अहिल्यानगर: दिनेश मीरचंदानी
मुख्यमंत्री सहायता निधि की तत्परता और संवेदनशीलता ने एक गंभीर रूप से घायल छात्र को नई जिंदगी दी। अहिल्यानगर निवासी 16 वर्षीय सतीश मारुति होडगर, जो कक्षा 10वीं का एक मेधावी छात्र है, एक दुर्भाग्यपूर्ण सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गया। दुर्घटना में उसके दाहिने हाथ को गंभीर चोट आई, और डॉक्टरों ने तत्काल शल्य चिकित्सा को ही एकमात्र उपाय बताया।
परंतु आर्थिक तंगी से जूझ रहे सतीश के परिवार के लिए यह ऑपरेशन कराना संभव नहीं था। ऐसे कठिन समय में मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष ने तत्परता दिखाते हुए मात्र 24 घंटे के भीतर एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता मंजूर की। यह राशि सीधे अस्पताल के खाते में स्थानांतरित कर दी गई, जिससे सतीश की शल्य चिकित्सा समय पर संपन्न हो सकी।
परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर
सतीश के पिता, मारुति होडगर, वर्षों पहले हुए एक हादसे में अपना एक आंख गंवा चुके हैं। दिव्यांग होने के कारण वे कोई स्थायी नौकरी नहीं कर सके और वर्तमान में एक छोटे से रसवंतीगृह में दैनिक मजदूरी पर काम करते हैं, जहां उन्हें प्रतिदिन केवल 400 रुपये मिलते हैं। सतीश की माँ भी घर चलाने के लिए मेहनत-मजदूरी और घरेलू काम करती हैं, जिससे उन्हें मात्र 300 रुपये प्रतिदिन की आमदनी होती है। सतीश की एक 20 वर्षीय बड़ी बहन और 12 वर्षीय छोटा भाई भी हैं। ऐसे में, परिवार के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना ही एक बड़ी चुनौती थी, और इस स्थिति में महंगा इलाज कराना लगभग असंभव था।
मुख्यमंत्री सहायता निधि ने दिया तत्काल सहयोग
सतीश के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद स्थानीय डॉक्टरों की मदद से मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष से संपर्क किया गया। परिवार की स्थिति और जरूरत को देखते हुए, सहायता निधि कक्ष ने त्वरित निर्णय लेते हुए केवल 24 घंटे के भीतर एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता स्वीकृत की। यह राशि सीधे अस्पताल के खाते में भेजी गई, जिससे बिना किसी देरी के सतीश की सर्जरी हो सकी।
परिवार ने जताया कृतज्ञता भाव
सतीश के माता-पिता अपनी भावनाओं को रोक नहीं सके और मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस तथा सहायता निधि कक्ष के प्रमुख श्री रामेश्वर नाइक का दिल से आभार प्रकट किया।
सतीश के पिता मारुति होडगर ने कहा, "हमारे परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना भी कठिन है। ऐसे में हमारे बेटे के इलाज के लिए इतनी बड़ी रकम मिलना किसी चमत्कार से कम नहीं है। अगर यह सहायता समय पर न मिलती, तो हमारे बेटे का हाथ हमेशा के लिए बेकार हो सकता था। हम माननीय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस और सहायता निधि कक्ष के अधिकारियों के आभारी हैं, जिन्होंने इतनी तत्परता से मदद की।"
संवेदनशील प्रशासन का बेहतरीन उदाहरण
मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष समय-समय पर गरीब और जरूरतमंद नागरिकों की मदद के लिए तत्पर रहा है। खासकर, जब किसी गरीब परिवार को तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है, तब यह कक्ष त्वरित कार्यवाही करता है। सतीश के मामले में भी यह संवेदनशीलता देखने को मिली, जब मात्र 24 घंटे में न केवल सहायता राशि स्वीकृत की गई, बल्कि उसे सीधे अस्पताल के खाते में भेज भी दिया गया।
सहायता निधि कक्ष के प्रमुख श्री रामेश्वर नाईक ने कहा, "हमारी प्राथमिकता जरूरतमंदों को त्वरित सहायता प्रदान करना है। मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में यह कक्ष भविष्य में भी गरीब और असहाय मरीजों के लिए इसी तत्परता से काम करता रहेगा।"
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि जब प्रशासन संवेदनशीलता और तत्परता के साथ कार्य करता है, तो जरूरतमंदों को समय पर राहत मिलती है और कई परिवारों की खुशियां बनी रहती हैं।
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें