मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
देश-विदेश में प्रसिद्ध लालबाग का राजा गणपति पंडाल इस बार दर्शन व्यवस्था को लेकर विवादों में आ गया है। गणेशोत्सव के दौरान लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बने इस पंडाल में दर्शन के लिए VIP और नॉन-VIP लाइनें अलग-अलग बनाए जाने को लेकर तीखी आपत्तियां दर्ज की जा रही हैं।
इसी संदर्भ में एडवोकेट आशीष राय और पंकज मिश्रा ने महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। उनका तर्क है कि धार्मिक आयोजन में VIP संस्कृति को बढ़ावा देना न केवल भक्तों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह सामाजिक समानता की भावना के भी खिलाफ है।
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि VIP दर्शन की सुविधा से आम श्रद्धालुओं को लंबे समय तक कठिन परिस्थितियों में कतारों में खड़ा रहना पड़ता है, जबकि कुछ चुनिंदा लोगों को विशेषाधिकार दिया जा रहा है। उन्होंने इसे धार्मिक भेदभाव और अन्यायपूर्ण व्यवस्था करार दिया है।
मानवाधिकार आयोग से की गई शिकायत में मांग की गई है कि आयोग तत्काल इस मामले पर संज्ञान ले और VIP–नॉन VIP दर्शन व्यवस्था को समाप्त करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी करे, ताकि हर भक्त को बिना भेदभाव के समान अवसर मिल सके।
👉 इस प्रकरण के सामने आने के बाद गणेश मंडल की भूमिका, प्रशासन की कार्यशैली और VIP संस्कृति पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी बड़ा रूप ले सकता है, क्योंकि यह सीधे तौर पर भक्तों की आस्था और अधिकारों से जुड़ा हुआ है।
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