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उल्हासनगर में पानी बिल वृद्धि पर रोक: उल्हास सिटिज़न्स फ़ोरम की तीन महीने की जंग रंग लाई, अब स्थायी रद्दीकरण की मांग तेज़।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर में पानी के बिलों में की गई वृद्धि पर फिलहाल रोक लगा दी गई है, हालांकि इसे स्थायी रूप से रद्द नहीं किया गया है। इस मुद्दे पर उल्हास सिटिज़न्स फ़ोरम के अध्यक्ष नरेश कुमार ताहिलरामाणी और उनकी टीम पिछले तीन महीनों से लगातार जनजागृति और संघर्ष कर रहे हैं।

फ़ोरम ने तीन महीने पहले एक वीडियो संदेश के माध्यम से UMC कमिश्नर से अपील की थी कि पानी के बिलों में वृद्धि न की जाए, पानी की पाइप लाइन लीकेज को तुरंत बंद करवाया जाए और स्वच्छ व समान जल वितरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी उजागर किया कि “ब्लू लाइन” प्रोजेक्ट फेल हो जाने के कारण आज भी GI पाइप से पानी की सप्लाई की जा रही है।

मिडक (MIDC) द्वारा भेजे गए ₹550 करोड़ के बिल को सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने कम करवाया था, फिर भी पानी के बिल बढ़ाने का निर्णय जनता के लिए अनुचित बताया गया। फ़ोरम का कहना है कि UMC के लगभग ₹1000 करोड़ के कर्ज़ की वसूली इस तरह करना गलत है।

इससे पहले तीन विधायकों ने भी पानी बिल वृद्धि न करने की सिफारिश की थी, लेकिन असर नहीं हुआ। पांच दिन पहले उल्हास सिटिज़न्स फ़ोरम ने फिर एक वीडियो, सोशल मीडिया बैनर और इंस्टाग्राम के माध्यम से इस ‘ज़ुल्म’ के खिलाफ मोर्चा खोला। इसके बाद राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हुईं और अब इस मुद्दे का श्रेय लेने की कोशिश कर रही हैं।

फ़ोरम ने यह भी मांग की है कि होटल, कंस्ट्रक्शन वर्क जैसी व्यावसायिक गतिविधियों पर सही तरीके से पानी का बिल लगाया जाए। उनका कहना है कि दिन-ब-दिन लोग बोतलबंद पानी पीने को मजबूर हैं — यहां तक कि UMC ऑफिस में भी — जो बताता है कि पानी की गुणवत्ता कितनी सुरक्षित है। साथ ही टैक्सपेयर्स के फंड का दुरुपयोग रोकने, शहर में चालिया साहिब पर फाउंटेन शुरू करने और गड्ढे भरने जैसे कार्यों का श्रेय जागरूक जनता को दिया जाना चाहिए।

नरेश कुमार ताहिलरामाणी का कहना है, "यह हमारी आधी जीत है। हमें फिलहाल स्टे मिला है, लेकिन स्थायी रद्दीकरण के लिए हमारी आवाज़ और तेज़ होगी।"












IRS अधिकारी समीर वानखेड़े का नशामुक्ति संदेश गूंजा कल्याण में, ‘मिशन व्यसनमुक्ति’ अभियान बना जनआंदोलन की शुरुआत।


 




कल्याण: दिनेश मीरचंदानी 

कल्याण के के.सी. गांधी ऑडिटोरियम में शनिवार को एक ऐतिहासिक सामाजिक पहल की गूंज सुनाई दी, जब भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के जांबाज और निडर अधिकारी समीर वानखेड़े ने ‘मिशन व्यसनमुक्ति’ अभियान में शिरकत की। यह अभियान कल्याण विकास फाउंडेशन और यंग इंडिया की संयुक्त पहल है, जिसका उद्देश्य नशे की लत से जूझ रहे समाज को नई राह दिखाना है।

इस कार्यक्रम में श्री अभिनव गोयल (IAS), आयुक्त, KDMC और श्री नरेंद्र पवार, पूर्व विधायक भी मंच साझा करते नज़र आए। कार्यक्रम का वातावरण प्रेरणादायक नारों, जागरूकता गीतों और उत्साही युवाओं के जोश से गूंज उठा।

समीर वानखेड़े ने अपने जोशीले संबोधन में कहा—

“व्यसनमुक्त महाराष्ट्र का सपना तभी साकार होगा जब हम सब एकजुट होकर इस लत के खिलाफ जंग छेड़ेंगे। युवाओं को नशे से बचाना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। ‘Say No To Drugs & Yes To Life’ केवल शब्द नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि नशा सिर्फ व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज का विनाश करता है। इस दिशा में हर नागरिक की भूमिका अहम है, चाहे वह माता-पिता हों, शिक्षक हों या प्रशासन।

कार्यक्रम के दौरान नशामुक्ति पर प्रेरणादायक नाट्य प्रस्तुति, पोस्टर प्रदर्शन और युवाओं द्वारा शपथ ग्रहण भी किया गया। सैकड़ों की संख्या में मौजूद नागरिकों, छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नशा छोड़ने और नशा छोड़ने वालों की मदद करने का संकल्प लिया।

‘मिशन व्यसनमुक्ति’ के इस कदम ने कल्याण में सामाजिक परिवर्तन की एक नई लहर पैदा कर दी है, और उम्मीद है कि यह आंदोलन जल्द ही महाराष्ट्र के हर कोने तक पहुंचेगा।












"एक फोन, एक जीवन: आयुष्मान भारत मिशन महाराष्ट्र समिती के प्रमुख डॉ. ओमप्रकाश शेटे की तत्परता से बची मरीज की जान"


परभणी: दिनेश मीरचंदानी 

राज्यभर में बढ़ते गंभीर रोगों और अस्पतालों के व्यावसायीकरण के दौर में भी, आयुष्मान भारत मिशन के अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश शेटे जरूरतमंद मरीजों के लिए आशा की किरण और जीवनदाता बनकर सामने आ रहे हैं। अपने सक्रिय हस्तक्षेप और त्वरित कार्रवाई से उन्होंने न केवल अपने पद की गरिमा बढ़ाई, बल्कि मरीजों को समय पर न्याय और उपचार भी दिलाया।

मामला 1 अगस्त 2025 का है — परभणी जिले के ग्रामीण इलाके से आए एक मरीज को गंभीर मस्तिष्क रोग था। डॉ. विखे पाटील मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती इस मरीज के इलाज में लापरवाही बरती जा रही थी। इसकी जानकारी पत्रकार सिद्धेश्वर गिरी ने तत्काल डॉ. ओमप्रकाश शेटे और मुंबई स्थित वरिष्ठ अधिकारी श्रीकांत पवार को दी।

सूचना मिलते ही डॉ. शेटे ने बिना समय गंवाए सीधे अस्पताल प्रबंधन से संपर्क किया और जरूरी निर्देश दिए। आदेश मिलते ही अस्पताल की पूरी टीम हरकत में आ गई, मरीज का उचित इलाज तुरंत शुरू हुआ और आवश्यक शल्य चिकित्सा की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया गया।

एक मात्र फोन कॉल से अस्पताल में मची इस हलचल ने मरीज के परिजनों के चेहरों पर मुस्कान लौटा दी। परिजनों ने भावुक होकर कहा — "डॉ. शेटे जैसे अधिकारी ही सच में इस पद के योग्य हैं, जिन्होंने समय पर मदद कर हमारे प्रियजन की जान बचाई।"

राज्य सरकार द्वारा मरीजों के हित में बनाई गई योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बनाई गई यह व्यवस्था, डॉ. शेटे जैसे संवेदनशील और कर्मठ नेतृत्व के कारण ही आमजन के लिए सच्चे मायनों में वरदान साबित हो रही है














