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गरीब मरीजों का बुरा हाल: उल्हासनगर-3 सेंट्रल हॉस्पिटल में जनरल सर्जरी ठप, अंबरनाथ मेडिकल कॉलेज के डीन पर लापरवाही का आरोप।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

अंबरनाथ मेडिकल कॉलेज को शुरू हुए एक वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है। इस कॉलेज को ग्रामीण हॉस्पिटल बदलापूर, छाया हॉस्पिटल अंबरनाथ, सेंट्रल हॉस्पिटल उल्हासनगर-3 और गवर्नमेंट मैटरनिटी होम उल्हासनगर-4 का प्रशासनिक चार्ज अंबरनाथ मेडिकल कॉलेज के डीन को दिया गया है।

लेकिन इसके बावजूद गरीब मरीजों को आवश्यक उपचार और सर्जरी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं।

सर्जरी बंद — मरीजों को किया जा रहा है जबरन ट्रांसफर

पिछले तीन महीनों से सेंट्रल हॉस्पिटल उल्हासनगर-3 में जनरल सर्जरी पूरी तरह बंद है।

यह आरोप लगाया गया है कि मेडिकल कॉलेज के डीन द्वारा विशेषज्ञ डॉक्टरों को भेजने से लगातार इंकार किया जा रहा है, जिसके कारण गरीब मरीज दर-दर भटकने को मजबूर हैं।

डीन की निष्क्रियता पर उठ रहे गंभीर प्रश्न

स्वास्थ्य विभाग के नियमों के अनुसार, मेडिकल कॉलेज प्रशासन का दायित्व है कि:

स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स को संबद्ध सरकारी अस्पतालों में भेजा जाए

छोटी-बड़ी सभी सर्जरी वहीं पर की जाएं

गरीब मरीजों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिले

लेकिन इन अस्पतालों में न तो विशेषज्ञ डॉक्टर भेजे जा रहे हैं, और न ही सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिसके चलते मरीजों को निजी अस्पतालों में महंगा इलाज करवाना पड़ रहा है।

समाजसेवक हिरो राजाई की चेतावनी

समाजसेवक हिरो राजाई ने कहा है कि यदि अंबरनाथ मेडिकल कॉलेज की ओर से तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात नहीं किए गए, तथा बदलापूर, अंबरनाथ, उल्हासनगर-3 और 4 के सरकारी अस्पतालों में सभी सर्जरी शुरू नहीं की गईं,

तो वे सेंट्रल हॉस्पिटल के गेट पर भूख हड़ताल करने को बाध्य होंगे।

> “गरीब मरीजों का इलाज रुकना बहुत बड़ा अपराध है। सरकारी सुविधाएँ जनता के लिए हैं, न कि फाइलों में बंद रखने के लिए।”

— हिरो राजाई, समाजसेवक

जनता की मांग

✔ तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती

✔ सभी प्रकार की सर्जरी तत्काल शुरू

✔ गरीब मरीजों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ












6 दिसंबर महापरिनिर्वाण दिवस पर उल्हासनगर के सभी विद्यालयों में अवकाश घोषित करने की मांग — मनसे विद्यार्थी सेना ने प्रशासन को सौंपा निवेदन।


 


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

आज माननीय प्रशासन अधिकारी, शिक्षण विभाग एवं उल्हासनगर महानगरपालिका को महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना (मनसे विद्यार्थीसैनिक) की ओर से एक महत्वपूर्ण निवेदन सौंपा गया। निवेदन में मांग की गई कि 6 दिसंबर, जो कि भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस है, उस दिन उल्हासनगर शहर के सभी विद्यालयों में अवकाश घोषित किया जाए।

ज्ञात हो कि 6 दिसंबर को पूरे देशभर में सामाजिक न्याय, समानता, बंधुता और संविधानिक मूल्यों के प्रति श्रद्धा व्यक्त की जाती है। विभिन्न सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक संस्थानों तथा शैक्षणिक संस्थाओं में अभिवादन कार्यक्रम, श्रद्धांजलि सभा और जनजागरण गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं।

इसी दौरान बड़ी संख्या में समाज के लोग चैत्यभूमि, दादर जाकर बाबासाहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। ऐसे में कई विद्यार्थियों को अपने परिवार के साथ वहाँ उपस्थित होना पड़ता है, जिसके चलते उनके लिए विद्यालय में उपस्थित होना संभव नहीं हो पाता।

इसी महत्वपूर्ण संदर्भ को ध्यान में रखते हुए मनसे विद्यार्थी सेना की ओर से उल्हासनगर शहर के सभी स्कूलों के विद्यार्थियों को 6 दिसंबर को अवकाश प्रदान करने की मांग प्रशासन के समक्ष औपचारिक रूप से रखी गई है।

मनसे विद्यार्थी सेना ने प्रशासन से इस मांग पर सकारात्मक निर्णय लेने की अपेक्षा व्यक्त की है।












SEDB के राष्ट्रीय समारोह में डॉ. सागर घाडगे का सम्मान, ADG श्री कृष्ण प्रकाश के हाथों पुरस्कार प्रदान।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

सामाजिक सेवा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ. सागर प्रकाश घाडगे को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित “यूथ आइकॉन सोशल वर्कर अवार्ड” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान SEDB और इको विज़न सोशल फ़ाउंडेशन के संयुक्त आयोजन में प्रदान किया गया, जिसमें देशभर से सामाजिक क्षेत्र के अनेक प्रतिनिधि उपस्थित थे।

