उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर महानगरपालिका के नगररचना विभाग द्वारा 14 नंबर TDR (Transfer of Development Rights) रद्द किए जाने के बाद क्षेत्र में जारी सभी निर्माण अनुमति आदेशों को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय कानूनी व प्रशासनिक स्पष्टता बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
लेकिन इसी प्रकरण में नगररचना विभाग की गंभीर लापरवाही सामने आई है। जारी किए गए स्थगन पत्रों में —
❌ न तो निर्माण अनुमति संख्या का उल्लेख है
❌ और न ही संबंधित निर्माण स्थलों का पूर्ण पता दर्ज है
इसके कारण निर्माणकर्ताओं, परियोजना धारकों, नागरिकों और संबंधित विभागों के बीच भारी अस्पष्टता और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।
🟥 प्रमुख मुद्दे
• TDR-14 रद्द होने के बाद सभी निर्माण अनुमति आदेशों को नगररचना विभाग ने रोक दिया
• लेकिन जारी स्थगन पत्रों में प्राथमिक जानकारी का अभाव
• अनुमति क्रमांक और साइट पता न होने से कानूनी विवाद की आशंका
• बिल्डरों और परियोजना धारकों द्वारा विभाग की निष्क्रियता पर सवाल
• भविष्य में कोर्ट केस और प्रशासनिक कार्रवाई की संभावना
📌 विशेषज्ञों की राय
नगर विकास विशेषज्ञों का कहना है कि बिना निर्माण आदेश नंबर और बिना साइट पता के जारी किया गया स्थगन पत्र कानूनी रूप से अधूरा माना जाएगा और यह आगे चलकर तकरार और न्यायालयीन विवाद को जन्म दे सकता है।
📍 स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया
नागरिकों का कहना है कि नगररचना विभाग की इस तरह की लापरवाही बार-बार उजागर होती है, जिसके कारण शहर की विकास प्रक्रिया लगातार बाधित हो रही है।
निष्कर्ष
महानगरपालिका प्रशासन को इस प्रकरण में तत्काल हस्तक्षेप करते हुए —
🔹 सभी स्थगन पत्रों में आवश्यक विवरण जोड़कर पुनः जारी करना चाहिए
🔹 जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए
उल्हासनगर के विकास से जुड़े इस गंभीर मुद्दे पर आगे भी नजर बनाए रखी जाएगी।









कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें