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उल्हासनगर मनपा में टाउन प्लानिंग विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, संजय पवार पर खुलेआम अवैध निर्माण को संरक्षण देने का आरोप..??


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर महानगरपालिका के टाउन प्लानिंग विभाग में कार्यरत वरिष्ठ अधिकारी संजय पवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। स्थानीय नागरिकों और सूत्रों के अनुसार, पवार द्वारा उल्हासनगर के नंबर-1 से लेकर नंबर-5 तक के क्षेत्रों में अवैध बांधकाम (निर्माण) को खुला संरक्षण दिया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि इन अवैध निर्माण स्थलों पर नियमानुसार आवश्यक फलक बोर्ड तक नहीं लगाए जाते, जबकि महाराष्ट्र सरकार की स्पष्ट GR (Government Resolution) के अनुसार, हर निर्माण स्थल पर फलक बोर्ड लगाना अनिवार्य है। यह बोर्ड निर्माण की मंजूरी, वास्तुविद का नाम, लाइसेंस नंबर, मंजूरी की तारीख जैसी जानकारी प्रदान करता है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और नियमों का पालन सुनिश्चित हो सके।

लेकिन उल्हासनगर में नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। न तो किसी साइट पर जानकारी प्रदर्शित की जाती है, और न ही नगर निगम द्वारा कोई कार्रवाई की जाती है। आरोप है कि यह सब कुछ संजय पवार की मिलीभगत और संरक्षण में हो रहा है।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और जागरूक नागरिकों ने मांग की है कि महाराष्ट्र सरकार और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराए, ताकि नगर विकास विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके।

जनता की मांग:

टाउन प्लानिंग विभाग में निष्पक्ष जांच

संजय पवार को तत्काल निलंबित कर पूछताछ

अवैध निर्माणों पर त्वरित कार्रवाई

सभी निर्माण स्थलों पर GR के अनुसार बोर्ड लगाना सुनिश्चित किया जाए

यह मामला अब सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि एक जनहित का मुद्दा बन गया है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो शहर की संरचना और नागरिक सुरक्षा दोनों खतरे में पड़ सकती हैं।













मुंबई क्राइम ब्रांच की बड़ी कार्रवाई: विक्रोली के 'Orange Meet' जापानी रेस्टोरेंट में अवैध हुक्का बार पर छापा, मालिक से पूछताछ जारी।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट-7 ने शनिवार रात एक महत्वपूर्ण कार्रवाई को अंजाम देते हुए विक्रोली (पश्चिम) स्थित एक प्रतिष्ठित जापानी रेस्टोरेंट ‘Orange Meet’ पर छापा मारा। यह छापा कैलास कॉम्प्लेक्स, पार्क साईट क्षेत्र में स्थित रेस्टोरेंट में अवैध रूप से संचालित हो रहे हुक्का बार के खिलाफ डाला गया।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस रेस्टोरेंट की आड़ में एक अवैध हुक्का बार चलाया जा रहा था, जिसकी गुप्त सूचना क्राइम ब्रांच को प्राप्त हुई थी। कार्रवाई के दौरान पुलिस टीम ने मौके से हुक्का सेट्स, फ्लेवर्ड तंबाकू और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है।

छापेमारी के समय रेस्टोरेंट में बड़ी संख्या में ग्राहक मौजूद थे। क्राइम ब्रांच अधिकारियों ने पूछताछ के बाद सामान्य ग्राहकों को छोड़ दिया, जबकि हुक्का पीते हुए पकड़े गए व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, रेस्टोरेंट के मालिक और वहां अवैध गतिविधि संचालित करने वाले अन्य संबंधित व्यक्तियों से गहन पूछताछ की जा रही है। इस मामले में कोटपा अधिनियम 2003 (COTPA) और एमवीए (Maharashtra Prohibition of Smoking in Public Places) अधिनियम के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है।

मुंबई पुलिस की यह कार्रवाई एक बार फिर यह दर्शाती है कि महानगर में अवैध गतिविधियों के खिलाफ कानून-व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जा रहा है। क्राइम ब्रांच की इस कार्रवाई को स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने सराहा है, जो कानून के दायरे में रहकर व्यवसाय कर रहे हैं।

मुंबई पुलिस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शहर में कानून तोड़ने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी और ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाए जाते रहेंगे।












उल्हासनगर-5 जींस मार्केट GST के रडार पर: कच्चे-पक्के लेनदेन में बड़ा घोटाला उजागर होने की आशंका!


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर-5 स्थित प्रसिद्ध जींस मार्केट और डेनिम फैब्रिक कारोबारियों पर अब जीएसटी विभाग की पैनी नजर है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यहां के कई व्यापारियों द्वारा बड़े पैमाने पर कच्चे बिलों पर लेनदेन किया जा रहा है, जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान होने की आशंका है।

जींस बेचने वाले अनेक दुकानदार ग्राहकों से नकद में लेनदेन कर रहे हैं, लेकिन इनका अधिकांश व्यापार "कच्चे बिलों" के आधार पर किया जा रहा है। यानी बिना पक्के बिल के ही बिक्री की जा रही है, ताकि टैक्स की चोरी की जा सके।

इतना ही नहीं, डेनिम के थोक विक्रेता — जो मिलों से कपड़ा मंगवाते हैं — वे भी इस घोटाले में शामिल बताए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, इन कपड़ा कारोबारियों द्वारा मिलों से कपड़ा "पक्के बिल" पर मंगवाया जाता है, लेकिन स्थानीय स्तर पर जब वही कपड़ा बाजार में बेचा जाता है तो उसका एक बड़ा हिस्सा "कच्चे" में यानी बिना टैक्स इनवॉइस के बेचा जाता है।

