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डॉ. श्रीपाद ढेकणे की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विशेष कार्य अधिकारी (OSD) पद पर नियुक्ति – प्रशासनिक कार्यप्रणाली को मिलेगा नया दृष्टिकोण।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 


महाराष्ट्र की राजनीतिक और प्रशासनिक दुनिया में एक महत्वपूर्ण विकास सामने आया है। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने डॉ. श्रीपाद ढेकणे को अपने विशेष कार्य अधिकारी (OSD) के रूप में नियुक्त किया है। यह निर्णय प्रशासनिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिससे राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन और नीति निर्माण को नई दिशा और गति मिलने की संभावना है।

डॉ. श्रीपाद ढेकणे प्रशासनिक क्षेत्र में एक स्थापित नाम हैं। उन्होंने पूर्व में विभिन्न शासकीय योजनाओं के नियोजन, क्रियान्वयन और मूल्यांकन में अपनी प्रभावशाली भूमिका निभाई है। नीति निर्माण, शासन तंत्र की बारीक समझ और योजनाओं के निष्पादन में उनकी दक्षता उन्हें इस उच्च पद के लिए एक उपयुक्त विकल्प बनाती है।

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, डॉ. ढेकणे की नियुक्ति से न केवल निर्णय प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप योजनाओं को प्रभावी ढंग से धरातल पर उतारने में भी मदद मिलेगी। यह कदम मुख्यमंत्री फडणवीस की टीम को और अधिक संगठित, व्यावसायिक और परिणाम-केंद्रित बनाएगा।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह नियुक्ति आगामी प्रशासनिक और विकासात्मक एजेंडा को मजबूती प्रदान करेगी, विशेषकर जब महाराष्ट्र विविध सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। डॉ. ढेकणे की विशेषज्ञता राज्य सरकार के ‘सुशासन’ के दृष्टिकोण को साकार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है और सभी संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश जारी किए जा चुके हैं। अब यह देखना रोचक होगा कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री कार्यालय की कार्यप्रणाली और प्रभावशीलता में किस प्रकार का सकारात्मक परिवर्तन दिखाई देता है।



















मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिवंगत मनीषा सुशांत भिसे के बच्चों के इलाज हेतु 24 लाख रुपये की आर्थिक सहायता को दी मंजूरी।


पुणे: दिनेश मीरचंदानी 

दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल प्रकरण में दिवंगत मनीषा सुशांत भिसे के दो मासूम बच्चों के उपचार के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री श्री. देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री सहायता निधि से कुल 24 लाख रुपये की आर्थिक मदद को स्वीकृति दी है।

इस सहायता के अंतर्गत एक बच्चे के लिए 10 लाख रुपये तथा दूसरे के लिए 14 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई है। यह निर्णय राज्य सरकार की मानवीय और संवेदनशील कार्यपद्धती को दर्शाता है, जो आपातकालीन स्थितियों में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी रहती है।

दिवंगत मनीषा भिसे का प्रकरण पूरे राज्य में चर्चा का विषय रहा है, और इस घटनाक्रम के पश्चात उनके बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया था। मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान की गई यह आर्थिक सहायता न केवल बच्चों के चिकित्सा उपचार में सहायक सिद्ध होगी, बल्कि उनके बेहतर भविष्य की दिशा में एक सशक्त कदम भी मानी जा रही है।

राज्य सरकार द्वारा समय पर लिया गया यह निर्णय सामाजिक उत्तरदायित्व और संवेदनशील शासन की मिसाल प्रस्तुत करता है।

'आगे भी खर्च की राशि दी जाएगी'

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देशानुसार इन बच्चों के इलाज के लिए लगने वाला सारा खर्च मुख्यमंत्री सहायता निधि से स्वीकृत किया जा रहा है।

अब तक के खर्च का बिल अस्पतालों ने भेजा है, और उसे भी मंजूरी मिल चुकी है। आगे के इलाज के लिए जो भी खर्च होगा, उसे भी निधि से स्वीकृत किया जाएगा, ऐसा मुख्यमंत्री सहायता निधि के प्रमुख रमेश्वर नाईक ने बताया।












आकाश वाधवानी की BJP में एंट्री तय? जल्द हो सकती है आधिकारिक घोषणा।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 


राजनीतिक गलियारों से मिल रही बड़ी जानकारी के अनुसार, आकाश वाधवानी जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम सकते हैं। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से पता चला है कि इसको लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और वाधवानी के बीच बातचीत का दौर जारी है। हालांकि, अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में यह निर्णय सार्वजनिक हो सकता है।

आकाश वाधवानी की लोकप्रियता और युवाओं में उनकी मजबूत पकड़ को देखते हुए बीजेपी उन्हें पार्टी में शामिल करने को लेकर बेहद सकारात्मक रुख अपना रही है। अगर यह राजनीतिक कदम पूरा होता है, तो यह बीजेपी के लिए रणनीतिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकता है, खासकर आगामी चुनावों के मद्देनजर।

