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समाज के लिए मिसाल बनेंगे IRS अधिकारी समीर वानखेडे: SST कॉलेज उल्हासनगर-4 में 19 जुलाई 2025 को ऐतिहासिक नशा मुक्ति कार्यक्रम, युवाओं को देंगे प्रेरणा।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर में इस वर्ष 19 जुलाई का दिन एक ऐतिहासिक और सामाजिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ और देशभर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व अधिकारी के तौर पर अपने बेधड़क व ईमानदार कार्यों से प्रसिद्ध समीर वानखेडे उल्हासनगर के SST कॉलेज में आयोजित एक विशेष नशा मुक्ति जनजागरूकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

यह कार्यक्रम न केवल कॉलेज के छात्रों के लिए बल्कि पूरे शहर के युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बनेगा। समीर वानखेडे, जिनका नाम ड्रग माफियाओं के विरुद्ध निर्णायक अभियानों और नशे के नेटवर्क को उजागर करने के लिए जाना जाता है, इस अवसर पर अपने अनुभवों को साझा करेंगे और युवाओं को नशे से दूर रहने की प्रेरणा देंगे।

कार्यक्रम का उद्देश्य: युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूक करना

SST कॉलेज द्वारा आयोजित यह विशेष सत्र उनके सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है— "नशा मुक्त भारत, स्वस्थ भारत"। कॉलेज प्रबंधन के अनुसार, यह पहल छात्रों को नशीले पदार्थों की भयावहता से अवगत कराने और उन्हें एक सकारात्मक, जागरूक, और लक्ष्य-निर्धारित जीवन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से की जा रही है।

कार्यक्रम की शुरुआत 19 जुलाई को दोपहर 12:00 बजे SST कॉलेज उल्हासनगर-4 में होगी।

समीर वानखेडे: एक नाम, जो युवाओं के लिए प्रेरणा है

समीर वानखेडे का व्यक्तित्व स्वयं में ही एक आदर्श बन चुका है। अपने करियर में उन्होंने बड़े-बड़े नशा सिंडिकेट्स का पर्दाफाश किया है। उनके नेतृत्व में NCB ने कई चर्चित मामलों में प्रभावी कार्यवाही की, जिससे युवा पीढ़ी के बीच एक स्पष्ट संदेश गया कि नशा किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं।

छात्रों में उत्साह और उम्मीदों का माहौल

कॉलेज परिसर में छात्रों के बीच इस कार्यक्रम को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है। कई छात्र इसे अपने जीवन की दिशा तय करने वाले क्षण के रूप में देख रहे हैं। SST कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि यह कार्यक्रम युवाओं को न केवल नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराएगा बल्कि उन्हें एक सकारात्मक समाज के निर्माण की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करेगा।












डीसीपी सचिन गोरे के जन्मदिन पर शहर में बधाइयों की गूंज, सम्मान और सादगी के माहौल में मनाया गया विशेष दिवस।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

झोन-4 के पुलिस उपायुक्त (DCP) श्री सचिन गोरे के जन्मदिन के अवसर पर उल्हासनगर शहर में हर्ष और उत्साह का वातावरण देखने को मिला। पुलिस सेवा में अपनी सादगी, अनुशासन और कार्यकुशलता के लिए पहचाने जाने वाले श्री गोरे को उनके जन्मदिवस पर शहर के अनेक गणमान्य नागरिकों और समाजसेवियों ने शुभकामनाएं दीं।

इस विशेष अवसर पर मंत्रालय टाइम्स के संपादक दिनेश मिराचंदानी, मानव शक्ति एनजीओ के अध्यक्ष कुमार मेंघवानी, भाजपा नेता विक्की मेंघवानी और पुलिस विभाग से PSI प्रशांत चव्हाण ने डीसीपी गोरे से मुलाकात कर उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट किया और शुभकामनाएं प्रकट कीं।

कार्यक्रम भले ही सादगीपूर्ण रहा, परंतु उसमें आत्मीयता, गरिमा और सम्मान की स्पष्ट झलक दिखाई दी। उपस्थित अतिथियों ने डीसीपी गोरे के सामाजिक योगदान और उनके प्रशासनिक दृष्टिकोण की सराहना की, साथ ही उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना भी की।

शहरवासियों और पुलिस विभाग के बीच सेतु की भूमिका निभा रहे डीसीपी श्री गोरे के प्रति यह सम्मानजनक भाव इस बात का प्रतीक है कि प्रशासनिक जिम्मेदारियों के साथ मानवीय मूल्यों का निर्वाह करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।












उल्हासनगर मनपा में व्यापक प्रशासनिक फेरबदल: अधिकारियों की जिम्मेदारियों में बड़ा बदलाव, पारदर्शिता और कार्यकुशलता पर जोर।


 

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी

उल्हासनगर महानगरपालिका (Ulhasnagar Municipal Corporation) में प्रशासनिक कार्यप्रणाली को और अधिक दक्ष, पारदर्शी तथा जवाबदेह बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। मनपा प्रशासन ने दो महत्वपूर्ण कार्यालयीन आदेश जारी किए हैं, जिनके तहत कई वरिष्ठ और सहायक आयुक्तों की विभागीय जिम्मेदारियों में बड़े स्तर पर फेरबदल किया गया है। ये आदेश मनपा आयुक्त एवं प्रशासक के अनुमोदन से तत्काल प्रभाव से लागू किए गए हैं।

🔸 पहला आदेश (क्रमांक 584, दिनांक: 12 जून 2025)

नगर विकास विभाग के दिशा-निर्देशों और शासन की स्वीकृति के अनुरूप, चार सहायक आयुक्तों के कार्यक्षेत्र में परिवर्तन किया गया है:

1. श्री अजय साबळे – सहायक आयुक्त, अब प्रभाग समिति क्रमांक 01 कार्यालय

2. श्री विशाल कदम – सहायक आयुक्त, अब प्रभाग समिति क्रमांक 03 कार्यालय

3. श्रीमती अलका पवार – सहायक आयुक्त, अब प्रभाग समिति क्रमांक 04 कार्यालय

4. श्री गणेश शिंपी – सहायक आयुक्त, अब प्रभाग समिति क्रमांक 02 कार्यालय

इसके अतिरिक्त, श्री अजय कर्डक को समन्वयक अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। सभी अधिकारियों को अपने-अपने नवविभाजित विभागों का कार्यभार तुरंत संभालने के निर्देश जारी किए गए हैं।

🔸 दूसरा आदेश (क्रमांक 585, दिनांक: 13 जून 2025)

इस आदेश के अंतर्गत विभागीय पुनर्गठन तीन तालिकाओं में दर्शाया गया है:

📋 तक्ता "अ" — उप आयुक्त के अधीन सौंपे गए विभाग:

श्रीमती स्नेहा करपे, उप आयुक्त को निम्न विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई:

1. वैद्यकीय आरोग्य विभाग

2. वाहन व परिवहन विभाग

3. जनगणना व आधार केंद्र

4. पर्यावरण विभाग

5. जनसंपर्क विभाग

6. निवडणूक (चुनाव) विभाग

7. विवाह नोंदणी

8. जन्म-मृत्यु नोंदणी

9. बाजार व परवाना विभाग

10. क्रीड़ा व सांस्कृतिक विभाग

📋 तक्ता "ब" — अतिरिक्त विभागीय दायित्व:

1. डॉ. सुनील लोंढे, सहायक आयुक्त (प्रभाग 2) – निवडणूक विभाग

2. श्री गणेश पवार, वरिष्ठ लिपिक – अतिरिक्त प्रशासनिक सहयोग

📋 तक्ता "क" — स्थानांतरित अधिकारियों की नियुक्तियाँ:

1. श्री नितेश रंगारी – उप कर निर्धारक व संकलक, विभाग प्रमुख: मालमत्ता कर विभाग

2. श्री अजित गोवारी – अधीक्षक, विभाग प्रमुख: सामान्य प्रशासन विभाग

3. श्री सचिन जाधव – वरिष्ठ लिपिक, विभाग प्रमुख: निवडणूक विभाग

🎯 प्रशासन का उद्देश्य:

इन फेरबदल का प्रमुख उद्देश्य मनपा की प्रशासनिक प्रक्रियाओं को तेज़, पारदर्शी एवं प्रभावी बनाना है। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने कार्यभार तुरंत ग्रहण करें और प्रशासन को रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह भी स्पष्ट किया गया है कि विभागीय शिथिलता या लापरवाही को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

🔚 निष्कर्ष:

उल्हासनगर मनपा द्वारा जारी किए गए ये प्रशासनिक आदेश न केवल आंतरिक कार्यप्रणाली को बेहतर बनाएंगे, बल्कि इससे नागरिकों को भी सेवाओं का त्वरित और प्रभावी लाभ मिलेगा। यह कदम शहर के सुशासन और उत्तरदायित्वपूर्ण प्रशासनिक व्यवस्था की दिशा में एक बड़ा और स्वागतयोग्य प्रयास माना जा रहा है।



















राज ठाकरे के जन्मदिन पर जनसेवा की मिसाल: उल्हासनगर में छात्रों के बीच वितरित की गई नोटबुक, समाजसेवकों की रही सक्रिय भागीदारी।


 



उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज साहेब ठाकरे के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में उल्हासनगर में एक प्रेरणादायक सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसने न केवल सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय दिया, बल्कि शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक सशक्त कदम साबित हुआ।

गुरु तेग बहादुर कॉलोनी, हॉस्पिटल एरिया, उल्हासनगर-3 में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में स्कूली छात्रों को निःशुल्क नोटबुक्स वितरित की गईं। कार्यक्रम का आयोजन समाजसेवक हिरो राजाई के कार्यालय में किया गया, जिसमें शहर के अनेक प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ताओं और मनसे पदाधिकारियों की सक्रिय उपस्थिति रही।

इस जनहितैषी पहल में मनसे उल्हासनगर शहर अध्यक्ष संजय घुगे, उपाध्यक्ष मुकेश शेतपालांनी, समाजसेवक हिरो राजाई, सतीश तिवारी, विजय आवळे, पुरण सिंग, श्रीमती सोनल लखानी सहित कई गणमान्य अतिथि शामिल हुए। इन सभी ने बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करते हुए उन्हें शैक्षणिक सामग्री प्रदान की।

वक्ताओं ने इस अवसर पर राज ठाकरे के समाजोन्मुखी दृष्टिकोण और जनसेवा के प्रति समर्पण को सराहा और कहा कि आज की शिक्षा में निवेश, कल के उज्जवल भविष्य की नींव है। इस पहल को स्थानीय लोगों और छात्रों के अभिभावकों ने भी बड़े उत्साह से सराहा।

कार्यक्रम का उद्देश्य केवल जन्मदिन को औपचारिक रूप से मनाना नहीं था, बल्कि समाज के पिछड़े तबके के बच्चों को पढ़ाई में सहयोग कर, उनकी शिक्षा यात्रा को सुगम बनाना था। इस पहल ने न केवल एक प्रेरणादायक संदेश दिया, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि राजनीति के साथ अगर सामाजिक सरोकार जुड़ जाएं, तो सकारात्मक बदलाव संभव हैं।

इस आयोजन ने स्पष्ट किया कि मनसे न केवल राजनीतिक आंदोलन का नाम है, बल्कि यह समाजसेवा के लिए भी उतनी ही गंभीरता से प्रतिबद्ध है।




















IRS अधिकारी समीर वानखेडे की स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक पर ऐतिहासिक उपस्थिति — राष्ट्रभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा का जीवंत उदाहरण।


 





मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देशभक्ति की भावना और राष्ट्रीय गौरव से सराबोर एक ऐतिहासिक क्षण उस समय साकार हुआ जब भारत सरकार के वरिष्ठ IRS अधिकारी समीर वानखेडे ने मुंबई के दादर स्थित स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक का औपचारिक दौरा किया। इस अवसर ने ना केवल स्वतंत्रता संग्राम के गौरवपूर्ण अध्याय को पुनः जीवित किया, बल्कि एक प्रशासनिक अधिकारी के संवेदनशील और राष्ट्रप्रेम से परिपूर्ण व्यक्तित्व को भी उजागर किया।