जीएसटी विभाग ने इस संदिग्ध गतिविधियों की जांच प्रारंभ कर दी है और निकट भविष्य में यहां बड़े पैमाने पर छापेमारी की संभावना जताई जा रही है। यदि ये आरोप सही साबित होते हैं, तो यह उल्हासनगर के टैक्स चोरी से जुड़ा सबसे बड़ा मामला बन सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कच्चे-पक्के लेनदेन की यह प्रणाली लंबे समय से चल रही है, तो इससे न केवल सरकार को करोड़ों का घाटा हुआ है, बल्कि ईमानदारी से व्यापार करने वाले व्यापारी भी इस अनियमित व्यवस्था की वजह से नुकसान में हैं।

अब देखना यह होगा कि जीएसटी विभाग इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करता है और क्या उल्हासनगर की यह जींस मार्केट आगामी दिनों में कर चोरी के बड़े खुलासे का केंद्र बनती है या नहीं।














उल्हासनगर महानगरपालिका में नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियाँ? लेखा विभाग में एक ही पद पर 25 वर्षों से कार्यरत दीपक नामक कर्मचारी पर उठे सवाल।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर महानगरपालिका (UMC) के लेखा विभाग में कार्यरत दीपक नामक कर्मचारी बीते 20 से 25 वर्षों से एक ही पद और स्थान पर कार्यरत हैं। यह स्थिति महाराष्ट्र सरकार द्वारा निर्धारित स्थानांतरण नीति के स्पष्ट उल्लंघन के रूप में देखी जा रही है।

सरकारी नियमों के अनुसार, किसी भी सरकारी कर्मचारी को एक ही पद या स्थान पर अधिकतम 3 से 5 वर्ष तक ही कार्य करने की अनुमति होती है। इसके बाद स्थानांतरण अनिवार्य होता है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे। परंतु, UMC में इस नीति को दरकिनार करते हुए दीपक नामक कर्मचारी को लेखा विभाग में लगातार बनाए रखना कई सवाल खड़े करता है।

क्या राजनीतिक या प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है?

सूत्रों की मानें तो दीपक की पकड़ न सिर्फ विभागीय कार्यों में मज़बूत है, बल्कि वह "मनचाहे बिल" पास करवाने या "अवांछित बिल" रोके रखने की शक्ति भी रखता है। विभागीय कर्मचारियों और ठेकेदारों के बीच यह चर्चा आम है कि दीपक का विभाग में "बिना राजनीतिक संरक्षण" इतने वर्षों तक टिके रहना संभव नहीं है।

ऐसे में यह बड़ा सवाल उठता है कि क्या दीपक को उल्हासनगर महानगरपालिका के किसी वरिष्ठ अधिकारी या फिर स्थानीय राजनेता का आशीर्वाद प्राप्त है? अगर हाँ, तो यह एक गंभीर प्रशासनिक लापरवाही के दायरे में आता है।

पारदर्शिता की मांग

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिक अब UMC प्रशासन से इस प्रकरण की जांच करवाने और तत्काल स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही, लेखा विभाग में पूर्व में पास हुए बिलों की ऑडिट जांच की मांग भी जोर पकड़ रही है।

निष्कर्ष

यह मामला केवल एक कर्मचारी के स्थानांतरण का नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र की पारदर्शिता और निष्पक्षता का है। यदि इस पर जल्द कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो इससे प्रशासन की साख पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लग सकता है।













भाई ने दी जिंदगी, सरकार ने दिया सहारा: हिंगणघाट के युवक को मिला नया लीवर, मुख्यमंत्री सहायता निधि ने उठाया ३० लाख का खर्च।


वर्धा: दिनेश मीरचंदानी 

एक तरफ रिश्तों में स्वार्थ और दूरी बढ़ती जा रही है, वहीं दूसरी तरफ हिंगणघाट का यह भावुक प्रसंग मानवता और भाईचारे की मिसाल बनकर सामने आया है। एक युवा को उसका छोटा भाई जीवनदान देता है, और महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री सहायता निधि उसकी महंगी सर्जरी का पूरा खर्च उठाकर सामाजिक उत्तरदायित्व का आदर्श प्रस्तुत करती है।

यह कहानी है 25 वर्षीय करण गजानन ठाकरे की, जो हिंगणघाट (जिला वर्धा) का निवासी है और हाल ही में उसे गंभीर लिवर फेलियर का सामना करना पड़ा। डॉक्टरों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिना लीवर ट्रांसप्लांट के उसकी जान बचाना असंभव है। इलाज की अनुमानित लागत करीब 30 लाख रुपये थी, जो ठाकरे परिवार की आर्थिक स्थिति के लिए किसी पहाड़ से कम नहीं थी।

परिवार में संकट, पर भाई ने दिखाई इंसानियत की ऊंचाई

करण के पिता का देहांत पहले ही हो चुका था, मां बीमार रहती हैं और दोनों बहनों की हाल ही में शादी हुई है। परिवार लगभग असहाय था। इसी बीच उसका छोटा भाई चैतन्य ठाकरे सामने आया — और बिना कोई हिचक, उसने अपना लीवर देने का निर्णय लिया। मेडिकल जांचों के बाद जब बहनों का डोनेशन असंभव पाया गया, तब चैतन्य ने हर जोखिम को स्वीकारते हुए भाई के लिए लीवर डोनेट किया।

मुख्यमंत्री सहायता निधि और धर्मादाय मदत कक्ष ने संभाली आर्थिक ज़िम्मेदारी

पैसों की तंगी सबसे बड़ी बाधा थी। स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्थिति को गंभीरता से लिया और मुख्यमंत्री सहायता निधि से संपर्क किया। धर्मादाय मदत कक्ष के रामेश्वर नाइक ने मामला मुख्यमंत्री तक पहुँचाया। इस मानवीय पहल को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत निर्देश दिया कि करण ठाकरे के संपूर्ण इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।

कुल खर्च: ₹30 लाख

परिजनों द्वारा योगदान: ₹5 लाख

मुख्यमंत्री सहायता निधि से सहायता: ₹2 लाख

धर्मादाय मदत कक्ष से शेष ₹23 लाख प्रदान किए गए

यह राशि पुणे स्थित सह्याद्री अस्पताल में की गई जटिल लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए दी गई, जो पूरी तरह सफल रही।

डॉक्टरों की सफलता, सरकार की संवेदना और भाई का बलिदान – बना जीवन रक्षक त्रिकोण

सर्जरी कई घंटे चली, लेकिन डॉक्टरों ने इसे पूरी तरह सफल घोषित किया। करण के शरीर में चैतन्य का लीवर प्रत्यारोपित किया गया और कुछ हफ्तों की निगरानी के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अस्पताल से बाहर निकलते वक्त जब करण ने दोनों हाथ ऊपर उठाकर विजय की मुद्रा में मुस्कराया, तो वह मुस्कान सिर्फ उसके चेहरे की नहीं, बल्कि पूरे परिवार, डॉक्टरों, प्रशासन और सरकार की संयुक्त संवेदना और प्रयास की जीत थी।













सामाजिक संदेश: राजनीति से परे मानवता की मिसाल

यह घटना सिर्फ एक मेडिकल केस नहीं, बल्कि उस सामाजिक ताने-बाने की मिसाल है जहाँ भाई का त्याग, सरकार की तत्परता, और स्वास्थ्य सेवा तंत्र की कुशलता मिलकर किसी की जान बचा सकते हैं। मुख्यमंत्री सहायता निधि ने साबित किया कि यह केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि ज़रूरतमंदों के लिए जीवन रेखा है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में राज्य आरोग्य हमी सोसायटी की नियामक परिषद की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न, जन आरोग्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर गहन विमर्श।


 
















मुंबई: दिनेश मीरचंदानी

मुंबई में 15 सितंबर 2025 के दिन सह्याद्री अतिथिगृह, मंत्रीमंडल सभागृह, मुंबई में राज्य आरोग्य हमी सोसायटी की नियामक परिषद की एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने की। बैठक में महात्मा फुले जन आरोग्य योजना और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से जुड़ी नीतिगत विषयों पर गहन चर्चा की गई।

बैठक का उद्देश्य राज्य में जनस्वास्थ्य योजनाओं के समन्वय, क्रियान्वयन, बजट वितरण तथा सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करना रहा। जनसामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु कई अहम प्रस्तावों और सुझावों पर विचार किया गया।

इस बैठक में आयुष्मान भारत मिशन महाराष्ट्र समिति के अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश शेटे को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने योजनाओं की प्रगति पर प्रस्तुति दी और आवश्यक सुझाव साझा किए।

बैठक में उपस्थित रहे प्रमुख मंत्रीगण:

मंत्री श्री छगन भुजबळ

मंत्री श्री संजय शिरसाठ

मंत्री श्री प्रकाश आबिटकर (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से)

मंत्री श्रीमती अदिती तटकरे (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से)

बैठक में भाग लेने वाले अन्य प्रमुख अधिकारी:

माननीय मंत्री (चिकित्सा शिक्षा)

माननीय मंत्री (सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण)

माननीय राज्य मंत्री (चिकित्सा शिक्षा)

माननीय राज्य मंत्री (सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण)

माननीय मुख्य सचिव

सचिव-1 एवं सचिव-2 (सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग)

सचिव, चिकित्सा शिक्षा एवं औषधि द्रव्य विभाग

आयुक्त, स्वास्थ्य सेवा एवं अभियान संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन

मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य आरोग्य हमी सोसायटी

नियामक परिषद के सदस्य

संचालक, स्वास्थ्य सेवा संचालनालय

संचालक, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संचालनालय

साथ ही अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण एवं तकनीकी विशेषज्ञ

चर्चा के प्रमुख विषय:

जन आरोग्य योजनाओं के समन्वित क्रियान्वयन हेतु नीति सुधार

बजटीय प्रावधानों की समीक्षा व आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता

योजना लाभार्थियों तक सुगम और त्वरित पहुँच सुनिश्चित करने हेतु रणनीति

सरकारी और निजी अस्पतालों के समन्वय को लेकर मार्गदर्शक सिद्धांतों की रूपरेखा

अस्पतालों व आरोग्य केंद्रों में सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने हेतु सुझाव

मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने बैठक में कहा कि “राज्य सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी नागरिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रहे। इन योजनाओं का समुचित व पारदर्शी क्रियान्वयन हमारी प्राथमिकता है।”

यह बैठक राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में नीतिगत परिवर्तन और व्यवस्थित सुधारों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। आगामी महीनों में इन चर्चाओं के आधार पर कई व्यावहारिक निर्णय लिए जाने की संभावना जताई जा रही हैं।












22 करोड़ रुपये के जीएसटी घोटाले में गिरफ्तार अंबरनाथ के व्यापारी निखिल वलेचा को कल्याण सेशन्स कोर्ट से मिली जमानत।

अंबरनाथ: दिनेश मीरचंदानी

22 करोड़ रुपये के बहुचर्चित जीएसटी घोटाले में गिरफ्तार किए गए अंबरनाथ के युवा उद्यमी निखिल नरेश वलेचा (उम्र 28 वर्ष) को कल्याण सत्र न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने वलेचा को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश सुनाया, जिससे व्यापारी वर्ग में हलचल के बीच राहत की भावना देखी जा रही है।

निखिल वलेचा, जो अंबरनाथ में बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई व्यवसाय से जुड़े हैं, को 17 जुलाई 2025 को मुंबई के मझगांव इलाके से राज्य कर विभाग (State Tax Department) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। उन पर महाराष्ट्र वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 132(1)(c) के तहत फर्जी इनवॉइस के माध्यम से लगभग ₹20.20 करोड़ की जीएसटी चोरी का गंभीर आरोप है।

📌 कोर्ट ने कहा – निरंतर हिरासत उचित नहीं

माननीय सत्र न्यायाधीश पी. आर. अस्‍हतुरकर ने यह मानते हुए जमानत स्वीकृत की कि आरोपी की निरंतर न्यायिक हिरासत 'पूर्व-ट्रायल दंड' जैसी प्रतीत हो रही है, जो न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है।

📌 वकील की दलील – सहयोग कर रहे हैं वलेचा, झूठा फंसाया गया

सुनवाई के दौरान वलेचा के अधिवक्ता अर्जुन भोजराज जेसवानी ने यह प्रस्तुत किया कि:

वलेचा एक सम्मानित व्यापारी हैं और 2023 से जांच में पूर्ण सहयोग कर रहे हैं।

उन्होंने विभाग को ₹2.5 करोड़ की कर राशि स्वयं जमा कराई है।

अब तक कोई औपचारिक एफआईआर या चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है, जो गिरफ्तारी को संदिग्ध बनाता है।

📌 जमानत की शर्तें

न्यायालय ने वलेचा को ₹50,000 के निजी मुचलके एवं समान राशि की एक जमानती (surety) की शर्त पर रिहा करने का आदेश दिया। साथ ही, जमानत की सख्त शर्तें निर्धारित की गईं:

आरोपी जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे।

किसी भी प्रकार से सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे।

जमानत अवधि में कोई आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे।

📌 क्या है पूरा मामला?

विभागीय जांच में यह सामने आया कि वलेचा पर आरोप है कि उन्होंने अपनी फर्म के माध्यम से फर्जी कंपनियों के नाम पर इनवॉइस जनरेट किए, जिससे इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी की गई।

हालांकि, अब जब अदालत ने उन्हें जमानत दी है, तो यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस प्रकरण की आगे की जांच किस दिशा में जाती है और क्या विभाग उन पर चार्जशीट दायर करता है या नहीं।

📝 नोट: यह मामला व्यापारिक और कर प्रशासन से जुड़े बड़े मामलों में से एक माना जा रहा है, और इसकी कानूनी व प्रशासनिक प्रगति पर उद्योग जगत की पैनी नजर बनी हुई है।














उल्हासनगर में श्रद्धा, एकता और सेवा भाव का संगम — UGMA का 69वां वार्षिक धार्मिक महोत्सव 15 से 17 सितंबर तक चालिहा साहिब मंदिर में भव्य आयोजन।


 

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर के गारमेंट उद्योग जगत की अग्रणी और प्रतिष्ठित संस्था उल्हासनगर गारमेंट्स मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन (UGMA) इस वर्ष भी अपनी समृद्ध परंपरा को कायम रखते हुए 69वां वार्षिक धार्मिक उत्सव भव्य स्तर पर आयोजित करने जा रही है। यह तीन दिवसीय आयोजन 15 से 17 सितंबर 2025 तक पूज्य चालिहा साहिब मंदिर (उल्हासनगर – 421005) में संपन्न होगा।

इस आयोजन का उद्देश्य केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और व्यावसायिक स्तर पर एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण करना है। यह महोत्सव UGMA द्वारा न केवल आस्था और भक्ति का परिचायक है, बल्कि यह व्यापारी समुदाय की एकता, सेवा भावना और सामाजिक जिम्मेदारी को भी सशक्त रूप से दर्शाता है।

🔶 आयोजन की मुख्य विशेषताएं:

धार्मिक कार्यक्रम: संत वाणी, कीर्तन, सत्संग, भजन-प्रवचन और आरती जैसे अध्यात्म से भरपूर आयोजन।

सेवा और समर्पण: आयोजनों में शामिल सभी सेवाएं निःस्वार्थ भाव से UGMA सदस्य एवं समाज के सहयोगियों द्वारा संचालित।

सामाजिक समरसता: आयोजन के माध्यम से व्यापारिक समुदाय के बीच आपसी सहयोग, सौहार्द और भाईचारे को बल मिलेगा।

🔶 UGMA की समाज को अपील:

UGMA ने उल्हासनगर के सभी व्यापारी बंधुओं, दुकानदारों, उद्यमियों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस पुण्य आयोजन में तन, मन और धन से सहभागी बनकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं और इस आध्यात्मिक यात्रा का भाग बनें।

UGMA के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि संस्था का उद्देश्य केवल धार्मिक आयोजनों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को जोड़ने, सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने और व्यापारिक समृद्धि को प्रेरित करने की दिशा में निरंतर सक्रिय रहना है।

🔶 UGMA – एक प्रेरणा, एक आंदोलन:

69 वर्षों से UGMA न केवल उल्हासनगर में व्यापारी वर्ग की आवाज बनी हुई है, बल्कि समय-समय पर सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक मंचों के माध्यम से समुदाय को संगठित और प्रेरित करती आ रही है। यह धार्मिक उत्सव उसी दीर्घकालीन विरासत का हिस्सा है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणास्रोत बनता जा रहा है।

📍स्थान: पूज्य चालिहा साहिब मंदिर, उल्हासनगर – 421005
📅 तिथियां: 15, 16 और 17 सितंबर 2025
⏰ समय: पूरे दिन विविध धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम

👉 आइए, मिलकर इस भक्ति, सेवा और समर्पण के पर्व का हिस्सा बनें। UGMA के साथ जुड़ें और उल्हासनगर की सामाजिक और आध्यात्मिक ऊर्जा को और अधिक सशक्त बनाएं।




















उल्हासनगर मनपा के अकाउंट विभाग में अवैध वसूली का खुलासा! 8 से 10 प्रतिशत कमीशन पर बिल पास करने का आरोप, वर्षों से लंबित हैं ठेकेदारों के भुगतान।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी

उल्हासनगर महानगरपालिका (Ulhasnagar Municipal Corporation) के अकाउंट विभाग (Accounts Department) में भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें सामने आ रही हैं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, विभाग के कुछ अधिकारी मनपाकर्मी और ठेकेदारों (Contractors) के बीच बकाया बिलों के भुगतान के एवज में 8 से 10 प्रतिशत तक की अवैध वसूली (Illegal Commission) कर रहे हैं।

यह मामला तब और गंभीर हो जाता है जब यह सामने आया कि कई ठेकेदारों के बिल वर्षों से लंबित पड़े हैं। पहले से ही आर्थिक मंदी और नकदी संकट से जूझ रहे ठेकेदारों के लिए यह 'कमीशन की मांग' एक अतिरिक्त बोझ बन गई है।

सूत्रों के मुताबिक, मनपा द्वारा पारित कार्यों का भुगतान करने में जानबूझकर देरी की जा रही है, और इसी देरी का फायदा उठाकर कुछ अधिकारी ठेकेदारों से अवैध धन की मांग कर रहे हैं।

स्थानीय ठेकेदारों का आरोप है कि जब तक कथित कमीशन नहीं दिया जाता, तब तक बिल भुगतान की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जाती।

मनपा प्रशासन पर यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्यों इतने वर्षों से ठेकेदारों के बकाया बिलों का निपटारा नहीं किया गया, और ऐसे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है।

अब देखना यह होगा कि मनपा आयुक्त और शासन इस गंभीर प्रकरण पर क्या रुख अपनाते हैं। क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दफन हो जाएगा?

मंत्रालय टाइम्स इस प्रकरण की गंभीरता से जांच कर रहा है, और आने वाले समय में इसमें और खुलासे होने की उम्मीद है।













उल्हासनगर के व्यापारिक नेताओं ने लाल साई होजियरी एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश बजाज के कार्यक्रम में गणपति दर्शन किए।


 




उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

गणपति विसर्जन के पावन अवसर पर लाल साई होजियरी एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश बजाज के निवास पर आयोजित कार्यक्रम में शहर के गणमान्य व्यक्तियों, राजनीतिक नेताओं एवं विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने गणपति के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश बजाज ने सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं पारंपरिक सम्मान के साथ उनका आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में शहर की जानी-मानी हस्तियों की उपस्थिति ने इसे एक विशेष गरिमा प्रदान की।

कार्यक्रम में उपस्थित रहे प्रमुख व्यक्तित्वों में उल्हासनगर भाजपा के आमदार कुमार ऐलानी, उल्हासनगर भाजपा अध्यक्ष राजेश वध्रया,भाजपा के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप रामचंदानी, भाजपा नेता महेश सुखरमानी, जमनु पुरस्वानी, लाल पंजाबी, राजू जग्यासी एवं अमित वाधवा शामिल रहे।

वहीं, भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के नेता नरेश ठारवानी ने अपनी पूरी टीम के साथ पहुंचकर गणपति दर्शन किए और कार्यक्रम की सफलता की शुभकामनाएं दीं।

इसके अलावा, शहर के प्रमुख व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों ने भी सामूहिक रूप से दर्शन किए। इनमें लाल साई होजियरी एसोसिएशन, होल गारमेंट्स एसोसिएशन, यूएसडब्ल्यूए एसोसिएशन, फटाका व्यापारी एसोसिएशन तथा अमन टॉकीज रोड के व्यापारी संघ के सदस्य प्रमुख थे।

अंत में, समाज सेवक रमेश बजाज ने आए हुए सभी गणमान्य व्यक्तियों, नेताओं, व्यापारियों एवं संगठनों का तहे दिल से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सभी के स्नेह और सहयोग से यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और उन्हें उम्मीद है कि भगवान गणपति सभी पर अपनी कृपा बनाए रखेंगे।













लालबाग गणपति पंडाल में VIP–नॉन VIP दर्शन व्यवस्था पर विवाद गहराया, मानवाधिकार आयोग में शिकायत।


 





मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देश-विदेश में प्रसिद्ध लालबाग का राजा गणपति पंडाल इस बार दर्शन व्यवस्था को लेकर विवादों में आ गया है। गणेशोत्सव के दौरान लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बने इस पंडाल में दर्शन के लिए VIP और नॉन-VIP लाइनें अलग-अलग बनाए जाने को लेकर तीखी आपत्तियां दर्ज की जा रही हैं।

इसी संदर्भ में एडवोकेट आशीष राय और पंकज मिश्रा ने महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। उनका तर्क है कि धार्मिक आयोजन में VIP संस्कृति को बढ़ावा देना न केवल भक्तों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह सामाजिक समानता की भावना के भी खिलाफ है।

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि VIP दर्शन की सुविधा से आम श्रद्धालुओं को लंबे समय तक कठिन परिस्थितियों में कतारों में खड़ा रहना पड़ता है, जबकि कुछ चुनिंदा लोगों को विशेषाधिकार दिया जा रहा है। उन्होंने इसे धार्मिक भेदभाव और अन्यायपूर्ण व्यवस्था करार दिया है।

मानवाधिकार आयोग से की गई शिकायत में मांग की गई है कि आयोग तत्काल इस मामले पर संज्ञान ले और VIP–नॉन VIP दर्शन व्यवस्था को समाप्त करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी करे, ताकि हर भक्त को बिना भेदभाव के समान अवसर मिल सके।