सूत्रों का यह भी कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता खुद इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं और जल्द ही उल्हासनगर में एक औपचारिक बैठक आयोजित की जा सकती है, जहां आकाश वाधवानी की आधिकारिक तौर पर बीजेपी में एंट्री की घोषणा होगी।




















अंबरनाथ में नशामुक्ति की नई पहल: IRS अधिकारी समीर वानखेडे और क्रांति रेडकर की होगी विशेष उपस्थिति।


अंबरनाथ: दिनेश मीरचंदानी

शहर के प्रख्यात नगरसेवक और सामाजिक कार्यकर्ता मा. सुभाष साळुंके  के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य नशामुक्ति शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यह शिविर रविवार, 11 मई को सुबह 10 बजे से रोटरी क्लब हॉल, वड़वली स्टेशन, अंबरनाथ (पूर्व) में आयोजित किया जाएगा।

इस शिविर का मुख्य उद्देश्य शराब और अन्य व्यसनों की चपेट में आए नागरिकों को नशामुक्त कर एक स्वस्थ, सशक्त और आत्मनिर्भर जीवन की ओर प्रेरित करना है। कार्यक्रम में समुपदेशन, औषधि और उपचार तीनों का समन्वय किया जाएगा।

विशेष आकर्षण:

पहले 100 पंजीकरण करने वालों को मुफ्त उपचार

हार्मोन इंजेक्शन थेरपी द्वारा 48 घंटे में दारू की भावना बंद करने का उपचार

नाममात्र शुल्क (₹100/-) में औषधि उपलब्ध

विशेष उपस्थितियाँ:

मा. समीर वानखेडे (IRS), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व अधिकारी

प्रसिद्ध अभिनेत्री मा. क्रांति रेडकर

शिवसेना नेता मा. सुभाष साळुंके के मार्गदर्शन में

आयोजन की प्रमुख: सौ. सुवर्णा साळुंके

कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. कृष्णचंद्र भागले (नशामुक्ति विशेषज्ञ) एवं सहयोगी मा. सुनील कदम इस शिविर को सफलता की ओर ले जाने हेतु प्रयासरत हैं।

पंजीकरण और जानकारी हेतु संपर्क करें: 9423080608 / 8788515075












महाराष्ट्र दिवस पर हुआ है ज़िलास्तरीय मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष का भव्य उद्घाटन — जरूरतमंद मरीजों को मिलेगा स्थानीय स्तर पर लाभ।


 









मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र दिवस के पावन अवसर पर आज राज्य के प्रत्येक जिले में मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष का विधिवत उद्घाटन संबंधित जिले के पालक मंत्री, मंत्री या राज्यमंत्री के कर-कमलों द्वारा किया गया। यह निर्णय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देशानुसार लिया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को त्वरित व प्रभावी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है।

मुख्यमंत्री सहायता निधि के अंतर्गत मिलने वाली सहायता के लिए अब मरीजों और उनके परिजनों को बार-बार मंत्रालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। जिला स्तर पर शुरू किए गए इन कक्षों के माध्यम से सहायता की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, त्वरित और सुगम बनाया गया है।

मुख्यमंत्री फडणवीस के निर्देशानुसार 22 फरवरी 2025 को इस आशय का शासन निर्णय जारी किया गया था। इसके बाद 23 अप्रैल को स्वयं मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में संबंधित अधिकारियों को इन कक्षों को पूरी क्षमता से कार्यान्वित करने के निर्देश दिए गए थे।

मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष के प्रमुख रामेश्वर नाईक ने जानकारी देते हुए बताया कि अब राज्य के प्रत्येक जिलाधिकारी कार्यालय में यह कक्ष संचालित होगा। इससे मरीजों को उनके ही जिले में मदद मिल सकेगी।

मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष की मुख्य जिम्मेदारियां:

मरीजों व परिजनों को आवेदन प्रक्रिया में सहायता प्रदान करना

प्राप्त आवेदनों की वर्तमान स्थिति की जानकारी देना

मरीजों व परिजनों की समस्याओं का समाधान करना

सहायता प्राप्त मरीजों से अस्पताल जाकर संपर्क करना

कक्ष के प्रति जनजागृति व प्रचार-प्रसार करना

सहायता हेतु बीमारियों की सूची का पुनर्विलोकन करना

आपदा की स्थिति में जिले में तत्काल सहायता पहुंचाना

मुख्यमंत्री सहायता निधि में अधिकतम दान प्राप्त करने के प्रयास करना

आर्थिक सहायता योग्य बीमारियों की संख्या बढ़ाने का प्रयास करना

जनता को मिलने वाले प्रमुख लाभ:

आवेदन करने में मार्गदर्शन व सहायता

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची की सुविधा

संबंधित अस्पतालों की सूची की जानकारी

मंत्रालय तक पहुंचने की आवश्यकता नहीं

आवेदन की स्थिति जिलाधिकारी कार्यालय में ही ज्ञात होगी

यह पहल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की दूरदर्शी सोच को दर्शाती है, जिसका मूल उद्देश्य है—राज्य के प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य सेवा हेतु त्वरित सहायता सुनिश्चित करना। यह निर्णय न केवल प्रशासनिक दक्षता को दर्शाता है, बल्कि इससे जरूरतमंद नागरिकों में सरकार के प्रति विश्वास भी सुदृढ़ होगा।