सम्मान का गौरवपूर्ण क्षण

इस भव्य समारोह में यह पुरस्कार महाराष्ट्र राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG)

श्री कृष्ण प्रकाश (I.P.S.) के करकमलों से प्रदान किया गया।

समारोह में तालियों की गड़गड़ाहट और सम्मान की भावना से वातावरण गूंज उठा।

डॉ. घाडगे का प्रेरक वक्तव्य

सम्मान प्राप्त करते हुए डॉ. घाडगे ने कहा—

“यह पुरस्कार केवल मेरा नहीं, बल्कि उन सभी वंचित और दिव्यांग साथियों का है जिनके अधिकारों और सशक्तिकरण के लिए हम संघर्षरत हैं। यह सम्मान मेरे सामाजिक मिशन को और अधिक शक्ति और संकल्प प्रदान करता है।”

विशेष आभार व्यक्त

इस अवसर पर डॉ. घाडगे ने विशेष आभार व्यक्त किया—

ज़मीर धाले – संस्थापक, SEDB

जाहिरअहमद बशीऱ मुझावर – संस्थापक, इको विज़न सोशल फ़ाउंडेशन

रोहित शिंदे – उपाध्यक्ष

अभियान जारी — समावेशी समाज का संकल्प

डॉ. सागर प्रकाश घाडगे लंबे समय से दिव्यांगजन अधिकार आंदोलन, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।

उनका लक्ष्य एक समावेशी, संवेदनशील और समान अवसरों वाले सामाजिक ढांचे का निर्माण है।

✨ नए उत्साह और ऊर्जा के साथ समाजहित के कार्य जारी रहेंगे। ✨













उल्हास जनपथ द्वारा जरूरतमंदों के बीच दिवाली की खुशियाँ बाँटीं संपादक शिव कुमार मिश्रा की पहल पर साड़ी, मिठाई, गिफ्ट और पटाखों का वितरण।


 





उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी उल्हास जनपथ कार्यालय, जो कि उल्हासनगर कैम्प क्रमांक 3 स्थित इंदिरा गांधी गार्डन के सामने स्थित है, में दिवाली के पावन अवसर पर जरूरतमंद परिवारों के बीच खुशियाँ बाँटने का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर उल्हास जनपथ के संपादक शिव कुमार मिश्रा की ओर से सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत महिलाओं, बहनों और बच्चों को दिवाली की भेट दी गई।

कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को साड़ी, मिठाई और उपहार, बहनों को सुंदर ड्रेस, मिठाई और गिफ्ट, जबकि बच्चों को पटाखे और मिठाई देकर उनके चेहरों पर मुस्कान बिखेरी गई।

दिवाली के इस शुभ पर्व पर मिश्रा ने कहा कि “दूसरों के जीवन में खुशियाँ बाँटना ही सच्ची दिवाली है।” उन्होंने समाज के सक्षम लोगों से भी अपील की कि वे जरूरतमंदों की सहायता कर इस पर्व को और अधिक अर्थपूर्ण बनाएं।

इस आयोजन में उल्हास जनपथ परिवार के सदस्य, स्थानीय नागरिक और सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

पूरा माहौल उत्साह, अपनापन और प्रकाश से जगमगाता रहा — जैसे मानो पूरे समाज ने एक साथ “सबकी दिवाली – खुशियों वाली दिवाली” मनाई हो।




















‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी महाराज की 350वीं शहीदी गुरुपर्व पर महाराष्ट्र में भव्य आयोजन की घोषणा। पवन सिंधीजी को समिति का सह-अध्यक्ष नियुक्त किया गया।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी महाराज के 350वें शहीदी गुरुपर्व के पावन अवसर पर, देश और विदेश में भव्य स्मृति कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

महाराष्ट्र में इन कार्यक्रमों के सफल आयोजन हेतु महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मार्गदर्शन में महाराष्ट्र सरकार ने राज्यभर में इन समारोहों को आधिकारिक मंजूरी प्रदान की है।

इन आयोजनों की तैयारी और समन्वय के लिए गठित विशेष समिति में, श्री पवन सिंधीजी को सह-अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है।

इस अवसर पर पवन सिंधीजी ने कहा —

“मैं स्वयं को अत्यंत सौभाग्यशाली मानता हूँ कि मुझे ‘गुरु के पवित्र चरणों की सेवा’ का यह अमूल्य अवसर प्राप्त हुआ है। श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का जीवन त्याग, धर्म, और मानवता के सर्वोच्च आदर्शों का प्रतीक है। उनकी शिक्षाएँ आज भी समाज के प्रत्येक वर्ग को एकता, सद्भावना और भाईचारे* का संदेश देती हैं।”

सरकार के अनुसार, यह आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक होगा बल्कि राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सौहार्द और मानवता के मूल्यों को भी सशक्त करेगा।

राज्य के सभी जिलों में विशेष श्रद्धांजलि सभाएँ, सांस्कृतिक कार्यक्रम, एवं जनजागरण अभियान आयोजित किए जाएंगे।

👉 इन कार्यक्रमों का उद्देश्य है —

गुरु तेग बहादुर साहिब जी के अद्वितीय बलिदान** को जन-जन तक पहुँचाना

धर्म, न्याय और मानवाधिकारों की रक्षा** के उनके संदेश का प्रसार करना

युवा पीढ़ी को प्रेरित करना** कि वे *त्याग, सेवा और साहस* के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएँ

यह ऐतिहासिक आयोजन महाराष्ट्र सरकार, सिख समाज और विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं के संयुक्त प्रयास से एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महोत्सव का रूप लेगा।
























