उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर में अवैध प्लास्टिक निर्माण इकाइयों के खिलाफ अब व्यापारी वर्ग की आवाज मुखर होने लगी है। भाजपा के तेजतर्रार व्यापारी नेता विजय खटवानी ने इस मुद्दे पर निर्णायक मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि अब महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) को पत्र लिखकर इन अवैध कारखानों के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी।
खटवानी ने स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उल्हासनगर महानगरपालिका केवल छोटे दुकानदारों और फुटपाथ व्यापारियों को निशाना बना रही है, जबकि असली अवैध प्लास्टिक फैक्ट्रियां खुली छूट के साथ धड़ल्ले से चल रही हैं। उन्होंने कहा, “प्रशासन का दोहरा रवैया अब बर्दाश्त नहीं होगा। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो हम धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे।”
भाजपा नेता का अल्टीमेटम:
MPCB को भेजेंगे शिकायत पत्र
उल्हासनगर महानगरपालिका के बाहर होगा जोरदार धरना
आंदोलन को मिलेगा व्यापारी वर्ग और जनता का समर्थन
पर्यावरणीय संकट बनता जा रहा उल्हासनगर का यह मुद्दा
खटवानी के अनुसार, शहर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, और इसकी जड़ में ये अवैध प्लास्टिक निर्माण इकाइयाँ हैं। उन्होंने प्रशासन को चेताते हुए कहा कि यदि अब भी आंखें मूंदी गईं, तो भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ इस मुद्दे को राज्य स्तर तक उठाने से पीछे नहीं हटेगा।
शहरवासियों का समर्थन भी मजबूत
इस आंदोलन को लेकर स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों में उत्साह और समर्थन की लहर है। व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन की पक्षपाती नीति से वे लंबे समय से पीड़ित हैं। अब जब विजय खटवानी ने नेतृत्व संभाला है, तो उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।
राजनीति में मचेगी हलचल?
विशेषज्ञों का मानना है कि खटवानी का यह कदम न केवल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि यह उल्हासनगर की राजनीति में भी बड़ा मोड़ ला सकता है। यदि यह आंदोलन जोर पकड़ता है, तो आने वाले समय में प्रशासनिक कार्यप्रणाली और नेताओं की भूमिका पर भी सवाल उठ सकते हैं।
यह कोई सामान्य विरोध नहीं — यह है उल्हासनगर की एक नई शुरुआत!
अब देखना होगा कि प्रशासन इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेता है, या विजय खटवानी के नेतृत्व में उल्हासनगर एक नया इतिहास रचने को तैयार है।