देश के जननायक: IRS अधिकारी समीर वानखेड़े के जीवन पर बनेगी मेगा बजट बॉलीवुड फिल्म।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देश के चर्चित और निर्भीक भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी समीर वानखेड़े के जीवन पर अब बॉलीवुड में मेगा बजट फिल्म बनने जा रही है। फिल्म का शीर्षक "देश के जननायक" रखा गया है, जिसमें उनके संघर्ष, साहस और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को बड़े पर्दे पर उतारा जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, यह फिल्म वास्तविक घटनाओं पर आधारित होगी और दर्शकों को यह दिखाएगी कि किस तरह समीर वानखेड़े ने दबावों और चुनौतियों के बावजूद अपने कर्तव्यों का पालन किया। बताया जा रहा है कि फिल्म का निर्माण बड़े स्तर पर किया जाएगा और इसके लिए शीर्ष स्तर के निर्देशक और कलाकारों से बातचीत जारी है।

फिल्म के निर्माता का कहना है कि “देश के जननायक” न सिर्फ एक अफसर की कहानी होगी, बल्कि यह न्याय, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का संदेश भी देगी। शूटिंग की शुरुआत इसी वर्ष होने की संभावना है और यह फिल्म अगले वर्ष बड़े पर्दे पर रिलीज हो सकती है।












कल्याण में नशामुक्ति आंदोलन को मिली नई गति — समीर वानखेडे छात्रों को करेंगे जागरूक, मिशन 'नशामुक्त कल्याण' का भव्य आयोजन।


कल्याण: दिनेश मिरचंदानी

कल्याण शहर में नशामुक्त समाज की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल होने जा रही है। कल्याण विकास फाउंडेशन और यंग इंडिया कल्याण द्वारा संयुक्त रूप से "MISSION: नशामुक्त कल्याण" अभियान का आयोजन किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्कूली एवं महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराना और उन्हें जीवन में सकारात्मक दिशा प्रदान करना है।

इस जागरूकता कार्यक्रम की विशेषता यह है कि इसमें भारत सरकार के प्रतिष्ठित अधिकारी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (मुंबई) के पूर्व निदेशक IRS अधिकारी समीर वानखेडे मुख्य वक्ता के रूप में विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे। श्री वानखेडे की पहचान न केवल एक सख्त और ईमानदार अधिकारी के रूप में है, बल्कि वे युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत भी हैं, जिन्होंने देशभर में ड्रग्स के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाईयों का नेतृत्व किया है।

🔷 कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ:

विद्यार्थियों के लिए विशेष व्याख्यान

मादक पदार्थों के सेवन से उत्पन्न सामाजिक और मानसिक दुष्परिणामों पर चर्चा

नशे से मुक्ति की दिशा में युवा सहभागिता पर जोर

समीर वानखेडे जैसे प्रखर वक्ता का मार्गदर्शन

📅 कार्यक्रम विवरण:

दिन: शनिवार, 2 अगस्त 2025

समय: सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक

स्थान: के.सी. गांधी हाईस्कूल ऑडिटोरियम, डी-मार्ट के सामने, बैलबाजार, कल्याण (पश्चिम)

इस अभियान को लेकर कल्याण शहर के शिक्षण संस्थानों, सामाजिक संगठनों और अभिभावकों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। आयोजकों ने उम्मीद जताई है कि यह कार्यक्रम केवल एक जागरूकता सत्र नहीं बल्कि एक सामाजिक आंदोलन की शुरुआत बनेगा।

👉 आयोजकों ने शहर के सभी स्कूलों, कॉलेजों, युवाओं, शिक्षकों और अभिभावकों से अनुरोध किया है कि वे इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में भाग लें और नशामुक्त कल्याण के संकल्प को सशक्त बनाएं।





















व्यसनमुक्त भारत के दो प्रेरणास्रोत बने आंदोलन की पहचान । "अमृता फडणवीस और IRS समीर वानखेडे: व्यसनमुक्त महाराष्ट्र के असली ब्रांड एम्बेसडर"


 




मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र में व्यसनमुक्ति अभियान अब सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं रहा, बल्कि यह एक जनआंदोलन बन चुका है — और इस आंदोलन के दो सबसे मजबूत स्तंभ हैं श्रीमती अमृता फडणवीस और IRS अधिकारी समीर वानखेडे।