समीर वानखेडे ने इस स्मारक स्थल पर भारत के महान क्रांतिकारी स्वातंत्र्यवीर सावरकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके वंशज श्री रणजीत सावरकर से शिष्टाचार भेंट कर उनके योगदान को ससम्मान स्मरण किया।

इस अवसर पर उन्होंने भावुकता से कहा:

आज एक गर्व और श्रद्धा से भरा शक्तिशाली क्षण रहा जब मैंने स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक का दौरा किया — वह भूमि जहाँ भारत के सबसे प्रखर स्वतंत्रता सेनानी की प्रेरणादायक गूंज आज भी जीवंत है।

मैंने सावरकर जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की, उनके वीर वंशज श्री रणजीत सावरकर से भेंट की, और उस क्रांतिकारी की महान विरासत को नमन किया जिसने अपने साहस और अटूट संकल्प से एक पूरे साम्राज्य की नींव हिला दी थी।"

यह भेंट सिर्फ एक व्यक्तिगत श्रद्धांजलि नहीं थी, बल्कि आज के समय में प्रशासनिक सेवा में कार्यरत अधिकारियों के लिए एक प्रेरक दृष्टांत थी — कि कैसे इतिहास और राष्ट्रभक्ति से जुड़कर एक अधिकारी अपने कर्तव्यों को और भी अधिक दृढ़ता और समर्पण से निभा सकता है।

स्मारक परिसर में उपस्थित लोग भी इस अवसर पर भाव-विभोर हो उठे और समीर वानखेडे की राष्ट्रसेवा की भावना की सराहना करते हुए कहा कि "इस प्रकार की यात्राएं न केवल इतिहास का सम्मान हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक जीवंत प्रेरणा भी हैं।"

समीर वानखेडे की यह ऐतिहासिक उपस्थिति स्वतंत्रता संग्राम की स्मृतियों को पुनर्जीवित करती है और यह सिद्ध करती है कि वीर सावरकर जैसे महानायकों की विचारधारा आज भी सच्चे राष्ट्रसेवकों के मन में जीवित है।












उल्हासनगर-4 के शिवनेरी हॉस्पिटल की लापरवाही: जिंदा बुज़ुर्ग को मृत बताकर अंतिम संस्कार की नौबत तक पहुँचा।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर के शिवनेरी हॉस्पिटल से एक बेहद चौंकाने वाला और गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसने पूरे चिकित्सा तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 65 वर्षीय अभिमान तायडे नामक बुजुर्ग को जिंदा होते हुए भी डॉक्टर द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। यही नहीं, अस्पताल प्रशासन ने तुरंत डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया, जिससे परिजन अंतिम संस्कार की तैयारियों में लग गए थे।

जानकारी के अनुसार, अभिमान तायडे की तबीयत कुछ समय से खराब चल रही थी और मुंबई के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। अचानक बेहोश हो जाने पर उनके बेटे ने उन्हें रिक्शा से उल्हासनगर के शिवनेरी हॉस्पिटल पहुंचाया। यहां डॉ. आहुजा ने बाहर ही, रिक्शे में मरीज की जांच कर उन्हें मृत घोषित कर दिया। बिना किसी मेडिकल जांच या उचित पुष्टि के, अस्पताल ने डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया।

हालांकि, जैसे ही परिजन अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, उन्होंने देखा कि अभिमान तायडे की छाती में हलचल हो रही है और उनकी धड़कन चल रही है। घबराए परिजन तुरंत उन्हें उल्हासनगर के एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने तत्परता दिखाते हुए इलाज शुरू किया और थोड़ी ही देर में मरीज को होश आ गया। उनकी जान बच गई।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद परिजनों में जहां राहत है, वहीं गहरा आक्रोश भी है। उन्होंने शिवनेरी हॉस्पिटल और डॉ. आहुजा के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई है।

डॉक्टर ने मानी गलती, दी सफाई:

डॉ. आहुजा ने अपनी चूक स्वीकार करते हुए कहा, "रोगी की नब्ज नहीं मिल रही थी, और आसपास के शोर के कारण दिल की धड़कन भी सुनाई नहीं दी। इसी वजह से गलती से मृत घोषित कर दिया गया, इसके लिए मैं खेद प्रकट करता हूं।"

मरीज ने कहा - "अब मैं ठीक हूं"

होश में आने के बाद अभिमान तायडे ने कहा, "मुझे पीलिया हुआ था, अब मेरी तबीयत ठीक है। मैंने खाना भी खा लिया है।"

अब बड़ा सवाल यह उठता है कि इतनी गंभीर चिकित्सा लापरवाही के बावजूद क्या डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन पर कोई ठोस कार्रवाई होगी? क्या भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस प्रणाली बनाई जाएगी?

यह मामला न केवल एक व्यक्ति की जान से जुड़ा है, बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा करता है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की भूमिका अब जांच के घेरे में है।












मुंबई में ड्रग्स माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी: समीर वानखेड़े की वापसी संभव!


