मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
महाराष्ट्र में चिकित्सा और मानवीय सेवा के इतिहास में एक यादगार क्षण उस समय दर्ज हुआ जब राज्य की सबसे छोटी बच्ची धनश्री मुजमुले का 25 लाख रुपये की लागत से नि:शुल्क हृदय प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किया गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान उपमुख्यमंत्री ना. देवेंद्र फडणवीस के सीधे आदेश और डॉ. ओमप्रकाश शेटे के कुशल मार्गदर्शन में यह जटिल सर्जरी संभव हो पाई। आज धनश्री पूरी तरह स्वस्थ और खुशहाल होकर अपना जन्मदिन मना रही है।
संवेदनशील नेतृत्व की जीवंत तस्वीर:
ना. देवेंद्र फडणवीस की संवेदनशीलता और जनसेवा की प्रतिबद्धता एक बार फिर साबित हुई है। उनके प्रशासनिक कार्यकाल में धनश्री जैसी कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बच्चों को जीवनदान मिला है। यह हृदय प्रत्यारोपण महाराष्ट्र के चिकित्सा इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ है।
पहली प्राथमिकता: ‘जनसेवा और मानवता’
यह कोई संयोग नहीं है कि जब देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तो उन्होंने अपने पहले हस्ताक्षर एक गंभीर रूप से बीमार मरीज की फाइल पर किए थे। हाल ही में जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तब भी उन्होंने अपनी पहली आधिकारिक मंजूरी एक मरीज की फाइल पर दी। यह दिखाता है कि उनके लिए ‘जनसेवा’ सिर्फ एक दायित्व नहीं बल्कि एक मानवीय कर्तव्य है।
महाराष्ट्र की प्रगति में एक नया अध्याय:
धनश्री के सफल हृदय प्रत्यारोपण ने महाराष्ट्र में चिकित्सा क्षेत्र की क्षमताओं और शासन की संवेदनशीलता को नए स्तर पर स्थापित किया है। यह घटना सरकारी चिकित्सा व्यवस्था और मानवीय नेतृत्व के समर्पण का जीता-जागता उदाहरण है।
आज पूरा महाराष्ट्र धनश्री के स्वस्थ जीवन और उज्ज्वल भविष्य की प्रार्थना कर रहा है। यह उपलब्धि समाज के सबसे जरूरतमंद वर्ग के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनकर उभरी है।
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