👉 इस प्रकरण के सामने आने के बाद गणेश मंडल की भूमिका, प्रशासन की कार्यशैली और VIP संस्कृति पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी बड़ा रूप ले सकता है, क्योंकि यह सीधे तौर पर भक्तों की आस्था और अधिकारों से जुड़ा हुआ है।




















उल्हासनगर टीडीआर घोटाले पर मंत्रालय में हाईलेवल बैठक: डीआरसी क्रमांक 14, 17 और 18 स्थगित, दोषियों पर होगी कठोर कार्रवाई।


 



उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर में उजागर हुए बहुचर्चित टीडीआर घोटाले को लेकर गुरुवार को मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता राज्य के पूर्व राज्यमंत्री बच्चू भाऊ कडू ने की। इस दौरान नगरविकास विभाग के प्रधान सचिव श्री असीम गुप्ता ने उल्हासनगर महानगरपालिका आयुक्त को स्पष्ट निर्देश दिए कि टीडीआर/आरसीसी/डीआरसी क्रमांक 14, 17 और 18 को जांच पूरी होने तक पूरी तरह स्थगित रखा जाए।

इसके साथ ही इन टीडीआर की खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक लगाने के आदेश दिए गए। इतना ही नहीं, यदि किसी निर्माण अनुमति में ये टीडीआर पहले से समाविष्ट किए गए हैं तो उन निर्माण अनुमतियों को भी तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का निर्णय लिया गया है।

प्रधान सचिव श्री गुप्ता ने कहा कि जांच 10 दिनों के भीतर पूरी की जाएगी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उल्हासनगर में टीडीआर घोटाला हुआ है और इसे उजागर करने का श्रेय अधिवक्ता स्वप्निल पाटील को जाता है। गुप्ता ने सवाल उठाते हुए कहा – “जब एक समाजसेवक यह घोटाला सामने ला सकता है, तो जिम्मेदार अधिकारी इस अनियमितता से अनजान क्यों रहे? उनकी जवाबदेही तय होनी चाहिए।”

बैठक में राष्ट्र कल्याण पार्टी के अध्यक्ष श्री शैलेश तिवारी ने उल्हासनगर आयुक्त की कार्यप्रणाली पर कड़ा आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 4 मार्च को दिए गए आदेशों का पालन न करना आयुक्त की गंभीर लापरवाही और निष्क्रियता को दर्शाता है।

इस हाईलेवल बैठक में माननीय राज्यमंत्री बच्चू भाऊ कडू, नगरविकास विभाग के प्रधान सचिव श्री असीम गुप्ता, अवर सचिव श्री निर्मलकुमार चौधरी, सचिव नवी-12 श्री मोरे, उल्हासनगर महानगरपालिका की आयुक्त श्रीमती मनीषा आव्हाळे, राष्ट्र कल्याण पार्टी के अध्यक्ष श्री शैलेश तिवारी, प्रहार जनशक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष अधिवक्ता स्वप्निल पाटील, समाजसेवक श्री वासू कुकरेजा तथा ठाणे जिला संपर्क प्रमुख श्री हितेश जाधव उपस्थित रहे।

👉 मंत्रालय स्तर पर हुई इस बैठक के बाद अब उल्हासनगर टीडीआर घोटाले की जांच तेज होने की संभावना है और आने वाले दिनों में कई बड़े खुलासे तथा सख्त प्रशासनिक कार्रवाई सामने आ सकती है।












लालबाग का राजा दर्शन व्यवस्था पर मचा बवाल, भक्तों ने उठाई आवाज – ‘शिर्डी-तिरुपति जैसी हो सिस्टम’


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देश की सबसे भव्य और लोकप्रिय गणेश मंडलियों में से एक लालबाग का राजा इन दिनों चर्चा के केंद्र में है। गणेशोत्सव के दौरान लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन इस बार भक्तों की भीड़ के बीच एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।

सूत्रों के मुताबिक, कई श्रद्धालुओं की शिकायतें आ रही हैं कि दर्शन के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। भक्तों का कहना है कि उन्हें बिना पैसे दिए सुचारू रूप से दर्शन कर पाना मुश्किल हो रहा है। इन आरोपों के बाद अब मंडल की व्यवस्था और पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं।

विकलांग और सीनियर सिटीजन के लिए भी अलग से दर्शन की लाइन की व्यवस्था होनी चाहिए।

भक्तों की मांग – ‘पैड व फ्री दर्शन की आधिकारिक व्यवस्था’

भक्तों का मानना है कि लालबाग का राजा मंडल को शिर्डी साईं बाबा और तिरुपति बालाजी की तर्ज पर दर्शन व्यवस्था लागू करनी चाहिए।

फ्री दर्शन लाइन: सभी आम श्रद्धालुओं के लिए बिना किसी शुल्क के।

पैड दर्शन लाइन: उन भक्तों के लिए जो जल्दी दर्शन करना चाहते हैं और इसके लिए आधिकारिक टिकट खरीद सकते हैं।

श्रद्धालुओं का कहना है कि यदि यह व्यवस्था लागू की जाती है तो:

1. अव्यवस्था और अवैध वसूली पर रोक लगेगी।

2. भ्रष्टाचार समाप्त होगा और व्यवस्था पारदर्शी बनेगी।

3. मंडल की आधिकारिक आय में बढ़ोतरी होगी, जिससे समाजसेवा और लोकहितकारी कार्यों के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे।

विशेषज्ञों की राय

सामाजिक कार्यकर्ताओं और धार्मिक मामलों के जानकारों का कहना है कि लाखों की भीड़ को संभालने के लिए आधुनिक और पारदर्शी दर्शन व्यवस्था अनिवार्य है। उनका मानना है कि यदि मंडल इस दिशा में कदम उठाता है तो भक्तों का विश्वास और अधिक मजबूत होगा और लालबाग का राजा की प्रतिष्ठा भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी।

