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सूरत में ऐतिहासिक भव्य आयोजन: छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता का महोत्सव, हजारों की मौजूदगी में IRS अधिकारी समीर वानखेड़े ने दी श्रद्धांजलि।


 







सूरत: दिनेश मीरचंदानी 

सूरत में इतिहास के स्वर्णिम पन्नों को जीवंत करने वाला एक भव्य और ऐतिहासिक समारोह आयोजित किया गया, जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज के शौर्य, नेतृत्व और स्वराज की भावना को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस विशाल आयोजन में हजारों की संख्या में गणमान्य व्यक्ति, प्रशासनिक अधिकारी, इतिहास प्रेमी और आम नागरिक शामिल हुए, जिन्होंने इस महान योद्धा को नमन किया।

इस गौरवशाली कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े रहे, जिन्होंने शिवाजी महाराज की वीरता और न्यायप्रिय शासन प्रणाली पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज केवल एक शासक नहीं थे, बल्कि वे एक युगदृष्टा थे, जिनकी नीतियां आज भी प्रशासन और नेतृत्व के लिए प्रेरणादायक हैं।"

शिवाजी महाराज के जीवन पर हुई विस्तृत चर्चा

कार्यक्रम में शिवाजी महाराज के जीवन, उनकी युद्धनीति, रणनीतिक कुशलता और राष्ट्र निर्माण में उनके अभूतपूर्व योगदान पर विस्तृत चर्चा की गई। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि शिवाजी महाराज का स्वराज्य केवल एक राजनीतिक विचार नहीं था, बल्कि यह भारत की आत्मनिर्भरता और गौरवशाली परंपरा का प्रतीक था।

दुर्लभ चित्रों की प्रदर्शनी और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां बनीं आकर्षण का केंद्र

इस ऐतिहासिक अवसर पर शिवाजी महाराज की वीरता से जुड़े दुर्लभ चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाया गया। इसके साथ ही सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से उनकी युद्धनीति, प्रशासनिक दूरदर्शिता और संघर्ष को जीवंत किया गया।

जनसैलाब बना गवाह, युवाओं को मिला स्वराज का संदेश

कार्यक्रम स्थल पर उमड़ी जनता की भारी भीड़ ने यह साबित कर दिया कि शिवाजी महाराज केवल इतिहास नहीं, बल्कि आज भी हर भारतीय के हृदय में जीवित हैं। वक्ताओं ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि शिवाजी महाराज की विचारधारा को अपनाकर राष्ट्र के उत्थान में योगदान देना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

सूरत के इतिहास में दर्ज हुआ स्वर्णिम दिन

यह आयोजन सूरत के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ। इस ऐतिहासिक दिन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि छत्रपति शिवाजी महाराज का विचार केवल महाराष्ट्र तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे भारत का गौरव है।

आयोजन ने बिखेरा ऐतिहासिक चेतना का प्रकाश

कार्यक्रम के समापन पर सभी ने शिवाजी महाराज के दिखाए मार्ग पर चलने और उनके आदर्शों को अपनाने की प्रतिज्ञा ली। इस भव्य आयोजन ने इतिहास को दोहराते हुए यह संदेश दिया कि स्वराज्य, स्वाभिमान और राष्ट्रभक्ति की लौ कभी बुझने नहीं दी जाएगी।

यह महोत्सव न केवल एक आयोजन था, बल्कि यह भारत के स्वर्णिम अतीत को जीवंत करने वाला एक अद्वितीय क्षण बन गया।













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