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई में ड्रग्स माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए जल्द ही एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की शुरुआत हो सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चर्चित और सख्त माने जाने वाले IRS अधिकारी समीर वानखेड़े को मुंबई में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ तैनात किया जा सकता है।

समीर वानखेड़े, जो पहले NCB (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) में अपनी तेज-तर्रार कार्यशैली और हाई-प्रोफाइल केसों में कार्रवाई के लिए चर्चित रहे हैं, उनकी वापसी से एक बार फिर ड्रग्स तस्करी के खिलाफ कड़ी मुहिम छेड़ने की संभावना है। बता दें कि उन्होंने बॉलीवुड ड्रग्स केस, आर्यन खान प्रकरण जैसे कई चर्चित मामलों में भी प्रमुख भूमिका निभाई थी।

मुंबई में बढ़ती ड्रग्स तस्करी की घटनाएं, खासकर युवाओं को निशाना बनाने वाले रैकेट्स, प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। ऐसे में समीर वानखेड़े जैसे अनुभवी और निडर अफसर की वापसी को ड्रग्स माफियाओं के लिए "कड़ी चेतावनी" माना जा रहा है।

प्रशासनिक स्तर पर इस संबंध में अंतिम निर्णय जल्द लिया जा सकता है। यदि उनकी तैनाती होती है, तो मुंबई में ड्रग्स माफिया के खिलाफ एक निर्णायक और ऐतिहासिक अभियान की शुरुआत तय मानी जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक, वानखेड़े के कार्यशैली में "जीरो टॉलरेंस" नीति की छवि है, और उनकी वापसी से एक बार फिर अवैध गतिविधियों में संलिप्त अपराधियों में खलबली मच सकती है।

अब देखना ये होगा कि क्या समीर वानखेड़े की वापसी के साथ मुंबई को ड्रग्स मुक्त बनाने का अगला अध्याय शुरू होता है।












मुख्यमंत्री सहायता निधि के अंतर्गत कल्याण (पूर्व) अग्निकांड पीड़ितों को ₹5 लाख की आर्थिक सहायता।


ठाणे: दिनेश मीरचंदानी 

दिनांक 20 अप्रैल 2025 को कल्याण (पूर्व) चिकनपाडा क्षेत्र में हुए भीषण अग्निकांड में पांच मंजिला इमारत की छत गिरने से छह व्यक्तियों की दर्दनाक मृत्यु हो गई। इस दुखद घटना में सुशील नारायण गुजर, नम्रता श्रीकांत शेलार, प्रतिभा कालेधरन साहू, सुनीता निलकंठ साहू, बैंकर चव्हाण और सुजाता मनाला पाखी की मौत हुई।

राज्य सरकार द्वारा इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री सहायता निधि से मृतकों के परिजनों को ₹5,00,000 प्रति मृतक, कुल ₹30,00,000 (तीस लाख रुपये) की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है। यह सहायता सीधे संबंधित परिजनों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी।

इस सहायता की प्रक्रिया के अंतर्गत संबंधित परिजनों के नाम, बैंक खाते और आधार संख्या के दस्तावेज मुख्यमंत्री कार्यालय को प्राप्त हो चुके हैं। निधि की राशि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, फोर्ट ब्रांच, मुंबई से संबंधित खातों में भेजी जाएगी।

सहायता निधि स्वीकृति का यह पत्र दिनांक 11 जून 2025 को जारी किया गया है, जिसे सह कक्ष प्रमुख तथा कक्ष अधिकारी श्री शरद घावटे ने हस्ताक्षरित किया।

इस सराहनीय पहल के माध्यम से सरकार ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य नागरिकों के साथ हर संकट की घड़ी में खड़ा है। पीड़ितों के परिवारों को यह सहायता एक छोटी सी राहत जरूर देगी, लेकिन सरकार की संवेदनशीलता और तत्परता का प्रमाण भी है।


























उल्हास जनपथ कार्यालय में मानवता की अनूठी मिसाल: जरूरतमंदों को स्कूल बैग,राशन,नोट बुक,पेंसिल सेट और छत्रियों का वितरण।


 






उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

प्रसिद्ध सामाजिक और पत्रकारिता संस्थान उल्हास जनपथ के संपादक शिव कुमार मिश्रा के जन्मदिवस और पत्रिका की 10वीं वर्धापन वर्षगांठ के शुभ अवसर पर उल्हास जनपथ कार्यालय में एक भव्य सेवा एवं वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जरूरतमंदों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरते हुए सैकड़ों लोगों को अत्यावश्यक सामग्री वितरित की गई।

कार्यक्रम के तहत:

सैकड़ों जरूरतमंद बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाले स्कूल बैग, नोटबुक और पेंसिल सेट प्रदान किए गए, जिससे उनका शैक्षणिक भविष्य सशक्त हो सके।

वंचित महिलाओं को राशन सामग्री किट वितरित की गई, जिससे उनके परिवार की दैनिक जरूरतों में राहत मिले।

वरिष्ठ नागरिकों को आगामी मानसून को ध्यान में रखते हुए छत्री (छाता) वितरित की गई।

और विशेष रूप से छात्राओं (बच्चियों) को सायकिलें दी गईं, जिससे वे अपनी शिक्षा यात्रा को सुगम और सुरक्षित बना सकें।

इस आयोजन में विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, गणमान्य नागरिकों तथा स्थानीय निवासियों ने सहभागिता की और इस पुनीत कार्य की सराहना की। आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि उल्हास जनपथ न केवल पत्रकारिता का एक सशक्त माध्यम है, बल्कि समाजसेवा में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

संपादक शिव कुमार मिश्रा ने इस अवसर पर कहा, "पत्रकारिता केवल खबरों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, उसका उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना भी होना चाहिए। यह आयोजन उसी सोच की एक झलक है।"

उल्लेखनीय है कि उल्हास जनपथ ने अपनी पत्रकारिता यात्रा में एक दशक पूरा कर लिया है और इस मौके को समाजसेवा से जोड़कर एक प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत किया है।












उल्हासनगर में प्रहार संगठन का आक्रोश फूटा – 3 जून को पुलिस उपायुक्त कार्यालय के बाहर विशाल धरना प्रदर्शन।


(फाइल इमेज)

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

प्रहार जनशक्ति पक्ष के सैनिकों ने नागरिक सुरक्षा और पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संगठन की ओर से कल, 3 जून 2025 को सुबह 11 बजे, पुलिस उपायुक्त कार्यालय, परिमंडल-4, उल्हासनगर-3 के बाहर एक विशाल धरना आंदोलन का आयोजन किया गया है।

इस आंदोलन की पृष्ठभूमि में कई गंभीर और चिंताजनक मुद्दे हैं, जिनके खिलाफ प्रहार सैनिक सड़कों पर उतरने को मजबूर हुए हैं। संगठन के अनुसार, पुलिस प्रशासन की लापरवाही, अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई की कमी, और नागरिकों की सुरक्षा से खिलवाड़ जैसे अनेक मुद्दों को लेकर यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

