उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर महानगरपालिका के टाउन प्लानिंग विभाग में कार्यरत वरिष्ठ अधिकारी संजय पवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। स्थानीय नागरिकों और सूत्रों के अनुसार, पवार द्वारा उल्हासनगर के नंबर-1 से लेकर नंबर-5 तक के क्षेत्रों में अवैध बांधकाम (निर्माण) को खुला संरक्षण दिया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि इन अवैध निर्माण स्थलों पर नियमानुसार आवश्यक फलक बोर्ड तक नहीं लगाए जाते, जबकि महाराष्ट्र सरकार की स्पष्ट GR (Government Resolution) के अनुसार, हर निर्माण स्थल पर फलक बोर्ड लगाना अनिवार्य है। यह बोर्ड निर्माण की मंजूरी, वास्तुविद का नाम, लाइसेंस नंबर, मंजूरी की तारीख जैसी जानकारी प्रदान करता है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और नियमों का पालन सुनिश्चित हो सके।
लेकिन उल्हासनगर में नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। न तो किसी साइट पर जानकारी प्रदर्शित की जाती है, और न ही नगर निगम द्वारा कोई कार्रवाई की जाती है। आरोप है कि यह सब कुछ संजय पवार की मिलीभगत और संरक्षण में हो रहा है।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और जागरूक नागरिकों ने मांग की है कि महाराष्ट्र सरकार और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराए, ताकि नगर विकास विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके।
जनता की मांग:
टाउन प्लानिंग विभाग में निष्पक्ष जांच
संजय पवार को तत्काल निलंबित कर पूछताछ
अवैध निर्माणों पर त्वरित कार्रवाई
सभी निर्माण स्थलों पर GR के अनुसार बोर्ड लगाना सुनिश्चित किया जाए
यह मामला अब सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि एक जनहित का मुद्दा बन गया है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो शहर की संरचना और नागरिक सुरक्षा दोनों खतरे में पड़ सकती हैं।