आगे की राह

अब सभी की निगाहें लालबाग का राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल पर टिकी हैं। क्या मंडल भक्तों की इस मांग पर विचार करेगा? क्या आने वाले समय में यहां शिर्डी और तिरुपति जैसी ऑफिशियल फ्री और पैड दर्शन व्यवस्था देखने को मिलेगी? इसका फैसला जल्द ही सामने आ सकता है।



















उल्हासनगर-5 जींस मार्केट में 25 से 30 लाख का संदिग्ध सौदा, विकी के खिलाफ शिकायत की तैयारी – पुलिस जांच के आसार


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उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर-5 का जींस मार्केट एक बार फिर सुर्खियों में है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मार्केट से जुड़ा एक बड़ा आर्थिक मामला प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है कि विकी नामक व्यक्ति ने बीते तीन से चार दिनों के भीतर लगभग 25 से 30 लाख रुपये मूल्य का माल बेचा है। यह सौदा उल्हासनगर-5 स्थित 444 धागे वाले क्षेत्र के आसपास संपन्न हुआ।

व्यापारी वर्ग और सूत्रों की मानें तो इस लेन-देन में कई तरह की अनियमितताओं और संदिग्ध गतिविधियों की आशंका जताई जा रही है। बाजार के जानकारों का कहना है कि यदि जल्द ही इस मामले में स्पष्टता नहीं आती है, तो इसकी औपचारिक शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई जा सकती है।

मार्केट एसोसिएशन ने भी मामले पर करीबी नजर रखी हुई है और प्राथमिक स्तर पर इसे गंभीरता से लिया जा रहा है। व्यापारियों का मानना है कि यदि इस पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में मार्केट का माहौल प्रभावित हो सकता है।

फिलहाल पुलिस जांच की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है और व्यापारी वर्ग सख्त कानूनी कदमों की उम्मीद लगाए बैठा है।













उल्हासनगर-5 जींस मार्केट में करोड़ों की ठगी! व्यापारी तरुण फरार, पुलिस में शिकायत की तैयारी..?


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उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर-5 के जींस मार्केट से एक बड़े आर्थिक घोटाले का मामला सामने आया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, तरुण नामक व्यापारी ने मार्केट के कई व्यापारियों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की है। बताया जा रहा है कि तरुण बीते कुछ समय से जींस के कपड़े (रोल) के कारोबार में सक्रिय था और इसी कारोबार के बहाने उसने बड़े पैमाने पर व्यापारियों से धन वसूला।

सूत्रों की मानें तो धोखाधड़ी का शिकार हुए व्यापारी अब पुलिस थाने में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराने की तैयारी में हैं। इस घोटाले ने पूरे मार्केट में सनसनी फैला दी है और व्यापारी वर्ग में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस विभाग भी सतर्क हो गया है और जल्द ही जांच शुरू होने की संभावना है। उधर, व्यापारियों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाती हैं बल्कि बाजार की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करती हैं।

👉 विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो ऐसे घोटाले शहर के व्यापारिक माहौल पर गहरा असर डाल सकते हैं।












उल्हासनगर-5 जींस मार्केट में 4 करोड़ की ठगी! व्यापारी तरुण फरार, पर्दे के पीछे कौन – जल्द होगा खुलासा


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उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर-5 के जींस मार्केट से करोड़ों रुपये की ठगी का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है। सूत्रों के अनुसार, तरुण नामक व्यापारी, जो लंबे समय से जींस के कपड़े (रोल) का कारोबार करता था, अचानक मार्केट के व्यापारियों से लगभग 4 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गया है। तरुण करीब 7 साल पहले भी बाजार के कई व्यापारियों से 15 से 17 करोड़ रुपए लेकर गायब हो चुका था।

जानकारी के मुताबिक, तरुण पहले कुछ महीनों से मार्केट में कारोबार कर रहा था और इस दौरान उसने स्थानीय व्यापारियों का भरोसा जीता। लेकिन हाल ही में उसने एकाएक बड़े पैमाने पर पैसे लेकर कारोबारियों को चूना लगाया और फरार हो गया।

व्यापारियों का आरोप है कि यह कोई सामान्य धोखाधड़ी नहीं है, बल्कि इसके पीछे बड़े स्तर पर मिलीभगत और षड्यंत्र हो सकता है। हालांकि, अभी तक इस मामले में किसी भी प्रकार की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। 

इस घटना के बाद जींस मार्केट के सैकड़ों व्यापारी गहरे आर्थिक संकट में फंस गए हैं। कई व्यापारियों ने बताया कि उनकी सालों की मेहनत और पूंजी तरुण के धोखे से बर्बाद हो गई है। मार्केट में अब भय, आक्रोश और असुरक्षा का माहौल है।

👉 जल्द होगा खुलासा: तरुण के फरार होने के पीछे किसका हाथ है, इसका खुलासा बहुत जल्द किया जाएगा।












जॉली LLB 3 पर विवाद: हाईकोर्ट के वकीलों ने CBFC में दर्ज कराई शिकायत, न्यायपालिका की गरिमा भंग करने का आरोप।


 






मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

बॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म जॉली LLB 3 अपने रिलीज़ से पहले ही विवादों में घिर गई है। फिल्म के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष राय और पंकज मिश्रा ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि फिल्म की सामग्री न्यायपालिका की गरिमा को आहत करती है और वकील समुदाय की छवि को हास्यास्पद रूप में प्रस्तुत करती है।

शिकायत के मुख्य बिंदु:

फिल्म जॉली LLB 3 का रिलीज़ 19 सितंबर को प्रस्तावित है।

हाल ही में जारी टीज़र में वकीलों को “जोकर” की तरह लड़ते-झगड़ते दिखाया गया है, जिससे वकीलों की पेशेवर छवि को नकारात्मक रूप से पेश किया गया है।