आंदोलन के प्रमुख कारण:

1. उल्हासनगर परिमंडल-4 में अवैध धंधों पर कार्रवाई न होना – क्षेत्र में खुलेआम चल रहे गैरकानूनी व्यापार पर पुलिस की चुप्पी सवालों के घेरे में है।

2. पुलिस कर्मियों द्वारा कथित जबरन वसूली में संलिप्तता – कुछ पुलिसकर्मियों पर संगीन आरोप लगे हैं कि वे खंडणी जैसे मामलों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल हैं।

3. नागरिक सुरक्षा की बदहाल स्थिति – क्षेत्र के नागरिक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, जिससे आम जनता में भय का माहौल है।

4. गंभीर अपराधों में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी में विफलता – अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं जबकि पुलिस उन्हें पकड़ने में असमर्थ साबित हो रही है।

5. पुलिस के सम्मानचिन्ह वाला केक काटने की घटना पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं – यह कृत्य न केवल अनुशासनहीनता है, बल्कि विभाग की गरिमा को भी ठेस पहुंचाने वाला है।

6. दिव्यांग नागरिकों पर अत्याचार और कानून की अनदेखी – दिव्यांग व्यक्तियों के साथ हो रही मारपीट की घटनाओं पर एफआईआर दर्ज करने में हो रही देरी और दिव्यांग कानून का उल्लंघन अत्यंत गंभीर है!

7. प्रभू श्रीराम के नाम के चौक पर सुबह तक चलरहै है डान्सबार ,तत्कालीन मुख्यमंत्री महोदय के आदेश के बाद तोंडे गऐ थे डान्सबार फिर किस के आदेश से फिरसे बने डान्सबार ?

8. हिललाईन पुलिस स्टेशन के हद्दी मै भाल गांव मै १७ लाख का ड्रग्स ठाणे गुन्हे शाखा ने हस्तगत किया फिर स्थानिक पुलिस की कारवाई क्यो नहीं ?

प्रहार जनशक्ति पक्ष ने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक इन सभी मुद्दों पर त्वरित और कड़ी कार्रवाई नहीं होती। संगठन ने सभी प्रहार सैनिकों और आम नागरिकों से समय पर उपस्थित होकर लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज़ बुलंद करने की अपील की है।

🛑 आंदोलन का विवरण:

📍 स्थान: पुलिस उपायुक्त कार्यालय, परिमंडल - 4, उल्हासनगर - 3

🕚 समय: सुबह 11 बजे

📅 तारीख: 3 जून 2025

प्रहार संगठन का यह आंदोलन केवल एक विरोध नहीं, बल्कि व्यवस्था में सुधार की एक निर्णायक पुकार है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस जनआंदोलन को कितनी गंभीरता से लेता है।












देशभक्ति और पर्यावरण संरक्षण का अद्वितीय संगम: ऑपरेशन सिंदूर के समर्पण कार्यक्रम में IRS अधिकारी समीर वानखेडे की गरिमामयी उपस्थिति।


 






मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई, आरे कॉलोनी: राष्ट्रप्रेम और हरित भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बना "ऑपरेशन सिंदूर" — एक भव्य आयोजन जो देश के वीर जवानों को समर्पित था। इस प्रेरणादायक कार्यक्रम में भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ अधिकारी श्री समीर वानखेडे ने विशिष्ट अतिथि के रूप में सहभागिता की। यह अवसर और भी विशेष हो गया जब उन्हें शिवसेना के माननीय सांसद श्री रविंद्र वायकर द्वारा आमंत्रित किया गया।

आरे की हरियाली में गूंजती देशभक्ति की भावना और प्रकृति से जुड़ाव की चेतना ने इस आयोजन को एक सामाजिक आंदोलन का रूप दे दिया। ऑपरेशन सिंदूर केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक राष्ट्र को जागरूक करने वाली पहल थी — जिसमें सफाई अभियान और वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।

इस अवसर पर श्री वानखेडे ने अपने संबोधन में कहा,

"हमारे सच्चे नायक वे सैनिक हैं जो सीमाओं पर अपने प्राणों की आहुति देते हैं। उनके बलिदान को केवल शब्दों में नहीं, कर्मों में भी याद किया जाना चाहिए। पर्यावरण की रक्षा और समाज के हित में कार्य करना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि है।"

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, समाजसेवी, अधिकारी और युवा स्वयंसेवक मौजूद थे, जिन्होंने हाथों में तिरंगा और दिलों में देश के लिए सम्मान लिए सफाई और पौधारोपण में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

ऑपरेशन सिंदूर उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा बना, जो राष्ट्र निर्माण में छोटे-छोटे सकारात्मक प्रयासों को भी महत्वपूर्ण मानते हैं। यह आयोजन न केवल जवानों को श्रद्धांजलि था, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को पर्यावरण और देशप्रेम के प्रति सजग करने का सार्थक प्रयास भी।

यह स्पष्ट है कि जब प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और आम जनता एकजुट होकर कार्य करें, तो देशभक्ति केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रहती — वह हर गली, हर पेड़, हर स्वच्छ पहल में जीवंत हो उठती है।




















उल्हासनगर में प्लास्टिक बंदी को लेकर बड़ा खुलासा: प्रशासन की कार्रवाई सिर्फ छोटे व्यापारियों तक सीमित, बड़े उद्योगपति निशाने से बाहर!


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

प्लास्टिक प्रतिबंध को लेकर उल्हासनगर में एक नया प्रशासनिक विवाद सामने आया है, जिसने नगर की व्यापारिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ, उल्हासनगर के महासचिव विजय खटवानी ने इस मुद्दे को लेकर उल्हासनगर महानगर पालिका आयुक्त को एक औपचारिक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें छोटे व्यापारियों के साथ हो रहे अन्याय पर गहरी नाराज़गी जताई गई है।

छोटे दुकानदारों पर कार्रवाई, बड़े उद्योगों को खुली छूट?

