मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में ‘लव जिहाद’ कानून की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यह केवल कुछ व्यक्तिगत मामलों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक संगठित प्रयास का हिस्सा है। उन्होंने दावा किया कि इस संबंध में अब तक एक लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं।
फडणवीस ने यह बयान अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला पत्रकारों के एक समूह से बातचीत के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस विषय को गंभीरता से ले रही है और पहले ही एक समिति का गठन किया गया है, जो अन्य राज्यों में लागू कानूनों का अध्ययन कर रही है।
राज्य विधानसभा में पेश होगा ‘लव जिहाद’ पर निजी विधेयक
वर्तमान राज्य विधानसभा सत्र में भाजपा के दो विधायकों ने ‘लव जिहाद’ से निपटने के लिए एक निजी सदस्य विधेयक पेश करने का प्रस्ताव दिया है। ‘लव जिहाद’ शब्द उस संदर्भ में उपयोग किया जाता है जहां आरोप लगाया जाता है कि मुस्लिम पुरुष अपनी असली पहचान छिपाकर हिंदू महिलाओं को विवाह के लिए लुभाने का प्रयास करते हैं।
फडणवीस ने कहा, "शुरुआत में ये मामले व्यक्तिगत प्रतीत होते थे, लेकिन यह एक पैटर्न दर्शाता है। यह एक कट्टरपंथी मानसिकता को प्रकट करता है, जिसे नियंत्रित करने के लिए कड़े कानूनों की जरूरत है। हम समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे।"
मीडिया मॉनिटरिंग सेल का उद्देश्य स्पष्ट किया
जब मीडिया मॉनिटरिंग सेल को लेकर सवाल किया गया तो फडणवीस ने स्पष्ट किया कि इस सेल का मुख्य उद्देश्य सरकार से संबंधित खबरों पर नजर रखना है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर स्पष्टीकरण दिया जा सके और किसी भी प्रकार की भ्रांतियों को दूर किया जा सके।
व्यक्तिगत जीवन और महिला सशक्तिकरण पर विचार
फडणवीस ने अपने निजी जीवन के बारे में बात करते हुए कहा कि वह एक बेटी के पिता होने के कारण खुद को भाग्यशाली मानते हैं। उन्होंने कहा, "मैं एक बेटी का पिता होने पर गर्व महसूस करता हूं। मुझे विश्वास है कि बेटियां माता-पिता की देखभाल करने में अधिक सक्षम होती हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बेटी राजनीति में शामिल होने की इच्छुक नहीं है और वकील बनना चाहती है, जिससे यह संभावना है कि वह अपने परिवार के अंतिम व्यक्ति होंगे जो राजनीति में सक्रिय रहेंगे।
पत्नी की स्वतंत्रता का सम्मान और सोशल मीडिया ट्रोलिंग पर विचार
अपनी पत्नी की स्वतंत्रता को लेकर उन्होंने कहा कि वह हमेशा उनके विचारों का सम्मान करते हैं, भले ही वह सभी मुद्दों पर उनसे सहमत न हों। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उनकी पत्नी को अक्सर सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ता है, जो सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों के लिए एक आम समस्या बन चुकी है।
महिला आरक्षण विधेयक पर विचार
महिला आरक्षण विधेयक के प्रभाव पर चर्चा करते हुए फडणवीस ने कहा कि 1990 के दशक में जब उन्होंने नगर निगम चुनाव जीता था, तब कई महिला उम्मीदवारों को अपने पतियों के लिए रास्ता देना पड़ता था, जो प्रॉक्सी रूप से शासन करते थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि अब हालात बदल चुके हैं और निर्वाचित महिलाएं स्वतंत्र रूप से कार्य कर रही हैं।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र सरकार ‘लव जिहाद’ के मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और एक प्रभावी कानून लाने की दिशा में विचार कर रही है। फडणवीस के अनुसार, यह केवल व्यक्तिगत घटनाओं का मामला नहीं है, बल्कि एक योजनाबद्ध रणनीति का हिस्सा है, जिसे रोकने के लिए कानूनी उपाय आवश्यक हैं। साथ ही, उन्होंने महिला सशक्तिकरण और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर भी अपने विचार साझा किए।
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