मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
महाराष्ट्र दिवस के पावन अवसर पर आज राज्य के प्रत्येक जिले में मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष का विधिवत उद्घाटन संबंधित जिले के पालक मंत्री, मंत्री या राज्यमंत्री के कर-कमलों द्वारा किया गया। यह निर्णय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देशानुसार लिया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को त्वरित व प्रभावी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है।
मुख्यमंत्री सहायता निधि के अंतर्गत मिलने वाली सहायता के लिए अब मरीजों और उनके परिजनों को बार-बार मंत्रालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। जिला स्तर पर शुरू किए गए इन कक्षों के माध्यम से सहायता की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, त्वरित और सुगम बनाया गया है।
मुख्यमंत्री फडणवीस के निर्देशानुसार 22 फरवरी 2025 को इस आशय का शासन निर्णय जारी किया गया था। इसके बाद 23 अप्रैल को स्वयं मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में संबंधित अधिकारियों को इन कक्षों को पूरी क्षमता से कार्यान्वित करने के निर्देश दिए गए थे।
मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष के प्रमुख रामेश्वर नाईक ने जानकारी देते हुए बताया कि अब राज्य के प्रत्येक जिलाधिकारी कार्यालय में यह कक्ष संचालित होगा। इससे मरीजों को उनके ही जिले में मदद मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष की मुख्य जिम्मेदारियां:
मरीजों व परिजनों को आवेदन प्रक्रिया में सहायता प्रदान करना
प्राप्त आवेदनों की वर्तमान स्थिति की जानकारी देना
मरीजों व परिजनों की समस्याओं का समाधान करना
सहायता प्राप्त मरीजों से अस्पताल जाकर संपर्क करना
कक्ष के प्रति जनजागृति व प्रचार-प्रसार करना
सहायता हेतु बीमारियों की सूची का पुनर्विलोकन करना
आपदा की स्थिति में जिले में तत्काल सहायता पहुंचाना
मुख्यमंत्री सहायता निधि में अधिकतम दान प्राप्त करने के प्रयास करना
आर्थिक सहायता योग्य बीमारियों की संख्या बढ़ाने का प्रयास करना
जनता को मिलने वाले प्रमुख लाभ:
आवेदन करने में मार्गदर्शन व सहायता
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची की सुविधा
संबंधित अस्पतालों की सूची की जानकारी
मंत्रालय तक पहुंचने की आवश्यकता नहीं
आवेदन की स्थिति जिलाधिकारी कार्यालय में ही ज्ञात होगी
यह पहल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की दूरदर्शी सोच को दर्शाती है, जिसका मूल उद्देश्य है—राज्य के प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य सेवा हेतु त्वरित सहायता सुनिश्चित करना। यह निर्णय न केवल प्रशासनिक दक्षता को दर्शाता है, बल्कि इससे जरूरतमंद नागरिकों में सरकार के प्रति विश्वास भी सुदृढ़ होगा।
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