उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर ट्रैफिक पुलिस स्टेशन, विट्ठलवाड़ी के पुलिस अधिकारी श्री मोहन पाटिल पर एक चौंकाने वाला रिश्वतखोरी का आरोप लगा है। आरोप के मुताबिक, 14 दिसंबर 2024 को पेंसिल फैक्ट्री, उल्हासनगर-4 के पास हेमंत सिंह नामक एक व्यक्ति से ₹2000 की अवैध वसूली की गई।
यह मामला तब प्रकाश में आया जब राष्ट्र कल्याण पार्टी के महासचिव राहुल कटकर ने ठाणे ट्रैफिक पुलिस आयुक्त और भ्रष्टाचार विरोधी विभाग को एक विस्तृत शिकायत पत्र सौंपा। शिकायत के अनुसार, हेमंत सिंह को दोपहर 1:30 बजे ट्रैफिक पुलिस द्वारा दस्तावेज जांच के नाम पर रोका गया। चूंकि उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, उन्हें विट्ठलवाड़ी ट्रैफिक पुलिस स्टेशन ले जाया गया और दो घंटे तक हिरासत में रखा गया।
रिश्वत देने के लिए मजबूर किया गया
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि श्री मोहन पाटिल ने बार-बार हेमंत सिंह से पैसे की मांग की। जब हेमंत सिंह ने अपनी आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए ऑनलाइन चालान काटने और तुरंत रिहा करने की अपील की, तो भी श्री पाटिल ने उनकी बात को अनसुना कर दिया। अंततः श्री पाटिल ने जबरन ₹2000 की रिश्वत लेने के बाद हेमंत सिंह को रिहा कर दिया।
जनता में गुस्सा, पार्टी ने दी आंदोलन की चेतावनी
राष्ट्र कल्याण पार्टी के महासचिव राहुल कटकर ने इस घटना को बेहद गंभीर करार देते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने संबंधित स्थानों के सीसीटीवी फुटेज की जांच करने और दोषी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की है।
राहुल कटकर ने कहा, "पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार के ऐसे मामले न केवल विभाग की छवि को धूमिल करते हैं, बल्कि जनता का कानून व्यवस्था पर से विश्वास भी खत्म करते हैं।" उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर समय रहते इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो उनकी पार्टी सड़कों पर उतरकर जोरदार विरोध प्रदर्शन करेगी।
जांच में लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त
यह घटना पुलिस विभाग के लिए गंभीर चुनौती बन गई है। पुलिस और भ्रष्टाचार विरोधी विभाग से निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की उम्मीद की जा रही है। मामले में जनता और राजनीतिक संगठनों की निगाहें अब प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं।
क्या होगा अगला कदम?
यह देखना होगा कि ठाणे पुलिस प्रशासन इस शिकायत को कितनी गंभीरता से लेता है और कब तक दोषियों पर कार्रवाई होती है। जनता को अब न्याय की प्रतीक्षा है।
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