परभणी: दिनेश मीरचंदानी
राज्यभर में बढ़ते गंभीर रोगों और अस्पतालों के व्यावसायीकरण के दौर में भी, आयुष्मान भारत मिशन के अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश शेटे जरूरतमंद मरीजों के लिए आशा की किरण और जीवनदाता बनकर सामने आ रहे हैं। अपने सक्रिय हस्तक्षेप और त्वरित कार्रवाई से उन्होंने न केवल अपने पद की गरिमा बढ़ाई, बल्कि मरीजों को समय पर न्याय और उपचार भी दिलाया।
मामला 1 अगस्त 2025 का है — परभणी जिले के ग्रामीण इलाके से आए एक मरीज को गंभीर मस्तिष्क रोग था। डॉ. विखे पाटील मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती इस मरीज के इलाज में लापरवाही बरती जा रही थी। इसकी जानकारी पत्रकार सिद्धेश्वर गिरी ने तत्काल डॉ. ओमप्रकाश शेटे और मुंबई स्थित वरिष्ठ अधिकारी श्रीकांत पवार को दी।
सूचना मिलते ही डॉ. शेटे ने बिना समय गंवाए सीधे अस्पताल प्रबंधन से संपर्क किया और जरूरी निर्देश दिए। आदेश मिलते ही अस्पताल की पूरी टीम हरकत में आ गई, मरीज का उचित इलाज तुरंत शुरू हुआ और आवश्यक शल्य चिकित्सा की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया गया।
एक मात्र फोन कॉल से अस्पताल में मची इस हलचल ने मरीज के परिजनों के चेहरों पर मुस्कान लौटा दी। परिजनों ने भावुक होकर कहा — "डॉ. शेटे जैसे अधिकारी ही सच में इस पद के योग्य हैं, जिन्होंने समय पर मदद कर हमारे प्रियजन की जान बचाई।"
राज्य सरकार द्वारा मरीजों के हित में बनाई गई योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बनाई गई यह व्यवस्था, डॉ. शेटे जैसे संवेदनशील और कर्मठ नेतृत्व के कारण ही आमजन के लिए सच्चे मायनों में वरदान साबित हो रही है।
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें