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‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी महाराज की 350वीं शहीदी गुरुपर्व पर महाराष्ट्र में भव्य आयोजन की घोषणा। पवन सिंधीजी को समिति का सह-अध्यक्ष नियुक्त किया गया।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी महाराज के 350वें शहीदी गुरुपर्व के पावन अवसर पर, देश और विदेश में भव्य स्मृति कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

महाराष्ट्र में इन कार्यक्रमों के सफल आयोजन हेतु महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मार्गदर्शन में महाराष्ट्र सरकार ने राज्यभर में इन समारोहों को आधिकारिक मंजूरी प्रदान की है।

इन आयोजनों की तैयारी और समन्वय के लिए गठित विशेष समिति में, श्री पवन सिंधीजी को सह-अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है।

इस अवसर पर पवन सिंधीजी ने कहा —

“मैं स्वयं को अत्यंत सौभाग्यशाली मानता हूँ कि मुझे ‘गुरु के पवित्र चरणों की सेवा’ का यह अमूल्य अवसर प्राप्त हुआ है। श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का जीवन त्याग, धर्म, और मानवता के सर्वोच्च आदर्शों का प्रतीक है। उनकी शिक्षाएँ आज भी समाज के प्रत्येक वर्ग को एकता, सद्भावना और भाईचारे* का संदेश देती हैं।”

सरकार के अनुसार, यह आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक होगा बल्कि राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सौहार्द और मानवता के मूल्यों को भी सशक्त करेगा।

राज्य के सभी जिलों में विशेष श्रद्धांजलि सभाएँ, सांस्कृतिक कार्यक्रम, एवं जनजागरण अभियान आयोजित किए जाएंगे।

👉 इन कार्यक्रमों का उद्देश्य है —

गुरु तेग बहादुर साहिब जी के अद्वितीय बलिदान** को जन-जन तक पहुँचाना

धर्म, न्याय और मानवाधिकारों की रक्षा** के उनके संदेश का प्रसार करना

युवा पीढ़ी को प्रेरित करना** कि वे *त्याग, सेवा और साहस* के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएँ

यह ऐतिहासिक आयोजन महाराष्ट्र सरकार, सिख समाज और विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं के संयुक्त प्रयास से एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महोत्सव का रूप लेगा।
























भाई ने दी जिंदगी, सरकार ने दिया सहारा: हिंगणघाट के युवक को मिला नया लीवर, मुख्यमंत्री सहायता निधि ने उठाया ३० लाख का खर्च।


वर्धा: दिनेश मीरचंदानी 

एक तरफ रिश्तों में स्वार्थ और दूरी बढ़ती जा रही है, वहीं दूसरी तरफ हिंगणघाट का यह भावुक प्रसंग मानवता और भाईचारे की मिसाल बनकर सामने आया है। एक युवा को उसका छोटा भाई जीवनदान देता है, और महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री सहायता निधि उसकी महंगी सर्जरी का पूरा खर्च उठाकर सामाजिक उत्तरदायित्व का आदर्श प्रस्तुत करती है।

यह कहानी है 25 वर्षीय करण गजानन ठाकरे की, जो हिंगणघाट (जिला वर्धा) का निवासी है और हाल ही में उसे गंभीर लिवर फेलियर का सामना करना पड़ा। डॉक्टरों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिना लीवर ट्रांसप्लांट के उसकी जान बचाना असंभव है। इलाज की अनुमानित लागत करीब 30 लाख रुपये थी, जो ठाकरे परिवार की आर्थिक स्थिति के लिए किसी पहाड़ से कम नहीं थी।

परिवार में संकट, पर भाई ने दिखाई इंसानियत की ऊंचाई

करण के पिता का देहांत पहले ही हो चुका था, मां बीमार रहती हैं और दोनों बहनों की हाल ही में शादी हुई है। परिवार लगभग असहाय था। इसी बीच उसका छोटा भाई चैतन्य ठाकरे सामने आया — और बिना कोई हिचक, उसने अपना लीवर देने का निर्णय लिया। मेडिकल जांचों के बाद जब बहनों का डोनेशन असंभव पाया गया, तब चैतन्य ने हर जोखिम को स्वीकारते हुए भाई के लिए लीवर डोनेट किया।

मुख्यमंत्री सहायता निधि और धर्मादाय मदत कक्ष ने संभाली आर्थिक ज़िम्मेदारी

पैसों की तंगी सबसे बड़ी बाधा थी। स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्थिति को गंभीरता से लिया और मुख्यमंत्री सहायता निधि से संपर्क किया। धर्मादाय मदत कक्ष के रामेश्वर नाइक ने मामला मुख्यमंत्री तक पहुँचाया। इस मानवीय पहल को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत निर्देश दिया कि करण ठाकरे के संपूर्ण इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।

कुल खर्च: ₹30 लाख

परिजनों द्वारा योगदान: ₹5 लाख

मुख्यमंत्री सहायता निधि से सहायता: ₹2 लाख

धर्मादाय मदत कक्ष से शेष ₹23 लाख प्रदान किए गए

यह राशि पुणे स्थित सह्याद्री अस्पताल में की गई जटिल लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए दी गई, जो पूरी तरह सफल रही।

