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पीडब्ल्यूडी घोटाले से उल्हासनगर प्रशासन में हड़कंप, इंजीनियर संदीप जाधव ने मांगा वीआरएस।

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर महानगरपालिका (यूएमसी) के सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में करोड़ों रुपये के घोटाले का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि विभाग में वर्षों से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताएं चल रही थीं। इस प्रकरण में विभाग के जूनियर इंजीनियर संदीप जाधव पर गंभीर आरोप लगे हैं।

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, उल्हासनगर महानगर पालिका आयुक्त मनीषा अहवाले द्वारा विभागीय कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के उद्देश्य से शुरू की गई सघन जांच कार्रवाई के बाद, संदीप जाधव ने अचानक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन कर दिया।

जाधव के वीआरएस की टाइमिंग और विभाग में मची अफरातफरी से यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि वह जांच की आंच से बचना चाह रहे हैं। बताया जा रहा है कि पीडब्ल्यूडी विभाग में टेंडर प्रक्रिया, कार्यादेश और बिल भुगतान में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं, जिनमें कई ठेकेदार और अधिकारी भी संदेह के घेरे में हैं।

आयुक्त अहवाले की सख्त कार्यशैली और निगरानी के कारण पूरे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और जांच को निष्पक्षता व पारदर्शिता के साथ अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।

उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में भ्रष्टाचार के इस मामले में और भी नाम सामने आ सकते हैं। साथ ही, यह भी संभावना जताई जा रही है कि एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) या राज्य सतर्कता विभाग इस प्रकरण की औपचारिक जांच अपने हाथ में ले सकते हैं।

इस घोटाले ने न सिर्फ पीडब्ल्यूडी विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि उल्हासनगर में सरकारी प्रशासन की जवाबदेही और पारदर्शिता पर भी नई बहस छेड़ दी है।












समाज के लिए मिसाल बनेंगे IRS अधिकारी समीर वानखेडे: SST कॉलेज उल्हासनगर-4 में 19 जुलाई 2025 को ऐतिहासिक नशा मुक्ति कार्यक्रम, युवाओं को देंगे प्रेरणा।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर में इस वर्ष 19 जुलाई का दिन एक ऐतिहासिक और सामाजिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ और देशभर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व अधिकारी के तौर पर अपने बेधड़क व ईमानदार कार्यों से प्रसिद्ध समीर वानखेडे उल्हासनगर के SST कॉलेज में आयोजित एक विशेष नशा मुक्ति जनजागरूकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

यह कार्यक्रम न केवल कॉलेज के छात्रों के लिए बल्कि पूरे शहर के युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बनेगा। समीर वानखेडे, जिनका नाम ड्रग माफियाओं के विरुद्ध निर्णायक अभियानों और नशे के नेटवर्क को उजागर करने के लिए जाना जाता है, इस अवसर पर अपने अनुभवों को साझा करेंगे और युवाओं को नशे से दूर रहने की प्रेरणा देंगे।

कार्यक्रम का उद्देश्य: युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूक करना

SST कॉलेज द्वारा आयोजित यह विशेष सत्र उनके सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है— "नशा मुक्त भारत, स्वस्थ भारत"। कॉलेज प्रबंधन के अनुसार, यह पहल छात्रों को नशीले पदार्थों की भयावहता से अवगत कराने और उन्हें एक सकारात्मक, जागरूक, और लक्ष्य-निर्धारित जीवन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से की जा रही है।

कार्यक्रम की शुरुआत 19 जुलाई को दोपहर 12:00 बजे SST कॉलेज उल्हासनगर-4 में होगी।

समीर वानखेडे: एक नाम, जो युवाओं के लिए प्रेरणा है

समीर वानखेडे का व्यक्तित्व स्वयं में ही एक आदर्श बन चुका है। अपने करियर में उन्होंने बड़े-बड़े नशा सिंडिकेट्स का पर्दाफाश किया है। उनके नेतृत्व में NCB ने कई चर्चित मामलों में प्रभावी कार्यवाही की, जिससे युवा पीढ़ी के बीच एक स्पष्ट संदेश गया कि नशा किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं।

छात्रों में उत्साह और उम्मीदों का माहौल

कॉलेज परिसर में छात्रों के बीच इस कार्यक्रम को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है। कई छात्र इसे अपने जीवन की दिशा तय करने वाले क्षण के रूप में देख रहे हैं। SST कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि यह कार्यक्रम युवाओं को न केवल नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराएगा बल्कि उन्हें एक सकारात्मक समाज के निर्माण की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करेगा।












डीसीपी सचिन गोरे के जन्मदिन पर शहर में बधाइयों की गूंज, सम्मान और सादगी के माहौल में मनाया गया विशेष दिवस।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

झोन-4 के पुलिस उपायुक्त (DCP) श्री सचिन गोरे के जन्मदिन के अवसर पर उल्हासनगर शहर में हर्ष और उत्साह का वातावरण देखने को मिला। पुलिस सेवा में अपनी सादगी, अनुशासन और कार्यकुशलता के लिए पहचाने जाने वाले श्री गोरे को उनके जन्मदिवस पर शहर के अनेक गणमान्य नागरिकों और समाजसेवियों ने शुभकामनाएं दीं।

इस विशेष अवसर पर मंत्रालय टाइम्स के संपादक दिनेश मिराचंदानी, मानव शक्ति एनजीओ के अध्यक्ष कुमार मेंघवानी, भाजपा नेता विक्की मेंघवानी और पुलिस विभाग से PSI प्रशांत चव्हाण ने डीसीपी गोरे से मुलाकात कर उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट किया और शुभकामनाएं प्रकट कीं।

कार्यक्रम भले ही सादगीपूर्ण रहा, परंतु उसमें आत्मीयता, गरिमा और सम्मान की स्पष्ट झलक दिखाई दी। उपस्थित अतिथियों ने डीसीपी गोरे के सामाजिक योगदान और उनके प्रशासनिक दृष्टिकोण की सराहना की, साथ ही उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना भी की।

शहरवासियों और पुलिस विभाग के बीच सेतु की भूमिका निभा रहे डीसीपी श्री गोरे के प्रति यह सम्मानजनक भाव इस बात का प्रतीक है कि प्रशासनिक जिम्मेदारियों के साथ मानवीय मूल्यों का निर्वाह करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।












उल्हासनगर मनपा में व्यापक प्रशासनिक फेरबदल: अधिकारियों की जिम्मेदारियों में बड़ा बदलाव, पारदर्शिता और कार्यकुशलता पर जोर।


 

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी

उल्हासनगर महानगरपालिका (Ulhasnagar Municipal Corporation) में प्रशासनिक कार्यप्रणाली को और अधिक दक्ष, पारदर्शी तथा जवाबदेह बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। मनपा प्रशासन ने दो महत्वपूर्ण कार्यालयीन आदेश जारी किए हैं, जिनके तहत कई वरिष्ठ और सहायक आयुक्तों की विभागीय जिम्मेदारियों में बड़े स्तर पर फेरबदल किया गया है। ये आदेश मनपा आयुक्त एवं प्रशासक के अनुमोदन से तत्काल प्रभाव से लागू किए गए हैं।

🔸 पहला आदेश (क्रमांक 584, दिनांक: 12 जून 2025)

नगर विकास विभाग के दिशा-निर्देशों और शासन की स्वीकृति के अनुरूप, चार सहायक आयुक्तों के कार्यक्षेत्र में परिवर्तन किया गया है:

1. श्री अजय साबळे – सहायक आयुक्त, अब प्रभाग समिति क्रमांक 01 कार्यालय

2. श्री विशाल कदम – सहायक आयुक्त, अब प्रभाग समिति क्रमांक 03 कार्यालय

3. श्रीमती अलका पवार – सहायक आयुक्त, अब प्रभाग समिति क्रमांक 04 कार्यालय

4. श्री गणेश शिंपी – सहायक आयुक्त, अब प्रभाग समिति क्रमांक 02 कार्यालय

इसके अतिरिक्त, श्री अजय कर्डक को समन्वयक अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। सभी अधिकारियों को अपने-अपने नवविभाजित विभागों का कार्यभार तुरंत संभालने के निर्देश जारी किए गए हैं।

🔸 दूसरा आदेश (क्रमांक 585, दिनांक: 13 जून 2025)

इस आदेश के अंतर्गत विभागीय पुनर्गठन तीन तालिकाओं में दर्शाया गया है:

📋 तक्ता "अ" — उप आयुक्त के अधीन सौंपे गए विभाग:

श्रीमती स्नेहा करपे, उप आयुक्त को निम्न विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई:

1. वैद्यकीय आरोग्य विभाग

2. वाहन व परिवहन विभाग

3. जनगणना व आधार केंद्र

4. पर्यावरण विभाग

5. जनसंपर्क विभाग

6. निवडणूक (चुनाव) विभाग

7. विवाह नोंदणी

8. जन्म-मृत्यु नोंदणी

9. बाजार व परवाना विभाग

10. क्रीड़ा व सांस्कृतिक विभाग

📋 तक्ता "ब" — अतिरिक्त विभागीय दायित्व:

1. डॉ. सुनील लोंढे, सहायक आयुक्त (प्रभाग 2) – निवडणूक विभाग

2. श्री गणेश पवार, वरिष्ठ लिपिक – अतिरिक्त प्रशासनिक सहयोग

📋 तक्ता "क" — स्थानांतरित अधिकारियों की नियुक्तियाँ:

1. श्री नितेश रंगारी – उप कर निर्धारक व संकलक, विभाग प्रमुख: मालमत्ता कर विभाग

2. श्री अजित गोवारी – अधीक्षक, विभाग प्रमुख: सामान्य प्रशासन विभाग

3. श्री सचिन जाधव – वरिष्ठ लिपिक, विभाग प्रमुख: निवडणूक विभाग

🎯 प्रशासन का उद्देश्य:

इन फेरबदल का प्रमुख उद्देश्य मनपा की प्रशासनिक प्रक्रियाओं को तेज़, पारदर्शी एवं प्रभावी बनाना है। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने कार्यभार तुरंत ग्रहण करें और प्रशासन को रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह भी स्पष्ट किया गया है कि विभागीय शिथिलता या लापरवाही को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

🔚 निष्कर्ष:

उल्हासनगर मनपा द्वारा जारी किए गए ये प्रशासनिक आदेश न केवल आंतरिक कार्यप्रणाली को बेहतर बनाएंगे, बल्कि इससे नागरिकों को भी सेवाओं का त्वरित और प्रभावी लाभ मिलेगा। यह कदम शहर के सुशासन और उत्तरदायित्वपूर्ण प्रशासनिक व्यवस्था की दिशा में एक बड़ा और स्वागतयोग्य प्रयास माना जा रहा है।



















राज ठाकरे के जन्मदिन पर जनसेवा की मिसाल: उल्हासनगर में छात्रों के बीच वितरित की गई नोटबुक, समाजसेवकों की रही सक्रिय भागीदारी।


 



उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज साहेब ठाकरे के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में उल्हासनगर में एक प्रेरणादायक सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसने न केवल सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय दिया, बल्कि शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक सशक्त कदम साबित हुआ।

गुरु तेग बहादुर कॉलोनी, हॉस्पिटल एरिया, उल्हासनगर-3 में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में स्कूली छात्रों को निःशुल्क नोटबुक्स वितरित की गईं। कार्यक्रम का आयोजन समाजसेवक हिरो राजाई के कार्यालय में किया गया, जिसमें शहर के अनेक प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ताओं और मनसे पदाधिकारियों की सक्रिय उपस्थिति रही।

इस जनहितैषी पहल में मनसे उल्हासनगर शहर अध्यक्ष संजय घुगे, उपाध्यक्ष मुकेश शेतपालांनी, समाजसेवक हिरो राजाई, सतीश तिवारी, विजय आवळे, पुरण सिंग, श्रीमती सोनल लखानी सहित कई गणमान्य अतिथि शामिल हुए। इन सभी ने बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करते हुए उन्हें शैक्षणिक सामग्री प्रदान की।

वक्ताओं ने इस अवसर पर राज ठाकरे के समाजोन्मुखी दृष्टिकोण और जनसेवा के प्रति समर्पण को सराहा और कहा कि आज की शिक्षा में निवेश, कल के उज्जवल भविष्य की नींव है। इस पहल को स्थानीय लोगों और छात्रों के अभिभावकों ने भी बड़े उत्साह से सराहा।

कार्यक्रम का उद्देश्य केवल जन्मदिन को औपचारिक रूप से मनाना नहीं था, बल्कि समाज के पिछड़े तबके के बच्चों को पढ़ाई में सहयोग कर, उनकी शिक्षा यात्रा को सुगम बनाना था। इस पहल ने न केवल एक प्रेरणादायक संदेश दिया, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि राजनीति के साथ अगर सामाजिक सरोकार जुड़ जाएं, तो सकारात्मक बदलाव संभव हैं।

इस आयोजन ने स्पष्ट किया कि मनसे न केवल राजनीतिक आंदोलन का नाम है, बल्कि यह समाजसेवा के लिए भी उतनी ही गंभीरता से प्रतिबद्ध है।




















IRS अधिकारी समीर वानखेडे की स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक पर ऐतिहासिक उपस्थिति — राष्ट्रभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा का जीवंत उदाहरण।


 





मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देशभक्ति की भावना और राष्ट्रीय गौरव से सराबोर एक ऐतिहासिक क्षण उस समय साकार हुआ जब भारत सरकार के वरिष्ठ IRS अधिकारी समीर वानखेडे ने मुंबई के दादर स्थित स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक का औपचारिक दौरा किया। इस अवसर ने ना केवल स्वतंत्रता संग्राम के गौरवपूर्ण अध्याय को पुनः जीवित किया, बल्कि एक प्रशासनिक अधिकारी के संवेदनशील और राष्ट्रप्रेम से परिपूर्ण व्यक्तित्व को भी उजागर किया।

समीर वानखेडे ने इस स्मारक स्थल पर भारत के महान क्रांतिकारी स्वातंत्र्यवीर सावरकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके वंशज श्री रणजीत सावरकर से शिष्टाचार भेंट कर उनके योगदान को ससम्मान स्मरण किया।

इस अवसर पर उन्होंने भावुकता से कहा:

आज एक गर्व और श्रद्धा से भरा शक्तिशाली क्षण रहा जब मैंने स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक का दौरा किया — वह भूमि जहाँ भारत के सबसे प्रखर स्वतंत्रता सेनानी की प्रेरणादायक गूंज आज भी जीवंत है।

मैंने सावरकर जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की, उनके वीर वंशज श्री रणजीत सावरकर से भेंट की, और उस क्रांतिकारी की महान विरासत को नमन किया जिसने अपने साहस और अटूट संकल्प से एक पूरे साम्राज्य की नींव हिला दी थी।"

यह भेंट सिर्फ एक व्यक्तिगत श्रद्धांजलि नहीं थी, बल्कि आज के समय में प्रशासनिक सेवा में कार्यरत अधिकारियों के लिए एक प्रेरक दृष्टांत थी — कि कैसे इतिहास और राष्ट्रभक्ति से जुड़कर एक अधिकारी अपने कर्तव्यों को और भी अधिक दृढ़ता और समर्पण से निभा सकता है।

स्मारक परिसर में उपस्थित लोग भी इस अवसर पर भाव-विभोर हो उठे और समीर वानखेडे की राष्ट्रसेवा की भावना की सराहना करते हुए कहा कि "इस प्रकार की यात्राएं न केवल इतिहास का सम्मान हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक जीवंत प्रेरणा भी हैं।"

समीर वानखेडे की यह ऐतिहासिक उपस्थिति स्वतंत्रता संग्राम की स्मृतियों को पुनर्जीवित करती है और यह सिद्ध करती है कि वीर सावरकर जैसे महानायकों की विचारधारा आज भी सच्चे राष्ट्रसेवकों के मन में जीवित है।












उल्हासनगर-4 के शिवनेरी हॉस्पिटल की लापरवाही: जिंदा बुज़ुर्ग को मृत बताकर अंतिम संस्कार की नौबत तक पहुँचा।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर के शिवनेरी हॉस्पिटल से एक बेहद चौंकाने वाला और गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसने पूरे चिकित्सा तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 65 वर्षीय अभिमान तायडे नामक बुजुर्ग को जिंदा होते हुए भी डॉक्टर द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। यही नहीं, अस्पताल प्रशासन ने तुरंत डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया, जिससे परिजन अंतिम संस्कार की तैयारियों में लग गए थे।

जानकारी के अनुसार, अभिमान तायडे की तबीयत कुछ समय से खराब चल रही थी और मुंबई के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। अचानक बेहोश हो जाने पर उनके बेटे ने उन्हें रिक्शा से उल्हासनगर के शिवनेरी हॉस्पिटल पहुंचाया। यहां डॉ. आहुजा ने बाहर ही, रिक्शे में मरीज की जांच कर उन्हें मृत घोषित कर दिया। बिना किसी मेडिकल जांच या उचित पुष्टि के, अस्पताल ने डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया।

हालांकि, जैसे ही परिजन अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, उन्होंने देखा कि अभिमान तायडे की छाती में हलचल हो रही है और उनकी धड़कन चल रही है। घबराए परिजन तुरंत उन्हें उल्हासनगर के एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने तत्परता दिखाते हुए इलाज शुरू किया और थोड़ी ही देर में मरीज को होश आ गया। उनकी जान बच गई।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद परिजनों में जहां राहत है, वहीं गहरा आक्रोश भी है। उन्होंने शिवनेरी हॉस्पिटल और डॉ. आहुजा के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई है।

डॉक्टर ने मानी गलती, दी सफाई:

डॉ. आहुजा ने अपनी चूक स्वीकार करते हुए कहा, "रोगी की नब्ज नहीं मिल रही थी, और आसपास के शोर के कारण दिल की धड़कन भी सुनाई नहीं दी। इसी वजह से गलती से मृत घोषित कर दिया गया, इसके लिए मैं खेद प्रकट करता हूं।"

मरीज ने कहा - "अब मैं ठीक हूं"

होश में आने के बाद अभिमान तायडे ने कहा, "मुझे पीलिया हुआ था, अब मेरी तबीयत ठीक है। मैंने खाना भी खा लिया है।"

अब बड़ा सवाल यह उठता है कि इतनी गंभीर चिकित्सा लापरवाही के बावजूद क्या डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन पर कोई ठोस कार्रवाई होगी? क्या भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस प्रणाली बनाई जाएगी?

यह मामला न केवल एक व्यक्ति की जान से जुड़ा है, बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा करता है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की भूमिका अब जांच के घेरे में है।












मुंबई में ड्रग्स माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी: समीर वानखेड़े की वापसी संभव!


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई में ड्रग्स माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए जल्द ही एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की शुरुआत हो सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चर्चित और सख्त माने जाने वाले IRS अधिकारी समीर वानखेड़े को मुंबई में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ तैनात किया जा सकता है।

समीर वानखेड़े, जो पहले NCB (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) में अपनी तेज-तर्रार कार्यशैली और हाई-प्रोफाइल केसों में कार्रवाई के लिए चर्चित रहे हैं, उनकी वापसी से एक बार फिर ड्रग्स तस्करी के खिलाफ कड़ी मुहिम छेड़ने की संभावना है। बता दें कि उन्होंने बॉलीवुड ड्रग्स केस, आर्यन खान प्रकरण जैसे कई चर्चित मामलों में भी प्रमुख भूमिका निभाई थी।

मुंबई में बढ़ती ड्रग्स तस्करी की घटनाएं, खासकर युवाओं को निशाना बनाने वाले रैकेट्स, प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। ऐसे में समीर वानखेड़े जैसे अनुभवी और निडर अफसर की वापसी को ड्रग्स माफियाओं के लिए "कड़ी चेतावनी" माना जा रहा है।

प्रशासनिक स्तर पर इस संबंध में अंतिम निर्णय जल्द लिया जा सकता है। यदि उनकी तैनाती होती है, तो मुंबई में ड्रग्स माफिया के खिलाफ एक निर्णायक और ऐतिहासिक अभियान की शुरुआत तय मानी जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक, वानखेड़े के कार्यशैली में "जीरो टॉलरेंस" नीति की छवि है, और उनकी वापसी से एक बार फिर अवैध गतिविधियों में संलिप्त अपराधियों में खलबली मच सकती है।

अब देखना ये होगा कि क्या समीर वानखेड़े की वापसी के साथ मुंबई को ड्रग्स मुक्त बनाने का अगला अध्याय शुरू होता है।












अमेज़न के खिलाफ विवादित "काली माँ" पुस्तक को लेकर मुंबई पुलिस कमिश्नर को सौंपी गई शिकायत, हिन्दू भावनाओं को आहत करने का आरोप।




मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

ई-कॉमर्स दिग्गज अमेज़न एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। इस बार मामला हिन्दू धर्म की आराध्य देवी काली माँ से संबंधित एक आपत्तिजनक पुस्तक को लेकर है, जिसे अमेज़न ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पिछले दो वर्षों से बेचे जाने का आरोप है। इस पुस्तक के कवर पर देवी काली को फाँसी के फंदे पर झूलता हुआ दर्शाया गया है, जिसे लेकर हिन्दू समाज की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है।

इस गंभीर मुद्दे को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट के अधिवक्ता आशीष राय और पंकज मिश्रा द्वारा मुंबई पुलिस कमिश्नर को आधिकारिक शिकायत सौंपी गई है। शिकायत में कहा गया है कि यह चित्रण न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करता है, बल्कि देश में आतंकी मानसिकता को बढ़ावा देने एवं शांति व्यवस्था भंग करने की साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है।

शिकायतकर्ताओं ने इस मामले में अमेज़न मुंबई अथवा अमेज़न इंडिया के जिम्मेदार संचालक अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर सख्त कानूनी कार्यवाही की मांग की है।

शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि अमेज़न जैसी वैश्विक ई-कॉमर्स कंपनियों को भारतीय संविधान, धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक संवेदनशीलता का सम्मान करना चाहिए, अन्यथा यह बार-बार ऐसे मामलों को बढ़ावा देने की छूट बन जाती है।

अब यह देखना होगा कि मुंबई पुलिस इस मामले में क्या रुख अपनाती है और क्या अमेज़न के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई होती है। मामला गंभीर है और देशभर में इसको लेकर धार्मिक संगठनों और आम नागरिकों में आक्रोश भी देखा जा रहा है।




















मुख्यमंत्री सहायता निधि के अंतर्गत कल्याण (पूर्व) अग्निकांड पीड़ितों को ₹5 लाख की आर्थिक सहायता।


ठाणे: दिनेश मीरचंदानी 

दिनांक 20 अप्रैल 2025 को कल्याण (पूर्व) चिकनपाडा क्षेत्र में हुए भीषण अग्निकांड में पांच मंजिला इमारत की छत गिरने से छह व्यक्तियों की दर्दनाक मृत्यु हो गई। इस दुखद घटना में सुशील नारायण गुजर, नम्रता श्रीकांत शेलार, प्रतिभा कालेधरन साहू, सुनीता निलकंठ साहू, बैंकर चव्हाण और सुजाता मनाला पाखी की मौत हुई।

राज्य सरकार द्वारा इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री सहायता निधि से मृतकों के परिजनों को ₹5,00,000 प्रति मृतक, कुल ₹30,00,000 (तीस लाख रुपये) की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है। यह सहायता सीधे संबंधित परिजनों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी।

इस सहायता की प्रक्रिया के अंतर्गत संबंधित परिजनों के नाम, बैंक खाते और आधार संख्या के दस्तावेज मुख्यमंत्री कार्यालय को प्राप्त हो चुके हैं। निधि की राशि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, फोर्ट ब्रांच, मुंबई से संबंधित खातों में भेजी जाएगी।

सहायता निधि स्वीकृति का यह पत्र दिनांक 11 जून 2025 को जारी किया गया है, जिसे सह कक्ष प्रमुख तथा कक्ष अधिकारी श्री शरद घावटे ने हस्ताक्षरित किया।

इस सराहनीय पहल के माध्यम से सरकार ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य नागरिकों के साथ हर संकट की घड़ी में खड़ा है। पीड़ितों के परिवारों को यह सहायता एक छोटी सी राहत जरूर देगी, लेकिन सरकार की संवेदनशीलता और तत्परता का प्रमाण भी है।


























