उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
हिंदुहृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे स्मारक एवं अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित स्टेडियम निर्माण परियोजना में हो रही देरी ने उल्हासनगर महानगरपालिका को ठेकेदार के खिलाफ सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। इस संदर्भ में, संबंधित ठेकेदार मे. एन ए कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. और झा पी एंड कंपनी (संयुक्त साझेदारी) को कड़ी चेतावनी के साथ नोटिस जारी किया गया है।
यह स्टेडियम परियोजना उल्हासनगर-4 स्थित वीटीसी क्रीड़ा संकुल में इनडोर और आउटडोर खेलों के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण और उन्नयन करने के लिए प्रस्तावित है। परियोजना के लिए 27 जनवरी 2021 को कार्यारंभ आदेश जारी किया गया था। परंतु 20 जनवरी 2025 को हुए निरीक्षण में परियोजना स्थल पर लंबे समय से काम ठप पाया गया।
काम की धीमी प्रगति से आयुक्त आय ए एस मनीषा आव्हाले नाराज
महानगरपालिका आयुक्त द्वारा निरीक्षण के दौरान पाया गया कि न केवल निर्माण कार्य बंद पड़ा है, बल्कि ठेकेदार के किसी भी मजदूर या कर्मचारी की उपस्थिति कार्य स्थल पर नहीं थी। इसके साथ ही, परियोजना स्थल पर न तो निर्माण कार्य का कोई विवरण बोर्ड लगा था, न ही परियोजना का कोई उचित नियोजन किया गया था।
इस लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए, आयुक्त ने इसे एक गंभीर चूक करार दिया। विशेष रूप से, क्योंकि इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए शासन से विशेष निधि प्राप्त हुई है, और इसे समय पर पूरा करना अत्यंत आवश्यक है।
24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण का अल्टीमेटम
महानगरपालिका द्वारा जारी नोटिस में ठेकेदार से 24 घंटे के भीतर कार्य में देरी का संतोषजनक स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि यदि ठेकेदार निर्धारित समय में उत्तर देने में विफल रहता है, तो निविदा शर्तों के तहत उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर प्रश्नचिन्ह
हिंदुहृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे स्मारक के साथ अत्याधुनिक सुविधाओं वाले स्टेडियम का निर्माण एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे पूरा कर उल्हासनगर के नागरिकों को खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए एक विश्वस्तरीय मंच प्रदान किया जाना है। हालांकि, ठेकेदार की ओर से हो रही देरी और लापरवाही ने परियोजना पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
उमनपा की सख्ती, ठेकेदार पर दबाव
महानगरपालिका ने यह स्पष्ट किया है कि वह इस परियोजना को निर्धारित समय में पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह देखना अब अहम होगा कि ठेकेदार समय पर स्पष्टीकरण देकर कार्य में प्रगति करता है या मनपा को कड़े कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा।
यह मामला न केवल प्रशासन की साख, बल्कि उल्हासनगर के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। नगरवासियों की नजरें अब इस पर टिकी हैं कि यह परियोजना कब और कैसे पूर्ण होगी।
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