उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
18 मार्च की रात करीब 10:00 बजे उल्हासनगर महानगरपालिका में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसे केवल वित्तीय अनियमितता ही नहीं, बल्कि गंभीर साइबर अपराध भी माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, एक राजनीतिक परिवार के दबाव में आकर या किसी बड़े उद्योगपति से आर्थिक लाभ लेकर, अधिकारियों ने कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में हेराफेरी की है।
प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि इस घोटाले को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया, जिससे महत्वपूर्ण डेटा में छेड़छाड़ कर मनचाही वित्तीय अनियमितताएँ की गईं। आशंका जताई जा रही है कि इसमें उच्च पदस्थ अधिकारी भी संलिप्त हो सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस कांड के पीछे एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार और एक बड़े उद्योगपति का नाम सामने आ रहा है। संभावना है कि इस सॉफ्टवेयर हेराफेरी के जरिए करोड़ों रुपये का गबन किया गया हो।
इस घोटाले का पर्दाफाश होते ही नगर प्रशासन में हड़कंप मच गया है। जांच एजेंसियों ने इस मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
शहरवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस घोटाले पर क्या कदम उठाता है और दोषियों को कानून के कटघरे में कब लाया जाता है।
इस भ्रष्टाचार में उमपा को करीब 50 लाख के ऊपर का नुकसान हुआ है।
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