उल्हासनगर-१ पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विष्णु ताम्हाणे को "पुलिस महानिदेशक सम्मानचिह्न" से सम्मानित किया गया।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र पुलिस बल में उत्कृष्ट सेवाओं और उल्लेखनीय कर्तव्यनिष्ठा के लिए उल्हासनगर-१ पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्री विष्णु ताम्हाणे को प्रतिष्ठित "पुलिस महानिदेशक सम्मानचिह्न" (Director General's Insignia) प्रदान किया गया है। यह सम्मान महाराष्ट्र राज्य पुलिस के सर्वोच्च अधिकारियों में से एक, पुलिस महानिदेशक द्वारा उन पुलिसकर्मियों को दिया जाता है जिन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में अनुकरणीय प्रदर्शन किया हो।

श्री ताम्हाणे ने अपराध नियंत्रण, जनता के साथ बेहतर समन्वय, और पुलिस विभाग की छवि को सकारात्मक दिशा में अग्रसर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता, तीव्र निर्णय क्षमता और निष्पक्ष जांच प्रक्रिया के चलते उन्होंने कई जटिल मामलों को सफलतापूर्वक सुलझाया है, जिससे न केवल विभाग बल्कि आम जनता का भी विश्वास पुलिस तंत्र में और सुदृढ़ हुआ है।

इस सम्मान की घोषणा के साथ ही उल्हासनगर पुलिस विभाग में हर्ष और गर्व की लहर है। वरिष्ठ अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों ने श्री ताम्हाणे को इस उपलब्धि पर बधाई दी है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

यह सम्मान न केवल श्री ताम्हाणे की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह पूरे पुलिस बल के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है, जो कर्तव्यपरायणता, ईमानदारी और जनसेवा के मूल सिद्धांतों को मजबूती प्रदान करता है।












आईपीएस देवेन भारती को मुंबई पुलिस आयुक्त का विशेष प्रभार सौंपा गया।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी

महाराष्ट्र सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी देवेन भारती को मुंबई पुलिस आयुक्त का विशेष प्रभार सौंपा है। यह नियुक्ति मुंबई पुलिस प्रशासन में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखी जा रही है। देवेन भारती वर्तमान में महाराष्ट्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक (क़ानून और व्यवस्था) के पद पर कार्यरत हैं और उनकी गिनती राज्य के अनुभवी एवं तेजतर्रार अधिकारियों में होती है।

देवन भारती इससे पहले मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त (क़ानून और व्यवस्था) तथा एटीएस प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनके नेतृत्व में कई जटिल आपराधिक मामलों का सफलतापूर्वक समाधान हुआ है।

मुंबई जैसे देश के सबसे बड़े महानगर की कानून व्यवस्था को संभालना एक बड़ी जिम्मेदारी मानी जाती है, और देवेन भारती की नियुक्ति से इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि शहर में सुरक्षा और प्रशासनिक कार्यों को और अधिक कुशलता के साथ संचालित किया जाएगा।

इस अस्थायी जिम्मेदारी के पीछे प्रशासनिक फेरबदल और वर्तमान पुलिस आयुक्त की अनुपस्थिति या स्थानांतरण की संभावनाएं प्रमुख कारण मानी जा रही हैं। जल्द ही स्थायी नियुक्ति को लेकर भी निर्णय लिया जा सकता है।















रेशमा निवाले को बोरीवली विधानसभा का भाजपा मंडल अध्यक्ष नियुक्त किया गया, शीर्ष नेताओं से ली आशीर्वाद।


 





मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय और समर्पित कार्यकर्ता रेशमा निवाले को बोरीवली विधानसभा क्षेत्र का भाजपा मंडल अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनकी इस महत्वपूर्ण नियुक्ति पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त किया,कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों में हर्ष की लहर दौड़ गई है।

नवीन जिम्मेदारी संभालने के तुरंत बाद रेशमा निवाले ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल, भाजपा के पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी, भाजपा आमदार संजय उपाध्याय , भाजपा आमदार प्रविण दरेकर, और पूर्व भाजपा आमदार सुनील राणे से शिष्टाचार भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

रेशमा निवाले ने कहा कि वे पार्टी द्वारा दी गई इस ज़िम्मेदारी को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाएंगी और संगठन को जमीनी स्तर पर और अधिक मजबूत करेंगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और भाजपा की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का काम वे पूरी ताकत के साथ करेंगी।

इस अवसर पर पार्टी के कई स्थानीय पदाधिकारी, कार्यकर्ता और समर्थक भी उपस्थित रहे, जिन्होंने रेशमा निवाले को शुभकामनाएं दीं और उनके नेतृत्व में संगठन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की उम्मीद जताई।




















कौन बनेगा मुंबई का नया पुलिस कमिश्नर? रितेश कुमार, अर्चना त्यागी और देवेन भारती दावेदार।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई के मौजूदा पुलिस आयुक्त विवेक फणसळकर 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, और उनके उत्तराधिकारी को लेकर पुलिस विभाग तथा राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज़ हो गई है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सुरक्षा व्यवस्था की कमान किस वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को सौंपी जाएगी, इस पर अब सभी की निगाहें टिकी हैं।

