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उल्हासनगर-5 जींस मार्केट में 4 करोड़ की ठगी! व्यापारी तरुण फरार, पर्दे के पीछे कौन – जल्द होगा खुलासा


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उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर-5 के जींस मार्केट से करोड़ों रुपये की ठगी का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है। सूत्रों के अनुसार, तरुण नामक व्यापारी, जो लंबे समय से जींस के कपड़े (रोल) का कारोबार करता था, अचानक मार्केट के व्यापारियों से लगभग 4 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गया है। तरुण करीब 7 साल पहले भी बाजार के कई व्यापारियों से 15 से 17 करोड़ रुपए लेकर गायब हो चुका था।

जानकारी के मुताबिक, तरुण पहले कुछ महीनों से मार्केट में कारोबार कर रहा था और इस दौरान उसने स्थानीय व्यापारियों का भरोसा जीता। लेकिन हाल ही में उसने एकाएक बड़े पैमाने पर पैसे लेकर कारोबारियों को चूना लगाया और फरार हो गया।

व्यापारियों का आरोप है कि यह कोई सामान्य धोखाधड़ी नहीं है, बल्कि इसके पीछे बड़े स्तर पर मिलीभगत और षड्यंत्र हो सकता है। हालांकि, अभी तक इस मामले में किसी भी प्रकार की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। 

इस घटना के बाद जींस मार्केट के सैकड़ों व्यापारी गहरे आर्थिक संकट में फंस गए हैं। कई व्यापारियों ने बताया कि उनकी सालों की मेहनत और पूंजी तरुण के धोखे से बर्बाद हो गई है। मार्केट में अब भय, आक्रोश और असुरक्षा का माहौल है।

👉 जल्द होगा खुलासा: तरुण के फरार होने के पीछे किसका हाथ है, इसका खुलासा बहुत जल्द किया जाएगा।












जॉली LLB 3 पर विवाद: हाईकोर्ट के वकीलों ने CBFC में दर्ज कराई शिकायत, न्यायपालिका की गरिमा भंग करने का आरोप।


 






मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

बॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म जॉली LLB 3 अपने रिलीज़ से पहले ही विवादों में घिर गई है। फिल्म के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष राय और पंकज मिश्रा ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि फिल्म की सामग्री न्यायपालिका की गरिमा को आहत करती है और वकील समुदाय की छवि को हास्यास्पद रूप में प्रस्तुत करती है।

शिकायत के मुख्य बिंदु:

फिल्म जॉली LLB 3 का रिलीज़ 19 सितंबर को प्रस्तावित है।

हाल ही में जारी टीज़र में वकीलों को “जोकर” की तरह लड़ते-झगड़ते दिखाया गया है, जिससे वकीलों की पेशेवर छवि को नकारात्मक रूप से पेश किया गया है।

फिल्म के संवाद और दृश्य अदालत की कार्यप्रणाली को मजाकिया ढंग से दिखाते हैं, जो न केवल वकीलों की प्रतिष्ठा बल्कि न्यायपालिका की गरिमा पर भी सीधा प्रहार माना जा रहा है।

इससे पहले फिल्म श्रृंखला की पिछली कड़ियों (जॉली LLB और जॉली LLB 2) में भी अदालतों और वकीलों को हास्य और व्यंग्य के माध्यम से चित्रित किया गया था।

शिकायतकर्ताओं की मांग:

शिकायत में स्पष्ट कहा गया है कि फिल्म निर्माता और कलाकार जानबूझकर न्यायिक संस्थानों की साख को ठेस पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका उद्देश्य न्यायपालिका का मज़ाक उड़ाकर व्यावसायिक लाभ कमाना है।

फिल्म को रिलीज़ से पहले दोबारा सेंसर किए जाने की मांग की गई है।

साथ ही, फिल्म को प्रमाणन या किसी भी प्रकार की मान्यता देने पर रोक लगाने का आग्रह भी किया गया है।

न्यायपालिका की गरिमा बनाम मनोरंजन

वकीलों का कहना है कि अदालत और न्यायिक कार्यप्रणाली समाज में विश्वास और न्याय की नींव हैं। ऐसे में, फिल्मों के माध्यम से इस गरिमा को भंग करना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक संकेत है।

अब देखना यह होगा कि CBFC इस शिकायत पर क्या रुख अपनाता है और क्या जॉली LLB 3 नियोजित तारीख पर रिलीज़ हो पाएगी या नहीं।




















उल्हासनगर-5 जींस मार्केट में करोड़ों की ठगी, व्यापारी तरुण फरार – राजस्थान की कपड़ा मिलों को भी लगाया चूना।


(फाइल इमेज)

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर-5 के जींस मार्केट से करोड़ों रुपए की ठगी का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। सूत्रों के अनुसार, तरुण नामक व्यापारी ने स्थानीय व्यापारियों को लगभग 4 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। बताया जा रहा है कि तरुण जींस के कपड़े (रोल) का व्यापार करता था और इसी व्यापार के नाम पर उसने बड़ी रकम वसूली।

10 साल पहले भी कर चुका है बड़ा घोटाला

जांच में सामने आया है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। करीब एक दशक पहले भी तरुण ने स्थानीय व्यापारियों को 15 से 17 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया था। लंबे समय तक गायब रहने के बाद उसने पुनः कारोबार शुरू किया और दोबारा व्यापारियों को अपने जाल में फंसा लिया।

राजस्थान की मिलें भी बनीं शिकार

जानकारी के मुताबिक, तरुण ने राजस्थान के भीलवाड़ा की प्रतिष्ठित कपड़ा मिलों से माल उठाया और उसका भुगतान नहीं किया। अब मिल मालिक भी बकाया रकम की मांग को लेकर सामने आए हैं। यह घोटाला स्थानीय स्तर तक सीमित न रहकर अब टेक्सटाइल इंडस्ट्री के बड़े वर्ग को प्रभावित कर रहा है।

आरोपी फरार, व्यापारियों में आक्रोश

फिलहाल, आरोपी तरुण फरार बताया जा रहा है।वहीं दूसरी ओर व्यापारियों में भारी आक्रोश है। पीड़ित कारोबारी प्रशासन से सख्त कार्रवाई और जल्द न्याय की मांग कर रहे हैं।

👉 यह मामला न केवल उल्हासनगर के कारोबारियों को झटका दे रहा है, बल्कि राजस्थान की कपड़ा इंडस्ट्री को भी प्रभावित कर रहा है। इससे टेक्सटाइल व्यापार जगत में गहरी चिंता व्याप्त है।






















गणेशोत्सव पर राज्यव्यापी " श्रीगणेशा आरोग्याचा "अभियान के तहद समुदाय आरोग्य शिबीर का आयोजन।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

गणेशोत्सव के पावन अवसर पर महाराष्ट्र सरकार ने एक व्यापक जनकल्याणकारी पहल की घोषणा की है। मुख्यमंत्री सचिवालय अंतर्गत मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कक्ष तथा धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष के समन्वय से पूरे राज्य में "श्रीगणेशा आरोग्य" अभियान के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे।

यह अभियान 27 अगस्त 2025 से 5 सितंबर 2025 तक सभी जिलों में चलाया जाएगा। इन शिविरों के माध्यम से नागरिकों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। साथ ही चिकित्सा सेवा, निदान, परामर्श और उपचारात्मक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी।

मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कक्ष ने जिला प्रशासन से अपील की है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्ध मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर, मेडिकल विद्यार्थी और पैरा मेडिकल स्टाफ इन शिविरों में सक्रिय सहयोग दें। इसके साथ ही आवश्यक चिकित्सा संसाधन, दवाइयाँ और उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएँ।

इन शिविरों के सफल आयोजन के लिए धर्मादाय अस्पताल, महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना से संबद्ध अस्पताल, जिला सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की अधीनस्थ संस्थाएँ, HLL, STEMI नेटवर्क, अन्न व औषधि प्रशासन, और सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा।

सरकार का मानना है कि यह सामुदायिक स्वास्थ्य अभियान न केवल गणेशोत्सव को सामाजिक-सेवा के रूप में सार्थक करेगा बल्कि नागरिकों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा।

👉 मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कोष एव धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष के दायित्व मे होगा।

यदि आपको किसी भी प्रकार का कार्य हो तो आप इस नंबर 022 2202 0045 पर संपर्क कर सकते हैं।















उल्हासनगर राशन कार्यालय में दलालों का कब्ज़ा, आम जनता त्रस्त – प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर शहर का राशन कार्यालय इन दिनों दलालों की पकड़ में जकड़ा हुआ है। सरकारी योजनाओं के अंतर्गत सस्ते दाम पर अनाज और आवश्यक वस्तुएं पाने वाले गरीब एवं जरूरतमंद नागरिक दलालों की मनमानी और शोषण से बेहाल हैं।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि राशनकार्ड से जुड़ा कोई भी कार्य – चाहे नया कार्ड बनवाना हो, नाम जोड़ना/हटाना हो, या फिर कार्ड पर नियमित रूप से अनाज प्राप्त करना – दलालों की मदद के बिना लगभग असंभव हो गया है। बताया जा रहा है कि हर छोटे-बड़े कार्य के लिए नागरिकों से भारी-भरकम रकम वसूली जाती है।

लोगों का आरोप है कि इस पूरे खेल में विभागीय अधिकारी और कर्मचारी भी मौन हैं, जिससे दलालों का नेटवर्क और मजबूत होता जा रहा है। नतीजा यह है कि आम जनता को अपने हक का राशन पाने के लिए महीनों तक दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं और आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।

सामाजिक संगठनों ने इस स्थिति पर गहरी नाराज़गी जताई है और चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि इस समस्या पर तुरंत संज्ञान नहीं लेते, तो नागरिक आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।

वर्तमान में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि गरीबों को उनका हक दिलाने और दलालों पर लगाम कसने के लिए निर्णायक कदम उठाएंगे या फिर आम जनता यूं ही शोषण का शिकार होती रहेगी।












उल्हासनगर में पानी बिल वृद्धि पर रोक: उल्हास सिटिज़न्स फ़ोरम की तीन महीने की जंग रंग लाई, अब स्थायी रद्दीकरण की मांग तेज़।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर में पानी के बिलों में की गई वृद्धि पर फिलहाल रोक लगा दी गई है, हालांकि इसे स्थायी रूप से रद्द नहीं किया गया है। इस मुद्दे पर उल्हास सिटिज़न्स फ़ोरम के अध्यक्ष नरेश कुमार ताहिलरामाणी और उनकी टीम पिछले तीन महीनों से लगातार जनजागृति और संघर्ष कर रहे हैं।

फ़ोरम ने तीन महीने पहले एक वीडियो संदेश के माध्यम से UMC कमिश्नर से अपील की थी कि पानी के बिलों में वृद्धि न की जाए, पानी की पाइप लाइन लीकेज को तुरंत बंद करवाया जाए और स्वच्छ व समान जल वितरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी उजागर किया कि “ब्लू लाइन” प्रोजेक्ट फेल हो जाने के कारण आज भी GI पाइप से पानी की सप्लाई की जा रही है।

मिडक (MIDC) द्वारा भेजे गए ₹550 करोड़ के बिल को सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने कम करवाया था, फिर भी पानी के बिल बढ़ाने का निर्णय जनता के लिए अनुचित बताया गया। फ़ोरम का कहना है कि UMC के लगभग ₹1000 करोड़ के कर्ज़ की वसूली इस तरह करना गलत है।

इससे पहले तीन विधायकों ने भी पानी बिल वृद्धि न करने की सिफारिश की थी, लेकिन असर नहीं हुआ। पांच दिन पहले उल्हास सिटिज़न्स फ़ोरम ने फिर एक वीडियो, सोशल मीडिया बैनर और इंस्टाग्राम के माध्यम से इस ‘ज़ुल्म’ के खिलाफ मोर्चा खोला। इसके बाद राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हुईं और अब इस मुद्दे का श्रेय लेने की कोशिश कर रही हैं।

फ़ोरम ने यह भी मांग की है कि होटल, कंस्ट्रक्शन वर्क जैसी व्यावसायिक गतिविधियों पर सही तरीके से पानी का बिल लगाया जाए। उनका कहना है कि दिन-ब-दिन लोग बोतलबंद पानी पीने को मजबूर हैं — यहां तक कि UMC ऑफिस में भी — जो बताता है कि पानी की गुणवत्ता कितनी सुरक्षित है। साथ ही टैक्सपेयर्स के फंड का दुरुपयोग रोकने, शहर में चालिया साहिब पर फाउंटेन शुरू करने और गड्ढे भरने जैसे कार्यों का श्रेय जागरूक जनता को दिया जाना चाहिए।

नरेश कुमार ताहिलरामाणी का कहना है, "यह हमारी आधी जीत है। हमें फिलहाल स्टे मिला है, लेकिन स्थायी रद्दीकरण के लिए हमारी आवाज़ और तेज़ होगी।"












IRS अधिकारी समीर वानखेड़े का नशामुक्ति संदेश गूंजा कल्याण में, ‘मिशन व्यसनमुक्ति’ अभियान बना जनआंदोलन की शुरुआत।


 




कल्याण: दिनेश मीरचंदानी 

कल्याण के के.सी. गांधी ऑडिटोरियम में शनिवार को एक ऐतिहासिक सामाजिक पहल की गूंज सुनाई दी, जब भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के जांबाज और निडर अधिकारी समीर वानखेड़े ने ‘मिशन व्यसनमुक्ति’ अभियान में शिरकत की। यह अभियान कल्याण विकास फाउंडेशन और यंग इंडिया की संयुक्त पहल है, जिसका उद्देश्य नशे की लत से जूझ रहे समाज को नई राह दिखाना है।

इस कार्यक्रम में श्री अभिनव गोयल (IAS), आयुक्त, KDMC और श्री नरेंद्र पवार, पूर्व विधायक भी मंच साझा करते नज़र आए। कार्यक्रम का वातावरण प्रेरणादायक नारों, जागरूकता गीतों और उत्साही युवाओं के जोश से गूंज उठा।

समीर वानखेड़े ने अपने जोशीले संबोधन में कहा—

“व्यसनमुक्त महाराष्ट्र का सपना तभी साकार होगा जब हम सब एकजुट होकर इस लत के खिलाफ जंग छेड़ेंगे। युवाओं को नशे से बचाना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। ‘Say No To Drugs & Yes To Life’ केवल शब्द नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि नशा सिर्फ व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज का विनाश करता है। इस दिशा में हर नागरिक की भूमिका अहम है, चाहे वह माता-पिता हों, शिक्षक हों या प्रशासन।

कार्यक्रम के दौरान नशामुक्ति पर प्रेरणादायक नाट्य प्रस्तुति, पोस्टर प्रदर्शन और युवाओं द्वारा शपथ ग्रहण भी किया गया। सैकड़ों की संख्या में मौजूद नागरिकों, छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नशा छोड़ने और नशा छोड़ने वालों की मदद करने का संकल्प लिया।

‘मिशन व्यसनमुक्ति’ के इस कदम ने कल्याण में सामाजिक परिवर्तन की एक नई लहर पैदा कर दी है, और उम्मीद है कि यह आंदोलन जल्द ही महाराष्ट्र के हर कोने तक पहुंचेगा।