श्री खटवानी ने अपने ज्ञापन में यह स्पष्ट किया कि प्लास्टिक पर प्रतिबंध की आड़ में कार्रवाई का सारा बोझ सिर्फ फेरीवालों और छोटे दुकानदारों पर डाला जा रहा है। उल्हासनगर में उनकी दुकानों पर बार-बार छापेमारी की जा रही है, भारी-भरकम जुर्माने लगाए जा रहे हैं, जिससे इनका कारोबार चौपट होने की कगार पर पहुंच गया है।

लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बड़े प्लास्टिक उत्पादकों, कारखानों और निर्माण इकाइयों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। न तो उन पर छापे मारे जा रहे हैं, न ही जुर्माने लगाए जा रहे हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि प्रशासन की नजर में कानून सिर्फ कमजोरों के लिए है।

व्यापारी प्रकोष्ठ ने उठाई निष्पक्षता की मांग

श्री खटवानी ने आयुक्त से इस दोहरे रवैये पर तत्काल संज्ञान लेने और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि यह असंतुलन जारी रहा, तो छोटे व्यापारियों में असंतोष और भय का वातावरण और गहरा होगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचेगा।

व्यापारियों में आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी संभव

इस ज्ञापन के सामने आते ही उल्हासनगर के व्यापारिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। व्यापारी वर्ग में भारी आक्रोश व्याप्त है और यदि प्रशासन ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो संगठित आंदोलन की चेतावनी दी जा रही है।

क्या प्रशासन व्यापारियों की आवाज सुनेगा या बड़े पूंजीपतियों के दबाव में खामोश रहेगा? यह सवाल अब उल्हासनगर की जनता के सामने है।












ILS लॉ कॉलेज में नशे के खिलाफ बड़ा जागरूकता अभियान, IRS अधिकारी समीर वानखेड़े होंगे मुख्य वक्ता।


पुणे: दिनेश मीरचंदानी 

नशीली दवाओं की समस्या और उससे जुड़े कानूनी पहलुओं को लेकर एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन आईएलएस लॉ कॉलेज, पुणे में किया जा रहा है। यह कार्यक्रम “दर्द से हमदर्द तक ट्रस्ट” द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पुणे के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

इस विशेष कार्यक्रम का शीर्षक है:

“नशीली दवाओं की भूलभुलैया को समझना: युवा, लत और भारत में इसके कानूनी परिणाम”

यह आयोजन 24 मई 2025 (शनिवार) को सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक आईएलएस लॉ कॉलेज परिसर में होगा।

इस अवसर पर प्रमुख वक्ता के रूप में भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ अधिकारी श्री समीर वानखेड़े उपस्थित रहेंगे, जो मादक पदार्थों के खिलाफ अभियानों और कानून के क्रियान्वयन में अपनी विशेष भूमिका के लिए देशभर में प्रसिद्ध हैं।

कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और युवाओं को मादक पदार्थों की लत, इसके सामाजिक दुष्परिणाम और भारत में इसके कानूनी परिणामों के प्रति जागरूक करना है। यह पहल “पाठ्यपुस्तक से परे: आपराधिक कानून और विधिक सहायता में इंटर्नशिप अनुभव” के तहत की जा रही है, जिससे विद्यार्थियों को कानून की वास्तविक दुनिया से जोड़ने का अवसर मिलेगा।

इस तरह के आयोजनों से उम्मीद की जा रही है कि युवा वर्ग में नशे के खिलाफ एक मजबूत चेतना विकसित होगी और वे अपने अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति अधिक जागरूक बनेंगे।












IRS अधिकारी समीर वानखेड़े को मिलेगा डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत पुरस्कार — मुंबई बनेगा राष्ट्रीय गौरव का साक्षी।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देशभर के लिए गर्व का क्षण, जब भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ अधिकारी श्री समीर वानखेड़े को डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। वानखेड़े को यह पुरस्कार भारत में मादक पदार्थों के नेटवर्क के खिलाफ निर्णायक और साहसिक कार्रवाई के लिए दिया जा रहा है। उन्होंने कानून व्यवस्था और समाज की सुरक्षा को सुदृढ़ करने में जो योगदान दिया है, वह अतुलनीय और प्रेरणादायक है।

यह राष्ट्र स्तरीय सम्मान समारोह "मुंबई सीज़न-8" के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है, जिसकी संकल्पना एवं आयोजन प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती सोनिया मेयर्स द्वारा की गई है। यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम 30 मई 2025 को मुंबई के यशवंतराव चव्हाण केंद्र, मंत्रालय के पास, शाम 6 बजे आयोजित किया जाएगा।

कार्यक्रम की भव्यता को और अधिक गौरवपूर्ण बनाएंगे महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल श्री सी. पी. राधाकृष्णन, जो मुख्य अतिथि के रूप में इस समारोह में शिरकत करेंगे।

यह मंच शिक्षा, नवाचार, सामाजिक परिवर्तन और नेतृत्व के क्षेत्र में देश को दिशा देने वाले व्यक्तित्वों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करने के लिए समर्पित है। इस आयोजन में विविध क्षेत्रों के प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, अधिकारीगण और युवावर्ग बड़ी संख्या में उपस्थित रहेंगे।

एपीजेएमसी के सलीम शेख के सहयोग से हो रहा यह आयोजन न केवल एक सम्मान समारोह है, बल्कि यह युवाओं को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करने वाला एक ऐतिहासिक क्षण होगा।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने राष्ट्रनिर्माण, समाज-सुधार और नेतृत्व में अतुलनीय योगदान दिया हो। समीर वानखेड़े की सेवाएं इस दिशा में देश के लिए एक प्रेरणा और मिशन का रूप बन चुकी हैं।

यह आयोजन न केवल मुंबई बल्कि पूरे देश के लिए एक गौरवशाली उपलब्धि का प्रतीक बनकर उभरेगा, जो आने वाली पीढ़ियों को साहस, ईमानदारी और निष्ठा के साथ राष्ट्र की सेवा करने का संदेश देगा।












