BREAKING NEWS
national

अवैध टीडीआर से बनी इमारतों पर संकट!दिलीप मिश्रा (उपशहर प्रमुख,उ.बा.ठा.) ने मांगा 'स्टे'


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

शहर में करोड़ों रुपये के टीडीआर (ट्रांसफर डेवलपमेंट राइट्स) घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। राज्य सरकार ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए बिल्डर सुरेश थदानी को दिए गए टीडीआर को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। लेकिन बड़ा सवाल यह उठता है कि जिन इमारतों को इसी अवैध टीडीआर के आधार पर मंजूरी दी गई थी, उन पर अब क्या कार्रवाई होगी?

अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों का खेल!

इस घोटाले में उल्हासनगर महानगरपालिका के तीन शीर्ष अधिकारी संलिप्त बताए जा रहे हैं—

1. नगर रचनाकार प्रकाश मुळे

2. असिस्टेंट टाउन प्लानर ललित खोब्रागड़े

3. शहर अभियंता तरुण सेवकानी

इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर बिल्डर सुरेश थदानी को करोड़ों रुपये का अनुचित लाभ पहुंचाया। उन्होंने फर्जी टीडीआर जारी कर कई अवैध इमारतों को मंजूरी दी, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।

अब क्या होगा उन इमारतों का, जो बोगस टीडीआर पर बनीं?

राज्य सरकार द्वारा घोटाले को संज्ञान में लेने के बाद सभी फर्जी टीडीआर, डीआरसी और आरसीसी रद्द कर दिए गए हैं। लेकिन इसके बावजूद अवैध टीडीआर से बनी इमारतों पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

"अवैध इमारतों पर तुरंत स्टे लगाया जाए!" – उपशहर प्रमुख दिलीप मिश्रा

इस घोटाले को लेकर उपशहर प्रमुख दिलीप मिश्रा ने नगर निगम आयुक्त से मांग की है कि –

जिन इमारतों को बोगस टीडीआर के आधार पर मंजूरी दी गई थी, उन पर तत्काल निर्माण कार्य रोका जाए।

सरकार इस मामले में जल्द से जल्द जांच कर दोषी अधिकारियों और बिल्डरों पर सख्त कार्रवाई करे।

किसी भी तरह की कानूनी अड़चनें पैदा होने से पहले इन अवैध निर्माणों पर रोक लगाई जाए।

उल्हासनगर का सबसे बड़ा घोटाला!

विशेषज्ञों का मानना है कि यह उल्हासनगर महानगरपालिका के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है, जिसमें सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। अगर इस पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह घोटाला आने वाले समय में और भी बड़े भ्रष्टाचार को जन्म दे सकता है।

क्या सरकार दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेगी?

अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सरकार बिल्डरों और अधिकारियों पर ठोस कार्रवाई करेगी या यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह दबा दिया जाएगा?

क्या उल्हासनगर की जनता को मिलेगा न्याय? या फिर यह घोटाला भी फाइलों में ही दफन हो जाएगा?









« PREV
NEXT »

कोई टिप्पणी नहीं

Facebook Comments APPID