उल्हास जनपथ कार्यालय में मानवता की अनूठी मिसाल: जरूरतमंदों को स्कूल बैग,राशन,नोट बुक,पेंसिल सेट और छत्रियों का वितरण।


 






उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

प्रसिद्ध सामाजिक और पत्रकारिता संस्थान उल्हास जनपथ के संपादक शिव कुमार मिश्रा के जन्मदिवस और पत्रिका की 10वीं वर्धापन वर्षगांठ के शुभ अवसर पर उल्हास जनपथ कार्यालय में एक भव्य सेवा एवं वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जरूरतमंदों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरते हुए सैकड़ों लोगों को अत्यावश्यक सामग्री वितरित की गई।

कार्यक्रम के तहत:

सैकड़ों जरूरतमंद बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाले स्कूल बैग, नोटबुक और पेंसिल सेट प्रदान किए गए, जिससे उनका शैक्षणिक भविष्य सशक्त हो सके।

वंचित महिलाओं को राशन सामग्री किट वितरित की गई, जिससे उनके परिवार की दैनिक जरूरतों में राहत मिले।

वरिष्ठ नागरिकों को आगामी मानसून को ध्यान में रखते हुए छत्री (छाता) वितरित की गई।

और विशेष रूप से छात्राओं (बच्चियों) को सायकिलें दी गईं, जिससे वे अपनी शिक्षा यात्रा को सुगम और सुरक्षित बना सकें।

इस आयोजन में विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, गणमान्य नागरिकों तथा स्थानीय निवासियों ने सहभागिता की और इस पुनीत कार्य की सराहना की। आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि उल्हास जनपथ न केवल पत्रकारिता का एक सशक्त माध्यम है, बल्कि समाजसेवा में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

संपादक शिव कुमार मिश्रा ने इस अवसर पर कहा, "पत्रकारिता केवल खबरों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, उसका उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना भी होना चाहिए। यह आयोजन उसी सोच की एक झलक है।"

उल्लेखनीय है कि उल्हास जनपथ ने अपनी पत्रकारिता यात्रा में एक दशक पूरा कर लिया है और इस मौके को समाजसेवा से जोड़कर एक प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत किया है।












उल्हासनगर महानगरपालिका के टैक्स विभाग में अराजकता: नागरिकों के काम ठप, अधिकारियों के तबादले से उपजा संकट।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर महानगरपालिका के टैक्स विभाग में हाल के तबादलों और प्रशासनिक उपेक्षा के चलते आम नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। श्रीमती नीलम कदम के तबादले या छुट्टी पर जाने के बाद से विभाग का कामकाज लगभग ठप हो गया है, जिससे प्रॉपर्टी नाम परिवर्तन (चेंज ऑफ नेम) और अन्य कर संबंधी कार्य प्रभावित हो रहे हैं। 

प्रशासनिक उथल-पुथल से नागरिक बेहाल

सूत्रों के अनुसार, श्रीमती नीलम कदम के स्थान पर श्रीमती मयूरी कदम को टैक्स विभाग का प्रभार सौंपा गया था, लेकिन लगभग एक महीने बीत जाने के बाद भी उन्होंने नागरिकों के काम शुरू नहीं किए हैं। इसके अलावा, विभाग में अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के भी तबादले हुए हैं, जिससे कार्यवाही और धीमी हो गई है।  

नागरिकों की बढ़ती नाराजगी

आवासीय और वाणिज्यिक संपत्ति मालिकों का कहना है कि वे लंबे समय से महानगरपालिका के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनके महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। "हमारे जरूरी काम अटके हुए हैं, और कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा। यह प्रशासनिक लापरवाही है," एक नागरिक ने नाराजगी जताई।  

महानगरपालिका से मांग: तुरंत हस्तक्षेप करें

स्थानीय निवासियों और व्यवसायियों ने महानगरपालिका प्रशासन से मांग की है कि वह तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करे और टैक्स विभाग की कार्यप्रणाली को सुचारु बनाए। उनका कहना है कि लंबे समय तक काम रुके रहने से न केवल उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि सरकारी प्रक्रियाओं में विश्वास भी कमजोर हो रहा है।  

प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

जब इस मामले में महानगरपालिका के वरिष्ठ अधिकारियों से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कोई स्पष्ट बयान देने से परहेज किया। हालांकि, सूत्रों का दावा है कि जल्द ही विभाग में नई नियुक्तियां की जा सकती हैं ताकि कामकाज फिर से शुरू हो सके।












iPhone चोरी से ड्रग्स तस्करी तक: उल्हासनगर का मोबाइल कारोबारी मुंबई पुलिस की गिरफ्त में!


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर के गोल मैदान से लेकर चोपड़ा कोर्ट रोड तक फैली मोबाइल दुकानों की आड़ में चल रही कथित ड्रग्स तस्करी का एक सनसनीखेज खुलासा सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, दीपक नामक शख्स की भूमिका इस गिरोह में केंद्रीय मानी जा रही है। उसकी मोबाइल दुकान से मादक पदार्थों की आवाजाही की आशंका पर मुंबई पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दुकान के मालिक को हिरासत में ले लिया है।

गौर करने वाली बात यह है कि उक्त दुकान मालिक पहले से ही iPhone चोरी के मामले में आरोपी है और फिलहाल जमानत पर बाहर है। अब ड्रग्स तस्करी में उसकी संलिप्तता ने जांच एजेंसियों की चिंता और भी बढ़ा दी है।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि जांच में यह भी सामने आया है कि दीपक के संबंध उल्हासनगर के कई प्रतिष्ठित और रसूखदार परिवारों के युवकों से हैं। यह संकेत दे रहा है कि यह रैकेट केवल एक दुकान या व्यक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार समाज के ऊपरी तबकों तक जुड़े हो सकते हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इन बड़े घरानों के बच्चों पर भी जल्द ही कानूनी शिकंजा कसेगा।

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर IRS अधिकारी समीर वानखेड़े ने कड़ा संदेश देते हुए उल्हासनगर के युवाओं से अपील की है:

“ड्रग्स की गिरफ्त में आकर अपनी जिंदगी बर्बाद न करें। एक बार इस दलदल में फंसे, तो बाहर निकलना बेहद मुश्किल हो जाता है। यह न केवल आपके भविष्य को अंधकार में ले जाएगा, बल्कि आपके परिवार और समाज को भी झकझोर देगा।”

यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि मादक पदार्थों की तस्करी और खपत के पीछे कौन-कौन से बड़े चेहरे और संरचनाएं काम कर रही हैं, और क्या जांच एजेंसियां उन तक पहुंच पाएंगी?












