उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
21 जनवरी 2025 के दिन उल्हासनगर महानगरपालिका के महिला और बाल कल्याण विभाग द्वारा क्रांतिवीर सावित्रीबाई ज्योतिबा फुले जयंती के अवसर पर 21 जनवरी 2025 को एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतिष्ठित महिलाओं का परिसंवाद आयोजित किया गया। यह आयोजन दोपहर 1:00 बजे से 4:00 बजे तक सिंधु भवन, प्रभाग समिति क्र. 2, उल्हासनगर 3 में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल सावित्रीबाई फुले के महान योगदान को सम्मानित करना था, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने पर भी केंद्रित था।
महिलाओं का उत्साह और भागीदारी:
शहर की महिलाओं ने इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन सी. सविता हांडे और उनकी टीम द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया। महिलाओं ने इस मंच का उपयोग अपने विचारों को व्यक्त करने और समाज में बदलाव लाने के अपने संकल्प को मजबूत करने के लिए किया।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति:
यह महत्वपूर्ण आयोजन माननीय आयुक्त एवं प्रशासक श्रीमती मनीष आव्हाले के मार्गदर्शन और प्रेरणा से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सहायक आयुक्त महिला और बाल कल्याण विभाग की कु. मयूरी कदम, जनसंपर्क अधिकारी सौ. छाया डांगळे, NULM विभाग प्रमुख श्रीमती संजीवनी अमृतसागर, पर्यावरण विभाग प्रमुख श्री दत्तात्रेय जाधव, दिव्यांग विभाग प्रमुख श्री राजेश घनघाव, और महिला एवं बाल कल्याण विभाग प्रमुख श्री नितेश रंगानी जैसी महत्वपूर्ण हस्तियों की उपस्थिति ने इसे और भी खास बना दिया।
सशक्तिकरण और स्वच्छता पर विशेष जोर:
सहायक आयुक्त ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में महिलाओं के जीवन के महत्व, उनके स्वास्थ्य और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने शून्य कचरा योजना को सफल बनाने के लिए गीले और सूखे कचरे के उचित वर्गीकरण की अपील की। उनके विचारों ने महिलाओं को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उत्कृष्ट महिलाओं का सम्मान:
कार्यक्रम के अंत में, उन महिलाओं को सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। यह सम्मान उन्हें समाज में उनके महत्वपूर्ण योगदान को पहचानने और प्रेरित करने के लिए प्रदान किया गया।
समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक कदम:
उल्हासनगर महानगरपालिका द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम महिलाओं को सशक्त बनाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार के आयोजन महिलाओं के अधिकारों और उनकी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रेरणास्त्रोत के रूप में काम करते हैं।
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