भाई ने दी जिंदगी, सरकार ने दिया सहारा: हिंगणघाट के युवक को मिला नया लीवर, मुख्यमंत्री सहायता निधि ने उठाया ३० लाख का खर्च।


वर्धा: दिनेश मीरचंदानी 

एक तरफ रिश्तों में स्वार्थ और दूरी बढ़ती जा रही है, वहीं दूसरी तरफ हिंगणघाट का यह भावुक प्रसंग मानवता और भाईचारे की मिसाल बनकर सामने आया है। एक युवा को उसका छोटा भाई जीवनदान देता है, और महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री सहायता निधि उसकी महंगी सर्जरी का पूरा खर्च उठाकर सामाजिक उत्तरदायित्व का आदर्श प्रस्तुत करती है।

यह कहानी है 25 वर्षीय करण गजानन ठाकरे की, जो हिंगणघाट (जिला वर्धा) का निवासी है और हाल ही में उसे गंभीर लिवर फेलियर का सामना करना पड़ा। डॉक्टरों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिना लीवर ट्रांसप्लांट के उसकी जान बचाना असंभव है। इलाज की अनुमानित लागत करीब 30 लाख रुपये थी, जो ठाकरे परिवार की आर्थिक स्थिति के लिए किसी पहाड़ से कम नहीं थी।

परिवार में संकट, पर भाई ने दिखाई इंसानियत की ऊंचाई

करण के पिता का देहांत पहले ही हो चुका था, मां बीमार रहती हैं और दोनों बहनों की हाल ही में शादी हुई है। परिवार लगभग असहाय था। इसी बीच उसका छोटा भाई चैतन्य ठाकरे सामने आया — और बिना कोई हिचक, उसने अपना लीवर देने का निर्णय लिया। मेडिकल जांचों के बाद जब बहनों का डोनेशन असंभव पाया गया, तब चैतन्य ने हर जोखिम को स्वीकारते हुए भाई के लिए लीवर डोनेट किया।

मुख्यमंत्री सहायता निधि और धर्मादाय मदत कक्ष ने संभाली आर्थिक ज़िम्मेदारी

पैसों की तंगी सबसे बड़ी बाधा थी। स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्थिति को गंभीरता से लिया और मुख्यमंत्री सहायता निधि से संपर्क किया। धर्मादाय मदत कक्ष के रामेश्वर नाइक ने मामला मुख्यमंत्री तक पहुँचाया। इस मानवीय पहल को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत निर्देश दिया कि करण ठाकरे के संपूर्ण इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।

कुल खर्च: ₹30 लाख

परिजनों द्वारा योगदान: ₹5 लाख

मुख्यमंत्री सहायता निधि से सहायता: ₹2 लाख

धर्मादाय मदत कक्ष से शेष ₹23 लाख प्रदान किए गए

यह राशि पुणे स्थित सह्याद्री अस्पताल में की गई जटिल लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए दी गई, जो पूरी तरह सफल रही।

डॉक्टरों की सफलता, सरकार की संवेदना और भाई का बलिदान – बना जीवन रक्षक त्रिकोण

सर्जरी कई घंटे चली, लेकिन डॉक्टरों ने इसे पूरी तरह सफल घोषित किया। करण के शरीर में चैतन्य का लीवर प्रत्यारोपित किया गया और कुछ हफ्तों की निगरानी के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अस्पताल से बाहर निकलते वक्त जब करण ने दोनों हाथ ऊपर उठाकर विजय की मुद्रा में मुस्कराया, तो वह मुस्कान सिर्फ उसके चेहरे की नहीं, बल्कि पूरे परिवार, डॉक्टरों, प्रशासन और सरकार की संयुक्त संवेदना और प्रयास की जीत थी।













सामाजिक संदेश: राजनीति से परे मानवता की मिसाल

यह घटना सिर्फ एक मेडिकल केस नहीं, बल्कि उस सामाजिक ताने-बाने की मिसाल है जहाँ भाई का त्याग, सरकार की तत्परता, और स्वास्थ्य सेवा तंत्र की कुशलता मिलकर किसी की जान बचा सकते हैं। मुख्यमंत्री सहायता निधि ने साबित किया कि यह केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि ज़रूरतमंदों के लिए जीवन रेखा है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में राज्य आरोग्य हमी सोसायटी की नियामक परिषद की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न, जन आरोग्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर गहन विमर्श।


 
















मुंबई: दिनेश मीरचंदानी

मुंबई में 15 सितंबर 2025 के दिन सह्याद्री अतिथिगृह, मंत्रीमंडल सभागृह, मुंबई में राज्य आरोग्य हमी सोसायटी की नियामक परिषद की एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने की। बैठक में महात्मा फुले जन आरोग्य योजना और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से जुड़ी नीतिगत विषयों पर गहन चर्चा की गई।

बैठक का उद्देश्य राज्य में जनस्वास्थ्य योजनाओं के समन्वय, क्रियान्वयन, बजट वितरण तथा सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करना रहा। जनसामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु कई अहम प्रस्तावों और सुझावों पर विचार किया गया।

इस बैठक में आयुष्मान भारत मिशन महाराष्ट्र समिति के अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश शेटे को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने योजनाओं की प्रगति पर प्रस्तुति दी और आवश्यक सुझाव साझा किए।

बैठक में उपस्थित रहे प्रमुख मंत्रीगण:

मंत्री श्री छगन भुजबळ

मंत्री श्री संजय शिरसाठ

मंत्री श्री प्रकाश आबिटकर (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से)