इन दोनों शख्सियतों ने समाज के हर तबके में जागरूकता फैलाकर, युवाओं को नशे के अंधेरे से बाहर निकालने की दिशा में अनुकरणीय कार्य किया है।

जहां अमृता फडणवीस ने संगीत, समाजसेवा और रचनात्मक अभियानों के माध्यम से युवा पीढ़ी में सामाजिक चेतना जागृत की, वहीं IRS समीर वानखेडे ने कानून और प्रशासनिक शक्ति के ज़रिए ड्रग माफिया के खिलाफ निर्णायक मोर्चा खोला — और अनेक चर्चित मामलों में कठोर कार्रवाई कर एक सशक्त उदाहरण पेश किया।

इनकी कर्मठता, निष्ठा और समाजहित में दिखाई गई प्रतिबद्धता ने महाराष्ट्र ही नहीं, पूरे भारत में उन्हें व्यसनमुक्त आंदोलन का चेहरा बना दिया है।

सिर्फ पद नहीं, प्रेरणा हैं ये दोनों नाम।
सिर्फ हस्ताक्षर नहीं, संकल्प हैं ये दोनों चेहरे।
और सबसे बढ़कर — "व्यसनमुक्त भारत" के सच्चे और जीवंत प्रतीक हैं।

🔴 आने वाली पीढ़ियां इन्हें याद रखेंगी —

एक ऐसे युगदूत के रूप में जिन्होंने “नशा मुक्त भारत” के सपने को आंदोलन की शक्ल दी, और हजारों युवाओं को नई दिशा दी।




















उल्हासनगर में 'व्यसनमुक्त भारत अभियान' का ऐतिहासिक आयोजन IRS अधिकारी समीर वानखेड़े ने युवाओं को दिया प्रेरणा का संदेश।


 






उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी

उल्हासनगर के प्रतिष्ठित एस.एस.टी. कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स में आज 'व्यसनमुक्त भारत अभियान' के तहत एक भव्य और प्रेरणादायक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देश के चर्चित और कर्तव्यनिष्ठ IRS अधिकारी समीर वानखेड़े मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जिनका कॉलेज के प्राचार्य डॉ जे.सी पुरुस्वानी, समस्त शिक्षकगण एवं शहर के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता कुमार मेंघवानी,विक्की मेंघवानी,वकील संस्कार शिंदे,दिनेश मीरचंदानी ने सम्मानपूर्वक स्वागत किया।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को नशा, शराब, तंबाकू और अन्य व्यसनों से दूर रहने हेतु जागरूक करना और उन्हें समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी का बोध कराना था।

समीर वानखेड़े ने अपने ओजस्वी और विचारोत्तेजक संबोधन में कहा:

"नशा सिर्फ शरीर नहीं, समाज को भी खोखला करता है। हर युवा यदि ठान ले कि वह नशे से दूर रहेगा और दूसरों को भी प्रेरित करेगा, तो व्यसनमुक्त भारत का सपना जल्द साकार होगा।"

उन्होंने युवाओं से स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, सकारात्मक सोच रखने, और राष्ट्रनिर्माण में भागीदार बनने का आह्वान किया।

कॉलेज के प्राचार्य ने भी कहा कि छात्रों में व्यसन के खिलाफ चेतना जगाने की दिशा में यह कार्यक्रम एक मील का पत्थर साबित होगा।

इस आयोजन में सैकड़ों छात्र-छात्राएं, शिक्षकगण, अभिभावक, और समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत की गई सांस्कृतिक झांकियाँ और नारों ने भी जनचेतना को गहराई से छुआ।

कार्यक्रम के अंत में एक सर्वसम्मति प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें सभी ने नशामुक्त भारत के संकल्प को दोहराया और इस मुहिम को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।

यह आयोजन केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक क्रांति की शुरुआत थी — जो युवाओं को नई दिशा, नया जोश और एक स्वच्छ समाज की ओर ले जाने का माध्यम बनेगा।