नशा मुक्त भारत को नई ऊर्जा: IRS अधिकारी समीर वानखेडे ने अंबरनाथ में भरी हुंकार, नारी शक्ति के योगदान को बताया निर्णायक।


 






अंबरनाथ: दिनेश मीरचंदानी 

नशा मुक्त भारत अभियान को गति देते हुए वरिष्ठ IRS अधिकारी समीर वानखेडे ने अंबरनाथ में एक प्रभावशाली कार्यक्रम में हिस्सा लिया और समाज को नशामुक्त बनाने के लिए मजबूत जनजागृति का संदेश दिया। यह महत्वपूर्ण आयोजन प्रसिद्ध समाजसेवी डॉ. कृष्ण भावले और नगरसेवक श्री सुभाष सालुंखे के संयोजन में संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में जनसामान्य, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा शामिल हुए।

कार्यक्रम के दौरान श्री वानखेडे ने अपने संबोधन में कहा, “नशा केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज की नींव को कमजोर करता है। आज जरूरत है ऐसे प्रयासों की जो मानसिक और सामाजिक चेतना को जागृत करें। नशा मुक्ति एक आंदोलन नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का अभियान है।”

कार्यक्रम का विशेष आकर्षण ‘नारी शक्ति कार्यक्रम’ रहा, जिसमें महिला सशक्तिकरण की भावना को नए आयाम मिले। इस अवसर पर महाराष्ट्र विधान परिषद की सम्माननीय सदस्य श्रीमती मनीषा कयांडे, अंबरनाथ के लोकप्रिय विधायक डॉ. बालाजी किनीकर तथा शिवसेना कल्याण जिला प्रमुख श्री गोपाल लांडे मंच पर उपस्थित रहे।

इस मंच से बोलते हुए श्री वानखेडे ने कहा, “नारी शक्ति ही परिवर्तन की असली वाहक है। यदि महिलाएं नशा मुक्ति अभियान में अग्रसर होती हैं, तो समाज को एक नई दिशा मिलेगी। माताएं, बहनें और बेटियां यदि नशे के खिलाफ खड़ी हो जाएं, तो यह सामाजिक बुराई खुद समाप्त हो जाएगी।”

कार्यक्रम में युवाओं ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया और नशा मुक्त भारत की शपथ ली। आयोजन में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भी सामाजिक संदेशों का प्रभावी संप्रेषण किया गया।

यह आयोजन न केवल अंबरनाथ के लिए बल्कि पूरे महाराष्ट्र में नशा मुक्ति और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल बनकर उभरा है। समीर वानखेडे की सक्रिय भागीदारी ने अभियान को नई ऊर्जा प्रदान की है।



















भाजपा उल्हासनगर व्यापारी प्रकोष्ठ के तरफ से समीर वानखेडे (IRS अधिकारी) का भव्य स्वागत, प्रशासनिक निष्ठा को समाज का सलाम।


 




उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी

उल्हासनगर में 11 मई 2025 के दिन एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनते हुए भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के वरिष्ठ अधिकारी समीर वानखेडे का भव्य स्वागत किया। भारतीय जनता पार्टी (उल्हासनगर व्यापारी प्रकोष्ठ) के तत्वावधान में शिवाजी चौक, उल्हासनगर-3 पर आयोजित इस सम्मान समारोह में हजारों की संख्या में नागरिकों ने भाग लिया।

समारोह की शुरुआत समीर वानखेडे द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई। उनकी यह श्रद्धांजलि राष्ट्रभक्ति और मराठा गौरव की भावना को प्रबल कर गई। उपस्थित लोगों ने 'जय शिवाजी' और 'जय भारत' के नारों से समारोह स्थल को देशभक्ति के माहौल से भर दिया।

इस अवसर पर भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के प्रतिनिधियों के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक संगठनों और गणमान्य नागरिकों ने भी समीर वानखेडे के प्रशासनिक योगदान की सराहना की। वक्ताओं ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध उनके दृढ़ रुख और निष्पक्ष कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए उन्हें आने वाली पीढ़ियों के लिए "आदर्श प्रशासक" की उपाधि दी।

समारोह न केवल एक स्वागत कार्यक्रम था, बल्कि यह प्रशासनिक ईमानदारी और राष्ट्रसेवा को जनसमूह द्वारा दिया गया सामूहिक सम्मान था। कार्यक्रम के अंत में शहरवासियों में एक नई ऊर्जा, प्रेरणा और सामाजिक एकता की भावना देखी गई, जो समीर वानखेडे की निष्ठा का प्रत्यक्ष परिणाम रही।

यह आयोजन उल्हासनगर ही नहीं, बल्कि पूरे महाराष्ट्र के लिए एक सशक्त संदेश बनकर उभरा— कि सत्य और कर्तव्य के मार्ग पर चलने वाले अधिकारियों को समाज न केवल सम्मान देता है, बल्कि उन्हें आदर्श के रूप में स्थापित भी करता है।




















मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिवंगत मनीषा सुशांत भिसे के बच्चों के इलाज हेतु 24 लाख रुपये की आर्थिक सहायता को दी मंजूरी।


पुणे: दिनेश मीरचंदानी 

दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल प्रकरण में दिवंगत मनीषा सुशांत भिसे के दो मासूम बच्चों के उपचार के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री श्री. देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री सहायता निधि से कुल 24 लाख रुपये की आर्थिक मदद को स्वीकृति दी है।

इस सहायता के अंतर्गत एक बच्चे के लिए 10 लाख रुपये तथा दूसरे के लिए 14 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई है। यह निर्णय राज्य सरकार की मानवीय और संवेदनशील कार्यपद्धती को दर्शाता है, जो आपातकालीन स्थितियों में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी रहती है।

