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उल्हासनगर में बेकाबू शराब बिक्री: परमिट रूम्स के नाम पर करोड़ों का कर चोरी घोटाला।


 


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर नं. 3 क्षेत्र में स्थित सात से अधिक परमिट रूम, बार और रेस्टोरेंट राज्य उत्पादन शुल्क अधिकारियों की मिलीभगत से खुलेआम कर चोरी कर रहे हैं। ये प्रतिष्ठान वैध परमिट के बावजूद वाइन शॉप की तरह काउंटर चलाकर अवैध रूप से देशी-विदेशी शराब की बिक्री कर रहे हैं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

विधिवत कानूनी प्रक्रिया पूरी कर कोई भी व्यवसायी जब शराब बिक्री का लाइसेंस प्राप्त करता है, तो उससे सरकार को राजस्व मिलता है। लेकिन उल्हासनगर में कुछ प्रतिष्ठान—(1) जॉली बार एंड रेस्टोरेंट (FL-3/2631), (2) गीता भवन (FL-3/33), (3) अंश पैलेस (FL-3/1275), (4) न्यू नीलम रेस्टोरेंट एंड बार (FL-3/283), (5) देव प्लाजा बार एंड रेस्टोरेंट एनक्स (FL-3/2613), (6) मीट वाटिका (FL-3/2528), (7) साई फास्ट फूड रेस्टोरेंट एंड बार (FL-3/2264)—सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाकर शराब बिक्री कर रहे हैं।

बेकाबू शराब बिक्री और कर चोरी का बड़ा खेल

महाराष्ट्र राज्य में शराब की बिक्री के लिए कड़े नियम लागू हैं, जिसके तहत परमिट रूम, बार और रेस्टोरेंट में मद्य सेवन के लिए राज्य उत्पादन शुल्क विभाग का लाइसेंस जरूरी होता है। लेकिन उल्हासनगर में इन नियमों का खुला उल्लंघन हो रहा है। इन परमिट रूम्स पर वाइन शॉप की तर्ज पर अवैध काउंटर बनाए गए हैं, जहां किसी भी समय ग्राहक आकर शराब खरीद सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक, परमिट रूम मालिक अन्य वैध वाइन शॉप से सस्ती दरों पर शराब खरीदते हैं और उसे अपने गैरकानूनी काउंटर से एमआरपी रेट पर बेचते हैं। इससे न केवल सरकार को राजस्व का भारी नुकसान होता है, बल्कि अन्य कानूनी वाइन शॉप संचालकों के व्यापार पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

कानून के साथ खिलवाड़

महाराष्ट्र राज्य उत्पादन शुल्क अधिनियम के तहत, बिना लाइसेंस के शराब रखना या बेचना कानूनी अपराध है। हर शराब विक्रेता के लिए यह अनिवार्य है कि वह ग्राहक से मद्य सेवन परमिट की जांच करे। लेकिन उल्हासनगर के इन अवैध परमिट रूम्स में यह नियम कहीं भी लागू नहीं किया जा रहा।

रात 3.30 बजे तक धड़ल्ले से चल रहा गैरकानूनी कारोबार

नियमों के अनुसार, परमिट रूम्स को शराब परोसने की समय-सीमा निर्धारित है, लेकिन उल्लासनगर के ये अवैध प्रतिष्ठान रात 3.30 बजे तक शराब बेचते हैं। इस पूरी अवैध गतिविधि को दैनिक 'पुलिस महानगर' के पत्रकारों ने कैमरे में कैद किया है।

इस मामले को लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री और उत्पादन शुल्क मंत्री अजित पवार, राज्य उत्पादन शुल्क आयुक्त राजेश देशमुख और ठाणे अधीक्षक प्रवीण तांबे को ज्ञापन सौंपा गया है। ठाणे अधीक्षक प्रवीण तांबे ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोषी परमिट रूम संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

क्या होगी कार्रवाई?

अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस अवैध शराब बिक्री के नेटवर्क पर कब तक लगाम लगाते हैं। क्या दोषी परमिट रूम्स के लाइसेंस रद्द किए जाएंगे? या फिर यह खेल अधिकारियों की मिलीभगत से यूं ही जारी रहेगा?









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