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उल्हासनगर में प्रहार संगठन का आक्रोश फूटा – 3 जून को पुलिस उपायुक्त कार्यालय के बाहर विशाल धरना प्रदर्शन।


(फाइल इमेज)

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

प्रहार जनशक्ति पक्ष के सैनिकों ने नागरिक सुरक्षा और पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संगठन की ओर से कल, 3 जून 2025 को सुबह 11 बजे, पुलिस उपायुक्त कार्यालय, परिमंडल-4, उल्हासनगर-3 के बाहर एक विशाल धरना आंदोलन का आयोजन किया गया है।

इस आंदोलन की पृष्ठभूमि में कई गंभीर और चिंताजनक मुद्दे हैं, जिनके खिलाफ प्रहार सैनिक सड़कों पर उतरने को मजबूर हुए हैं। संगठन के अनुसार, पुलिस प्रशासन की लापरवाही, अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई की कमी, और नागरिकों की सुरक्षा से खिलवाड़ जैसे अनेक मुद्दों को लेकर यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

आंदोलन के प्रमुख कारण:

1. उल्हासनगर परिमंडल-4 में अवैध धंधों पर कार्रवाई न होना – क्षेत्र में खुलेआम चल रहे गैरकानूनी व्यापार पर पुलिस की चुप्पी सवालों के घेरे में है।

2. पुलिस कर्मियों द्वारा कथित जबरन वसूली में संलिप्तता – कुछ पुलिसकर्मियों पर संगीन आरोप लगे हैं कि वे खंडणी जैसे मामलों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल हैं।

3. नागरिक सुरक्षा की बदहाल स्थिति – क्षेत्र के नागरिक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, जिससे आम जनता में भय का माहौल है।

4. गंभीर अपराधों में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी में विफलता – अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं जबकि पुलिस उन्हें पकड़ने में असमर्थ साबित हो रही है।

5. पुलिस के सम्मानचिन्ह वाला केक काटने की घटना पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं – यह कृत्य न केवल अनुशासनहीनता है, बल्कि विभाग की गरिमा को भी ठेस पहुंचाने वाला है।

6. दिव्यांग नागरिकों पर अत्याचार और कानून की अनदेखी – दिव्यांग व्यक्तियों के साथ हो रही मारपीट की घटनाओं पर एफआईआर दर्ज करने में हो रही देरी और दिव्यांग कानून का उल्लंघन अत्यंत गंभीर है!

7. प्रभू श्रीराम के नाम के चौक पर सुबह तक चलरहै है डान्सबार ,तत्कालीन मुख्यमंत्री महोदय के आदेश के बाद तोंडे गऐ थे डान्सबार फिर किस के आदेश से फिरसे बने डान्सबार ?

8. हिललाईन पुलिस स्टेशन के हद्दी मै भाल गांव मै १७ लाख का ड्रग्स ठाणे गुन्हे शाखा ने हस्तगत किया फिर स्थानिक पुलिस की कारवाई क्यो नहीं ?

प्रहार जनशक्ति पक्ष ने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक इन सभी मुद्दों पर त्वरित और कड़ी कार्रवाई नहीं होती। संगठन ने सभी प्रहार सैनिकों और आम नागरिकों से समय पर उपस्थित होकर लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज़ बुलंद करने की अपील की है।

🛑 आंदोलन का विवरण:

📍 स्थान: पुलिस उपायुक्त कार्यालय, परिमंडल - 4, उल्हासनगर - 3

🕚 समय: सुबह 11 बजे

📅 तारीख: 3 जून 2025

प्रहार संगठन का यह आंदोलन केवल एक विरोध नहीं, बल्कि व्यवस्था में सुधार की एक निर्णायक पुकार है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस जनआंदोलन को कितनी गंभीरता से लेता है।












देशभक्ति और पर्यावरण संरक्षण का अद्वितीय संगम: ऑपरेशन सिंदूर के समर्पण कार्यक्रम में IRS अधिकारी समीर वानखेडे की गरिमामयी उपस्थिति।


 






मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई, आरे कॉलोनी: राष्ट्रप्रेम और हरित भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बना "ऑपरेशन सिंदूर" — एक भव्य आयोजन जो देश के वीर जवानों को समर्पित था। इस प्रेरणादायक कार्यक्रम में भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ अधिकारी श्री समीर वानखेडे ने विशिष्ट अतिथि के रूप में सहभागिता की। यह अवसर और भी विशेष हो गया जब उन्हें शिवसेना के माननीय सांसद श्री रविंद्र वायकर द्वारा आमंत्रित किया गया।

आरे की हरियाली में गूंजती देशभक्ति की भावना और प्रकृति से जुड़ाव की चेतना ने इस आयोजन को एक सामाजिक आंदोलन का रूप दे दिया। ऑपरेशन सिंदूर केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक राष्ट्र को जागरूक करने वाली पहल थी — जिसमें सफाई अभियान और वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।

इस अवसर पर श्री वानखेडे ने अपने संबोधन में कहा,

"हमारे सच्चे नायक वे सैनिक हैं जो सीमाओं पर अपने प्राणों की आहुति देते हैं। उनके बलिदान को केवल शब्दों में नहीं, कर्मों में भी याद किया जाना चाहिए। पर्यावरण की रक्षा और समाज के हित में कार्य करना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि है।"

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, समाजसेवी, अधिकारी और युवा स्वयंसेवक मौजूद थे, जिन्होंने हाथों में तिरंगा और दिलों में देश के लिए सम्मान लिए सफाई और पौधारोपण में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

ऑपरेशन सिंदूर उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा बना, जो राष्ट्र निर्माण में छोटे-छोटे सकारात्मक प्रयासों को भी महत्वपूर्ण मानते हैं। यह आयोजन न केवल जवानों को श्रद्धांजलि था, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को पर्यावरण और देशप्रेम के प्रति सजग करने का सार्थक प्रयास भी।

यह स्पष्ट है कि जब प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और आम जनता एकजुट होकर कार्य करें, तो देशभक्ति केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रहती — वह हर गली, हर पेड़, हर स्वच्छ पहल में जीवंत हो उठती है।




















उल्हासनगर महानगर पालिका चुनाव 2025: पैनल नंबर 11 से रमेश बजाज ने ठोकी दावेदारी, व्यापारियों की बुलंद आवाज बनी जनता की पहली पसंद।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

आगामी उल्हासनगर महानगर पालिका चुनाव 2025 में एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। पैनल नंबर 11 से समाजसेवी और लोकप्रिय व्यापारी नेता रमेश बजाज ने चुनावी मैदान में उतरने का मन बना लिया है। इस घोषणा के बाद क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

रमेश बजाज को क्षेत्र के व्यापारियों और आम जनता का भरपूर समर्थन प्राप्त है। वे वर्षों से सामाजिक कार्यों और व्यापारिक हितों की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाते आए हैं। बजाज की छवि एक ईमानदार, स्पष्टवादी और जनसेवक के रूप में रही है, जो हमेशा जनता के हितों को प्राथमिकता देते हैं।

"जनता का साथ, व्यापारियों की बुलंद आवाज – एक ही नाम, एक ही आवाज, रमेश बजाज!"

यह नारा अब पैनल नंबर 11 में लोगों की जुबान पर है, जो उनके बढ़ते जनसमर्थन का प्रमाण है।

रमेश बजाज ने अपने संदेश में कहा, "यह चुनाव मेरे लिए सत्ता की नहीं, सेवा की लड़ाई है। मेरा उद्देश्य है क्षेत्र के विकास को नई दिशा देना और व्यापारियों को उनका हक दिलाना। मैं सभी नागरिकों से आशीर्वाद और समर्थन की अपेक्षा करता हूं।"

उनकी दावेदारी से यह चुनाव अब और भी दिलचस्प हो गया है, और पैनल नंबर 11 में मुकाबला बेहद रोचक होने की संभावना है।

आगे की रणनीति और घोषणापत्र की घोषणा जल्द ही की जाएगी।

रमेश बजाज की यह नई पारी क्या बदलाव लेकर आएगी, यह तो समय बताएगा – लेकिन फिलहाल, जनता की आवाज़ साफ़ है: "रमेश बजाज ज़िंदाबाद!"