डॉक्टरों की सफलता, सरकार की संवेदना और भाई का बलिदान – बना जीवन रक्षक त्रिकोण

सर्जरी कई घंटे चली, लेकिन डॉक्टरों ने इसे पूरी तरह सफल घोषित किया। करण के शरीर में चैतन्य का लीवर प्रत्यारोपित किया गया और कुछ हफ्तों की निगरानी के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अस्पताल से बाहर निकलते वक्त जब करण ने दोनों हाथ ऊपर उठाकर विजय की मुद्रा में मुस्कराया, तो वह मुस्कान सिर्फ उसके चेहरे की नहीं, बल्कि पूरे परिवार, डॉक्टरों, प्रशासन और सरकार की संयुक्त संवेदना और प्रयास की जीत थी।













सामाजिक संदेश: राजनीति से परे मानवता की मिसाल

यह घटना सिर्फ एक मेडिकल केस नहीं, बल्कि उस सामाजिक ताने-बाने की मिसाल है जहाँ भाई का त्याग, सरकार की तत्परता, और स्वास्थ्य सेवा तंत्र की कुशलता मिलकर किसी की जान बचा सकते हैं। मुख्यमंत्री सहायता निधि ने साबित किया कि यह केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि ज़रूरतमंदों के लिए जीवन रेखा है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में राज्य आरोग्य हमी सोसायटी की नियामक परिषद की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न, जन आरोग्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर गहन विमर्श।


 
















मुंबई: दिनेश मीरचंदानी

मुंबई में 15 सितंबर 2025 के दिन सह्याद्री अतिथिगृह, मंत्रीमंडल सभागृह, मुंबई में राज्य आरोग्य हमी सोसायटी की नियामक परिषद की एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने की। बैठक में महात्मा फुले जन आरोग्य योजना और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से जुड़ी नीतिगत विषयों पर गहन चर्चा की गई।

बैठक का उद्देश्य राज्य में जनस्वास्थ्य योजनाओं के समन्वय, क्रियान्वयन, बजट वितरण तथा सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करना रहा। जनसामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु कई अहम प्रस्तावों और सुझावों पर विचार किया गया।

इस बैठक में आयुष्मान भारत मिशन महाराष्ट्र समिति के अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश शेटे को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने योजनाओं की प्रगति पर प्रस्तुति दी और आवश्यक सुझाव साझा किए।

बैठक में उपस्थित रहे प्रमुख मंत्रीगण:

मंत्री श्री छगन भुजबळ

मंत्री श्री संजय शिरसाठ

मंत्री श्री प्रकाश आबिटकर (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से)

मंत्री श्रीमती अदिती तटकरे (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से)

बैठक में भाग लेने वाले अन्य प्रमुख अधिकारी:

माननीय मंत्री (चिकित्सा शिक्षा)

माननीय मंत्री (सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण)

माननीय राज्य मंत्री (चिकित्सा शिक्षा)

माननीय राज्य मंत्री (सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण)

माननीय मुख्य सचिव

सचिव-1 एवं सचिव-2 (सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग)

सचिव, चिकित्सा शिक्षा एवं औषधि द्रव्य विभाग

आयुक्त, स्वास्थ्य सेवा एवं अभियान संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन

मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य आरोग्य हमी सोसायटी

नियामक परिषद के सदस्य

संचालक, स्वास्थ्य सेवा संचालनालय

संचालक, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संचालनालय

साथ ही अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण एवं तकनीकी विशेषज्ञ

चर्चा के प्रमुख विषय:

जन आरोग्य योजनाओं के समन्वित क्रियान्वयन हेतु नीति सुधार

बजटीय प्रावधानों की समीक्षा व आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता

योजना लाभार्थियों तक सुगम और त्वरित पहुँच सुनिश्चित करने हेतु रणनीति

सरकारी और निजी अस्पतालों के समन्वय को लेकर मार्गदर्शक सिद्धांतों की रूपरेखा

अस्पतालों व आरोग्य केंद्रों में सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने हेतु सुझाव

मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने बैठक में कहा कि “राज्य सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी नागरिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रहे। इन योजनाओं का समुचित व पारदर्शी क्रियान्वयन हमारी प्राथमिकता है।”

यह बैठक राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में नीतिगत परिवर्तन और व्यवस्थित सुधारों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। आगामी महीनों में इन चर्चाओं के आधार पर कई व्यावहारिक निर्णय लिए जाने की संभावना जताई जा रही हैं।












उल्हासनगर में श्रद्धा, एकता और सेवा भाव का संगम — UGMA का 69वां वार्षिक धार्मिक महोत्सव 15 से 17 सितंबर तक चालिहा साहिब मंदिर में भव्य आयोजन।


 

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर के गारमेंट उद्योग जगत की अग्रणी और प्रतिष्ठित संस्था उल्हासनगर गारमेंट्स मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन (UGMA) इस वर्ष भी अपनी समृद्ध परंपरा को कायम रखते हुए 69वां वार्षिक धार्मिक उत्सव भव्य स्तर पर आयोजित करने जा रही है। यह तीन दिवसीय आयोजन 15 से 17 सितंबर 2025 तक पूज्य चालिहा साहिब मंदिर (उल्हासनगर – 421005) में संपन्न होगा।

इस आयोजन का उद्देश्य केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और व्यावसायिक स्तर पर एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण करना है। यह महोत्सव UGMA द्वारा न केवल आस्था और भक्ति का परिचायक है, बल्कि यह व्यापारी समुदाय की एकता, सेवा भावना और सामाजिक जिम्मेदारी को भी सशक्त रूप से दर्शाता है।

🔶 आयोजन की मुख्य विशेषताएं:

धार्मिक कार्यक्रम: संत वाणी, कीर्तन, सत्संग, भजन-प्रवचन और आरती जैसे अध्यात्म से भरपूर आयोजन।

सेवा और समर्पण: आयोजनों में शामिल सभी सेवाएं निःस्वार्थ भाव से UGMA सदस्य एवं समाज के सहयोगियों द्वारा संचालित।

सामाजिक समरसता: आयोजन के माध्यम से व्यापारिक समुदाय के बीच आपसी सहयोग, सौहार्द और भाईचारे को बल मिलेगा।

🔶 UGMA की समाज को अपील:

UGMA ने उल्हासनगर के सभी व्यापारी बंधुओं, दुकानदारों, उद्यमियों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस पुण्य आयोजन में तन, मन और धन से सहभागी बनकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं और इस आध्यात्मिक यात्रा का भाग बनें।

UGMA के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि संस्था का उद्देश्य केवल धार्मिक आयोजनों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को जोड़ने, सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने और व्यापारिक समृद्धि को प्रेरित करने की दिशा में निरंतर सक्रिय रहना है।

🔶 UGMA – एक प्रेरणा, एक आंदोलन:

69 वर्षों से UGMA न केवल उल्हासनगर में व्यापारी वर्ग की आवाज बनी हुई है, बल्कि समय-समय पर सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक मंचों के माध्यम से समुदाय को संगठित और प्रेरित करती आ रही है। यह धार्मिक उत्सव उसी दीर्घकालीन विरासत का हिस्सा है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणास्रोत बनता जा रहा है।

📍स्थान: पूज्य चालिहा साहिब मंदिर, उल्हासनगर – 421005
📅 तिथियां: 15, 16 और 17 सितंबर 2025
⏰ समय: पूरे दिन विविध धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम

👉 आइए, मिलकर इस भक्ति, सेवा और समर्पण के पर्व का हिस्सा बनें। UGMA के साथ जुड़ें और उल्हासनगर की सामाजिक और आध्यात्मिक ऊर्जा को और अधिक सशक्त बनाएं।




















उल्हासनगर के व्यापारिक नेताओं ने लाल साई होजियरी एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश बजाज के कार्यक्रम में गणपति दर्शन किए।


 




उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

गणपति विसर्जन के पावन अवसर पर लाल साई होजियरी एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश बजाज के निवास पर आयोजित कार्यक्रम में शहर के गणमान्य व्यक्तियों, राजनीतिक नेताओं एवं विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने गणपति के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश बजाज ने सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं पारंपरिक सम्मान के साथ उनका आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में शहर की जानी-मानी हस्तियों की उपस्थिति ने इसे एक विशेष गरिमा प्रदान की।

कार्यक्रम में उपस्थित रहे प्रमुख व्यक्तित्वों में उल्हासनगर भाजपा के आमदार कुमार ऐलानी, उल्हासनगर भाजपा अध्यक्ष राजेश वध्रया,भाजपा के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप रामचंदानी, भाजपा नेता महेश सुखरमानी, जमनु पुरस्वानी, लाल पंजाबी, राजू जग्यासी एवं अमित वाधवा शामिल रहे।

वहीं, भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के नेता नरेश ठारवानी ने अपनी पूरी टीम के साथ पहुंचकर गणपति दर्शन किए और कार्यक्रम की सफलता की शुभकामनाएं दीं।

इसके अलावा, शहर के प्रमुख व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों ने भी सामूहिक रूप से दर्शन किए। इनमें लाल साई होजियरी एसोसिएशन, होल गारमेंट्स एसोसिएशन, यूएसडब्ल्यूए एसोसिएशन, फटाका व्यापारी एसोसिएशन तथा अमन टॉकीज रोड के व्यापारी संघ के सदस्य प्रमुख थे।

अंत में, समाज सेवक रमेश बजाज ने आए हुए सभी गणमान्य व्यक्तियों, नेताओं, व्यापारियों एवं संगठनों का तहे दिल से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सभी के स्नेह और सहयोग से यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और उन्हें उम्मीद है कि भगवान गणपति सभी पर अपनी कृपा बनाए रखेंगे।













आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े को जल्द मिल सकती है आयुक्त पद की जिम्मेदारी।


नई दिल्ली: दिनेश मीरचंदानी 

भारतीय प्रशासनिक गलियारों से एक बड़ी खबर सामने आई है। भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) मुंबई ज़ोन के प्रमुख रहे समीर वानखेड़े को शीघ्र ही आयुक्त (Commissioner) पद पर नियुक्त किया जा सकता है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में प्रक्रिया अंतिम चरण में है और औपचारिक आदेश किसी भी समय जारी हो सकता है।

हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) के आदेश को बरकरार रखते हुए वानखेड़े की पदोन्नति का रास्ता साफ कर दिया था। अदालत के इस निर्णय के बाद उनके लिए उच्च प्रशासनिक जिम्मेदारी की संभावना और प्रबल हो गई है।

समीर वानखेड़े का नाम देशभर में उस समय चर्चा में आया था जब उन्होंने एनसीबी में रहते हुए कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच की थी। उनकी पहचान एक सख्त और निष्पक्ष अधिकारी के रूप में रही है। यही कारण है कि उनकी संभावित नियुक्ति को राजस्व विभाग में एक अहम बदलाव माना जा रहा है।

प्रशासनिक विशेषज्ञों का मानना है कि वानखेड़े की नई भूमिका न केवल विभागीय कार्यप्रणाली को सशक्त बनाएगी, बल्कि उनके लंबे अनुभव और दृढ़ता का भी सकारात्मक प्रभाव दिखाई देगा।

👉 समीर वानखेड़े की आयुक्त पद पर नियुक्ति को लेकर अब सभी की निगाहें केंद्र सरकार के औपचारिक आदेश पर टिकी हैं।












लालबाग गणपति पंडाल में VIP–नॉन VIP दर्शन व्यवस्था पर विवाद गहराया, मानवाधिकार आयोग में शिकायत।


 





मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देश-विदेश में प्रसिद्ध लालबाग का राजा गणपति पंडाल इस बार दर्शन व्यवस्था को लेकर विवादों में आ गया है। गणेशोत्सव के दौरान लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बने इस पंडाल में दर्शन के लिए VIP और नॉन-VIP लाइनें अलग-अलग बनाए जाने को लेकर तीखी आपत्तियां दर्ज की जा रही हैं।

इसी संदर्भ में एडवोकेट आशीष राय और पंकज मिश्रा ने महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। उनका तर्क है कि धार्मिक आयोजन में VIP संस्कृति को बढ़ावा देना न केवल भक्तों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह सामाजिक समानता की भावना के भी खिलाफ है।

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि VIP दर्शन की सुविधा से आम श्रद्धालुओं को लंबे समय तक कठिन परिस्थितियों में कतारों में खड़ा रहना पड़ता है, जबकि कुछ चुनिंदा लोगों को विशेषाधिकार दिया जा रहा है। उन्होंने इसे धार्मिक भेदभाव और अन्यायपूर्ण व्यवस्था करार दिया है।

मानवाधिकार आयोग से की गई शिकायत में मांग की गई है कि आयोग तत्काल इस मामले पर संज्ञान ले और VIP–नॉन VIP दर्शन व्यवस्था को समाप्त करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी करे, ताकि हर भक्त को बिना भेदभाव के समान अवसर मिल सके।

👉 इस प्रकरण के सामने आने के बाद गणेश मंडल की भूमिका, प्रशासन की कार्यशैली और VIP संस्कृति पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी बड़ा रूप ले सकता है, क्योंकि यह सीधे तौर पर भक्तों की आस्था और अधिकारों से जुड़ा हुआ है।




















लालबाग का राजा दर्शन व्यवस्था पर मचा बवाल, भक्तों ने उठाई आवाज – ‘शिर्डी-तिरुपति जैसी हो सिस्टम’


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देश की सबसे भव्य और लोकप्रिय गणेश मंडलियों में से एक लालबाग का राजा इन दिनों चर्चा के केंद्र में है। गणेशोत्सव के दौरान लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन इस बार भक्तों की भीड़ के बीच एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।

सूत्रों के मुताबिक, कई श्रद्धालुओं की शिकायतें आ रही हैं कि दर्शन के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। भक्तों का कहना है कि उन्हें बिना पैसे दिए सुचारू रूप से दर्शन कर पाना मुश्किल हो रहा है। इन आरोपों के बाद अब मंडल की व्यवस्था और पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं।

विकलांग और सीनियर सिटीजन के लिए भी अलग से दर्शन की लाइन की व्यवस्था होनी चाहिए।

भक्तों की मांग – ‘पैड व फ्री दर्शन की आधिकारिक व्यवस्था’

भक्तों का मानना है कि लालबाग का राजा मंडल को शिर्डी साईं बाबा और तिरुपति बालाजी की तर्ज पर दर्शन व्यवस्था लागू करनी चाहिए।

फ्री दर्शन लाइन: सभी आम श्रद्धालुओं के लिए बिना किसी शुल्क के।

पैड दर्शन लाइन: उन भक्तों के लिए जो जल्दी दर्शन करना चाहते हैं और इसके लिए आधिकारिक टिकट खरीद सकते हैं।

श्रद्धालुओं का कहना है कि यदि यह व्यवस्था लागू की जाती है तो:

1. अव्यवस्था और अवैध वसूली पर रोक लगेगी।

2. भ्रष्टाचार समाप्त होगा और व्यवस्था पारदर्शी बनेगी।

3. मंडल की आधिकारिक आय में बढ़ोतरी होगी, जिससे समाजसेवा और लोकहितकारी कार्यों के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे।

विशेषज्ञों की राय

सामाजिक कार्यकर्ताओं और धार्मिक मामलों के जानकारों का कहना है कि लाखों की भीड़ को संभालने के लिए आधुनिक और पारदर्शी दर्शन व्यवस्था अनिवार्य है। उनका मानना है कि यदि मंडल इस दिशा में कदम उठाता है तो भक्तों का विश्वास और अधिक मजबूत होगा और लालबाग का राजा की प्रतिष्ठा भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी।

आगे की राह

अब सभी की निगाहें लालबाग का राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल पर टिकी हैं। क्या मंडल भक्तों की इस मांग पर विचार करेगा? क्या आने वाले समय में यहां शिर्डी और तिरुपति जैसी ऑफिशियल फ्री और पैड दर्शन व्यवस्था देखने को मिलेगी? इसका फैसला जल्द ही सामने आ सकता है।



















दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: समीर वानखेड़े की प्रोन्नति पर लगी रोक हटाई, केंद्र को 4 हफ्ते में आदेश लागू करने का निर्देश।