उल्हासनगर मनपा में करोड़ों का फर्जी बिल घोटाला! PWD विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत उजागर, शंकर नामक व्यक्ति मुख्य सूत्रधार।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर महानगरपालिका के सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) में करोड़ों रुपये के फर्जी बिल घोटाले का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, इस पूरे घोटाले की कमान "शंकर" नामक एक व्यक्ति के हाथ में है, जो वर्षों से पीडब्ल्यूडी विभाग के भीतर जाली बिल तैयार कर करोड़ों का गोरखधंधा चला रहा है।

हैरानी की बात यह है कि इस पूरे फर्जीवाड़े में पीडब्ल्यूडी के कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं, जो शंकर को फर्जी बिलों के बदले 3% कमीशन देते हैं। घोटाले का यह नेटवर्क ठेकेदारी कार्यों के नाम पर सरकारी धन की खुलकर लूट कर रहा है।

🔍 ऑफिस की जांच से खुल सकते हैं कई राज़

विश्वसनीय सूत्रों का दावा है कि शंकर के कार्यालय की यदि निष्पक्ष और गहराई से जांच की जाए, तो वहां दो नंबर के भारी मात्रा में बिल, नकली दस्तावेज और अवैध लेनदेन के सबूत मिल सकते हैं। कुछ का मानना है कि शंकर का दफ्तर मनपा परिसर के आसपास ही था, लेकिन हाल ही में उसने अपने ठिकाने को गोपनीय रूप से अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया है।

⚠️ जनता में आक्रोश, जांच की मांग तेज

इस गंभीर घोटाले को लेकर उल्हासनगर के नागरिकों और सामाजिक संगठनों में तीव्र आक्रोश देखा जा रहा है। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए और दोषियों को बिना राजनीतिक दबाव के सख्त से सख्त सजा दी जाए।

🏛️ सरकारी धन की खुली लूट पर उठे सवाल

मनपा में पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन इस बार का मामला बेहद संगठित और बड़े पैमाने पर है। यदि समय रहते इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह घोटाला उल्हासनगर की आर्थिक स्थिरता और आम नागरिकों के विश्वास को गहरा झटका दे सकता है।

इस मामले पर अब सभी की नजरें प्रशासन और जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या दोषियों पर गिरेगी गाज, या फिर एक और घोटाला दबा दिया जाएगा?












मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मंजूरी के बाद कालानी परिवार की BJP में एंट्री का रास्ता साफ!


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा फेरबदल सामने आ सकता है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के बहुचर्चित कालानी परिवार जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकता है। इस संभावित राजनीतिक कदम को लेकर पार्टी के भीतर चर्चाएं तेज़ हो गई हैं।

इस हाई-प्रोफाइल प्रवेश में रविंद्र चौहान कार्यकारी अध्यक्ष (बीजेपी महाराष्ट्र), श्वेता शालिनी (भाजपा नेता), संतोष पांडे और संजय सिंह (चाचा) की महत्वपूर्ण भूमिका बताई जा रही है। ये चारों नेता लगातार संवाद और समन्वय में जुटे हुए हैं, जिससे कालानी परिवार की पार्टी में एंट्री को सफल और रणनीतिक रूप से सुदृढ़ बनाया जा सके।

सूत्रों के मुताबिक, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस कदम को हरी झंडी दे दी है, जिससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि पार्टी इस फैसले को लेकर पूरी तरह गंभीर और तैयार है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कालानी परिवार का भाजपा में प्रवेश उल्हासनगर और आसपास के क्षेत्रों में पार्टी के प्रभाव को और मजबूत करेगा। साथ ही यह कदम उल्हासनगर महानगर पालिका चुनावों में भाजपा की रणनीति को नई दिशा दे सकता है।

फिलहाल, आधिकारिक घोषणा का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन पार्टी और राजनीतिक गलियारों में यह विषय चर्चा का केंद्र बन चुका है। यदि सब कुछ योजना अनुसार चलता है, तो आने वाले दिनों में भाजपा में एक बड़ा चेहरा शामिल हो सकता है।












उल्हासनगर में प्रहार संगठन का आक्रोश फूटा – 3 जून को पुलिस उपायुक्त कार्यालय के बाहर विशाल धरना प्रदर्शन।


(फाइल इमेज)

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

प्रहार जनशक्ति पक्ष के सैनिकों ने नागरिक सुरक्षा और पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संगठन की ओर से कल, 3 जून 2025 को सुबह 11 बजे, पुलिस उपायुक्त कार्यालय, परिमंडल-4, उल्हासनगर-3 के बाहर एक विशाल धरना आंदोलन का आयोजन किया गया है।

इस आंदोलन की पृष्ठभूमि में कई गंभीर और चिंताजनक मुद्दे हैं, जिनके खिलाफ प्रहार सैनिक सड़कों पर उतरने को मजबूर हुए हैं। संगठन के अनुसार, पुलिस प्रशासन की लापरवाही, अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई की कमी, और नागरिकों की सुरक्षा से खिलवाड़ जैसे अनेक मुद्दों को लेकर यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

आंदोलन के प्रमुख कारण:

1. उल्हासनगर परिमंडल-4 में अवैध धंधों पर कार्रवाई न होना – क्षेत्र में खुलेआम चल रहे गैरकानूनी व्यापार पर पुलिस की चुप्पी सवालों के घेरे में है।

2. पुलिस कर्मियों द्वारा कथित जबरन वसूली में संलिप्तता – कुछ पुलिसकर्मियों पर संगीन आरोप लगे हैं कि वे खंडणी जैसे मामलों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल हैं।

3. नागरिक सुरक्षा की बदहाल स्थिति – क्षेत्र के नागरिक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, जिससे आम जनता में भय का माहौल है।

4. गंभीर अपराधों में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी में विफलता – अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं जबकि पुलिस उन्हें पकड़ने में असमर्थ साबित हो रही है।

5. पुलिस के सम्मानचिन्ह वाला केक काटने की घटना पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं – यह कृत्य न केवल अनुशासनहीनता है, बल्कि विभाग की गरिमा को भी ठेस पहुंचाने वाला है।

6. दिव्यांग नागरिकों पर अत्याचार और कानून की अनदेखी – दिव्यांग व्यक्तियों के साथ हो रही मारपीट की घटनाओं पर एफआईआर दर्ज करने में हो रही देरी और दिव्यांग कानून का उल्लंघन अत्यंत गंभीर है!