मंत्री श्रीमती अदिती तटकरे (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से)

बैठक में भाग लेने वाले अन्य प्रमुख अधिकारी:

माननीय मंत्री (चिकित्सा शिक्षा)

माननीय मंत्री (सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण)

माननीय राज्य मंत्री (चिकित्सा शिक्षा)

माननीय राज्य मंत्री (सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण)

माननीय मुख्य सचिव

सचिव-1 एवं सचिव-2 (सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग)

सचिव, चिकित्सा शिक्षा एवं औषधि द्रव्य विभाग

आयुक्त, स्वास्थ्य सेवा एवं अभियान संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन

मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य आरोग्य हमी सोसायटी

नियामक परिषद के सदस्य

संचालक, स्वास्थ्य सेवा संचालनालय

संचालक, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संचालनालय

साथ ही अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण एवं तकनीकी विशेषज्ञ

चर्चा के प्रमुख विषय:

जन आरोग्य योजनाओं के समन्वित क्रियान्वयन हेतु नीति सुधार

बजटीय प्रावधानों की समीक्षा व आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता

योजना लाभार्थियों तक सुगम और त्वरित पहुँच सुनिश्चित करने हेतु रणनीति

सरकारी और निजी अस्पतालों के समन्वय को लेकर मार्गदर्शक सिद्धांतों की रूपरेखा

अस्पतालों व आरोग्य केंद्रों में सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने हेतु सुझाव

मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने बैठक में कहा कि “राज्य सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी नागरिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रहे। इन योजनाओं का समुचित व पारदर्शी क्रियान्वयन हमारी प्राथमिकता है।”

यह बैठक राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में नीतिगत परिवर्तन और व्यवस्थित सुधारों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। आगामी महीनों में इन चर्चाओं के आधार पर कई व्यावहारिक निर्णय लिए जाने की संभावना जताई जा रही हैं।












उल्हासनगर में श्रद्धा, एकता और सेवा भाव का संगम — UGMA का 69वां वार्षिक धार्मिक महोत्सव 15 से 17 सितंबर तक चालिहा साहिब मंदिर में भव्य आयोजन।


 

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर के गारमेंट उद्योग जगत की अग्रणी और प्रतिष्ठित संस्था उल्हासनगर गारमेंट्स मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन (UGMA) इस वर्ष भी अपनी समृद्ध परंपरा को कायम रखते हुए 69वां वार्षिक धार्मिक उत्सव भव्य स्तर पर आयोजित करने जा रही है। यह तीन दिवसीय आयोजन 15 से 17 सितंबर 2025 तक पूज्य चालिहा साहिब मंदिर (उल्हासनगर – 421005) में संपन्न होगा।

इस आयोजन का उद्देश्य केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और व्यावसायिक स्तर पर एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण करना है। यह महोत्सव UGMA द्वारा न केवल आस्था और भक्ति का परिचायक है, बल्कि यह व्यापारी समुदाय की एकता, सेवा भावना और सामाजिक जिम्मेदारी को भी सशक्त रूप से दर्शाता है।

🔶 आयोजन की मुख्य विशेषताएं:

धार्मिक कार्यक्रम: संत वाणी, कीर्तन, सत्संग, भजन-प्रवचन और आरती जैसे अध्यात्म से भरपूर आयोजन।

सेवा और समर्पण: आयोजनों में शामिल सभी सेवाएं निःस्वार्थ भाव से UGMA सदस्य एवं समाज के सहयोगियों द्वारा संचालित।

सामाजिक समरसता: आयोजन के माध्यम से व्यापारिक समुदाय के बीच आपसी सहयोग, सौहार्द और भाईचारे को बल मिलेगा।

🔶 UGMA की समाज को अपील:

UGMA ने उल्हासनगर के सभी व्यापारी बंधुओं, दुकानदारों, उद्यमियों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस पुण्य आयोजन में तन, मन और धन से सहभागी बनकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं और इस आध्यात्मिक यात्रा का भाग बनें।

UGMA के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि संस्था का उद्देश्य केवल धार्मिक आयोजनों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को जोड़ने, सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने और व्यापारिक समृद्धि को प्रेरित करने की दिशा में निरंतर सक्रिय रहना है।

🔶 UGMA – एक प्रेरणा, एक आंदोलन:

69 वर्षों से UGMA न केवल उल्हासनगर में व्यापारी वर्ग की आवाज बनी हुई है, बल्कि समय-समय पर सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक मंचों के माध्यम से समुदाय को संगठित और प्रेरित करती आ रही है। यह धार्मिक उत्सव उसी दीर्घकालीन विरासत का हिस्सा है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणास्रोत बनता जा रहा है।

📍स्थान: पूज्य चालिहा साहिब मंदिर, उल्हासनगर – 421005
📅 तिथियां: 15, 16 और 17 सितंबर 2025
⏰ समय: पूरे दिन विविध धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम

👉 आइए, मिलकर इस भक्ति, सेवा और समर्पण के पर्व का हिस्सा बनें। UGMA के साथ जुड़ें और उल्हासनगर की सामाजिक और आध्यात्मिक ऊर्जा को और अधिक सशक्त बनाएं।




















उल्हासनगर के व्यापारिक नेताओं ने लाल साई होजियरी एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश बजाज के कार्यक्रम में गणपति दर्शन किए।


 




उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

गणपति विसर्जन के पावन अवसर पर लाल साई होजियरी एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश बजाज के निवास पर आयोजित कार्यक्रम में शहर के गणमान्य व्यक्तियों, राजनीतिक नेताओं एवं विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने गणपति के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश बजाज ने सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं पारंपरिक सम्मान के साथ उनका आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में शहर की जानी-मानी हस्तियों की उपस्थिति ने इसे एक विशेष गरिमा प्रदान की।

कार्यक्रम में उपस्थित रहे प्रमुख व्यक्तित्वों में उल्हासनगर भाजपा के आमदार कुमार ऐलानी, उल्हासनगर भाजपा अध्यक्ष राजेश वध्रया,भाजपा के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप रामचंदानी, भाजपा नेता महेश सुखरमानी, जमनु पुरस्वानी, लाल पंजाबी, राजू जग्यासी एवं अमित वाधवा शामिल रहे।

वहीं, भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के नेता नरेश ठारवानी ने अपनी पूरी टीम के साथ पहुंचकर गणपति दर्शन किए और कार्यक्रम की सफलता की शुभकामनाएं दीं।

इसके अलावा, शहर के प्रमुख व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों ने भी सामूहिक रूप से दर्शन किए। इनमें लाल साई होजियरी एसोसिएशन, होल गारमेंट्स एसोसिएशन, यूएसडब्ल्यूए एसोसिएशन, फटाका व्यापारी एसोसिएशन तथा अमन टॉकीज रोड के व्यापारी संघ के सदस्य प्रमुख थे।

अंत में, समाज सेवक रमेश बजाज ने आए हुए सभी गणमान्य व्यक्तियों, नेताओं, व्यापारियों एवं संगठनों का तहे दिल से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सभी के स्नेह और सहयोग से यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और उन्हें उम्मीद है कि भगवान गणपति सभी पर अपनी कृपा बनाए रखेंगे।













आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े को जल्द मिल सकती है आयुक्त पद की जिम्मेदारी।


नई दिल्ली: दिनेश मीरचंदानी 

भारतीय प्रशासनिक गलियारों से एक बड़ी खबर सामने आई है। भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) मुंबई ज़ोन के प्रमुख रहे समीर वानखेड़े को शीघ्र ही आयुक्त (Commissioner) पद पर नियुक्त किया जा सकता है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में प्रक्रिया अंतिम चरण में है और औपचारिक आदेश किसी भी समय जारी हो सकता है।

हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) के आदेश को बरकरार रखते हुए वानखेड़े की पदोन्नति का रास्ता साफ कर दिया था। अदालत के इस निर्णय के बाद उनके लिए उच्च प्रशासनिक जिम्मेदारी की संभावना और प्रबल हो गई है।

समीर वानखेड़े का नाम देशभर में उस समय चर्चा में आया था जब उन्होंने एनसीबी में रहते हुए कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच की थी। उनकी पहचान एक सख्त और निष्पक्ष अधिकारी के रूप में रही है। यही कारण है कि उनकी संभावित नियुक्ति को राजस्व विभाग में एक अहम बदलाव माना जा रहा है।

प्रशासनिक विशेषज्ञों का मानना है कि वानखेड़े की नई भूमिका न केवल विभागीय कार्यप्रणाली को सशक्त बनाएगी, बल्कि उनके लंबे अनुभव और दृढ़ता का भी सकारात्मक प्रभाव दिखाई देगा।

👉 समीर वानखेड़े की आयुक्त पद पर नियुक्ति को लेकर अब सभी की निगाहें केंद्र सरकार के औपचारिक आदेश पर टिकी हैं।












लालबाग गणपति पंडाल में VIP–नॉन VIP दर्शन व्यवस्था पर विवाद गहराया, मानवाधिकार आयोग में शिकायत।


 





मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देश-विदेश में प्रसिद्ध लालबाग का राजा गणपति पंडाल इस बार दर्शन व्यवस्था को लेकर विवादों में आ गया है। गणेशोत्सव के दौरान लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बने इस पंडाल में दर्शन के लिए VIP और नॉन-VIP लाइनें अलग-अलग बनाए जाने को लेकर तीखी आपत्तियां दर्ज की जा रही हैं।

इसी संदर्भ में एडवोकेट आशीष राय और पंकज मिश्रा ने महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। उनका तर्क है कि धार्मिक आयोजन में VIP संस्कृति को बढ़ावा देना न केवल भक्तों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह सामाजिक समानता की भावना के भी खिलाफ है।

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि VIP दर्शन की सुविधा से आम श्रद्धालुओं को लंबे समय तक कठिन परिस्थितियों में कतारों में खड़ा रहना पड़ता है, जबकि कुछ चुनिंदा लोगों को विशेषाधिकार दिया जा रहा है। उन्होंने इसे धार्मिक भेदभाव और अन्यायपूर्ण व्यवस्था करार दिया है।

मानवाधिकार आयोग से की गई शिकायत में मांग की गई है कि आयोग तत्काल इस मामले पर संज्ञान ले और VIP–नॉन VIP दर्शन व्यवस्था को समाप्त करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी करे, ताकि हर भक्त को बिना भेदभाव के समान अवसर मिल सके।

👉 इस प्रकरण के सामने आने के बाद गणेश मंडल की भूमिका, प्रशासन की कार्यशैली और VIP संस्कृति पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी बड़ा रूप ले सकता है, क्योंकि यह सीधे तौर पर भक्तों की आस्था और अधिकारों से जुड़ा हुआ है।




















लालबाग का राजा दर्शन व्यवस्था पर मचा बवाल, भक्तों ने उठाई आवाज – ‘शिर्डी-तिरुपति जैसी हो सिस्टम’


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देश की सबसे भव्य और लोकप्रिय गणेश मंडलियों में से एक लालबाग का राजा इन दिनों चर्चा के केंद्र में है। गणेशोत्सव के दौरान लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन इस बार भक्तों की भीड़ के बीच एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।

सूत्रों के मुताबिक, कई श्रद्धालुओं की शिकायतें आ रही हैं कि दर्शन के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। भक्तों का कहना है कि उन्हें बिना पैसे दिए सुचारू रूप से दर्शन कर पाना मुश्किल हो रहा है। इन आरोपों के बाद अब मंडल की व्यवस्था और पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं।

विकलांग और सीनियर सिटीजन के लिए भी अलग से दर्शन की लाइन की व्यवस्था होनी चाहिए।

भक्तों की मांग – ‘पैड व फ्री दर्शन की आधिकारिक व्यवस्था’

भक्तों का मानना है कि लालबाग का राजा मंडल को शिर्डी साईं बाबा और तिरुपति बालाजी की तर्ज पर दर्शन व्यवस्था लागू करनी चाहिए।

फ्री दर्शन लाइन: सभी आम श्रद्धालुओं के लिए बिना किसी शुल्क के।

पैड दर्शन लाइन: उन भक्तों के लिए जो जल्दी दर्शन करना चाहते हैं और इसके लिए आधिकारिक टिकट खरीद सकते हैं।

श्रद्धालुओं का कहना है कि यदि यह व्यवस्था लागू की जाती है तो:

1. अव्यवस्था और अवैध वसूली पर रोक लगेगी।

2. भ्रष्टाचार समाप्त होगा और व्यवस्था पारदर्शी बनेगी।

3. मंडल की आधिकारिक आय में बढ़ोतरी होगी, जिससे समाजसेवा और लोकहितकारी कार्यों के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे।

विशेषज्ञों की राय

सामाजिक कार्यकर्ताओं और धार्मिक मामलों के जानकारों का कहना है कि लाखों की भीड़ को संभालने के लिए आधुनिक और पारदर्शी दर्शन व्यवस्था अनिवार्य है। उनका मानना है कि यदि मंडल इस दिशा में कदम उठाता है तो भक्तों का विश्वास और अधिक मजबूत होगा और लालबाग का राजा की प्रतिष्ठा भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी।

आगे की राह

अब सभी की निगाहें लालबाग का राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल पर टिकी हैं। क्या मंडल भक्तों की इस मांग पर विचार करेगा? क्या आने वाले समय में यहां शिर्डी और तिरुपति जैसी ऑफिशियल फ्री और पैड दर्शन व्यवस्था देखने को मिलेगी? इसका फैसला जल्द ही सामने आ सकता है।



















दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: समीर वानखेड़े की प्रोन्नति पर लगी रोक हटाई, केंद्र को 4 हफ्ते में आदेश लागू करने का निर्देश।


नई दिल्ली: दिनेश मीरचंदानी 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) के आदेश को बरकरार रखते हुए भारतीय राजस्व सेवा (IRS) और पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) अधिकारी समीर ज्ञानदेव वानखेड़े को प्रोन्नति दिए जाने का रास्ता साफ कर दिया है। अदालत ने केंद्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें CAT के दिसंबर 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी।

पृष्ठभूमि

28 अगस्त 2025 को सुनाए गए इस फैसले में हाईकोर्ट ने CAT के निर्देश को सही ठहराया, जिसके तहत सरकार को “सिल बंद लिफाफा” खोलकर वानखेड़े को UPSC की सिफारिश के आधार पर 1 जनवरी 2021 से अतिरिक्त आयुक्त (कस्टम्स एवं अप्रत्यक्ष कर) के पद पर पदोन्नत करने और उनका नाम वरिष्ठता सूची में शामिल करने का आदेश दिया गया था।

केंद्र का पक्ष

केंद्र की ओर से सीजीएससी (CGSC) आशिष के. दिक्षित ने अदालत में दलील दी कि वानखेड़े पर कई गंभीर आरोप लंबित हैं।

सीबीआई ने मई 2023 में FIR दर्ज की।

ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत ECIR दर्ज की।

2022 में दो बार गंभीर दंड प्रस्तावों वाली चार्ज-शीट का प्रारूप तैयार हुआ।

इसके अलावा जाति प्रमाणपत्र में कथित फर्जीवाड़ा, विदेशी यात्राओं व महंगी घड़ियों की खरीद जैसे मुद्दे भी लंबित थे।

सरकार का तर्क था कि यही कारण था कि उनकी पदोन्नति “सिल बंद लिफाफा” प्रक्रिया के तहत रोकी गई।

वानखेड़े का पक्ष

वरिष्ठ वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के K.V. Jankiraman (1991) केस का हवाला देते हुए कहा कि “सिल बंद लिफाफा” नीति केवल तीन स्थितियों में लागू होती है—

1. चार्ज मेमो जारी होने पर

2. आपराधिक केस में चार्ज-शीट दायर होने पर

3. अधिकारी निलंबित होने पर

वानखेड़े पर इनमें से कोई भी स्थिति लागू नहीं थी। उन्हें न चार्ज-शीट दी गई थी, न निलंबन हुआ था। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मार्च 2024 में SIT द्वारा जुटाए गए सबूतों पर रोक लगाई थी, और CVC ने आगे की कार्रवाई टाल दी थी।