नई दिल्ली: दिनेश मीरचंदानी 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) के आदेश को बरकरार रखते हुए भारतीय राजस्व सेवा (IRS) और पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) अधिकारी समीर ज्ञानदेव वानखेड़े को प्रोन्नति दिए जाने का रास्ता साफ कर दिया है। अदालत ने केंद्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें CAT के दिसंबर 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी।

पृष्ठभूमि

28 अगस्त 2025 को सुनाए गए इस फैसले में हाईकोर्ट ने CAT के निर्देश को सही ठहराया, जिसके तहत सरकार को “सिल बंद लिफाफा” खोलकर वानखेड़े को UPSC की सिफारिश के आधार पर 1 जनवरी 2021 से अतिरिक्त आयुक्त (कस्टम्स एवं अप्रत्यक्ष कर) के पद पर पदोन्नत करने और उनका नाम वरिष्ठता सूची में शामिल करने का आदेश दिया गया था।

केंद्र का पक्ष

केंद्र की ओर से सीजीएससी (CGSC) आशिष के. दिक्षित ने अदालत में दलील दी कि वानखेड़े पर कई गंभीर आरोप लंबित हैं।

सीबीआई ने मई 2023 में FIR दर्ज की।

ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत ECIR दर्ज की।

2022 में दो बार गंभीर दंड प्रस्तावों वाली चार्ज-शीट का प्रारूप तैयार हुआ।

इसके अलावा जाति प्रमाणपत्र में कथित फर्जीवाड़ा, विदेशी यात्राओं व महंगी घड़ियों की खरीद जैसे मुद्दे भी लंबित थे।

सरकार का तर्क था कि यही कारण था कि उनकी पदोन्नति “सिल बंद लिफाफा” प्रक्रिया के तहत रोकी गई।

वानखेड़े का पक्ष

वरिष्ठ वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के K.V. Jankiraman (1991) केस का हवाला देते हुए कहा कि “सिल बंद लिफाफा” नीति केवल तीन स्थितियों में लागू होती है—

1. चार्ज मेमो जारी होने पर

2. आपराधिक केस में चार्ज-शीट दायर होने पर

3. अधिकारी निलंबित होने पर

वानखेड़े पर इनमें से कोई भी स्थिति लागू नहीं थी। उन्हें न चार्ज-शीट दी गई थी, न निलंबन हुआ था। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मार्च 2024 में SIT द्वारा जुटाए गए सबूतों पर रोक लगाई थी, और CVC ने आगे की कार्रवाई टाल दी थी।

न्यायालय की टिप्पणी

हाईकोर्ट ने कहा कि केवल प्रारंभिक जांच के आधार पर किसी अधिकारी की पदोन्नति नहीं रोकी जा सकती। यदि आरोप इतने गंभीर थे तो सरकार के पास निलंबन का विकल्प था, जो इस्तेमाल नहीं किया गया। लिहाज़ा CAT के आदेश में कोई खामी नहीं पाई गई और केंद्र को चार हफ्तों के भीतर प्रोन्नति आदेश लागू करने का निर्देश दिया गया।

समीर वानखेड़े का करियर

2008 बैच के आईआरएस अधिकारी वानखेड़े, मुंबई में एनसीबी के जोनल डायरेक्टर के रूप में कार्य करते हुए 2021 के बहुचर्चित कोर्डेलिया क्रूज ड्रग केस की जांच के दौरान सुर्खियों में आए थे। इसी दौरान उन पर राजनीतिक विवाद और विभिन्न जांचें भी शुरू हुईं।

👉 हाईकोर्ट के इस फैसले से समीर वानखेड़े के करियर को बड़ी राहत मिली है और अब उनके अतिरिक्त आयुक्त पद पर पदोन्नत होने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है।













जॉली LLB 3 पर विवाद: हाईकोर्ट के वकीलों ने CBFC में दर्ज कराई शिकायत, न्यायपालिका की गरिमा भंग करने का आरोप।


 






मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

बॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म जॉली LLB 3 अपने रिलीज़ से पहले ही विवादों में घिर गई है। फिल्म के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष राय और पंकज मिश्रा ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि फिल्म की सामग्री न्यायपालिका की गरिमा को आहत करती है और वकील समुदाय की छवि को हास्यास्पद रूप में प्रस्तुत करती है।

शिकायत के मुख्य बिंदु:

फिल्म जॉली LLB 3 का रिलीज़ 19 सितंबर को प्रस्तावित है।

हाल ही में जारी टीज़र में वकीलों को “जोकर” की तरह लड़ते-झगड़ते दिखाया गया है, जिससे वकीलों की पेशेवर छवि को नकारात्मक रूप से पेश किया गया है।

फिल्म के संवाद और दृश्य अदालत की कार्यप्रणाली को मजाकिया ढंग से दिखाते हैं, जो न केवल वकीलों की प्रतिष्ठा बल्कि न्यायपालिका की गरिमा पर भी सीधा प्रहार माना जा रहा है।

इससे पहले फिल्म श्रृंखला की पिछली कड़ियों (जॉली LLB और जॉली LLB 2) में भी अदालतों और वकीलों को हास्य और व्यंग्य के माध्यम से चित्रित किया गया था।

शिकायतकर्ताओं की मांग:

शिकायत में स्पष्ट कहा गया है कि फिल्म निर्माता और कलाकार जानबूझकर न्यायिक संस्थानों की साख को ठेस पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका उद्देश्य न्यायपालिका का मज़ाक उड़ाकर व्यावसायिक लाभ कमाना है।

फिल्म को रिलीज़ से पहले दोबारा सेंसर किए जाने की मांग की गई है।

साथ ही, फिल्म को प्रमाणन या किसी भी प्रकार की मान्यता देने पर रोक लगाने का आग्रह भी किया गया है।

न्यायपालिका की गरिमा बनाम मनोरंजन

वकीलों का कहना है कि अदालत और न्यायिक कार्यप्रणाली समाज में विश्वास और न्याय की नींव हैं। ऐसे में, फिल्मों के माध्यम से इस गरिमा को भंग करना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक संकेत है।

अब देखना यह होगा कि CBFC इस शिकायत पर क्या रुख अपनाता है और क्या जॉली LLB 3 नियोजित तारीख पर रिलीज़ हो पाएगी या नहीं।




















गणेशोत्सव पर राज्यव्यापी " श्रीगणेशा आरोग्याचा "अभियान के तहद समुदाय आरोग्य शिबीर का आयोजन।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

गणेशोत्सव के पावन अवसर पर महाराष्ट्र सरकार ने एक व्यापक जनकल्याणकारी पहल की घोषणा की है। मुख्यमंत्री सचिवालय अंतर्गत मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कक्ष तथा धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष के समन्वय से पूरे राज्य में "श्रीगणेशा आरोग्य" अभियान के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे।

यह अभियान 27 अगस्त 2025 से 5 सितंबर 2025 तक सभी जिलों में चलाया जाएगा। इन शिविरों के माध्यम से नागरिकों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। साथ ही चिकित्सा सेवा, निदान, परामर्श और उपचारात्मक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी।

मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कक्ष ने जिला प्रशासन से अपील की है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्ध मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर, मेडिकल विद्यार्थी और पैरा मेडिकल स्टाफ इन शिविरों में सक्रिय सहयोग दें। इसके साथ ही आवश्यक चिकित्सा संसाधन, दवाइयाँ और उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएँ।

इन शिविरों के सफल आयोजन के लिए धर्मादाय अस्पताल, महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना से संबद्ध अस्पताल, जिला सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की अधीनस्थ संस्थाएँ, HLL, STEMI नेटवर्क, अन्न व औषधि प्रशासन, और सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा।

सरकार का मानना है कि यह सामुदायिक स्वास्थ्य अभियान न केवल गणेशोत्सव को सामाजिक-सेवा के रूप में सार्थक करेगा बल्कि नागरिकों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा।

👉 मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कोष एव धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष के दायित्व मे होगा।

यदि आपको किसी भी प्रकार का कार्य हो तो आप इस नंबर 022 2202 0045 पर संपर्क कर सकते हैं।















उल्हासनगर में पानी बिल वृद्धि पर रोक: उल्हास सिटिज़न्स फ़ोरम की तीन महीने की जंग रंग लाई, अब स्थायी रद्दीकरण की मांग तेज़।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर में पानी के बिलों में की गई वृद्धि पर फिलहाल रोक लगा दी गई है, हालांकि इसे स्थायी रूप से रद्द नहीं किया गया है। इस मुद्दे पर उल्हास सिटिज़न्स फ़ोरम के अध्यक्ष नरेश कुमार ताहिलरामाणी और उनकी टीम पिछले तीन महीनों से लगातार जनजागृति और संघर्ष कर रहे हैं।

फ़ोरम ने तीन महीने पहले एक वीडियो संदेश के माध्यम से UMC कमिश्नर से अपील की थी कि पानी के बिलों में वृद्धि न की जाए, पानी की पाइप लाइन लीकेज को तुरंत बंद करवाया जाए और स्वच्छ व समान जल वितरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी उजागर किया कि “ब्लू लाइन” प्रोजेक्ट फेल हो जाने के कारण आज भी GI पाइप से पानी की सप्लाई की जा रही है।

मिडक (MIDC) द्वारा भेजे गए ₹550 करोड़ के बिल को सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने कम करवाया था, फिर भी पानी के बिल बढ़ाने का निर्णय जनता के लिए अनुचित बताया गया। फ़ोरम का कहना है कि UMC के लगभग ₹1000 करोड़ के कर्ज़ की वसूली इस तरह करना गलत है।

इससे पहले तीन विधायकों ने भी पानी बिल वृद्धि न करने की सिफारिश की थी, लेकिन असर नहीं हुआ। पांच दिन पहले उल्हास सिटिज़न्स फ़ोरम ने फिर एक वीडियो, सोशल मीडिया बैनर और इंस्टाग्राम के माध्यम से इस ‘ज़ुल्म’ के खिलाफ मोर्चा खोला। इसके बाद राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हुईं और अब इस मुद्दे का श्रेय लेने की कोशिश कर रही हैं।

फ़ोरम ने यह भी मांग की है कि होटल, कंस्ट्रक्शन वर्क जैसी व्यावसायिक गतिविधियों पर सही तरीके से पानी का बिल लगाया जाए। उनका कहना है कि दिन-ब-दिन लोग बोतलबंद पानी पीने को मजबूर हैं — यहां तक कि UMC ऑफिस में भी — जो बताता है कि पानी की गुणवत्ता कितनी सुरक्षित है। साथ ही टैक्सपेयर्स के फंड का दुरुपयोग रोकने, शहर में चालिया साहिब पर फाउंटेन शुरू करने और गड्ढे भरने जैसे कार्यों का श्रेय जागरूक जनता को दिया जाना चाहिए।

नरेश कुमार ताहिलरामाणी का कहना है, "यह हमारी आधी जीत है। हमें फिलहाल स्टे मिला है, लेकिन स्थायी रद्दीकरण के लिए हमारी आवाज़ और तेज़ होगी।"












IRS अधिकारी समीर वानखेड़े का नशामुक्ति संदेश गूंजा कल्याण में, ‘मिशन व्यसनमुक्ति’ अभियान बना जनआंदोलन की शुरुआत।


 




कल्याण: दिनेश मीरचंदानी 

कल्याण के के.सी. गांधी ऑडिटोरियम में शनिवार को एक ऐतिहासिक सामाजिक पहल की गूंज सुनाई दी, जब भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के जांबाज और निडर अधिकारी समीर वानखेड़े ने ‘मिशन व्यसनमुक्ति’ अभियान में शिरकत की। यह अभियान कल्याण विकास फाउंडेशन और यंग इंडिया की संयुक्त पहल है, जिसका उद्देश्य नशे की लत से जूझ रहे समाज को नई राह दिखाना है।

इस कार्यक्रम में श्री अभिनव गोयल (IAS), आयुक्त, KDMC और श्री नरेंद्र पवार, पूर्व विधायक भी मंच साझा करते नज़र आए। कार्यक्रम का वातावरण प्रेरणादायक नारों, जागरूकता गीतों और उत्साही युवाओं के जोश से गूंज उठा।

समीर वानखेड़े ने अपने जोशीले संबोधन में कहा—

“व्यसनमुक्त महाराष्ट्र का सपना तभी साकार होगा जब हम सब एकजुट होकर इस लत के खिलाफ जंग छेड़ेंगे। युवाओं को नशे से बचाना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। ‘Say No To Drugs & Yes To Life’ केवल शब्द नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि नशा सिर्फ व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज का विनाश करता है। इस दिशा में हर नागरिक की भूमिका अहम है, चाहे वह माता-पिता हों, शिक्षक हों या प्रशासन।

कार्यक्रम के दौरान नशामुक्ति पर प्रेरणादायक नाट्य प्रस्तुति, पोस्टर प्रदर्शन और युवाओं द्वारा शपथ ग्रहण भी किया गया। सैकड़ों की संख्या में मौजूद नागरिकों, छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नशा छोड़ने और नशा छोड़ने वालों की मदद करने का संकल्प लिया।

‘मिशन व्यसनमुक्ति’ के इस कदम ने कल्याण में सामाजिक परिवर्तन की एक नई लहर पैदा कर दी है, और उम्मीद है कि यह आंदोलन जल्द ही महाराष्ट्र के हर कोने तक पहुंचेगा।












"एक फोन, एक जीवन: आयुष्मान भारत मिशन महाराष्ट्र समिती के प्रमुख डॉ. ओमप्रकाश शेटे की तत्परता से बची मरीज की जान"


परभणी: दिनेश मीरचंदानी 

राज्यभर में बढ़ते गंभीर रोगों और अस्पतालों के व्यावसायीकरण के दौर में भी, आयुष्मान भारत मिशन के अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश शेटे जरूरतमंद मरीजों के लिए आशा की किरण और जीवनदाता बनकर सामने आ रहे हैं। अपने सक्रिय हस्तक्षेप और त्वरित कार्रवाई से उन्होंने न केवल अपने पद की गरिमा बढ़ाई, बल्कि मरीजों को समय पर न्याय और उपचार भी दिलाया।

मामला 1 अगस्त 2025 का है — परभणी जिले के ग्रामीण इलाके से आए एक मरीज को गंभीर मस्तिष्क रोग था। डॉ. विखे पाटील मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती इस मरीज के इलाज में लापरवाही बरती जा रही थी। इसकी जानकारी पत्रकार सिद्धेश्वर गिरी ने तत्काल डॉ. ओमप्रकाश शेटे और मुंबई स्थित वरिष्ठ अधिकारी श्रीकांत पवार को दी।

सूचना मिलते ही डॉ. शेटे ने बिना समय गंवाए सीधे अस्पताल प्रबंधन से संपर्क किया और जरूरी निर्देश दिए। आदेश मिलते ही अस्पताल की पूरी टीम हरकत में आ गई, मरीज का उचित इलाज तुरंत शुरू हुआ और आवश्यक शल्य चिकित्सा की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया गया।

एक मात्र फोन कॉल से अस्पताल में मची इस हलचल ने मरीज के परिजनों के चेहरों पर मुस्कान लौटा दी। परिजनों ने भावुक होकर कहा — "डॉ. शेटे जैसे अधिकारी ही सच में इस पद के योग्य हैं, जिन्होंने समय पर मदद कर हमारे प्रियजन की जान बचाई।"

राज्य सरकार द्वारा मरीजों के हित में बनाई गई योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बनाई गई यह व्यवस्था, डॉ. शेटे जैसे संवेदनशील और कर्मठ नेतृत्व के कारण ही आमजन के लिए सच्चे मायनों में वरदान साबित हो रही है














देश के जननायक: IRS अधिकारी समीर वानखेड़े के जीवन पर बनेगी मेगा बजट बॉलीवुड फिल्म।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देश के चर्चित और निर्भीक भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी समीर वानखेड़े के जीवन पर अब बॉलीवुड में मेगा बजट फिल्म बनने जा रही है। फिल्म का शीर्षक "देश के जननायक" रखा गया है, जिसमें उनके संघर्ष, साहस और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को बड़े पर्दे पर उतारा जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, यह फिल्म वास्तविक घटनाओं पर आधारित होगी और दर्शकों को यह दिखाएगी कि किस तरह समीर वानखेड़े ने दबावों और चुनौतियों के बावजूद अपने कर्तव्यों का पालन किया। बताया जा रहा है कि फिल्म का निर्माण बड़े स्तर पर किया जाएगा और इसके लिए शीर्ष स्तर के निर्देशक और कलाकारों से बातचीत जारी है।

फिल्म के निर्माता का कहना है कि “देश के जननायक” न सिर्फ एक अफसर की कहानी होगी, बल्कि यह न्याय, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का संदेश भी देगी। शूटिंग की शुरुआत इसी वर्ष होने की संभावना है और यह फिल्म अगले वर्ष बड़े पर्दे पर रिलीज हो सकती है।












कल्याण में नशामुक्ति आंदोलन को मिली नई गति — समीर वानखेडे छात्रों को करेंगे जागरूक, मिशन 'नशामुक्त कल्याण' का भव्य आयोजन।


कल्याण: दिनेश मिरचंदानी

कल्याण शहर में नशामुक्त समाज की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल होने जा रही है। कल्याण विकास फाउंडेशन और यंग इंडिया कल्याण द्वारा संयुक्त रूप से "MISSION: नशामुक्त कल्याण" अभियान का आयोजन किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्कूली एवं महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराना और उन्हें जीवन में सकारात्मक दिशा प्रदान करना है।

इस जागरूकता कार्यक्रम की विशेषता यह है कि इसमें भारत सरकार के प्रतिष्ठित अधिकारी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (मुंबई) के पूर्व निदेशक IRS अधिकारी समीर वानखेडे मुख्य वक्ता के रूप में विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे। श्री वानखेडे की पहचान न केवल एक सख्त और ईमानदार अधिकारी के रूप में है, बल्कि वे युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत भी हैं, जिन्होंने देशभर में ड्रग्स के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाईयों का नेतृत्व किया है।

🔷 कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ:

विद्यार्थियों के लिए विशेष व्याख्यान

मादक पदार्थों के सेवन से उत्पन्न सामाजिक और मानसिक दुष्परिणामों पर चर्चा

नशे से मुक्ति की दिशा में युवा सहभागिता पर जोर

समीर वानखेडे जैसे प्रखर वक्ता का मार्गदर्शन

📅 कार्यक्रम विवरण:

दिन: शनिवार, 2 अगस्त 2025

समय: सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक

स्थान: के.सी. गांधी हाईस्कूल ऑडिटोरियम, डी-मार्ट के सामने, बैलबाजार, कल्याण (पश्चिम)

इस अभियान को लेकर कल्याण शहर के शिक्षण संस्थानों, सामाजिक संगठनों और अभिभावकों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। आयोजकों ने उम्मीद जताई है कि यह कार्यक्रम केवल एक जागरूकता सत्र नहीं बल्कि एक सामाजिक आंदोलन की शुरुआत बनेगा।

👉 आयोजकों ने शहर के सभी स्कूलों, कॉलेजों, युवाओं, शिक्षकों और अभिभावकों से अनुरोध किया है कि वे इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में भाग लें और नशामुक्त कल्याण के संकल्प को सशक्त बनाएं।





















व्यसनमुक्त भारत के दो प्रेरणास्रोत बने आंदोलन की पहचान । "अमृता फडणवीस और IRS समीर वानखेडे: व्यसनमुक्त महाराष्ट्र के असली ब्रांड एम्बेसडर"


 




मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र में व्यसनमुक्ति अभियान अब सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं रहा, बल्कि यह एक जनआंदोलन बन चुका है — और इस आंदोलन के दो सबसे मजबूत स्तंभ हैं श्रीमती अमृता फडणवीस और IRS अधिकारी समीर वानखेडे।

इन दोनों शख्सियतों ने समाज के हर तबके में जागरूकता फैलाकर, युवाओं को नशे के अंधेरे से बाहर निकालने की दिशा में अनुकरणीय कार्य किया है।

जहां अमृता फडणवीस ने संगीत, समाजसेवा और रचनात्मक अभियानों के माध्यम से युवा पीढ़ी में सामाजिक चेतना जागृत की, वहीं IRS समीर वानखेडे ने कानून और प्रशासनिक शक्ति के ज़रिए ड्रग माफिया के खिलाफ निर्णायक मोर्चा खोला — और अनेक चर्चित मामलों में कठोर कार्रवाई कर एक सशक्त उदाहरण पेश किया।

इनकी कर्मठता, निष्ठा और समाजहित में दिखाई गई प्रतिबद्धता ने महाराष्ट्र ही नहीं, पूरे भारत में उन्हें व्यसनमुक्त आंदोलन का चेहरा बना दिया है।

सिर्फ पद नहीं, प्रेरणा हैं ये दोनों नाम।
सिर्फ हस्ताक्षर नहीं, संकल्प हैं ये दोनों चेहरे।
और सबसे बढ़कर — "व्यसनमुक्त भारत" के सच्चे और जीवंत प्रतीक हैं।

🔴 आने वाली पीढ़ियां इन्हें याद रखेंगी —

एक ऐसे युगदूत के रूप में जिन्होंने “नशा मुक्त भारत” के सपने को आंदोलन की शक्ल दी, और हजारों युवाओं को नई दिशा दी।