पद के संभावित दावेदारों में ये नाम हैं प्रमुख

सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार के पास इस पद के लिए कई योग्य और अनुभवी अधिकारी मौजूद हैं। जिनके नाम सबसे अधिक चर्चा में हैं, उनमें रितेश कुमार, अर्चना त्यागी और देवेन भारती प्रमुख हैं।

रितेश कुमार (1992 बैच, आईपीएस): वर्तमान में सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। उनकी प्रशासनिक दक्षता और अनुभव उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाता है।

अर्चना त्यागी (1993 बैच, आईपीएस): यदि राज्य सरकार महिला नेतृत्व को प्राथमिकता देती है तो अर्चना त्यागी का नाम सबसे ऊपर है। वे मुंबई की पहली महिला पुलिस आयुक्त बनने की संभावना रखती हैं।

देवेन भारती (विशेष पुलिस आयुक्त): वर्तमान में मुंबई पुलिस में विशेष पुलिस आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। यदि सरकार नए आयुक्त की घोषणा फणसळकर के सेवानिवृत्त होने तक नहीं कर पाती है, तो उन्हें अंतरिम रूप से पुलिस आयुक्त का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा जा सकता है।

वहीं, 1990 बैच के वरिष्ठ अधिकारी सदानंद दाते और संजयकुमार वर्मा के नाम भी चर्चा में आए हैं, लेकिन दाते की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और वर्मा की हाल ही में पुलिस महानिदेशक पद पर नियुक्ति के चलते उनकी संभावनाएं कमजोर मानी जा रही हैं।

सरकार की घोषणा का इंतजार

मुंबई जैसे संवेदनशील और रणनीतिक शहर में पुलिस आयुक्त का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए महाराष्ट्र सरकार इस नियुक्ति में कोई जल्दबाज़ी नहीं करना चाहती। अगले कुछ दिनों में इस पद पर अंतिम निर्णय और घोषणा की संभावना है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मुंबई को पहली बार महिला पुलिस आयुक्त मिलती है या अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर रितेश कुमार या देवेन भारती को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाती है।












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उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

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"बेलापुर में आत्महत्या से मचा हड़कंप, सुसाइड नोट में NCB अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार"


बेलापुर: दिनेश मीरचंदानी 

शुक्रवार सुबह बेलापुर में उस वक्त सनसनी फैल गई जब कुख्यात ड्रग माफिया के पिता अजय माराठे ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना सुबह करीब 6:30 बजे की है, जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की टीम माराठे को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंची थी। इससे पहले कि वे उसे हिरासत में ले पाते, अजय माराठे ने खुद को गोली मार ली।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और जांच शुरू कर दी गई। पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें एनसीबी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

सुसाइड नोट में NCB अधिकारियों पर मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना का आरोप अजय माराठे ने सुसाइड नोट में लिखा कि एनसीबी अधिकारियों ने उन्हें और उनके परिवार को मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया। उनका कहना था कि उनका बेटा पहले ही ड्रग मामले में जेल में है, फिर भी उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा था, जिससे वह मानसिक तनाव में आ गए और आत्महत्या जैसा कदम उठाया।

अवैध पिस्टल से की आत्महत्या, पुलिस कर रही जांच एसीपी अजय लांगे ने बताया कि जिस पिस्टल से माराठे ने खुद को गोली मारी, वह लाइसेंस रहित और अवैध थी। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि यह हथियार माराठे को कहां से मिला और क्या यह किसी और आपराधिक गतिविधि में इस्तेमाल हुआ था।

NCB अधिकारियों से होगी पूछताछ, जांच में जुटी पुलिस घटना के बाद पुलिस ने एक एडीआर (Accidental Death Report) दर्ज कर ली है और आत्महत्या के लिए उकसाने के एंगल से भी जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा है कि सुसाइड नोट के आधार पर एनसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी।

फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं, वहीं माराठे का परिवार गहरे सदमे में है। पूरे इलाके में इस घटना को लेकर चर्चा का माहौल है और पुलिस इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है।

यह घटना एनसीबी की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। क्या जांच एजेंसियों का दबाव किसी निर्दोष को भी तोड़ सकता है? जांच के नतीजे आने तक यह सवाल अनुत्तरित रहेगा।












अंबरनाथ के पालेगांव से कमलेश वध्या लापता, परिजन चिंतित – नागरिकों से सहयोग की अपील।


अंबरनाथ (पालेगांव): दिनेश मीरचंदानी 

23 अप्रैल की रात करीब 10 बजे से पालेगांव स्थित सीजन पार्क बिल्डिंग से कमलेश चुर्मल वध्या रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए हैं। इस घटना से परिजनों में गहरी चिंता और इलाके में हलचल मच गई है।

परिजनों ने तुरंत अंबरनाथ शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तलाश शुरू कर दी है और नागरिकों से सहयोग की अपील की है।

पुलिस स्टेशन संपर्क सूत्र:

शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन, अंबरनाथ – 0251-2607020

यदि किसी को कमलेश वध्या के संबंध में कोई भी जानकारी प्राप्त हो, तो कृपया निम्नलिखित संपर्क नंबरों पर तुरंत सूचित करें:

शंकरलाल वध्या (भाई): 9604613341

मोहित पंजाबी (दामाद): 9923235588

कमलेश वध्या के परिवारजन बेहद चिंतित हैं और आम जनता से सहयोग की अपील कर रहे हैं। यदि किसी ने उन्हें हाल ही में देखा हो या उनके बारे में कोई जानकारी हो, तो कृपया उपरोक्त नंबरों पर तत्काल संपर्क करें।












नवी मुंबई में बिल्डर गुरुनाथ चिचकर ने की आत्महत्या, NCB के वरिष्ठ अधिकारी पर गंभीर आरोप..!


नवी मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

नवी मुंबई में शुक्रवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई जब प्रसिद्ध बिल्डर गुरुनाथ चिचकर ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना सुबह करीब 6:30 बजे के आसपास उनके निवास स्थान पर घटी। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

गुरुनाथ चिचकर, कुख्यात ड्रग्स माफिया नवीन चिचकर के पिता थे, जो पहले से ही कई मामलों में एनसीबी की जांच के दायरे में है। सुसाइड नोट के अनुसार, चिचकर पर एनसीबी के एक उच्च अधिकारी द्वारा लगातार पैसों की मांग की जा रही थी और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। इस दबाव और उत्पीड़न से तंग आकर उन्होंने यह कठोर कदम उठाया।

सूत्रों की मानें तो चिचकर ने आत्महत्या से पहले अपने करीबी मित्रों से भी बात की थी और अपने ऊपर बन रहे दबाव की जानकारी दी थी। पुलिस और एनसीबी की टीम अब सुसाइड नोट की जांच कर रही है और आरोपी अधिकारी की भूमिका को लेकर जांच शुरू कर दी गई है।

यह मामला सामने आने के बाद एनसीबी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर आरोप साबित होते हैं, तो यह देश की एक प्रमुख जांच एजेंसी के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।

जांच जारी, वरिष्ठ अधिकारियों से भी होगी पूछताछ

पुलिस सूत्रों के अनुसार, चिचकर की आत्महत्या को हल्के में नहीं लिया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस वरिष्ठ एनसीबी अधिकारियों से भी पूछताछ करने की तैयारी में है। साथ ही, घटनास्थल से बरामद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ और अन्य दस्तावेज़ों की भी जांच की जा रही है।

यह मामला अब न केवल एक आत्महत्या का है, बल्कि इसमें भ्रष्टाचार, दुरुपयोग और दबाव की राजनीति के गहरे संकेत मिल रहे हैं, जो देश की जांच एजेंसियों की साख पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं।












मुख्यमंत्री सहायता निधि सेवा अब व्हाट्सएप पर उपलब्ध: सीएम देवेंद्र फडणवीस ने की बड़ी घोषणाएं।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में सह्याद्री अतिथिगृह, मुंबई में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री सहायता निधि (CMRF) की सेवाओं को और अधिक प्रभावी एवं सुगम बनाने के लिए कई बड़े निर्णय लिए गए।

इस बैठक में 5 दिसंबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक की अवधि में 7,658 रोगियों को कुल 67.62 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई, यह जानकारी भी साझा की गई। मुख्यमंत्री ने इस दौरान घोषणा की कि आम नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सहायता निधि सेवा अब व्हाट्सएप के माध्यम से भी उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार और मेटा कंपनी के बीच एक विशेष करार किया गया है।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी निर्देश दिए कि—

राज्य की सभी स्वास्थ्य योजनाओं को एकीकृत करते हुए एक साझा पोर्टल विकसित किया जाए, जिससे आवेदन की प्रक्रिया अधिक सरल और पारदर्शी हो।

मुख्यमंत्री सहायता निधि में औद्योगिक सामाजिक दायित्व (CSR) के अंतर्गत अधिक सहायता सुनिश्चित करने हेतु एक स्वतंत्र संस्था का गठन किया जाए।

योजना में AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) तकनीक का उपयोग किया जाए ताकि मामलों की शीघ्र और सटीक जांच की जा सके।

तालुका स्तर पर "रुग्णमित्र" नियुक्त किए जाएं ताकि जरूरतमंदों को सही मार्गदर्शन मिल सके।

पैनल में अधिक अस्पतालों को जोड़ा जाए जिससे इलाज के विकल्प बढ़ें।

जिओ टैगिंग तकनीक के माध्यम से मरीजों को निकटतम अस्पतालों की जानकारी तुरंत उपलब्ध कराई जाए।

और एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू किया जाए, जिससे नागरिक सहायता के लिए सीधे संपर्क कर सकें।

इस महत्वपूर्ण बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री अजित पवार, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री सहायता निधि व धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष प्रमुख श्री रामेश्वर नाईक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी एवं चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

राज्य सरकार की यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को बेहतर बनाएगी, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से जनता को सशक्त भी करेगी।



















महाराष्ट्र सरकार का ऐतिहासिक निर्णय: अब हर धर्मादाय अस्पताल में अनिवार्य होगी ‘महात्मा फुले’ और ‘आयुष्मान भारत’ योजना।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को जनहित की दिशा में एक क्रांतिकारी मोड़ देते हुए सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल प्रकरण के बाद राज्य सरकार के विधि और न्याय विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए आदेश जारी किया है कि अब राज्य के सभी धर्मादाय अस्पतालों में ‘महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना’ और ‘आयुष्मान भारत योजना’ को अनिवार्य रूप से लागू करना होगा।

राज्य शासन की ओर से सोमवार को यह अहम अधिसूचना जारी की गई। इसमें स्पष्ट किया गया है कि कोई भी धर्मादाय अस्पताल इन दोनों जनकल्याणकारी योजनाओं से अलग नहीं रह सकता। यह निर्णय इस उद्देश्य से लिया गया है कि राज्य का कोई भी नागरिक महज़ आर्थिक कमजोरी के कारण इलाज से वंचित न रहे।

अब नहीं चलेगा बहाना, हर अस्पताल को देनी होगी मुफ्त चिकित्सा सुविधा

शासन ने सभी धर्मादाय अस्पतालों को निर्देशित किया है कि वे अनिवार्य रूप से इन योजनाओं के तहत मरीजों का उपचार करें। इन अस्पतालों को अपनी सेवाएं गरीब, वंचित और निम्न आय वर्ग के मरीजों के लिए सुलभ बनानी होंगी।

इस निर्णय को स्वास्थ्य के अधिकार को मजबूती देने वाला ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्य में चिकित्सा सेवाओं की पहुंच बेहतर होगी और इलाज का अधिकार हर जरूरतमंद तक पहुँचेगा।

धर्मादाय अस्पतालों की जवाबदेही बढ़ेगी, सरकार रहेगी सख्त निगरानी में

अब तक कई धर्मादाय अस्पताल इन योजनाओं को लागू नहीं कर रहे थे, जिससे हजारों मरीजों को इलाज से वंचित रहना पड़ता था। लेकिन अब शासन की सख्ती के चलते इन अस्पतालों की जवाबदेही तय होगी। यह आदेश न मानने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।

राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में संभावित बदलाव

इस फैसले के चलते भविष्य में महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था में बुनियादी परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। यह फैसला गरीब मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा।

जनहित में लिया गया यह निर्णय अब एक नई स्वास्थ्य क्रांति का सूत्रपात कर सकता है।

सरकार की यह सख्त और संवेदनशील पहल दिखाती है कि अब स्वास्थ्य केवल सेवा नहीं, बल्कि हर नागरिक का अधिकार है – और यह अधिकार अब हर धर्मादाय अस्पताल में अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाएगा।












दिशा सालियन केस में नया मोड़, समीर वानखेड़े और CBI अफसरों के साथ नई SIT की मांग।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देशभर में सुर्खियों में रहे दिशा सालियन मौत मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ सामने आया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस बहुचर्चित केस की सुनवाई 30 अप्रैल 2025 को तय की है। यह सुनवाई अब बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि याचिकाकर्ता ने महाराष्ट्र सरकार की गठित SIT पर सवाल उठाते हुए कोर्ट की निगरानी में एक नई, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की है।

इस याचिका में विशेष रूप से यह अनुरोध किया गया है कि नए SIT में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अनुभवी और निष्पक्ष अधिकारी शामिल किए जाएं, साथ ही दो बड़े नामों — राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के वरिष्ठ अधिकारी श्री सदानंद डेटे और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व अधिकारी श्री समीर वानखेड़े — को टीम में रखने की मांग की गई है।

याचिकाकर्ता के अनुसार, वर्तमान SIT की कार्यप्रणाली से न केवल जांच की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि इससे आम जनता का विश्वास भी डगमगा रहा है। उन्होंने कोर्ट से निवेदन किया है कि जांच की पूरी प्रक्रिया एक निष्पक्ष और न्यायिक निगरानी में की जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके और न्याय सुनिश्चित हो।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सरंग कोतवाल ने खुद इस मामले की संवेदनशीलता को स्वीकार करते हुए कहा:

“यह एक गंभीर और महत्वपूर्ण मामला है। हम इसे प्राथमिकता के साथ सुनेंगे और इसमें उचित सुनवाई की जाएगी।”

यह बयान आने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक हलचल तेज हो गई है। दिशा सालियन की मौत के रहस्यमय हालातों को लेकर पहले से ही कई सवाल उठते रहे हैं, और इस याचिका ने मामले को और अधिक गंभीर बना दिया है।

अब सभी की नजरें 30 अप्रैल की सुनवाई पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि क्या हाई कोर्ट राज्य सरकार की जांच टीम को खारिज कर एक नई, निष्पक्ष SIT गठित करने का आदेश देगा।

यह केस सिर्फ महाराष्ट्र नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी न्यायिक परीक्षा बन चुका है — जहां लोग उम्मीद कर रहे हैं कि न्याय के रास्ते में कोई बाधा न आए और सच्चाई सबके सामने आए।












मराठवाड़ा के 1,671 गंभीर रोगियों को मिली मुख्यमंत्री सहायता निधि से 14.17 करोड़ रुपये की राहत, जीवन बचाने में बनी सहारा।


छत्रपति संभाजीनगर: दिनेश मीरचंदानी 


राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सहायता निधि ने एक बार फिर मराठवाड़ा के जरूरतमंद नागरिकों के लिए संजीवनी का कार्य किया है। दिसंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच मराठवाड़ा क्षेत्र के आठ जिलों के कुल 1,671 गंभीर रोगियों को 14.17 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। यह सहायता न केवल इलाज में मददगार साबित हुई, बल्कि कई परिवारों के लिए आशा की किरण भी बनी।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मार्गदर्शन में संचालित इस पहल को मुख्यमंत्री सहायता निधि व चैरिटेबल अस्पताल वैद्यकीय मदत कक्ष के प्रमुख रमेश्वर नाईक के समन्वय से सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया गया। इस योजना का उद्देश्य है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों को समय पर उचित इलाज मिल सके।

जिलेवार सहायता वितरण विवरण:

छत्रपति संभाजीनगर – ₹2.53 करोड़ (295 मरीज)

परभणी – ₹2.50 करोड़ (289 मरीज)

बीड – ₹2.24 करोड़ (277 मरीज)

लातूर – ₹1.74 करोड़ (207 मरीज)

जालना – ₹2.12 करोड़ (205 मरीज)

नांदेड – ₹2.56 करोड़ (196 मरीज)

धाराशिव – ₹2.38 करोड़ (167 मरीज)

हिंगोली – ₹48.35 लाख (55 मरीज)


राज्य सरकार की इस मानवीय पहल से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। सहायता प्राप्त करने वाले मरीजों और उनके परिजनों ने मुख्यमंत्री और संबंधित अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सहायता उनके लिए जीवनदान के समान है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की योजनाएं स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक समावेशी बनाती हैं और समाज के कमजोर वर्गों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर प्रदान करती हैं।

मुख्यमंत्री सहायता निधि मराठवाड़ा जैसे क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा की पहुँच और प्रभावशीलता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाले समय में और भी अधिक प्रभावी ढंग से विस्तार पा सकती है।



















उल्हासनगर नेहरू चौक स्थित साड़ी बाजार में बिजली की भारी किल्लत, व्यापारियों और ग्राहकों को हो रही भारी परेशानी।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

शहर के प्रमुख व व्यस्ततम व्यापारिक केंद्रों में से एक, नेहरू चौक स्थित साड़ी बाजार में इन दिनों बिजली की भारी समस्या देखने को मिल रही है। यह क्षेत्र न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि आसपास के क्षेत्रों से आने वाले ग्राहकों के लिए भी प्रमुख खरीदारी स्थल माना जाता है, लेकिन पिछले कई दिनों से यहां बिजली की लगातार समस्या बनी हुई है, जिससे व्यापारियों और ग्राहकों दोनों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

व्यापारियों का कहना है कि दिनभर बिजली गुल रहने से न केवल ग्राहकों की आवाजाही में कमी आई है, बल्कि उनके व्यवसाय पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। कई दुकानों में एयर कंडीशनर, लाइटिंग और इलेक्ट्रॉनिक बिलिंग सिस्टम काम नहीं कर पा रहे हैं, जिससे व्यवसाय संचालन में दिक्कतें आ रही हैं।

स्थानीय व्यापार मंडल ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए संबंधित विभाग से जल्द समाधान की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो व्यापारिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं और बाजार की साख पर भी असर पड़ सकता है।

ग्राहकों का भी कहना है कि भीषण गर्मी में बिजली न होने के कारण बाजार में खरीदारी करना बेहद मुश्किल हो गया है। अंधेरे और गर्मी के कारण लोग बाजार का रुख करने से बच रहे हैं।

स्थानीय प्रशासन और बिजली विभाग को चाहिए कि वे इस समस्या का तुरंत संज्ञान लें और बाजार क्षेत्र में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करें, ताकि व्यापारियों और ग्राहकों को राहत मिल सके और बाजार की रौनक बरकरार रह सके।

रोज़ एक फेज़ बंद रहता है, कभी लाइट वापस भी आती है तो भी एक फेज़ बंद ही रहता है। ये रोज़ का ही मामला हो गया है।













ठाणे(नेवाली): दिनेश मीरचंदानी

ठाणे जिले के नेवाली क्षेत्र से एक 19 वर्षीय युवक, धनंजय मिश्रा, पिछले छे दिनों से लापता है। स्थानीय डवल पाडा पाइपलाइन रोड निवासी यह युवक 16 अप्रैल 2025, बुधवार को दोपहर 12:30 बजे के करीब अपने घर से निकला था और तब से वापस नहीं लौटा। परिवार और स्थानीय लोगों में गहरी चिंता है, जबकि पुलिस की निष्क्रियता से आक्रोश भी फैल रहा है।