न्यायालय की टिप्पणी

हाईकोर्ट ने कहा कि केवल प्रारंभिक जांच के आधार पर किसी अधिकारी की पदोन्नति नहीं रोकी जा सकती। यदि आरोप इतने गंभीर थे तो सरकार के पास निलंबन का विकल्प था, जो इस्तेमाल नहीं किया गया। लिहाज़ा CAT के आदेश में कोई खामी नहीं पाई गई और केंद्र को चार हफ्तों के भीतर प्रोन्नति आदेश लागू करने का निर्देश दिया गया।

समीर वानखेड़े का करियर

2008 बैच के आईआरएस अधिकारी वानखेड़े, मुंबई में एनसीबी के जोनल डायरेक्टर के रूप में कार्य करते हुए 2021 के बहुचर्चित कोर्डेलिया क्रूज ड्रग केस की जांच के दौरान सुर्खियों में आए थे। इसी दौरान उन पर राजनीतिक विवाद और विभिन्न जांचें भी शुरू हुईं।

👉 हाईकोर्ट के इस फैसले से समीर वानखेड़े के करियर को बड़ी राहत मिली है और अब उनके अतिरिक्त आयुक्त पद पर पदोन्नत होने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है।













जॉली LLB 3 पर विवाद: हाईकोर्ट के वकीलों ने CBFC में दर्ज कराई शिकायत, न्यायपालिका की गरिमा भंग करने का आरोप।


 






मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

बॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म जॉली LLB 3 अपने रिलीज़ से पहले ही विवादों में घिर गई है। फिल्म के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष राय और पंकज मिश्रा ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि फिल्म की सामग्री न्यायपालिका की गरिमा को आहत करती है और वकील समुदाय की छवि को हास्यास्पद रूप में प्रस्तुत करती है।

शिकायत के मुख्य बिंदु:

फिल्म जॉली LLB 3 का रिलीज़ 19 सितंबर को प्रस्तावित है।

हाल ही में जारी टीज़र में वकीलों को “जोकर” की तरह लड़ते-झगड़ते दिखाया गया है, जिससे वकीलों की पेशेवर छवि को नकारात्मक रूप से पेश किया गया है।

फिल्म के संवाद और दृश्य अदालत की कार्यप्रणाली को मजाकिया ढंग से दिखाते हैं, जो न केवल वकीलों की प्रतिष्ठा बल्कि न्यायपालिका की गरिमा पर भी सीधा प्रहार माना जा रहा है।

इससे पहले फिल्म श्रृंखला की पिछली कड़ियों (जॉली LLB और जॉली LLB 2) में भी अदालतों और वकीलों को हास्य और व्यंग्य के माध्यम से चित्रित किया गया था।

शिकायतकर्ताओं की मांग:

शिकायत में स्पष्ट कहा गया है कि फिल्म निर्माता और कलाकार जानबूझकर न्यायिक संस्थानों की साख को ठेस पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका उद्देश्य न्यायपालिका का मज़ाक उड़ाकर व्यावसायिक लाभ कमाना है।

फिल्म को रिलीज़ से पहले दोबारा सेंसर किए जाने की मांग की गई है।

साथ ही, फिल्म को प्रमाणन या किसी भी प्रकार की मान्यता देने पर रोक लगाने का आग्रह भी किया गया है।

न्यायपालिका की गरिमा बनाम मनोरंजन

वकीलों का कहना है कि अदालत और न्यायिक कार्यप्रणाली समाज में विश्वास और न्याय की नींव हैं। ऐसे में, फिल्मों के माध्यम से इस गरिमा को भंग करना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक संकेत है।

अब देखना यह होगा कि CBFC इस शिकायत पर क्या रुख अपनाता है और क्या जॉली LLB 3 नियोजित तारीख पर रिलीज़ हो पाएगी या नहीं।




















गणेशोत्सव पर राज्यव्यापी " श्रीगणेशा आरोग्याचा "अभियान के तहद समुदाय आरोग्य शिबीर का आयोजन।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

गणेशोत्सव के पावन अवसर पर महाराष्ट्र सरकार ने एक व्यापक जनकल्याणकारी पहल की घोषणा की है। मुख्यमंत्री सचिवालय अंतर्गत मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कक्ष तथा धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष के समन्वय से पूरे राज्य में "श्रीगणेशा आरोग्य" अभियान के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे।

यह अभियान 27 अगस्त 2025 से 5 सितंबर 2025 तक सभी जिलों में चलाया जाएगा। इन शिविरों के माध्यम से नागरिकों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। साथ ही चिकित्सा सेवा, निदान, परामर्श और उपचारात्मक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी।

मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कक्ष ने जिला प्रशासन से अपील की है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्ध मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर, मेडिकल विद्यार्थी और पैरा मेडिकल स्टाफ इन शिविरों में सक्रिय सहयोग दें। इसके साथ ही आवश्यक चिकित्सा संसाधन, दवाइयाँ और उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएँ।

इन शिविरों के सफल आयोजन के लिए धर्मादाय अस्पताल, महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना से संबद्ध अस्पताल, जिला सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की अधीनस्थ संस्थाएँ, HLL, STEMI नेटवर्क, अन्न व औषधि प्रशासन, और सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा।

सरकार का मानना है कि यह सामुदायिक स्वास्थ्य अभियान न केवल गणेशोत्सव को सामाजिक-सेवा के रूप में सार्थक करेगा बल्कि नागरिकों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा।

👉 मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कोष एव धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष के दायित्व मे होगा।

यदि आपको किसी भी प्रकार का कार्य हो तो आप इस नंबर 022 2202 0045 पर संपर्क कर सकते हैं।















उल्हासनगर में पानी बिल वृद्धि पर रोक: उल्हास सिटिज़न्स फ़ोरम की तीन महीने की जंग रंग लाई, अब स्थायी रद्दीकरण की मांग तेज़।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर में पानी के बिलों में की गई वृद्धि पर फिलहाल रोक लगा दी गई है, हालांकि इसे स्थायी रूप से रद्द नहीं किया गया है। इस मुद्दे पर उल्हास सिटिज़न्स फ़ोरम के अध्यक्ष नरेश कुमार ताहिलरामाणी और उनकी टीम पिछले तीन महीनों से लगातार जनजागृति और संघर्ष कर रहे हैं।

फ़ोरम ने तीन महीने पहले एक वीडियो संदेश के माध्यम से UMC कमिश्नर से अपील की थी कि पानी के बिलों में वृद्धि न की जाए, पानी की पाइप लाइन लीकेज को तुरंत बंद करवाया जाए और स्वच्छ व समान जल वितरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी उजागर किया कि “ब्लू लाइन” प्रोजेक्ट फेल हो जाने के कारण आज भी GI पाइप से पानी की सप्लाई की जा रही है।

मिडक (MIDC) द्वारा भेजे गए ₹550 करोड़ के बिल को सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने कम करवाया था, फिर भी पानी के बिल बढ़ाने का निर्णय जनता के लिए अनुचित बताया गया। फ़ोरम का कहना है कि UMC के लगभग ₹1000 करोड़ के कर्ज़ की वसूली इस तरह करना गलत है।

इससे पहले तीन विधायकों ने भी पानी बिल वृद्धि न करने की सिफारिश की थी, लेकिन असर नहीं हुआ। पांच दिन पहले उल्हास सिटिज़न्स फ़ोरम ने फिर एक वीडियो, सोशल मीडिया बैनर और इंस्टाग्राम के माध्यम से इस ‘ज़ुल्म’ के खिलाफ मोर्चा खोला। इसके बाद राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हुईं और अब इस मुद्दे का श्रेय लेने की कोशिश कर रही हैं।

फ़ोरम ने यह भी मांग की है कि होटल, कंस्ट्रक्शन वर्क जैसी व्यावसायिक गतिविधियों पर सही तरीके से पानी का बिल लगाया जाए। उनका कहना है कि दिन-ब-दिन लोग बोतलबंद पानी पीने को मजबूर हैं — यहां तक कि UMC ऑफिस में भी — जो बताता है कि पानी की गुणवत्ता कितनी सुरक्षित है। साथ ही टैक्सपेयर्स के फंड का दुरुपयोग रोकने, शहर में चालिया साहिब पर फाउंटेन शुरू करने और गड्ढे भरने जैसे कार्यों का श्रेय जागरूक जनता को दिया जाना चाहिए।

नरेश कुमार ताहिलरामाणी का कहना है, "यह हमारी आधी जीत है। हमें फिलहाल स्टे मिला है, लेकिन स्थायी रद्दीकरण के लिए हमारी आवाज़ और तेज़ होगी।"












IRS अधिकारी समीर वानखेड़े का नशामुक्ति संदेश गूंजा कल्याण में, ‘मिशन व्यसनमुक्ति’ अभियान बना जनआंदोलन की शुरुआत।


 




कल्याण: दिनेश मीरचंदानी 

कल्याण के के.सी. गांधी ऑडिटोरियम में शनिवार को एक ऐतिहासिक सामाजिक पहल की गूंज सुनाई दी, जब भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के जांबाज और निडर अधिकारी समीर वानखेड़े ने ‘मिशन व्यसनमुक्ति’ अभियान में शिरकत की। यह अभियान कल्याण विकास फाउंडेशन और यंग इंडिया की संयुक्त पहल है, जिसका उद्देश्य नशे की लत से जूझ रहे समाज को नई राह दिखाना है।

इस कार्यक्रम में श्री अभिनव गोयल (IAS), आयुक्त, KDMC और श्री नरेंद्र पवार, पूर्व विधायक भी मंच साझा करते नज़र आए। कार्यक्रम का वातावरण प्रेरणादायक नारों, जागरूकता गीतों और उत्साही युवाओं के जोश से गूंज उठा।

समीर वानखेड़े ने अपने जोशीले संबोधन में कहा—

“व्यसनमुक्त महाराष्ट्र का सपना तभी साकार होगा जब हम सब एकजुट होकर इस लत के खिलाफ जंग छेड़ेंगे। युवाओं को नशे से बचाना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। ‘Say No To Drugs & Yes To Life’ केवल शब्द नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि नशा सिर्फ व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज का विनाश करता है। इस दिशा में हर नागरिक की भूमिका अहम है, चाहे वह माता-पिता हों, शिक्षक हों या प्रशासन।

कार्यक्रम के दौरान नशामुक्ति पर प्रेरणादायक नाट्य प्रस्तुति, पोस्टर प्रदर्शन और युवाओं द्वारा शपथ ग्रहण भी किया गया। सैकड़ों की संख्या में मौजूद नागरिकों, छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नशा छोड़ने और नशा छोड़ने वालों की मदद करने का संकल्प लिया।

‘मिशन व्यसनमुक्ति’ के इस कदम ने कल्याण में सामाजिक परिवर्तन की एक नई लहर पैदा कर दी है, और उम्मीद है कि यह आंदोलन जल्द ही महाराष्ट्र के हर कोने तक पहुंचेगा।