दिवंगत मनीषा भिसे का प्रकरण पूरे राज्य में चर्चा का विषय रहा है, और इस घटनाक्रम के पश्चात उनके बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया था। मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान की गई यह आर्थिक सहायता न केवल बच्चों के चिकित्सा उपचार में सहायक सिद्ध होगी, बल्कि उनके बेहतर भविष्य की दिशा में एक सशक्त कदम भी मानी जा रही है।

राज्य सरकार द्वारा समय पर लिया गया यह निर्णय सामाजिक उत्तरदायित्व और संवेदनशील शासन की मिसाल प्रस्तुत करता है।

'आगे भी खर्च की राशि दी जाएगी'

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देशानुसार इन बच्चों के इलाज के लिए लगने वाला सारा खर्च मुख्यमंत्री सहायता निधि से स्वीकृत किया जा रहा है।

अब तक के खर्च का बिल अस्पतालों ने भेजा है, और उसे भी मंजूरी मिल चुकी है। आगे के इलाज के लिए जो भी खर्च होगा, उसे भी निधि से स्वीकृत किया जाएगा, ऐसा मुख्यमंत्री सहायता निधि के प्रमुख रमेश्वर नाईक ने बताया।












अंबरनाथ में नशामुक्ति की नई पहल: IRS अधिकारी समीर वानखेडे और क्रांति रेडकर की होगी विशेष उपस्थिति।


अंबरनाथ: दिनेश मीरचंदानी

शहर के प्रख्यात नगरसेवक और सामाजिक कार्यकर्ता मा. सुभाष साळुंके  के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य नशामुक्ति शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यह शिविर रविवार, 11 मई को सुबह 10 बजे से रोटरी क्लब हॉल, वड़वली स्टेशन, अंबरनाथ (पूर्व) में आयोजित किया जाएगा।

इस शिविर का मुख्य उद्देश्य शराब और अन्य व्यसनों की चपेट में आए नागरिकों को नशामुक्त कर एक स्वस्थ, सशक्त और आत्मनिर्भर जीवन की ओर प्रेरित करना है। कार्यक्रम में समुपदेशन, औषधि और उपचार तीनों का समन्वय किया जाएगा।

विशेष आकर्षण:

पहले 100 पंजीकरण करने वालों को मुफ्त उपचार

हार्मोन इंजेक्शन थेरपी द्वारा 48 घंटे में दारू की भावना बंद करने का उपचार

नाममात्र शुल्क (₹100/-) में औषधि उपलब्ध

विशेष उपस्थितियाँ:

मा. समीर वानखेडे (IRS), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व अधिकारी

प्रसिद्ध अभिनेत्री मा. क्रांति रेडकर

शिवसेना नेता मा. सुभाष साळुंके के मार्गदर्शन में

आयोजन की प्रमुख: सौ. सुवर्णा साळुंके

कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. कृष्णचंद्र भागले (नशामुक्ति विशेषज्ञ) एवं सहयोगी मा. सुनील कदम इस शिविर को सफलता की ओर ले जाने हेतु प्रयासरत हैं।

पंजीकरण और जानकारी हेतु संपर्क करें: 9423080608 / 8788515075












महाराष्ट्र दिवस पर हुआ है ज़िलास्तरीय मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष का भव्य उद्घाटन — जरूरतमंद मरीजों को मिलेगा स्थानीय स्तर पर लाभ।


 









मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र दिवस के पावन अवसर पर आज राज्य के प्रत्येक जिले में मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष का विधिवत उद्घाटन संबंधित जिले के पालक मंत्री, मंत्री या राज्यमंत्री के कर-कमलों द्वारा किया गया। यह निर्णय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देशानुसार लिया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को त्वरित व प्रभावी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है।

मुख्यमंत्री सहायता निधि के अंतर्गत मिलने वाली सहायता के लिए अब मरीजों और उनके परिजनों को बार-बार मंत्रालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। जिला स्तर पर शुरू किए गए इन कक्षों के माध्यम से सहायता की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, त्वरित और सुगम बनाया गया है।

मुख्यमंत्री फडणवीस के निर्देशानुसार 22 फरवरी 2025 को इस आशय का शासन निर्णय जारी किया गया था। इसके बाद 23 अप्रैल को स्वयं मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में संबंधित अधिकारियों को इन कक्षों को पूरी क्षमता से कार्यान्वित करने के निर्देश दिए गए थे।

मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष के प्रमुख रामेश्वर नाईक ने जानकारी देते हुए बताया कि अब राज्य के प्रत्येक जिलाधिकारी कार्यालय में यह कक्ष संचालित होगा। इससे मरीजों को उनके ही जिले में मदद मिल सकेगी।

मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष की मुख्य जिम्मेदारियां:

मरीजों व परिजनों को आवेदन प्रक्रिया में सहायता प्रदान करना

प्राप्त आवेदनों की वर्तमान स्थिति की जानकारी देना

मरीजों व परिजनों की समस्याओं का समाधान करना

सहायता प्राप्त मरीजों से अस्पताल जाकर संपर्क करना

कक्ष के प्रति जनजागृति व प्रचार-प्रसार करना

सहायता हेतु बीमारियों की सूची का पुनर्विलोकन करना

आपदा की स्थिति में जिले में तत्काल सहायता पहुंचाना

मुख्यमंत्री सहायता निधि में अधिकतम दान प्राप्त करने के प्रयास करना

आर्थिक सहायता योग्य बीमारियों की संख्या बढ़ाने का प्रयास करना

जनता को मिलने वाले प्रमुख लाभ:

आवेदन करने में मार्गदर्शन व सहायता

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची की सुविधा

संबंधित अस्पतालों की सूची की जानकारी

मंत्रालय तक पहुंचने की आवश्यकता नहीं

आवेदन की स्थिति जिलाधिकारी कार्यालय में ही ज्ञात होगी

यह पहल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की दूरदर्शी सोच को दर्शाती है, जिसका मूल उद्देश्य है—राज्य के प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य सेवा हेतु त्वरित सहायता सुनिश्चित करना। यह निर्णय न केवल प्रशासनिक दक्षता को दर्शाता है, बल्कि इससे जरूरतमंद नागरिकों में सरकार के प्रति विश्वास भी सुदृढ़ होगा।