धनंजय ने लापता होने से पहले पीले रंग की टी-शर्ट और काले रंग की हाफ पैंट पहन रखी थी। परिवार का कहना है कि वह बिना किसी जानकारी के अचानक घर से निकला और अब तक उसका कोई अता-पता नहीं है।

पुलिस पर गंभीर आरोप

परिजनों ने हिल लाइन पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट तुरंत दर्ज कराई थी, लेकिन उनका आरोप है कि पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही। ना तो इलाके में खोजबीन की गई और ना ही सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए हैं।

मनीष मिश्रा, जो धनंजय का पिता हैं, ने कहा – "हमें खुद इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। पुलिस सिर्फ फॉर्मेलिटी पूरी कर रही है। अगर ये किसी वीआईपी का बच्चा होता, तो अब तक पूरा शहर छान मारा गया होता।"

स्थानीयों में रोष, सोशल मीडिया पर चल रहा है #JusticeForDhananjay

स्थानीय समाजसेवियों और युवाओं ने सोशल मीडिया पर #JusticeForDhananjay अभियान शुरू कर दिया है। लोग प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि मामले को प्राथमिकता दी जाए और धनंजय को जल्द से जल्द ढूंढ निकाला जाए।

अपील: क्या आपने इस युवक को कहीं देखा है?

यदि किसी को भी धनंजय मिश्रा जैसा युवक कहीं दिखाई देता है, तो तुरंत नीचे दिए गए नंबरों पर संपर्क करें:

हिल लाइन पुलिस स्टेशन: 0251-2520102

पिता (मनीष मिश्रा): 84848 38497











हरेश भाटिया को भाजपा 3(बी) उल्हासनगर मंडल की कमान, संगठन में नई ऊर्जा का संचार।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संगठनात्मक मजबूती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हरेश भाटिया को भाजपा 3(बी) उल्हासनगर मंडल का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति न केवल पार्टी की आंतरिक संरचना को सशक्त बनाने की दिशा में निर्णायक मानी जा रही है, बल्कि आगामी स्थानीय चुनावों की रणनीति का भी अहम हिस्सा मानी जा रही है।

भाजपा की इस घोषणा के साथ ही कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों में उत्साह की लहर दौड़ गई है। हरेश भाटिया एक अनुभवी, जनप्रिय और सामाजिक सरोकारों से जुड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने वर्षों तक संगठन में विभिन्न जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया है और जनता के बीच उनकी छवि एक ईमानदार, समर्पित और जमीनी नेता की बनी हुई है।

भाजपा नेतृत्व ने जताया विश्वास:

पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने इस नियुक्ति को संगठन के लिए ‘नई ऊर्जा का संचार’ बताते हुए कहा कि भाटिया का नेतृत्व मंडल को एक नई दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके अनुभव और संगठनात्मक क्षमता से न केवल पार्टी कार्यकर्ता सशक्त होंगे, बल्कि क्षेत्रीय स्तर पर भाजपा की पकड़ और मजबूत होगी।

भाटिया का संकल्प:

नव-नियुक्त मंडल अध्यक्ष हरेश भाटिया ने अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,

“मैं भाजपा नेतृत्व का हृदय से आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास जताया। यह जिम्मेदारी मेरे लिए केवल एक पद नहीं, बल्कि एक सेवा का अवसर है। मेरी प्राथमिकता रहेगी संगठन को मजबूत करना, जनसेवा को प्राथमिकता देना और क्षेत्र के विकास को गति देना।”

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि पार्टी की विचारधारा को आम जनता तक पहुंचाने के लिए आने वाले दिनों में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा।

स्थानीय कार्यकर्ताओं में उत्साह:

भाटिया की नियुक्ति से मंडल में उत्साह और नई ऊर्जा का संचार देखने को मिल रहा है। स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनकी अगुवाई में संगठन को नई दिशा मिलेगी और युवाओं को भी प्रेरणा प्राप्त होगी। भाजपा के नगर और जिला स्तर के नेताओं ने भी उन्हें बधाई देते हुए कहा कि यह निर्णय पार्टी के हित में दूरदर्शिता से लिया गया कदम है।

राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम कदम:

यह नियुक्ति उस समय की गई है जब महानगर पालिका चुनावों की तैयारी जोरों पर है। ऐसे समय में संगठन को एक अनुभवी, लोकप्रिय और मजबूत नेतृत्व देने का निर्णय भाजपा की रणनीतिक सोच को दर्शाता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाटिया जैसे नेताओं की सक्रियता पार्टी को आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण बढ़त दिला सकती है।

निष्कर्ष:

हरेश भाटिया की मंडल अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति केवल एक संगठनात्मक बदलाव नहीं, बल्कि भाजपा के भविष्य की दिशा तय करने वाला कदम है। उनके नेतृत्व में भाजपा 3(बी) उल्हासनगर मंडल न केवल मजबूत होगा, बल्कि क्षेत्र की राजनीति में भी एक नया प्रभाव उत्पन्न करेगा।