फिल्म के संवाद और दृश्य अदालत की कार्यप्रणाली को मजाकिया ढंग से दिखाते हैं, जो न केवल वकीलों की प्रतिष्ठा बल्कि न्यायपालिका की गरिमा पर भी सीधा प्रहार माना जा रहा है।

इससे पहले फिल्म श्रृंखला की पिछली कड़ियों (जॉली LLB और जॉली LLB 2) में भी अदालतों और वकीलों को हास्य और व्यंग्य के माध्यम से चित्रित किया गया था।

शिकायतकर्ताओं की मांग:

शिकायत में स्पष्ट कहा गया है कि फिल्म निर्माता और कलाकार जानबूझकर न्यायिक संस्थानों की साख को ठेस पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका उद्देश्य न्यायपालिका का मज़ाक उड़ाकर व्यावसायिक लाभ कमाना है।

फिल्म को रिलीज़ से पहले दोबारा सेंसर किए जाने की मांग की गई है।

साथ ही, फिल्म को प्रमाणन या किसी भी प्रकार की मान्यता देने पर रोक लगाने का आग्रह भी किया गया है।

न्यायपालिका की गरिमा बनाम मनोरंजन

वकीलों का कहना है कि अदालत और न्यायिक कार्यप्रणाली समाज में विश्वास और न्याय की नींव हैं। ऐसे में, फिल्मों के माध्यम से इस गरिमा को भंग करना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक संकेत है।

अब देखना यह होगा कि CBFC इस शिकायत पर क्या रुख अपनाता है और क्या जॉली LLB 3 नियोजित तारीख पर रिलीज़ हो पाएगी या नहीं।




















उल्हासनगर-5 जींस मार्केट में करोड़ों की ठगी, व्यापारी तरुण फरार – राजस्थान की कपड़ा मिलों को भी लगाया चूना।


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उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर-5 के जींस मार्केट से करोड़ों रुपए की ठगी का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। सूत्रों के अनुसार, तरुण नामक व्यापारी ने स्थानीय व्यापारियों को लगभग 4 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। बताया जा रहा है कि तरुण जींस के कपड़े (रोल) का व्यापार करता था और इसी व्यापार के नाम पर उसने बड़ी रकम वसूली।

10 साल पहले भी कर चुका है बड़ा घोटाला

जांच में सामने आया है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। करीब एक दशक पहले भी तरुण ने स्थानीय व्यापारियों को 15 से 17 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया था। लंबे समय तक गायब रहने के बाद उसने पुनः कारोबार शुरू किया और दोबारा व्यापारियों को अपने जाल में फंसा लिया।

राजस्थान की मिलें भी बनीं शिकार

जानकारी के मुताबिक, तरुण ने राजस्थान के भीलवाड़ा की प्रतिष्ठित कपड़ा मिलों से माल उठाया और उसका भुगतान नहीं किया। अब मिल मालिक भी बकाया रकम की मांग को लेकर सामने आए हैं। यह घोटाला स्थानीय स्तर तक सीमित न रहकर अब टेक्सटाइल इंडस्ट्री के बड़े वर्ग को प्रभावित कर रहा है।

आरोपी फरार, व्यापारियों में आक्रोश

फिलहाल, आरोपी तरुण फरार बताया जा रहा है।वहीं दूसरी ओर व्यापारियों में भारी आक्रोश है। पीड़ित कारोबारी प्रशासन से सख्त कार्रवाई और जल्द न्याय की मांग कर रहे हैं।

👉 यह मामला न केवल उल्हासनगर के कारोबारियों को झटका दे रहा है, बल्कि राजस्थान की कपड़ा इंडस्ट्री को भी प्रभावित कर रहा है। इससे टेक्सटाइल व्यापार जगत में गहरी चिंता व्याप्त है।






















गणेशोत्सव पर राज्यव्यापी " श्रीगणेशा आरोग्याचा "अभियान के तहद समुदाय आरोग्य शिबीर का आयोजन।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

गणेशोत्सव के पावन अवसर पर महाराष्ट्र सरकार ने एक व्यापक जनकल्याणकारी पहल की घोषणा की है। मुख्यमंत्री सचिवालय अंतर्गत मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कक्ष तथा धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष के समन्वय से पूरे राज्य में "श्रीगणेशा आरोग्य" अभियान के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे।

यह अभियान 27 अगस्त 2025 से 5 सितंबर 2025 तक सभी जिलों में चलाया जाएगा। इन शिविरों के माध्यम से नागरिकों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। साथ ही चिकित्सा सेवा, निदान, परामर्श और उपचारात्मक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी।

मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कक्ष ने जिला प्रशासन से अपील की है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्ध मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर, मेडिकल विद्यार्थी और पैरा मेडिकल स्टाफ इन शिविरों में सक्रिय सहयोग दें। इसके साथ ही आवश्यक चिकित्सा संसाधन, दवाइयाँ और उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएँ।

इन शिविरों के सफल आयोजन के लिए धर्मादाय अस्पताल, महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना से संबद्ध अस्पताल, जिला सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की अधीनस्थ संस्थाएँ, HLL, STEMI नेटवर्क, अन्न व औषधि प्रशासन, और सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा।

सरकार का मानना है कि यह सामुदायिक स्वास्थ्य अभियान न केवल गणेशोत्सव को सामाजिक-सेवा के रूप में सार्थक करेगा बल्कि नागरिकों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा।

👉 मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कोष एव धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष के दायित्व मे होगा।

यदि आपको किसी भी प्रकार का कार्य हो तो आप इस नंबर 022 2202 0045 पर संपर्क कर सकते हैं।