उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
14 अक्टूबर 2024 को बड़े धूमधाम से उल्हासनगर के नए SDO कार्यालय का उद्घाटन किया गया था, लेकिन अब इस कार्यालय को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। सबसे बड़ी चिंता यह है कि इस इमारत को अब तक कम्प्लीशन सर्टिफिकेट (Completion Certificate) नहीं मिला है, फिर भी इसे कैसे चालू कर दिया गया?
बिना कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के कैसे हुआ उद्घाटन?
नियमानुसार किसी भी सरकारी या निजी इमारत के उपयोग के लिए कम्प्लीशन सर्टिफिकेट (CC) होना आवश्यक होता है। यह प्रमाणपत्र तब जारी किया जाता है जब इमारत सभी निर्माण मानकों और सुरक्षा दिशानिर्देशों पर खरी उतरती है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि उल्हासनगर SDO कार्यालय को अब तक CC प्राप्त नहीं हुआ है, फिर भी यह जनता के लिए खोल दिया गया।
दिव्यांगों के लिए नहीं कोई सुविधा
सरकार की ‘सुगम्य भारत अभियान’ के तहत सभी सरकारी भवनों में दिव्यांगजनों के लिए बुनियादी सुविधाएं अनिवार्य हैं, जिसमें लिफ्ट, रैंप और अन्य सहायक साधन शामिल होते हैं। लेकिन उल्हासनगर SDO कार्यालय में न तो लिफ्ट की सुविधा है और न ही रैंप की व्यवस्था, जिससे दिव्यांगजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह सरकार के ‘दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016’ का भी उल्लंघन है, जिसमें सभी सार्वजनिक स्थानों को दिव्यांगों के अनुकूल बनाए जाने का प्रावधान है।
MSEB ने बिना कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के कैसे दिया बिजली कनेक्शन?
एक और बड़ा सवाल यह है कि जब इमारत को अब तक कम्प्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिला है, तो महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (MSEB) ने इस इमारत को बिजली कनेक्शन कैसे प्रदान किया? MSEB के नियमों के अनुसार किसी भी नई इमारत को बिजली कनेक्शन देने से पहले कम्प्लीशन सर्टिफिकेट अनिवार्य होता है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि नियमों की अनदेखी कर बिजली कनेक्शन दिया गया, जो भ्रष्टाचार और अनियमितता की ओर इशारा करता है।
प्रशासन से जवाब तलब जरूरी
यह मामला अब स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है। आम जनता यह जानना चाहती है कि बिना कानूनी औपचारिकताओं को पूरा किए कैसे सरकारी कार्यालय संचालित किया जा सकता है? क्या प्रशासन इन गंभीर चूकों की जिम्मेदारी लेगा और दोषियों पर कार्रवाई होगी?
क्या होगा आगे?
अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस मुद्दे को लेकर क्या कदम उठाता है। क्या SDO कार्यालय को जल्द से जल्द कम्प्लीशन सर्टिफिकेट दिया जाएगा या फिर इस मामले की गहन जांच होगी? साथ ही, क्या दिव्यांगजनों के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी?
शहरवासियों को उम्मीद है कि संबंधित विभाग इस मुद्दे को गंभीरता से लेंगे और जल्द ही उचित कार्रवाई करेंगे।
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