मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
यवतमाल जिले के घाटंजी क्षेत्र में कठिन परिस्थितियों में धुलाई और बर्तन साफ करने का कार्य करने वाली 20 महिलाओं के जीवन में एक ऐतिहासिक क्षण आया, जब उन्हें "रसिकाश्रय" संस्था के माध्यम से "जीवाची मुंबई, श्रमाची आनंदवारी" उपक्रम के तहत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और देवदूत आरोग्य दूत डॉ. ओमप्रकाश शेटे से सह्याद्री अतिथिगृह में मिलने का अवसर प्राप्त हुआ।
यह केवल एक औपचारिक मुलाकात नहीं थी, बल्कि संघर्षरत महिलाओं के सपनों और आशाओं को नई दिशा देने वाला एक प्रेरणादायक संवाद था। यह उन महिलाओं के लिए एक ऐसा क्षण था, जिसने उनकी जिंदगी में एक नई रोशनी भर दी।
भावनाओं से भर आया माहौल, खुशी के आंसुओं में छलकी उम्मीदें
इस भेंट के दौरान कई महिलाओं की आँखों में खुशी और भावनाओं के आँसू छलक पड़े। एक बुजुर्ग महिला अपनी भावनाओं को रोक नहीं सकी और उसकी आवाज़ भर्रा गई। उन्होंने बताया कि "हमने कभी हवाई जहाज नहीं देखा था, लेकिन अब हमने उसमें सफर भी किया। बीते दो दिनों में हमें स्वर्ग जैसी अनुभूति हुई।"
महिलाओं के संघर्ष को समझते हुए डॉ. ओमप्रकाश शेटे ने उनके कठिन जीवन की चुनौतियों को उजागर किया और आश्वासन दिया कि सरकार गरीब और श्रमिक वर्ग के जीवन को बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
"रसिकाश्रय" संस्था की ऐतिहासिक पहल, महिलाओं के जीवन में लाई उजाला
इस पूरी पहल का आयोजन "रसिकाश्रय" संस्था द्वारा किया गया था, जिसका उद्देश्य इन मेहनतकश महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़कर उन्हें सशक्त बनाना था। संस्था के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए डॉ. ओमप्रकाश शेटे ने कहा, "गरीब और श्रमिक वर्ग के उत्थान के लिए सरकार पूरी तरह समर्पित है। हम हर संभव प्रयास करेंगे कि इन महिलाओं को एक सम्मानजनक जीवन मिले।"
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस अवसर पर महिलाओं से बातचीत की और सरकार की योजनाओं से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि श्रमिक वर्ग के सशक्तिकरण के लिए सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी।
मुलाकात के बाद महिलाओं में उमड़ा नया जोश, कहा- 'यह किसी सपने से कम नहीं!'
इस ऐतिहासिक भेंट के उपरांत, महिलाओं के चेहरे पर अद्भुत उत्साह और आत्मविश्वास झलक रहा था। उन्होंने इस अवसर को अपने जीवन का सबसे यादगार अनुभव बताया। एक महिला ने भावुक होकर कहा, "यह मुलाकात किसी सपने जैसी लगी। हमें यकीन नहीं हो रहा कि हम जिन नेताओं को अब तक टीवी पर देखते थे, आज उनसे मिलकर अपनी बात कह सके।"
इस पहल ने यह साबित कर दिया कि यदि सही दिशा में प्रयास किए जाएं, तो समाज के हाशिए पर खड़े लोगों को भी मुख्यधारा में लाया जा सकता है। "रसिकाश्रय" संस्था और सरकार की यह पहल उन हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा बन सकती है, जो आज भी अपने अधिकारों और बेहतर जीवन की तलाश में संघर्ष कर रही हैं।
गरीब और श्रमिक वर्ग के लिए सरकार की प्रतिबद्धता
डॉ. ओमप्रकाश शेटे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की इस पहल ने न केवल इन महिलाओं के जीवन को एक नया अनुभव दिया, बल्कि यह भी दर्शाया कि सरकार गरीब और श्रमिक वर्ग के कल्याण के लिए गंभीर और प्रतिबद्ध है।
इस भेंट के बाद महिलाओं को सरकारी योजनाओं की अधिक जानकारी मिली और उन्हें यह विश्वास हुआ कि सरकार उनकी बेहतरी के लिए कार्यरत है।
"रसिकाश्रय" की यह ऐतिहासिक पहल समाज में बदलाव की एक नई किरण लेकर आई है। यह यात्रा केवल 20 महिलाओं तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आने वाले समय में यह हजारों जरूरतमंद महिलाओं के जीवन को रोशन करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
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