अगर किसी भी व्यक्ति को कोई भी तकलीफ है तो हमारे कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। 

कार्यालय पता:

शॉप नं. 1, संगम मैरिज हॉल के बगल में, शिवाजी चौक, उल्हासनगर-3

संपर्क करें:

रमेश बजाज

9822647034

7020224700












राजेश पुरस्वानी पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज, वाल्मीकि समाज की कार्रवाई लाई रंग।


 


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर में जातीय अत्याचार के एक गंभीर मामले में आखिरकार पुलिस ने राजेश पुरस्वानी और प्रशांत पुरस्वानी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के अंतर्गत गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।

इससे पहले 16 मई 2025 को वाल्मीकि समाज के युवक साहिल के साथ कथित जातीय अपमान और अभद्र भाषा का प्रयोग किए जाने को लेकर वाल्मीकि समाज के नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भारी संख्या में सेंट्रल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके पश्चात 20 मई को पीड़ित युवक साहिल और पत्रकार सोमवीर भगवाने के बयान दर्ज किए गए थे।

हालांकि, पुलिस द्वारा लंबे समय तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण समाज में रोष व्याप्त था। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए 22 मई को अखिल भारतीय श्री वाल्मीकि नव युवक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मोहन कंडारे, राष्ट्रीय संयोजक श्री सुरेश राठी, उल्हासनगर शहर अध्यक्ष श्री रवि खैरालिया समेत कई समाजसेवी और कार्यकर्ता डीसीपी (Zone-4) श्री सचिन गोरे से मिले। डीसीपी ने आश्वासन दिया कि दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।

आठ दिन के भीतर प्रशासन ने अपने वादे को पूरा करते हुए 30 मई 2025 को राजेश पुरस्वानी और प्रशांत पुरस्वानी पर निम्नलिखित धाराओं में मामला दर्ज किया:

1. भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 - धारा 118(1)

2. भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 - धारा 351(2)

3. भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 - धारा 352

4. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 - धारा 3(1)(h)

5. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 - धारा 3(1)(u)

वाल्मीकि समाज के नेताओं ने पुलिस की इस कार्रवाई का स्वागत किया है और चेतावनी दी है कि यदि मामले में निष्पक्ष जांच न हुई तो आंदोलन किया जाएगा।

यह मामला एक बार फिर दर्शाता है कि संगठित सामाजिक संघर्ष और कानूनी दवाब से न्याय की राह प्रशस्त की जा सकती है।













उल्हासनगर की राजनीति में भूचाल! कालानी परिवार की बीजेपी में वापसी तय? बड़ी सियासी हलचल शुरू!


(फाइल इमेज)

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर की राजनीति में बड़ा धमाका होने जा रहा है! जैसे-जैसे उल्हासनगर महानगरपालिका चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है — और इस तूफान के केंद्र में है शहर का सबसे ताक़तवर राजनीतिक नाम: कालानी परिवार।

सूत्रों की मानें तो कालानी परिवार ने हाल ही में महाराष्ट्र बीजेपी के प्रभारी रविंद्र चौहान से एक गोपनीय बैठक की है। इस मीटिंग को हल्के में नहीं लिया जा रहा — बल्कि इसे उल्हासनगर की राजनीति में एक बड़े उलटफेर की शुरुआत माना जा रहा है।

दशकों से राजनीति पर छाया रहा है कालानी परिवार

उल्हासनगर की राजनीति में अगर कोई नाम सबसे ज़्यादा प्रभावशाली रहा है, तो वह है कालानी परिवार। चाहे नगर निगम चुनाव हों या विधानसभा की राजनीति, कालानी परिवार ने हमेशा अपनी मजबूत पकड़ दिखाई है। स्थानीय स्तर पर उनकी लोकप्रियता और जमीनी नेटवर्क बेजोड़ माना जाता है।

बीजेपी को मिलेगा जबरदस्त स्थानीय समर्थन?

अगर कालानी परिवार बीजेपी में दोबारा शामिल होता है, तो यह पार्टी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। जहां एक ओर बीजेपी का राज्य और केंद्र में मजबूत संगठन है, वहीं कालानी परिवार की स्थानीय पकड़ और वोट बैंक मिल जाए तो नगर निकाय चुनाव में बीजेपी को अभूतपूर्व बढ़त मिल सकती है।

बीजेपी की रणनीति में बड़ा बदलाव

बीजेपी इन दिनों अपनी चुनावी रणनीति में ज़मीन से जुड़े प्रभावशाली नेताओं को साथ लाने पर फोकस कर रही है। कालानी जैसे अनुभवी नेता की वापसी इस बात का संकेत है कि पार्टी स्थानीय स्तर पर प्रभावी गठजोड़ के जरिए अपनी स्थिति मज़बूत करने की तैयारी में है।

क्या जल्द होगा ऐलान?

हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में “बड़ी घोषणा” की अटकलें तेज़ हो गई हैं। सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में बड़ा राजनीतिक धमाका हो सकता है, जिसमें कालानी परिवार की बीजेपी में वापसी का ऐलान संभव है।

पूरा शहर लगाए बैठा है निगाहें

उल्हासनगर में हर गली, हर नुक्कड़ पर आज एक ही चर्चा है — क्या कालानी परिवार फिर थामेगा बीजेपी का दामन?

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगर ऐसा होता है, तो उल्हासनगर की चुनावी तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। विपक्षी पार्टियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती होगी।

कालानी परिवार और बीजेपी के बीच बढ़ती नज़दीकियों ने उल्हासनगर की राजनीति को गर्मा दिया है। अब सबकी नजरें सिर्फ एक बात पर टिकी हैं — “कब होगा ऐलान?” अगर यह गठबंधन होता है, तो उल्हासनगर के चुनाव में सबसे बड़ा मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है।












अवैध प्लास्टिक पन्नियों के खिलाफ भाजपा नेता विजय खटवानी का बड़ा ऐलान, MPCB को भेजेंगे शिकायत पत्र, उल्हासनगर मनपा के खिलाफ करेंगे धरना प्रदर्शन!


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर में अवैध प्लास्टिक निर्माण इकाइयों के खिलाफ अब व्यापारी वर्ग की आवाज मुखर होने लगी है। भाजपा के तेजतर्रार व्यापारी नेता विजय खटवानी ने इस मुद्दे पर निर्णायक मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि अब महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) को पत्र लिखकर इन अवैध कारखानों के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी।

खटवानी ने स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उल्हासनगर महानगरपालिका केवल छोटे दुकानदारों और फुटपाथ व्यापारियों को निशाना बना रही है, जबकि असली अवैध प्लास्टिक फैक्ट्रियां खुली छूट के साथ धड़ल्ले से चल रही हैं। उन्होंने कहा, “प्रशासन का दोहरा रवैया अब बर्दाश्त नहीं होगा। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो हम धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे।”

भाजपा नेता का अल्टीमेटम:

MPCB को भेजेंगे शिकायत पत्र

उल्हासनगर महानगरपालिका के बाहर होगा जोरदार धरना

आंदोलन को मिलेगा व्यापारी वर्ग और जनता का समर्थन

पर्यावरणीय संकट बनता जा रहा उल्हासनगर का यह मुद्दा

खटवानी के अनुसार, शहर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, और इसकी जड़ में ये अवैध प्लास्टिक निर्माण इकाइयाँ हैं। उन्होंने प्रशासन को चेताते हुए कहा कि यदि अब भी आंखें मूंदी गईं, तो भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ इस मुद्दे को राज्य स्तर तक उठाने से पीछे नहीं हटेगा।

शहरवासियों का समर्थन भी मजबूत

इस आंदोलन को लेकर स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों में उत्साह और समर्थन की लहर है। व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन की पक्षपाती नीति से वे लंबे समय से पीड़ित हैं। अब जब विजय खटवानी ने नेतृत्व संभाला है, तो उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।

राजनीति में मचेगी हलचल?

विशेषज्ञों का मानना है कि खटवानी का यह कदम न केवल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि यह उल्हासनगर की राजनीति में भी बड़ा मोड़ ला सकता है। यदि यह आंदोलन जोर पकड़ता है, तो आने वाले समय में प्रशासनिक कार्यप्रणाली और नेताओं की भूमिका पर भी सवाल उठ सकते हैं।

यह कोई सामान्य विरोध नहीं — यह है उल्हासनगर की एक नई शुरुआत!

अब देखना होगा कि प्रशासन इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेता है, या विजय खटवानी के नेतृत्व में उल्हासनगर एक नया इतिहास रचने को तैयार है।












उल्हासनगर में प्लास्टिक बंदी को लेकर बड़ा खुलासा: प्रशासन की कार्रवाई सिर्फ छोटे व्यापारियों तक सीमित, बड़े उद्योगपति निशाने से बाहर!


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

प्लास्टिक प्रतिबंध को लेकर उल्हासनगर में एक नया प्रशासनिक विवाद सामने आया है, जिसने नगर की व्यापारिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ, उल्हासनगर के महासचिव विजय खटवानी ने इस मुद्दे को लेकर उल्हासनगर महानगर पालिका आयुक्त को एक औपचारिक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें छोटे व्यापारियों के साथ हो रहे अन्याय पर गहरी नाराज़गी जताई गई है।

छोटे दुकानदारों पर कार्रवाई, बड़े उद्योगों को खुली छूट?

श्री खटवानी ने अपने ज्ञापन में यह स्पष्ट किया कि प्लास्टिक पर प्रतिबंध की आड़ में कार्रवाई का सारा बोझ सिर्फ फेरीवालों और छोटे दुकानदारों पर डाला जा रहा है। उल्हासनगर में उनकी दुकानों पर बार-बार छापेमारी की जा रही है, भारी-भरकम जुर्माने लगाए जा रहे हैं, जिससे इनका कारोबार चौपट होने की कगार पर पहुंच गया है।

लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बड़े प्लास्टिक उत्पादकों, कारखानों और निर्माण इकाइयों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। न तो उन पर छापे मारे जा रहे हैं, न ही जुर्माने लगाए जा रहे हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि प्रशासन की नजर में कानून सिर्फ कमजोरों के लिए है।

व्यापारी प्रकोष्ठ ने उठाई निष्पक्षता की मांग

श्री खटवानी ने आयुक्त से इस दोहरे रवैये पर तत्काल संज्ञान लेने और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि यह असंतुलन जारी रहा, तो छोटे व्यापारियों में असंतोष और भय का वातावरण और गहरा होगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचेगा।

व्यापारियों में आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी संभव

इस ज्ञापन के सामने आते ही उल्हासनगर के व्यापारिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। व्यापारी वर्ग में भारी आक्रोश व्याप्त है और यदि प्रशासन ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो संगठित आंदोलन की चेतावनी दी जा रही है।

क्या प्रशासन व्यापारियों की आवाज सुनेगा या बड़े पूंजीपतियों के दबाव में खामोश रहेगा? यह सवाल अब उल्हासनगर की जनता के सामने है।