7. प्रभू श्रीराम के नाम के चौक पर सुबह तक चलरहै है डान्सबार ,तत्कालीन मुख्यमंत्री महोदय के आदेश के बाद तोंडे गऐ थे डान्सबार फिर किस के आदेश से फिरसे बने डान्सबार ?

8. हिललाईन पुलिस स्टेशन के हद्दी मै भाल गांव मै १७ लाख का ड्रग्स ठाणे गुन्हे शाखा ने हस्तगत किया फिर स्थानिक पुलिस की कारवाई क्यो नहीं ?

प्रहार जनशक्ति पक्ष ने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक इन सभी मुद्दों पर त्वरित और कड़ी कार्रवाई नहीं होती। संगठन ने सभी प्रहार सैनिकों और आम नागरिकों से समय पर उपस्थित होकर लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज़ बुलंद करने की अपील की है।

🛑 आंदोलन का विवरण:

📍 स्थान: पुलिस उपायुक्त कार्यालय, परिमंडल - 4, उल्हासनगर - 3

🕚 समय: सुबह 11 बजे

📅 तारीख: 3 जून 2025

प्रहार संगठन का यह आंदोलन केवल एक विरोध नहीं, बल्कि व्यवस्था में सुधार की एक निर्णायक पुकार है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस जनआंदोलन को कितनी गंभीरता से लेता है।












देशभक्ति और पर्यावरण संरक्षण का अद्वितीय संगम: ऑपरेशन सिंदूर के समर्पण कार्यक्रम में IRS अधिकारी समीर वानखेडे की गरिमामयी उपस्थिति।


 






मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई, आरे कॉलोनी: राष्ट्रप्रेम और हरित भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बना "ऑपरेशन सिंदूर" — एक भव्य आयोजन जो देश के वीर जवानों को समर्पित था। इस प्रेरणादायक कार्यक्रम में भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ अधिकारी श्री समीर वानखेडे ने विशिष्ट अतिथि के रूप में सहभागिता की। यह अवसर और भी विशेष हो गया जब उन्हें शिवसेना के माननीय सांसद श्री रविंद्र वायकर द्वारा आमंत्रित किया गया।

आरे की हरियाली में गूंजती देशभक्ति की भावना और प्रकृति से जुड़ाव की चेतना ने इस आयोजन को एक सामाजिक आंदोलन का रूप दे दिया। ऑपरेशन सिंदूर केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक राष्ट्र को जागरूक करने वाली पहल थी — जिसमें सफाई अभियान और वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।

इस अवसर पर श्री वानखेडे ने अपने संबोधन में कहा,

"हमारे सच्चे नायक वे सैनिक हैं जो सीमाओं पर अपने प्राणों की आहुति देते हैं। उनके बलिदान को केवल शब्दों में नहीं, कर्मों में भी याद किया जाना चाहिए। पर्यावरण की रक्षा और समाज के हित में कार्य करना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि है।"

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, समाजसेवी, अधिकारी और युवा स्वयंसेवक मौजूद थे, जिन्होंने हाथों में तिरंगा और दिलों में देश के लिए सम्मान लिए सफाई और पौधारोपण में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

ऑपरेशन सिंदूर उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा बना, जो राष्ट्र निर्माण में छोटे-छोटे सकारात्मक प्रयासों को भी महत्वपूर्ण मानते हैं। यह आयोजन न केवल जवानों को श्रद्धांजलि था, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को पर्यावरण और देशप्रेम के प्रति सजग करने का सार्थक प्रयास भी।

यह स्पष्ट है कि जब प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और आम जनता एकजुट होकर कार्य करें, तो देशभक्ति केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रहती — वह हर गली, हर पेड़, हर स्वच्छ पहल में जीवंत हो उठती है।




















उल्हासनगर महानगर पालिका चुनाव 2025: पैनल नंबर 11 से रमेश बजाज ने ठोकी दावेदारी, व्यापारियों की बुलंद आवाज बनी जनता की पहली पसंद।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

आगामी उल्हासनगर महानगर पालिका चुनाव 2025 में एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। पैनल नंबर 11 से समाजसेवी और लोकप्रिय व्यापारी नेता रमेश बजाज ने चुनावी मैदान में उतरने का मन बना लिया है। इस घोषणा के बाद क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

रमेश बजाज को क्षेत्र के व्यापारियों और आम जनता का भरपूर समर्थन प्राप्त है। वे वर्षों से सामाजिक कार्यों और व्यापारिक हितों की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाते आए हैं। बजाज की छवि एक ईमानदार, स्पष्टवादी और जनसेवक के रूप में रही है, जो हमेशा जनता के हितों को प्राथमिकता देते हैं।

"जनता का साथ, व्यापारियों की बुलंद आवाज – एक ही नाम, एक ही आवाज, रमेश बजाज!"

यह नारा अब पैनल नंबर 11 में लोगों की जुबान पर है, जो उनके बढ़ते जनसमर्थन का प्रमाण है।

रमेश बजाज ने अपने संदेश में कहा, "यह चुनाव मेरे लिए सत्ता की नहीं, सेवा की लड़ाई है। मेरा उद्देश्य है क्षेत्र के विकास को नई दिशा देना और व्यापारियों को उनका हक दिलाना। मैं सभी नागरिकों से आशीर्वाद और समर्थन की अपेक्षा करता हूं।"

उनकी दावेदारी से यह चुनाव अब और भी दिलचस्प हो गया है, और पैनल नंबर 11 में मुकाबला बेहद रोचक होने की संभावना है।

आगे की रणनीति और घोषणापत्र की घोषणा जल्द ही की जाएगी।

रमेश बजाज की यह नई पारी क्या बदलाव लेकर आएगी, यह तो समय बताएगा – लेकिन फिलहाल, जनता की आवाज़ साफ़ है: "रमेश बजाज ज़िंदाबाद!"

अगर किसी भी व्यक्ति को कोई भी तकलीफ है तो हमारे कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। 

कार्यालय पता:

शॉप नं. 1, संगम मैरिज हॉल के बगल में, शिवाजी चौक, उल्हासनगर-3

संपर्क करें:

रमेश बजाज

9822647034

7020224700












राजेश पुरस्वानी पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज, वाल्मीकि समाज की कार्रवाई लाई रंग।


 


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर में जातीय अत्याचार के एक गंभीर मामले में आखिरकार पुलिस ने राजेश पुरस्वानी और प्रशांत पुरस्वानी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के अंतर्गत गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।

इससे पहले 16 मई 2025 को वाल्मीकि समाज के युवक साहिल के साथ कथित जातीय अपमान और अभद्र भाषा का प्रयोग किए जाने को लेकर वाल्मीकि समाज के नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भारी संख्या में सेंट्रल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके पश्चात 20 मई को पीड़ित युवक साहिल और पत्रकार सोमवीर भगवाने के बयान दर्ज किए गए थे।

हालांकि, पुलिस द्वारा लंबे समय तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण समाज में रोष व्याप्त था। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए 22 मई को अखिल भारतीय श्री वाल्मीकि नव युवक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मोहन कंडारे, राष्ट्रीय संयोजक श्री सुरेश राठी, उल्हासनगर शहर अध्यक्ष श्री रवि खैरालिया समेत कई समाजसेवी और कार्यकर्ता डीसीपी (Zone-4) श्री सचिन गोरे से मिले। डीसीपी ने आश्वासन दिया कि दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।

आठ दिन के भीतर प्रशासन ने अपने वादे को पूरा करते हुए 30 मई 2025 को राजेश पुरस्वानी और प्रशांत पुरस्वानी पर निम्नलिखित धाराओं में मामला दर्ज किया:

1. भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 - धारा 118(1)

2. भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 - धारा 351(2)

3. भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 - धारा 352

4. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 - धारा 3(1)(h)

5. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 - धारा 3(1)(u)

वाल्मीकि समाज के नेताओं ने पुलिस की इस कार्रवाई का स्वागत किया है और चेतावनी दी है कि यदि मामले में निष्पक्ष जांच न हुई तो आंदोलन किया जाएगा।

यह मामला एक बार फिर दर्शाता है कि संगठित सामाजिक संघर्ष और कानूनी दवाब से न्याय की राह प्रशस्त की जा सकती है।













उल्हासनगर की राजनीति में भूचाल! कालानी परिवार की बीजेपी में वापसी तय? बड़ी सियासी हलचल शुरू!


(फाइल इमेज)

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर की राजनीति में बड़ा धमाका होने जा रहा है! जैसे-जैसे उल्हासनगर महानगरपालिका चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है — और इस तूफान के केंद्र में है शहर का सबसे ताक़तवर राजनीतिक नाम: कालानी परिवार।

सूत्रों की मानें तो कालानी परिवार ने हाल ही में महाराष्ट्र बीजेपी के प्रभारी रविंद्र चौहान से एक गोपनीय बैठक की है। इस मीटिंग को हल्के में नहीं लिया जा रहा — बल्कि इसे उल्हासनगर की राजनीति में एक बड़े उलटफेर की शुरुआत माना जा रहा है।

दशकों से राजनीति पर छाया रहा है कालानी परिवार

उल्हासनगर की राजनीति में अगर कोई नाम सबसे ज़्यादा प्रभावशाली रहा है, तो वह है कालानी परिवार। चाहे नगर निगम चुनाव हों या विधानसभा की राजनीति, कालानी परिवार ने हमेशा अपनी मजबूत पकड़ दिखाई है। स्थानीय स्तर पर उनकी लोकप्रियता और जमीनी नेटवर्क बेजोड़ माना जाता है।

बीजेपी को मिलेगा जबरदस्त स्थानीय समर्थन?

अगर कालानी परिवार बीजेपी में दोबारा शामिल होता है, तो यह पार्टी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। जहां एक ओर बीजेपी का राज्य और केंद्र में मजबूत संगठन है, वहीं कालानी परिवार की स्थानीय पकड़ और वोट बैंक मिल जाए तो नगर निकाय चुनाव में बीजेपी को अभूतपूर्व बढ़त मिल सकती है।

बीजेपी की रणनीति में बड़ा बदलाव

बीजेपी इन दिनों अपनी चुनावी रणनीति में ज़मीन से जुड़े प्रभावशाली नेताओं को साथ लाने पर फोकस कर रही है। कालानी जैसे अनुभवी नेता की वापसी इस बात का संकेत है कि पार्टी स्थानीय स्तर पर प्रभावी गठजोड़ के जरिए अपनी स्थिति मज़बूत करने की तैयारी में है।

क्या जल्द होगा ऐलान?

हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में “बड़ी घोषणा” की अटकलें तेज़ हो गई हैं। सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में बड़ा राजनीतिक धमाका हो सकता है, जिसमें कालानी परिवार की बीजेपी में वापसी का ऐलान संभव है।

पूरा शहर लगाए बैठा है निगाहें

उल्हासनगर में हर गली, हर नुक्कड़ पर आज एक ही चर्चा है — क्या कालानी परिवार फिर थामेगा बीजेपी का दामन?

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगर ऐसा होता है, तो उल्हासनगर की चुनावी तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। विपक्षी पार्टियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती होगी।

कालानी परिवार और बीजेपी के बीच बढ़ती नज़दीकियों ने उल्हासनगर की राजनीति को गर्मा दिया है। अब सबकी नजरें सिर्फ एक बात पर टिकी हैं — “कब होगा ऐलान?” अगर यह गठबंधन होता है, तो उल्हासनगर के चुनाव में सबसे बड़ा मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है।