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उल्हासनगर PWD में बड़ा भ्रष्टाचार! सेवानिवृत्ति से पहले अभियंता तरुण शेवकानी निलंबित।



उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर महानगरपालिका (यूएमसी) में 25 करोड़ रुपये के फंड घोटाले का सनसनीखेज मामला सामने आया है। शहर लोक निर्माण विभाग (PWD) के पूर्व अभियंता तरुण शेवकानी को इस मामले में निलंबित कर दिया गया है। प्रशासन ने उच्च स्तरीय विभागीय जांच शुरू कर दी है, जिससे नगर पालिका में हड़कंप मच गया है।

सेवानिवृत्ति से पहले ही निलंबन!

तरुण शेवकानी मई महीने में सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन उन पर लगे गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के कारण प्रशासन ने सेवानिवृत्ति से पहले ही निलंबन का आदेश जारी कर दिया। बताया जा रहा है कि यह फैसला भ्रष्टाचार और फंड के गबन की गहराई से जांच करने के लिए लिया गया है।

पहले भी एसीबी की कार्रवाई में फंसे थे शेवकानी!

यह पहला मौका नहीं है जब तरुण शेवकानी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इससे पहले भी भ्रष्टाचार निरोधक विभाग (एसीबी) द्वारा उनके खिलाफ रिश्वत और पैसों के लेन-देन को लेकर कार्रवाई की जा चुकी है। बावजूद इसके, वह प्रशासन में महत्वपूर्ण पदों पर बने रहे। लेकिन इस बार 25 करोड़ रुपये की कथित गड़बड़ी के चलते प्रशासन ने उन पर सख्त कदम उठाया है।

कैसे हुआ 25 करोड़ का गबन?

सूत्रों के मुताबिक, महानगरपालिका के विभिन्न प्रोजेक्ट्स और टेंडर से जुड़े फंड में भारी अनियमितताएं पाई गई हैं। इस फंड के आवंटन और उपयोग में कथित रूप से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। इस मामले में अन्य अधिकारियों की संलिप्तता भी जांच के दायरे में है।

हाई-लेवल जांच में और खुलासों की उम्मीद!

विभागीय जांच के तहत संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलब किया जा रहा है, और पूरे घोटाले की परतें खुलने की संभावना है। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि इस मामले में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं और दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उल्हासनगर महानगरपालिका की साख पर सवाल, जनता में रोष!

इस घोटाले ने उल्हासनगर महानगरपालिका की साख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता में इस भ्रष्टाचार को लेकर गहरा आक्रोश है, और कई सामाजिक संगठनों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है।

क्या प्रशासन दोषियों को कटघरे में खड़ा कर पाएगा?

अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस हाई-प्रोफाइल घोटाले में कितनी पारदर्शिता और निष्पक्षता बरतता है। क्या दोषियों को सजा मिलेगी, या फिर यह मामला भी पुरानी फाइलों में दबकर रह जाएगा?



































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