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नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े ने भरी नई उम्मीद की किरण: नशा मुक्ति और सिविल सेवा के लिए युवाओं को किया प्रेरित।


 








छत्तीसगढ़: दिनेश मीरचंदानी 

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के अतिरिक्त आयुक्त समीर वानखेड़े ने अपने प्रभावशाली दौरे के जरिए युवाओं और समुदायों में जागरूकता और प्रेरणा का नया अध्याय लिखा। उनका यह दौरा न केवल नशा मुक्त जीवन का संदेश देने के लिए था, बल्कि युवाओं को सिविल सेवाओं में करियर बनाकर राष्ट्र सेवा के प्रति प्रेरित करने के लिए भी था।

नशा मुक्ति: खामोश कातिल के खिलाफ जंग

वानखेड़े ने इन क्षेत्रों के युवाओं और स्थानीय निवासियों को नशे के गंभीर खतरों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने इसे "खामोश कातिल" करार देते हुए कहा कि नशा व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों स्तरों पर समाज को खोखला कर देता है। उन्होंने नशे से दूर रहकर खेल, शारीरिक फिटनेस और सकारात्मक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।

सिविल सेवा: राष्ट्र सेवा का माध्यम

समीर वानखेड़े ने युवाओं से सिविल सेवाओं में शामिल होने का आह्वान किया और इसे न केवल करियर बल्कि राष्ट्र सेवा का प्रभावशाली माध्यम बताया। उन्होंने कहा, "सिविल सेवाओं के माध्यम से युवा न केवल अपने जीवन को बदल सकते हैं, बल्कि समाज और राष्ट्र के विकास में भी योगदान दे सकते हैं।"

उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया कि वे अपने समुदाय के लिए रोल मॉडल बनें और सशक्त नेतृत्व के जरिए अपने समाज को नक्सलवाद और नशे की जकड़न से बाहर निकालें।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नई ऊर्जा का संचार

वानखेड़े का यह दौरा नक्सल प्रभावित इलाकों में एक नई उम्मीद की किरण साबित हुआ। उनके प्रयासों ने वहां के युवाओं को आत्मविश्वास और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा दी। उनके मार्गदर्शन ने न केवल नशा मुक्ति के प्रति जागरूकता बढ़ाई, बल्कि युवाओं को सिविल सेवाओं के महत्व और उसके जरिए समाज में बदलाव लाने की ताकत का अहसास कराया।

समाज सेवा का आदर्श उदाहरण

समीर वानखेड़े का यह दौरा यह साबित करता है कि जब जिम्मेदार अधिकारी समाज के उत्थान के लिए सक्रिय भूमिका निभाते हैं, तो वह क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की लहर पैदा कर सकते हैं। उनकी इस पहल ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं के जीवन को बदलने की शुरुआत की है।

उनकी इस प्रेरक यात्रा को न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जा रहा है। यह पहल समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण के लिए एक आदर्श उदाहरण बन गई है, जो यह दिखाती है कि सच्चा बदलाव विचार और कर्म दोनों से आता है।

समीर वानखेड़े का यह प्रयास छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों के युवाओं के लिए एक नई दिशा का प्रतीक बन गया है, जो उन्हें नशा मुक्त और सशक्त भारत के निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करता है।








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