथित लापरवाही और निष्क्रियता के खिलाफ सैकड़ों लोगों ने जोरदार धरना प्रदर्शन कर जिम्मेदार अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि क्षेत्र में बिना लाइसेंस के शराब की बिक्री, अवैध वाइन शॉप्स का संचालन, सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने और निर्धारित समय से अधिक देर तक शराब बिक्री जैसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
प्रशासन की निष्क्रियता से बढ़ रहा अपराध:
प्रदर्शनकारियों के अनुसार, उल्हासनगर, कल्याण और बदलापुर तालुका क्षेत्र में अवैध शराब कारोबार और इससे जुड़े अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य उत्पादन शुल्क विभाग के अधिकारी अपराधों पर लगाम लगाने में नाकाम रहे हैं। कई शिकायतों के बावजूद अवैध शराब के कारोबारियों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है।
संगठनों की एकजुटता:
राष्ट्रीय छावा संघटना, राष्ट्र कल्याण पार्टी, प्रहार जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी), और अन्य सामाजिक संगठनों ने इस विरोध प्रदर्शन में एकजुटता दिखाते हुए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि तुरंत कार्रवाई नहीं की गई तो राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा।
जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग:
प्रदर्शनकारियों ने राज्य उत्पादन शुल्क अधीक्षक श्री प्रवीण तांबे के कार्यालय के बाहर धरना देकर संबंधित अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अवैध शराब के कारोबार को अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संचालित करना असंभव है।
राज्य सरकार से हस्तक्षेप की अपील:
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए नागरिकों और संगठनों ने राज्य सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो आंदोलन और भी बड़ा रूप ले सकता है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन के आगे की कार्रवाई पर पूरे क्षेत्र की नजर बनी हुई है।
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